Shah Umair Ki Pari – 36
Shah Umair Ki Pari-36
शहर धनबाद में :-
”परी अब तो तुम खुश हो ना? तुम्हे तुम्हारा उमैर मिल गया है !” आसिफ झूठी हँसी चेहरे पर सजाये कहता है !
”हाँ आसिफ अब खुश हूँ मैं मगर उमैर तुम यहाँ कहा रहोगे ?” परी ने कहा !
”हा हा परी तुम एक जिन से पूछ रही हो के वो कहा रहेगा !” आसिफ हँसते हुए कहता है !
”उफ्फो आसिफ इतने जोर से हँसोगे तो मम्मी पापा उठ जाएंगे !” परी ने कहा !
”ओके ओके बाबा नहीं हँसता मगर तुम ऐसे सवाल तो मत पूछो ! उमैर तुम मेरे बगीचे में एक आम और एक नीम का पेड़ है तुम उन् दोनो में से किसी पर भी रह सकते हो और हाँ बिना शादी के परी के साथ रहने मत लगना तुम !” आसिफ उमैर से कहता है !
”मगर यह पेड़ पर क्यों रहेगा आसिफ तुम यह कैसी बाते कर रहे हो ?” परी ने चिढ़ते हुए कहा !
”परी आसिफ मुझे लेकर तुम दोनों लड़ो मत मैं तो हवा की तरह हूँ कभी भी कहि रह सकता हूँ !” उमैर ने कहा !
”अच्छा ठीक है परी अब मैं चलता हूँ तुम दरवाज़ा बंद कर लो good night !” आसिफ ने कहा !
“ठीक है चलो good night !’ परी ने कहा !
” आसिफ के जाते ही परी जैसे ही दरवाज़ा आहिस्ते से लगा कर अपने कमरे की तरफ जाने के लिए मुड़ती है उसे सामने हसन जी खड़े दिखते है !
”परी यह सब क्या है बेटा ? इतनी रात में आसिफ तुम्हारे कमरे में क्या कर रहा था ? ” हसन जी हैरान वा परेशान होते हुए कहते है !
”पापा मैं वो मैं !” परी अटक कर अपनी सफाई देने की कोशिश करती है मगर वो कहे भी तो क्या ? उसके पापा ने जो देखा था वो बर्दास्त करने के बाहर था !
”ठीक है जाकर सो जाओ हम सुबह में बात करते है !” हसन जी ने वक़्त की नजाकत को समझते हुए कहा तो परी ख़ामोशी से सर झुकाये अपने कमरे में चली जाती है !
”तुम इतनी परेशान क्यों हो परी आसिफ ने कुछ कहा तुमसे !” उमैर परी को परेशान देख कर कहता है !
”वो पापा ने आसिफ को देख लिए जाते हुए वो कितना गलत सोच रहे होंगे मेरे बारे में ! आज मैंने अपने पापा की नज़रों में खुद की इज्जत को गिरते हुए देखा ! वो मुझे अजीब ही नज़रों से देख रहे थे उमैर !” परी ने परेशान होते हुए कहाँ !
”तुम परेशान मत हो तुम्हारे पापा कुछ भी गलत नहीं सोचेंगे तुम्हारे बारे में चलो सो जाओ रात बहुत हो गयी है !” उमैर ने कहा !
”तुम यही रहो मेरे पास कहि मत जाना अब !”परी ने कहा !
”हाँ नहीं जाऊँगा कही..! तुम्हारे पास ही हूँ चलो अब आँखे मुंदो !” उमैर ने परी के सिर पर थपकी देते हुए कहा ! वो थोड़ी ही देर में सो जाती है उमैर को भी काफी दिनों के बाद नरम बिस्तर नसीब हुआ होता है इसलिए वो भी परी के पास ही सो जाता है !
”परी उठो दिन चढ़े नहीं सोते है चलो उठो !” हंसन जी ने कहा तो परी फ़ौरन ही उठ कर बैठ जाती है !
