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Love You Zindagi – 23

Love You Zindagi – 23

Love You Zindagi - 1 Season 3
Love You जिंदगी – 1 Season 3

अपने मम्मी पापा की बात सुनकर मोंटी कमरे में चला आया। उसे अब रुचिका के बजाय खुद पर गुस्सा आ रहा था। उसने रुचिका और अपने रिश्ते को समझने में आखिर इतनी बड़ी भूल कैसे कर दी ? मोंटी बिस्तर पर आ बैठा और रुचिका के बारे में सोचने लगा।

वह खुद रुचिका से मिलना चाहता था और सारी बातों को शार्ट आउट करना चाहता था हालाँकि मोंटी रुचिका और अपने झगडे में इतना उलझा हुआ था कि नैना के बारे में उसे कुछ पता ही नहीं था। कुछ देर बाद वह उठा और नहाने के लिए कबर्ड से कपडे निकालने लगा। कपडे निकालते हुए मोंटी की नजर कबर्ड के दरवाजे पर गयी जहा उसकी और नैना की बर्थ डेट साथ साथ लिखी हुई थी।

मोंटी ने उसे देखा और कहा,”शीट ! कल नैना का बर्थडे था , मैं ये कैसे भूल गया ? उसका बेस्ट फ्रेंड होकर मैं उसका बर्थडे याद कैसे नहीं रख पाया वो तो मेरा खून ही कर देगी,,,,,,,,,,,,,,उसे फोन करके माफ़ी मांग लेता हूँ,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह्ह नहीं सुबह सुबह उसके मुंह से गालिया नहीं सुन पाउँगा , एक काम करता हूँ पहले नहा लेता हूँ उसके बाद नैना के लिए कुछ चॉकलेट्स और सॉरी कार्ड ऑनलाइन भेजता हूँ उसके बाद उसे फोन करूंगा में बी उसका गुस्सा थोड़ा शांत हो जाये”


मोंटी ने खुद फैसला किया और नहाने चला गया।

रुचिका ने जब मोंटी की कठोर और गुस्से से भरी बाते सुनी तो उसका चेहरा उदासी से घिर गया। उसके और मोंटी के बीच जो कुछ हो रहा था उसके लिए वह खुद को जिम्मेदार मानने लगी। उदास बैठी वह अपने फोन की गैलरी में अपनी और सार्थक की तस्वीरों को देखने लगी। कुछ वक्त पहले दोनों साथ में कितना खुश थे लेकिन अब एकदम से सब बदल चुका था और इन सब में कही ना कही रुचिका की भी गलती थी। कुछ देर बाद रुचिका का फोन बजा शीतल का नाम स्क्रीन पर देखकर रुचिका ने फोन उठाया।  

रुचिका कुछ कहती इस से पहले शीतल उस पर बरस पड़ी,”रूचि ! कहा हो तुम और पिछले दो दिन से मेरा फोन क्यों नहीं उठा रही हो तुम ? ना तुमने मेरे किसी मैसेज का जवाब दिया , क्या सच में तुम इतनी बिजी हो रूचि कि एक मैसेज तक ना कर सको,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे पता भी है क्या हुआ है ?”


रुचिका ने सुना और गहरी साँस लेकर कहा,”शीतल ! मैं खुद अपनी जिंदगी की परेशानियों में उलझी हूँ मै भला किस किस का पता रखूंगी ? तुम बताओ तुमने मुझे फोन क्यों किया है ?”
रुचिका के ऐसे जवाब से शीतल आहत हुई लेकिन जाहिर नहीं किया और खुद को सामान्य रखते हुए कहा,”कल नैना का बर्थडे था , मैं और सार्थक चंडीगढ़ आये थे सोचा तुम्हे और मोंटी को भी साथ लेकर चले और सब मिलकर नैना को सरप्राइज दे लेकिन तुमने फोन नहीं उठाया।

मोंटी से जब बात हुई तो उसने बताया वो अपने घर जा रहा है और तुम जयपुर में हो,,,,,,,,,,,,,,,,,रूचि तुम दोनों के बीच फिर से कुछ हुआ है क्या ?”
“अगर मैंने शीतल को सच बताया तो वह नैना को बता देगी और हमारी वजह से नैना एक बार फिर परेशान हो जाएगी,,,,,,,,,,,,,,मुझे नैना को परेशान करना नहीं चाहिए,,,,,,,,,,!!”,रुचिका ने मन ही मन खुद से कहा
“रूचि मैं कुछ पूछ रही हूँ , क्या तुम्हारे और मोंटी के बीच फिर से कोई झगड़ा हुआ है ?”,शीतल ने गंभीरता से पूछा


