Love you Zindagi – 6
नैना जब तक फ्लैट पर पहुंची रुचिका और शीतल घर आ चुकी थी ! शीतल सोफे पर बैठी कोई बुक पढ़ रही थी और रुचिका पास ही बैठी हाथो पर नेल पेंट लगा रही थी ! नैना अंदर आई उसका उखड़ा हुआ मूड देखकर शीतल ने किताब रखते हुए कहा,”क्या हुआ ? मूड क्यों ख़राब है तेरा ?”
“अबे ये साले लौंडे , मुझे समझ नहीं आता जब डेट पर आकर एक्स को ही याद करना है तो सालो ब्रेक अप करते क्यों हो ?”,नैना ने सोफे पर धसते हुए कहा
“मतलब तुम्हारी डेट अच्छी नहीं गयी ?”,शीतल ने पूछा
“घंटा अच्छी जाएगी ऐसा चू#या लड़का था सामने , मेरा छोड़ तू बता मोटी कैसी रही तेरी डेट तेरे सचिन के साथ ?”,नैना ने अपने बालो को बांधकर उनमे रबर डालते हुए कहा !
“बहुत अच्छी , तुम्हे पता है सचिन ने घुटनो पर बैठकर मुझे प्रपोज किया , ही इज सो रोमांटिक यार !”,रुचिका ने ख़ुशी जताते हुए कहा
“अच्छा है तुझे तेरा परफेक्ट वन मिल गया , और तू बता शीतल तू लायब्रेरी गयी थी न आज”,नैना ने पूछा
“हां मैंने दो बुक्स ली वहा से “द डार्क लव” और दूसरी “मेरी माया” !”,शीतल ने कहा
“बोरिंग , तुम कैसे पढ़ लेती हो ये सब ?”,नैना ने मुंह बनाकर कहा
“तुम थोड़ी अलग हो न इसलिए ऐसा बोल रही हो , वरना दुनिया में ऐसी बहुत कम लड़किया होंगी जो लव स्टोरी पढ़ने से इंकार करेगी !”,शीतल ने कहा
“व्हाटएवर ! खाने का क्या प्रोग्राम है ?”,नैना ने उठकर किचन की और बढ़ते हुए कहा और किचन में आकर अपने लिए चाय बनाने लगी !
रुचिका उठकर उसके पास गयी और खिड़की से किचन में झांककर कहा,”आज का डिनर मेरी तरफ से बाहर !”
“क्या बात है ? चेहरे की चमकान बता रही है इश्क़ हो गया है लौंडिया को !”,नैना ने उसे छेड़ते हुए कहा
“शट अप ये क्या तुम लौंडे लौंडिया बोलती रहती हो , पागल लड़की !”,कहकर रुचिका फिर से सोफे पर आ बैठी
नैना तब तक चाय बनाकर तीन बड़े कप लेकर आयी और एक एक कप दोनों को दिया और तीसरा खुद लेकर वही बैठते हुए कहा,”बाबू ये न कानपुरी अंदाज है उधर ऐसे ही बोला जाता है , स्वेग है उधर का !”
