Love You Zindagi – 28
Love You Zindagi – 28

अवि को खामोश देखकर विहान ने कहा,”अवि मैं तुमसे कुछ पूछ रहा हूँ , अनुराग कौन है और नैना से उसका क्या रिश्ता है ? क्या तुम उसे जानते हो ?”
विहान की आवाज से अवि की तंद्रा टूटी और उसने कहा,”हाँ ! मैं उसे जानता हूँ , वो नैना का बॉस है,,,,,,,,,,!!”
“ओह्ह्ह इसलिए नैना उसकी मौत के बारे में सुनकर घबरा गयी,,,,,,,,,!!”,विहान ने अफ़सोस जताते हुए कहा
“विहान नैना की कीमोथेरेपी में कितना वक्त बचा है ?”,अवि ने एकदम से पूछा
“नैना अब पहले से बेहतर है , कल से उसकी कीमोथेरेपी शुरू कर सकते है एंड लिस्टन अवि ये बहुत जरुरी है,,,,,,,,,,मैं नैना की जिंदगी को अब और खतरे में नहीं डाल सकता,,,,,,,,!!”,विहान ने थोड़ा गंभीरता से कहा
“हाँ तुम इसे शुरू कर सकते हो,,,,,,,,,,,मैं नैना के साथ रहूंगा”,अवि ने कहा
“इसलिए जरूरत नहीं है अवि नैना का ख्याल रखने के लिए हम सब है तुम्हे अपने काम पर ध्यान देना चाहिए मैंने सुना तुम्हे एक अच्छी डील मिलने वाली है”,विहान ने कहा
विहान के मुंह से डील की बात सुनकर अवि ने हैरानी से कहा,”तुम्हे ये किसने कहा ?”
अवि की बात सुनकर विहान खिंसियाकर इधर-उधर देखने लगा और झेंपते हुए कहा,”अह्ह्ह दरअसल वो नैना ने मुझसे कहा मैं तुम्हे इस बारे में याद दिला दू”
अवि ने सुना तो विहान की तरफ देखा और कहा,”ऐसे मुश्किल वक्त में भी इस लड़की को मेरे काम की फ़िक्र है,,,,,,,,,,अह्ह्ह्ह ये सच में थोड़ी अजीब है,,,,,,,!!”
“देखा मैंने कहा था ना तुम से नैना थोड़ी अजीब तो,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,विहान ने इतना ही कहा और जैसे ही अवि की तरफ देखा अवि को अपनी ओर घूरते पाकर विहान मुस्कुरा दिया और आगे कुछ ना बोलकर अपने दोनों हाथ खड़े कर दिए।
“मैं उसे देखकर आता हूँ”,अवि ने उठते हुए कहा लेकिन विहान ने उसे टोकते हुए कहा,”रुको ! मैंने अभी अभी नैना को नींद का इंजेक्शन दिया है , उसे थोड़ा आराम करने दो , तुम बाद में उस से मिल सकते हो बस याद रहे कि नैना के सामने अनुराग का जिक्र नहीं करना है।”
“हम्म्म ! ठीक है मैं ख्याल रखूंगा”,अवि ने वापस बैठते हुए कहा
विहान ने देखा अवि काफी सुस्त और थका हुआ लग रहा था। उसने केंटीन में फोन किया और 2 कप कॉफी के साथ कुछ सेंडविच भेजने को कहा
अवि ने अपना सर पीछे सीट से लगाया और आँखे मूंद ली। उसकी बंद आँखों में अनुराग का चेहरा आने लगा। अवि अनुराग को नापसंद जरूर करता था लेकिन वह कभी नहीं चाहता था अनुराग ऐसी किसी दुर्घटना का शिकार हो। अवि का मन भारी होने लगा और उसे निबी का ख्याल आया जिसने कुछ दिन पहले ही अनुराग से शादी की थी। अवि इस वक्त बहुत हताश महसूस कर रहा था , सब एकदम से बदल गया।
