Love You Zindagi – 8
अंदर आकर नैना ने पिज़्ज़ा रखा और फिर सोफे पर बैठकर खाने लगी ! चार स्लाइस खाये तब जाकर उसके पेट को तसल्ली मिली और वह वही लेट गयी ! कुछ देर बाद उसे नींद आ गयी ! शाम को रुचिका और शीतल जब ऑफिस से आयी तो उनके बेल बजाने पर नैना की नींद खुली वो उबासियाँ लेते हुए उठी और दरवाजा खोला सामने शीतल और रुचिका खड़ी थी ! तभी सीढ़ियों से आते लड़के ने नैना की तरफ हाथ हिलाते हुए कहा,”हाय !!
नैना ने कोई जवाब नहीं दिया वह अभी भी नींद से ग्रस्त थी उसने लड़के की तरफ ध्यान ही नहीं दिया तो लड़का सीधा सामने वाले फ्लेट में चला गया ! रुचिका ने उसे देखा तो तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पायी और कहा,”ही इज सो हॉट यार !”
नैना दरवाजे से हटकर अंदर आकर पानी पिने चली गयी उसने फ्रिज से बॉटल निकाली और पीते हुए हॉल में चली आयी , पानी पीकर उसने बॉटल रुचिका की और बढ़ा दिया जो की सोफे पर बैठी सुस्ता रही थी ! नैना घुटना मोड़कर पास रखे सोफे पर आ बैठी ! रुचिका ने पिज्जा के दो स्लाइस देखे तो तुरंत उठाकर खाने लगी ! शीतल ने नैना की और देखकर कहा,”अब कैसी तबियत है तुम्हारी ? दवा ली तुमने ?”
“हाँ एक बड़ा कप चाय !”,नैना ने उबासी लेते हुए कहा
“चाय ? मैंने नाश्ते के साथ दवा रखी थी टेबल पर”,शीतल ने हैरानी से कहा
“अरे स्वीटी , इतनी छोटी सी प्रॉब्लम के लिए दवा मैं नहीं लेती , चाय काफी है !”,नैना ने कहा
“चाय-प्रेमी जो ठहरी आप , अच्छा मैं फ्रेश होकर आती हु !”,शीतल ने उठते हुए कहा और अंदर चली गयी ! रुचिका को बेपरवाही से खाते देखकर नैना ने उस से टुकड़ा छीनते हुए कहा,”कम खाया कर पांडा , वरना फट जाओगी एक दिन !”
“ऊहूहूहू , अच्छा सुनो आज तुम्हारे हिस्से का काम मैंने कर दिया”,रुचिका ने कहा
“अरे वाह इतनी मेहरबानी किस ख़ुशी में ?”,नैना ने ताना मारते हुए कहा
“तुम्हे तो पता ही है मैं मेल्स और टेबल्स में कितनी होशियार हु , तो कर दिया !”,रुचिका ने कहा
“थैंक्स !”,नैना ने कहा
“अच्छा वो लड़का कौन था ?”,रुचिका ने कहा
“लड़का ? कौन लड़का ?”,नैना ने फोन में नजरे गड़ाए हुए कहा
“अरे वही जो कुछ देर पहले तुम्हे हेलो बोल रहा था !”,रुचिका ने कहा
‘मुझे क्या पता कौन है ?”,नैना का ध्यान अभी भी फ़ोन में ही था
रुचिका ने उसके हाथ से फ़ोन छीना और कहा,”तो फिर उसने तुम्हे देखकर हाय क्यों कहा ?”
“अच्छा वो , शायद सामने वाले फ्लेट में नया आया है , पानी लेने आया था यहाँ शायद इसलिए देख के बोल दिया होगा !”,नैना ने कहा
“वॉव इतना हॉट लड़का यहाँ आया तुमसे पानी लेने , हाय कोई और होती तो पानी के बजाय कॉफी पिलाती उसे !”,रुचिका ने आहे भरते हुए कहा
“ओह्ह्ह औरतो की शक्ति कपूर , तुम्हे क्या हर लड़के में प्यार नजर आता है ? खैर छोडो मैनेजर से कम्पनी वाले फ्लेट के बारे में बात हुई ?”,नैना ने कहा
“नहीं सर ने कहा है जब तक कन्फर्म नहीं होता हम लोग यही रहे !”,रुचिका ने कहा
“हम्म्म्म , निकलना है यहाँ से !”,नैना ने चिढ़ते हुए कहा
“क्यों ? अच्छी जगह तो है !”,रुचिका ने कहा तब तक शीतल भी उनके बिच आकर बैठ गयी !
