“मैं तेरी हीर” – 7
Main Teri Heer – 7
Main Teri Heer – 7
मुन्ना सीट से सर लगाए आँखे मूंदे सो गया। वंश ने देखा तो गाड़ी की स्पीड थोड़ी बढ़ा दी। रात होने वाली थी वंश को ड्राइविंग करने का बहुत शौक था ,, आज उसे मौका मिल गया। आज ना उसे कोई रोकने वाला था ना ही उसे डाटने वाला वंश फुल स्पीड ने जीप को दौड़ाये जा रहा था मुन्ना दिनभर का थका हुआ था इसलिए गहरी नींद में सो गया। एक तो स्पीड में गाड़ी उस पर वंश ने कानो पर हेडफोन लगा लिए ,, कुछ ही दूर चले होंगे की वंश ने देखा सामने से एक गाडी तेज स्पीड में आ रही है। वंश घबरा गया उस से गाडी कंट्रोल ही नहीं हुई तभी मुन्ना ने स्टेयरिंग घुमा दिया और गाड़ी सामने एक पेड़ से जा टकराई। एक बहुत बड़ा हादसा होते होते रह गया। वंश को तो समझ ही नहीं आया की ये अचानक से क्या हुआ ? उसने धीरे से कानो से हेड फोन निकालकर गले में डालते हुए कहा,”सॉरी वो ब्रेक लगना भूल गया”
“अभी तो लग जाते दोनों के ब्रेक , चल उतर और इधर आ”,कहते हुए मुन्ना उतरकर ड्राइवर सीट पर आकर बैठ गया।
वंश हक्का बक्का सा आकर सीट पर बैठ गया। मुन्ना ने गाड़ी को पीछे लिया गनीमत था की की भारी नुकसान नहीं हुआ। वंश को चुप देखकर मुन्ना ने पानी की बोतल उसकी तरफ बढ़ाते हुए कहा,”हमे लगता है हमे रात रात यही कही आस पास में रुक जाना चाहिए। ठण्ड भी बढ़ गयी है और हो सकेगा तो सुबह जल्दी निकल जायेंगे। वैसे भी इंदौर यहाँ से 300 किलोमीटर दूर है।”
“हाँ ठीक है मुझे भी अब यही लगता है”,वंश ने कहा
मुन्ना ने गाडी आगे बढ़ा दी कुछ ही दूर एक ढाबा दिखाई दिया मुन्ना ने उसी ढाबे के साइड में अपनी जीप लगा दी और वंश के साथ अंदर चला आया। रात के 11 बज रहे थे ढाबे वाला ढाबे को बंद कर चुका था और अपनी जगह पर बैठ अलसा रहा था। मुन्ना और वंश को देखते ही उसने कहा,”ढाबा बंद हो चुका है बाबू”
“चचा हम मुसाफिर है , काफी लंबा सफर तय करके आये है ठंड भी बहुत है आज रात के लिए यहाँ ठहरने को जगह मिल जाती तो बड़ी कृपा होती आपकी”,मुन्ना ने कहा
“हां चचा क्या है की आगे भी हमे एक लंबा सफर तय करना है इसलिए”,वंश ने कहा।
आदमी ने ढाबे से ही लगकर बने अपने घर को देखा जहा उसकी पत्नी और बेटी रहती थी। इतनी जल्दी किसी अजनबी पर भरोसा कैसे कर ले सोचकर ढाबेवाले ने कहा,”तुम दोनों चाहो तो यहाँ रुक सकते हो लेकिन यही ढाबे पर ही सोना पडेगा”
“हां ठीक है धन्यवाद”,मुन्ना ने कहा तो ढाबे वाले ने वही ढाबे में रखी मचिया की ओर इशारा कर दिया। मुन्ना और वंश आकर उस पर लेट गए। अंदर ठण्ड कम थी कुछ देर बाद ढाबेवाला आया और एक कंबल उन दोनों को देकर कहा,”ये लो इसे ओढ़ लो वरना सुबह तक कुल्फी जम जाएगी तुम दोनों की”
