Main Teri Heer – 2
इंदौर गौरी का घर
मुन्ना के फ़ोन काटने के बाद गौरी पलटी तो देखा काशी लगभग सामान जमा चुकी है और बिस्तर पर बेडशीट लगाने की कोशिश कर रही है। गौरी ने अपना फोन टेबल पर रखा और बिस्तर के दूसरी तरफ काशी के सामने चली आयी और बेडशीट लगाने में उसकी मदद करते हुए कहा,”पता है काशी तुम्हारा भाई सगाई में मेरे लहंगे के मैचिंग का सूट पहनने वाला है वो भी बो के साथ। हम दोनों साथ में कितने प्यारे लगने वाले है , लाइक दुनिया का सबसे बेस्ट कपल,,,,,,,!!”
काशी ने सुना तो हंसी और कहा,”बेस्ट का तो पता नहीं लेकिन हाँ दुनिया का सबसे अजीब कपल जरूर लगोगे,,,,,,,,,,!!”
गौरी ने सुना तो मुंह बना लिया उसकी अपनी ही दोस्त उसका मजाक उड़ा रही थी। गौरी को मुंह बनाते देखकर काशी उसके पास आयी और कहा,”गौरी , क्या तुम्हे सच में लगता है मुन्ना भैया ऐसा कुछ पहनेंगे,,,,,,,,,,,,,मुन्ना भैया जिस टाइप के लड़के है हमे नहीं लगता वो ऐसे उटपटांग कपडे पहनेंगे,,,,,,,,,,,,,,!!”
“मान सगाई में सूट ही पहनेगा,,,,,,,,,!!”,गौरी ने कमर पर दोनों हाथ रखकर काशी के सामने तनते हुए कहा
“मुन्ना भैया सूट नहीं पहनेंगे,,,,,,!!”,काशी ने भी तनते हुए कहा
“वो पहनेगा”,गौरी कहा हार मानने वाली थी
“मुन्ना भैया बनारस की पारम्परिक पोशाक ही पहनेंगे ,, मुन्ना भैया रीती रिवाजो को लेकर बहुत स्ट्रिक्ट है”,काशी ने अपनी आँखों को बड़ा करते हुए कहा
“तो मैं भी अपने फैशन सेन्स को लेकर बहुत स्ट्रिक्ट हूँ , मान सगाई में पहनेगा तो सूट ही,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा
“लगी शर्त ?”,काशी ने अपना हाथ आगे करके कहा
“लगी , अगर मुन्ना ने सूट नहीं पहना तो मैं तुम जो कहोगी वो करुँगी और अगर उसने पहन लिया तो फिर तुम तैयार रहना”,गौरी ने काशी के हाथ पर अपना हाथ रखते हुए कहा
“तुम हारने वाली हो मिस गौरी,,,,!!”,काशी ने बड़ी सी स्माइल के साथ कहा
“हाह ! गौरी शर्मा ने कभी हारना नहीं सीखा”,कहकर गौरी ने काशी का हाथ साइड किया और वहा से चली गयी
“तुम कितनी बद्तमीज हो गयी हो,,,,,,,,!!”,काशी ने कहा और वहा से चली गयी
भुनभुनाते हुए काशी सीढ़ियों से नीचे आयी , नंदिता ने देता तो कहा,”तुम दोनों का फिर झगड़ा हुआ क्या ?”