“अह्ह्ह्ह नहीं ऐसा कुछ नहीं हुआ , मोंटी को कुछ जरुरी काम से चित्रकूट जाना था और मेरा अपने मम्मी पापा से मिलने का मन था तो मोंटी मुझे उनके पास छोड़कर चित्रकूट चला गया,,,,,,,,,तुम बताओ नैना कैसी है ? तुम्हारा सरप्राइज देखकर तो वो ख़ुशी से पागल ही हो गयी होगी , गोआ ट्रिप के बाद तुम लोग नैना से पहली बार जो मिल रहे थे। अवि के लिए उसकी फीलिंग्स बढ़ी या अब भी वो वैसी ही है मुंहफट और सख्त,,,,,,,,,,,वैसे मुझे पूरा यकीन है अवि का प्यार उसे बदल देगा,,,,,,,,,,,बताओ न तुम चुप क्यों हो ?”


“वो नैना,,,,,,,,,,!!”,शीतल ने इतना ही कहा कि सार्थक ने उसके हाथ से फोन लेकर कहा,”अगर तुम्हे वाकई नैना का रिएक्शन देखना था तो तुम्हे हमारे साथ चंडीगढ़ आना चाहिए था। तुमने मिस कर दिया,,,,,,!!”
“ओह्ह्ह कम ऑन सार्थक , मैं नहीं आ पायी इसके लिए क्या अब मुझे तुम से भी ताने सुनने पड़ेंगे और तुम्हारे ताने तो मैं सुन भी लुंगी लेकिन नैना , वो तो मुझे मार ही डालेगी,,,,,,,,,,,,कल उसका बर्थडे था और मैंने उसे विश तक नहीं किया,,,,,,,,,,,,,,वो पक्का मुझसे गुस्सा होगी”,रुचिका ने मायूस होकर कहा


“हाँ गुस्सा तो होगी पर मैं जानता हूँ तुम उसे मना लोगी,,,,,,,,अच्छा रुचिका मैं अभी रखता हूँ मुझे शीतल के साथ हॉस्पिटल जाना है,,,,,,,,!!”,सार्थक जल्दी जल्दी  में ऐसी बात कह गया जो उसे नहीं कहनी चाहिए थी।
“हॉस्पिटल क्यों ? सब ठीक है न ?”, रुचिका ने चिंतित स्वर में पूछा


“हाँ हाँ सब ठीक है वो अवि की मॉम के लिए कोई फंक्शन है तो हम इसलिए जा रहे है , यू नो ना वो एक डॉक्टर है,,,,,,,,,,!!”,सार्थक ने झूठ कह दिया
“अच्छा ठीक है , तुम लोग जाओ और खूब इंजॉय करना”,रुचिका ने कहा और फोन काट दिया

सार्थक ने कॉल काटकर फोन शीतल की तरफ बढ़ा दिया। शीतल ने अपना फोन लिया और कहा,”तुमने रुचिका को नैना के बारे में क्यों नहीं बताया ? उस से झूठ क्यों कहा ?”


सार्थक शीतल के सामने आया और कहने लगा,”शीतल मोंटी से बात करने के बाद मुझे नहीं लगता रुचिका और उसके बीच कुछ ठीक है , वो दोनों बस हम सबसे सच छुपाने के लिए झूठ बोल रहे है। इस वक्त वो दोनों खुद परेशानी में है ऐसे में नैना के बारे में बताकर उन्हें और परेशान करना क्या ठीक रहेगा ?  

नैना को सम्हालने के लिए यहाँ हम सब है लेकिन फ़िलहाल उन दोनों को अपना रिश्ता सम्हालने की जरूरत है और हर बार नैना तुम सब की प्रॉब्लम सॉल्व करने नहीं आएगी,,,,,,,,,,,,,बस इसलिए मैंने रुचिका से झूठ कहा ताकि वह अपने और मोंटी के बीच की गलतफहमियों को दूर कर सके”


सार्थक को इतनी समझदारी वाली बातें करते देखकर शीतल मुस्कुरा उठी और सार्थक के हाथो को थामकर कहा,”तुमने सही कहा सार्थक , हर बार नैना हम सब की प्रॉब्लम सॉल्व करने नहीं आएगी , इस बार नैना को हम सब की जरूरत है।”
“अवि ने बताया कि नैना को होश आ गया है और वो अब खतरे से बाहर है। मैं नैना से मिलने हॉस्पिटल जा रहा हूँ तुम साथ चलोगी ?”,सार्थक ने पूछा


“हम्म्म्म,,,,,,,,,!!”,शीतल ने हामी में सर हिला दिया और सार्थक के साथ हॉस्पिटल के लिए निकल गयी।
चौधरी साहब निबी के साथ हॉल में ही बैठे थे उन्होंने सार्थक और शीतल को जाते देखा तो कहा,”सार्थक तुम लोग हॉस्पिटल जा रहे हो ?”
“जी अंकल,,,,,,,,,!!”,सार्थक ने कहा


