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Love You जिंदगी – 7

Love you Zindagi
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Love You Zindagi – 7

सार्थक के जाने के बाद शीतल अंदर आयी ! उसने रुचिका और नैना के सेंडिल उतारे और उन्हें ठीक से सुलाया ! दोनों लड़किया सो चुकी थी शीतल भी काफी थक चुकी थी इसलिए वह भी वही उनके बगल में लेट गयी ! सुबह शीतल अपने रोजाना वाले समय पर उठी और नहाकर सूर्य देवता को जल चढाने बालकनी में चली आयी ! आँखे बंद किये वह सूर्य देवता को जल चढ़ा रही थी की सामने से आते सार्थक की नजर उस पर पड़ी और वह चलते चलते रुक गया ! वह निचे खड़े होकर एकटक शीतल को देखने लगा , सुरज की किरणे उसके चेहरे पर गिरने से वह और भी खूबसूरत नजर आ रही थी ! शीतल बिना सार्थक की और देखे अंदर चली गयी और सार्थक वही खड़ा खाली बालकनी को देखता रहा
कुछ देर बाद शुभम ने आकर उसके कंधे पर हाथ रखा और कहा,”सुबह सुबह उस बालकनी से कोई आने वाला है क्या ?”
शुभम को वहा देखकर सार्थक ने अपनी भावनाये छुपाते हुए कहा,”तू तुम यहाँ ? सुबह सुबह !”
“मैं तो वॉक से आ रहा हु तुम यहाँ क्या कर रहे हो वो भी किसी की बालकनी के निचे , एक मिनिट ये तो उन्ही लड़कियों का फ्लेट है ना जो नयी आयी है अपार्टमेंट में !! अच्छा बेटा तो बात यहाँ तक पहुँच गयी और तुमने बताया तक नहीं !”,शुभम ने खुद से ही अंदाजा लगाते हुए कहा
“क्या बकवास कर रहा है तू सुबह सुबह ? मैं तो बस इधर से गुजर रहा था इतने में तू आ गया !”,सार्थक ने कहा
“हम्म चल कोई नहीं चलते है !”,कहते हुए शुभम उसे खींचते हुए अपने साथ ले गया , जाते जाते सार्थक ने पलटकर देखा लेकिन बालकनी पर अब कोई नहीं था !
पूजा करने के बाद शीतल ने रुचिका और नैना के लिए चाय बनायीं और लेकर कमरे में आयी ! कप साइड में रखे और दोनों को उठाया , दोनों उठकर बैठ गयी नैना के सर में दर्द हो रहा था क्योकि उसने पहली बार ड्रिंक की थी और अब उसे हैंगओवर हो चूका था ! रुचिका ठीक थी चाय पिने के बाद नैना फिर सो गयी और सोते सोते उसने कहा की आज वह ऑफिस नहीं जाएगी ! उसकी हालत देखकर शीतल ने भी यही सही समझा और रुचिका के साथ कमरे से बाहर चली गयी ! रुचिका नहाने चली गयी और तब तक शीतल ने नैना के लिए नाश्ता बना दिया ताकि उठने पर वह खा ले ! शीतल और रुचिका दोनों तैयार होकर ऑफिस पहुंची ! आज उनकी टीम में अमित और केशव भी नहीं आये थे मैनेजर ने किसी काम से दोनों को आउट ऑफ़ स्टेशन भेजा था ! केबिन में सिर्फ ख़ुशी रुचिका , शीतल और विशाल थे ! चारो अपने अपने काम में लग गए कुछ देर बाद मैनेजर वहा आया और सबको एक नया प्रोजेक्ट देकर जाने लगा , चलते चलते उसकी नजर शीतल पर पड़ी और वह उसके पास चला आया ! शीतल अपना काम कर रही थी की पीछे खड़े मैनेजर निरंजन ने माउस पकडे शीतल के हाथ पर अपना हाथ रख दिया ! जैसे ही निरंजन ने अपना हाथ उसके हाथ पर रखा शीतल घबरा कर खड़ी हो गयी और कहा,”स स सर आप !
“रिलेक्स वो मैं ये बता रहा था की तुम जो स्लाइड बना रही हो वो क्लियर नहीं है इन्हे इस तरह सेलेक्ट करना है !”,निरंजन ने बताया फिर शीतल की और देखकर मुस्कुरा दिया और चला गया ! ना जाने क्यों शीतल को उसका इस तरह छूना अच्छा नहीं लगा उसने इग्नोर किया और फिर अपने काम में लग गयी !
