Kitni mohabbat hai – 28
“कितनी मोहब्बत है”
By Sanjana Kirodiwal
Kitni mohabbat hai – 28
मोना जो चाहती थी वो हो चुका था ! मीरा अपने कमरे में थी उसने बाथरूम में जाकर मुंह धोया और फिर से पढाई में लग गयी !! कुछ देर बाद निधि उसके पास आयी और कहा,”अरे कितना पढ़ोगी यार ? मम्मा ने निचे खाने के लिए बुलाया है चलो !”
“तुम जाओ हमे भूख नहीं है !”,मीरा ने बिना निधि की और देखे कहा
“भूख क्यों नहीं है ?”,निधि आकर उसके पास बैठ गयी !
“बस ऐसे ही , तुम जाओ !”,मीरा ने चिढ़ते हुए कहा निधि ने उसका चेहरा अपनी और करके कहा,”क्या हुआ ? इतना गुस्सा किस से हो ?”
“हम क्यों गुस्सा होंगे ? चाहे वो किसी को भी गले लगाए !”,मीरा ने गुस्से में दिल की बात कह दी
“गले लगाए ? मतलब कौन ? किसने गले लगाया तुम्हे ?”,निधि ने हैरानी से कहा
“हमे नहीं उन्हें , अक्षत जी को उस मोना ने !”,मीरा ने कहा
“ओह्ह अच्छा वो , इसमें गलत क्या है ? वो भाई की गर्लफ्रेंड है गले लगा सकती है !”,निधि ने कहा
“हुंह्ह , तुम कुछ नहीं समझोगी !”,मीरा ने झुंझलाकर उठते हुए कहा
“अरे तो तुम समझाओ मुझे , आखिर मोना के गले लगाने से तुम इतना परेशान क्यों हो रही हो ? ओह्ह्ह अच्छा अच्छा कही तुम्हे जलन तो नहीं हो रही ना इस बात से !”,निधि ने बात को समझते हुए कहा !
मीरा निधि के सामने आयी और अपनी कमर पर दोनों हाथ रखकर घूरते हुए कहा,”हमे क्यों जलन होगी ?”
“तुम्हे हो रही है !”,निधि ने भी मीरा की नक़ल करते हुए कहा।
“नहीं हमे नहीं हो रही है !”,मीरा की और से बहस जारी थी !
“हो रही है बाबू !”,निधि भी उस से दो कदम आगे थी !
“उफ्फ्फ !”,मीरा कहते हुए जाने लगी तो निधि ने उसका हाथ पकड़ कर उसे बैठाते हुए कहा,”अच्छा सुनो !”
“हम्म्म्म !”,मीरा ने कहा
“मैं जो भी पुछु उसका हां या ना में जवाब देना !”,निधि ने कहा
“हम्म्म !”,मीरा ने हाँ में गर्दन हिला दी !
निधि ने मीरा का हाथ अपने हाथ में लिया और प्यार से कहा,”क्या तुम्हे अक्षत भाई पसंद है ?” निधि के इस सवाल पर मीरा खामोश हो गयी ! निधि ने उसके भाव समझते हुए प्यार से कहा,”देखो मीरा तुम्हारा जवाब हम जानते है , बस तुम्हारे मुंह से सुनना है ! पसंद करती हो उन्हें ?”
“हम्म्म !”,मीरा ने धीरे से कहा निधि ने सूना तो उसे गले लगा लिया और ख़ुशी से भरकर कहा,”स्टुपिड पहले क्यों नहीं बताया तुमने ? आई ऍम सो हैप्पी फॉर यू !”
“तुम्हे बुरा नहीं लगा ?”,मीरा ने हैरानी से पूछा
“पागल हो क्या ? बुरा क्यों लगेगा ? मुझे तो ख़ुशी हो रही है की मेरी बेस्ट फ्रेंड ही मेरी भाभी बन जाएगी !! फिर तुम हमेशा यही रहोगी !”,कहते हुए निधि ने एक बार फिर मीरा को गले लगा लिया ! मीरा मुस्कुरा उठी और उसके मन का डर भी जाता रहा उसने धीरे से कहा,”थैंक्यू हमे समझने के लिए , हमे नहीं पता ये सब कब कैसे हुआ ? बस हो गया !”
