Sakinama – 21 Sakinama – 21 कुछ निवाले खाकर मैंने दवा ली और ऊपर अपने कमरे में चली आयी। क्या हो रहा था ? क्यों हो रहा था ? कुछ समझ नहीं आ रहा था। मैं बिस्तर पर आकर लेट गयी।...
Sakinama – 20 Sakinama – 20 वो अजीब बिहेव कर रही थी और डॉक्टर के पास भी नहीं जाना चाह रही थी। मैं हैरान परेशान सी बस उन्हें देख रही थी। कुछ देर बाद उन्होंने सोफे पर बैठते हुए कहा,”रघु को...
Sakinama – 19 Sakinama – 19 भाभी की बेटी मेरे पास चली आयी। वो बिल्कुल मेरे जैसी ही थी जैसे मैं हुआ करती थी बचपन में,,,,,,,,,,,वो वही मेरे पास बैठकर बातें करने लगी। रात 11 बजे भाभी मैं और उनकी बिटिया...
Sakinama – 17 Sakinama – 17 राघव को अपने लिए मैंने चुना और उसके साथ ही चुनी थी अपनी किस्मत जो एकदम से बदल चुकी थी। मैं उसकी , बेरुखी , उसकी बदतमीजियां , उसका गुस्सा और उसकी बदसुलूकी सब बर्दास्त...
Sakinama – 16 Sakinama – 16 सुबह सुबह राघव तैयार होकर ऑफिस चला गया। मैं अब बहुत कम हसती थी दिनभर खुद को घर के कामों में बिजी रखती या फिर अपने कमरे में बैठकर अपने हालात पर रोते रहती। मैं...