Love You जिंदगी – 2
Love You जिंदगी – 2
नैना गुस्से में अंदर चली गयी। कही अंदर जाकर नैना गुस्से में कोई गड़बड़ ना कर दे सोचकर अवि उसके पीछे आया। अंदर आकर अवि ने जो देखा उसे अपनी आँखों पर विश्वास ही नहीं हुआ। नैना अपने होंठो पर बड़ी सी मुस्कान सजाये निबेदिता और अनुराग के साथ खड़ी थी। अवि उनके पास चला आया , वह कुछ कहता या नैना से कुछ पूछता इस से पहले ही निबेदिता ने कहा,”मॉम भाई आप लोग मुझे गलत समझे इस से पहले मैं कुछ कहना चाहती हूँ,,,,,,,,,मैं और अनुराग पिछले 7 महीने से रिलेशनशिप में थे ,
मुझे जल्दी जल्दी में अनुराग से शादी करनी पड़ी क्योकि इसकी फॅमिली में हमारे बारे में पता चल गया था और वे अनुराग का रिश्ता कही और करना चाहते थे। आई ऍम सॉरी मॉम बट मैं अनुराग से बहुत प्यार करती हूँ इसके बिना नहीं रह सकती थी इसलिये मैंने ये,,,,,,,,,,,आई ऍम रियली सॉरी”
अवि ने सुना तो उसे अपनी बहन निबेदिता पर बहुत गुस्सा आया लेकिन उसने खुद को शांत रखा और नैना की तरफ देखा नैना अब भी नार्मल खड़ी थी। बाहर अनुराग को लेकर आग बबूला होने वाली नैना अंदर आते ही बिल्कुल शांत हो गयी पर अवि जानता था ये तूफान से पहले की शांति है क्योकि अनुराग पर नैना का फटना तो तय था।
“लेकिन निबी ऐसे अचानक इतना बड़ा फैसला तुमने अकेले ले लिया , एक बार भी तुमने अपने पापा की इज्जत के बारे में नहीं सोचा। अगर उन्हें पता चला तो,,,,,,,,,,तुमने ये ठीक नहीं किया निबी,,,,,,,,,!!”,नैना की सास सौंदर्या ने रोआँसा होकर कहा
निबेदिता कुछ कहती इस से पहले अनुराग आगे आया और सौंदर्या के हाथो को अपने हाथो में लेकर कहा,”मम्मी”
अनुराग के मुंह से सौंदर्या के लिए मम्मी सुनकर अवि को गुस्सा आया वह जैसे ही आगे बढ़ने को हुआ नैना ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लिया। नैना अब भी खामोश थी लेकिन उसके जहन में एक साथ कई सवाल चल रहे थे।
अवि रुक गया , अनुराग ने आगे कहा,”मम्मी , मैं जानता हूँ मेरा और निबी का ये फैसला जल्दबाजी में था पर आप भरोसा कीजिये मैं सब सही कर दूंगा। मैं निबी को खुश रखूंगा , उसकी हर ख्वाहिश पूरी करूंगा और रही पापा की बात तो मैं उन्हें मना लूंगा मम्मी , मैं उनके पैरो में गिरकर उनसे अपने और निबेदिता के प्यार की भीख मांग लूंगा , बस आप इस शादी को एक्सेप्ट कर लीजिये , प्लीज मम्मी,,,,,,,,,,,प्लीज मैं आपके हाथ जोड़ता हूँ,,,,,,,,,आप कहे तो आपके पैर,,,,,,,,,!!”,अनुराग ने कहते हुए जैसे ही सौंदर्या के पैर छूने चाहे सौंदर्या ने कहा,”अरे अरे बेटा ! ये क्या कर रहे हो ?”
“मम्मी मैंने हमेशा आपकी हर बात मानी है , कभी आपका कहा नहीं टाला प्लीज मॉम इस बार , सिर्फ इस बार मेरी ये बात मान लीजिये ,, ऐनी को एक्सेप्ट कर लीजिये मॉम प्लीज मॉम,,,,,,,,,,!!”,निबेदिता ने रिक्वेस्ट करते हुए कहा
“हम्म्म्म ठीक है लेकिन तुम्हारे डेड,,,,,,,,,,,!!”,सौंदर्या ने इतना ही कहा कि अवि बीच में बोल पड़ा,”मॉम ये आप क्या कर रही है ? आप इसे जानती भी है ये कितना बड़ा,,,,,,,,,,,,,!!”
