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Love You जिंदगी – 21

Love You Zindagi – 21 

Love You Zindagi
Love You Zindagi

बारिश का मौसम और उसपर धड़कते जवां दिल कब इश्क़ की गिरफ्त में आ जाये कौन जानता था ? अवि और नैना एक दूसरे की आँखों में देखे जा रहे थे की एक बार फिर बिजली कड़की और नैना को होश आया ! उसने अपने उलझे बालो की लटो को अवि की घडी से निकाला और वहा से सोफे की और बढ़ गयी ! रेडियो में गाना बजता रहा अवि की आँखों के आगे नैना का अक्स आता रहा ! उसे नैना से प्यार हो चुका था और ये अहसास उसे अंदर ही अंदर गुदगुदा रहा था

कुछ देर बाद वह जैसे ही नैना से कुछ कहने के लिए मुड़ा उसने देखा नैना सोफे पर ही सो गयी है ! अवि ने उसे उठाना ठीक नहीं समझा और पास पड़ी शॉल नैना को ओढ़ाकर अपने कमरे में चला आया ! लाइट का कुछ अता पता नहीं था अवि ने अपने कमरे में टोर्च जलाकर टेबल पर रख दी और खिड़की के पास खड़े होकर बाहर का नजारा देखने लगा ! मौसम काफी अच्छा था और ठंडी हवा के झोंके बार बार उसे छूकर गुजर रहे थे ! अवि वही खड़ा प्यार के नए अहसास को लेकर नैना के बारे में सोचता हुआ अपने बालो में हाथ घुमाने लगा !

चारो और पानी ही पानी था , आसमान में बिजली कड़क रही थी , कुछ देर बाद ही उसका फोन बजा उसने देखा उसकी मॉम का फोन था ! अवि ने फोन उठाया तो उधर से आवाज आयी,”हेलो अवि कहा हो बेटा तुम ? न्यूज़ देखी दिल्ली में तेज बारिश हो रही है ,, तुम ठीक तो हो ना बेटा ?”

अवि ने एक ठंडी आह भरी और शांत लहजे में कहा,”i am in Love मॉम””क्या ? सच में ? कौन हैं वो ? कहा मिली ? मुझे बताया क्यों नहीं ? इतने सालो में पहली बार तुझे कोई लड़की पसंद आयी है और तू अब बता रहा है , अच्छा नाम क्या है उसका ? अरे कुछ तो बोल”,अवि की मॉम ने एक्साइटेड होकर कहा

“नैना नाम है उसका , मेरे सामने वाले फ्लेट में ही रहती है !”,अवि ने उसी लहजे में कहा “अच्छा कैसी दिखती है ? तूने पसंद किया है तो अच्छी ही होगी”,अवि की मॉम की ख़ुशी आवाज से साफ झलक रही थी ! “बहुत सुंदर है मॉम , सबसे अलग ,, आपको पता है वो बिल्कुल मेरे जैसी है ,,

उसकी पसंद भी मेरे जैसी ही है ! पापा कहते थे ना मुझे मुझ जैसी लड़की नहीं मिलेगी पर मुझे नैना मिल गयी !”,अवि ने कहा “अरे अपने पापा की छोड़ उन्हें मैं मिल गयी ये क्या कम है ? तुम ये बताओ नैना से कब मिला रहे हो ?”, अवि की मॉम ने कहा “मॉम अभी तो मैंने ही नहीं बताया उसे इतनी जल्दी आपसे कैसे मिला सकता हूँ ?

थोड़ा रुको पहले मैं उसे अपने दिल की बात बता दू उसके बाद आपसे और पापा से पक्का मिलवा दूंगा !”,अवि ने कहा “तो कब बता रहा है उसे ?”,अवि की मॉम ने कहा “दो हफ्ते बाद यहाँ दिल्ली में ही मेरा फोटो आर्ट एग्जिबेशन है ,, उसी दिन मैं नैना से अपने दिल की बात कह दूंगा !”,अवि ने कहा “बेस्ट ऑफ़ लक मेरे बच्चे”,अवि की मॉम ने प्यार से कहा !”लव यू मॉम !”,अवि ने कहा “लव यू टू बेटा , गुड़ नाईट और अपना ख्याल रखना !”,कहकर उसकी मॉम ने फोन काट दिया !

