Love You Zindagi – 14
Love You Zindagi – 14

नैना ने अनुराग को चौधरी साहब के साथ ऑफिस भेज दिया। अवि ने दोनों को साथ जाते देखा तो अंदर आया और नैना से कहा,”ये डेड अनुराग को अपने साथ लेकर कहा गए है ?”
“अपने ऑफिस,,,,,,,,!!”,नैना ने अपने फोन को चेक करते हुए बेपरवाही से कहा
“क्या ? पर क्यों ? और डेड अनुराग पर इतनी जल्दी भरोसा कैसे कर सकते है ?”,अवि ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“मैंने ही डेड से अनुराग को ऑफिस दिखाने को कहा”,नैना की नजर अब भी फोन की स्क्रीन पर थी
“नैना हमे अनुराग को इस घर से निकालना है उसे इस घर का दामाद नहीं बनाना है,,,,,,,!!”,अवि ने चौंकते हुए कहा
नैना ने फ़ोन से अपनी नजर हटाई और अवि को देखते हुए कहा,”पडोसी ! जब अकल बट रही थी तब तुम सो रहे थे क्या ?”
“तुम कहना क्या चाहती हो ?”,अवि ने असमझ की स्तिथि में कहा
“हे भगवान ! इस आदमी के सवालों के जवाब देते देते एक दिन मैंने खुद पागल हो जाना है।”,नैना ने पहले अपना पीटा और फिर अवि से कहा,”मैं ये कह रही हूँ कि अनुराग को मैंने डेड के साथ इसलिए भेजा ताकि वो निबी से दूर रहे और डेड के सामने अच्छा बनने का जो उसका नाटक है वो धीरे धीरे उनके सामने आये , समझे”
“ओह्ह्ह ! तुम ये मुझे पहले भी बोल सकती थी,,,,,,,,,,,!”,अवि ने मुंह बनाकर कहा
“मेरी गलती है , माफ़ कर दीजिये मालिक,,,,,,,,,आगे से गलती नहीं होगी”,नैना ने ड्रामा करते हुए कहा
“ओह्ह्ह प्लीज नैना इसकी जरूरत नहीं है , वैसे तुम कही जा रही हो क्या ?”,अवि ने पूछा
“हाँ ! मैं और मॉम पार्लर जा रहे है,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने कहा
“तुम्हे पार्लर जाने की क्या जरूरत है नैना , तुम बिना मेकअप के भी बहुत खूबसूरत दिखती हो,,,,,!!”,अवि ने प्यार भरी नजरो से नैना को देखते हुए कहा
“तुम्हे भी इस घर में रहने की क्या जरूरत है पडोसी,,,,,,,,,तुम भी पागलखाने जा सकते हो,,,,,,,,,,,,क्योकि तुम पागल हो चुके हो , सुबह सुबह इतनी चीप बाते कौन करता है ?”,नैना ने पहले बड़े प्यार से और फिर गुस्से से कहा , बेचारा अवि गिरते गिरते बचा। नैना का ये बात करते करते अचानक से रुड हो जाना कभी कभी अवि को डरा देता था।
“चले नैना ?”,सौंदर्या जी ने आकर कहा लेकिन जैसे ही उन्होंने अवि को देखा मुंह बनाकर साइड में देखने लगी। अवि समझ गया कि सौंदर्या जी उस से नाराज है।
“हाँ मॉम ! मुझे लगता है मुझे अब यहाँ और नहीं रुकना चाहिए,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने सौंदर्या की बाँह में बाँह डालकर उन्हें अपने साथ ले जाते हुए कहा
जाते जाते सौंदर्या ने पलटकर अवि को देखा तो उसका उतरा हुआ चेहरा देखकर सौंदर्या ने नैना से कहा,”नैना ! क्या तुमने मेरी वजह से अवि पर गुस्सा किया है ?”
