Love You जिंदगी – 1
Love You जिंदगी – 1
ये कहानी थी तीन लड़कियों की जिन्हे उनकी किस्मत दिल्ली ले आयी और उन सबकी जिंदगी में आया एक नया मोड़ जहा उन्होंने सीखा जिंदगी को प्यार करना , अपने लिये जीना और जिंदगी को एक अलग नजरिये से देखना,,,,,,,,,,,,,,,खाने की शौकीन रुचिका को जहा थी तलाश सच्चे प्यार की तो वही हमेशा चुप चुप रहने वाली शीतल की जिंदगी में प्यार ही था उसके जी का जंजाल और रिश्तेदारों से परेशान नैना का ये कहना था “चाय importent है बाबू
कहानी के पहले सीजन में दिल टूटने के बाद जहा रुचिका को मिला मोंटी के रूप में सच्चा प्यार तो वही शीतल की जिंदगी से निकला राज का अत्याचार और सार्थक के रूप में मिली सच्ची मोहब्बत तो वही रिश्तेदारों को गरियाते , चाय के घूंठ लगाते आखिर हमारी सख्त बंदी नैना को भी हो गया अपने पडोसी अवि से प्यार,,,,,,,,,,,,,,,,
कहानी के दूसरे सीजन में जहा अपनी शादीशुदा जिंदगी के उतार-चढाव में मौंटी और रुचिका एडजस्ट कर रहे थे वही शीतल के सपने को पूरा करने आगे आयी उसकी सास मिसेज शर्मा , जहा अवि के प्यार में बदलने लगी नैना और किया खुद में बदलाव,,,,,,,,,,,,,,,पर कहते है ना ये जिंदगी है इसमें सब अच्छा चलेगा तो फिर बुरा क्या होगा ?
बुरा ये कि अपनी शादीशुदा जिंदगी को सम्हालते सम्हालते मोंटी और रुचिका में आयी दूरिया ,
शीतल का अतीत राज अब भी मंडरा रहा था उसके आस पास तो वही किस्मत ने दिया नैना को एक सरप्राइज “कैंसर” के रूप में,,,,,,,,,,,,,,,,,,इन अंदरूनी बीमारियों से तो नैना लड़ रही थी लेकिन बाहरी बीमारियों से लड़ना बाकि था जो “अनुराग मित्तल” यानि नैना के अतीत के रूप में उसका इंतजार कर रही थी।
पिछले सीजन में आप सबने पढ़ा मोंटी और रुचिका अपनी नौकरी गवाने के बाद जयपुर चले आते है लेकिन वहा रुचिका अपने पापा को मौंटी के जॉब के बारे में बता देती है और जब रुचिका के पापा मोंटी को लखनऊ जाने की सलाह देते है तो मोंटी नाराज होकर वहा से चला जाता है।
शीतल का सपना पूरा करने के लिए सबसे पहले उसकी सास मिसेज शर्मा आगे आयी और ये बात आशीर्वाद अपार्टमेंट की कुछ महिलाओ को पसंद नहीं आयी जिनमे मिसेज आहूजा भी एक थी। मिसेज शर्मा को अपनी बहू का साथ देते देखकर मिसेज आहूजा के सीने पर सांप लौट गए अब तो वे मिसेज शर्मा को नीचा दिखाने के लिए तड़पने लगी और वही उसकी मुलाकात हुई एक लड़के से जो मिसेज आहूजा को जाना पहचाना लगा।
और हमारी नैना बजाज की जिंदगी में सब सही चलता रहे ऐसा भला कैसे हो सकता है ? पिछले सीजन का अंत नैना को ऐसी परेशानी में डालकर गया कि जब अवि ने उस से पूछा कि “अब क्या होगा ?” तो नैना के मुँह से बस एक ही बात निकली “होना क्या है “L” लगेंगे और क्या ?”
