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Love You Zindagi – 20

Love You Zindagi – 20

Love You Zindagi - 1 Season 3
Love You जिंदगी – 1 Season 3

सब मेहमानो ने ये तमाशा देखा तो एक एक करके वहा से जाने लगे। चौधरी साहब ने भी किसी को नहीं रोका। आखिर इतने बड़े तमाशे के बाद किस का ही मन करता पार्टी में रुकने का। अनुराग के पापा ने अनुराग को गुस्से में देखा और वहा से चले गए।  चौधरी साहब ने वहा खड़े गार्ड्स से कहा,”गार्ड्स , बाहर निकालो इस घटिया आदमी को यहाँ से और आज के बाद ये इस घर के आस पास भी दिखाई दे तो इसे पुलिस के हवाले कर दो,,,,,,,,,,,!!”


गार्ड्स आये और अनुराग को वहा से लेकर चले गए। अवि ने देखा नैना अकेली खड़ी थी उसके चेहरे पर परेशानी और डर के भाव थे। अवि उसके पास आया और उसे अपने सीने से लगाकर कहा,”सब ठीक है नैना , अनुराग का सच सबके सामने आ चुका है वो इस घर में कभी वापस नहीं आएगा”


“मैंने सही नहीं किया पडोसी , मैंने निबी का दिल तोड़ दिया,,,,,,,,,,!!”,नैना ने आँखों में आँसू भरकर कहा
अवि ने नैना के चेहरे को अपने हाथो में लेकर कहा,”अनुराग का भरम तोड़ने के लिए निबी का दिल टूटना जरुरी था नैना ,, तुमने निबी को एक बहुत बड़ी मुसीबत से बचाया है,,,,,,,,,,,,,!!”

नैना ने हामी में सर हिलाया और सौंदर्या की तरफ चली आयी। नैना ने उनके सामने आकर कहा,”मुझे माफ़ कर दीजिये मॉम मैंने,,,,,,,,,,,,,!!”
“तुम्हे माफ़ी मांगने की जरूरत नहीं है नैना तुमने आज जो किया वो तुम्हे बहुत पहले ही कर देना चाहिए था , तुम्हे इतना सफर नहीं करना पड़ता,,,,,,,,,!!”,सौंदर्या ने नैना की बात बीच में काटकर कहा
“मैं डर गयी थी मॉम,,,,,,,,!!”,नैना ने धीमे स्वर में कहा उसकी आँखों में अब भी आँसू थे


“मेरी नैना किसी से नहीं डरती , खबरदार जो तुमने डरने की बात की,,,,,,,,,,यहाँ आओ”,सौंदर्या ने नैना को अपने पास आने का इशारा किया
 उन्होंने नैना के माथे को अपने होंठो से छुआ और गले लगाकर कहा,”तुम बहुत अच्छी हो नैना,,,,,,,,, हमेशा ऐसे ही रहना”
नैना कुछ देर उनके गले लगी रही और फिर शीतल सार्थक के पास आकर कहा,”थैंक्यू गाईज ! आज अगर सही वक्त पर तुम दोनों ने अनुराग के डेड को यहाँ नहीं बुलाया होता तो उसका ये झूठ कभी सामने नहीं आता , थैंक्यू सो मच”


“ओह्ह्ह तो अब तुम मुझे और सार्थक को थैंक्यू कहोगी , सच में नैना क्या तुम इतनी बड़ी हो गयी हो,,,,,,,,,,,,,ये सब हमने इसलिए किया क्योकि हम तुम्हे परेशान नहीं देख सकते,,,,,,,,,,,,!!”,शीतल ने शिकायती लहजे में कहा तो नैना उसके गले आ लगी
आज सच में शीतल और सार्थक ने बखूबी अपनी दोस्ती निभाई थी , वे दोनों नैना के साथ थे बस कमी थी तो रुचिका और मोंटी

नैना शीतल से दूर हटी तो शीतल ने नैना के आँसू पोछते हुए कहा,”तुम्हारी आँखों में ये आँसू बिल्कुल अच्छे नहीं लगते नैना,,,,,,,,,तुम हंसती मुस्कुराती और,,,,,,,,,!!”
“और गाली देते हुए ही अच्छी लगती हो,,,,,,,,,,,!”,शीतल से पहले सार्थक बोल उठा तो नैना हंस पड़ी और शीतल ने सार्थक की बांह पर हल्के से मारते हुए कहा,”कुछ भी,,,,,,,,,,,!!”