अवि ने फ़ोन जेब में डाल लिया और बाहर देखने लगा बारिश अब कम हो चुकी थी !!   शीतल और सार्थक लायब्रेरी में फंस चुके थे ! कुछ देर बाद जब बारिश कम हुई तो दोनों खिड़की से बाहर देखने लगे ! शीतल ने कहा,”शायद थोड़ी देर में बारिश रुक जाएगी !””हां लेकिन यहाँ से सुबह ही निकल सकते है ,

इस वक्त हर तरफ पानी ही पानी होगा !”,सार्थक ने स्तिथि को भांपते हुए कहा”हम्म्म , लेकिन मुझे भूख लगी है !”,शीतल ने धीरे से कहा “यहाँ तो चाय कॉफी के अलावा कुछ नहीं मिलेगा , फिर भी मैं देखता हु अगर अंदर ऑफिस में कुछ मिल जाये तो !”,कहकर सार्थक वहा से चला गया ! 

शीतल वही खड़े बाहर देखते हुए राज के बारे में सोचने लगी ! आज सुबह जो खबर राज ने उसे दी उसके बाद से शीतल को लग रहा था जैसे अब सब ठीक हो जाएगा उसकी जिंदगी में ! कुछ देर बाद सार्थक शीतल के सामने आया और बिस्किट का पैकेट आगे करके कहा,”बस ये मिला है !””काफी है थोड़ा काम चल जाएगा !”,कहते हुए शीतल ने उस से पैकेट लिया और खोलकर आधे बिस्किट सार्थक की और बढ़ा दिए !

“अरे नहीं तुम्हे भूख लगी है ना तुम खाओ !””तुमने भी तो दोपहर से कुछ नहीं खाया होगा ना , रख लो !”,शीतल ने जब कहा तो सार्थक मना नहीं कर पाया और लेकर खाने लगा !

दोनों वही खड़े खड़े बाते करते हुए बिस्किट खा रहे थे ! सार्थक के लिए तो ये पल किसी खूबसूरत फिल्म से कम नहीं थे ! खाने के बाद सार्थक ने शीतल को सो जाने को कहा ! शीतल को भी अब नींद आने लगी थी तो वह जाकर सोफे पर लेट गयी ! सार्थक भी कुछ देर बाद सोने चला गया ! सचिन और रुचिका दोनों एक दूसरे की आँखों में देखते हुए खाने का लुफ्त उठा रहे थे !

कुछ देर एक लड़की उधर से गुजरी जैसे ही लड़की की नजर सचिन पर पड़ी उसने कहा,”हे सचिन तुम यहाँ ? व्हाट अ सरप्राइज ?””हाय मालिनी”,सार्थक ने उसे हग करते हुए कहा जिसे देखकर रुचिका को थोड़ा असहज लग रहा था लेकिन फिर भी वह चुप थी !

मालिनी की नजर जैसे ही रुचिका पर गयी उसने मुंह बनाकर कहा,”ये कौन है ?””ये रुचिका है मेरी दोस्त , एक ही ऑफिस में काम करते है !”,सचिन ने कहा तो रुचिका को धक्का सा लगा “हाय !”,मालिनी ने फीकी सी मुस्कान के साथ कहा उसे रुचिका से बात करने में जरा भी दिलचस्पी नहीं थी ! उसने सचिन से चिपकते हुए कहा,”दोस्तों को कबसे डिनर पर बुलाने लगे तुम ?””वो मैं. ……… !!”,सचिन ने कहना चाहा लेकिन इस से पहले ही रुचिका बोल पड़ी,”मैं इनकी दोस्त नहीं बल्कि गर्लफ्रेंड हूँ !”

“व्हाट ? आर यू सीरियस सचिन ?  मुझे छोड़ने के बाद कोई और नहीं मिली तो तुमने इस से काम चला लिया थोड़ा तो अपने स्टेंडर्ड का ख्याल रखा होता , लुक एट हर , क्या है इसमें ? इससे अपना खुद का शरीर नहीं सम्हलता तुम्हे क्या सम्हालेगी ?”,मालिनी ने रुचिका की इंसल्ट करते हुए कहा लेकिन सचिन चुपचाप सुन रहा था !

रुचिका को बहुत बुरा लगा तो उसने मालिनी से कहा,”मुझे खुद को सम्हालना आता है पर तुम्हे अपनी जबान सम्हालना नहीं आता शायद !””पुअर गर्ल , जो लड़का मन भर जाने पर मुझ जैसी हॉट लड़की को छोड़ सकता है , वो तुमसे प्यार करेगा ऐसा तुमने सोच भी कैसे लिया ?

