Love You जिंदगी – 48
Love You Zindagi – 48
चंडीगढ़ , अवि का घर
अवि के हाथ में नैना की रिपोर्ट थी और विवान की बातों ने अवि की बेचैनी को और बढ़ा दिया। वह रिपोर्ट्स लेकर ऊपर कमरे में चला आया। अवि ने धड़कते दिल के साथ लिफाफा खोला। अवि ने जब नैना की रिपोर्ट पढ़ी तो उसका दिल एक दम से धड़कना बंद हो गया। उसकी आँखों के सामने नैना का चेहरा आने लगा। नैना के नाक से खून बहना , उसके बालों का झड़ना , उसकी थकान और बार बार बीमार होना ये सब किसी फिल्म की तरह आँखों के सामने आने लगे। अवि उस रिपोर्ट को हाथ में पकडे बुत बना खड़े रहा। कुछ देर बाद उसका फोन बजा तो अवि की तंद्रा टूटी उसने देखा फोन विवान का था। अवि ने फोन उठाकर कान से लगा लिया तो दूसरी तरफ से विवान की आवाज आयी,”तुमने रिपोर्ट्स देखे ?”
“हाँ,,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन ये सब,,,,,,,,,,,,,!”,अवि ने धड़कते दिल के साथ कहा
“नैना को कैंसर है,,,,,,,,,,,,,,,,,,ब्लड कैंसर,,,,,,,,,,,,,पर घबराने की बात नहीं है ये अभी 1st स्टेज है और इसका इलाज हो सकता है बस नैना को थोड़ा स्ट्रांग रहना होगा”,विवान ने कहा
“पर नैना ही क्यों ?,,,,,,,,,,,,,,,,,उसके साथ ये नहीं होना चाहिए था,,,,,,,,,,,,,,,,,मैंने इतने दिन ध्यान क्यों नहीं दिया ? वो सबके सामने ठीक होने का दिखावा करती थी जबकि वो बीमार थी”,अवि ने बेचैनी भरे स्वर में धीमी आवाज में कहा
“अवि हिम्मत रखो मैंने कहा ना ये 1st स्टेज है। अभी भी देर नहीं हुई है नैना का इलाज हो सकता है और उसके सही होने के 80 परसेंट चांस अभी भी है”,विवान ने अवि को समझाते हुए कहा
“हम्म्म्म,,,,,,,,,,,,!”,अवि ने दुखी स्वर में कहा लेकिन अंदर ही अंदर ये जानकर वो बहुत डर चुका था
“अच्छा ये बताओ तुमने नैना को इस बारे में बताया ?”,विवान ने पूछा
अवि विवान के सवाल का जवाब देता इस से पहले ही अवि के कानों में नैना के गुनगुनाने की आवाज पड़ी। अवि ने देखा नैना सामने से हँसते गाते कबर्ड की तरफ चली जा रही है। उसने कुछ कपडे निकाले और बाथरूम की तरफ जाते हुए अवि की तरफ देखा अवि ने नैना की तरफ देखा तो अवि का उतरा हुआ चेहरा देखकर नैना ने धीरे से इशारो में पूछा,”क्या हुआ ?”
अवि ने फोन की तरफ इशारा करके नैना को ये अहसास दिलाया कि वो फोन पर किसी के साथ है तो नैना ने धीरे से हाथ से इशारे करते हुए कहा,”ओके केरी ऑन”
नैना कपडे लेकर बाथरूम में चली गयी।
“हेलो अवि तुम सुन रहे हो ना ? क्या तुमने नैना को बताया ?”,अवि को खामोश देखकर विवान ने एक बार फिर पूछा
“हाँ हाँ नहीं नहीं मैंने उसे नहीं बताया”,अवि जैसे नींद से जागा
“लेकिन क्यों ? नैना का इस बारे में जानना बहुत जरुरी है अवि आगे का सब ट्रीटमेंट उसी पर डिपेंड करता है। मुझे लगता है तुम्हे ज्यादा देर नहीं करनी चाहिए और नैना को बता देना चाहिए ताकि उसका ट्रीटमेंट शुरू हो”,विवान ने अपनेपन के भाव से कहा
“नैना के पेरेंट्स आये हुए है और वो बहुत खुश है मैं एकदम से उसे ये सब बताकर परेशान करना नहीं चाहता यार , हाँ लेकिन मैं उसे जल्द ही बता दूंगा पता नहीं उसका क्या रिएक्शन होगा ?”,अवि ने बुझे स्वर में कहा