“मेरे घर में अगर तुम ऐसे बोलो न तो तुम्हे सीधा घर से निकाल दे पापा !”,रुचिका ने कहा
“लेकिन सूट करता है तुम पर ये सब , एक्चुअली आई लाइक योर पर्सनालिटी नैना”,शीतल ने कहा
“थैंक्स ब्रो !, सो रूचि तेरा और सचिन का रिलेशनशिप शुरू आज से”,नैना ने एक घूंठ भरते हुए कहा
“हां यार , मैंने तो सोचा भी नहीं था मुझे सचिन जैसा इतना हैंडसम और स्मार्ट लड़का मिलेगा ,, सच्ची यार असली जिंदगी तो रिलेशनशिप में आने के बाद ही है सब अच्छा लगने लगता है , ख़राब मूड भी ठीक हो जाता है ! लाइफ एकदम सही लगने लगती है , मतलब एकदम सुकून !”,रुचिका ने खोये हुए स्वर में कहा
“हैं , अच्छा , सच्ची”,नैना ने टोंड भरे स्वर में कहा इतने में शीतल का फोन बज उठा फोन राज का था इसलिए शीतल वहा से उठकर अंदर चली गयी !! रात का खाना तीनो ने बाहर ही खाया , रुचिका ने सेलेब्रेट के नाम पर व्हिस्की मंगवा ली नैना ने और उसने ही पि शीतल को ये सब पसंद नहीं था ! रात के 11 बज रहे थे नैना और रुचिका दोनों नशे में उटपटांग हरकते कर रही थी , नैना किसी तरह उन्हें लेकर सड़क किनारे आयी और गाड़ी का इंतजार करने लगी , लेकिन गाड़ि नहीं मिली , कुछ ही देर बाद एक गाड़ी वहा से गुजरी और आगे जाकर रुक गयी , गाड़ी से एक लड़का उतरा और शीतल की और आया अँधेरे में शीतल उसका चेहरा नहीं देख पा रही थी , जैसे ही वह करीब आया शीतल ने देखा वह सार्थक था ! उसने शीतल को वहा देखकर कहा,”अरे आप इस वक्त यहाँ ?”
“हां वो रुचिका ने ट्रीट दी थी , लेकिन इन दोनों ने यहाँ ड्रिंक कर लिया , मैं टेक्सी के आने का इंतजार कर रही हु लेकिन इन दोनों को सम्हालना काफी मुश्किल हो रहा है !”,शीतल ने अपनी मज़बूरी जताई !
“मैं घर ही जा रहा हु , अगर आप कहे तो मैं लिफ्ट दे सकता हु”,सार्थक ने कहा
“थैंक्स !”,शीतल ने कहा और सार्थक के साथ मिलकर उन दोनों को गाड़ी में बैठाया और खुद सार्थक के साथ आगे वाली सीट पर बैठ गयी ! सार्थक ने गाड़ी आगे बढ़ा दी , शीतल उन दोनों को देखकर परेशान हो रही थी तो सार्थक ने कहा,”डोंट वरी सुबह तक ये दोनों ठीक हो जाएगी !”
“तुम इस समय यहाँ ?”,शीतल ने सवाल किया
“एक दोस्त के घर पार्टी थी वही से लौट रहा था , आपको वहा देखा तो गाड़ी रोक दी !”,सार्थक ने कहा
“थैंक्यू , वैसे भी इस शहर के बारे में इतना कुछ नहीं जानती , उस पर नैना को सम्हालना”,शीतल ने पीछे देखते हुए कहा जहा नैना खिड़की से सर लगाए मदहोशी से भरी आँखों से बाहर देख रही थी !
“हां दिल्ली बहुत बड़ा है , वैसे तो यहाँ कभी रात नहीं होती है पर लड़कियों को इतनी रात में बाहर नहीं घूमना चाहिए !”,सार्थक ने कहा
वह शीतल से आगे बात कर पाता इस से पहले ही शीतल का फोन बजा और दूसरी और से राज की आवाज आई – हैलो
हैलो
“कहा हो तुम ? और ये शोर कैसा ?
वो रुचिका और नैना के साथ बाहर आयी थी (उसने धीरे से कहा)
“दिमाग तो ठीक है तुम्हारा , इतनी रात में तुम बाहर घूम रही हो ,, साथ में कौन है ?
कोई भी नहीं
“झूठ मत बोलो , बताओ कौन है तुम्हारे साथ ? और इतनी रात में किसके साथ घर जा रही हो तुम (गुस्से से)
“मैंने बताया ना , नैना और रुचिका के साथ हु ! आज रुचिका ने ट्रीट दी तो बस इसलिए ! अभी घर जा रहे है हम लोग”,बेचारी शीतल ने सहमी हुई सी आवाज में कहा !