“ऐसे ही होता है , वैसे मुझे लगा भी था कुछ ना कुछ तो जरूर होगा तुम दोनों के बिच !”,निधि ने सोचते हुए कहा
“कैसे ?”,मीरा ने पूछा
“अरे सिम्प्ल है दो अलग अलग सोच वाले लोग ही साथ होते है हमेशा , जैसे तुम शांत हो और भाई गुस्से वाले ,, तुम सबसे प्यार सें बात करती हो और भाई वो बस अकड़ता रहता है , और तो और भाई का रंग भी तुमसे सांवला है !”,निधि ने अक्षत की कमिया और मीरा की खुबिया गिनाते हुए कहा निधि की बात सुनकर मीरा हसने लगी और कहा,”इसमें सांवला गोरा कहां से आ गया ?”
“अरे होता है भाई अपने कलर को लेकर बहुत सेंसेटिव है , बताया नहीं उन्होंने तुम्हे !”,निधि ने कहा
“हमारी उनसे इतनी बाते नहीं होती !”,मीरा ने धीरे से कहा
“आये हाय कितना शरमा रही हो ना तुम !”,निधि ने उसे छेड़ते हुए कहा
“तुम मजे ना लो हमारे !”,मीरा ने कहा
“अच्छा ठीक है अब चलो निचे , तुम्हारा पेट तो भाई को देखकर भर गया होगा लेकिन मेरे पेट में चूहे कूद रहे है ! बहुत जोर से भूख लगी है चलो ना !”,निधि ने मीरा का हाथ पकड़कर उसे उठाते हुए कहा !
दोनों खाना खाने के लिए निचे चली आयी ! दोनों खाने के लिए आकर बैठी बाकि सब भी आ चुके थे बस अक्षत नरारद था मीरा की नजरे उसे ही तलाश रही थी अर्जुन ने देखा तो कहा,”क्या हुआ मीरा कुछ ढूंढ रही हो क्या ?’
“जी नहीं , बस ऐसे ही !”,मीरा ने झेंपते हुए कहा जबकि अर्जुन जानता था मीरा की नजरे किसे ढूंढ रही है ! वह मन ही मन मुस्कुराने लगा ! राधा ने सबके लिए खाना परोसा सभी खा रहे थे ! खाना खाने के बाद मीरा निधि के साथ ऊपर चली आयी नजर अक्षत के कमरे की और चली गयी लेकिन वह वहा नहीं था निधि ने देखा तो कहा,”अरे आजायेंगे भाई !”
“हम्म्म !”,कहते हुए मीरा अंदर चली आयी निधि भी उसके पीछे पीछे चली आयी ! मीरा अंदर आकर बैठ गयी तो निधि ने सामने पडी कुर्सी पर बैठते हुए कहा,”अच्छा मीरा तुमने भाई को बताया देन यू लाइक हिम ?”
“नहीं !”,मीरा ने कहा
“क्यों नहीं बताया ?”,निधि ने सवाल किया
“तुम तो जानती हो ना उनकी जिंदगी में पहले से कोई और है , हम उन्हें पसंद करते है लेकिन कह नहीं सकते”,मीरा बोलते बोलते उदास हो गयी !
“अबे तेरी ! मोना को तो मैं भूल ही गयी , वो तो भाई को लेकर बहुत सीरियस है यार और भाई भी उसे पसंद करते है !”,निधि ने कहा
“हां , इसलिए उनसे नहीं कहा , उनके मन में क्या है ? ये जाने बिना उनसे अपने मन की बात कहना शायद सही नहीं होगा ! वो बहुत अच्छे है निधि और हम उन्हें ठेस पहुंचाना नहीं चाहते !”,मीरा ने बेचारगी से कहा
“तो फिर तुम क्या करोगी मीरा ?”,निधि ने चिंता जताते हुए कहा
“इंतजार करेंगे !”,मीरा ने खोये हुए स्वर में कहा
“कब तक ?”,निधि ने मीरा का मन टटोलने की कोशिश की !
“जिंदगीभर , अगर वो हमारी किस्मत में होंगे तो हमे जरूर मिलेंगे !”,मीरा ने कहा
“तुम सच में पागल हो मीरा !”,निधि ने बैचैन होकर कहा
“इश्क़ में पड़े हुए इंसान को पहले पहले पागल ही कहा जाता है !”,मीरा नम आँखों से मुस्कुरा दी ! निधि उठकर उसके पास आयी और उसे गले लगाते हुए कहा,”मुझे पूरा यकींन है तुम्हारा प्यार भाई को खिंच लाएगा , कोई माने या ना माने मैंने तो तुम्हे अपनी भाभी मान लिया है ,, अब बस उस दिन का इंतजार है जब तुम दुल्हन बनकर हमेशा हमेशा के लिए इस घर में आओगी !”