“डोंट वरी नैना बहुत स्ट्रांग लड़की है,,,,,,,,,,,,,नैना को बताने के बाद तुम आकर मुझसे मिलो। नैना के कुछ और टेस्ट है जो मुझे करवाने है,,,,,,,,,,,,,!”,विवान ने कहा
“विवान,,,,,,,,,,,,,,,,!”,अवि ने कहा
“हाँ”,विवान ने कहा
“नैना ठीक तो हो जाएगी ना ?”,अवि ने धड़कते दिल के साथ पूछा
“हाँ,,,,,,,,,,,,बस इस वक्त उसे ट्रीटमेंट और बहुत सारी केयर की जरूरत है”,विवान ने कहा
“हम्म्म मैं उसका ख्याल रखूंगा , मैं जल्दी ही तुम से मिलता हूँ”,अवि ने कहा और फोन काट दिया।
अवि ने फोन जेब में रखा और एक बार फिर रिपोर्ट को देखने लगा जिसमे लाल रंग से पॉजिटिव लिखा हुआ था।
“तुम अभी तक यही खड़े हो पडोसी ? और ये तुम्हारे हाथ में क्या है ?”,नैना ने बाथरूम से बाहर आते हुए कहा। उसके हाथ में एक छोटा तौलिया था जिस से वह अपना मुँह थपथपा रही थी।
“क कुछ नहीं वो बस तुम्हारी रिपोर्ट्स है”,अवि ने हाथ में पकडे कागज को समेटते हुए कहा
“अच्छा दिखाओ क्या आया है ?”,नैना ने रिपोर्ट्स लेने के लिए हाथ बढ़ाया लेकिन अवि ने अपने कदम पीछे लेते हुए कहा,”मैंने देख ली नैना सब नार्मल है , तुम बिल्कुल ठीक हो”
“देखा मैंने कहा था मुझे कुछ नहीं हुआ है,,,,,,,,,,,,,,मिस्टर पडोसी मैं इतनी जल्दी तुम्हारा पीछा छोड़ने वाली नहीं हूँ अभी तो मुझे तुम्हे एक लम्बी जिंदगी जीनी है और तुम्हे बहुत बहुत बहुत तंग करना है”,नैना ने ख़ुशी से अपने हाथो को फैलाते हुए कहा
“हाँ,,,,,,,,,,,,,,!!”,नैना को खुश देखकर और रिपोर्ट्स के बारे में सोचकर इस से ज्यादा वह कुछ बोल ही नहीं पाया। नैना बस मुस्कुराते हुए उसे देखे जा रही थी। अवि के दिमाग में बस वो पॉजिटिव वर्ड घूम रहा था। वह नैना के पास आया और उसे एकदम से गले लगाकर कहा,”हाँ तुम बिल्कुल ठीक हो , मेरे होते तुम्हे कुछ नहीं हो सकता”
“पडोसी तुम ठीक हो ना ?”,नैना ने अवि को इमोशनल होते देखकर पूछा
“हाँ,,,,,,,,,,,,,बस तुम्हे हग करने का मन किया,,,,,,,,,,,,,,,,,ये मैं तुम्हारी परमिशन के बिना कर सकता हूँ न ?”,अवि ने आँखे मूँदे कहा उसकी आँखों में अब धीरे धीरे नमी उतर आयी थी
“तुम मेरे पति हो तुम्हे परमिशन लेने की जरूरत नहीं है पडोसी”,नैना ने अवि की पीठ सहलाते हुए कहा उसने महसूस किया अवि का मन अब धीरे धीरे भारी हो रहा था और ऐसा क्यों था इसकी वजह नैना नहीं जानती थी।
बीकानेर , सिटी मॉल
मॉल के बाहर खड़े मोंटी ने माला को एकदम से अपनी तरफ खींचा क्योकि अगर वह ऐसा नहीं करता तो वहा से गुजर रही बस उसे टक्कर मार देती लेकिन सामने खड़ी रुचिका ने जब माला को मोंटी के करीब देखा तो उसका दिल टूट गया। उसकी आँखों में आँसू भर आये और मन भारी हो गया। उसका दिल किया अभी के अभी जाकर मोंटी से सवाल करे लेकिन उसने ऐसा नहीं किया उसने वहा से गुजरता ऑटो रुकवाया और अपार्टमेंट चली गयी।