“आंटी , गौरी आजकल कुछ ज्यादा ही पागल हो गयी है एक बार मुन्ना भैया से उसकी सगाई हो जाये बस,,,,,,,,,,!!”,काशी ने चिढ़ते हुए कहा
“हाँ मैं भी यही सोच रही हूँ लेकिन उसके बाद मुझे गौरी की नहीं बल्कि मुन्ना की फ़िक्र है ,, गौरी के साथ रहकर उस बेचारे का क्या होगा ?”,नंदिता ने कहा तो काशी पहले कुछ देर खामोश रही और फिर एकदम से हंस पड़ी क्योकि जैसे उसके मुन्ना भैया थे शांत और समझदार गौरी जैसे तूफान का उनकी जिंदगी में आने के बाद उनकी शांति तो भंग होने वाली थी।
बनारस , उत्तर-प्रदेश
शीशे के सामने खड़ा मुरारी सफ़ेद कुर्ते पजामे में बहुत ही प्यारा लग रहा था। उसने अपनी मुछो के सेट किया और बाल बनाये। एक हाथ में घडी और दूसरे में कडा पहना। आँखों पर धुप वाला चश्मा पहना और ड्रेसिंग पर रखा परफ्यूम उठाकर लगाते हुए गाने लगा
“कैसे गाड़ पैबा…. हा…आ
कैसे गाड़ पैबा , मोहब्बत के झंडा…. मिसिर जी
मिसिर जी तू त बारा बड़ी ठंढा…!!”
मुरारी ने परफ्यूम की शीशी को रखा और शीशे में एक नजर खुद को देख हवा में खुद के लिये चुम्मा उछालते हुए कहा,”कमाल है मिश्रा ! का चौचक लग रहे हो कसम से आज भी बनारस की आधी से ज्यादा लड़किया फ्लेट है तुम्हरी इह खूबसूरती पर,,,,,,,!!”
“मुरारी भैया , उह मैकेनिक आया है जीप लेकर,,,,,,,!!”,किशना ने आकर कहा तो मुरारी अपनी ख्यालो की दुनिया से बाहर आया और किशना के साथ कमरे से बाहर निकल गया।
अनु डायनिंग पर नाश्ता लगा रही थी। मुरारी को आज इन कपड़ो में देखकर अनु ने कहा,”क्या बात है मुरारी आज तुमने अपने ये नेता वाले कपडे क्यों पहने है ? कही फिर से विधायकी करने का तो नहीं सोच रहे ?”
मुरारी मुस्कुराते हुए अनु की तरफ आया और कहा,”अरे नहीं मिश्राइन , उह का है ना हमको ज़रा विधायक ऑफिस जाना है हमरा कुछो पुराना हिसाब किताब बाकि है तो सोचा आज जाकर उह निपटाय ले ताकि फिर आराम से मुन्ना की सगाई की तैयारी कर सके।
हम निकलते है तुम नाश्ता कर लेना और आई बाबा से मिल लेना आखिर हमरे और शिवम् भैया के घर के बड़े बुजुर्ग तो वही हैं।”
“मुरारी तुम कुछ भूल रहे हो,,,,,,,,,!!”,अनु ने मुरारी की तरफ देखकर कहा
मुरारी ने सुना तो उसके मन के सारे तार झनझना उठे
वह थोड़ा सा अनु की तरफ आया और कहा,”का मैग्गी सुबह सुबह कैसी बाते कर रही हो ? इह उम्र मा जे सब अच्छा लगता है का ?”
अनु ने सुना तो हैरानी से मुरारी की तरफ देखा और फिर एकदम से अपना हाथ मुरारी के आगे करके कहा,”मुरारी ! मैं तुम्हारे चाचा चाची के बारे में बात कर रही हूँ,,,,,!!”
अब मुरारी तो ठहरा मुरारी उसने कहा,”अरे पर इह उम्र मा चाचा-चाची कहा एक दूसरे को चुम्मी देते होंगे,,,,,,,,,,,,उह तो कृपा है हम पर जो इह उम्र मा भी हम रोमांटिक है,,,,,,,,!!”
