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Main Teri Heer – 84

Main Teri Heer – 84

Main Teri Heer
Main Teri Heer – Season 4

गौरी को उसके घर छोड़कर मुन्ना काशी , अंजलि और वंश के साथ घर चला आया। अधिराज जी और बाकि सब घरवाले भी आ चुके थे। निशि और अंजलि अपने कमरे में चली गयी। वंश सोफे पर बैठकर सुस्ताने लगा और मुन्ना अनु के कमरे में चला आया। मुन्ना ने देखा अनु सामान पैक कर रही थी ये देखकर मुन्ना ने कहा,”माँ ! आप इस वक्त पैकिंग क्यों कर रही है ?”


“कल सुबह जल्दी निकलना है ना मुन्ना तो सोचा अभी सब पैक करके रख देती हूँ वरना सुबह जल्दी जल्दी में सामान भूल जाउंगी,,,,,,,,तुमने अपना सामान रख लिया ? अगर नहीं रखा है तो मुझे लाकर दो मैं पैक कर देती हूँ”,अनु ने सूटकेस में सामान जमाते हुए कहा
“आप परेशान मत होईये , हम खुद से कर लेंगे,,,,,,,,,,,,,पापा कहा है ?”,मुन्ना ने पूछा


शक्ति ने आज रात जो कहा उसके बाद से मुन्ना का मुरारी से बात करना बहुत जरुरी हो गया था। वह नहीं चाहता था मुरारी अब किसी भी तरह की मुसीबत में पड़े और परेशान हो।
“वो तुम्हारे नानाजी के साथ है,,,,,,,,,,,,,पता है मुन्ना जब तुम्हारे पापा से मेरी शादी हो रही थी तब पापा उनसे बहुत चिढ़ते थे और अब देखो हर वक्त उनके साथ रहते है।”,अनु ने मुन्ना की तरफ देखकर कहा


मुन्ना मुस्कुराया और वहा से चला गया। वह अपने कमरे में आया और अपना सामान अपने बैग में रखने लगा। कुछ कपडे बैग में रखते हुए सहसा ही मुन्ना को उर्वशी का ख्याल आया और वह मन ही मन खुद में बड़बड़ाया,”सगाई वाली रात उर्वशी यहाँ आयी थी लेकिन उसके बाद से हमने ना उसे देखा ना ही किसी ने उसका जिक्र किया ,, उर्वशी यहाँ क्यों आयी थी ? शक्ति ने भी हमसे बाते छुपाई लेकिन हम पापा को इन सबका शिकार बनने नहीं दे सकते , हमे उन्हें इस से निकालना होगा,,,,,,,,,,,,,,लेकिन कैसे ?

हम सारे सबूत पहले ही शक्ति को दे चुके है,,,,,,,,,,,,,कल सुबह बनारस जाने से पहले हमे इस समस्या का हल निकालना ही होगा,,,,,,,!!”
“ये अकेले में किस से बाते कर रहे हो मुन्ना ? लगता है गौरी का प्यार कुछ ज्यादा ही सर चढ़ रहा है तुम्हारे,,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने कमरे में आकर बिस्तर पर बैठते हुए कहा।
वंश की आवाज से मुन्ना की तंद्रा टूटी और उसने कहा,”तुम , मुंबई वापस कब जा रहे हो ?”


“कल सुबह तुम लोगो के साथ ही निकल जाऊंगा , मैंने अपनी टिकट भी बुक कर दी है,,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा
“और तुम्हारी शूटिंग ? क्या वो अभी बंद है ?”,मुन्ना ने गंभीरता से पूछा
“हाँ वो मेरे डायरेक्टर को एक हफ्ते के लिए कुछ काम था कल रात वो मुंबई आ जाएगा उसके अगले दिन से ही शूटिंग है एंड ट्रस्ट मी मुन्ना उसके बाद मैं बहुत बिजी होने वाला हूँ,,,,,,,,,,,,लेकिन तुम्हारी शादी में मैं एक हफ्ते पहले बनारस आऊंगा,,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने बिस्तर पर लेटते हुए कहा