“ओके लिस्टन , अगले हफ्ते मैं दिल्ली आ रहा हु तुमसे मिलने !”,राज ने कहा
“हम्म्म ठीक है !”,शीतल के चेहरे पर कोई भाव नहीं था उसे तो बस नैना और रुचिका की परवाह हो रही थी ! कुछ देर हां हू करने के बाद उसने फोन काट दिया ! सार्थक जो की अब तक चुप था उसने कहा,”माँ का फोन होगा , ये मम्मीया बहुत परेशान हो जाती है बच्चो को लेकर !”
“मेरी माँ नहीं है , एक्चुअली मेरे मम्मी पापा अब इस दुनिया में नहीं है !”,शीतल ने कहा
“आई ऍम सॉरी , तो आप अकेले रहती है ?”,सार्थक ने कहा
“इंदौर में मेरे भैया भाभी का घर है मैं उन्ही के साथ रहती हु , जॉब के लिए दिल्ली आना पड़ा !”,शीतल ने कहा
“अच्छा , वैसे दिल्ली भी अच्छा है , अच्छे है यहाँ के लोग !”,सार्थक ने कहा
“आपकी फैमिली ?”,शीतल ने पूछा
“मेरी फैमिली में मैं , पापा और मम्मी वही अपार्टमेंट में 2nd फ्लोर पर हमारा फ्लेट है !”,सार्थक ने कहा
“हम्म्म !!”,शीतल ने कहा
कुछ देर गाड़ी में ख़ामोशी पसरी रही सार्थक के मन में सवाल चल रहा था की कुछ देर पहले शीतल किस से बात कर रही थी ? कोई बॉयफ्रेंड था या फिर कोई और ? वह जानना चाहता था लेकिन कैसे पूछे उसे समझ नहीं आ रहा था ? कुछ देर बाद उसने कहा,”अह्ह्ह वो जो बुक्स आज आप लेकर गयी थी पढ़ी आपने ?
“हां “मेरी माया” के कुछ पेज पढ़े थे अच्छी है !”,शीतल ने कहा
“वो तो मेरी फेवरेट नॉवेल है , मैंने उसे बहुत बार पढ़ा है ! अ प्योर लव है उस नावेल में एंड माया उस नॉवेल की जान है !”,सार्थक ने एक्साइटेड होकर कहा
“मैं पूरा पढ़ने के बाद अपनी प्रतिक्रिया दूंगी !”,शीतल ने कहा
“हम्म्म हां स्योर ! आपसे एक बात पुछु ?”,सार्थक ने डरते डरते कहा !
“हां पूछो !”,शीतल ने कहा
“क्या आप प्यार में भरोसा करती है ? मेरा मतलब पहली नजर में किसी से प्यार होना !”,सार्थक ने कहा जबकि उसके माथे पर ये ये कहते हुए पसीने की बुँदे झलक आयी !
“शायद ऐसा होता होगा , मुझे आज तक नहीं हुआ है !”,शीतल ने कहा
सार्थक ने सूना तो उसे ख़ुशी हुयी और उसने खुद से मन ही मन कहा,”इसका मतलब इनकी जिंदगी में अभी तक कोई नहीं आया है ! उसने अपनी ख़ुशी को छुपाते हुए कहा,”एक्चुअली
मैं भी इन सब में बिलीव नहीं रखता !”
शीतल ने कुछ नहीं कहा बस चुपचाप खिड़की से बाहर देखती रही ! उसे चुप देखकर सार्थक ने मन ही मन कहा,”क्या कर रहा है ये सब फालतू बातें करके तू उसे असहज कर रहा है !”
तभी नैना ने पीछे से उसके कंधे पर हाथ रखा और थपथपाते हुए कहा,”ओह्ह हेलो लाइन घर जाकर मार लेना , अभी जल्दी चलो मुझे वाशरूम जाना है !”
नैना की बात से सार्थक थोड़ा झेंप गया और शीतल से कहा,”मैं आप पर लाइन नहीं मार रहा हु !”