“ओह्ह नहीं मॉम ! आपको ऐसा क्यों लगता है ? वो आदमी कभी कभी बेवजह इतना किलसा देता है ना मुझे मत पूछिए,,,,,,,,,,,,,,,खैर छोड़िये हमे बाहर जाना है हम अपना मूड खराब नहीं करते,,,,,,,,,!!”,नैना ने गाड़ी का दरवाजा खोलते हुए कहा
सौंदर्या नैना के बगल में आ बैठी और नैना उनके साथ वहा से निकल गयी।
अवि और निबी घर में अकेले थे। निबी अपने कमरे में थी उसे पता भी नहीं था कि अनुराग बाहर गया है। वह कबर्ड में कुछ सामान ढूंढ रही थी और अवि अपने कमरे में बैठकर लेपटॉप पर अपना काम करने लगा।
“शीतल ! सब सामान समेटो और बैग में रखो , थोड़ी देर में हम स्टेशन पहुँचने वाले है।”,सार्थक ने बैग जमाते हुए कहा
“सार्थक नैना को ना सही अवि को तो हम अपने आने के बारे में बता सकते है ना,,,,,,,,,,,!!”,शीतल ने कहा
“क्यों ना नैना के साथ साथ हम अवि को भी सरप्राइज दे दे,,,,,,,,,!!”,सार्थक ने कहा
“क्या तुम अवि का घर जानते हो ?”,शीतल ने पूछा
“नहीं,,,,,,,,,,,,,मैं तो पहली बार यहाँ आया हूँ”,सार्थक ने मासूमियत से कहा
“तो पागल लड़के हम नैना को सरप्राइज तो तब देंगे ना जब उसके घर पहुंचेंगे , और नैना के घर पहुँचने के लिए हमे अवि से एड्रेस लेना होगा”,शीतल ने कहा
“ये तो मैंने सोचा ही नहीं,,,,,,,,,,,स्टेशन पहुंचकर मैं अवि को फोन करता हूँ।”,सार्थक ने कहा
शीतल ने मुस्कुरा कर हामी भर दी , सार्थक ने देखा शीतल के चेहरे पर आज एक अलग ही चमक थी। उसने प्यार से शीतल को देखते हुए कहा,”शीतल ! तुम खुश होना”
“हाँ ! मैं बहुत खुश हूँ बल्कि मैं ये सोचकर खुश हो रही हूँ जब नैना मुझे देखेगी तो उसका रिएक्शन क्या होगा ? वो तो खुश हो जाएगी,,,,,,,,,,,,!!”,शीतल ने चहकते हुए कहा
“हाँ ये तो होना ही है आफ्टर ऑल नैना तुम सब से इतना प्यार जो करती है , रुचिका मोंटी भी साथ आते तो कितना अच्छा लगता,,,,,,,,,,,!!”,सार्थक ने कहा
“रुचिका मेरा फ़ोन उठाये तब न , लगता है वो अपनी नयी जिंदगी में कुछ ज्यादा ही खुश है,,,,,,,,,,,,खैर कोई बात नहीं मैं नैना से मिलने के बाद उसे विडिओ कॉल करुँगी देखना तब कितना पछताती है वो”,शीतल ने कहा
“पर कुछ भी कहो शीतल तुम तीनो की दोस्ती सबसे अलग है , ये रिश्ता हमेशा यू ही बना रहे,,,,,,,,,!!”,सार्थक ने कहा शीतल मुस्कुरा कर खिड़की के बाहर देखने लगी आखिर चंडीगढ़ इतना खूबसूरत शहर जो था।
दोपहर हो चुकी थी , सार्थक शीतल के साथ चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से बाहर आया और अवि को फोन लगाया। उसने अवि को अपने और शीतल के आने की खबर दी। अवि को अच्छा भी लगा और वह मन ही मन परेशान भी हो गया कि उन्हें नैना की बीमारी के बारे में कैसे बताएगा ?
