Sanjana Kirodiwal

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Love You जिंदगी – 22

Love you Zindagi
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Love You Zindagi – 22

उदास चेहरा लिए रुचिका अपार्टमेंट में दाखिल हुई ! चारो और पानी से कीचड़ और गंदगी हो चुकी थी , खुद को सम्हालते हुए रुचिका अंदर आयी और सीढ़ियों से ऊपर जाने लगी क्योकि लिफ्ट आज भी बंद थी ! फ्लेट के सामने आकर उसने दरवाजा खोला और अंदर चली आयी ! रुचिका इस वक्त इतना अपसेट थी की उसे ध्यान भी नहीं रहा की नैना और शीतल वहा नहीं है ! रुचिका ने पर्स टेबल पर रखा और बाथरूम की और बढ़ गयी ! अंदर आकर उसने शॉवर चालू किया और उसके निचे खड़ी हो गई ! पानी सर से होकर गुजरता रहा और पानी के साथ ही उसकी आँखो ने भी बहना शुरू कर दिया ! बीती रात सचिन ने उसके साथ जो किया उसने रुचिका को बहुत गहरे तक हर्ट किया था ! रुचिका रोती रही और वही खड़े रही , सचिन के साथ बिताये पल एक एक करके उसकी आँखों के सामने आने लगे ! होश तब आया जब बेल बजी ! रुचिका ने कपडे बदले और आकर दरवाजा खोला सामने नैना खड़ी थी ! नींद के कारण नैना ने रुचिका पर ध्यान नहीं दिया और कमरे में जाकर सो गयी ! नैना को वहा देखकर रुचिका को ख्याल आया की शीतल कही नजर नहीं आ रही उसने अपना पर्स उठाया फोन निकालकर शीतल को फोन लगाया तो दूसरी तरफ से शीतल ने कहा,”मैं ठीक हूँ रुचिका , बारिश के कारण बाहर फंस गयी थी थोड़ी देर में घर आ रही हूँ !”
“ठीक है !”,कहकर रुचिका ने फोन काट दिया ! वह वही सोफे पर बैठकर सोच में डूब गयी उसे बार बार सचिन की याद आ रही थी जब नहीं रहा गया तो उसने सचिन का नंबर डॉयल किया लेकिन एक रिंग के बाद सचिन ने फोन काट दिया ! रुचिका की आँखों से फिर आंसू बहने लगे ! रुचिका थकान के मारे वही सो गयी ! घंटे भर बाद शीतल आयी उसने देखा रुचिका और शीतल दोनों ही सो रही है तो उसने उन्हें उठाना सही नहीं समझा ! नहाने के बाद उसने दोनों के लिए नाश्ता बनाया और खुद नाश्ता कर ऑफिस के लिए निकल गयी ! आज जरुरी मीटिंग थी और नयी टीम का वहा होना बहुत जरुरी था !
शीतल के जाने के कुछ देर बाद ही नैना उठी और उबासियाँ लेते हुए शीशे में खुद को देखने लगी , उसे खुद में कुछ अजीब दिखा फिर याद आया की उसने लड़को वाली टीशर्ट और और ट्राउजर पहना है ! नैना खुद को अजीब तरह से इधर उधर करके देखने लगी और खुद से कहने लगी,”ये किसके कपडे पहन रखे है मैंने ? मैं तो सीढ़ियों में थी रूचि शीतल का इंतजार कर रही थी फिर ? लगता है तेरी यादाश्त चली गयी है नैना , तुझे कुछ याद क्यों नहीं ?”
नैना सर खुजाते हुए बाहर आयी उसने गैस पर अपने लिए चाय चढ़ाई , नजर साइड में रखी प्लेट पर गयी जिसमे चार पराठे रखे थे ! उन्हें देखकर नैना ने मन ही मन कहा,”शायद शीतल ने बनाया होगा !” सोचकर उसने एक पराठा उठाया और उसका रोल बनाकर चाय बनाते हुए खाने लगी ! चाय छानकर वह कप लेकर बालकनी में चली आयी ! चाय पीते हुए वह इसी सोच में डूबी थी की आखिर ये कपडे किसके है ? नैना ने अभी दो घूंठ ही भरे थे की बेल बज उठी नैना चाय पीते हुए दरवाजे के पास आयी उसने बड़ा सा घूंठ मुंह में भरते हुए दरवाजा खोला ! सामने अवि खड़ा था ! नैना ने भँवे उचकाकर उस से वहा होने की वजह जाननी चाही तो अवि ने हाथ में पकडे कपडे नैना की और बढ़ाकर कहा,”वो मैं आपके कपडे देने आया था कल रात ये मेरे फ्लेट में ही रह गए थे !
