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Love You ज़िन्दगी – 21

Love You Zindagi – 21

Love You Zindagi
Love You Zindagi

अवि जल्दी से गाड़ी निकालो नैना को मैं सम्हालता हूँ,,,,,,,,,,!!”,चौधरी साहब ने नैना को सम्हालते हुए कहानैना को बेहोश देखकर अवि के पैर लगभग काँप रहे थे वह दौड़ते हुए गाड़ी के पास गया तब तक भोला गाड़ी की चाबी लेकर आ चुका था। अवि ने गाड़ी स्टार्ट की और नैंना के पास लेकर आया। चौधरी साहब नैना को लेकर गाड़ी में बैठे।

सौंदर्या भी उनके पास चली आयी और पीछे आ बैठी वे नैना को होश में लाने की कोशिश कर रही थी। सार्थक ने शीतल को निबी के साथ रुकने को कहा और खुद अवि के बगल में आ बैठा और सब वहा से निकल गए।
नैना को इस हाल में देखकर निबी घबराकर रोने लगी। शीतल ने देखा तो वह निबी के पास आयी और उसे सम्हालते हुए कहा,”चुप हो जाओ निबी नैना को कुछ नहीं होगा,,,,,,,,,,,!!”


“भाभी को अचानक से ये क्या हो गया ? आई हॉप उन्हें कुछ ना हो वरना मैं खुद को कभी माफ़ नहीं कर पाऊँगी,,,,,,,,,,,,आज पहली बार मैंने उन पर इतना गुस्सा किया , उन्हें इतना हर्ट किया और उन पर हाथ भी उठा दिया,,,,,,,,,,मेरी वजह से उन्होंने इतना स्ट्रेस ले लिया और ये सब,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए निबी रोने लगी।  शीतल की तरह उसे भी नैना के कैंसर के बारे में नहीं पता था शायद,,,,,,,,,,,!!


शीतल ने सुना तो उसे नैना के लिए बहुत दुःख हुआ। हमेशा दबंग रहने वाली नैना को शादी के बाद कितना कुछ सहना पड़ रहा था। शीतल ने निबी को शांत करवाया और उसे लेकर अंदर चली आयी। दोनों हॉल में चली आयी। शीतल ने भोला से निबी को पानी देने को कहा और खुद घर में बने मंदिर के सामने आकर नैना के ठीक होने की प्रार्थना करने लगी।

अवि जितनी तेज गाड़ी चला सकता था चलाकर विहान के हॉस्पिटल पहुंचा। सौंदर्या ने विहान को पहले ही फोन करके आने के बारे में बता दिया था। वार्ड बॉय ने हॉस्पिटल के गेट के बाहर स्ट्रेक्चर लगा रखा था साथ ही विहान भी वही खड़ा था। गाड़ी आकर रुकी अवि गाड़ी से नीचे उतरा और नैना को गोद में उठाकर स्ट्रेक्चर पर लेटाया। सार्थक ने गार्ड से गाड़ी पार्किंग में लगाने को कहा और सबके साथ अंदर चला गया।

नैना को तुरंत इमरजेंसी वार्ड में ले जाया गया सौंदर्या खुद एक डॉक्टर थी इसलिए विहान ने उसे अपने साथ आने दिया लेकिन सार्थक , अवि और चौधरी साहब को बाहर रुकने को कहा। चौधरी साहब बाहर पड़े सोफे पर आ बैठे और अवि वही दिवार के पास खड़ा हो गया। उसके हाथ काँप रहे थे और आँखों में नैना को खो देने का डर साफ दिखाई दे रहा था। सार्थक ने देखा तो अवि के पास आया और उसके कंधे पर हाथ रखकर कहा,”चिंता मत करो अवि नैना को कुछ नहीं होगा वो ठीक हो जाएगी,,,,,,,,,,,,वो बहुत स्ट्रांग है”


अवि ने हामी में सर हिला दिया लेकिन उसके चेहरे के भाव बता रहे थे कि वह काफी डरा हुआ था। कुछ देर बाद इमरजेंसी का गेट खुला और विहान ने बाहर आकर एक पेपर अवि को थमाते हुए कहा,”अवि फटाफट ये इंजेक्शन लेकर आओ,,,,,,,,!!”
अवि ने कांपते हाथो से पर्ची ली , सार्थक ने देखा तो उसने अवि के हाथ से पर्ची ली और कहा,”डॉक्टर मैं लेकर आता हूँ,,,,,,,,,!!”