आशीर्वाद अपार्टमेंट , दिल्ली
मिसेज आहूजा अपने अपार्टमेंट के किचन में खाना बना रही थी। उनकी बेटी बिट्टू किचन में आयी , वह अपनी मम्मी से बात करना चाहती थी लेकिन हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी। मिसेज आहूजा ने बिट्टू को असमझ में देखा और कहा,”क्या हुआ , तुम्हे कुछ चाहिए ?”
“मुझे आपसे कुछ पूछना था,,,,,,,,!!”,बिट्टू ने हिम्मत करके कहा
“हाँ पूछो,,,,,,,,!”,मिसेज आहूजा ने कड़ाही में चम्मच घूमाते हुए कहा


“आज सुबह आप कैफे में क्या कर रही थी ? मैंने देखा आप वहा एक लड़के के साथ थी,,,,,,,,,,!!”,बिट्टू ने कहा
अपनी बेटी की बात सुनकर मिसेज आहूजा का हाथ रुक गया और उसने बिट्टू की तरफ देखकर कहा,”तुम कॉलेज पढ़ने जाती हो या कॉलेज के बहाने कैफे जाती हो ?”
“बात को घुमाइए मत मम्मा , मेरे सब दोस्तों ने आपको वहा देखा है उनके सामने मुझे कितना इम्ब्रेसड फील हुआ है पता है आपको,,,,,,,,,,!!”,बिट्टू ने थोड़ा कठोरता और कडवाहट भरे स्वर में कहा


“मैं वहा किसी जरुरी काम से गयी थी,,,,,,,,,,!!”,मिसेज आहूजा ने कहा
“और वो कौनसा जरुरी काम था मम्मा जो आप अपने से आधी उम्र के लड़के के साथ कैफे में बैठकर कॉफी पी रही थी,,,,,,,,,!!”,बिट्टू ने कहा
“बिट्टू,,,,,,,,,,अभी तुम इतनी बड़ी नहीं हुई हो जो मैं तुम्हे हर बात बताऊ,,,,,,,,,अपने कमरे में जाओ और पढाई करो,,,,!!”,मिसेज आहूजा ने गुस्से से चिल्लाकर कहा


मिसेज आहूजा को गुस्से में देखकर बिट्टू को भी गुस्सा आ गया और उसने कहा,”मैं बड़ी नहीं हुई लेकिन इतनी छोटी भी नहीं हूँ मम्मा कि ये सब चीजे ना समझू,,,,,,,,,,,कभी वो सोसायटी के चेयरमेन , कभी मिस्टर यादव् और आज तो हद हो गयी मम्मा,,,,,,,,आप अपनी लिमिट क्रॉस कर रही है,,,,,,,,,!!”


मिसेज आहूजा ने सुना तो बर्दास्त नहीं कर पायी और खींचकर एक तमांचा बिट्टू के गाल पर रसीद करते हुए कहा,”बकवास बंद करो , बहुत जबान चलने लगी है ना आजकल तुम्हारी,,,,,,,,,चुपचाप जाकर पढाई करो समझी”
थप्पड़ पड़ने ने बिट्टू का दिल टूट गया और वह रोते हुए किचन से बाहर चली आयी !

ऑफिस से घर आये मिस्टर आहूजा ने किचन से बाहर आती बिट्टू को रोते देखा तो उसके पास आये और उसे चुप कराते हुए कहा,”बिट्टू ! क्या हुआ बेटा ? तुम रो क्यों रही हो ?”
“मम्मा का जो मन करता है वो करती है और जब उन्हें कुछ कहा तो उन्होंने मुझे थप्पड़ मारा,,,,,,,,,,,,मम्मा बहुत बुरी है पापा,,,,,,,मैं उनसे कभी बात नहीं करुँगी,,,,,,,,,,!!”,बिट्टू ने रोते हुए कहा और अपने कमरे में चली गयी। कमरे में जाकर उसने जोर से दरवाजा बंद किया


मिस्टर आहूजा बस अभी अभी घर आये थे उन्हें नहीं समझ आया बिट्टू उनसे क्या कहना चाह रही थी। वे किचन में आये और मिसेज आहूजा से कहा,”तुमने बिट्टू पर हाथ क्यों उठाया ?  इतनी बड़ी बेटी पर भी ऐसे कोई हाथ उठाता है क्या ?”
मिसेज आहूजा ने सुना तो मिस्टर आहूजा की तरफ पलटी और कहा,”आजकल उसकी जबान कुछ ज्यादा ही चलने लगी है , कॉलेज के नाम पर दिनभर दोस्तों के साथ कैफे में घूमती है आज मैंने उसे देख लिया और जब उसे समझाया तो वह मुझसे ही बहस करने लगी थी,,,,,,,,,,,,,जब ज्यादा बोला तो मेरा भी हाथ उठ गया”