मुन्ना अपना सामान बैग में रख चुका था और उसे बंद करते हुए कहा,”और निशि से अपने दिल की बात कब कह रहे हो ?”
वंश ने जैसे ही सुना हैरानी से मुन्ना को देखा और हिचकिचाते हुए कहा,” क क कौनसी दिल की बात ? मुन्ना वो बस मेरी अच्छी दोस्त है और कुछ नहीं,,,,,,,,,,,,!!”


मुन्ना ने वंश को देखा और कहा,”वंश तुम पूरी दुनिया को बेवकूफ बना सकते हो हमे नहीं , तुमने अपनी जिंदगी का आधे से ज्यादा हमारे साथ बिताया है। हम तुम्हारी रग रग से वाकिफ है,,,,,,,,,,,,दोस्त , दोस्त के लिए हम आधी रात में बाहर नहीं जाते , दोस्त के लिए हम अपना ईगो साइड नहीं करते और दोस्त के लिए,,,,,,,,,,,,!!”
“बस मुन्ना , निशि और मैं सच में अच्छे दोस्त है,,,,,,,,,,और वो बस मुझे अच्छी लगती है,,,,,,,,,इस से ज्यादा कुछ नहीं है”,वंश ने उठते हुए कहा और शीशे के सामने चला आया।

शीशे में देखते हुए वह अपने बालों में हाथ घुमाने लगा।
मुन्ना ने पलटकर उसे देखा और वंश में आ रहे बदलाव को महसूस किया , मुन्ना मुस्कुरा उठा और मन ही मन खुद से कहा,”तुम्हारे चेहरे  रंगत बता रही है वंश निशि अब सिर्फ तुम्हारी दोस्त तो नहीं है,,,,,,,,,,,,!!”


वंश वापस मुन्ना की तरफ आया और कहा,”मुन्ना जब हम लोग ऊपर थे तब तुम अचानक से कहा चले गए थे और फिर शक्ति भी तुम्हारे पीछे पीछे ही चला गया था ,, क्या तुम मुझसे कुछ छुपा रहे हो मुन्ना ? आई मीन तुम किसी प्रॉब्लम में तो नहीं हो ना ? देखो मुन्ना मैं भले कही भी रहू लेकिन तुम्हारे लिए मैं हमेशा चला आऊंगा,,,,,,!!”


मुन्ना ने सुना तो वंश की तरफ पलटा और कहा,”वंश ऐसा कुछ होता तो हम तुम्हे जरूर बताते , हम चाहते है तुम अब अपना पूरा ध्यान अपने सपनो को पूरा करने में लगाओ,,,,,,,,,!”
“तो फिर तुम इतना उदास क्यों हो ? मैं महसूस कर रहा हूँ मुन्ना तुम सिर्फ बाहर से ठीक दिखने का दिखावा कर रहे हो पर तुम परेशान हो,,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा


मुन्ना मुस्कुराया और कहा,”हम उदास है क्योकि हम अपने बनारस से दूर है,,,,,,,,,,,,,,!!”
“ओह्ह्ह मैं तो भूल ही गया तुम्हारी पहली मोहब्बत तो बनारस और उसके घाट है , फिर तो तुम्हारा उदास होना बनता है मुन्ना,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने मुन्ना को छेड़ते हुए कहा


“तुम अपना बैग पैक कर लो हम सोने जा रहे है,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा और अपना बैग उठाकर साइड में रख दिया
वंश जो कि आलसी लड़का था उसने अपने फैले हुए कपड़ो को साइड किया और बिस्तर पर लेटते हुए कहा,”वो मैं सुबह कर लूंगा अभी मुझे बहुत नींद आ रही है। गुड नाईट मुन्ना”
“गुड नाईट”,मुन्ना ने कहा और वंश के बगल में लेट गया। नींद उसकी आँखों से कोसो दूर थी,,,,,,,,,,,,,उसने मन ही मन सुबह शक्ति से मिलने का फैसला किया और आँखे मूँद ली।


