Category: Sakinama

साक़ीनामा – 11

Sakinama – 11 Sakinama – 11 राघव और मैं हमारे आने वाले कल की बातें करते हुए कुछ देर वही बैठे रहे। राघव का उपवास था और सुबह से उसने कुछ खाया नहीं था इसलिये हम वहा से निकल गए। मंदिर...

साक़ीनामा – 10

Sakinama – 10 एक दोपहर राघव ने बताया कि वह अपनी मम्मी के साथ राजस्थान आ रहा है। मैंने जैसे ही सूना ख़ुशी से मेरा चेहरा खिल उठा। उसने बताया कि उसके मामाजी की तबियत खराब है उन्ही से मिलने मम्मी...

साक़ीनामा – 9

Sakinama – 9 देखते ही देखते एक महीना गुजर गया और इस बीच राघव से मेरी बातें होती रही। इस एक महीने में हम दोनों एक दूसरे को अच्छे से जानने-समझने लगे थे। जून महीने का आखरी हफ्ता चल रहा था।...

साक़ीनामा – 8

Sakinama – 8 Sakinama – 8 मैं जैसे ही ऑफिस पहुंची मेरे साथ काम करने वाले लड़के मुझे देखने लगे। गलती उनकी नहीं थी आज से पहले किसी ने मुझे ऐसे अवतार में देखा भी तो नहीं था। कुछ ने तो...

साक़ीनामा – 7

Sakinama – 7 Sakinama – 7 मैं जिंदगी के एक नए सफर पर थी जिसमे ख़ुशी थी , अपनापन था , एक दूसरे की परवाह थी , छोटे छोटे सपने थे और खूबसूरत अहसास जिस से हर लड़की अपनी जिंदगी में...
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