मिस्टर आहूजा ने सुना तो हैरानी से अपनी पत्नी को देखने लगे। मिसेज आहुजा ने गैस बंद किया और मिस्टर आहूजा के पास आकर प्यार से कहने लगी,”आपको तो पता ही है उसके एग्जाम्स आने वाले है और आपने उसकी पढाई पर कितना पैसा खर्च किया है , अब ऐसे वो अपनी पढाई छोड़कर दोस्तों के साथ घूमेगी तो गलत है ना,,,,,,,,,,,,,आप ही बताओ मैंने कुछ गलत किया क्या ? अब क्या मुझे उसे समझाने का हक़ भी नहीं है ?”


मिस्टर आहूजा ने सुना और कहा,”तुम उसकी माँ हो तुम्हे उसे डाटने का हक़ भी है और समझाने का भी,,,,,,,,,,मैं फ्रेश होकर आता हूँ”
“हाँ आप फ्रेश हो जाईये मैं आपके लिए खाना लगा देती हूँ , आज मैंने आपकी पसंद के छोले बनाये है,,,,,,,,,,!!”,मिसेज आहूजा ने खुश होकर कहा और खाना लगाने लगी। मिस्टर आहूजा भी किचन से निकलकर अपने कमरे की ओर बढ़ गए।

चित्रकूट धाम , रेलवे स्टेशन
रात 10 बजे ट्रेन स्टेशन पहुंची। मोंटी अपना बैग लेकर स्टेशन से बाहर आया। वह बाहर खड़े ऑटो रिक्शा में आ बैठा और उसे अपने घर का पता बताकर चलने को कहा। ऑटोवाले मोंटी के बताये रास्ते चल पड़ा। जैसे जैसे ऑटो घर की तरफ बढ़ रहा था मोंटी का दिल धड़कने लगा। मोंटी की मम्मी प्यारी और मासूम थी उन्होंने कभी मोंटी पर गलती से भी हाथ नहीं उठाया लेकिन मोंटी के पापा बहुत गुस्से वाले और दबंग आदमी थे उनका ख्याल आते ही मोंटी की आँखों में डर के भाव दिखाई देने लगे।


ऑटो घर के सामने आकर रुका , मोंटी डर के मारे फिर भी ऑटो में बैठा रहा। ऑटोवाले की आवाज से मोंटी की तंद्रा टूटी वह ऑटो से उतरा और किराया देकर घर के अंदर आया। घर की लाइट्स जलते देखकर मोंटी समझ गया कि सब उसके स्वागत में अभी तक जाग रहे है। उसने धड़कते दिल के साथ डोरबेल बजायी कुछ देर बाद दरवाजा मौंटी की मम्मी ने खोला। मोंटी को अपने सामने देखकर उनके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे लेकिन आँखों में नमी उभर आयी। मोंटी ने अपनी मम्मी के पैर छुए और अंदर चला आया।

अंदर शर्मा जी गुस्से से भरा चेहरा लिए जैसे उसका ही इंतजार कर रहे थे। मोंटी को देखते ही उनका गुस्सा फुट पड़ा और उन्होंने कहा,”आ गए बाप का नाम रौशन करके,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,लब मैरिज करनी है , लब मैरिज करनी है , अब वही लब मैरिज हमरे सर पर तांडव कर रही है। जब निभानी नहीं थी तो काहे की सादी ? काहे किसी बिटिया की जिंदगी बर्बाद किये ? हमरी नाक कटवा दी और अब यहाँ हमरे सामने सीना तानकर खड़े हो , कोनो लाज शर्म है कि नहीं तुम में या वो भी बीकानेर छोड़कर आये हो,,,,,,,,!!”