“ठीक है जल्दी करो,,,,,,,,,,,,,रिलेक्स अवि नैना ठीक हो जाएगी,,,,,,,,!!”,विहान ने जाते जाते अवि के कंधे पर हाथ रखकर कहा और वापस चला गया।
सार्थक ने इंजेक्शन लाकर दिया और उसके बाद नैना का इलाज शुरू हुआ।

चौधरी साहब के चेहरे पर भी परेशानी के भाव साफ देखे जा सकते थे लेकिन उन्हें तसल्ली थी कि सौंदर्या नैना के साथ है। चौधरी साहब ने अवि को अपने पास बैठने को कहा। अवि उनके पास आ बैठा और अपने हाथो की उंगलियों को आपस में फंसाकर होंठो से लगा लिया। अवि किसी भी हालत में नैना को खोना नहीं चाहता था। उसने नैना से वादा किया था कि वह नैना को कुछ नहीं होने देगा लेकिन वह चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहा था।


सार्थक पानी की बोतल ले आया और ढक्कन खोलकर अवि की तरफ बढ़ा दिया। अवि ने दो घूंठ पानी पीया और बोतल चौधरी साहब की तरफ बढाकर वहा से चला गया।
अवि को वहा बैठना अच्छा नहीं लग रहा था , नैना को लेकर बार बार नेगेटिव ख्याल उसके जहन में आ रहे थे। अवि हॉस्पिटल की लॉबी में चला आया। सार्थक अवि के पास आया उसने देखा बालकनी से बाहर देखते हुए अवि की आँखों में आँसू और चेहरा उदासी से भरा हुआ था। सार्थक आकर उसके बगल में खड़ा हो गया।

कुछ देर खामोश रहने के बाद सार्थक ने कहा,”अवि ऐसे वक्त में तुम्हे स्ट्रांग रहने की जरूरत है अगर तुम ही ऐसे कमजोर पड़ जाओगे तो नैना को कौन सम्हालेगा ? इस वक्त उसे सबसे ज्यादा तुम्हारी जरूरत है,,,,,,,,,,,!!”
अवि सार्थक की तरफ पलटा और कहा,”उसे मेरी जरूरत है लेकिन वो कभी इस बात को मानेगी नहीं,,,,,,,,,,,वो इतनी अच्छी है ना सार्थक कि हर किसी के लिए सिर्फ अच्छा सोचती है , लेकिन उसके साथ कभी अच्छा नहीं होता।

वो अकेले ही सब से भीड़ जाती है पागल लड़की ये नहीं समझती है कि हर जगह वो अकेले नहीं लड़ सकती,,,,,,,,,,,आई ऍम आलवेज देयर फॉर हर लेकिन वो मुझे इसलिए कुछ नहीं बताती क्योकि वो मुझे परेशान करना नहीं चाहती,,,,,,!!”  

“क्योकि वो तुम से प्यार करती है अवि और जिनसे हम प्यार करते है हम कभी उन्हें तकलीफ में देखना नहीं चाहेंगे,,,,,,,,,,,,,और नैना वो तो उन चंद लड़कियों में से है जो दुनिया भर की परेशानिया अपने सर ले लेगी लेकिन तुम्हे कभी परेशान नहीं करेगी,,,,,,,,नैना ठीक हो जाएगी , और एक बार वो ठीक हो जाये उसके बाद हम सब मिलकर उसकी क्लास लगाएंगे,,,,,,,,,!!”,सार्थक ने कहा


अवि को महसूस हुआ कि नैना को लेकर वह कुछ ज्यादा ही चिंतित हो रहा है उसने एक गहरी साँस ली और वही पड़ी बेंच पर बैठ गया। सार्थक भी उसके बगल में आ बैठा और इसके बाद उन दोनों के बीच कोई बात नहीं हुई। सार्थक नहीं जानता था कि नैना को कैंसर है और उस वजह से नैना हॉस्पिटल में है वह बस मन ही मन भगवान से नैना के ठीक होने की दुआ कर रहा था।

