Love You Zindagi – 10
Love You Zindagi – 10

नैना गहरी नींद में सो रही थी और अवि बहुत ही शांति से कमरे में यहाँ से वहा घूम रहा था , दरअसल नैना का बर्थडे था और अवि नैना को सरप्राइज देना चाहता था इसलिए वह कमरे को डेकोरेट कर रहा था। अवि ने घर के बगीचे से तोड़े ताज़ा फूलो को नैना की साइड रखे टेबल पर पड़े फ्लावर पॉट में रखा। उसने कुछ बेलून कमरे में यहाँ वहा बिखेर दिए बिस्तर पर एक प्यारा सा लाल रंग का टेडी रखा जिसके हाथो में एक छोटा सा बॉक्स रखा था।
अवि ने कमरे में एक अच्छी खुशबु वाला रूम फ्रेशनर भी छिड़का और नैना के बिस्तर के पास नीचे जमीन पर फूलों को बिखेर दिया। अवि ने बहुत ही सावधानी से सब काम खत्म किया और एक नजर कमरे को देखा। सब परफेक्ट लग रहा था और ये देखकर अवि मन ही मन बहुत खुश हुआ।
वह नैना के सिरहाने आकर बैठा और उसका सर सहलाते हुए प्यार से कहा,”नैना , उठ जाओ बच्चे , सुबह हो चुकी है,,,,,,,,,!!”
“सोने दो ना पडोसी,,,,,,,,,!!”,नैना ने नींद में कुनमुनाते हुए कहा और करवट बदल ली
अवि ने नैना को पकड़कर उठाया और उसके चेहरे को अपने हाथो में लेकर उसके सर को अपने होंठो से छूकर कहा,”हैप्पी बर्थडे नैना”
नैना ने सुना लेकिन आँखे अभी भी बंद थी और उनसे आँखे मींचे मींचे कहा,”थैंक्यू पडोसी,,,,,,,,,,,!!”
“चलो जल्दी से उठी और फ्रेश हो जाओ , आज मैं तुम्हारे लिए अपने हाथो से चाय बनाकर लाता हूँ”,अवि ने नैना के गाल को थपथपाते हुए कहा और वहा से चला गया।
नींद के कारण नैना ने बैठे बैठे अपना सर झुका लिया लेकिन अब उसकी नींद उड़ चुकी थी , वह बड़बड़ाई,”ये पडोसी भी कितना अजीब है ना , एक बर्थडे विश करने के लिए इतनी सुबह सुबह ऐसे कौन उठाता है ?”
नैना उठी और जैसे ही बिस्तर से नीचे अपने पैरो को रखा उसके पैर फूलो पर पड़े , नैना ने हैरानी से नीचे देखा तो पाया वह रंग बिरंगे फूलो पर खड़ी है। नैना ने साइड टेबल पर रखे अपने पसंदीदा फ्लॉवर पॉट को देखा जिसमे ताजा फूल लगे थे। बाकि दिनों के बजाय ये फूल आज कुछ ज्यादा ही खिले नजर आ रहे थे।
नैना ने उन्हें छुआ और मुस्कुरा उठी। वह खुश होकर कमरे में घूमते हुए सब देखने लगी , पहली बार किसी ने उसके लिए ऐसा कुछ किया था , वह हँसते मुस्कुराते सब छूकर देख रही थी। हर एक छुअन में उसे अपने पडोसी के होने का अहसास था। उसने रेंक में लगे अपने नाम के लिफाफे को निकाला और उसे खोलकर उसमे रखे कार्ड को निकाला।
नैना ने कार्ड खोलकर देखा और पढ़ने लगी
“Dear नैना !
मैं जानता हूँ तुम नए ज़माने की लड़की हो जो वक्त के साथ चलना पसंद करती है पर मैं चाहता हूँ तुम कभी कभी यू ही मेरे लिए ठहर जाओ। आज से पहले मैंने कभी किसी लड़की के लिए लेटर नहीं लिखा पर तुम्हारे लिए लिखने का दिल किया।
आज बहुत खास दिन , आज उस इंसान का जन्मदिन है जिस से मेरा हर दिन है। Happy Birthday My Love,,,,,,,,,,,तुम्हे मेरी उम्र भी लग जाये , मैं तुमसे इतनी मोहब्बत करता हूँ कि उम्र के आखरी पड़ाव में भी मैं तुम्हारे जन्मदिन पर ऐसे ही खत लिखूंगा,,,,,,,,,,,,अब ये सब पढ़कर ज्यादा इमोशनल मत होना , बिस्तर पर तुम्हारे लिए एक गिफ्ट रखा है जल्दी उसे देखो,,,,,,,,,,,!!