अवि अपनी बात पूरी करता इस से पहले ही नैना ने उसे पीछे खींचा और कहा,”कितना बड़ा बिजनेसमैन है,,,,,,,,,,,,,डेड तो इस से मिलते ही इसे पसंद कर लेंगे , निबेदिता के लिए उन्हें ऐसा लड़का ही तो चाहिए था,,,,,,,,,,!!”
नैना को अपने पक्ष में देखकर अनुराग मन ही मन हैरान था तो वही अवि समझ नहीं पाया आखिर नैना करना क्या चाहती है ? जिस अनुराग से वह नफरत करती है उसी अनुराग के लिए आखिर उसके मुंह से फूल कैसे झड़ सकते है ? अवि हैरान परेशान सा नैना को देखने लगा।
“लेकिन मैं इस शादी को एक्सेप्ट नहीं करूंगा , निबी ये बहुत ही बेवकुफो वाली हरकत है,,,,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने गुस्से से कहा
“भाई किसी से प्यार करके शादी करना क्या बेवकूफी है ? आपने भी तो नैना भाभी से शादी की है,,,,,,,,,,,,,तो क्या वो भी बेव,,,,,,,,,,,,!!”,निबेदिता ने गुस्से से लेकिन धीमे स्वर में कहा
“निबी ! बी इन योर लिमिट्स ,, खुद को नैना से कम्पेयर मत करो तुम,,,,,,,,,,,,आज तुमने किया है उसे डेड कभी एक्सेप्ट नहीं करेंगे,,,,,,,,,,!!”,अवि ने गुस्से से कहा तो निबी को बुरा लग गया और उसने कहा,”मैं खुद को आप की वाइफ से कम्पेयर क्यों करुँगी ? जिन्हे ना कपडे पहनने का होश है और बात करने का तरिका तो,,,,,,,,!!”
“निबी ये क्या हरकत है ? अवि तुम्हारा बड़ा भाई है माफ़ी मांगो उस से,,,,,,,,,,,,!!”,सौन्दर्या ने निबेदिता को फटकार लगाते हुए कहा
हमेशा गलत का विरोध करने वाली नैना आज चुप थी , अगर कोई और दिन होता तो नैना निबी को मुंह तोड़ जवाब दे देती लेकिन आज वह चुप थी उलटा उसने बीच में आकर कहा,”रिलेक्स,,,,,,,,,,,,,सब शांत हो जाओ , मॉम आप सब खड़े क्यों है बैठिये ना,,,,,,,,,,,!!”
निबी , अनुराग और सौंदर्या सोफे पर आ बैठे लेकिन अवि अभी भी सोफे के बगल में खड़ा था। अमूमन अवि कभी ज्यादा गुस्सा करता नहीं था वह शांत रहने वाला लड़का था लेकिन आज निबेदिता के इस फैसले पर अवि को बहुत गुस्सा आ रहा था। अनुराग की सच्चाई वह जानता था और नहीं चाहता था अनुराग उसकी बहन का फायदा उठाये या उसे कोई नुकसान पहुंचाए।
सौंदर्या अनुराग से बात करने लगी। अनुराग ने उन्हें अपने दिल्ली वाले बिजनेस और घर परिवार के बारे में बताया तो सौंदर्या को कुछ तसल्ली हुई कि निबी ने अपने लिए इतना गलत फैसला भी नहीं किया है। वे अनुराग से उसके परिवार के बारे में पूछने लगी और फिर कहा,”बेटा तुमने और निबेदिता ने कोर्ट में शादी कर ली लेकिन फॅमिली और सोसायटी के लिए भी शादी होना जरुरी है,,,,,,,,,,,,,,यू नो चौधरी साहब का इस शहर में काफी नाम है ऐसे में निबी उनकी इकलौती बेटी है ,, उनका सपना था निबी की शादी धूम धाम से करने का,,,,,,,,,,!!”