गुस्से से भरे शर्मा जी इतना सब कह गए लेकिन मजाल है मोंटी जवाब में एक शब्द भी कहे , वह किसी मुजरिम की तरह बस अपना सर झुकाकर खड़ा रहा।
“क्या कर रहे है ? बच्चा इतनी दूर से आया है इसे थोड़ा आराम करने दीजिये कल सुबह आराम से बात कर लीजियेगा,,,,,,,,,,!!”,मौंटी की मम्मी ने कहा


“बच्चा ? जे बच्चा है अरे जे तो हमारा बाप बना बेटा है ,, झगड़ा हुआ तो बहू को उसके मायके छोड़ आया ,, इतने बड़े बड़े फैसले खुद लेने लगा है ये बच्चा थोड़े है”,शर्मा जी ने मोंटी को घूरते हुए कहा
“तुम बहू को उसके घर क्यों छोड़ आये मोंटी ? कोई ग़लतफ़हमी थी तो उसे बैठकर हल करते , ऐसा बचकाना कदम क्यों उठाया ?”,मोंटी की माँ ने पूछा


अब तक मोंटी सब चुपचाप सुन रहा था लेकिन यहाँ चुप ना रह सका और कहा,”तो उसने कौनसा सही किया माँ ? उसे क्या जरूरत थी हमारे बीच अपने पापा को बताने की और फिर रही सही में उसके पापा ने यहाँ फ़ोन करके आप लोगो को परेशान कर दिया,,,,,,,,,,,!!”

मिसेज शर्मा कुछ कहती इस से पहले शर्मा जी बोल पड़े,”वो तो यहाँ बताएँगे ना , इस घर में बेटी ब्याही है उन्होंने भेड़ बकरी नहीं,,,,,,,और तुम , तुम्हे ये हक किसने दिया कि तुम इतनी सी बात पर उसे उसके घर छोड़ आओ,,,,,,,,,,,,,,समधियो में हमारी नाक कटवाते शर्म नहीं आयी तुझे,,,,,,,,,,!!”


कहते हुए शर्मा जी ने जैसे ही मोंटी को मारने के लिए हवा में हाथ उठाया मिसेज शर्मा ने उन्हें रोकते हुए कहा,”क्या कर रहे है आप ? जवान बेटे पर ऐसे कोई हाथ उठाता है क्या ? मैं मानती हूँ इसने गलत किया लेकिन बहू को भी तो समझना चाहिए था ना,,,,,,,,,,,,,,अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है हम सब मिलकर समझायेंगे इन सब को,,,,,,,,,,,,,!!”
शर्मा जी ने अपना हाथ नीचे किया और कठोरता से कहा,”इस से ज्यादा और क्या बिगड़ेगा ? बैठकर पूजा करो अपने सपूत की,,,,,,,,,,!!”


गुस्से में पैर पटकते हुए शर्मा जी वहा से चले गए।
मिसेज शर्मा मोंटी के पास आयी और कहने लगी,”अपने पापा की बात का बुरा मत मानना बेटा वो थोड़ा गुस्से में है इसलिए उन्होंने ये सब कह दिया , तू एक काम कर बहू को वापस घर ले आ सब ठीक हो जाएगा”


मोंटी ने अपनी मम्मी को देखा और कहा,”नही माँ ! आज पहली बार रुचिका की वजह से पापा ने मुझ पर हाथ उठाया ,, वो नहीं जानती उसने कितनी बड़ी गलती की है,,,,,,,,,,,,,,मैं अब उसे वापस नहीं लाऊंगा उसे आना होगा तो वो खुद आएगी,,,,,,,,,,,,!!”
मोंटी गुस्से में वहा से चला गया और मिसेज शर्मा की आँखों में ठहरे आँसू गालों पर लुढ़क आये,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”

चौधरी साहब से हटकर निबी नैना के पास आयी। शीतल ने देखा तो नैना से पीछे देखने का इशारा किया। नैना पलटी तो देखा निबी खड़ी है।
“मैंने ये सब तुम्हे हर्ट करने या तुम्हारा दिल तोड़ने के लिए नहीं किया निबी , अनुराग सच में अच्छा इंसान,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने बस इतना ही कहा कि निबी ने आँखों में आँसू भरकर कहा


“मुझे माफ़ कर दो भाभी,,,,,,,,,,,मैंने आपके साथ बहुत बुरा बिहेव किया,,,,,,,,,,,,मुझे आप पर हाथ नहीं उठाना चाहिए था , मैं सच में बहुत शर्मिंदा हूँ,,,,,,,,,,,आई ऍम रियली सॉरी”,कहते हुए निबी रो पड़ी
नैना ने देखा तो उसने आगे बढ़कर निबी को गले लगाया और कहा,”बस निबी ! मैं तुमसे नाराज नहीं हूँ , तुम्हे तुम्हारी गलती का अहसास है मेरे लिए बस इतना काफी है,,,,,,,,,,,चुप हो जाओ हम सब तुम्हारे साथ है।”