“शुक्रिया”,मुन्ना ने कहा और कंबल वही रख ली। उसकी बगल में लेटे हुए वंश ने कहा,”सॉरी”
“किसलिए ?”,मुन्ना ने भी उसकी बगल में लेटे हुए छत को देखते हुए कहा
“वो मुझे गाड़ी ध्यान से चलानी चाहिए थी”,वंश ने अपनी गलती मानते हुए कहा
“कोई बात नहीं हो जाता है आगे से थोड़ा ध्यान से , अभी सो जाओ सुबह यहाँ से जल्दी निकलना है”,मुन्ना ने कहा और आंखे मूंद ली। वंश भी ख़ुशी ख़ुशी सो गया। सुबह के 5 बजे मुन्ना की आँखे खुली , इस वक्त ठंड रात से भी ज्यादा थी ढाबे वाले ने देखा तो उन दोनों के लिए चाय ले आया और कहा,”इस वक्त ठंड ज्यादा हो जाती है खुला इलाका है ना इसलिए , लो ये चाय पी लो”
मुन्ना ने हाथ मुंह धोया और वंश को भी उठा दिया। चाय पीकर मुन्ना ढाबेवाले के पास आया और उसे कुछ पैसे देने लगा तो ढाबेवाले ने कहा,”ना ना बाबू इनकी जरूरत नहीं है , देखने में आप दोनों अच्छे घर के लगते है आप दोनों को मदद की जरूरत थी सो हमने कर दी”
मुन्ना ने देखा आज भी ऐसे लोग थी इस दुनिया में जो बिना स्वार्थ किसी की सेवा करने में विश्वास रखते थे। मुन्ना मुस्कुराया और उन पैसो को काऊंटर पर रखते हुए कहा,”ये पैसे हम आपके आत्मसम्मान को कम करने के लिए नहीं दे रहे है , इन पैसो से अपने ढाबे की छत सही करवा लेना”
आदमी ने सूना तो हैरानी से मुन्ना को देखने लगा आज से पहले किसी ने उस से इस तरह से बात नहीं की। आदमी ने ख़ामोशी से पैसे उठाकर गल्ले में रख दिए और कहा,”जाने से पहले कुछ खाकर जाईये बाबू , हम अभी बनवा देते है”
कहते हुए आदमी अपने घर की तरफ देखकर आवाज देता है,”ए सुनैना बाबू लोगो के लिए कुछ खाने को ले आओ ज़रा”
मुन्ना वहा से वापस वंश की तरफ चला आया और कहा,”कितना भला आदमी है”
“तुम्हे तो हर कोई भला लगता है मुन्ना , तुम्हारी आँखों में प्रॉब्लम है बनारस जाकर चेक करवाना”,वंश ने ऊंघते हुए कहा
“सुबह सुबह तुम्हारा मूड क्यों उखड़ा है ?”,मुन्ना ने कहा
“ऐसी जगह पर रात गुजारनी पड़े तो मूड तो खराब होना ना यार मुन्ना , अच्छा खासा चलते किसी फाइव स्टार होटल में”,वंश ने चिढ़ते हुए कहा
“ऐसी जगह पर ये ढाबा मिल गया वो ही बहुत बड़ी बात है”,मुन्ना ने कहा ही था की तभी ढाबेवाले की लड़की ने आकर कहा,”ये कहा रखे ?”
“लाओ हमे दो”,कहते हुए मुन्ना ने उसके हाथ से प्लेटे ली एक वंश की तरफ बढ़ा दी दूसरी खुद लेकर खाने लगा। वंश ने देखा प्लेट में चटनी के साथ सिर्फ एक पराठा है जिस पर मक्खन भी नहीं लगा। वंश ने लड़की की तरफ देखा और कहा,”बटर नहीं है क्या ?”