रुचिका ने थोड़ी देर काम किया उसके तो बस जल्द से जल्द सचिन से मिलना था और जब नहीं रहा गया तो वह खुद ही उठकर फाइनेंस डिपार्टमेंट में चली आयी जहा सचिन के साथ 4 लोग और बैठकर काम कर रहे थे ! रुचिका ने जैसे ही सचिन को देखा उसका दिल खुश हो गया उसने अंदर आते हुए कहा,”हाय बे,,,,,,,, !!
सचिन ने रुचिका को वहा देखा तो उठकर तुरंत उसके पास आया और उसे केबिन से बाहर लाकर फुसफुसाते हुए कहा,”क्या कर रही हो ? पागल हो गयी हो क्या ? ऑफिस में अभी किसी को भी हमारे बारे में नहीं पता है , ऐसे सबके सामने ऐसे बिहेव मत करो !! एक काम करो तुम केंटीन में चलकर बैठो मैं 5 मिनिट में आता हु !”
सचिन ने रुचिका को केंटीन भेजा और खुद केबिन में आकर बैठ गया ! पास बैठे कलीग ने कुर्सी उसकी और घुमाई और कहा,”ये हाथी का बच्चा कौन था ?
“ऑफिस में नई है , एक प्रोजेक्ट में मुझसे कुछ हेल्प चाहिए थी इसलिए आयी थी , तुम तो जानते ही हो मेरा दिल कितना बड़ा है !”
“हां हां भाई ,मालूम है !”,कहकर वह लड़का वापस अपने काम में लग गया !
रुचिका केंटीन में आकर सचिन का वेट करने लगी कुछ देर बाद सचिन आया और उसके सामने बैठते हुए कहा,”यार प्लीज सबके सामने हम सिर्फ क्लिग्स है ! ऑफिस में हमारे रिलेशनशिप के बारे में किसी को नहीं पता है ना ही तुम बताना !”
“लेकिन क्यों ? इसमें क्या बुराई है ?”,रुचिका ने असमझ की स्तिथि में कहा
“कोई बुराई नहीं है लेकिन इतनी जल्दी सबको बताना सही नहीं है , तुम जानती हो बॉस को और फिर ऑफिस में मुझे सबकी गॉसिप की वजह नहीं बनना ! तुम्हे भी ज्वाइन किये अभी एक हफ्ता हुआ है , तुम समझ रही हो न मैं क्या कह रहा हु !”,सचिन ने धीमी आवाज में कहा
रुचिका को कुछ समझ नहीं आ रहा था वह बस सचिन को देखे जा रही थी तो सचिन ने उसका हाथ अपने हाथ में लिया और कहा,”तुम्हे मुझपर भरोसा है ना ?”
सचिन ने जैसे ही उसे छुआ रुचिका को एक सिहरन सी महसूस हुई और उसने मुस्कुराते हुए अपनी गर्दन हां में हिला दी !
अच्छा “तुम्हे मुझपर भरोसा है न ?” ये एक ऐसी लाइन है जहा सारे डाउट्स खुद ब खुद दम तोड़ देते है , और फिर प्यार नया नया हो तो भरोसा करना जरुरी हो जाता है ! रुचिका की तरफ से ग्रीन सिग्नल पाकर सचिन उठा और दोनों के लिए कॉफी ले आया ! दोनों बाते करते हुए कॉफी पिने लगे !