अनु ने अपना हाथ अपने सर पर मारा तो मुरारी ने कहा,”का , का सर दुःख रहा है का ? हम दबा दे”
“एक काम करो मुरारी तुम मेरा गला ही दबा दो,,,,,,,,,,,,,जिस उम्र में लोग भगवान का नाम लेते है उस उम्र में तुम ये चुम्मा चाटी,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह मैंने कहा तुम कुछ भूल रहे हो मतलब तुमने अपने चाचा चाची को मुन्ना और गौरी की सगाई के बारे में बताया या नहीं वो लोग सगाई में आएंगे ना ? आखिर वो भी तो तुम्हारे घर के बड़े है,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अनु ने मुरारी को समझाते हुए कहा
“अच्छा जे , हम तो कुछ और ही समझ रहे थे,,,,,,,,,,,,,,,नहीं हमने नहीं बताया ना हम उन्हें बुलाएँगे ,, अरे जबसे बनारस से गए है एक बार भी हमारी खबर ली उन्होंने ,
चाचा के दोनों बच्चे ब्याहे गए न्योता आया उनकी तरफ से,,,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने गुस्सा होकर कहा
“मुरारी क्या हुआ उन्होंने नहीं बुलाया तो हमारा तो फर्ज बनता है ना,,,,,,,,,तुम उन्हें एक बार फोन कर देना,,,,!!”,अनु ने प्यार से कहा
अनु के सामने मुरारी अक्सर पिघल जाया करता था इसलिए कहा,”ठीक है कर देंगे लेकिन जियादा रिकक़्वेस्ट नहीं करेंगे,,,,,,,,,,,,अभी हम निकलते है देर हो रही है।”
“ध्यान से जाना और बिना वजह किसी से उलझना नहीं,,,,,,,,,,,,,,आजकल गुस्सा कुछ ज्यादा ही आने लगा है तुम्हे”,अनु ने कहा और चली गयी। मुरारी भी घर से बाहर चला आया।
घर के बाहर मुरारी की चमचमाती जीप खड़ी थी। मेकेनिक ने मुरारी को जीप की चाबी दी और चला गया। मुरारी जीप में बैठा और स्टार्ट कर वहा से निकल गया।
मुंबई , नवीन का घर
वंश की बातो से गुस्सा होकर निशि अपने घर चली आयी। मेघना और नवीन घर के हॉल में बैठे सुबह की चाय पी रहे थे। निशि को अंदर आते देखकर मेघना ने कहा,”अरे निशि ! तुम आ गयी किचन में तुम्हारे लिए चाय रखी है ले आओ,,,,,,,!!”
निशि ने कुछ नहीं कहा बस ख़ामोशी से किचन में गयी और चाय का कप लेकर बाहर चली आयी। निशि हॉल में आकर बैठी निशि का हाल देखकर नवीन ने कहा,”निशि ! तुम स्टडी के लिये पूर्वी के घर गयी थी न तुम्हारा बैग और बुक्स कहा है ?”
“अह्ह्ह्ह वो शायद मैं उन्हें पूर्वी के घर भूल आयी हूँ”,निशि ने कहा
नवीन जानता था निशि झूठ बोल रही है इसलिए उसने निशी के सामने ही पूर्वी को फोन लगाया और फोन स्पीकर पर डालकर टेबल पर रख दिया। कुछ देर बाद पूर्वी ने फोन उठाया और कहा,”हेलो ! जी अंकल”
“बेटा निशि कहा है ? ज़रा बात करवाना उस से,,,,,,,,,,,!!”,नवीन ने कहा
निशि ने सुना तो उसका दिल धड़कने लगा।
“अह्ह्ह्ह अंकल निशि अभी सो रही है वो जैसे ही उठती है मैं आपकी उस से बात करवाती हूँ”,पूर्वी सफ़ेद झूठ बोल गयी जबकि निशि नवीन के ठीक सामने बैठी थी। पूर्वी का झूठ सुनकर निशि ने मन ही मन अपना सर पीट लिया।
“ठीक है बेटा , जब वो उठे तो उस से कहना मुझ से बात करे”,नवीन ने कहा और फोन काट दिया
नवीन ने जैसे ही फोन रखा निशि के फोन पर पूर्वी का फोन आया।
नवीन ने निशि से अपना फोन देने का इशारा किया। निशि ने डरते डरते अपना फोन नवीन की तरफ बढ़ा दिया। स्क्रीन पर पूर्वी का नंबर देखकर नवीन समझ गया कि निशि ने उस से झूठ बोला है बीती रात वह पूर्वी के घर नहीं बल्कि कही और थी।
नवीन ने निराश होकर फोन टेबल पर रखा और उठकर जैसे ही जाने लगा निशि ने उठते हुए कहा,”डेड,,,,,,,,,,आप जो समझ रहे है वैसा कुछ भी नहीं है,,,,,,,!!”