“मतलब ?”,लड़की ने कहा जो की ज्यादा पढ़ी लिखी दिखाई नहीं दे रही थी। मुन्ना ने सूना तो अपनी कोहनी वंश को मारते हुए कहा,”जो मिल रहा है चुपचाप खा लो , बहन आप जाओ”
मुन्ना के कहने पर लड़की वहा से चली गयी। नाश्ता करने के बाद मुन्ना ने घडी में देखा जो की सुबह के 6 बजा रही थी। इंदौर अभी दूर था। मुन्ना और वंश दोनों जीप में आ बैठे और वहा से इंदौर के लिए निकल गए।
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट , इंदौर
मुन्ना की जीप आकर कॉलेज के अंदर रुकी उसने जीप साइड में लगाईं। वंश नीचे उतरा और चारो और नजरे घुमाई। लड़के लड़किया कॉलेज में घूम रहे थे। कुछ साथ बैठकर पढाई कर रहे थे। कुछ लड़कियों ने बहुत शार्ट ड्रेसेज पहने थे और सभी बहुत अच्छी भी लग रही थी। किसी को किसी से कोई मतलब नहीं। वंश तो उन सबको देखकर खुश हो रहा था वह भी तो ऐसी ही जिंदगी जीना चाहता है बिंदास। वंश ख्यालो में खोया हुआ था की मुन्ना ने आकर कहा,”तुम चलकर काशी से मिलो हम आते है”
वंश को और क्या चाहिए था ? वह ख़ुशी ख़ुशी आगे बढ़ गया भीड़ में कई बार लड़किया अपना कंधा उसे मारते हुए आगे बढ़ गयी। वंश मुस्कुराते हुए कॉरिडोर की तरफ चला गया।
इतने लम्बे सफर के बाद जीप का इंजन थोड़ा गर्म पड़ चुका था। मुन्ना उसे ही सही करने के लिए रुक गया। सब ठीक करके मुन्ना जीप से नीचे उतरा। उसका फोन बजा देखा फोन घर से है मुन्ना फोन कान से लगाकर बात करने लगा। बात करते हुए वह जैसे ही पलटा उसके पास से एक लड़की गुजरी मुन्ना उसका चेहरा नहीं देख पाया। सफ़ेद रंग का चूड़ीदार सूट पहने , खुले बाल जो कमर तक लहरा रहे थे। मुन्ना कुछ समझ पाता इस से पहले हवा की वजह से लड़की के कंधे पर रखा सफ़ेद दुप्पटा मुन्ना के चेहरे पर आ गिरा।
ठंडी हवाएं चल रही थी और मुन्ना को छूकर गुजर रही थी। उसने और लड़की ने दुपट्टा लेने के लिए एक साथ अपने अपने हाथ बढ़ाये। दोनों की उंगलिया एक दूसरे को छूकर गुजरी। एक खूबसूरत अहसास मुन्ना को अंदर तक छू गया। जैसे ही लड़की ने अपना दुपट्टा मुन्ना के चेहरे से हटाया मुन्ना को उसकी बड़ी बड़ी खूबसूरत आँखे नजर आयी , वही आँखे जो अक्सर मुन्ना को घाट पर बैठकर दिखाई देती थी। मुन्ना एकटक उसे देखता रहा। लड़की ने अपना दुप्पटा मुन्ना के चेहरे से हटाया तो वह आकर जैकेट की चैन में उलझ गया। परेशान सी लड़की उसे निकालने लगी और ऐसा करते हुए वह मुन्ना के थोड़ा करीब भी आ गयी। वह लगातार अपने होंठो से बड़बड़ाये जा रही थी जो की मुन्ना को सुनाई नहीं दे रहा था। आँखों से हटकर उसकी नजरे लड़की के सुर्ख होंठो पर जा टिकी , साँचे में ढले खूबसूरत होंठ जिनपर लिपस्टिक लगी हुई थी। मुन्ना के कानो में इस वक्त कोई प्यारी सी धुन पड़ रही थी। आज से पहले उसके साथ ये कभी नहीं हुआ था वह ना कुछ बोल पाया ना ही कुछ कर पाया बस चुपचाप खड़ा लड़की को देखता रहा। जैकेट की चैन से दुप्पटा निकालकर लड़की जैसे ही जाने लगी दुपट्टे का कोना फिर मुन्ना के हाथ में पहनी घड़ी में उलझ गया और मुन्ना ने अपना हाथ उठा दिया। इस बार लड़की पलटी तो मुन्ना की नजरे उसके कानो में पहने झुमको पर चली गयी जो की बहुत ही खूबसूरत लग रहे थे। अपने दुप्पटे की वजह से लड़की अब परेशान हो चुकी थी मुन्ना ने देखा तो खुद ही अपनी घडी में फंसा दुपट्टा निकालकर छोड़ दिया। लड़की ने मुन्ना को देखा तक नहीं और वहा से आगे बढ़ गयी।