नैना ने जैसे ही सुना उसके मुंह में भरी चाय सीधा अवि के मुंह पर जा गिरी ! बेचारा अवि अभी कुछ देर पहले ही नहाया था नैना ने उसे गंदा कर दिया और कहा,”ये मेरे कपडे है , मतलब मैंने तुम्हारे कपडे पहने है ! कल रात तुम्हारे फ्लेट में ,मतलब हमारे बिच , हे भगवान मैं लूट गयी बर्बाद हो गयी ये मैंने क्या कर दिया ? अब मैं इस जालिम दुनिया को अपना चेहरा कैसे दिखाउंगी ?” नैना ने लगभग नौटंकी करते हुए कहा
“ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है”,अवि ने नैना के मुंह पर अपना हाथ रखते हुए कहा तो नैना की पीठ दिवार से जा लगी ! अवि तो बस उसकी आँखों में खो गया , उसकी बड़ी बड़ी आँखे एकटक अवि को देखे जा रही थी ! अवि का दिल सामान्य से तेज था उसका हाथ नैना के मुंह पर था ! नैना ने देखा अवि उसे घूरे जा रहा है तो उसने अपना पैर जोर से अवि के पैर पर दे मारा !
“आउच !”,अवि ने नैना के मुंह से हाथ हटाया और दूर हटकर कहा,”तुम पागल वागल हो क्या ? कल रात बेहोश हो गयी थी पानी देखकर तुम्हे अपने फ्लेट में लेकर गया , कपडे गीले थे इसलिए अपने कपडे पहनने को दिए और तुम , तुम मुझे ही हर्ट कर रही हो !”
अवि की बात सुनकर नैना को हैरानी हुई क्योकि उसे कुछ भी याद नहीं आ रहा था ! अवि ने उसकी और देखा तो नैना ने उसके हाथ से अपने कपडे लिए और लेकर अंदर चली गयी ! अंदर आते हुए वह बड़बड़ाने लगी,”क्या हो गया है तुझे नैना ? ऐसे क्यों बिहेव कर रही है उसके साथ ,, कल रात क्या हुआ ? याद क्यों नहीं आ रहा है तुझे ? आआआह ओह गॉड , एक दिन पागल हो जाना है मैंने अपनी वजह से ही !” नैना ने कपडे बिस्तर पर रख दिए चाय का टेस्ट तो ख़राब हो ही चुका था ! नैना ने घडी देखी आज फिर वह ऑफिस के लिए लेट हो चुकी थी , वह जल्दी जल्दी नहाकर तैयार हुयी और ऑफिस के लिए निकल गयी उसे याद आया आज टीम की मीटिंग थी और मीटिंग शुरू होने में सिर्फ आधा घंटा ही बचा था वह अपार्टमेंट के बाहर आयी लेकिन ऑटो नहीं मिला ! कुछ देर बाद अवि जैसे ही उसके सामने से गुजरा नैना ने आवाज देकर उसे रोक लिया ! अवि कुछ कहता इस से पहले ही नैना ने उसके पीछे बैठते हुए कहा,”मेरे ऑफिस चलो जल्दी !”
“लेकिन।।।।।।।।।।।।!”,अवि ने जैसे ही कहना चाहा नैना ने बिच में ही टोक दिया,”लेकिन क्या कभी किसी लड़की को लिफ्ट नहीं दी ? अब जल्दी चलो मुझे देर हो रही है प्लीज !” अवि की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा पहली बार नैना उसके साथ बाइक पर बैठी थी ! अवि ने बाइक आगे बढ़ा दी , नैना का एक हाथ उसके कंधे पर था और दुसरे में वह अपना बैग पकडे हुए थी ! अवि चाहता था नैना से बात करे लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी ! वह बाइक चलाते हुए बस साइड मिरर में नैना के मासूम से चेहरे को देखे जा रहा था और सोच रहा था,”काश ये पल यही रुक जाये , तुम्हारा हाथ ऐसे ही मेरे कंधे पर रहे और मैं अपनी बाइक पर तुम्हे पूरा चंडीगढ़ घुमाऊ !”