कुछ देर बाद केंटीन बॉय केबिन में आया और ट्रे रखकर चला गया। विहान ने अवि से कॉफी लेने को कहा और खुद भी अपना कप उठाकर पीने लगा। अवि ने देखा कॉफी के साथ सेंडविच भी रखे है तो एकदम से उसे अपनी भूख का अहसास हुआ जिसे पिछली शाम से वह लगभग भूल चुका था। कहते है ना कि कितना भी बड़ा दर्द हो भूख के सामने छोटा ही लगता है। अवि ने कॉफी के साथ सेंडविच का एक टुकड़ा उठाया और उसे खाने लगा उसने महसूस किया वह बहुत भूखा था।
विहान ख़ामोशी से अवि को देखता रहा और अवि मासूम बच्चे की तरह सेंडविच के बीच में रखे टमाटर के टुकड़ो को निकालकर साइड कर रहा था जो कि उसे पसंद नहीं थे।
“आराधना ! तुमने सब सामान रख लिया है न ? नैना के लिए जो नए सूट जो तुम लायी थी और अवि के लिए वो स्वेटर जो मैं लेकर आया था। सर्दिया आने वाली है वो पहनेंगे तो मुझे अच्छा लगेगा”,विपिन जी ने अपने बालों को संवारते हुए कहा
“हाँ मैंने सब रख लिया है और आप क्या इतना तैयार हो रहे है जल्दी कीजिये स्टेशन भी जाना है”,आराधना ने बैग में सब सामान भरते हुए कहा
“और हाँ तुमने वो चावल के पापड़ रखे जो इस होली तुमने नैना के लिए बनाये थे ? तुम्हे पता है ना नैना को वो कितने पसंद है और वो निम्बू का खट्टा मीठा अचार भी,,,,,,,,,!!”,विपिन जी ने आराधना की तरफ आते हुए कहा
आराधना ने देखा विपिन जी स्टेशन जाने के लिए तैयार है लेकिन हमेशा की तरह उनके शर्ट की कॉलर ऊपर थी तो वे उनके पास आयी और शर्ट की कॉलर को सीधे करते हुए कहा,”आपका बस चले तो इस दुनिया की सारी खूबसूरत चीजे पैक करके अपनी बेटी के सामने रख दे”
“अरे तुमने तो मेरे मुंह की बात छीन ली , जब तक उसकी शादी नहीं हुई थी तब तक उस से दूर जाने का कभी अहसास भी नहीं हुआ फिर चाहे वो अपनी नौकरी के चलते घर से बाहर ही क्यों ना रहे ? लेकिन जब से उसकी शादी हुई है उसके लिए प्यार और परवाह दोनों बढ़ गए है। चलो चलो अब जल्दी करो मुझे जल्दी से अपनी बेटी से मिलना है,,,,,,,,,,,!!”,कहते कहते विपिन जी की आँखे नम हो गयी।
वो अपना और आराधना का बैग उठाये घर से बाहर चले आये। नैना से मिलने की ख़ुशी में आराधना मुस्कुराई और बचे हुए बैग लेकर घर से बाहर चली आयी। स्कूबी को पडोसी के घर छोड़कर विपिन जी और आराधना स्टेशन के लिए निकल गए नैना को सरप्राइज देने,,,,,,,,,,,,!!
चित्रकूट , रेलवे स्टेशन
“अरे जल्दी करो ! का धीरे धीरे चल रही हो ट्रेन निकल जाएगी और जे मोंटी कहा है ?”,मोंटी के पापा ने बैग सम्हाले आगे आगे चलते हुए कहा
मोंटी की मम्मी सिर्फ बैग ही नहीं बल्कि सर पर रखे साड़ी के पल्लू को भी सम्हाल रही थी और अपने पति से कदम मिलाने की भरकस कोशिश भी कर रही थी लेकिन हर बार पीछे ही छूट जाती। उन्होंने जल्दी जल्दी चलते हुए कहा,”अरे आ रहे है , ट्रेन चलने में अभी बख्त है,,,,,,,,!!”