ये दो मिनिट मुन्ना की जिंदगी के सबसे खूबसूरत पल थे आज से पहले उसने कभी किसी लड़की को इतने गौर से नहीं देखा था। आज से पहले किसी लड़की की छुअन से उसे ये अहसास नहीं हुए थे। आज से पहले कभी किसी लड़की को देखकर उसका दिल नहीं धड़का था पर आज ये सब हुआ। मुन्ना उस लड़की से कुछ बात कर पाता या उसके बारे में जान पाता इस से पहले ही वह लड़की आँखों से ओझल हो गयी। मुन्ना उसे ढूंढते हुए आगे बढ़ गया। चलते चलते वह किसी और लड़की से टकराया तो लड़की ने कहा,”हाय हेंडसम”
“माफ़ करना बहन जी”,मुन्ना ने हाथ जोड़ते हुए कहा
“बहन किसको बोला बे ? लड़कियों से बात करने की तमीज नहीं है ,, इतनी हॉट लड़की को बहन जी बोल रहे हो”,लड़की ने बिगड़ते हुए कहा
“सॉरी”,मुन्ना ने कहा और आगे बढ़ गया वो सफ़ेद सूट वाली लड़की उसे कही दिखाई नहीं दी। बुझा हुआ मन लेकर मुन्ना वापस गाड़ी के पास चला आया।
वंश कॉरिडोर में आया कुछ ही दूर पर काशी अपनी सहेलियों के साथ खड़ी थी। वंश ने देखा तो दबे पाँव आया और काशी कंधा थपथपाया। काशी जैसे ही पलटी वंश को वहा देखकर उसका चेहरा ख़ुशी से खिल उठा। आसमानी चूड़ीदार सूट , खुले बाल , आँखों में काजल , होंठो पर लाली , कानो में सोने के छोटे छोटे बुँदे , गले में दुप्पटा डाले काशी बहुत ही प्यारी लग रही थी। उसकी मुस्कराहट इतनी प्यारी की कोई एक बार देखे तो बस देखता ही जाए। वंश को अपने सामने यू अचानक देखकर काशी की ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं रहा उसने वंश के गले लगते हुए कहा,”वंश भैया आप और यहाँ ? हमे तो यकीन ही नहीं हो रहा है”
“अरे मैं ही नहीं मुन्ना भी आया है”,वंश ने कहा तो काशी उस से दूर हटी और कहा,”लेकिन पापा तो कह रहे थे की इस बार वो और माँ हमे लेने आएंगे”
“पापा को कुछ जरुरी काम इसलिए नहीं आ पाए और हम दोनों को भेज दिया”,वंश ने कहा तो काशी उसके बगल में आ खड़ी हुई। वंश ने अपना हाथ काशी के कंधे पर रख लिया। उसकी नजर सामने खड़ी काशी की दो दोस्तों पर गयी एक ने शार्ट ड्रेस पहना था , दूसरी ने जींस-टॉप और दोनों ही अच्छी लग रही थी। काशी की सहेलियों ने भी वंश को पहली बार ही देखा था। वंश की पर्सनालिटी देखकर दोनों की नजरे उस पर ही जमी हुई थी। काशी ने देखा तो कहा,”प्रिया , ऋतू ये हमारे वंश भैया है , हमसे तीन साल बड़े है”