जबकि पीछे बैठी नैना मन ही मन खुद को कोसते हुए कह रही थी,”किस से लिफ्ट ले ली मैंने साला इस बाइक से अच्छा तो मैं भागकर ऑफिस चली जाती , कतई मरी हुई चाल चल रहा है ,, ऊपर ये महान इंसान इतना धीरे चला रहा है की शाम तक भी ऑफिस ना पहुंचे !” नैना ने कुछ देर खुद को काबू में रखा लेकिन आखिर में उसके सब्र का बांध टुटा और उसने कहा,”बाइक रोको !”
“क्या ?”,अवि ने जानबूझकर अनसुना कर दिया !
“मैंने कहा बाइक रोको !”,नैना ने थोड़ा तेज आवाज में कहा तो अवि ने बाइक रोक दी ! नैना उतरी और अवि के सर से हेलमेट उतारकर खुद पहनते हुए कहा,”पीछे खिसको !”
बेचारा अवि चुपचाप किसी छोटे बच्चे की तरह उसकी बात मानते हुए पीछे भी खिसक गया नैना बाइक पर बैठी , बाइक स्टार्ट की और तेजी से आगे बढ़ा दी ! बाइक इतनी तेज थी की पीछे बैठे अवि का दिल धक् धक् कर रहा था ! इतना तेज तो आज से पहले शायद उसने भी नहीं चलाया होगा ! नैना के साथ उसे ये अपना आखरी सफर नजर आ रहा था ! उसने पीछे से बाइक को दोनों हाथो से पकड़ रखा था की अचानक कुछ दूर जाकर नैना ने ब्रेक लगाया तो अवि के हाथ उसकी कमर से जा लगे ! लेकिन नैना का ध्यान उस और नहीं गया उसने पलटकर अवि से कहा,”ज़रा लेफ्ट साइड में देखियो मामा लोग तो नहीं खड़े है !”
“मामा ?”,अवि को कुछ समझ नहीं आया उसने हैरानी से कहा
“अबे देखो ट्रैफिक वाले खड़े है की नहीं खड़े”,नैना ने कहा लेकिन अवि को खोया देखकर नैना ने खुद से कहा,’छोडो यार मैं भी किस से पूछ रही ?”
नैना ने तेजी से बाइक घुमाई और वहा से सरपट निकल गयी !! कुछ देर बाद बाइक ऑफिस के सामने पहुंची नैना बाइक से उतरी हेलमेट उतारा और अपना बैग लेकर आगे बढ़ गयी ! उसके जाते ही अवि ने मन ही मन कहा,”कैसी अजीब लड़की है एक थैंक्यू तक नहीं बोला ?” अवि अभी ये सब सोच ही रहा था की तभी नैना वापस आयी और अवि से कहा,”हे थैंक्यू एंड सुबह के लिए सॉरी !”
नैना ने पहली बार अवि के सामने ये दो शब्द कहे थे और इन्हे कहते हुए वह बड़ी प्यारी लग रही थी ! उसे जल्दी थी इसलिए तुरंत बिना अवि का जवाब सुने वह वापस भी भाग गयी ! अवि मुस्कुरा उठा नैना को अपना प्यार चुनकर उसने कोई गलती नहीं की उसे ऐसा महसूस होने लगा था ! वह तब तक नैना को देखता रहा जब तक वह आँखों से ओझल ना हो गयी ! नैना के जाने के बाद अवि ने हेलमेट लगाया और अपनी बाइक लेकर वहा से चला गया ! नैना जल्दी जल्दी अंदर आयी केबिन में आकर अपना आई डी कार्ड गले में पहना और मीटिंग फाइल ढूंढने लगी लेकिन वो वहा नहीं थी तभी अमित ने फाइल नैना की और बढाकर कहा,”नैना तुम्हारी फाइल को मैंने सेट कर दिया है , ये लो !”
नैना ने फाइल देखी और कहा,”थेंक्स !”