नवीन निशि की तरफ पलटा और कहा,”निशि , तुम्हारा डेड होने के नाते मैंने तुम्हे इतनी सहजता तो दी है कि तुम मुझसे सच कह पाओ,,,,,,,,,!!”
“डेड , डेड,,,,,,!!”,निशि कहते ही रह गयी और नवीन उस से नाराज होकर वहा से चला गया
“ये सब क्या है निशि ? कल रात अगर तुम पूर्वी के साथ नहीं थी तो फिर तुम कहा थी ? तुम्हारे डेड भी तुम से नाराज है , तुमने हमसे झूठ क्यों कहा ?”,मेघना ने निशि को अपनी तरफ करके कहा
निशि ने उदास नजरो से मेघना को देखा और कहा,”आई ऍम सॉरी मॉम , मै वंश के साथ थी ,, उसकी तबियत बहुत खराब थी और उसका ख्याल रखने वाला कोई नहीं था बस इसलिये मैं उसके साथ रुक गयी,,,,,,,,आई ऍम सॉरी मैं आप लोगो से झूठ बोलना नहीं चाहती थी।”
मेघना ने सुना तो हैरानी से निशि को देखने लगी और कहा,”निशि ! तुम रातभर एक अनजान लड़के के साथ थी इसका मतलब जानती हो ना तुम ,, अगर वंश की तबियत खराब थी तो तुमने हम में से किसी को फोन क्यों नहीं किया ? तुम्हे वहा ऐसे नहीं रुकना चाहिए बेटा”
“मम्मा क्या आपको वंश पर भरोसा नहीं है ?”,निशि ने आँखों में आँसू लाते हुए कहा
“ओह्ह्ह निशि ! ये कैसी बातें कर रही हो तुम ?
मुझे वंश और तुम दोनों पर भरोसा है लेकिन,,,,,,,,,,,,,उफ्फ्फ अब मैं तुम्हे कैसे समझाऊ ? जाओ तुम फ्रेश हो जाओ और आराम करो,,,,,,,,,,,!!!”,मेघना ने कहा
“लेकिन डेड मुझसे नाराज है , आज से पहले वो कभी मुझसे गुस्सा नहीं हुए है।”,निशि ने आँसू बहाते हुए कहा
“आज से पहले तुमने उनसे कभी झूठ भी तो नहीं बोला है न,,,,,,नवीन से मैं बात कर लुंगी , तुम जाओ और फ्रेश हो जाओ तब तक मैं नाश्ता तैयार करती हूँ।”,मेघना ने प्यार से निशि के गाल को छूकर कहा
निशि को थोड़ी तसल्ली मिली की मेघना ने उसे गलत नहीं समझा है वह ऊपर अपने कमरे में चली गयी।
वंश मुन्ना को साथ लेकर फिल्मसिटी पहुंचा। दोनों कैब से नीचे उतरे वंश मुन्ना को लेकर अंदर आया और उसके साथ चलते हुए कहा,”मुन्ना ये देखो , ये है मेरे सपनो की दुनिया मैंने तुम्हे बताया था ना मुझे एक सीरीज में हीरो का रोल मिला है,,,,,,,,,,,,,हाह ! कहा मैं विलीन बनने आया था और कहा मुझे हीरो का रोल मिल गया बट कोई नहीं कही ना कही से तो शुरुआत करनी ही है,,,,,,,,,,,वैसे इस सीरीज में मेरे साथ एक हीरोइन भी है अह्ह्ह क्या नाम है
उसका हाँ “मायरा” बहुत अकड़ू और अजीब है ,, मेरी सीनियर है ना तो थोड़ा ज्यादा ही घमंड है उसे अपनी एक्टिंग पर लेकिन वो जानती नहीं है मेरा नाम भी “वंश गुप्ता” है ,, एक दिन एक्टिंग में मैं उस से भी आगे जाने वाला हूँ,,,,,,,,,,,!!”