दुसरी तरफ वंश की आँखों से भी नींद गायब थी , कल सुबह वह मुंबई के लिए निकल जायेगा और उसके बाद शूटिंग पर अपना ज्यादा से ज्यादा वक्त निशि के साथ बिताएगा सोचकर वंश के होंठो पर मुस्कान तैर गयी। उसने बगल में पड़े तकिये को अपनी बाँहो में भरा और आँखे मूँद ली।  

अनु सामान पैक करके सोने जा चुकी थी। अधिराज जी से बात करके मुरारी जैसे ही कमरे में जाने लगा उसका फोन बजा। मुरारी ने देखा फोन यादव जी का है तो वह पीछे बरामदे में चला आया और फोन कान से लगाकर कहा,”हाँ यादव जी कहिये”


“मैंने कबीर को हॉस्पिटल में एडमिट करवा दिया है , डॉक्टर उसका इलाज कर रहे है सुबह तक शायद उसे होश आ जाये,,,,,,,,,,,,,इस केस में कबीर सबसे बड़ा सबूत है लेकिन,,,,,,,,,,,,,”,यादव जी ने बात अधूरी छोकर मुरारी को उलझन में डाल दिया
“लेकिन का ?”,मुरारी ने कहा


”उर्वशी का कुछ पता नहीं चल रहा मैंने सब जगह पूछताछ की लेकिन उसकी कोई खबर नहीं मिली,,,,,,,,,,,,क्या आपके पास कोई जानकारी है ? मैंने सुना है आपकी उनसे अच्छी जान पहचान थी,,,,,,,,!!”,यादव जी ने डरते डरते पूछा
उर्वशी का नाम सुनते ही मुरारी की आँखों के सामने सगाई वाली रात आ गयी , उसके बाद से मुरारी ने उर्वशी को नहीं देखा था ना उसके बारे में किसी से कुछ सुना उसने बेचैनी भरे स्वर में कहा,”नहीं यादव हमे कुछ नहीं पता , वो इंदौर आयी थी लेकिन हमे नहीं पता क्यों ? वैसे तुम इतना परेशान काहे हो रहे हो उसे लेकर ?”


“क्योकि उनकी जान को खतरा है , उर्वशी चौहान साहब की खास थी और उनके काले कारनामो के बारे में सब जानती थी। बनारस में वो सबूत लेने आयी थी लेकिन वहा आकर वो आपके प्रेम में पड़ गयी और उसने चौहान साहब को मना कर दिया कि वह आपको और आपके परिवार को नुकसान नहीं पहुंचा सकती। उर्वशी कही चौहान साहब का असली चेहरा लोगो के सामने ना ले आये सोचकर , उर्वशी को अपने रास्ते से हटाने के लिए ही चौहान साहब इंदौर आये थे,,,,,,,,,,लेकिन अब ना चौहान साहब का पता है ना उर्वशी का,,,,,,,,,,,,,,!!”,यादव जी ने मुरारी को सारी बात बताई


मुरारी ने जब सुना कि उर्वशी उस से प्रेम करने लगी थी और इसलिए उसने चौहान साहब के लिए काम करने से मना कर दिया तो उसे उर्वशी के लिए हमदर्दी होने लगी हालाँकि मुरारी उर्वशी से प्यार नहीं करता था लेकिन उसे लेकर उसके मन में एक सॉफ्ट कॉर्नर था। कुछ देर शांत रहने के बाद मुरारी ने कहा,”अगर ऐसा है तो फिर हमे पहले उर्वशी को ढूंढना होगा,,,,,,,,,,!!”