“इट्स ओके , उसकी बात का बुरा मत मानना वो नशे में है इसलिए ये सब बोल दिया ! कब तक पहुंचेंगे ?”,शीतल ने कहा
“बस 5 मिनिट में !”,सार्थक ने कहा और गाड़ी की स्पीड थोड़ी बढ़ा दी ! इसके बाद उनमे कोई बात नहीं हुई और गाड़ी सीधा अपार्टमेंट में पहुंची ! गार्ड ने मेन गेट खोला और गाड़ी सीधा अंदर ! गाड़ी से उतरकर सार्थक और शीतल नैना और रुचिका को सम्हाले लिफ्ट तक आये , उनकी किस्मत अच्छी थी की आज लिफ्ट चल रही थी ! चारो तीसरी मंजिल पर आये , सार्थक ने उन्हें फ्लेट के दरवाजे तक छोड़ा लेकिन तब तक नैना को अच्छा खासा हेंग ओवर हो चुका था , सार्थक ने उसे उठाया और अंदर ले जाकर लेटा दिया ! रुचिका को सम्हालकर शीतल ले आई !! सार्थक जो की दुबला पतला था नैना को उठाने में थक गया शीतल जैसे ही उसके सामने आयी उसने हांफते हुए कहा,”पानी मिलेगा ?”
“हाँ एक मिनिट !”,कहकर शीतल पानी लेने चली गयी ! कुछ देर बाद शीतल पानी ले आयी सार्थक उसे एक साँस में ही पि गया ! ग्लास निचे टेबल पर रखा और कहा,”अब मैं चलता हु !”
“हम्म !”,कहते हुए शीतल उसे छोड़ने उसके साथ दरवाजे तक चली आयी ! सार्थक के मन में काफी उथल पुथल मची थी जैसे ही वह दरवाजे से बाहर गया शीतल ने कहा,”सुनिए !”
“जी !”,सार्थक ने पलटकर कहा
“थैंक्यू !”,शीतल ने कहा
“थैंक्यू किसलिए ? ओह्ह अच्छा मैंने आप लोगो को घर तक छोड़ा इसलिए ,, अरे डोंट से देट ये तो मेरा फर्ज था !”,सार्थक ने कहा
“थेंक्यू इसलिए की आप वहा पहुंचे और मेरी मदद की , मेरे लिए ये शहर नया है और अनजान शहर में आपने इतना किया वो बहुत बड़ी बात है !”,शीतल ने कहा
“सबसे पहले तो आप मुझे ये आप आप कहना बंद करो , ऐसे लगता है जैसे मैं कोई 50-60 का आदमी हु , आप मुझे तुम कहकर बुला सकती है !”,सार्थक ने कहा
“ठीक है लेकिन आज से तुम भी मुझे तुम कहकर बुलाना , एक बार फिर से आपका , आई मीन तुम्हारा शुक्रिया !”,शीतल ने मुस्कुराते हुए कहा
“तो मैं चलू , गुड़ नाईट !”,सार्थक ने कहा
“गुड़ नाईट !”,शीतल ने कहा और फिर अंदर चली गयी ! सार्थक निचे आया और अपने फ्लेट के सामने आकर बेल बजा दी ! दरवाजा उसकी मम्मी ने खोला और कहा,”कहा रह गए थे तुम ? कितनी देर कर दी आने में !
“सॉरी मम्मा वो दोस्तों ने आने नहीं दिया !”,सार्थक पहली बार झूठ बोल गया
“अच्छा ठीक है , रात बहुत हो गयी है जाकर सो जा”,सार्थक की मम्मी ने कहा तो सार्थक अपने कमरे की और बढ़ गया ! कमरे में आकर वह बिना कपडे बदले ही बिस्तर पर गिर गया लेकिन उसकी आँखों में नींद बिल्कुल नहीं थी ! उसकी आँखों के आगे शीतल का चेहरा बार बार आ रहा था और वह बरबस ही मुस्कुरा रहा था इस बात से अनजान की दरवाजा खुला है और उसकी मम्मी उसे देख रही थी !
“पागल लड़का”,कहते हुए उसकी मम्मी ने दरवाजा धीरे से बंद किया और चली गयी !
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संजना किरोड़ीवाल !