“हाँ ट्रेन तुम्हारे फूफा चला रहे है जो तुमको बड़ा पता है , जल्दी जल्दी आओ और लाओ हमे दो जे बैग,,,,,,,,,,,!!”,मोंटी के पापा ने पत्नी के हाथो से बैग लेते हुए कहा और आगे बढ़ गए।
दोनों ट्रेन के अंदर चले आये और सामान सीट के नीचे रखा। मोंटी की मम्मी ने देखा मोंटी कही नजर नहीं आ रहा है उन्होंने घबराये हुए स्वर ने कहा,”ए जी ! मोंटी कही नजर नहीं आ रहा है , ज़रा देखिये बाहर कही तो नहीं रह गया।”
“तुम बैठो हम देखकर आते है,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए मोंटी के पापा ट्रेन के दरवाजे पर चले आये दूर दूर तक मोंटी उन्हें कही नजर नहीं आ रहा था।
अपने मम्मी पापा के साथ चलते हुए मोंटी के नजर एकदम से स्टेशन पर खम्बे के पास टोकरा लिए बैठे आदमी पर पड़ी। मोंटी उसकी और खींचा चला आया और आता भी क्यों नहीं टोकरा मीठी इमली के डिब्बों से जो भरा था। चित्रकूट में बिकने वाली ये इमली रुचिका को बहुत पसंद थी। अब मोंटी इतने बड़े झगड़े के बाद रुचिका से मिलने जा रहा था सोचा इस से अच्छा तोहफा उसके लिए भला और क्या हो सकता है ? उसने दो बड़े डिब्बे खरीदे और ट्रेन की तरफ चला आया।
ट्रेन चल पड़ी , बेचारे मोंटी के पापा अब भी ट्रेन के दरवाजे पर खड़े भीड़ में मोंटी को ढूंढ रहे थे और मोंटी उनसे पीछे वाले दरवाजे से अंदर चला आया। मोंटी ने अपने पापा के पीछे आकर कहा,”क्या हुआ आप यहाँ क्या कर रहे है ?”
शर्मा जी ने देखा मोंटी ट्रेन में ही है तो उन्होंने राहत की साँस ली और कहा,”अरे तुम कहा रह गए थे ? ट्रेन चली जाती तो,,,,,,,,,,,,!!”
“अरे ऐसे कैसे चली जाती,,,,,,,,,मैं ये लेने गया था”,मोंटी ने अपने पापा के साथ सीट की तरफ आते हुए कहा
“जे का इमली,,,,,,,,,,,अच्छे काम में कुछो मीठा लेकर जाते है और तुम जे इमली लेकर आये हो,,,,,,,,,!!”,शर्मा जी ने मोंटी को फटकार लगाते हुए कहा
“अरे पापा वो रुचिका को ये बहुत पसंद है इसलिए मैं उसके लिए,,,,,,,,,,!!”,कहते कहते मोंटी रुक गया क्योकि शर्मा जी उसे एकटक जो देख रहे थे।
“देख रही मोंटी की अम्मा , इसको बहू की पसंद की परवाह भी है उस से झगड़ा भी करना है,,,,,,,,,,अब खड़े खड़े मुंह क्या देख रहे हो बैठो,,,,,,,,,,!!”,शर्मा जी ने कहा तो मोंटी चुपचाप अपनी सीट पर बैठ गया और डिब्बों को बैग में रख लिया। उसने घडी में वक्त देखा और मुस्कुरा उठा कुछ घंटो बाद वह रुचिका के सामने होगा और उस से माफ़ी मांगकर सारी गलतफहमियां दूर कर लेगा।
सार्थक चौधरी साहब के साथ घर चला आया। हॉल में बैठी सौंदर्या ने जब उन्हें अंदर आते देखा तो उठकर उनके पास आयी और कहा,”आप ठीक है ना ? क्या हुआ था पुलिस आपको क्यों लेकर चली गयी ?”
“अनुराग के पापा ने कंप्लेंट की है कि अनुराग की मौत में अंकल का हाथ है,,,,,,बस इसीलिए इन्हे पुलिस स्टेशन जाना पड़ा , फ़िलहाल जमानत पर ये बाहर है लेकिन जब तक ये साबित नहीं हो जाता कि ये बेकसूर है इन्हे शहर से बाहर जाने की इजाजत नहीं है।”,सार्थक ने कम शब्दों में पूरी बात कह सुनाई
सौंदर्या ने सुना तो उन्हें बहुत हैरानी हुई और उन्होंने कहा,”ये क्या बकवास है ? अनुराग के पापा तो जानते है ना कि अनुराग ने धोखे से निबी से शादी की और उसके बाद वो यहाँ से चला गया,,,,,,,,,,ये भला उसे क्यों मारना चाहेंगे ?”