“रुको मैं और निबी भी साथ चलते है,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए चौधरी साहब और निबी उन दोनों की तरफ चले आये और चारो हॉस्पिटल जाने के लिए निकल गए।

विहान के चेंबर में बैठा अवि ख़ामोशी से उसे देख रहा था। विहान ने नैना के रिपोर्ट्स देखे और कहा,”अवि अभी के लिए नैना खतरे से बाहर है लेकिन 2 दिन हमे उसे ICU में ही रखना पडेगा , इसके साथ ही मैंने और मेरी टीम ने नैना का कैंसर ट्रीटमेंट शुरू कर दिया है। टीम का कहना है हमे जल्द से जल्द नैना की कीमोथेरेपी शुरू करनी होगी जिस से कैंसर पर काबू पाया जा सके।”


विहान के मुंह से कीमोथेरपी का नाम सुनकर अवि उदास हो गया। वह जानता था कि ये कितना दर्दभरा और तकलीफदेह होता है और वह नैना को और तकलीफ में नहीं देख सकता था। अवि को मायूस और शांत देखकर विहान ने आगे कहा,”नैना की रिपोर्ट्स को देखते हुए हमे 5-8 बार थेरपी करने होगी और ये हर हफ्ते होगा जिसमे 5 दिन ट्रीटमेंट रहेगा और बाकि दो दिन नैना को आराम करना करना होगा और इन दो दिनों में तुम नैना को घर ले जा सकते हो।

कीमोथेरपी के दौरान नैना को कुछ साइड इफेक्ट्स का सामना करना सकता है , लाइक खुद को लेकर नेगेटिव थॉट्स आना , कमजोरी , बालों का बहुत ज्यादा झड़ना , वजन कम होना , एनीमिया , स्किन का सेंसटिव होना ये सब और सबसे बड़ा बदलाव डिप्रेशन,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे पूरी कोशिश करनी है अवि कि नैना जितना ज्यादा हो सके उतनी खुद को लेकर पॉजिटिव रहे और अपनी बीमारी के बारे में ज्यादा न सोचे , कोई भी ऐसी बात या चीज जो उसे सोचने पर मजबूर करे उस से तुम्हे उसे दूर रखना होगा,,,,,,,,,,,,,,,

उसका बहुत ज्यादा ख्याल रखना होगा , उसके खाने पीने का , उसकी दवाओं का और मुझे पूरा यकींन है इन सब से नैना ठीक हो जाएगी,,,,,,,,,,मैं कुछ ट्रीटमेंट्स अभी शुरू कर रहा हूँ बाकि कीमो कल के बाद शुरू करेंगे”

अवि ने ख़ामोशी से सब सुना और कहा,”विहान ! मैं नैना को बचाने के लिए कुछ भी करूंगा , उसे कीमो के लिए हर हफ्ते यहाँ लाने की जिम्मेदारी मेरी है। मैं उसका पूरा ख्याल रखूंगा और कोशिश करूंगा अब किसी तरह की लापरवाही ना हो,,,,,,,,,,,,!!”
“सुनकर अच्छा लगा , जब नैना के पास इतना प्यार करने वाला इंसान है तो भला उसे कुछ कैसे हो सकता है ? तुम बैठो मैं ज़रा पेशेंट्स को देखकर आता हूँ”,विहान ने स्टेथोस्कोप गले में डालते हुए कहा और वहा से चला गया


अवि कुछ देर विहान के केबिन में बैठा रहा और फिर उठकर बाहर चला आया। सौंदर्या बाहर सोफे पर बैठी थी। अवि ने उन्हें देखा तो केंटीन की तरफ गया और दोनों के लिए दो कप कॉफी ले आया। अवि सौंदर्या के बगल में आ बैठा और एक कप सौंदर्या की तरफ बढ़ा दिया। सौंदर्या ने कप ले लिया उसने महसूस किया कि उसने आखरी बार नैना और निबी के साथ खाना खाया था उसके बाद से उसने पानी तक नहीं पीया है।


सौंदर्या ने बुझी आँखों से अवि को देखा तो अवि ने अपने कप से एक घूंठ भरते हुए कहा,”पी लीजिये मॉम वरना नैना के साथ साथ आप भी बीमार हो जाएगी,,,,,,!!”
सौंदर्या ने देखा अवि इस वक्त बहुत शांत है तो उसने कॉफी पीते हुए कहा,”विहान ने क्या कहा ?”