“क्या अच्छा है , किसी को किसी से मतलब नहीं सब अपने अपने घरो में बंद लौंडे पानी मांगने आते है तो ठरकी अंकल लाइन मारते है ,, ऐसे घूरते है लगता है जैसे खा ही जायेंगे !”,नैना ने कहा
“एक तो तुम इतनी खूबसूरत उस पर तुम्हारे ये छोटे छोटे कपडे , लोग तो देखेंगे न नैना !”,शीतल ने कहा
“स्वीटी ! दिक्कत कपड़ो में नहीं बल्कि देखने वालो की नजरो में होती है”,नैना ने कहा
“तुम और तुम्हारी ये बातें मेरी समझ से ही बाहर है !”,शीतल ने कहा
“ये लड़की भी समझ से बाहर ही है !”,रुचिका ने कहा तो नैना ने उस पर कुशन फेंक के मारा और कहा,”जिस दिन समझ लिया ना उस दिन याद इस नैना को !
“अच्छा तुम दोनों झगड़ना बंद करो ! मुझे तुम दोनों को कुछ बताना है !”,शीतल ने गंभीर होते हुए कहा
“हां कहो ना !”,नैना ने कहा
“एक्चुअली इस संडे को राज यहाँ आ रहा है !”,शीतल ने कहा
“हां तो आने दो क्या प्रॉब्लम है ?”,रुचिका ने कहा
“अगर वो यहाँ आये तो कोई प्रॉब्लम नहीं है ?”,शीतल ने दोनों को देखते हुए कहा
“अरे नहीं प्रॉब्लम क्यों होगी ? अच्छा है इधर आएगा तो कमसे कम तुम्हारे बिच जो गलतफहमियां है वो दूर हो जाएगी !”,नैना ने उठते हुए कहा
“तुमने ऐसा क्यों कहा हमारे बिच गलतफहमियां है ?”,शीतल ने हैरानी से पूछा
“लवर से बात करते है चेहरे पर स्माइल रहती है आँखों में आंसू नहीं !”,नैना ने पलटकर शीतल से कहा और वहा से चली गयी ! शीतल ने सुना तो उसे महसूस हुआ की नैना उतनी भी बेपरवाह नहीं है जितना वो और रुचिका उसे समझते है !! रुचिका फ्रेश होने चली गयी और शीतल वही बैठी राज के बारे में सोचने लगी
रात का खाना शीतल ने बनाया जब तक वो खाना बना रही थी नैना और रुचिका दोनों अपार्टमेंट का राउंड मारने निकल पड़ी ! यहाँ आये एक हफ्ते से ज्यादा हो चुका था पर तीनो कभी बाहर निकली ही नहीं ! रुचिका ने लॉन्ग टीशर्ट और ट्राउजर पहना था , नैना ने प्लाजो और उपर टॉप पहना था जो की प्लाजो से 1 इंच ऊपर ही था जिस से उसका पेट झलक रहा था ! दोनों सीढ़ियों से निचे आ रही थी रुचिका को हमेशा सीढिया चढ़ने उतरने में परेशानी होती थी और इसीलिए वो कोसते हुए चल रही थी लेकिन नैना तो मस्त मौला थी उसे इन चीजों से कोई फर्क नहीं पड़ता था उल्टा उसे तो इन सब में मजा आता था ! 2nd फ्लोर पर जैसे ही आयी उन्हें लिफ्ट के पास खड़े सार्थक और शुभ मिल गए ! सार्थक ने नैना को पहली बार देखा था रुचिका से पहले मिल चुका था इसलिए उसकी और देखकर मुस्कुरा दिया ! बदले में रुचिका भी मुस्कुरा दी और नैना के साथ आगे बढ़ गयी उन दोनों के जाते ही शुभ ने सार्थक से कहा,”यार क्या लड़की है , मेरी तो नजर ही नहीं हट रही थी उस से लेकिन उसने तो एक बार देखा तक नहीं ! पहले कभी नहीं देखा उसे यहाँ !”
“शायद ऊपर रहती है इन लोगो के साथ !”,सार्थक ने कहा
“यार उस लड़की से बात हो जाये तो मजा आ जाएगा !”,शुभ ने आहे भरते हुए कहा
“चल ज्यादा सपने मत देख !”,कहते हुए सार्थक ने शुभ के सर पर एक चपत मारी और उसे वहा से ले गया ! रुचिका ने निचे उतरते हुए नैना से कहा,”यार कितने अच्छे लोग तो है यहाँ , वो लड़का उस रात हमे जागरण में मिला था बताया था न मैंने !”