क्या मोंटी रुचिका वापस लौटकर आएगा या बढ़ेगी उनमे दूरिया ? क्या शीतल अपना सपना पूरा कर पायेगी ? कैसे सामना करेगी नैना इस नयी मुसीबत का जो इस बार खास “रिश्तेदार” बनकर उसकी जिंदगी में आयी है ,, जानने के लिए कहानी को आगे पढ़े
जयपुर , राजस्थान
“दामाद जी बिना खाना खाये चले , कुछ बात हुई क्या ? आपने तो उन्हें कुछ नहीं कह दिया,,,,,,,,,,,,,,?”,रुचिका की मम्मी ने डायनिंग टेबल पर अपने दामाद मोंटी को ना देखकर सवालो की झड़ी लगा दी।
“मैंने उन्हें बस सलाह दी है कि अगर बीकानेर में उनका काम नहीं सेट हो रहा तो वो अपने घर चित्रकूट चले जाए , वैसे भी वहा उनका अपना घर है ,परिवार है फॅमिली बिजनेस है वो अपने पापा के साथ उसे सम्हाल सकते है। शादी को एक साल होने वाला है दामाद जी को अब अपनी जिम्मेदारियों को लेकर थोड़ा गंभीर होने की जरूरत है।”,रुचिका के पापा ने कहा
“मतलब ? ऐसा क्या हुआ है ? रूचि क्या तुम्हारे और दामाद जी के बीच फिर से कोई झगड़ा हुआ है ?”,रुचिका की मम्मी ने चिंता भरे स्वर में पूछा
अपनी मम्मी की बात सुनकर रुचिका के चेहरे पर उदासी घिर आयी उसने मायूसी भरे स्वर में कहा,”इस बार सिर्फ झगड़ा ही नहीं हुआ है मम्मी , मोंटी ने मुझे पर हाथ भी उठाया,,,,,,,,,,!!”
“क्या ? दामाद जी ने तुम पर हाथ उठाया और तुम ये अब बता रही हो,,,,,,,,,,,,,,,,उनकी हिम्मत कैसे हुई तुम पर हाथ उठाने की क्या इसी दिन के लिए हमने तुम्हारी शादी उनसे की थी,,,,,,,,?”,रुचिका के पापा ने गुस्से से कहा
रुचिका ने सुना तो फफक कर रोने लगी , उसे रोते देखकर उसकी मम्मी उसके पास आयी और उसे गले लगाते हुए कहा,”हाथ उठाया , लेकिन क्यों बेटा ? ऐसी क्या बात हो गयी कि दामाद जी को ऐसा कदम उठाना पड़ा ?”
“मोंटी का किसी और से अफेयर चल रहा था और जब मैंने उसे उस लड़की के साथ पकड़ा तो गुस्से में आकर उसने,,,,,,,,,,,,,,,,,नैना मुझसे मिलने बीकानेर आयी थी मोंटी ने उस लड़की को लेकर उसके सामने कोई कहानी सूना दी और सबने उसकी बात पर विश्वास कर लिया।
मौंटी ने अपनी गलती के लिए माफ़ी मांगी तो मैंने उसे माफ़ कर दिया , वो नहीं चाहता था आप लोग बीकानेर आये इसलिए वह मुझे यहाँ ले आया। मैंने मोंटी से कहा भी कि चित्रकूट वापस चले लेकिन वह बीकानेर छोड़कर नहीं जाना चाहता,,,,,,,,,,,,,,,,,आज भी जब पापा ने उस से इस बारे में बात की तो वह बिना कुछ कहे यहाँ से चला गया।”,रुचिका ने रोते हुए सब बात अपने घरवालों को बता दी।
“इतना सब हो गया और तुम हमे अब बता रही हो,,,,,,,,,,,,,,,ये सब किया धरा उस नैना का है , उसी ने तुम्हे अपनी मीठी मीठी बातो में फंसाकर उस मोंटी से तुम्हारी शादी करवा दी। अरे ये UP के लड़को पर तो मुझे पहले ही भरोसा नहीं था पर तुमने कहा तुम मोंटी को पसंद करती हो इसलिए मैंने ये शादी करवा दी वरना हमारे खानदान में क्या लड़को की कमी थी ?”,रुचिका के पापा ने गुस्से से उबलते हुए कहा