मीरा शरमा के निधि में सिमट गयी और कहा,”निधि ! हम खुशनसीब है जो हमे उनसे प्यार हुआ पर उस से भी ज्यादा खुशनसीब है जो हमे तुम्हारे जैसी दोस्त मिली , जो हमे इतने अच्छे से समझ सकती है !”
“अरे बस करो इतनी तारीफ की आदत नहीं है मुझे !”,निधि ने मीरा से दूर होकर कहा
“अच्छा ! पगली”,मीरा भी मुस्कुरा दी !
दोनों कुछ देर बाते करती रही और फिर अपनी अपनी किताबे लेकर पढ़ने बैठ गयी !!
खाना खाने के बाद अर्जुन निचे ही हॉल में बैठकर टीवी देखने लगा ! अक्षत जब बाहर से आया तो उसे देखकर अर्जुन ने पास बैठे दादू से जोर से कहा,”दादाजी कल रात ठण्ड कुछ ज्यादा ही थी ना !”
अक्षत ने सूना तो अर्जुन की और देखा जो की मुस्कुराते हुए उसे ही देख रहा था !
“नहीं ठण्ड तो बिल्कुल नहीं थी कल रात !”,दादाजी अर्जुन की बात नहीं समझ पाए लेकिन अक्षत कुछ कुछ समझ रहा था ! वह रुक गया तो अर्जुन ने कहा,”हां नहीं थी , तभी अक्षत कल बाहर सोफे पर ही सो गया था !”
“अक्षत बाहर क्यों सोया था ? उसके पास तो उसका कमरा है ना ?”,दादाजी ने कहा
“हां लेकिन सोफे ज्यादा कम्फर्टेबल होगा न शायद इसलिए ! मैं क्या कह रहा हु दादाजी लड़का बड़ा हो गया है लगे हाथ इसकी भी बैंड बजवा देते है !”,अर्जुन ने अक्षत को छेड़ते हुए कहा तो दादाजी हसने लगे और अक्षत से अपने पास आने का इशारा किया , अक्षत उनके पास आया तो दादाजी ने कहा,”सूना भाई क्या कह रहा है ?”
“इनका दिमाग ख़राब हो गया है , इनको जल्दी है इनकी करवा दीजिये !”,अक्षत ने कहा
“अरे दादाजी मैंने तो लड़की भी देख रखी है !”,कहते हुए अर्जुन ने जेब से फोन निकाला और रात में क्लीक की हुई मीरा अक्षत की तस्वीर अक्षत के सामने करते हुए कहा,”अच्छी है ना आसु पसंद आयी !”
अक्षत ने देखा तो सिट्टी पिट्टी गुम ! उसने अर्जुन के हाथ से फोन छीनने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहा ! कुछ देर पहले उसके चेहरे पर अकड़ थी अब एकदम से बेचारगी के भाव थे ! दादाजी ने देखा तो कहा,”लाओ भई हमे भी दिखाओ , हम भी तो देखे !”
“हां दादू लीजिये !”,कहते हुए अर्जुन ने जैसे ही फोन दादाजी की और बढ़ाया अक्षत ने बिच में ही लपकते हुए कहा,”अरे दादू ! इतनी अच्छी भी नहीं है !”
“तुम दिखाओ तो सही !”,दादाजी ने कहा अक्षत का ध्यान दादू की और पाकर अर्जुन ने एक बार फिर फोन उसके हाथ से छीन लिया और कहा,”ये नहीं दिखायेगा मैं ही दिखाता हु !!”
बेचारा अक्षत आँखों ही आँखों में अर्जुन से रिक्वेस्ट आकर रहा था और अर्जुन को उसकी इस हालत पर हंसी आ रही थी ! अर्जुन ने फोन ऑन करके तस्वीर दादाजी की दिखाते हुए कहा,”देखिये दादाजी कैसी लगी ?” अर्जुन की इस हरकत पर अक्षत ने अपना सर पिट लिया ! दादाजी ने तस्वीर को गौर से देखा और कहा,”ये तो कैटरीना कैफ है”
अक्षत ने दादाजी के मुंह से ये नाम सूना तो हैरानी से दोनों की और देखा ! अर्जुन मुस्कुराया और कहा,”हां तो अपना अक्षत भी सलमान खान से कम है क्या ? दादाजी अपने कमरे की दिवार पर बस इसी की फोटो लगा रखी है इसने !”