“हम्म्म्म हां जिसे तुमने और शीतू ने गलत समझ लिया था !”,नैना ने कहा
“हां हां वही , लेकिन वो सच में अच्छा लड़का निकला यार !”,रुचिका ने कहा
“तू भी न तुझे तो सब अच्छा लगता है , लाइफ में ना किसी को इतनी जल्दी जज करना भी सही नहीं होता है रुचि मैडम , कब कौन कहा हरामी निकल जाये कह नहीं सकते !”,नैना ने कहा
“तुम सबको एक नजर से क्यों देखती हो ? , सारे लड़के एक जैसे थोड़े ना होते है यार !”,रुचिका ने कहा
“मैं कहा एक नजर से देख रही हु , अब सबका अपना अपना नजरिया होता है और फिर एक दिन किसी ना किसी लड़के से की किस्मत तो फोडनी ही है मुझे उसकी जिंदगी में जाकर”,नैना ने कहा
“उसे किस्मत फोड़ना नहीं बल्कि रिश्ते में बंधना कहते है , और तुम जिसकी जिंदगी में जाओगी वो तो ख़ुशी से मर जायेगा इतनी सुंदर बीवी पाकर !”,रुचिका ने हँसते हुए कहा
“उस से पहले मैं उसे मार दूंगी !”,नैना ने कहा और रुचिका के साथ निचे चली आयी ! दोनों वही टहलते हुए आगे बढ़ती रही ! तभी सामने से सार्थक की मम्मी और दो आंटिया उनके सामने आकर रुक गयी ! फॉर्मेलिटी के लिए रुचिका ने उनसे कह दिया,”नमस्ते आंटी !”
“नमस्ते बेटा , तुम लोग तो कभी बाहर ही नहीं हो अपने फ्लेट से !”,सार्थक की मम्मी ने कहा
“आंटी वो सुबह से शाम ऑफिस में रहते है और फिर शाम को घर आकर खाना खाकर सो जाते है , मौका ही नहीं मिलता बाहर आने का ,, आज ऑफिस से जल्दी आ गए तो सोचा घूम ले !”,रुचिका ने मुस्कुराते हुए कहा
सार्थक की मम्मी जब तक रुचिका से बात कर रही थी बाकि दोनों आंटिया नैना को देखती रही , उसके कपडे वह मन ही मन जज कर रही थी और जब रहा नहीं गया तो एक आंटी ने तो उस से पूछ ही लिया,”ये तुम्हारा टॉप कुछ ज्यादा ही छोटा नहीं है !”
नैना ने एक नजर अपने टॉप की और देखा और फिर मुस्कुराते हुए कहा,”नहीं आंटी जितना गेप आपके ब्लाउज और लहंगे के बिच है उस से तो काफी कम गेप है , नई !”
नैना का जवाब सुनकर दोनों जल भून गई लेकिन एक लड़की उन्हें जवाब दे दे ये भला उन्हें कहा बर्दास्त होता उनमे से एक ने कहा,”हम तो तुम्हारे इन कपड़ो से दिखते पेट की बात कर रहे है , हमारी साड़ी में ये सब नहीं दिखता !”
“अच्छा ये , ये ना आंटी जिम जाकर इसलिए पतला किया है ताकि दिखा सकू , रही बात आपके दिखाने तो आपके पास कमर नहीं कमरा है और उस पर आपकी उम्र भी हो गयी ! अच्छा नहीं लगेगा न ये सब करके !”,नैना ने बड़ी सी स्माइल के साथ ताना मारते हुए कहा ! बेचारी दोनों औरते उसके सामने आगे बोल ही नहीं पायी और रुचिका आँखों ही आँखों में नैना से ना बोलने की रिक्वेस्ट कर रही थी लेकिन हमारी नैना कहा किसी की सुनती है उसे जो बोलना होता है वो बोल देती है !! नैना को आंटियो से उलझता देखकर रुचिका ने कहा,”अच्छा आंटी हम लोग चलते है !”