11 बजे नैना सोकर उठी सर अभी भी दर्द कर रहा था ! वाशबेसिन के सामने आकर मुंह धोया और बालो को समेट कर क्लेचर लगा लिया ! उसने खुद को शीशे में देखा उसने रात में जो ड्रेस पहनी थी वही पहनी है सोचकर वह सीधा नहाने चली गयी ! नहाने से थोड़ा आराम मिला तो उसने शॉर्ट्स और टीशर्ट पहना और किचन की और चली आयी ! वहा उसने देखा टेबल प्लेट से ढककर पर नाश्ता रखा हुआ है , साथ में एक कागज भी ! नैना ने कागज उठाया तो उस पर बहुत सुन्दर राइटिंग में लिखा हुआ था “तुम्हारे लिए नाश्ता रखा हुआ है , साथ में सरदर्द की दवा भी है नाश्ते के बाद खा लेना ! -शीतल”
नैना पढ़ने के बाद मुस्कुरा उठी ! उसने कागज साइड में रखा और प्लेट उठायी नाश्ते में शीतल ने उसके लिए ओट्स बनाये थे ! नैना ने उन्हें गर्म किया और साथ में अपने लिए चाय भी बना ली ! अपना नाश्ता लेकर वह सोफे पर आ बैठी और नाश्ता करने लगी घर में अकेले उसका मन नहीं लग रहा था लेकिन ऑफिस जाने का मन भी नहीं था ! नाश्ता करने के बाद वह वही सोफे पर लेट गयी और फोन चलाने लगी फ़ोन चलाते चलाते भी जब थक गयी तो उठकर बालकनी में आ गयी ! वहा खड़े होकर वह निचे ग्राउंड में खेल रहे बच्चो को देखने लगी ! उसे अब अच्छा लग रहा था सरदर्द भी कम हो चुका था ! कुछ देर बाद उसने देखा की उसकी बगल वाली बालकनी में खड़ा एक आदमी बार बार उसे ही देख रहा है ! नैना ने उसकी और देखा तो वह साइड में देखने लगा ! नैना इग्नोर कर फिर बच्चो को देखने लगी और आदमी उसे ,, नैना जो ना खुद सीधी है ना उसकी बाते सीधी होती उसने अंकल से कहा,”अच्छे से देख लिया ना , कुछ छूट तो नहीं गया !”
“अरे नहीं नही तुम गलत समझ रही हो !”,अंकल ने झेंपते हुए कहा
“नहीं मैं तो बिल्कुल गलत नहीं समझ रही , उल्टा मुझे तो ख़ुशी हो रही है की ये जानकर की लोग मुझे नोटिस करते है ! वैसे भी कुछ साल बाद कोई नहीं देखेंगा !”,नैना ने कहा !
“ही हि ही ही मजाक बड़ा अच्छा करती हो तुम , कहा से हो ?”,अंकल ने बेशर्मी से दांत दिखाते हुए कहा
“अपने घर से”,नैना ने कहा
“हे हे हे हे , मेरा मतलब कौनसे शहर से हो ?”,अंकल ने ढीठ बनते हुए कहा
“कट्टे का नाम सुने हो अंकल जी , हम जहा से है वहा ठोकते पहले है जवाब बाद में देते है !”,नैना ने थोड़ा धमकी भरे स्वर में कहा !
अंकल कुछ बोल पाते इस से पहले ही उनकी धर्मपत्नी वहा आ पहुंची और कहा,”क्या हो रहा है यहाँ ?”
“कुछ नहीं आंटी बस वो अंकल मुझे हॉट कह रहे है !”,नैना ने अपनी कमर पर दोनों हाथ रखते हुए कहा !
“अरे अरे ये ये क्या झूठ बोल रही है ये लड़की”,आदमी पत्नी के सामने बिलबिला उठा , पत्नी कहा उसकी सुनने वाली थी उसने उन्हें लगभग अंदर की और खींचते हुए कहा,”अंदर चलो अभी निकालती हु तुम्हारी सारी गर्मी !”
आंटी के जाते ही नैना जोर जोर से हंस पड़ी ! उसे अंकल की हालत देखकर हंसी आ रही थी ! कुछ देर बाद वह भी अंदर चली आयी लेपटॉप ऑन किया और मूवी देखने लगी
मूवी देखते हुए जब भूख का अहसास हुआ तो नैना ने फ़ोन से अपने लिए पिज़्ज़ा आर्डर कर दिया ! लेकिन पिज़्ज़ा आने में वक्त था और नैना ठहरी बेसब्र इसलिए वह उठी और किचन में आकर देखने लगी ,, कुछ देर बाद मैग्गी के पैकेट पर उसकी नजर पड़ी नैना ने बर्तन चढ़ाया और मैग्गी बनाने लगी ! मैग्गी बने तब तक उसने फ़ोन में गाना चलाया और वही किचन में यहाँ से वहा घूमने लगी ! अपनी बेसब्री की वजह से उसने मैग्गी को जल्दी से उबाला मसाला मिलाया और करोरी में डाल लिया , वो मैग्गी कम मैग्गी का सुप ज्यादा नजर आ रही थी ! नैना गाने की धुन पर थिरकते हुए कटोरी हाथ में उठाये हॉल में आयी और जैसे ही सोफे पर बैठी बेल बजी !