“डोंट वरी मम्मी एक बार डेड मान जाये उसके बाद मैं अपने घरवालों से बात करके उन्हें आप से और डेड से मिलवा दूंगा , उसके बाद हम ये शादी धूमधाम से कर सकते है,,,,,,,,,,,,,तब तक निबेदिता यहाँ रहे मुझे कोई दिक्कत नहीं है।”,अनुराग ने कहा
“आ गया ना औकात पर,,,,,,,,,,,,,जरूर इसने निबेदिता को कोई बहुत बड़ी कहानी सुनाकर फंसाया है,,,,,,,,,,!!”,नैना ने दांतो से अपने नाख़ून काटते हुए कहा
अनुराग की बातो से सौंदर्या को कुछ तसल्ली मिली उन्होंने घर के नौकर से चाय नाश्ता लाने को कहा तो अनुराग ने कहा,”निबी बता रही थी कि नैना जी चाय बहुत अच्छी बनाती है , नैना जी इफ यू डोंट माइंड क्या आप मेरे लिए चाय बना देंगी?”
“उसी चाय में चूहे मारने की दवा मिला दू तो इसका काम ही खत्म हो जाये पर अभी अभी सुहागन बानी निबी एक चाय में विधवा हो जाएगी,,,,,,,,,,,,नहीं नहीं ये सही नहीं होगा”,नैना मन ही मन बड़बड़ाई
“चाय बनाने के लिए इस घर में बहुत नौकर है,,,,,,,,,,,,,नैना क्यों बनाएगी ?”,नैना से पहले अवि ने कहा
“अह्ह्ह्ह मैं बना दूंगी,,,,,,,,,आप सब लोग बैठिये मैं चाय लेकर आती हूँ।”,कहते हुए नैना वहा से चली गयी
“नैना , नैना,,,,,,,,,,!!”,अवि नैना को आवाज देते हुए उसके पीछे पीछे आया
नैना किचन में आयी और कहा,”भोला भैया दूध का पतीला दीजिये”
अवि ने नैना की बाँह पकड़कर उसे अपनी तरफ किया और कहा,”नैना,,,,,,,,,,,तुम होश में हो , क्या कर रही हो तुम ? तुम उस अनुराग के लिए चाय बना रही हो,,,,,,,,,,,,,सीरियसली नैना?”
“ओह्ह्ह्ह पडोसी मेरा बस चले तो उसी चाय में डुबोकर उस लकड़बग्घे की जान ले लू मैं ,, चूहे मारने वाली दवा घोलकर पूरी की पूरी चाय उसके गले में डाल दू , अरे गर्म खोलती चाय को कप के बजाय सीधा उसके मुंह में छान दू और थूकने भी ना दू,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने गुस्से से उबलते हुए कहा
नैना की बातें सुनकर बेचारे भोला भैया डर गए , हाथ में थामे पतीले को काँपते हाथो से नैना की तरफ बढाकर कहा,”मैडम दूध,,,,,,,,,,!!
“भोला भैया आप जाईये,,,,,,,,,!!”,अवि ने भोला को किचन से बाहर भेजकर कहा।
“तो ये है तुम्हारा प्लान,,,,,,,,,,,,,,,ये बहुत ही बेकार प्लान है नैना”,अवि ने नैना के पास आकर उसकी आँखों में झाँकते हुए कहा
नैना दूध का पतीला लेकर गैस की तरफ आयी और शांत स्वर में कहा,”लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकती पडोसी,,,,,,,,!!”