अपना साइज देखा है तुम्हे तो सचिन का नौकर भी परपोज़ ना करे !”,मालिनी ने इस बार और ज्यादा इंस्लट करते हुए कहा “मालिनी यहाँ तमाशा मत करो !”,सचिन ने दबी आवाज में कहा तो मालिनी को गुस्सा आ गया और उसने थोड़ी ऊँची आवाज में कहा जिस से आस पास के लोगो का ध्यान भी उन तीनो की तरफ चला आया,”तमाशा ! तमाशा तो तुम बनवा रहे हो अपना वो भी इसके साथ घूमकर , जरा देखो इसे कहा ये कहा मैं ? लेकिन तुम हो इसी लायक सचिन ,, तुम्हारे टेस्ट को क्या हो गया है ?

ऐसी भी क्या मज़बूरी है जो इसके साथ रिलेशन में आना पड़ा तुम्हे ?? सेक्स के लिए या फिर कोई और नीड़ है ,, कम ऑन शर्माओ मत बता भी दो , वैसे भी हमारे बिच कहा कुछ छुपा है !”मालिनी के मुंह से ऐसी वाहियाद बातें सुनकर रुचिका को गुस्सा आया और वह अपना पर्स उठाकर वहा से चली गयी !

पीछे पीछे सचिन भी आया बारिश अभी भी जारी थी ! सचिन रुचिका के पीछे आया और उसे रोकते हुए कहा,”रुचिका रुको , अरे प्लीज रुको ना !”रुचिका रुकी और पलटकर कहा,”ये सब क्या है सचिन ? कौन है वो लड़की और क्यों ऐसे बकवास किये जा रही है हमारे बारे में ? क्या मैंने तुम्हे कहा था मुझसे प्यार करने के लिए ?

वो जो मुंह में आया कह रही थी और तुम खामोश थे , क्यों ?”रुचिका की आँखों में गुस्से के भाव और आंसू एक साथ तैर गए ! सचिन ने देखा तो थोड़ा पास आया और कहने लगा,”वो मेरी एक्स है एक साल पहले ही हम दोनों का ब्रेकअप हुआ है , आज उसने तुम्हारे साथ देखा तो भड़क गयी और वो सब कह दिया प्लीज तुम दिल पर मत लेना !””क्यों ना बुरा मानू मैं ? क्या मेरी कोई सेल्फ रिस्पेक्ट नहीं है ? और क्या कहा था तुमने दोस्त ? सच में सचिन तुम्हे लोगो से हमारा रिश्ता छुपाने की जरूरत पड़ रही है ?”,रुचिका लगभग रो पड़ी !

ये सुनकर सचिन को थोड़ा तेश आ गया और उसने कहा,”तो और क्या कहता ? कहता की तुम मेरी गर्लफ्रेंड हो , लोग हसंते मुझपर यार ! तुम्हारा वजन देखा है कभी तुमने , हर मोटी लड़की क्यूट नहीं होती है ,, हर लड़का चाहता है उसकी गर्लफ्रेंड दिखने में अच्छी हो की वह उसे सब से मिला सके , लेकिन मैं तो तुम्हे अपने दोस्तों से भी नहीं मिलवा सकता !

तुम्हे देखकर मजाक उडायेंगे वो सब मेरा जैसे कुछ देर पहले मालिनी ने उड़ाया था ! लुक योरसेल्फ रुचिका मैं ये नहीं कहता की तुम मुझे पसंद नहीं हो लेकिन मेरे लिए खुद को फिट तो बना ही सकती हो ना तुम ,, लेकिन तुम्हे सिर्फ अपनी रेस्पेक्ट की परवाह है मेरी नहीं !”सचिन ने रुचिका को अर्श से सीधा फर्श पर ला पटका , जब उसे पता चला की सचिन के दिल में भी उसके वजन को लेकर ये सब बाते है तो उसका दिल टूट गया और उसने कहा,”तो फिर तुमने मुझसे प्यार क्यों किया ?

मुझे स्पेशल फील क्यों करवाया ?””ताकी तुम मेरी फीलिंग्स समझो और खुद में बद्लाव करो जो की बहुत जरुरी है , रुचिका प्यार में कोम्प्रोमाईज़ करने पड़ते है लेकिन तुमसे ये नहीं होगा ! इसलिए मैंने हमेशा अपने रिश्ते को छुपाया ताकि किसी के बिच मेरा मजाक ना बने ! जिस हालत में तुम हो मैं तो तुम्हे अपने पेरेंट्स से भी नहीं मिला सकता , क्या सोचेंगे वो मेरे बारे में और तुम्हारे बारे में ?