अक्षत ने सूना तो उसे थोड़ी राहत हुई की अर्जुन ने उसका सच है बताया तभी दादाजी ने कहा,”अरे ये सलमान खान को नहीं मिली , इसे कहा से मिलेगी ! तू ना बड़ा शैतान हो गया है अर्जुन अपने ही दादा से मजाक कर रहा है !” कहते हुए दादाजी अर्जुन का कान पकड़कर खिंच देते है !
अक्षत मुस्कुराने लगता है ! दादाजी उठकर चले जाते है तो अक्षत अर्जुन की बगल में आकर बैठ गया और कहा,”थैंक्स , दादू को नहीं बताया आपने ?”
“वो सब तो ठीक है , लेकिन मुझसे छुपाने की क्या जरूरत थी ?”,अर्जुन ने कहा
“भाई ऐसा कुछ नहीं है !”,अक्षत ने अर्जुन से नजरे चुराते हुए कहा
“बस कर कमीने और कितना झूठ बोलेगा खुद से ? तेरे चेहरे पर साफ साफ लिखा है की तू उसे कितना पसंद करता है !”,अर्जुन ने कहा
“भाई !”,अक्षत ने मासूमियत से कहा
“क्या ? नहीं करता तो कोई बात नहीं उसके लिए फिर मेरा दोस्त ठीक रहेगा !”,अर्जुन ने उठते हुए कहा
अक्षत पीछे से आया और रोकते हुए कहा,”आई लव हर !”
अर्जुन मुस्कुराया और कहा,”कितना वक्त लगाया ना तूने ये बात समझने में ! लेकिन मैं तुम दोनों के लिए खुश हु , अब जल्दी से मीरा को दिल की बात बता दे !”
“नहीं भाई , अभी नहीं कह सकता !”,अक्षत ने कहा
“क्यों ?”,अर्जुन ने पूछा
“मीरा से पहले मुझे मोना को समझाना होगा की मैं मीरा को पसंद करता हु , मीरा की दिल के बात भी मैं नहीं जानता उसके दिल में क्या है ये जाने बिना उस से ये सब कहना सही नहीं ,, उसके एग्जाम्स भी है अगर मैंने ऐसा कुछ किया तो वो डिस्टर्ब हो जाएगी !”,अक्षत ने कहा
“मोना को हम सब सम्हाल लेंगे , तू बस मीरा पर ध्यान दे ,, वैसे भी एक महीने के लिए दिल्ली जा रहा है जाने से पहले उसे बता देता तो सही रहता कही ऐसा ना हो कही देर हो जाये”,अर्जुन ने अक्षत के कंधे पर हाथ रखकर कहा
“भाई ! वो सिर्फ मेरी है , वो किसी और की नहीं हो सकती”,अक्षत ने विश्वास से भरकर कहा
“हम्म्म , रात बहुत हो गयी है , चल चलते है सोने !”,अर्जुन ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा
“आप चलिए , मैं आता हु !”,अक्षत ने कहा और किचन की चला गया !
अर्जुन ऊपर चला गया किचन में आकर अक्षत ने वहा खड़ी राधा को पीछे से हग किया तो राधा ने कहा,”आशु क्या हुआ बेटा ? सोये नहीं अभी तक ?”
“नींद नहीं आ रही !”,अक्षत ने उदास होकर कहा !
राधा उसकी और पलटी और उसके हाथो को अपने हाथो में लेकर कहा,”अच्छा बताओ क्या बात है ?”
अक्षत ने नजरे झुका ली और कहा,”कल सुबह जाना है , आपको छोड़कर जाने का मन नहीं कर रहा”
“पगला ! तू कोनसा हमेशा के लिए जा रहा है एक महीने की ही तो बात है , फिर तो यही आना है वापस ,, और नीता , सोमित जी है ना वहा तुम्हारा ध्यान रखने के लिए !”,राधा ने प्यार से कहा
“हम्म्म्म , लेकिन आप तो नहीं होंगी ना वहा , मैं आपको बहुत मिस करूंगा !”,अक्षत ने उनके गले लगते हुए कहा तो राधा की आँखे भी नम हो गयी वह अक्षत का सर सहलाने लगी ! आज से पहले अक्षत उनकी नजरो से कभी दूर जो नहीं गया था ! राधा को चुप देखकर अक्षत ने कहा,”भूख लगी है !”