काफी देर बाद विहान की आवाज से अवि की तंद्रा टूटी। अवि ने आवाज वाली दिशा में देखा विहान को देखकर अवि उसके पास आया और कहा,”नैना कैसी है ? वो ठीक तो हो जाएगी ना ?”
विहान ने वहा कुछ भी कहना ठीक नहीं समझा इसलिए कहा,”मेरे चेंबर में आओ”
अवि और सार्थक विहान के पीछे उसके चेंबर में चले आये जहा चौधरी साहब और सौंदर्या पहले से मौजूद थे। चेंबर में दाखिल होने के साथ ही अवि ने एक नजर सौंदर्या को देखा उनका उतरा हुआ चेहरा देखकर अवि का दिल धड़कने लगा।

विहान ने सबको बैठने को कहा और खुद अपनी कुर्सी पर आ बैठा। अवि बस विहान के बोलने का इंतजार कर रहा था। विहान ने अवि को देखा और कहा,”मैंने तुमसे कहा था अवि लेकिन तुमने मेरी बात को सीरियसली नहीं लिया। नैना को अटैक आया है और ये अटैक इतना डेंजर था कि इस से उसकी जान भी जा सकती थी लेकिन भगवान का शुक्र है तुम उसे वक्त पर हॉस्पिटल ले आये।”


अवि ने सुना तो उसके दिल की धड़कने जैसे कुछ देर के लिए रुक गयी वह विहान के आगे बोलने का इंतजार करने लगा। विहान ने आगे कहना शुरू किया,”नैना की जान तो हमने बचा ली है लेकिन अभी वो वेंटिलेटर पर है और उसकी कंडीशन बहुत सीरियस है , वो अभी भी बेहोश है उसे होश नहीं आया है उसका इलाज जारी है,,,,,,,,,,,,,,एक बार नैना को होश आ जाये उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।”

विहान की बात सुनकर जैसे अवि के पैरो में जान ही नहीं रही वह लड़खड़ाया और वहा पड़ी कुर्सी के हत्थे को थाम लिया। अवि कुछ बोलने की हालत में नहीं था।  विहान ने दो दिन पहले ही अवि से नैना को एडमिट करवाने की बात कही थी ताकि अपनी देख रेख में वह नैना का इलाज शुरू कर सके। अवि ने अगर नैना की बात ना मानकर उसका इलाज शुरू किया होता तो नैना को आज इस तकलीफ से गुजरना नहीं पड़ता।

अवि की आँखों के सामने वो सारे पल किसी फिल्म की भांति चलने लगे जो उसकी बीमारी के बाद अवि ने देखे थे। नैना के बालों का झड़ना , उसका गिरता वजन , चेहरे की रंगत कम होना , नैना को रोते देखना सब अवि को याद आ रहा था और ये हर एक याद इस वक्त उसे तकलीफ पहुंचा रही थी।


विहान की आवाज से अवि की तन्द्रा टूटी , अवि ने देखा विहान सौंदर्या और चौधरी साहब से कह रहा था,”मैं आप लोगो को अब यही सजेस्ट करूंगा कि नैना को यही रहने दिया जाये ताकि जितना जल्दी हो सके उसका ट्रीटमेंट शुरू हो वरना बहुत देर हो जाएगी,,,,,,,,,,,,,उसके पास ज्यादा वक्त नहीं है”
विहान ने जैसे ही ये कहा अवि गुस्से से चिल्लाया,”तुम ऐसा कैसे कह सकते हो उसके पास वक्त नहीं है ? कुछ नहीं होगा उसे , मैं उसे कुछ नहीं होने दूंगा,,,,,,,,,!!”


“सार्थक अवि को बाहर लेकर जाओ”,सौंदर्या ने कहा तो सार्थक अवि को लेकर बाहर चला आया। अवि का दुःख अब उसके गुस्से में दिखाई दे रहा था। वह चाहकर भी नैना के लिए कुछ नहीं कर पा रहा था।

विहान ने सौंदर्य और चौधरी साहब को नैना की बीमारी और उसके इलाज के बारे में सब बताया। नैना को कैंसर है ये सुनकर चौधरी साहब को एक धक्का सा लगा उन्होंने सौदंर्या की तरफ देखा और कहा,”क्या तुम नैना के बारे में यही बताने वाली थी सौंदर्या ?”
सौंदर्या ने नम आँखों के साथ अपनी पलकें झपका दी। चौधरी साहब को नैना के बारे में सोचकर बहुत दुःख हुआ उन्होंने कभी सोचा नहीं था हमेशा हसने मुस्कुराने वाली नैना ऐसे दर्द से गुजरेगी,,,,,,,!!