“मतलब ?”,अवि ने नैना के बगल में आकर कहा
“मैं उस बेकार इंसान के लिए अपनी चाय को ऐसे बर्बाद नहीं कर सकती,,,,,,,,,,,,,,क्योकि चाय important है बाबू !!”,नैना ने अवि की तरफ पलटकर कहा
“तुम क्या बोल रही हो मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है नैना , और तुम ये सब छोडो तुम उसके लिए चाय कैसे बना सकती हो ? एक तो उसे यहाँ देखकर ही मेरा खून खौल रहा है,,,,,,!!”,अवि ने गुस्से में गैस बंद करते हुए कहा
“रिलेक्स पडोसी,,,,,,,,,,,,,उसके पास तुम्हारी बहन है,,,,,,,,,,,
इसका मतलब समझते हो ना तुम , तुम्हे क्या लगता है उसे यहाँ देखकर मुझे फर्क नहीं पड़ रहा , मैं बस जानना चाहती हूँ वो सच में निबी से प्यार करता है या फिर किसी और मकसद से इस घर में आया है।”,नैना ने अवि के चेहरे को अपने हाथो में थामा और एकदम से गंभीर होकर कहा
नैना की आँखों में परेशानी और बेचैनी के भाव अवि साफ देख पा रहा था। अवि को खामोश देखकर नैना ने कहा,”भरोसा रखो ! मैं सब सही कर दूंगी,,,,,,,,,,!!”
नैना के विश्वास से भरे शब्दों को सुनकर अवि ने हामी में अपनी गर्दन हिला दी और फिर नैना के बगल में खड़े होकर उसे चाय बनाते हुए देखने लगा। नैना के चेहरे पर इस वक्त शिकन या तकलीफ के भाव बिल्कुल नहीं थे। वह अंदर ही अंदर जिस बीमारी से लड़ रही थी बाहर उस से चार गुना ज्यादा लड़ाईया लड़नी अभी बाकि थी।
रेलवे स्टेशन , जयपुर
रुचिका के घर से निकलकर मोंटी वापस बीकानेर जाने के लिए रेलवे स्टेशन चला आया। उसने टिकट विंडो से टिकट लिया और प्लेटफॉर्म पर आकर वहा पड़ी बेंच पर बैठकर ट्रेन का इंतजार करने लगा। मौंटी की ट्रेन 2 घंटे बाद की थी। वह खामोश बैठा सामने खड़ी ट्रेन को देख रहा था। मोंटी के जहन में बस रुचिका का ख्याल चल रहा था। मौंटी रुचिका से नाराज था लेकिन रुचिका ने अपने पापा को उसके बारे में बता दिया और यहाँ बात मोंटी की सेल्फ रिस्पेक्ट आ गयी।
रुचिका ने अपने पापा को उसकी जॉब छूटने के बारे में बता दिया ये जानकर मोंटी को बहुत दुःख हुआ। आज वह अच्छे हालातो में नहीं था लेकिन इस बारे में उसने अपने घर पर भी किसी को नहीं बताया बल्कि मोंटी मेहनत करने और फिर से खुद को काबिल बनाने में विश्वास रखता था।
माला और उसके बॉस की वजह से मोंटी की अच्छी खासी जिंदगी में इतनी सारी परेशानिया एक साथ आ गयी , वही रुचिका ने भी उसे गलत समझकर उसका साथ छोड़ दिया। मौंटी इस वक्त काफी अकेला और टूटा हुआ महसूस कर रहा था। उसकी आँखों में खालीपन पसरा था और चेहरे पर मायूसी छाई थी। ऐसे में एक ही इंसान थी जो मौंटी को सम्हाल सकती थी और वो थी “नैना”
मौंटी ने जेब से अपना फोन निकाला और नैना का नंबर डॉयल किया लेकिन रिंग जाती उस से पहले ही फोन काट दिया और खुद में ही बड़बड़ाया,”नहीं मुझे नैना को ये सब बताकर फिर से परेशान करना नहीं चाहिए,,,,,,,,,,,,लास्ट टाइम भी वो मेरे और रूचि के लिए चली आयी थी। अब उसकी शादी हो चुकी है उसे छोटी छोटी बातो के लिए परेशान करना सही नहीं रहेगा , उसे अवि के साथ अपनी शादी शुदा जिंदगी जीने देना चाहिए,,,,,,,,,,,,,लेकिन जब नैना मिलेगी तो मैं उसे बताऊंगा जरूर कैसे उसकी प्यारी सहेली ने मेरा साथ छोड़ दिया ,,,,,,,,,,
मैं घर से चला आया लेकिन उसने मुझे रोका तक नहीं , तुम इतनी सेल्फिश कैसे हो सकती हो रूचि,,,,,,,,,,,,,!!”