तुम्हारा पडोसी
ये सब पढ़कर नैना ने महसूस किया कि उसकी आँखों में आँसू आ चुके है। उसने कार्ड को बंद किया और वापस लिफाफे में रखकर बिस्तर की तरफ आयी। जब उसकी नजर बिस्तर पर रखे छोटे टेडी बियर पर पड़ी तो नैना नम आँखों के साथ भी मुस्कुरा उठी। उसने टेडी को उठाया और उसे चूमते हुए कहा,”तुम सच में पागल हो पडोसी,,,,,,,,,,ओह्ह्ह यहाँ कुछ और भी है।”
नैना की नजर डिब्बे पर पड़ी नैना ने उसे उठाया और खोलकर देखा तो उसमे बहुत ही सुंदर प्लेटिनम चैन था जिसमे एक प्लेटिनम का हार्ट शेप पेन्डेन्ट था। नैना नम चमकती आँखो से उसे देखने लगी।
“पसंद आया ?”,अवि की आवाज नैना के कानों में पड़ी तो नैना ने पलटकर देखा अवि अपने हाथ में चाय का कप लिए खड़ा था।
“थैंक्यू,,,,,,,,,,,ये सब तुमने मेरे लिए किया ?”,नैना को अब भी यकीन नहीं हो रहा था कि उसके लिए कोई ये सब भी कर सकता है।
अवि ने चाय का कप टेबल पर रखा और कहा,”नहीं वो हमारे पड़ोस वाली सुष्मिता है न मैंने ये उसे लिए किया है”
नैना ने सुना तो उसने अवि के सीने पर हल्का सा मुक्का जड़ते हुए कहा,”तुम ऐसा कैसे कर सकते हो ?”
अवि ने नैना का हाथ पकड़कर उसे अपनी तरफ खींचा और कहा,”नैना ! इस जिंदगी में मैं सिर्फ तुम्हारा हूँ और तुम मेरी किसी और का ख्याल भी मेरे लिए एक सजा है,,,,,,,,,,वैसे भी जिसके पास तुम हो वो भला किसी और के बारे में क्यों सोचेगा ?”
नैना ने सुना तो उसके पेट में तितलियाँ सी उड़ने लगी , धीरे धीरे नैना बदलने लगी थी। अवि की भावनाये वह अब महसूस करने और समझने लगी थी। वह ब्लश कर रही थी और अवि उसकी स्तिथि भांप ना ले इसलिए वह अपने हाथ में पकड़ी उस चैन को देखने लगी।
“क्या तुमने इस पेन्डेन्ट को खोलकर देखा ?”,अवि ने नैना को अपनी बांहो में लेकर कहा
नैना ने ना में गर्दन हिला दी तो अवि ने पेन्डेन्ट खोलकर देखने का इशारा किया। नैना ने पेन्डेन्ट खोलकर देखा तो उसके चेहरे से ख़ुशी गायब हो गयी , उसकी आँखों में नमी तैरने लगी।
अवि ने नैना के हाथ से वो पेन्डेन्ट लिया और उसके गले में पहनाते हुए कहा,”आज से तुम्हारे मॉम-डेड हमेशा तुम्हारे साथ रहेंगे नैना , उनकी ब्लेसिंग हमेशा तुम्हारे साथ है।”
नैना ने पलकें उठाकर अवि को देखा तो उसकी आँखों में आंसू थे , अवि ने उसे अपने सीने से लगाया और कहा,”चलो चाय पीकर फ्रेश हो जाओ फिर मॉम ने तुम्हे नीचे नाश्ते पर बुलाया है , उन्होंने आज तुम्हारे लिए कुछ स्पेशल बनाया है”
नैना ने सुना तो हैरानी से अवि को देखा आज सुबह सुबह ही उसे ये दूसरा सरप्राइज मिला था। नैना ने चाय पी और नहाने चली गयी। अवि पहले ही नहा चुका था इसलिए वह अपने स्टडी टेबल पर बैठकर काम करने लगा। नैना ने आज सफ़ेद रंग का कढ़ाई वाला कुरता और प्लाजो पहना और शीशे के सामने आकर जैसे ही अपने बाल बनाने लगी अवि ने उसके हाथ से कंघा लेकर कहा,”रुको मैं करता हूँ !”
आज नैना ने अवि को नहीं रोका बल्कि वह शीशे में देखते हुए प्यार से अवि को निहारने लगी। नैना के पीछे खड़े अवि ने धीरे धीरे नैना के बालों को कंघी किया लेकिन अगले ही पल कंघी में नैना के जरूरत से ज्यादा टूटे हुए बाल देखकर अवि का मन उदास हो गया। वह नहीं चाहता था नैना उन्हें देखे इसलिए अवि ने जल्दी से उन बालों को कंघी से निकाला और साइड में फेंक दिया। नैना अवि की तरफ पलटी और कहा,”कैसी लग रही हूँ ?”