अवि ने निबी को रोते देखा तो उस तरफ चला आया। अवि ने निबी को अपने सीने से लगाया तो निबी ने रोते हुए कहा,”मुझे माफ़ कर दीजिये भाई , मैंने आपके साथ भी बहुत बदतमीजी की,,,,,,,,,,,आई ऍम सॉरी”  
निबी को ऐसे रोते देखकर अवि का दिल पिघल गया और उसने निबी को माफ़ कर दिया। चौधरी साहब सौंदर्या जी के पास आये और कहा,”मुझे माफ़ कर दो सौंदर्या , काश मैं तुम्हारी बात सुन लेता तो ये सब,,,,,,,,,,,अनुराग को पहचानने में मुझसे भूल हो गयी,,,,,,,,,,,!!”


“ये तो एक दिन होना ही था , अच्छा हुआ थोड़ा जल्दी हो गया निबी को सम्हलने के लिए थोड़ा वक्त मिल जायेगा,,,,,,,,,,,आज अगर नैना नहीं होती तो अनुराग का ये घिनौना चेहरा कभी हमारे सामने नहीं आता,,,,,,,,,,!!”,सौंदर्या ने कहा
“लेकिन इन सब ने नैना की ख़ुशी छीन ली , आज उसका जन्मदिन था उसने पहली बार मुझसे कुछ माँगा और मैंने उसे दिया भी तो ये सब ऐसे,,,,,,,,,,,!!”,चौधरी साहब ने कहा


“तो क्या हुआ हम सब तो है ना हम सब मिलकर नैना का बर्थडे मनाएंगे,,,,,,,,,वैसे भी नैना को रिश्तेदार पसंद नहीं,,,,,,,,!!”,सौंदर्या ने हँसते हुए कहा और सबको आने को कहा

सभी सौंदर्या की तरफ जाने लगे तो निबी ने नैना का हाथ पकड़ा और कहा,”चलो भाभी केक काटते है,,,,,,,!!”
नैना ने सुना तो मुस्कुरा उठी , निबी को उस से कोई शिकायत नहीं है ये देखकर नैना का मन काफी हल्का हो गया। निबी नैना को लेकर केक के पास चली आयी। उसने अवि को भी बुला लिया। सार्थक शीतल , चौधरी साहब और सौंदर्या सामने खड़े थे। बगल में घर के कुछ नौकर और भोला खड़ा था।


“सौंदर्या तुम मुझे नैना को लेकर कुछ बताने वाली थी,,,,,,,,,,,!!”,चौधरी साहब ने कहा
सौंदर्या जी ने सुना तो उनके चेहरे से हंसी गायब हो गयी। उन्होंने सामने खड़ी हंसती मुस्कराती नैना देखा और कहा,”वो मैं आपको बाद में बताउंगी”
सौंदर्या जी इस वक्त नैना की बीमारी के बारे में बताकर उन्हें परेशान करना नहीं चाहती थी।

 निबी ने नैना की तरफ चाकू बढ़ाया नैना ने जैसे ही केक काटने के लिए हाथ बढ़ाया उसके जहन में कुछ देर पहले घटी घटना घूमने लगी , अनुराग का सच , विहान का चेंबर , कैंसर रिपोर्ट्स , विपिन जी का मुस्कुराता चेहरा सब नैना की आँखों के सामने आने लगा। उसने अपने सर में एक तेज दर्द महसूस हुआ और अगले ही उसके नाक से निकलकर खून की दो चार बुँदे केक पर आ गिरी।


नैना ने अवि की तरफ देखा उसके नाक से बहता खून देखकर अवि का दिल बैठ गया। अगले ही पल नैना बेहोश होकर अवि की बांहो में आ गिरी ,

“नैना,,,,,,,,,,,!!”,सामने खड़े चौधरी साहब , सार्थक और शीतल एक साथ चिल्लाये और नैना की तरफ भागे बस सौंदर्या वही खड़ी रही। उसके कानों में नैना के कहे शब्द गूंजने लगे
“क्या पता इसके बाद कभी जन्मदिन मनाने का मौका ही ना मिले,,,,,,,,,,,,,!!”

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संजना किरोड़ीवाल  

Love You Zindagi - 1 Season 3
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A Woman by Sanjana Kirodiwal

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