लिस्टन रुचिका यस आई लव यू लेकिन सबके सामने मैं तुम्हे अपना लवर नहीं बता सकता तुम्हारी इस पर्सनालिटी के वजह से !”,सचिन ने अपने मन की सारी भड़ास रुचिका पर निकाल दी रुचिका सदमे में थी जिस पर्सनालिटी की वजह से हमेशा प्यार से दूर रही आज भी वही पर्सनालिटी बिच में आ गयी !

रुचिका की आँखों से आंसू बहने लगे उन्हें देखकर सचिन का पारा और चढ़ गया और उसने गुस्से से उसकी बांह पकड़ कर कहा,”अब ये रोने का नाटक मत करो , सब देख रहे है यहाँ मुझे कोई नहीं जानता प्लीज कम से कम यहाँ तो तमाशा मत करो !

अंदर चलो और चलकर मालिनी से सॉरी बोलो !”रुचिका ने सूना तो उसने अपने आंसू पोछे और बांह छुड़ाते हुए कहा,”मैं उसे कोई माफ़ी नहीं मांगने वाली !””देन गेट लॉस्ट !”,कहते हुए सचिन ने उसे पीछे धक्का दिया जिस से रुचिका निचे जा गिरी और सचिन वहा से चला गया !

रुचिका की आँखों से फिर आंसू बहने लगे कुछ ही दूर खड़े गार्ड ने देखा तो उसने आकर रुचिका को उठाया ! रुचिका ने अपने आंसू पोछे और पर्स उठाकर वहा से चली गयी ! होटल से बाहर आयी बारिश अब कुछ कम हो चुकी थी लेकिन रुचिका की आँखे बरस रही थी !

पहली बार उसका दिल टूटा था और भी इतना बुरा , रुचिका को कोई ऑटो या कैब वहा नहीं मिली वह बारिश में भीगते हुए पैदल ही चल पड़ी ! आँखों से बहता पानी बारिश के पानी में घुलता जा रहा था ! रुचिका कभी सचिन को समझ ही नहीं पाई थी वह हमेशा उसकी अच्छाई देखती रही !

रुचिका बुरी तरह भीग चुकी थी चलते चलते थक गयी की तभी कही से एक ऑटो वाला आकर रुका उसने रुचिका को देखकर कहा,”दीदी इतनी रात में अकेले , किधर जाएँगी आप ?””आशीर्वाद अपार्टमेंट जाना है भैया”,रुचिका ने अपने आंसू पोछते हुए कहा”मैं उधर ही जा रहा हूँ दीदी , बारिश की वजह से रुट बदलकर जाना पड़ रहा है !

आप चाहे चल सकती है , किराया आधा दे दीजियेगा !”,आदमी ने अपने भाव से कहा ! रुचिका को समझ नहीं आ रहा था किस पर भरोसा करे और किस पर नहीं , लेकिन इस वक्त , ऐसे मौसम में अकेले रुकना भी उसके लिए सही नहीं था ! उसने हिम्मत दिखाई और जाकर ऑटो में बैठ गयी ! रुचिका का उतरा चेहरा और आंसुओ से भरी आँखो को देखकर आदमी ने कहा,”दीदी परेशान मत होईये हम आपको सही सलामत पहुचायेंगे , दीदी कहा है तो उसका फर्ज निभाएंगे !”

“चलिए भैया !”,रुचिका ने अपनी आँखे साफ करते हुए कहा ऑटोवाले ने ऑटो को आगे बढ़ाया और दूसरे रुट से निकल गया ! उसने सही कहा था चारो और पानी की वजह से रास्ते ब्लॉक थे लेकिन ये रास्ता थोड़ा सही था ! रुचिका की आँखों के आगे बार बार सचिन के साथ बिताये पल आने लगे ! उसने सचिन से सच्चा प्यार था लेकिन  आज सचिन का नया रूप देखकर रुचिका सच में हैरान थी !रुचिका को घुटन सी महसूस होने लगी तो उसने सर सीट से लगा लिया और बाहर अँधेरे से ढकी सड़को को देखने लगी !