वंश एक साँस में सब कह गया मुन्ना ने सुना तो रुका और वंश की तरफ पलटकर कहा,”ए वंश , तुम्हे क्या आजकल गौरी की हवा लगा गयी है जो उसकी तरह बस बोलते ही जा रहे हो ?”
“ऐसा क्या ? अह्ह्ह्ह छोडो ये सब आओ तुम्हे मेरे प्रोड्यूसर से मिलवाता हूँ। के.डी. बहुत अच्छा है उसी ने मुझे इस सीरीज में चांस दिया है”,वंश ने मुन्ना की बाँह थामकर उसे अपने साथ ले जाते हुए कहा
वंश मुन्ना के साथ शूटिंग लोकेशन पर आया जहा एक शूट चल रहा था। वंश को वहा देखते ही अमितेश ने कहा,”कट,,,,,!!”
“तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?”,अमितेश ने कुर्सी छोड़कर वंश के पास आते हुए कहा
“आप सीरीज के हीरो से ऐसा सवाल क्यों कर रहे है ? हीरो यहाँ नहीं होगा तो कहा होगा ?”,वंश ने बालों में हाथ घुमाते हुए कहा
अमितेश मुस्कुराया और बड़े प्यार से कहा,”वंश , क्या तुम कभी अपना मेल बॉक्स चेक नहीं करते ?”
“मेल बॉक्स ? ओह्ह्ह लगता है मेरी एक्टिंग से खुश होकर के.डी. ने मुझे मेल किया होगा,,,,,,,,मैं अभी देख लेता हूँ।”,कहते हुए वंश ने अपना फोन निकाला लेकिन वंश का फोन तो पिछले कुछ दिनों से बंद पड़ा था उसने खिंसियाकर अमितेश को देखा और फिर मुन्ना से कहा,”मुन्ना जरा अपना फोन देना”
मुन्ना ने जेब से अपना फोन निकालकर वंश की तरफ बढ़ा दिया। वंश की मेल id मुन्ना के फोन में भी लॉग इन थी इसलिए उसे के.डी. का भेजा मेल देखने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई। उसने जैसे ही मेल देखा थोड़ी ऊँची आवाज में कहा,”आप लोग मुझे सीरीज से कैसे निकाल सकते है ?”
वंश के तेज बोलने से अमितेश ने उसे घुरा तो वंश ने अपनी टोन धीमी करके मिमियाते हुए कहा,”आप लोग मुझे सीरीज से बाहर कैसे निकाल सकते है ?”
“ये जाकर तुम सुमित से पूछो या फिर डायरेक्ट के.डी, से क्योकि ये फैसला उनका है मेरा नहीं,,,,,,,,,,मेरा शॉट है मैं चलता हूँ।”,कहकर अमितेश वहा से चला गया
मुन्ना ने सुना तो सहजता से कहा,”तुम्हे अपने काम को लेकर इतना लापरवाह नहीं होना चाहिए,,,,,,,,,,!!”