“मैंने कुछ लोगो से बात की है , जैसे ही कोई खबर मिलती है मैं आपको बताता हूँ और हो सके तो सुबह एक बार हॉस्पिटल जरूर आईयेगा,,,,,,,,,शायद कबीर से कुछ जानकारी मिल जाये,,,,,,,क्योकि आखरी बार उर्वशी उसी से मिली थी,,,,,,,,,,,मैं रखता हूँ सुबह आपको फोन करूंगा”,यादव जी ने कहा और फोन काट दिया
यादव से बात करने के बाद मुरारी के चेहरे पर परेशानी के भाव झलकने लगे।

वह ख़ुशी ख़ुशी इंदौर आया था ये सोचकर कि परिवार के साथ अच्छा वक्त बिताएगा लेकिन जाते जाते ऐसी कोई मुसीबत उसके सामने आएगी उसने सोचा नहीं था। फोन जेब में रख मुरारी जैसे ही पलटा अपने पीछे खड़े शिवम् से टकरा गया। शिवम् को वहा देखकर मुरारी के चेहरे से हवइया उड़ने लगी और उसने कहा,”भैया आप यहाँ ?”
“मुरारी हमने सब सुन लिया है इसलिए हमे बहलाने या झूठ बोलने के बारे में बिल्कुल मत सोचना,,,,,,,,,,,हमे बस इतना बताओ कि ये सब क्या चल रहा है ?”,शिवम् ने एकटक मुरारी को देखते हुए कहा


मुरारी ने एक ठंडी आह भरी और शिवम् को सब सच बता दिया। मुरारी की बाते सुनकर शिवम् भी थोड़ा परेशान हो गया और कहा,”ठीक है हम तुम्हारी बात पर विश्वास कर लेते है लेकिन कल सुबह तुम अकेले हॉस्पिटल नहीं जाओगे हम भी तुम्हारे साथ चलेंगे,,,,,,,,,,,,!!”
“हम्म्म ठीक है,,,,,,,,!!”,मुरारी ने शांत स्वर में कहा
“रात बहुत हो गयी है जाओ जाकर सो जाओ,,,,,,,,!!”,शिवम् ने कहा और जैसे ही जाने लगा मुरारी ने कहा,”भैया !”
शिवम् पलटा और कहा,”हाँ”


“किसी और को इस बारे में पता न चले , हम नहीं चाहते हमारी वजह से सब परेशान हो,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने धीमे स्वर में कहा
शिवम् उसके पास आया और उसके कंधे पर हाथ रखकर कहा,”मुरारी आज से आज पहले हमने कभी तुम्हारा साथ छोड़ा है ?”


मुरारी ने ना में गर्दन हिला दी तो शिवम् ने आगे कहा,”तो फिर आज कैसे छोड़ सकते है ? तुम गलत हो और दुनिया तुम्हारे खिलाफ खड़ी हो तब भी हम तुम्हारे साथ खड़े होंगे,,,,,,,,,,,इसलिए ज्यादा मत सोचो हमे पता है ये सब कैसे खत्म करना है ?”
मुरारी ने शिवम् की बातो में अपने लिए भरोसा देखा तो उसके गले लगकर कहा,”हमने कुछो गलत नहीं किया है भैया,,,,,,,,,!!”


शिवम् ने मुरारी की पीठ थपथपाई और कहा,”मुरारी कोयले से रिश्ता रखोगे तो कालिख तो लगेगी ना,,,,,,,,,,,,पर तुम चिंता मत करो हम तुम्हारे साथ है”
“हम सोने जाते है आप भी जाकर सो जाईये,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा और वहा से चला गया  

शिवम वही खड़ा सोच में डूबा रहा। वहा से गुजरते हुए बाबा की नजर शिवम पर पड़ी तो वे उसके पास चले आये और कहा,”अरे शिवा ! इतनी रात में हिया का कर रहे हो ? सोना नहीं है तुमको,,,,,,,,,,,!!”
बाबा की आवाज से शिवम् की तंद्रा टूटी और उसने कहा,”बस सोने ही जा रहे थे बाबा”
बाबा ने शिवम् को परेशान देखा तो उसका हाथ पकड़कर वहा पड़े तख्ते के पास आये और अपने साथ बैठाते हुए कहा,”बैठो,,,,,,,,,,,,!!”