“सिर्फ थेंक्स !”,अमित ने निराश होकर कहा
“यही गद्दा लगवा दू तुम्हारे लिए , अबे साले साथ काम करने वाले कलीग्स भाई बहन जैसे होते है ,, तुम हो की रंगबाजी में जिए जा रहे हो , मेरे साथ ट्राय करोगे मुंह की खाओगे !!”,नैना ने कहा
“मेरा वो मतलब नहीं था”,अमित ने कहा
“ये सारे मतलब मेरी समझ से बाहर है , अब चलो मीटिंग शुरू होने वाली है !”,कहकर नैना अमित को वहा से लेकर मीटिंग रूम की और बढ़ गयी !मीटिंग में सभी जमा थे और नए स्टाफ के साथ ये मीटिंग निरंजन सर (मैनेजर) अटेंड कर रहे थे ! सभी आकर अपनी अपनी कुर्सियों पर बैठ गए बस रुचिका नहीं थी उसे वहा ना पाकर मैनेजर ने कहा,”ये एक इम्पोर्टेन्ट मीटिंग थी और इसमें सबका होना जरुरी है बताया था मैंने तो फिर रुचिका कहा है ?”
“मे आई कम इन सर !”,दरवाजे पर खड़ी रुचिका ने कहा , उसकी आँखे अभी भी लाल और सूजी हुई थी ! मैनेजर ने देखा तो कहा,”यस कम इन !” रुचिका आकर अपनी सीट पर बैठ गयी नैना और शीतल ने एक नजर उसे देखा और फिर सबने अपना अपना ध्यान मीटिंग में लगा लिया !
मीटिंग खत्म होने के बाद सभी वहा से जाने लगे लेकिन नैना अपनी सीट पर बैठी रही जैसे ही रुचिका उसके सामने से गुजरी नैना ने उसे रोक लिया और कहा,”कल रात कहा थी तुम ?”
रुचिका ने कुछ नहीं कहा तो नैना ने कहा,”देख रूचि मैं तेरे पर्सनल मेटर में नहीं पड़ना चाहती लेकिन तू आज कुछ ठीक नहीं लग रही है , बता क्या हुआ ?” नैना की बात सुनकर रुचिका ने कहा,”नैना जस्ट लिव मी अलोन !”
“रूचि मेरी बात तो सुन !”,नैना ने उसे समझाना चाहा लेकिन रुचिका ने उसकी एक बात नहीं सुनी और वहा से चली गयी ! वह अपना दर्द किसी के साथ नहीं बाटना चाहती थी ! नैना वही बैठी सोचती रही और खुद से कहा,”ये रूचि जरूर मुझसे कुछ ना कुछ छुपा रही है , लेकिन क्या ? इसका पता तो मैं लगा ही लुंगी !”
कुछ देर बाद नैना भी आकर केबिन में अपना काम करने लगी ! अमित मुंह लटकाये बैठा था उसे देखकर ख़ुशी ने कहा,”अरे तुम्हे क्या हुआ ?”
“नैना को इम्प्रेस करने के लिए फाइल सेट की बदले में उसने मेरी ही वाट लगा दी !”,अमित ने मुंह लटककर कहा तो पास बैठा विशाल हसने लगा और अपनी चेयर उसकी और घुमाकर कहा,”भाई तू हिम्मत वाला है तूने नैना से इतनी उम्मीद तो की वरना ऑफिस वाले तो उस से बात करने में भी घबराते है वो कब किसे सूना दे उसका कोई पता नहीं ? यहाँ तक के अपना मैनेजेर भी नैना के नाम से डरता है !”
“लेकिन वो मुझे बहुत अच्छी लगती है यार”,अमित ने बच्चो की तरह मचलकर कहा
कही से उड़ते हुए ये बात नैना के कानो तक जा पहुंची तो उसने अपनी कुर्सी घुमाई और उन तीनो के पास ले आयी और बैठते हुए कहा,”अच्छी तो मैं सबको लगती हूँ तो क्या सबके साथ डेट पर चली जाऊ , शादी कर लू उनसे !”
बेचारा अमित खामोश हो गया तो नैना ने कहा,”देख यार तुम लड़के मेरी समझ से बाहर हो , साथ में काम करते हो , अच्छा बांड है सबका ये पसंद नापसंद वाला मेटर लाकर इस बांड को ख़राब मत करो ! आज हम सब साथ काम कर रहे है कल ना जाने कौन कहा होगा ? आगे जाकर जब भी हम एक दूसरे को याद करे तो मुस्कुराकर करे एक दूसरे को कोसते हुए नहीं ! समझे की नाही समझे ?’