“हाह क्या बकवास है , मेरा फोन बंद था मुझे निकालने से पहले इन्हे मुझसे बात तो करनी चाहिए थी ना,,,,,!!”,वंश ने खीजते हुए कहा
“तो अब ?”,मुन्ना ने कहा
“अब देखो उस डायरेक्टर की कैसे बेंड बजाता हूँ मैं वो अभी मुझे जानता नहीं है,,,,,,,,,तुम आओ मेरे साथ,,,,,,!!”,वंश ने कहा हलाकि उसके चेहरे के भाव उसकी बातो से बिल्कुल मैच नहीं कर रहे थे।
मुन्ना मुस्कुराते हुए वंश पीछे चला आया। वंश के.डी के ऑफिस में आया और टेबल पर दोनों हाथो को पटककर गुस्से से कहा,”आप मुझे इस सीरीज से कैसे निकाल सकते है ?”
“वैसे ही जैसे ही प्रोडक्शन हॉउस को बिना इन्फॉर्म किये तुम 4 दिन गायब रह सकते हो”,के.डी. ने बहुत ही शांत लहजे में कहा
वंश ने सुना तो उसने अपना फोन खराब होने से लेकर अपने बीमार होने तक की सारी कहानी कह सुनाई , हालाँकि के.डी. को उसकी बात पर विश्वास बिल्कुल नहीं हुआ और उसने कहा,”तुम कोई भी कहानी सुनाओ ये रोल तुम्हारे हाथ से जा चूका है।”
“ऐसा मत कहिये ये मेरी पहली सीरीज है,,,,,,,,,,,,,,मैं अपनी गलती सुधारने के लिये तैयार हूँ , आप जो कहेंगे मैं करूंगा,,,,,!!”,वंश ने मासुमियत से कहा
“कुछ भी ?”,के.डी. ने वंश की तरफ देखकर कहा
“क्या करना होगा मुझे ?”,वंश ने अपने शर्ट का ऊपरी बटन बंद करते हुए कहा
“हे भगवान तुम्हे क्या मैं वहशी दरिंदा लगता हूँ,,,,,,,,,,,,,,ध्यान से सुनो , मैं तुम्हे एक मौका और दे सकता हूँ अगर तुम इस सीरीज में अपने ओपोजिट उस लड़की को काम करने के लिये मना लो”,के.डी. ने कहा
“किस लड़की को ?”,वंश ने हैरानी से कहा
“सो लड़की जो उस दिन सेट पर तुमसे मिलने आयी थी , क्या मस्त क्लास लगाई थी उसने उस दिन,,,,,,,,,,तुम्हारी शक्ल देखने लायक थी। वो लकड़ी ऑपोजिट मेरी इस सीरीज के लिए परफेक्ट है।
अगर तुम उसे ले आओ तो तुम इस सीरीज में काम कर सकते हो”,के.डी ने कहा
वंश ने सुना तो उसे समझ आया के.डी, निशि की बात कर रहा है वो निशि जिसके साथ वंश बात कम और झगड़ा ज्यादा करता है। वंश धीरे से हँसा , फिर थोड़ा रोने जैसी सूरत बनायीं , फिर थोड़ा जोर से हंसा और फिर ठसकने लगा। के.डी.ने देखा तो कहा,”ये सब नौटंकी बाहर जाकर करो।”
मुन्ना वंश को लेकर बाहर चला आया और कहा,”ये सब क्या है ? और वो किस लड़की की बात कर रहे है ?”
वंश ठसकते हुए रोने लगा और कहा,”वो मेरे ऑपोजिट उस छिपकली को हीरोइन लेना चाहते है और चाहते है मैं उसे लेकर आउ,,,,,,,,,मैं द वंश गुप्ता उस छिपकली को मनाये,,,,,,,,,,,,,!!”
मुन्ना ने सुना तो कहा,”अगर तुम्हे अपना सपना पूरा करना है तो तुम्हे ये करना होगा,,,,,,,,,,,,,और मुझे लगता है वो इतनी बुरी भी नहीं है तुम दोनों साथ में अच्छे लगोगे,,,,,,,,,,,,,,!!”
वंश ने सुना तो अपना निचला होंठ बाहर निकाला और मुन्ना को देखने लगा क्योकि निशि को इस सीरीज के लिये मनाना इतना आसान भी नहीं था।
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संजना किरोड़ीवाल