शिवम् बाबा के बगल में आ बैठा और ख़ामोशी से सामने देखने लगा तो बाबा ने बहुत ही प्यार से कहा,”का बात है शिवा ? का सोच रहे हो ?”
शिवम् बाबा को असली वजह नहीं बता सकता था इसलिए कहा,”कुछ नहीं बाबा बस मुन्ना और गौरी की सगाई के बारे में सोच रहे है , सब इतना अच्छे से हो गया और कुछ महीनो में घर में इतनी अच्छी और प्यारी लड़की बहू बनकर आ जाएगी”


“हाँ जे बात तो तुमने सही कही,,,,,,,,,,,,,,दिवाली के बाद मुन्ना-गौरी और शक्ति-काशी की शादी हो जाएगी,,,,,,,,,,,,हम खुश है कि मरने से पहले अपने पोते-पोती का विवाह देख लेंगे,,,,,,,!!”,बाबा ने कहा
शिवम् ने सुना तो बाबा की तरफ देखा और कहा,”कैसी बाते कर रहे है बाबा , आपको कुछ नहीं होगा अभी तो बहुत कुछ देखना है आपको,,,,,,,,,,,!!”
“हमरी बस एक ही इच्छा है शिवा,,,,,,,,,,!!”,बाबा ने कहा


शिवम् ने बाबा का हाथ अपने हाथो में लिया और कहा,”हमे बताईये ना बाबा , हम पूरी करेंगे,,,,,,,,,!!”
बाबा मुस्कुराये और कहा,”बनारस के पिताओ की तरह हम भी चाहते थे अपने बच्चो की सादी अपनी पसंद से करे , तुमने , मुरारी और राधिका ने प्रेम विवाह किया हम तुम्हरी ख़ुशी में खुश थे। फिर सोचा तुम्हरे बच्चो की सादी करवाएंगे पर उन्होंने भी अपनी पसंद से जीवनसाथी चुन लिया तो हमरे मन में न बस जे ख्वाहिश रह गयी,,,,,,,,,,,!!”


शिवम् ने देखा ये सब कहते हुए बाबा किसी छोटे बच्चे से मासूम दिखाई पड़ रहे थे जो अपनी पसंद का कोई खिलौना पाने के लिए पिता से गुहार लगाता है ,शिवम् को याद आया मुन्ना और काशी तो अपना जीवन साथी चुन चुके है लेकिन वंश अभी बाकी था। उसने बाबा की तरफ देखा और कहा,”बाबा हम जे तो नहीं कहते कि हम आपकी जे खवाहिश पूरी करेंगे पर आपकी जे ख्वाहिश अभी भी पूरी हो सकती हैं,,,,,,,,,,,,,!!”
“हम समझे नहीं शिवा,,,,,,!!”,बाबा ने असमझ की स्तिथि में कहा


शिवम मुस्कुराया और कहा,”वंश अपने लिए किसी को पसंद करे उस से पहले हम उसके लिए कोई लड़की पसंद कर लेंगे,,,,,,,,फिर तो खुश है ना आप ?”
बाबा ने सुना तो उनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा और उन्होंने कहा,”मतलब महादेव की कृपा से एक अरेंज मैरिज तो होगी हमरे घर मा ?”
जवाब में शिवम् ने हामी में सर हिला दिया और बाबा मुस्कुराते हुए सामने देखने लगे

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संजना किरोड़ीवाल

Main Teri Heer
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A Woman by Sanjana Kirodiwal

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