“हेलो अवि ! तुम सुन रहे हो ना ?”,सार्थक की आवाज से अवि की तंद्रा टूटी
“हाँ ! हाँ सार्थक सॉरी वो मैं कही बिजी हो गया था , अभी तुम कहा हो ? मोंटी और रुचिका भी तुम्हारे साथ आये है क्या ?”,अवि ने घर से बाहर आते हुए कहा
“मैं अभी स्टेशन हूँ और शीतल मेरे साथ है , मैंने मोंटी से साथ आने को कहा था लेकिन वो अपने घर चित्रकूट गया है और रुचिका शायद जयपुर है,,,,,,,,,,,,,,हो सकता है उनका नैना के लिए कोई और प्लान हो,,,,,,,,,,,,!!”,सार्थक ने कहा
“कोई बात नहीं मै तुम्हे लेने आता हूँ,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह्हह लगता है गाड़ी बाहर है , सार्थक मैं कैब बुक कर देता हूँ”,अवि ने कहा उसने देखा घर में एक भी गाड़ी नहीं खड़ी
“अरे इट्स ओके तुम मुझे घर का एड्रेस सेंड करो मैं खुद आता हूँ”,सार्थक ने कहा
“ठीक है,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने कहा और फ़ोन काट दिया
उसने सार्थक को एड्रेस सेंड किया और मोंटी का नंबर डॉयल किया।
“द नंबर यू डायल्ड इज करन्टली स्विच ऑफ,,,,,,,,,,,,,प्लीज कॉल अगेन लेटर,,,,,,,,,,,आपके द्वारा”,दूसरी तरफ से आवाज आयी तो अवि ने फोन काट दिया और अंदर चला आया क्योकि उसके हिसाब से मोंटी और रुचिका के बीच में अब सब ठीक था।
अनुराग बेमन से चौधरी साहब के साथ उनके ऑफिस में घूमता रहा। उसे घर में रुकना था लेकिन नैना की वजह से चौधरी साहब उसे अपने साथ ले आये। पूरा ऑफिस दिखाने के बाद चौधरी साहब अनुराग को अपने केबिन में लेकर आये और उसे बैठने का कहकर खुद बाहर चले गए।
अनुराग अंदर रखे सोफे पर आकर बैठा और अपनी शर्ट का ऊपरी बटन खोलकर कहा,”हाह ! इस बुड्ढे ने खामखा मेरा टाइम वेस्ट कर दिया और वो नैना उसे तो मैं छोडूंगा नहीं ,, खुद को बहुत होशियार समझती है ना वो ,, मुझे निबी से दूर रखना चाहती है लेकिन मेरा नाम भी अनुराग मित्तल है,,,,,,,,,,,,,,,,एक नैना से तो मैं हार नहीं मानने वाला,,,,,,,,,,!!”
उसने टेबल पर रखा पानी का गिलास उठाया और एक साँस में पी गया। उसने अपना सर सोफे के हत्थे से लगा लिया और धीरे धीरे अपना सर दबाने लगा। उसी वक्त चौधरी साहब और उनका मैनेजर केबिन में आये। चौधरी साहब ने अनुराग को सर दबाते और परेशान देखा तो कहा,”क्या बात है अनुराग , तुम ठीक हो ना ?”
“अह्ह्ह्ह हाँ ! वो बस सर में थोड़ा दर्द हो रहा है,,,,,,,,,,,!!”,अनुराग ने सीधे बैठते हुए कहा
“ऐसा करो तुम ये गाड़ी की चाबी लो और घर जाकर आराम करो , मुझे यहाँ थोड़ा वक्त लग जाएगा”,चौधरी साहब ने अपनी गाड़ी की चाबी अनुराग को देकर कहा
अनुराग को और क्या चाहिए था ? वह ख़ुशी ख़ुशी घर जाने के लिए निकल गया।
अवि अपने कमरे में लेपटॉप पर बिजी था , उसे नहीं पता था कि अनुराग वापस घर आ चुका है लेकिन अनुराग की किस्मत आज पक्का नैना ने ही लिखी थी। वह जब घर आया तो उसे पता चला कि निबी घर में नहीं और निबी के साथ साथ सौंदर्या और नैना भी घर से बाहर है। अनुराग ने निबी को फ़ोन किया लेकिन उसका फोन बिजी आ रहा था और फिर निबी के फोन से मैसेज आया
“मैं मॉम के साथ पार्लर में हूँ मुझे आने में थोड़ा वक्त लग जायेगा”
अनुराग ने मैसेज पढ़ा तो अपना हाथ झटका और सोफे पर आ बैठा। बोरियत से बचने के लिए उसने सामने टेबल पर पड़ी किताब को उठाया और पढ़ने लगा।
अनुराग को मैसेज भेजने वाली निबी नहीं बल्कि नैना थी जिसने सौंदर्या से फोन करवाकर निबी को भी पार्लर बुला लिया और उसे मसाज करवाने भेज दिया ताकि उसका फोन चेक कर सके।
“नैना किसी का फोन चेक करना बेड मैनर्स है बेटा”,सौंदर्या की आवाज नैना के कानों में पड़ी तो उसने जल्दी से निबी का फोन बैग में रख दिया और मुस्कुरा उठी
अनुराग बैठकर किताब के पन्ने पलट ही रहा था कि तभी डोरबेल बजी। अनुराग ने देखा वहा पास ही भोला कुछ काम कर रहा था लेकिन वह डोरबेल को नजरअंदाज करके अपना काम करता रहा।
डोरबेल फिर बजी तो अनुराग ने कहा,”ए ! तुम्हे सुनाई नहीं देता क्या ? जाकर देखो दरवाजे पर कौन है ?”