“शांत हो जाईये , ये कैसी बाते कर रहे है आप ? दोनों के बीच ग़लतफ़हमी हो गयी होगी ,,,,,,,,,,,, रुचि बेटा ,तुम्हे बीकानेर वापस जाना चाहिए,,,,,,,,,,,,,देखो शादी शुदा जिन्दगी में ऐसी छोटी मोटी बातें होती रहती है,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे ऐसे घर छोड़कर नहीं आना चाहिए , मैं अभी दामाद जी को फोन करके बुलाती हूँ और उन्हें समझाती हूँ,,,,,,,,,,,,!!”,रुचिका की मम्मी ने रुचिका को समझाते हुए कहा
“नहीं मम्मी मैं वापस बीकानेर नहीं जाउंगी , जैसे मौंटी मुझे यहाँ छोड़कर गया है जब तक वह खुद मुझे लेने नहीं आता मैं यहाँ से नहीं जाउंगी,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए रुचिका बिना खाना खाये वहा से चली गयी।
रुचिका की छोटी बहन कुकू जो काफी देर से खामोश बैठी थी उसने कहा,”मम्मा-पापा जीजू बुरे इंसान नहीं है जरूर रूचि दी को कोई मिसअंडरस्टेंडिंग हुई है , वरना जीजू ऐसे बिल्कुल नहीं जाते”
“कुकू ! तुम अभी इतनी बड़ी नहीं हुई हो कि ऐसी बातो में ध्यान दो , उठो और अपने कमरे में जाओ”,मिस्टर शर्मा ने कहा तो कुकू उठकर वहा से चली गयी
“ये सब क्या हो गया ? आप , आप दामाद जी से बात कीजिये उन्हें घर बुलाइये ,, हम बैठकर बात करते है ना दोनों से,,,,,,,,,,,,!!”,रुचिका की मम्मी ने चिंतित स्वर में कहा
रुचिका के पापा ने उठते हुए कहा,”दामाद जी से नहीं अब बात सीधा उनके पापा से होगी , आखिर वो मेरी बेटी पर हाथ कैसे उठा सकते है ?”
“सुनिए ! सुनिए,,,,,,,,,,,,,,,,ये तुमने क्या किया रूचि ?”,रुचिका की मम्मी ने मिस्टर शर्मा को आवाज दी लेकिन वो तब तक वहा से जा चुके थे।
रुचिका के इस तरह से घर आ जाने से घर में तनाव का माहौल था जो की रुचिका और मोंटी की आनेवाली जिंदगी के लिए बिल्कुल सही नहीं था
आशीर्वाद अपार्टमेंट , दिल्ली
मिसेज आहूजा को करारा जवाब देकर मिसेज शर्मा शीतल को साथ लेकर अपने फ्लेट में चली आयी। शीतल ने बेल बजायी दरवाजा उसके पति सार्थक ने खोला। सार्थक को देखकर शीतल का चेहरा खिल उठा। आज सार्थक ऑफिस से जल्दी जो चला आया था।
“अरे वाह ! आज तुम जल्दी आ गए,,,,,,,,,,,!!”,मिसेज शर्मा ने अंदर आते हुए कहा
“आप दोनों कहा से आ रही है ?”,सार्थक ने दरवाजा बंद कर शीतल और अपनी माँ के पीछे आते हुए पूछा
“आज मैं और शीतल कत्थक क्लास गए थे , शीतल का एडमिशन करवाने,,,,,,,,,,,,,!!”,मिसेज शर्मा ने खुश होकर कहा
“ये तो बहुत अच्छी बात है,,,,,,,,,,,,कब से जाना है ?”,सार्थक ने सोफे पर बैठते हुए कहा
“अगले हफ्ते से नयी क्लास शुरू होगी बस तभी से जाना है,,,,,,,,,,,,!”,शीतल ने खुश होकर कहा
“मैं तुम्हारे लिए बहुत खुश हूँ और माँ आपको भी थैंक्यू सो मच अगर आपने शीतल का साथ नहीं दिया होता तो वह कभी अपना सपना पूरा नहीं कर पाती , थैंक्यू सो मच,,,,,,,,,,!!”,सार्थक ने अपनी माँ को साइड हग करते हुए कहा
“फिर तो आज तुम्हे माँ को एक थैंक्यू और कहना चाहिए,,,,,,!!”,शीतल ने मिसेज शर्मा की तरफ देखकर कहा
“वो किसलिए ?”,सार्थक ने पूछा
शीतल ने सार्थक बताया कैसे आज मिसेज शर्मा ने मिसेज आहूजा और मिसेज गुप्ता को करारा जवाब दिया और साथ ही मिसेज आहूजा को पड़े थप्पड़ के बारे में भी बताया,,,,,,,,,,,,,,,!!”