बस के जाने के बाद मोंटी ने माला को खुद से दूर किया और कहा,”माला मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ता हूँ प्लीज मुझे मेरे हाल पर छोड़ दो , मैं रूचि को धोखा नहीं दे सकता ना ही किसी और लड़की के लिए मैं उसे धोखा देना चाहता हूँ। तुम्हे मुझसे भी बेहतर लड़का मिल जाएगा बस अपने ईगो को सेटिस्फाइड करने के लिए ये झूठी जिद छोड़ दो। तुम सिर्फ और सिर्फ 3 लोगो की जिंदगी बर्बाद कर रही हो और कुछ नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,प्यार वो होता है जो हमे किसी की रिस्पेक्ट करना सिखाता है , किसी का इंकार एक्सेप्ट करना सिखाता है , मेरे दिल में तुम्हारे लिए कोई फीलिंग्स नहीं है और ना ही कभी होगी। अगर इसके बाद भी तुम नहीं समझती हो तो फिर मुझे ये शहर छोड़कर जाना होगा क्योकि तुम्हारी वजह से मैं रुचिका को हर्ट नहीं कर सकता”
माला ख़ामोशी से सब सुनती रही धीरे धीरे ही सही उसे अब ये अहसास हो रहा था कि वह एक गलत जिद कर बैठी है। माला को खामोश देखकर मोंटी ने वहा से चला गया।
माला से मिलने के बाद मोंटी अच्छा खासा परेशान हो चुका था। उसकी जॉब जा चुकी थी , उसके और रुचिका के प्यार के बीच माला आ चुकी थी , हर बड़ी कम्पनी उसके जॉब एप्लिकेशन को रिजेक्ट कर रही थी और उसका बॉस उसका दुश्मन बन चुका था
परेशान सा मोंटी इन सब में उलझा अपार्टमेंट जाने के लिए निकल गया।
ऑटो में बैठी रुचिका की आँखों के सामने बार बार मोंटी और माला का चेहरा आ रहा था। रुचिका समझ नहीं पा रही थी आखिर मोंटी उसे धोखा दे रहा है या नहीं। इन्ही सब बातो में उलझी रुचिका के जहन में एकदम से आज बैंक में हुए हादसे की यादें कोंध गयी। मैनेजर ने रुचिका से जिस तरह का बर्ताव किया उस से रुचिका को घिन्न हो रही थी। दोनों बातो में उलझी रुचिका को ध्यान ही नहीं रहा कि वह अपार्टमेंट पहुच चुकी है।
“मेडम पहुंच गए है”,ऑटोवाले ने कहा तो रुचिका की तंद्रा टूटी
“हाँ,,,,,,,,,,,,,!”,रुचिका ने कहा और ऑटो से नीचे उतर गयी उसने किराया दिया और मेंन गेट की तरफ बढ़ गयी। रुचिका धीमे कदमो से चली जा रही थी कि मोंटी ने उसके बगल में बाइक रोकते हुए कहा,”आज तुम ऑफिस से जल्दी आ गयी , तुम्हारी तबियत तो ठीक है ना ?”
मोंटी को वहा देखकर रुचिका को ज्यादा हैरानी नहीं हुई क्योकि उसे पता था मोंटी बाहर है। रुचिका को खामोश देखकर मोंटी ने फिर कहा,”रूचि क्या हुआ ?”
“वो बैंक में आ हाफ डे था इसलिए,,,,,,,,,,,,,,,तुम बाहर गए थे क्या ?”,रुचिका ने बुझे मन से पूछा
“हाँ वो किचन का थोड़ा सामान खत्म होने वाला था तो सोचा ले आता हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,मैं बाइक खड़ी करके आता हूँ तुम चलो”,मोंटी ने कहा
“हम्म्म ये मुझे दे दो”,रुचिका ने मोंटी से बैग लेते हुए कहा और लिफ्ट की तरफ बढ़ गयी।
कुछ देर बाद मोंटी आया तो देखा रुचिका बिना उसका इंतजार किये ही वहा से चली गयी है। मोंटी भी ऊपर चला आया अंदर आकर उसने हाथ मुंह धोये और पोछते हुए कमरे में आया। उसने देखा बाथरूम की लाइट ऑन है इसलिए कहा,”रुचिका तुम अंदर हो क्या ? मैं अपने लिए कॉफी बना रहा हूँ तुम लोगी ?”