भोला अनुराग की तरफ पलटा और कहा,”तुम्हे दिखाई दे रहा होगा मैं काम में बिजी हूँ खुद जाकर दरवाजा क्यों नहीं खोलते ? मैं सिर्फ इस घर में रहने वालो के आर्डर मानता हूँ , किसी ऐरे गैरे के नहीं,,,,,,,,,,,,!!”
एक नौकर से ऐसे जवाब की उम्मीद अनुराग को बिल्कुल नहीं थी वह गुस्से में उठा और जैसे ही भोला की तरफ आने लगा , भोला वहा से चला गया। अनुराग कुछ करता इस से पहले डोरबेल फिर बजी और झुंझलाकर वह खुद ही दरवाजा खोलने चला आया। उसने जैसे ही दरवाजा खोला सामने फूलो का बड़ा सा बुके और कुछ तोहफे लिए शीतल और सार्थक खड़े थे। उन्होंने खुश होकर एक साथ कहा,”सरप्राइज,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
जैसे ही दोनों ने अनुराग को अपने सामने देखा दोनों हैरान रह गए और एक दूसरे की तरफ देखा जैसे उन्हें अनुराग के वहा होने का कोई भरम हुआ हो। सामने नैना होगी सोचकर दोनों ने एक साथ फिर सामने देखा और कहा,”हैप्पी बर्थ,,,,,,,,,,,,,डे नैना”
आधे शब्द दोनों के गले में अटक गए इस बार भी सामने नैना नहीं बल्कि अनुराग ही खड़ा था। शीतल और सार्थक नैना को सरप्राइज देना चाहते थे लेकिन यहाँ तो अनुराग के रूप में उन्हें ही सप्राइज मिल गया। अनुराग ने शीतल और सार्थक को वहा देखा तो मन ही मन मुस्कुरा उठा आखिर नैना की बर्बादी का तमाशा वे लोग भी तो देखे,,,,,,,,,,,!!”
“क्या बात है ? सरप्राइज नैना के लिए था और मिल तुम दोनों को गया ,,,,,,,,,, वैसे तुम दोनों के चेहरो का उड़ा हुआ रंग बता रहा है कि मुझे यहाँ देखकर तुम दोनों को ज्यादा ख़ुशी नहीं हुई,,,,,,,,,,,,,,!”,अनुराग ने कहा
“तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?”,शीतल ने अनुराग को घूरते हुए कहा
“शीतल जी मैं तो बिल्कुल सही जगह हूँ आप यहाँ क्या कर रही है ? लगता है अपनी दोस्त नैना से मिलने आयी है।”,अनुराग ने कहा
सार्थक अनुराग के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानता था उसे बस इतना पता था कि अनुराग नैना , रुचिका और शीतल का पुराना बॉस है। वह आगे आया और कहा,”ब्रदर शी इज माय वाइफ इसलिए थोड़ा हद में रहो,,,,,,,,,!!”
अनुराग साइड हटा और अपने हाथो को आगे कर दोनों को अंदर आने का इशारा करके वहा से चला गया।
“सार्थक लगता है हम गलत घर में आ गए है,,,,,,,,,,,!!”,अंदर जाने से पहले शीतल ने कहा
“अवि ने जो एड्रेस सेंड किया वो यही है शीतल और बाहर नेम प्लेट पर भी अवि और उसके पापा का नाम लिखा है ,, पर ये तुम लोगो का बॉस यहाँ क्या कर रहा है ? क्या नैना ने इसे भी अपने बर्थडे पर इन्वाइट किया है ?”,सार्थक ने पूछा
शीतल ने सार्थक की तरफ देखा और कहा,”इन्वाइट और इसे ,, नैना का बस चले तो इसी पर मोमबत्ती लगा कर केक की जगह इसका ही गला काट दे,,,,,,,,,,,,मुझे तो यहाँ कुछ गड़बड़ लग रही है सार्थक , कोई बहुत बड़ी गड़बड़,,,,,,,,,,,,,!!”
सार्थक ने सुना और शीतल के परेशानी से भरे चेहरे को देखने लगा
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संजना किरोड़ीवाल


Jitna kharab yeh Anurag Mittal hai…utna kharab yeh Sheetal aur Sarthak k liye bhi usko Naina k ghar dekhna…khar Naina jaha iss Anurag ko nibbi se door krne ki soch rhi thi…lakin usne to khud Sheetal aur Sarthak ko surprise dilwa diya uss kutte Anurag se…aery Avi baba jaldi se bahar aao aur unn dono ko thoda jalpan karwao