सार्थक ने सुना तो हैरानी से मिसेज शर्मा को देखा और कहा,”क्या शीतल सच कह रही है माँ ? आपने मिसेज आहूजा को थप्पड़ मारा ,, सच में ?”
मिसेज शर्मा ने शीतल की तरफ देखा और कहा,”हाँ बिल्कुल ! अरे वो मेरी बेटी जैसी बहू के बारे में गलत बोलेगी तो क्या मैं उसकी आरती उतारूंगी ? अपार्टमेंट की औरतो का तो काम है किसी को आगे बढ़ते देखकर उसकी टांग खींचने का लेकिन शीतल के साथ मैं हूँ ,कोई उसके बारे में गलत बोलकर तो दिखाये एक एक की अकल ठिकाने लगा दूंगी मैं,,,,,,,,,,,!!”,मिसेज शर्मा ने कहा
सार्थक ने सुना तो खुश हो गया , उसकी माँ शीतल को समझने लगी थी और उस से इतना प्यार करने लगी थी देखकर ही सार्थक को सुकून महसूस हो रहा था
“मैं आप लोगो के लिए चाय लेकर आती हूँ”,शीतल ने कहा और जैसे ही जाने लगी सार्थक उठा और कहा,”तुम बैठो आज चाय मैं बनाता हूँ”
शीतल ने हामी में गर्दन हिलायी और कपडे बदलने चली गयी। कपडे बदलकर बाहर आयी तो देखा मिस्टर शर्मा भी घर आ चुके है। उन्होंने सार्थक को किचन में चाय बनाते देखा तो कहा,”एक कप मेरे लिए भी,,,,,,,,,,,,!!
सार्थक सबके लिए चाय ले आया। सब साथ बैठकर चाय पीने लगे बातो बातो में सार्थक ने कहा,”माँ ,मेरे ऑफिस की तरफ से मुझे एक हफ्ते का फॅमिली ट्रिप मिला है तो क्यों न हम सब कही घूमने चले ?”
“अरे बेटा हमारी कहा घूमने की उम्र बची है , तुम और शीतल घूमकर आओ,,,,,,,,,,पिछली बार तो तुम्हारी वो सहेलिया साथ गयी थी ना शीतल क्या नाम था उनका हाँ रुचिका और नैना,,,,,,,,,,,,पहले जब मैं नैना से मिली तो मुझे वो बड़ी मुंहफट लगी पर अब समझ आया कि वो सही थी , मिसेज आहूजा और मिसेज गुप्ता जैसी औरतों को वही सम्हाल सकती है।”,मिसेज शर्मा ने चाय का घूट भरते हुए कहा
मिसेज शर्मा के मुँह से “नैना” का नाम सुनकर शीतल की आँखों के सामने नैना का चेहरा आ गया। उसे याद आया पिछले कुछ दिनों से वह नैना से बात करने की कोशिश कर रही थी लेकिन नैना से उसकी कोई बात नहीं हो पायी। शीतल ने अपनी चाय खत्म की और उठकर अपने कमरे में चली आयी। उसने कमरे में आकर नैना का नंबर डॉयल किया लेकिन हर बार की तरह इस बार भी नैना ने फोन नहीं उठाया। परेशान सी शीतल पलटी तो देखा सार्थक खड़ा था।
शीतल को परेशान देखकर सार्थक ने कहा,”क्या हुआ शीतल ? तुम ऐसे अंदर क्यों चली आयी ? अगर तुम बाहर नहीं जाना चाहती तो इट्स ओके मैं ऑफिस में मना कर देता हूँ।”