“अब इस टाइम कौन आया होगा ?”,कहते हुए नैना मैग्गी खाते हुए कटोरी चम्मच हाथ में लेकर उठी खाते हुए उसने दरवाजा खोला ! सामने एक हट्टा कट्टा लड़का खड़ा था , अच्छी बॉडी , सांवला रंग , सुन्दर नैन नक्श लड़के ने हाथ में पकड़ी मिल्टन की बॉटल नैना की तरफ करके कहा,”वो मैं !
लेकिन बेचारा कुछ बोल पाता इस से पहले ही नैना ने कहा,”नहीं चाहिए !” और दरवाजा उसके मुंह पर बंद कर दिया , नैना ने लड़के की तरफ देखा तक नहीं था ! बेल फिर बजी नैना ने फिर दरवाजा खोला लेकिन इस बार लड़के की नजर नैना पर अटक गयी वो मैग्गी का एक सिरा मुंह में दबाये उसे सुडुप करके मुंह में खिंच रही थी और फिर कहा,”अहम्म्म्म क्या है ?
नैना के सवाल से लड़के का ध्यान हटा और उसने कहा,”एक्च्युअली मैं सामने वाले फ्लैट में रहता हु , आज ही शिफ्ट हुआ हु वो वहा नल में पानी नहीं आ रहा”
“मैकेनिक दिखती हु मैं तुम्हे ?”,नैना ने कहा
लड़के ने नैना को एक नजर देखा और कहा,”नहीं , आई मीन मेरा मतलब है , पीने का पानी चाहिए था if you don’t mind , क्या मुझे एक बॉटल पानी मिल सकता है !”
“हम्म्म्म , यही रुको !”,कहते हुए नैना ने उसके हाथ से बॉटल ली और पानी लेने अंदर चली गयी ! उसने बॉटल में पानी भरा और लाकर लड़के को थमा दिया लड़के ने बॉटल लिया और जैसे ही थैंक्स कहने वाला था !
नैना ने वापस दरवाजा बंद दिया और सोफे पर आकर बैठ गयी और बची हुई मैग्गी खाने लगी ! दरवाजे के उस पार खड़ा लड़का हैरान था , वह बॉटल हाथ में पकडे अपने फ्लेट में आया जो की बिलकुल नैना के फ्लेट के सामने ही था ! दरवाजे तक आकर उसने पलटकर नैना के फ्लेट के बंद दरवाजे को देखा और मुस्कुराते हुए कहा,”अजीब लड़की है !”
नैना की भूख अभी शांत नहीं हुई थी वह यहाँ से वहा घूमते हुए पिज़्ज़ा वाले का इंतजार कर रही थी और फिर बेल बजी नैना ने दरवाजा खोला तो देखा सामने डिलीवरी बॉय खड़ा हांफ रहा है ! नैना उसके पास आयी तभी लड़के का फोन बजा और उसने कहा,”अरे करते है थोड़ी देर में फोन अभी डिलीवरी देने आये है”
नैना उसके फोन रखने का इंतजार कर रही थी लेकिन वो तो फ़ोन पर किसी और ही रामकहानी में उलझा हुआ था ! नैना ने इंतजार किया और जैसे ही लड़के ने फोन रखा नैना ने कहा,”लड़की का चक्कर ?”
नैना के इतना बोलते ही लड़का फुट पड़ा और कहने लगा,”क्या बताये मैडम ! जबसे वो आयी है जिंदगी में जिंदगी ही बदल गयी है सुबह शाम बस फोन , ना ठीक से से काम कर पाते है ना ही उनसे बात !”
“ये सारी फसाद की जड़ दिल ही है”,नैना ने सोचते हुए कहा तो लड़के की नजर उसके पुष्ट सीने पर जा टिकी उसे घूरते पाकर नैना ने लेफ्ट साइड में ऊँगली रखते हुए कहा,”ओह्ह काका इधर होता है दिल , तू जो देख रहा है उधर नहीं ! मेरा ऑर्डर दो और निकलो !”
“सो सो सॉरी मैडम ! ये लीजिये आपका पार्सल !”,लड़के ने पार्सल नैना को देते हुए कहा !
नैना ने पार्सल लिया और जैसे ही जाने लगी तो लड़के ने कहा,”मैडम टिप !”
नैना पलटी और कहा,”लड़कियों के चक्कर से दूर रहो अभी तुम्हारी उम्र नहीं है बर्बाद होने की ! चलो निकलो अब !”
बेचारा लड़का उसका जवाब पाकर हक्का बक्का रह गया और नैना दरवाजा बंद कर अंदर चली आयी !

क्रमश :- love-you-zindagi-8

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संजना किरोड़ीवाल

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