रुचिका ने कोई जवाब नहीं दिया वह बाथरूम में नल चालू करके सुबक रही थी जिस से उसके रोने की आवाज बाहर तक ना जाये।
“रुचिका कॉफी चाहिए तुम्हे ?”,मोंटी ने अपना सवाल फिर दोहराया
“नहीं,,,,,,,,,,,,,मैं फ्रेश होकर आती हूँ”,रुचिका ने अपने आँसू पोछकर कहा
“अच्छा ठीक है,,,,,,,,,,,,,,!”,मोंटी ने कहा और कमरे से बाहर चला गया। किचन में अपने लिए कॉफी बनाते हुए मोंटी मन ही मन खुद से कहने लगा,”आज रुचिका बहुत थकी थकी लग रही है,,,,,,,,,,,,,,,,,ऑडिट का काम है ना शायद इसलिए , ऊपर से मेरी वजह से उसकी रिस्पॉन्सबिलिटी भी बढ़ गयी है मुझे जल्दी से जल्दी कोई नयी जॉब ढूंढनी होगी ताकि रुचिका घर रहकर आराम कर सके। आज मॉल में जो हुआ उसके बारे में रुचिका को बताकर मुझे उसे परेशान करना नहीं चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,,,आलरेडी वो इतना परेशान रहती है। मुझे उसे इस बारे में नहीं बताना चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं नहीं चाहता माला को लेकर रुचिका के मन में कोई भी ग़लतफ़हमी पैदा हो,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
रुचिका फ्रेश होकर बाहर आयी मोंटी ने देखा तो पूछ लिया,”ऑफिस में काम ज्यादा है क्या रूचि ?”
“हाँ थोड़ा सा,,,,,,,,,,,,,,!”,रुचिका ने सोफे पर बैठते हुए कहा
मोंटी ने अपना कॉफी मग और एक खाली कप उठाया और रुचिका की तरफ आते हुए कहा,”बस कुछ दिन की बात है एक बार मेरा लॉन पास हो जाये उसके बाद मैं बिजनेस करने की सोच रहा हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,इस के बाद तुम्हे ये जॉब भी नहीं करनी पड़ेगी और हमारी मुस्किले भी कम हो जाएगी”
कहते हुए मोंटी ने अपने कप की आधी कॉफी खाली कप में डालकर रुचिका की ओर बढ़ा दी जैसे वह जानता हो कि रुचिका इसके लिए मना नहीं करेगी
रुचिका ने कॉफी ली और पीते हुए कहा,”मुझे लगता है हमे कुछ दिनों के लिए घर चले जाना चाहिए”
मोंटी ने सूना तो उसे हैरानी हुई और उसने कहा,”अचानक से घर ? क्या तुम्हे अपने घरवालों की याद आ रही है,,,,,,,,,,,,,,,अगर तुम्हे उनसे मिलना है तो चलते है ना जयपुर यहाँ से ज्यादा दूर नहीं है”
“मैं चित्रकूट की बात कर रही हूँ मोंटी”,रुचिका ने बिना किसी भाव के कहा
“तुम्हे चित्रकूट जाना है ? पर ऐसे अचानक,,,,,,,,,,,,,,,,,रूचि मैंने अभी मम्मी पापा को अपने जॉब के बारे में कुछ बताया नहीं है। उन्हें पता चला तो वे लोग खामखा परेशान होंगे”,मोंटी ने कहा
“मैं हम दोनों के अच्छे के लिए कह रही हूँ मोंटी,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हारे पास जॉब नहीं है और मैं भी इस बैंक की नौकरी से थक चुकी हूँ क्यों ना तुम अपना बिजनेस चित्रकूट में शुरू करो। वहा अपना घर है , अपनी फॅमिली है और तो और वो शहर तुम्हारा अपना है”,रुचिका ने मोंटी की तरफ देखकर कहा
“तुम ये कहना चाहती हो कि मैं मुंह छुपाकर भाग जाऊ,,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन किस से ? जब मैंने कुछ गलत किया ही नहीं तो मैं ये शहर छोड़कर क्यों जाओ ? मुझे समझ नहीं आ रहा रूचि तुम ये अचानक से चित्रकूट जाने की बात क्यों कर रही हो ?”,मोंटी ने हैरानी से कहा