“हां मैं खाना लगाती हु !”,राधा ने कहा
“नहीं खाना नहीं खाना”,अक्षत ने प्लेटफॉर्म पर बैठते हुए कहा
“फिर क्या खाओगे ?”,राधा ने पूछा !!
“मैग्गी , लेकिन मैं खुद से बना लूंगा आप जाकर सो जाईये ,,!!”,अक्षत ने कहा
“मैं बना देती हु बेटा !”,राधा ने कहा !
“नहीं माँ आप जाओ ! प्लीज़ गुड नाईट !!”,अक्षत ने राधा को किचन से बाहर करते हुए कहा !
राधा चली गयी ! अक्षत अपने लिए मैग्गी बनाने लगा ! ऊपर निधि और मीरा पढ़ते पढ़ते थक गयी ! घडी में देखा तो रात के 11 बज रहे थे ! निधि ने किताब साइड में रखते हुए कहा,”यार मीरा भूख लगी है !”
“हां भूख तो हमे भी लगी है !”,मीरा ने कहा
“तो फिर पिज़्ज़ा आर्डर करे !”,निधि ने अपना फोन उठाते हुए कहा
“इतनी रात में , खामखा परेशान होगा दुकान वाला , हम किचन से ही कुछ ले आते है !”,मीरा ने कहा !
“किचन में इस वक्त क्या मिलेगा ?”,निधि ने कहा
“अरे कुछ ना कुछ तो मिल ही जाएगा , और नहीं भी मिला तो हम तुम्हारे लिए चाय ले आएंगे !”,मीरा ने उठते हुए कहा और जाने लगी !
“मीरा !”,निधि ने पीछे से कहा
“हां !”,मीरा ने पलटकर कहा
“तुम बहुत अच्छी हो , आई लव यू !”,निधि ने मुस्कुराकर कहा
मीरा भी मुस्कुराते हुए वहा से चली गयी ! निचे किचन में आयी तो अक्षत को वहा देखकर हैरान रह गयी और कहा,”आप यहाँ इस वक्त , आप सोये नहीं ?”
मीरा की आवाज सुनकर अक्षत पलटा मीरा को वहा देखकर उसे अच्छा लगा तो उसने कहा,”भूख लगी थी इसलिए अपने लिए कुछ बना रहा था !!”
“इतनी रात में , हमे कह देते हम बना देते !”,मीरा ने कहा
“अरे इट्स ओके , वैसे भी मैं अच्छा खाना बना लेता हु !”,अक्षत ने कहा !
मीरा आगे आयी और ड्रावर खोलकर देखने लगी लेकिन नमकीन और बिस्किट के अलावा वहा कुछ खास नहीं था अक्षत ने देखा तो पूछ लिया,”तुम यहाँ कैसे ?
“वो निधि को भूख लगी थी तो उसके खाने के लिए लेने आये थे !”,मीरा ने कहा
“थोड़ी देर यही रुको मैं अपने लिए मैग्गी बना रहा हु , निधि के लिए भी ले जाना !”,अक्षत ने कहा ताकि मीरा वही रुक जाये और वह उसे जी भरकर देख सके ! मीरा वही रुक गयी तो अक्षत ने कहा,”बैठो !
“हम ठीक है !”,कहते हुए मीरा ने अपनी पीठ प्लेटफॉर्म से लगा ली ! अक्षत मैगी बनाने लगा जैसे ही उसने बर्तन से ढक्क्न हटाया भाप से उसकी ऊँगली जल गयी और दर्द की वजह से उसके मुंह से निकला – आउच !!
मीरा अक्षत के पास आयी और उसका हाथ देखते हुए कहा,”देखा जल गयी ना , आपका ध्यान कभी सही जगह नहीं रहता ! बहुत दर्द हो रहा होगा ना , रुकिए हम कुछ लेकर आते है !”
कहकर जैसे ही वह जाने लगी अक्षत ने उसका हाथ पकड़कर उसे अपनी और खींचकर कहा,”कुछ नहीं हुआ है !”
“लेकिन वो गर्म था , आपको दर्द हो रहा होगा वरना आप चीखते नहीं ना “,मीरा ने परेशानी भरे शब्दों में कहा
“शशशशश !”,अक्षत ने अपनी ऊँगली मीरा के होंठो पर रख दी और कहा,”बहुत परेशान होती हो तुम , ठीक हु मैं !”
मीरा अक्षत की आँखों में देखती रही तो अक्षत उस से दूर हुआ और कहा,”तुम्हे भूख नहीं लगी !”
“नहीं मतलब हां !”,मीरा से बोला नहीं गया !