“शांत हो जाओ सौंदर्या ! वक्त जब हमारे खिलाफ होता है तो हमारे आस पास बहने वाली हवाएं भी दुश्मन बन जाती है , सब जानते है अनुराग की मौत नशे में एक्सीडेंट की वजह से हुई है। तुम मुझे ये बताओ निबी कहा है ? वो ठीक तो है ना ?”,चौधरी साहब ने निबी की परवाह करते हुए कहा
सौंदर्या ने सुना तो उनका मुँह उतर गया और उन्होंने मायूसी से कहा,”निबी ठीक नहीं है ! जबसे उसने अनुराग की मौत के बारे में सुना है उसका रो रोकर बुरा हाल है,,,,,,,,,,,ऐसे मुश्किल वक्त में वो खुद को कैसे सम्हाल पायेगी ?”,कहते हुए सौंदर्या रो पड़ी
चौधरी साहब ने उन्हें सीने से लगाया और दिलासा देते हुए कहा,”हिम्मत रखो सौंदर्या , ये मुश्किल घडी है निकल जाएगी , तुम्हे ऐसे कमजोर नहीं पड़ना चाहिए। हमारी दोनों बेटियों को इस वक्त हमारी जरूरत है।”
“दोनों बेटियां ?”,सौंदर्या ने पूछा
चौधरी साहब हल्का सा मुस्कुराये और कहा,”क्यों सौंदर्या ? क्या तुम भूल गयी नैना हमारी दूसरी बेटी है,,,,,,,,,,,मैं जरा निबी से मिल लू उसके बाद हॉस्पिटल जाकर नैना को भी देखना है कही हम सबको वहा ना देखकर वह घबरा ना जाये”
चौधरी साहब की बात सुनकर सौंदर्या ने नम आँखों से उन्हें देखते हुए हामी में अपना सर हिला दिया। पास खड़े सार्थक ने जब सुना तो उसके दिल को एक तसल्ली मिली कि अवि के साथ साथ उसके घरवाले भी नैना को बहुत चाहते है। उसे शीतल का ख्याल आया और वह भी वहा से चला गया।
हालाँकि ऐसे हालातों में खाना किसके गले से नीचे उतरने वाला था फिर भी सौंदर्या ने भोला से कहकर सबके लिए थोड़ा खाना बनाने को कहा और अपने कमरे में चली गयी। चौधरी साहब निबी से मिले तो निबी उनके सामने फूटफूट कर रोने लगी। चौधरी साहब उसे दिलासा देते रहे। सार्थक को देखकर शीतल कमरे से बाहर आयी तो सार्थक उसे साइड में लेकर आया और कहा,”घर से फोन आया था , मम्मी मनाली ट्रिप के बारे में पूछ रही थी।”
“तो तुमने उनसे क्या कहा ?”,शीतल ने बेचैनी भरे स्वर में पूछा क्योकि वह नहीं चाहती थी सार्थक के मम्मी पापा को ये सब पता चले
सार्थक ने शीतल की तरफ देखा और कहा,”मैंने कहा हम मनाली में ही है लेकिन यहाँ स्नोफॉल ज्यादा है तो बाहर निकलना मुश्किल है एक दो दिन में वापस आ जायेंगे,,,,,,,,,,,,,!!”
“तुमने उनसे झूठ क्यों कहा सार्थक ?”,शीतल ने पूछा
सार्थक ने शीतल की आँखों में देखा कुछ देर खामोश रहा और फिर कहा,”शीतल इस वक्त नैना और अवि को हमारी जरूरत है , अगर उन्हें इन हालातो में अकेला छोड़कर आज हम यहाँ से गए तो इस रिश्ते की कोई अहमियत नहीं रह जाएगी जो मैंने और तुमने नैना के साथ बनाया है। नैना ने हम सबके लिए बहुत कुछ किया है शीतल अब हमारी बारी है,,,,,,,,,इस मुश्किल वक्त में मैं नैना के साथ हूँ और तुम ?”
सार्थक की बात सुनकर शीतल की आँखों में नमी तैरने लगी उनसे नम आँखों से हामी में गर्दन हिला दी और कहा,”आज मेरी नजरो में तुम्हारी इज्जत और बढ़ गयी है सार्थक,,,,,,,,,,हाँ मैं नैना और अवि के साथ हूँ और मुझे यकीन है सब पहले जैसा हो जाएगा”
सार्थक ने शीतल की आँखों में आँसू देखे तो उसे अपने सीने से लगाया और कहा,”हाँ ! सब ठीक हो जायेगा”
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संजना किरोड़ीवाल


Yahi hoti hai sache Jeevansathi ki nishni…jo sarthak m hai… Sheetal lucky hai jo uske pass Sarthak jaisa jeevansathi hai…khar umeed hai Naina jaldi thik hogi…but dukh ho rha hai Naina k parents k liye…jab unko apni beti k bare m pta chalega to unn par kya bitegi… Bhagwan ji unko yeh dukh sahne ki shakti de aur bhagwan ji Monti aur Ruchika ko sadbudhi de…taki dono ka rishta phele jaisa ho