“ये कहो न मोंटी कि तुम ये शहर छोड़कर जाना ही नहीं चाहते,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हारा दिल जो लग गया है यहा”,रुचिका ने आखरी शब्द कठोरता से कहे तो मोंटी ख़ामोशी से रुचिका को देखने लगा उसने आधी बची कॉफी रखी और रुचिका की तरफ देखते हुए कहा,”हाँ मैं ऐसे ये शहर छोड़कर नहीं जाऊंगा , मैं उन सबको गलत साबित करूंगा जिन्होंने मुझे नाकारा समझा,,,,,,,,,,,,,,,,,चित्रकूट जाने से क्या मेरी परेशानिया हल हो जाएगी,,,,,,,,,,,,,,नहीं उलटा मैं अपने ही घरवालो पर बोझ बन जाऊंगा क्योकि मेरे पास कोई जॉब नहीं है।”
रुचिका ने कुछ नहीं कहा वह बस ख़ामोशी से कॉफी पीते रही मोंटी उठा और जाने लगा जाते जाते वह रुका और रुचिका के पास आकर कहा,”तुम चाहो तो अपनी बैंक की जॉब छोड़ सकती हूँ , मैं इतना तो कमा लूंगा कि तुम्हे कोई परेशानी ना होने दू”
मोंटी की बातो से साफ नजर आ रहा था कि वह रुचिका की बातो से हर्ट था। मोंटी वहा ना रुककर अपने कमरे में चला गया।
आशीर्वाद अपार्टमेंट , दिल्ली
अपार्टमेंट के गार्डन से निकलकर शीतल ऊपर फ्लेट में चली आयी। उसके और मिसेज शर्मा के बीच की गलतफहमी दूर हो चुकी थी लेकिन साथ ही साथ उसने मिसेज आहूजा और मिसेज गुप्ता से भी पंगा ले लिया। शीतल फोन पर किसी से पैसो के इंतजाम के बारे में बात कर रही थी और ये बात मिसेज आहूजा और मिसेज गुप्ता को पता चल गयी। मिसेज आहूजा तो मन ही मन बहुत खुश थी कि अब वो शीतल को रंगे हाथ मिसेज शर्मा के सामने लाएगी।
शीतल शायद इस बारे में नहीं जानती थी इसलिए ख़ुशी ख़ुशी घर के कामो में लग गयी।
अगली सुबह मिस्टर शर्मा और सार्थक के ऑफिस जाने के बाद शीतल तैयार हुई और अपना पर्स लेकर फ्लेट से बाहर निकल गयी। मिसेज शर्मा से उसने लायब्रेरी जाने का बहाना बना दिया। शीतल इधर उधर देखते हुए अपार्टमेंट से बाहर निकली लेकिन मिसेज आहूजा और मिसेज गुप्ता ने उसे देख ही लिया।
“हमे उसका पीछा करना चाहिए मिसेज आहूजा”,मिसेज गुप्ता ने कहा
“अरे नहीं मिसेज गुप्ता अगर उसका पीछा किया तो उसे हम पर शक हो जाएगा और हो सकता है उसके बाद वो अपना प्लान बदल दे”,मिसेज आहूजा ने कुछ सोचते हुए कहा
“तो फिर अब ?”,मिसेज गुप्ता ने कहा
“शीतल जरूर वो डायमंड नेकलेस लेने गयी है वो वापस आये उस से पहले हमे मिसेज शर्मा को इस बारे में बताना होगा ताकि हम उसे सबूत के साथ पकड़ सके। उसके बाद देखती हूँ वो शीतल क्या करती है ?”,मिसेज आहूजा ने आँखों में नफरत के भाव लाकर कहा
“पर क्या मिसेज शर्मा हमारी बात सुनेगी ?”,मिसेज गुप्ता ने अपना डाउट क्लियर करने के लिए पूछा
“वो हमारी बात भी सुनेगी और उस पर भरोसा भी करेगी”,मिसेज शर्मा ने कुछ सोचते हुए कहा
उनके खुराफाती दिमाग में अब क्या चल रहा था ये तो बस वही जानती थी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!
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क्रमश – Love You Zindagi – 49
Read More – Love You जिंदगी – 47
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संजना किरोड़ीवाल
Yeh gali ki aantiya,inko aur koi kaam nhi hai kya,dusro ke fatte mein taang adane ke siva😜😜😜
नैना को कैंसर निकल गया…. ओ नो..
Yh Kya ho rha h Naina k saath
Nice story
Yaar i am very upset about naina ‘s report
Very nice likin naina ko……….
In aunty’s ko dusre ki life me tang adane k alwa aur koi kam nhi h
Mam….next part pleaseeeeeeee…… Jaldi upload kijiye ….can’t wait for it…🥺🥺🥺
Next part kab aayega shetal ko kuch pta he nahi
Mam aap busy ho to plz hmare liye ek chhoti si post kr dena pratilipi par ki LYZ ka next part kab Tak aayega isse hme thodi tasalli mil jayegi
Ese or wait krna muskil ho rha h