“चिंता मत कीजिये डॉक्टर्स अपनी पूरी कोशिश कर रहे है बाकि सब उपरवाले के हाथ में है। बस एक बार नैना को होश आ जाये,,,,,,,,,,,!!”,विहान ने कहा
 विहान से बात करके सौंदर्या और चौधरी साहब चेंबर से बाहर चले आये। अवि और सार्थक बाहर रखे सोफे पर बैठे थे , अवि की आँखो में आँसू थे और चेहरा उदासी से उतरा हुआ था।

सौंदर्या ने वही रुकने का फैसला किया तो अवि भी वही रुक गया। चौधरी साहब और सार्थक घर के लिए निकल गए। चौधरी साहब को परेशान देखकर सार्थक ने उनसे नैना के बारे में कुछ नहीं पूछा लेकिन विहान की कही ट्रीटमेंट वाली बात बार बार उसके जहन में घूम रही थी ,, विहान किस ट्रीटमेंट की बात कर रहा था सार्थक नहीं जानता था। दोनों घर पहुंचे और जैसे ही हॉल में आये निबी अपने पापा को देखकर उनके पास आयी और कहा,”डेड ! भाभी कैसी है वो ठीक तो हैं ना ? वो घर कब आएगी ?”


निबी को परेशान देखकर चौधरी साहब को झूठ बोलना पड़ा,”नैना अब ठीक है उसे बस चक्कर आ गया था इसलिए वो बेहोश हो गयी,,,,,,,,,,,,,तुम्हारी मॉम और अवि है उसके पास सुबह वो लोग नैना को लेकर घर आ जायेंगे,,,,,,,,,!!”


“थैंक गॉड ! नैना भाभी ठीक है,,,,,,,,!!”,निबी ने भर्राये गले से कहा तो चौधरी साहब ने उसे सीने से लगाया और कहा,”शांत हो जाओ निबी नैना ठीक है , रात बहुत हो गयी है तुम अपने कमरे में जाकर आराम करो,,,,,,,,,,,!!”
निबी ने हामी में सर हिलाया और वहा से चली गयी। चौधरी साहब ने सार्थक से जाकर आराम करने को कहा और खुद भी वहा से चले गए

सार्थक गेस्ट रूम में आया तो देखा शीतल परेशान सी कमरे में चहलकदमी कर रही है। सार्थक को देखते ही शीतल उसके पास आयी और कहा,”सार्थक ! नैना कैसी है ? वो ठीक तो है ना ? तुम चुप क्यों हो जवाब दो ?”
“नैना को होश नहीं आया है शीतल डॉक्टर ने कहा है उसके होश में आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता हैं”,सार्थक ने बुझे स्वर में कहा


शीतल ने सुना तो उसकी आँखों में नमी उभर आयी और वह कहने लगी,”जब हम लोग यहाँ आये थे तब कितनी खुश थी वो लेकिन अचानक से ये उसके साथ क्या हो गया सार्थक ? मुझे तो बहुत डर लग रहा है ,, नैना बस ठीक हो जाये”
सार्थक ने कुछ कहता इस से पहले कमरे का दरवाजा किसी ने खटखटाया। सार्थक और शीतल ने देखा दरवाजे पर पर भोला खड़ा था उसके हाथो में खाने से भरी ट्रे थी। सार्थक ने उसे अंदर आने को कहा


भोला ने खाने की ट्रे टेबल पर रखी और कहा,”सर ने ये खाना आप दोनों के लिए भिजवाया है…..!!”
नैना इस हाल में थी ऐसे में भूख किसे लगती भला ? सार्थक और शीतल ने भोला से खाना वापस ले जाने को कह दिया। जाते जाते भोला ने पलटकर सार्थक से कहा,”सर ! नैना मैडम कैसी है ?”
“वो ठीक है”,सार्थक ने छोटा सा जवाब दिया क्योकि उसे भोला से झूठ बोलते हुए अच्छा नहीं लग रहा था।

भोला मुस्कुराया और कहा,”हमे पता ही था हमारी नैना मैडम इतनी स्ट्रांग है ऐसी छोटी मोटी प्रॉब्लम से तो वो यू लड़ लेती है। अच्छा सर मैं चलता हूँ आप लोग रेस्ट कीजिये,,,,,,,,,,,,!!”
भोला वहा से चला गया सार्थक उदास सा चेहरा लिए बिस्तर पर आ बैठा और शीतल उसके बगल में आ बैठी

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संजना किरोड़ीवाल

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