“हाय वंश”,प्रिया ने मुस्कुराते हुए वंश की तरफ बढ़ा दिया। वंश ऐसे मोके कभी नहीं छोड़ता था उसका नेचर थोड़ा फ्लर्टी जो था। उसने भी प्रिया से हाथ मिलाया। ऋतू कहां पीछे हटने वाली थी उसने भी वंश से हाथ मिलाया पर कुछ ज्यादा ही नजाकत के साथ। कुछ देर इधर उधर की बातो के बाद वंश ने कहा,”काशी चले ? मुन्ना बाहर वेट कर रहा है”
“हां भैया वो हमारी एक दोस्त आ जाये हमारी कुछ किताबे है उसके पास वो ले ले फिर चलते है। पता नहीं कहा रह गयी ये लड़की ?”,काशी ने कहा और इधर उधर देखने लगी। कुछ देर बाद सामने से किताबे हाथ में उठाये , अपने दुपट्टे को सम्हाले , सफ़ेद चूड़ीदार पहने एक लड़की आयी और काशी को किताबे थमाते हुए कहा,”ये पकड़ो अपनी किताबे और तुम्हारी वजह से ये ड्रेस मैंने पहना है लेकिन इसका दुप्पट्टा मुझसे बिल्कुल नहीं सम्हल रहा है”
“अरे बहुत अच्छा लग रहा है तुम पर है ना प्रिया ऋतू ?”,काशी ने उन दोनों की तरफ देखकर कहा लेकिन वे दोनों तो बस वंश में लगी हुयी थी।
“वंश भैया,,,,,,,,,,,,,,वंश भैया”,काशी ने थोड़ा जोर से कहा तो वंश उसकी तरफ चला आया और कहा,”हां काशी”
“ये ड्रेस इस पर अच्छा लग रहा है ना ?”,काशी ने सामने खड़ी अपनी दोस्त की तरफ इशारा करते हुए कहा। वंश ने गर्दन घुमाई , कजरारी बड़ी बड़ी आँखे , सुर्ख लाल होंठ , कानो में झुमके , कंधे पर झूलता दुपट्टा , खुले बाल , सफ़ेद रंग का अच्छी फिटिंग चूड़ीदार पहने एक खूबसूरत लड़की उसके सामने खड़ी थी। वंश ने देखा तो बस देखता ही रह गया। लड़की ने वंश को देखकर अपनी पलकें झपकाई। उसे चुप देखकर काशी ने कहा,”बोलो ना”
“बहुत अच्छा लग रहा है , वैसे मैं वंश गुप्ता काशी का भाई”,वंश ने पहली बार सामने से किसी लड़की की तरफ हाथ बढ़ाते हुए कहा वरना इस से पहले तो लड़किया ही उसके आगे पीछे घुमा करती थी।
“गौरी शर्मा , काशी की दोस्त”,सामने खड़ी लड़की ने वंश से हाथ मिलाते हुए कहा। ये वही लड़की थी जो कुछ देर पहले मुन्ना से मिली थी और ये नहीं जानती थी की वो लड़का भी काशी का भाई है।
गौरी की पर्सनालिटी और उसके बात करने के तरीके से वंश काफी इम्प्रेस था। उसने गौरी से बड़े ही प्यार से कहा,”तो आप कब आ रही है बनारस ?”
“जब आप कहे”,गौरी ने भी उतने ही प्यार से वंश को देखते हुए कहा
“अभी चलिए”,वंश ने भी गौरी को देख मुस्कुराते हुए कहा
“नहीं हम बाद में आएंगे”,गौरी ने कहा
“कब आएँगी ये बता दीजिये ?”,वंश ने फिर प्यार से कहा
“जब आएंगे आपको खबर हो जाएगी”,गौरी ने कहा
काशी ये सब देख रही थी और फिर वंश के शर्ट की बाजु खींचते हुए कहा,”आप यहाँ मुझे लेने आये है या गौरी को ?”
“अरे बेटा तुम्हे ही लेने आये है चलो चलते है (कहते हुए वंश ने गौरी की तरफ देखा और कहा) अच्छा तो हम चलते है उम्मीद करते है जल्द ही मुलाकात हो आपसे”,वंश ने कहा
“अब जब इंट्रो हो ही गया है तो मुलाकातें भी होती रहेगी”,गौरी ने कहा तो वंश शरमा कर अपने बालो में हाथ घुमाने लगा। काशी ने वंश का हाथ पकड़ा और सबको बाय कहकर वहा से चली गयी। काशी के जाने के बाद प्रिया ने कहा,”क्या बात है तेरा तो दिल ही आ गया काशी के भाई पर ?”