“ये क्या वडापाव दिया है ? छह ये कोई वडा है एकदम ठंडा और बेस्वाद,,,,,,,,और ये पाव , ऐसा लग रहा है जैसे हफ्तों पुराना है,,,,,,,,,,,,,,!!”,बगल के फ़ूड कार्ट के सामने खड़े आदमी की आवाज मोंटी के कानो में पड़ी तो उसकी तंद्रा टूटी उसने साइड में देखा तो कार्ट के पास खड़ा आदमी झगड़ा कर रहा था
“क्या खराबी है इसमें ? सब लोग खा रहे है तुम्हारे नखरे है,,,,,,,,,,,,अरे रेलवे स्टेशन पर सब ऐसा ही मिलता है”,कार्ट वाले ने कहा
“किसने कहा ऐसा ही मिलता है ? हमारे यहाँ के स्टेशन का समोसा खाकर देखो तबियत खुश हो जाएगी,,,,,,,,,,,ए भैया इधर आओ जरा ये टेस्ट करके बताओ कैसा है ?”,आदमी को कोई और नहीं मिला तो उसने मौंटी को ही बुला लिया
मोंटी ने इधर उधर देखा तो आदमी ने कहा,”अरे भैया तुम से ही कह रहे है ज़रा आओ और जे चखकर बताओ कैसा है ?”
आदमी के कहने पर मौंटी उठकर उसके पास आया और प्लेट में रखे वडापाव को उठाकर एक निवाला खाया और कहा,”पाव थोड़ा सख्त है और वडा में नमक थोड़ा कम है , हरी चटनी जरा दरदरी पीसी होती तो टेस्ट और बढ़ जाता,,,,,,,,,,,,,!!”
“देखा हमने ऐसे ही नहीं कहा,,,,,,,,,,,,लाओ हमरे 30 रुपया वापस दो,,,,,,,,,,,,!!”,आदमी ने कार्ट वाले से कहा
“अरे इसने कह दिया और हो गया,,,,,,,,ओह्ह भैया अगर इतना ही स्वाद का ज्ञान है ना तो खुद का ठेला लगा लो पता चल जायेगा स्वाद क्या होता है ? और तुम निकलो यहाँ से कोई पैसा वापस नहीं मिलेगा,,,,,,,,,,,!!”,कार्ट वाले ने मोंटी और आदमी दोनों को घुड़कते हुए कहा
सामने खड़ी ट्रेन ने हॉर्न मारा और चलने लगी तो आदमी बचा हुआ वडा पाव मोंटी की और बढ़ाकर ट्रेन की तरफ भागा। मोंटी प्लेट लिए कचरे के डिब्बे की तरफ आया जैसे ही वह बचे हुए वडापाव को फेंकने को हुआ कार्ट वाले की कही बात उसके जहन में कोंध गयी “ओह्ह भैया अगर इतना ही स्वाद का ज्ञान है ना तो खुद का ठेला लगा लो पता चल जायेगा स्वाद क्या होता है”
सहसा ही मौंटी के हाथ रुक गए और वह उस वड़ा पाँव को लेकर बेंच के पास आया और उसे देखने लगा। मौंटी के दिमाग में कुछ चलने लगा और ये एक बहुत ही शानदार ख्याल था जिसे सोचकर मौंटी की मायूसी गायब हो गयी और वह मुस्कुरा उठा। उसने वडा पाव को हाथ में उठाया और उसका एक निवाला खाकर कहा,”अब तुम बदलोगे मेरी किस्मत और मेरी जिंदगी,,,,,,,,,,,,,!!”
मौंटी उस ठन्डे वडापाव को ही बड़े चाव से खाने लगा , कुछ देर बाद कार्ट वाले के पास आया और कहा,”भैया बहुत गजब वडा पाव था मजा आ गया,,,,,,,,,,,!!”
मौंटी तो वहा से चला गया लेकिन कार्ट वाला उसकी बात सुनकर अपना सर खुजाने लगा और बड़बड़ाया,”अजीब आदमी है अभी थोड़ी देर पहले बेकार बोल रहा था और अब अच्छा बोल रहा है,,,,,,,,,!!”