“विहान ने कहा है नैना की कीमोथेरपी करनी पड़ेगी , बस अब यही ऑप्शन है जिस से कैंसर को आगे बढ़ने से रोका जा सकता है और ये कुछ 5-8 हफ्ते चलेगा उसके बाद कुछ महीनो तक दवाये जारी रहेगी।”,अवि ने ठन्डे स्वर में कहा जबकि ये कहते हुए उसे काफी तकलीफ हो रही थी।
सौंदर्या ने सुना तो उनका चेहरा दर्द से और तकलीफ से भर गया और उन्होंने कहा,”ये तो बहुत तकलीफभरा ट्रीटमेंट है अवि , क्या नैना ये सब सहन कर पायेगी ?”


“काश मैं उसका दर्द ले पाता मॉम तो मैं उसे कभी इस से गुजरने नहीं देता , नैना को हमेशा के लिए खोने से अच्छा है मैं एक बार उसे इस दर्द से गुजरने दू और मुझे उसे विश्वास दिलाना होगा कि इस सफर में वो अकेली नहीं है , हम सब उसके साथ है।”,अवि ने नम आँखों के साथ कहा
अवि की बात सुनकर सौंदर्या ने हामी में गर्दन हिलायी और कहा,”हाँ हम सब उसके साथ है , नैना के लिए तुम्हारा प्यार और परवाह देखकर अच्छा लगा अवि।

हर पति को अपनी पत्नी के मुश्किल समय में ऐसे ही साथ खड़े रहने की जरूरत है और फिर हमारी नैना तो इतनी स्ट्रांग और बहादुर है कि इस से भी लड़ लेगी”
“आपको कल रात से यहा है आपको थोड़ी देर के लिए घर जाना चाहिए,,,,,,,,,,,,निबी अकेली है और इस वक्त उसे आपकी सबसे ज़्यादा जरूरत है मॉम”,अवि ने कहा


“निबी के साथ जो हुआ वो गलत हुआ उसने जो गलती की अनुराग पर भरोसा करने की उसके बाद ये होना ही था पर मैं खुश हूँ कि अनुराग का असली चेहरा निबी के सामने आ गया,,,,,,,,,,,,,,,अब निबी को सम्हलने के लिए वक्त मिल जाएगा। जब तक मैं नैना से मिल नहीं लेती तब तक घर जाने का मन नहीं है,,,,,,,आखिर वो भी तो मेरी बेटी है।”,सौंदर्या ने भावुक होकर कहा


अवि ने सौंदर्या को साइड हग किया और कहा,”मॉम अगले जन्म में भले नैना को अवि ना भी मिले पर मैं चाहूंगा हर नैना को आप जैसी सास जरूर मिले,,,,,,,,,,,!!”
सौंदर्या ने सुना और मुस्कुरा दी। नर्स ने आकर अवि और सौंदर्या को नैना से मिलने को कहा तो दोनों ICU में चले आये जहा मशीनों से घिरी नैना बिस्तर पर लेटी थी और अधखुली आँखों से अवि और सौंदर्या को देख रही थी।

नैना से मिलने के बाद अवि और सौंदर्या बाहर चले आये। दोनों के चेहरो से अब उदासी के भाव हट चुके थे। कुछ देर बाद चौधरी साहब , निबी , सार्थक और शीतल हॉस्पिटल चले आये। अवि ने उन्हें देखा तो उनके पास चला आया और उन्हें नैना के ठीक होने के बारे में बताया सबने राहत की साँस ली।
“अवि क्या मैं नैना से मिल सकती हूँ ?”,शीतल ने उम्मीदभरे स्वर कहा


“तुम बाहर से उसे देख सकती हो अभी अंदर जाने नहीं देंगे उसे इंफेक्शन का खतरा है”,अवि ने कहा  
“हाँ हाँ चलेगा मैं उसे बाहर से देखकर आ जाउंगी,,,,,,,,,!!”,शीतल ने खुश होकर कहा
“ठीक है मेरे साथ आओ,,,,,,,,,!!”,अवि ने कहा
“अवि मैं भी आता हूँ,,,,,,,,!!”,कहते हुए सार्थक भी उन दोनों के साथ चला आया।

ICU के गेट के पास आकर अवि खड़ा हो गया और शीशे के उस पार देखने को कहा जहा नैना मशीनों से घिरी थी। नैना को ऐसे हाल में देखकर शीतल के मन
में एक टीस उठी। उसकी आँखों में आँसू भर आये और आँखों के सामने नैना का हँसता मुस्कुराता चेहरा आने लगा।

शीतल अवि की तरफ पलटी और कहा,”अवि नैना को क्या हुआ है वो ICU में क्यों है और अचानक से इतनी बीमार,,,,,,,,,,,,क्या तुम मुझसे कुछ छुपा रहे हो ?”
अवि ने एक गहरी साँस ली और नैना की तरफ देखकर कहा,”नैना को ब्लड कैंसर है।”
अवि की बात सुनकर सार्थक और शीतल के पैरो के नीचे से जमीन खिसक गयी और अवि नम आँखों से सोई हुई नैना को देखता रहा।

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संजना किरोड़ीवाल

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