Manmarjiyan – 50 गुड्डू आराम से सो रहा था और शगुन अपना हाथ उसकी गर्दन के नीचे लगाए बैठी थी। कुछ देर बाद शगुन को अहसास हुआ की सुबह होने वाली है और धीरे धीरे घर के सभी लोग उठ जायेंगे...
Manmarjiyan – 49 गुड्डू सो चुका था और शगुन भी सोने की कोशिश करने लगी। सुबह शगुन उठी और तैयार होकर नीचे चली आयी। ससुराल में उसे 3-4 दिन हो चुके थे इसलिए आज शगुन ने सबके लिए खुद खाना बनाने...
Manmarjiyan – 48 शगुन ख़ामोशी से अपनी नयी साड़ी के पल्लू से गुड्डू के माथे का पसीना पोछ रही थी और गुड्डू बस उसे देखे जा रहा था। गुड्डू ने अचानक से शगुन का हाथ पकड़कर उसे रोकते हुए कहा,”का कर...
Manmarjiyan – 47 गुड्डू की कमर में दर्द हो रहा था वह बिस्तर पर आ बैठा और चाय पीने लगा। उसे शगुन पर गुस्सा आ रहा था वह बड़बड़ाने लगा,”पिंकिया ने तो कहा था की शगुन ज्यादा दिन इस घर में...
Manmarjiyan – 46 पिंकी अपनी अगली चाल चल चुकी थी जिस से शगुन पूरी तरह अनजान थी। शाम में शगुन दादी माँ के पास बैठकर उन्हें भागवत-गीता का पाठ सूना रही थी। कुछ देर बाद गोलू वहा आया और कहा,”नमस्ते दादी”“अरे...