“सार्थक ! इस ट्रिप पर जाने के बजाय क्या हम लोग चंडीगढ़ जा सकते है ? नैना से मिलने,,,,,,,,,,,,,!! पता नहीं क्यों पर मेरा मन बहुत बैचैन है , नैना हम सबको परेशानियों से निकालती है लेकिन जब खुद किसी परेशानी में होती है तो किसी से उसका जिक्र तक नहीं करती है। मैं उस से मिलना चाहती हूँ सार्थक , प्लीज क्या ऐसा हो सकता है ?”,कहते हुए शीतल की आँखों में आँसू भर आये। वह नैना को बहुत मिस कर रही थी।
सार्थक ने कुछ नहीं कहा वह चुपचाप कमरे से बाहर चला गया , शीतल को लगा सार्थक की तरफ से ना है तो वह उदास होकर बिस्तर पर आ बैठी।
कुछ देर बाद सार्थक कमरे में आया और कहा,”शीतल ! ऐसे क्यों बैठी हो उठो और बैग पैक करो कल सुबह हम लोग चंडीगढ़ जा रहे है,,,,,,,,,,,,,,,,नैना से मिलने,,,,,,,,,,,,,और हां उसके लिए गिफ्ट रखना मत भूलना 2 दिन बाद उसका जन्मदिन जो है”
शीतल ने सुना तो आँखों में ठहरे आँसू बह गए। वह दौड़कर सार्थक के गले आ लगी और कहा,”थैंक्यू सो मच,,,,,,,,,,,,,यू आर द बेस्ट हस्बेंड इन दिस वर्ल्ड सार्थक ,, आई लव यू,,,,,,,!!”
“पागल ! नैना ने मुझे इतनी अच्छी लड़की से मिलवाया और वो अच्छी लड़की आज मेरी वाइफ है ,, भला नैना से मिलने के लिए मैं तुम्हे कभी रोक सकता हूँ ,, कभी नहीं,,,,,,,,,,,,हम कल सुबह जा रहे है और नैना को बताना नहीं है ये उसके लिए सरप्राइज है,,,,,,!!”,सार्थक ने शीतल का सर सहलाते हुए कहा
“मैं रूचिका से बात करके उसे और मोंटी को भी बुला लेती सबको साथ देखकर नैना खुश हो जाएगी”,शीतल ने खुश होकर कहा
“हम्म्म ठीक है , मैं अपने दोस्त के साथ नए घर की लोकेशन देखने जा रहा हूँ , आने में थोड़ी देर हो जायेगी,,,,,,,!!”,कहते हुए सार्थक ने शीतल के माथे को अपने होंठो से छुआ और वहा से निकल गया
नैना से मिलने के ख्याल मात्र से ही शीतल का चेहरा खिल उठा।
चंडीगढ़ , चौधरी हॉउस
दरवाजे के बाहर खड़ी नैना के चेहरे पर 12 बजे थे , उसे समझ नहीं आ रहा था इस वक्त वह क्या करे ? जोर से चिल्लाये या यहाँ से कही दूर भाग जाये। जिस अनुराग मित्तल को लात मारकर नैना ने अपनी जिंदगी से निकाला था वही अनुराग मित्तल चौधरी खानदान का दामाद और निबेदिता का पति बनकर नैना के सामने खड़ा था जिसका नैना चाहकर भी कुछ बिगाड़ नहीं सकती थी।
टेंशन में आकर नैना खुद में ही बड़बड़ाने लगी,”ये कैसी जिंदगी है साला , एक भसड़ खत्म नहीं होती कि दूसरी मुंह फाड़े तैयार रहती है। पूरी दुनिया के मर्दो को छोड़कर निबी को यही चूतिया मिला था शादी करने के लिए ? अरे सांप भी दो घर छोड़कर अपना बिल खोदता है लेकिन इस साले ने तो दुसरो के बिल में ही अपना डेरा डाल लिया। निबी को सच बताया तो वो विश्वास नहीं करेगी ,, करेगी भी क्यों उसकी आंखों पर प्यार नाम की पट्टी जो बंध चुकी है वरना ऐसे घरवालों को बताये बिना वो इस से शादी क्यों करती ?