“फ्लर्ट कर रहा था वो , थोड़ा सा मैंने भी कर लिया”,गौरी ने इतराते हुए कहा
“अच्छा चल केंटीन चलते है आज लास्ट डे है फिर तो दिवाली की छुट्टियों के बाद ही मिलना होगा”,ऋतू ने कहा
“गाईज तुम लोग जाओ मैं घर जा रही इस गेटअप में मैं और नहीं रह सकती”,गौरी ने दुपट्टा गले में डालते हुए कहा
“लेकिन तुमने इसे पहना क्यों ? आई नो काशी का कल्चर है पर तुम तो ये नहीं पहनती ना”,प्रिया ने कहा
“एक्चुअली वो मेरे और काशी के बीच शर्त लगी थी बस इसलिए,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ओके बाय छुट्टियों के बाद मिलते है,,,,,,,,,,,,,हैप्पी दिवाली”,कहकर गौरी वहा से चली गयी
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क्रमश – “मैं तेरी हीर” – 8
Read More – “मै हीर तेरी” – 6
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संजना किरोड़ीवाल
Finally mam aapne kashi aur duppate wali se milwa hi diye chaliye mil kar accha laga dono se 😊Par duppate wali thodi modern lag rahi hai hame khair dekhte hai aage kya hota waise hamne youtube pai community post mai apna question post kar diya jay rajwansh naam se ☺Waiting for the next part saki mam😀
Mam plz plz plz gori, munna or vansh ka love TRIANGLE mat bnana….plz plz plz make it pure love story of gori n munna
Ye to golmal ho gyi…Kashi to achhi lagi per..ye Gouri ji to kuch modern hi lgti he…Munna aur Vansh dono hi ek se mile… Ek anar aur 2bimar😄😄😄😄
dono ko kahin ek hi ladki pasand na aa jaye ..or vo ladki modern h jo munna ke saath aachi ni lagegi..vansh ke liye thik h
Very beautiful
nice part mam
Nice story
Ye vansh to sbpe mrta rhta hh … Pglet sa… Gorii munna k sath hi achi hh or munna bhi bichara dokhe me hh vo gori ko kuch or smjh ra hh or vo h kuch or😂😂😂
Lovely part to Munna ko o larki mil hi gayi
हम्म तो गौरी शर्मा किसकी हीरोइन बनेगी…मुन्ना या वंश?…वैसे मुझे लगता है कि गौरी वंश की हीरोइन होगी…क्योंकि उससे उसने फलर्ट भी किया, पर मुन्ना को तै देखा तक नहीं🤔🤔🤔
Amazing
twist ki suruyat to ab hogiii
Y naya twist a gaya story m dono bhai+dost ko ek hi ladki pasand a gayi😍
Bhut hi pyaara part tha maam
As always superb superb superb superb superb superb superb superb superb superb part 👌👌👌👌👌 eagrly waiting for the next 👌👌👌👌👌 please mam ise love triangle mai convert mt krna hme munna aur gauri ki hi jodi dekhni hai
Wow kashi bilkul sarika ki parchayi lag rahi h uske dressing sense se pata chalta hai, ye gauri kiske liye bani h vansh ya fir munna wese dil to dono ka agya h gauri pe ab dekhna ye h gauri vansh k sath flirt krti h ya fir munna k roop me usko sacche pyar ka pata chalta h.
Is baar toh buhat hi bada twist hai dono bhaiyo👬 ko ek hi ladki 👩pasand ane wali hai dekhte hai agye aur kya hona hai 👍
Dono ko ek hi ldki pasand aai h ab kya hoga dono n hi puri trh s scan kr liya h
मतलब मुन्ना जैसा सोच रहा है उसके जस्ट अपोजिट है ये लड़की तो…काशी की फ्रेंड गौरी मतलब जल्द ही फिर से मुलाकात होगी उनकी अब वंश की लाइफ में गौरी आएगी की मुन्ना की लाइफ में ये तो आगे पता चलेगा