आशीर्वाद अपार्टमेंट , दिल्ली
शाम में अपार्टमेंट के लॉन में किट्टी में इकट्ठा हुई महिलाओ में मिसेज आहूजा का मुंह उतरा हुआ था।
“क्या बात है मिसेज आहूजा आज आप कुछ खोयी खोयी सी लग रही है”,मिसेज तिवारी ने पूछा
“अरे मत पूछो वो सेकेण्ड फ्लोर वाली मिसेज शर्मा है ना ,, आज उन्होंने खूब क्लास लगाई है मिसेज आहूजा की तभी इतनी शांत है,,,,,,,,,,,!!”,मिसेज सोनी की बहू ने मिसेज आहूजा का मजाक उड़ाते हुए कहा तो वहा बैठी सभी औरते हंसने लगी लेकिन मिसेज आहूजा का चेहरा गुस्से से लाल पीला हो गया और उन्होंने कहा,”मिसेज सोनी अपनी बहू से कहिये हद में रहे , क्या ये कपड़ो के साथ साथ तमीज भी घर छोड़कर आयी है”
“मेरी बहू को हद में रहने को कह रही है आप पहले खुद के कारनामे देख लीजिये , सोसायटी की बहुओ के लिए गलत बोलती रहती है इसलिए मिसेज शर्मा और उनकी बहू आपको सुनाकर चली गयी,,,,,,,,,,,,चलो नेहा”,कहते हुए मिसेज सोनी उठी और अपनी बहू को वहा से लेकर चली गयी
“बड़ी आयी बहु की तरफदारी करने वाली , अरे कल तक इन्ही किट्टी पार्टियों में बैठकर अपनी बहुओ का रोना रोया करती थी आप और मिसेज शर्मा,,,,,,,,,,!!”,मिसेज आहूजा ने ऊँची आवाज में कहा
“अरे अरे शांत हो जाईये मिसेज आहूजा , लगता है आपर्टमेंट के लोगो के दिलो में आपके लिए गुस्सा कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है , कही सब मिलकर अगले महीने आपको सोसायटी की लीडर ना बना दे।”,मिसेज गुप्ता ने कहा तो सभी हसने लगी
“गुस्सा बढे या नफरत एक बार मैं लीडर बन जाऊ फिर इन सबको इनकी औकात दिखाउंगी , एक एक को घुटनो पर नहीं लाया ना तो मेरा भी नाम मिसेज आहूजा नहीं,,,,,,,,,!!”,कहते हुए मिसेज आहूजा उठी और जाने लगी तो मिसेज तिवारी ने कहा,”अरे अब आप कहा चली ?”
मिसेज आहूजा के होंठो पर बड़ी सी मुस्कान आयी और उन्होंने कहा,”वो आज शाम खाने पर सोसायटी के चेयरमेन आने वाले है , उन्होंने बताया उन्हें कढ़ाई पनीर बहुत पसंद है तो बस उसी की तैयारी करनी है। चलती हूँ हाँ”
मिसेज आहूजा वहा से चली गयी तो पीछे से मिसेज गुप्ता ने कहा,”लगता है इस बार सोसायटी का इलेक्शन मिसेज आहूजा ही जीतेगी,,,,,,,,,!!”
“और उनकी जीत का श्रेय जायेगा कढ़ाई पनीर को,,,,,,,,,,!!”,मिसेज तिवारी ने कहां तो बाकि सब हंस पड़ी और कुछ देर बाद सभी अपने अपने घर चली गयी।
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Sanjana Kirodiwal
मैं कोई Writer नहीं , बल्कि एक चोर हु जो लोगो का समय चुराती है !
🤣🤣🤣🤣 yeh Naina na jaan hai iss story ki… matlab Anurag k liye chai m chuhe maarne wali dawa mila de…wha Naina itne ubaal k saath bhi itni chatpati baate ne aur maaza dila diya….yeh Anurag nibi se shadi krke tumhre ghar m entry k liye aaya hai jo uski ho gai hai…ab wo tumhe preshan karenga….take care Naina…aur Monti ko bhi mil gaya hai naya idea 💡 kaam ka…jis se wo khud ko sabit karega