मॉम डेड को बताया तो वो मुझे ही घर से बाहर कर देंगे , मैं बाहर गयी तो पडोसी भी मेरे साथ बाहर जायेगा,,,,,,,,,,,,,,ऐसे तो हम दोनों बेघर हो जायेंगे , लखनऊ में डेड को पता चला तो वो तो मुझे घर से बाहर ही कर देंगे,,,,,,,,,,,,,,,,अह्हह्ह्ह्ह ये सब मेरे साथ ही क्यों होता है ? और कोई नहीं मिलता आपको ?”
कहते हुए नैना ने आसमान की तरफ देखा और अपने पैर पटके,,,,,,,,,,,,,,,,अवि खामोश खड़ा परेशान सा बस नैना को देख रहा था , उसे कुछ नहीं सूझ रहा था निबेदिता ने बिना कुछ सोचे समझे इतना बड़ा फैसला लेकर सबको हैरानी में डाल दिया था।
टेंशन में आकर नैना अपने नाख़ून चबाने लगी और बड़बड़ाई,”नहीं नहीं नहीं मैं निबी की जिंदगी बर्बाद नहीं होने दूंगी , वो अनुराग मित्तल निबी जैसी सीधी लड़की डिजर्व नही करता,,,,,,,,,,,,,,,,,अरे घंटा सीधी है , सीधी होती तो ऐसा कांड करती ,, कांड नहीं सीधा सीधा हार्ट अटैक दिया है उसने , तुम भी बेवकूफ हो नैना जब निबी ने तुम्हे अपने अफेयर के बारे में बताया था तब तुमने भी ठीक से ध्यान नहीं दिया,,,,,,,,,,,,,,,अगर पडोसी को पता चला कि मुझे ये सब के बारे में पहले से पता था तो पता नहीं उसका रिएक्शन क्या होगा ?”
“नैना , नैना , आर यू ओके ?”,अवि ने नैना के पास आकर कहा तो नैना की तंद्रा टूटी वह अपने ख्यालो से बाहर आयी और चौंककर कहा,”हाँ !”
“नैना , नैना मेरी बात सुनो ,, मॉम अनुराग के बारे में कुछ नहीं जानती सो अंदर जाकर तुम उनके सामने कोई सीन क्रिएट नहीं करोगी,,,,,,,,,,,,!”,अवि ने इतना ही कहा कि नैना बीच में बोल पड़ी,”लेकिन,,,,,,,,,,,!!”
“नैना मेरी बात अभी पूरी नहीं हुई है,,,,,,,,,!!”,अवि ने नैना को घूरकर देखते हुए कहा
नैना ने देखा तो चिढ़ते हुए कहा,”ए पडोसी ! तुम मुझ पर ये हस्बेंड की तरह आर्डर चलाना बंद करो,,,,,,,,,!!”
अवि ने सुना तो थोड़ा प्यार से कहा,”मैं तुम्हारा हस्बेंड हूँ,,,,,,मुझे और कितनी बार तुम्हे ये याद दिलाना होगा नैना ?”
नैना ने अपना सर झटका , अनुराग के आने की वजह से उसका दिमाग इस वक्त बिल्कुल काम नहीं कर रहा था। वह अवि के थोड़ा पास आयी और उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”पडोसी ! मैं निबी की जिंदगी ऐसे घटिया इंसान के साथ बर्बाद होते बिल्कुल नहीं देख सकती,,,,,,,,,,,,!!”
इतना कहकर नैना वहा से चली गयी और अवि उसे आवाज देता रह गया लेकिन नैना कहा उसकी सुनने वाली थी,,,,,,,,,,,,,,!!
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Sanjana Kirodiwal
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