“मेरी लग रही हो,,,,,,,,!!”,अवि ने प्यार भरी नजरो से नैना को देखते हुए कहा
नैना ने सुना तो अवि को साइड किया और कहा,”फिल्मे कम देखा करो पडोसी,,,,,,,,,,,,मैं नीचे जा रही हूँ”
अवि मुस्कुराया और नैना के पीछे आते हुए कहा,”ए नैना ! मैं सच कह रहा हूँ”
नैना कमरे से बाहर चली गयी , अवि भी उसके पीछे जाने लगा लेकिन कमरे से बाहर जाता इस से पहले ही टेबल पर रखा अवि का फोन बजा और अवि को वापस आना पड़ा
अवि ने देखा मृणाल का फोन था। अवि ने कुछ देर मृणाल से बात की और फिर उसे शाम में घर आने का बोलकर कमरे से बाहर निकल गया। सीढ़ियों से उतरते हुए अवि जैसे ही नीचे आया उसने देखा आखरी सीढ़ी पर खड़ी नैना रेलिंग से लटक कर चौधरी साहब के ऑफिस रूम में झाँकने की कोशिश कर रही है। अवि नैना के पास आया और उसका कंधा थपथपाया लेकिन नैना अंदर झाँकने में इतना बिजी थी कि उसने अपने कंधे से अवि का हाथ झटक दिया और एक बार फिर कमरे में झाँकने लगी।
“नैना ! तुम यहाँ क्या कर रही हो ?”,अवि ने कहा
नैना पलटी और अवि को साइड करके उसका मुंह बंद करते हुए फुसफसायी,”क्या कर रहे पडोसी ? साइड में खड़े रहो,,,,,,,,,,,!!”
“ठीक है लेकिन तुम यहाँ कर क्या रही हो ?”,नैना के पीछे खड़े अवि ने भी फुसफुसाते हुए कहा
नैना ने अपनी गर्दन घुमाई और दबे स्वर में कहा,”अंदर डेड है और अनुराग से बात कर रहे है”
“अब क्या होगा ?”,अवि ने घबराकर कहा
“रिलेक्स पडोसी ! देखना दो मिनिट में डेड उसको लात मारकर इस घर से बाहर कर देंगे”,नैना ने खुश होकर कहा
“आर यू स्योर ?”,अवि ने कहा
“अरे डिफिनेटली स्योर मैं डेड की पसंद को अच्छे से जानती हूँ , अनुराग जैसे लीचड़ आदमी को तो डेड बिल्कुल पसंद नहीं करेंगे,,,,,,,,,,,,निबी के लिए तो हरगिज नहीं,,,,,,,,,, मैं बहुत एक्साइटेड हूँ ये देखने के लिए”,नैना ने अपने हाथो को मलते हुए कहा
“आई हॉप ऐसा ही हो , हटो मुझे सुनने दो अंदर क्या बात चल रही है ?”,अवि ने नैना को साइड कर खुद रेलिंग की तरफ आकर कहा , नैना के साथ साथ अब अवि भी रेलिंग पर झूल रहा था लेकिन दोनों को ही बाते साफ सुनाई नहीं दे रही थी।
सौंदर्या नाश्ते के लिए अपने कमरे से निकलकर डायनिंग एरिया की तरफ से जाने लगी तो उनकी नजर अवि और नैना पर पड़ी। सौंदर्या उन दोनों के पास आयी और कहा,”अवि नैना ये क्या कर रहे हो तुम दोनों ?”
“शशशशश धीरे बोलिये मॉम”,नैना ने उन्हें चुप करके कहा और फिर अनुराग के बारे में बताया तो सौंदर्या भी उनके साथ खड़ी हो गयी आखिर वो भी चौधरी साहब द्वारा अनुराग को लताड़ते देखना चाहती थी।
काफी वक्त गुजर गया लेकिन ना चौधरी साहब बाहर आये ना अनुराग तो सौंदर्या ने कहा,”लेकिन ये लोग बाहर क्यों नहीं आ रहे ?”
“मॉम आप जानती है ना डेड का गुस्सा , कही अनुराग उनका गुस्सा देखकर बेहोश तो नहीं हो गया और अब डेड उसके होश में आने का इंतजार कर रहे हो,,,,,,,,,,,,,,,मैं जाकर देखती हूँ”,नैना ने जैसे ही जाने के लिए कदम बढ़ाया अवि ने उसे वापस पीछे खींच लिया और कहा,”ठहरो , लगता है कोई आ रहा है”
नैना रुक गयी। ऑफिस रूम का दरवाजा जैसे ही खुला नैना ने एक्साइटेड होकर कहा,”अब आएगा मजा जब अनुराग की असलियत सबके सामने आएगी और डेड उसे इस घर से दफा,,,,हैं ये तुम्हारे बाप को क्या हो गया है ?”