ऑटोवाले को मिरर में रुचिका का उदास चेहरा दिखा तो उसने ऑटो में लगा साउंड सिस्टम चालू कर दिया ! धीमी आवाज में गाना चलने लगा जिसने रुचिका के दर्द को और बढ़ा दिया “मैंने तो तुमको ही चाहा था , अपना बनाया था जाने जा पर मेरी चाहत की मुझको क्यों , तूने दी ये सजा तुझको ही समझा था काबिल भी , तुझको बनाया था अपना खुदा पर तोड़ा दिल मेरा तुमने , ठुकरा दी क्यों मेरी वफ़ा ?हसरत पूछ रही है , तुझसे क्या प्यार करोगे मुझसे ? हां हां हां मुझसे ,,, !!!


रुचिका की आँखों से आंसू बहते जा रहे थे जब सहा नहीं गया तो उसने कहा,”भैया इसे बंद कर दीजिये !””जी दीदी , माफ़ करना मुझे गाने सुनने की आदत है ! अभी थोड़ी देर में पहुँच जायेंगे !”,आदमी ने गाना बंद करते हुए कहा ! रुचिका ने आगे कुछ नहीं कहा उसका दिमाग शून्य हो चुका था कुछ समझ नहीं आ रहा था ! वह पीछे भागते पेड़ पोधो को देख रही थी और सोच रही थी काश वह भी कुछ वक्त के लिए पीछे जा पाती !  

आधे घंटे बाद ऑटो सड़क किनारे आकर रुका और आदमी ने कहा,”दीदी इस से आगे ऑटो नहीं जाएगा , आगे बहुत पानी है आप पैदल भी नहीं जा पायेगी मेरी मानिये तो सुबह तक इंतजार कर लीजिये !”रुचिका ये सुनकर परेशान हो गयी उसे देखकर ऑटोवाले ने कहा,”चिंता मत कीजिये हम भी यही रुकेंगे आप बेफ़िक रहिये ! अभी 1 बज रहा है 4 घंटे बाद सुबह हो जाएगी तब तक शायद पानी भी थोड़ा कम हो जाये !” रुचिका के पास इस वक्त वहा रुकने के अलावा और कोई चारा नहीं था !

रुचिका को कुछ देर बाद वही नींद आ गयी , सुबह ऑटोवाले की आवाज सुनकर उसकी आँख खुली ऑटोवाला चाय का कप लिए सामने खड़ा था ! रुचिका उठी , रोने की वजह से उसकी आँखे सूज गयी थी ऑटोवाले ने चाय उसकी और बढ़ाकर कहा,”दीदी आपको नींद आ गयी थी , मैंने जगाया नहीं !

अभी ये चाय पि लीजिये उसके बाद आपको आपके घर तक छोड़ देता हूँ , मुझे भी घर जाना है रात से घरवाली के फोन आ रहे है बेचारी परेशान हो रही होगी !”रुचिका को ऑटोवाला बहुत भला आदमी लगा उसने चाय पि और उसके बाद ऑटो अपार्टमेंट की और चल पड़ा !

रुचिका को गेट के सामने उतारा और कहा,”दीदी वैसे तो वहा से यहाँ तक का 200 रुपया होता है लेकिन आपसे आधा देने को कहा था तो आप 100 रूपये दे दीजिए !”रुचिका ने पर्स से 500 रूपये का नोट निकालकर उसकी और बढ़ा दिया ! आदमी ने देखा तो कहा,”दीदी छुट्टा नहीं है !””सारे रख लीजिये भैया , घर में काम आएंगे !”,रुचिका ने कहा

“अरे नहीं दीदी , इतना पैसा नहीं ले सकते हम !”,आदमी ने मना किया तो रुचिका ने कहा,”आप पर दया दिखाकर नहीं दे रहे है , सही सलामत मुझे यहाँ तक पहुँचाया इस लिए दे रहे है , और ये भी कम है !”

आदमी मुस्कुरा उठा और कहा,”नहीं दीदी ये बहुत ज्यादा है !”रुचिका ने पैसे उसके हाथ में थमाए और कहा,”गलत लोगो पर बहुत पैसा बर्बाद किया है भैया , आज सही जगह ये पैसे देकर मुझे ख़ुशी होगी ! रख लीजिये !”ऑटोवाला पैसे लेकर चला गया और रुचिका खुद को और अपने टूटे दिल को सम्हाले अंदर चली आयी !! 

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