“तुमने समझाया है तो समझ जाऊंगा नैना !”,अमित ने कहा
“अये गजब ! अब मन लगाकर काम करो नैना से भी अच्छी लड़की तुम्हारा इंतजार कर रही है !”,नैना ने जाते हुए कहा
“कहा है ?”,अमित ने इधर उधर देखते हुए कहा
“हरामीपन नहीं जायेगा तुम लौंडो का , इतनी जल्दी मन बदल लिया ! अबे काम में ध्यान लगाओ कुछ कमा लो ,,बाकि जैसी हरकते है लगता नहीं है लव मैरिज होगी तुम्हारी अरेंज में भरोसा रखो !”,नैना ने कहा और वहा से निकल गयी ! अमित को समझ आ गया था की नैना उसकी पहुँच से बहुत दूर है और शायद किस्मत से भी इसलिए वह उसे भूलकर अपना ध्यान काम में लगाने लगा !
नैना की आदत थी की वह ज्यादा देर तक रुक नहीं पाती थी ! घूमते घामते वह केंटीन जा पहुंची लड़के ने जब नैना को वहा देखा तो पहले ही उसके लिए चाय का कप रख दिया ! नैना ने उसे उठाया और आकर कुर्सी पर बैठी चाय का कप टेबल पर रखकर कहा,”लाइफ इज सो ब्यूट्रीफूल !”
कहकर उसने जेब से फोन निकाला अभी स्क्रॉलिंग कर ही रही थी की तभी मॉम का फोन आया नैना ने बात की तो उधर से उसकी मम्मी आराधना जी ने कहा,”नैना तुम्हे वो पटियाला वाली सुमि मौसी याद है ?”
“कौन पटियाला वाली मौसी ?”,नैना ने जान बुझकर अनजान बनते हुए कहा
“अरे वही जिनके बेटे की शादी में गए थे हम सब , वो अपनी फॅमिली के साथ दिल्ली शिफ्ट हो गए है ,, मैंने उन्हें बताया की तुम भी वही हो तो प्लीज जाकर एक बार उनसे मिल लेना !”,आराधना जी ने कहा
“मॉम आप सच में मेरी माँ है ना ?”,नैना ने कहा
“हां बेटा ऐसा क्यों पूछ रही है ?”,आराधना जी ने कहा
“तो फिर ये टॉर्चर क्यों मॉम ? उन्हें क्यों बताया मैं यहाँ हूँ ?”,नैना ने लगभग रोते हुए कहा
“वो हमारे रिश्तेदार है बेटा , मिल लेना !”,आराधना जी ने कहा
“मॉम ! ये अच्छा नहीं कर रही है आप मेरे साथ”,नैना ने कहा
“अच्छा तुम बताओ घर कब आ रही हो ?”,आराधना जी ने कहा
“बस जल्दी ही मॉम और मेरे साथ मेरी रूममेट्स भी आएँगी !”,नैना ने कहा
“ओके बेटा ! सुमि आंटी से जरूर मिल लेना ! बाय लव यू”,आराधना ने कहा
“बाय मॉम !”,नैना ने निराशा से कहा और फोन काट दिया ! चाय उठाकर जैसे ही एक घूंठ भरा उसका मुंह बन गया ! चाय ठंडी हो चुकी थी नैना ने उसे वापस टेबल पर रख दिया !! लोगो की जिंदगी में परेशानिया होती है लेकिन नैना इकलौती ऐसी लड़की थी जिसकी परेशानियों में थोड़ी सी जिंदगी थी ! वह एक भसड़ से निकलती तो उसका पांव ऑटोमैटिक दूसरी भसड़ में गिरता ! नैना ने ठंडी हो चुकी चाय का कप उठाया और डस्टबिन में डालकर काउंटर की और आयी ! जब उसने पैसे दिए तो लड़के ने कहा,”दीदी चाय तो पि नहीं आपने फिर पैसे किसलिए ?”
“तुम्हारी चाय तो वेस्ट हुई है न भले मैंने ना पि हो , रखो चुपचाप !”,नैना ने कहा तो लड़के ने चुपचाप पैसे ले लिए और कहा,”दीदी सब ठीक है ?”
नैना मुस्कुराई और कहा,”हमाई जिंदगी ऐसी है जब भी हमे लगता है की सब सही चल रहा है तभी जिंदगी पलटकर कहती है ‘ऐसे कैसे दीदी ?’
लड़का कुछ समझ नहीं पाया लेकिन पाठक समझ गए और नैना एक बार फिर अपने केबिन की और बढ़ गयी !!

क्रमश :- love-you-zindagi-23

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संजना किरोड़ीवाल !

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