“हेलो , हेलो हेलललललललो अरे कहा चला गया ?”,फोन पर दूसरी और से आवाज आयी जिसे कान से लगाए अवि खड़ा था और दूर खड़ा कुछ देर से मुस्कुराती हुई नैना को देख रहा था जब वो आंटी से कोई बात कह रही थी लेकिन उसे बाते सुनाई नहीं दे रही थी बस नैना का मुस्कुराना दिखाई दे रहा था ! जैसे ही हेलो हेलो की आवाज कानो में पड़ी उसने कहा,”हां हां यही यही हु , मैं तुम्हे बाद में फोन करता हु !” कहकर उसने फोन काट दिया लेकिन नैना तब तक वहा से जा चुकी थी !
रुचिका ने नैना का हाथ पकड़ा और उसे लेकर आगे बढ़ते हुए कहा,”क्या जरूरत थी उन्हें जवाब देने की ? , पता नहीं आंटी क्या सोच रही होगी हमारे बारे में ?”
“ओह्ह्ह हेलो कुछ नहीं सोच रही , और अगर सोच भी रही है तो उनके ही दिमाग का लॉस है ! आगे से सोच समझकर कमेंट करेंगी किसी पर ,, मेरी मर्जी मैं कैसे भी कपडे पहनू ? और कोनसा नंगी घूम रही हु मैं , अच्छे खासे कपडे तो पहने है लेकिन इन आंटियो को इन में भी प्रॉब्लम है !”,नैना ने कहा
“अच्छा बाबा ठीक है तुम सही हो अब चले !”,कहते हुए रुचिका और नैना अपार्टमेंट से बाहर निकल सामने आइसक्रीम कॉर्नर पर चली आयी ! वहा आकर दोनों ने अपनी अपनी पसंद का फ्लेवर लिया और शीतल के लिए पैक करवा लिया !! रुचिका और नैना बाते करती हु वापस चली आयी ! आज लिफ्ट काम कर रही थी जैसे ही नैना और रुचिका लिफ्ट के अंदर आयी , सामने से एक लड़का भी उनके साथ शामिल हो गया , ये वही लड़का था जो नैना के सामने वाले फ्लेट में रहने आया था “अवि चौधरी” अपने माँ पापा का इकलौता बेटा है जो की दिल्ली में अपनी फोटोग्राफी के सिलसिने में आया है ! नैना ने उसे वहा देखा तो कोई रिएक्ट नहीं किया लेकिन रुचिका तो बस उसे देखे ही जा रही थी ! रुचिका की कोई गलती नहीं थी क्योकि अवि की पर्सनालिटी दिखने में इतनी अच्छी थी की हर किसी की नजर एक बार के लिए तो उस पर ठहर ही जाये ! रुचिका को अपनी और देखता पाकर अवि ने मुस्कुराकर कहा,”हाय !”
“हाय , आप सामने वाले फ्लेट में रहते है ना , मेरा नाम रुचिका है और ये मेरी फ्रेंड है नैना”,रुचिका ने कहा
अवि ने नैना की और देखा और कहा,”हाय नैना !”
“हेलो !”,नैना ने बिना कीसी भाव के हाथ बांधे कहा अवि को थोड़ा अजीब लगा लेकिन वो खुश था की कम से कम नैना ने उसके हाय का जवाब दिया ! उसे चुप देखकर रुचिका ने कहा,”आपने अपना नाम नहीं बताया ?”
“ओह्ह सॉरी मेरा नाम अवि है , अवि चौधरी ! मैं चंडीगढ़ से हु फोटोग्राफी इज माय पेंशन !”,अवि ने कहा
“ओह्ह्ह वाओ , किस तरह की फोटोग्राफी करते है आप ?”,रुचिका जो की बहुत बातूनी थी उसने कहा
“ह्यूमन नेचर (मानव स्वभाव) ऐसे मोमेंट जो हम खुद नहीं देख पाते वो फोटो जरिये देखे जा सकते है !”,अवि ने कहा
“इंट्रस्टिंग , फोटोग्राफी के अलावा क्या करते है आप ?”,रुचिका ने फिर अगला सवाल दाग दिया
“पापा का खुद का बिज,,,,,,,,,,,,!”,अवि आगे बोल पाता इस से पहले ही लिफ्ट आकर थर्ड फ्लोर पर रुकी नैना ने रुचिका का हाथ पकड़ लगभग उसे खींचते हुए कहा,”चलो भी अब क्या घर बसाने का इरादा है इनके साथ !”
अवि ने सूना तो मुस्कुरा उठा और लिफ्ट से बाहर निकल आया ! वह जाती हुई नैना को देखता रहा और मन ही मन कहा,”उफ़ ये लड़की !!”
क्रमश –
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संजना किरोड़ीवाल !