अक्षत मुस्कुराने लगा और कहा,”चलो तुम भी खा लेना !”
अक्षत ने मैगी बनायी और तीन कटोरी में डाला ! दो मीरा की और बढ़ा दी और एक खुद लेकर वही खड़ा होकर खाने लगा ! जैसे ही वह पहला निवाला खाने को हुआ रुक गया उसने देखा मीरा उसे ही देख रही है अक्षत ने चम्मच मीरा की और बढ़ा दी मीरा ने खाया और कहा,”अच्छा बना है !”
“सोचो मेरी फ्यूचर वाइफ कितनी लकी होगी ना , उसे बैठे बिठाये इतना अच्छा कूक मिल जाएगा !”,अक्षत ने अगला निवाला खुद खाते हुए कहा !
अक्षत की इस बात पर मीरा मुस्कुराते हुए मन ही मन सोचने लगी,”लकी तो हम ही अक्षत जी जिसे आपका साथ मिला , आप हमेशा ऐसे ही खुश रहे”
अक्षत ने मीरा को मुस्कुराते देखकर अक्षत ने कहा,”तुमसे किसी ने कहा है ?”
“क्या ?”,मीरा ने कहा
“यही की तुम मुस्कुराती हुई बहुत अच्छी लगती हो”,अक्षत ने मीरा की आँखों में देखते हुए कहा ! मीरा अक्षत से नजरे चुराने लगी और कहा,”हम जाते है निधि इंतजार कर रही होगी !”
मीरा जैसे ही जाने लगी अक्षत ने पीछे से गाना शुरू कर दिया -:यु ही पहलू में बैठे रहो , यु ही पहलू में बैठे रहो ,, आज जाने की जिद ना करो !!
मीरा ने सूना तो चलते चलते रुक गयी और बिना पलटे कहा,”रात बहुत हो गई है !!
“हम्म्म्म जानता हु !”,अक्षत ने कहा
“गुड़ नाईट !”,कहकर वो वहा से चली गयी !
“गुड़ नाईट !”,अक्षत ने कहा और मीरा को जाते हुए देखता रहा जब तक वो उसकी आँखों से ओझल नहीं हो गयी !! मीरा ऊपर आई और निधि की और मैग्गी बढ़ा दी ! “वॉव तुमने बनाई ?”,निधि ने सवाल किया
“नहीं अक्षत जी ने , वो निचे ही थे किचन में तो उन्होंने तुम्हारे लिए भी बना दी !”,मीरा ने उसके पास बैठते हुए कहा
“क्या बात है ? तुम और भैया साथ साथ थे कुछ हुआ ?”,निधि ने मैगी खाते हुए कहा
“क्या मतलब ?”,मीरा ने हैरान होकर पूछा
“अरे मतलब ! रोमांटिक बाते वाते “,निधि ने कहा
“क्या तुम भी ? ऐसा कुछ नहीं हुआ , खाओ चुपचाप !!”,मीरा ने कहा और दोनों मैग्गी खाने लगी ! खाने के बाद दोनों सोने चली गयी मीरा की सोते ही आँख लग गयी और निधि भी कुछ देर बाद सो गयी !! अक्षत अपने कमरे में बैठा अपना बैग पैक करने में लगा हुआ था ! मीरा की यादो ने उसे घेर रखा था चाहकर भी वह खुद को उनसे दूर नहीं कर सकता था ! उसने सामान रखा और लेट गया जल्दी ही उसे नींद आ गयी ! सुबह 6 बजे उसकी ट्रेन थी वह जल्दी उठ गया तैयार होकर निचे आया लेकिन मीरा उसे कही दिखाई नहीं दी ! शुभ भी आ चुका था उसने अक्षत का सामान गाड़ी में रखा ! अक्षत बार बार पलटकर निधि के कमरे की ही और देख रहा था जाने से पहले एक बार मीरा से मिलना चाहता था लेकिन मीरा सो रही थी ! अक्षत को बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था लेकिन मीरा से मिलना भी पॉसिबल नहीं था !
अक्षत ने सबके पैर छुए और वहा से निकल गया ! जाते जाते उसने पलटकर एक बार फिर कमरे की और देखा पर मीरा नजर नहीं आयी ! अक्षत उदास चेहरा लेकर वहा से चला गया आँखों में आयी नमी शुभ ना देख ले इसलिए उसने आँखों पर चश्मा लगा लिया !!
क्रमश -: kitni-mohabbat-hai-29
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संजना किरोड़ीवाल