नैना के मुंह से आखरी निकले शब्द बहुत ही अजीब थे और वो इसलिए थे क्योकि नैना ने जो देखा उसे देखकर उसे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ। अवि ने सुना तो उसने जल्दी से नैना का मुंह बंद कर उसे अपनी तरफ खींच लिया।
सौंदर्या और अवि का भी मुंह तब खुला का खुला रह गया जब उन्होंने चौधरी साहब को अनुराग के कंधे पर हाथ रखकर हँसते मुस्कुराते आते देखा।
अनुराग के कंधो पर हाथ रखे चौधरी साहब उन तीनो के सामने से गुजरे और सौंदर्या से कहा,”सौंदर्या ! भोला से कहकर नाश्ता लगवाओ , दामाद जी पहली बार घर आये है”
सौंदर्या ने सुना तो उसे और भी हैरानी हुई , उन्होंने सोचा नहीं था चौधरी साहब इतनी जल्दी और इतनी आसानी से अनुराग को स्वीकार कर लेंगे।
उन्होंने अवि की तरफ देखा तो पाया अवि भी हैरानी से उन्हें ही देख रहा था और बेचारी नैना वो अंदर ही अंदर आग बबूला होते हुए अवि के हाथ को अपने मुंह से हटाने की कोशिश कर रही थी और आखिर में उसने अवि के हाथ को काट लिया जिस से अवि को अपना हाथ हटाना पड़ा।
नैना सीढ़ी से नीचे उतरी और डायनिंग एरिया की तरफ जाते हुए कहा,”माँ की आँख,,,,,,,,,,,इस अनुराग की तो मैं”
“नैना , नैना रुको”,अवि और सौंदर्या ने साथ साथ आवाज दी लेकिन नैना ने उन दोनों पर कोई ध्यान नहीं दिया और आगे बढ़ गयी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!
लखनऊ , विपिन जी का घर
“आपके लिए नाश्ता लगा दू ?”,आराधना ने किचन से ही विपिन जी को आवाज लगाकर कहा
विपिन जी किसी गहरी सोच में डूबे हुए थे उनके चेहरे से साफ झलक रहा था कि वे किसी बात को लेकर अंदर ही अंदर बहुत परेशान है। विपिन जी का जवाब ना पाकर आराधना बाहर आयी और उनके कंधे पर हाथ रखकर कहा,”क्या हुआ ? आपने जवाब नहीं दिया,,,,,,,,,,,आप कुछ परेशान नजर आ रहे है सब ठीक है न ?”
विपिन जी आराधना की तरफ पलटे और कहा,”आराधना ! ना जाने क्यों आज सुबह से मन बहुत घबरा रहा है , ऐसे लग रहा है जैसे कुछ बुरा होने वाला है ,, मन अजीब सा हो रहा है,,,,,,,,,,!!”
आराधना ने सुना तो उसके चेहरे पर चिंता के भाव तैरने लगे और फिर उसने कहा,”आप भी ना आजकल कुछ भी उलटा सीधा सोचने लगे है , कल रात ही तो आपकी अपनी बेटी से बात हुई है,,,,,,,,,,,,,,!!”
“हाँ आराधना लेकिन बाकि दिनों के बजाय नैना कल रात कुछ ज्यादा ही खामोश थी , मैं उसकी आवाज की खनक को पहचानता हूँ,,,,,,,!!”,विपिन जी ने कहा
आराधना उनकी बात सुनकर सोच में पड़ गयी विपिन जी आराधना की तरफ पलटे और कहा,”आरु ! क्या ऐसा हो सकता है कि नैना हम लोगो से कुछ छुपा रही है ?”
“नहीं नैना मुझसे भले ही कुछ छुपा ले लेकिन आपसे वह कभी कुछ नहीं छुपाती,,,,,,,,,,,,,हमारी नैना बिल्कुल ठीक है और फिर हमारे समझदार दामाद जी है न उसके साथ आप खामखा चिंता कर रहे है,,,,,,,,,!!”,आराधना ने प्यार से कहा
“हम्म्म शायद मैं कुछ ज्यादा ही सोच रहा हूँ,,,,,,,,मैं हाथ मुंह धोकर आता हूँ तुम नाश्ता लगा दो,,,,,,,,!!”,विपिन जी ने कहा और उठकर हाथ धोने चले गए
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क्या विपिन जी का सोचना सही था ? क्या सच में कोई अनहोनी होने वाली है ?
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संजना किरोड़ीवाल


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Sanjana Kirodiwal
मैं कोई Writer नहीं , बल्कि एक चोर हु जो लोगो का समय चुराती है !