”जी जी पापा उठ गयी हूँ !” परी ने कहा जल्दी से उठ कर अपने कमरे को ठीक करने के बाद नहा कर फ्रेश होकर डाइनिंग टेबल के पास आकर बैठ जाती है जहाँ हसन जी ख़ामोशी से बैठे होते है ! तभी अचानक नादिया जी गुस्से में आकर परी पर टूट पड़ती है !
” शादी नहीं करनी है तुम्हे आसिफ से मगर रात को वो तुम्हारे कमरे से निकलता है आखिर तुम क्यों हमारी इज्जत उतारने पर पड़ी हो ? अगर रिस्ता ही बनाना है तो शादी कर लो इस तरह छुप कर रात में उसे अपने कमरे में बुलाने की जरुरत क्या थी ? कौन सा हम शादी से इंकार कर रहे है !”
”मम्मी आप ऐसे क्यों मुझ पर चिल्ला रही हो ? आज से पहले कब आप ने मुझे कुछ गलत करते देखा है ! बताओ तो फिर मैं क्यों कुछ गलत करने लगी !”परी ने कहा !
“तुम चुप रहो मैं बात करता हूँ देखो बेटा हम तुम पर आज भी उतना भरोसा करते है जितना पहले करते थे बस सच क्या है हम जानना चाहते है !”हसन जी ने कहा !
परी शर्मिंदगी से सर झुकाये सुनती रहती है उसे समझ नहीं आ रहा होता है के वो अपनी मम्मी पापा से क्या कहे ? !
तभी सामने से आसिफ आते हुए कहता है !
” अंकल माफ़ करना कल रात में मुझे अचानक परी के लैपटॉप की जरूरत पड़ गयी थी तो मैं रात में ही आकर ले गया था लो परी तुम्हारा लैपटॉप हो गया मेरा काम और हाँ थैंक यू उतनी रात में मेरी मदद करने के लिए !” आसिफ परी लैपटॉप थमाते हुए कहता है !
”मगर आसिफ तुम्हे अचानक आधी रात में परी के लैपटॉप की जरुरत क्यों पड़ी ?” हसन जी ने सवालियाँ नज़रों से घूरते हुए कहा ! आखिर वो एक बेटी के पिता होते है तो उन्हें शक होना लाजमी रहता है !
” परी वापस देना लैपटॉप अंकल को दिखाना है के आधी रात में मैं क्यों अचानक आकर तुमसे लैपटॉप ले गया वरना अंकल और आंटी हमे गलत समझेंगे ?” आसिफ ने कहा तो परी उसे लैपटॉप उठा कर दे देती है !
“कैसी बातें कर रहे हो बेटा भला हम तुम पर क्यों शक करेंगे? वो हम बस यह कहना चाह रहे है के अगर तुम लोगों के बीच कोई ऐसी बात है तो हमे बता दो हम तो वैसे भी तुम दोनों की शादी करना चाहते है !” नदिया जी ने कहा !
“मम्मी आप कैसी बातें कर रही हो ? जब आसिफ ने आप को बता दिया के वो लैपटॉप के लिए रात में आया था फिर आप शादी की बातें क्यों कर रही हो ?” परी ने उदास हो कर कहा !
”relax परी मैं बात कर रहा हूँ ना , अंकल यह देखो कल चार कॉस्टमेर है जिनका आर्डर था एक वीक हो गये है मगर उनको पार्सल नहीं मिला तो वो बार बार मुझे कॉल कर रहे थे इसलिए मुझे मजबूरन चेक करने के लिए लैपटॉप लेना पड़ा क्यों के एक बार कस्टमर का भरोसा हम पर से हट गया ना तो वो दूसरी बार कभी भी हमारे वेबसाइट से आर्डर नहीं करेंगे !” आसिफ ने जब लैपटॉप में दिखाते हुए कहा तो दोनों शर्मिंदगी से परी की तरफ देखते है !
” सॉरी बेटा हमे तुम पर शक नहीं करना चाहिए था नाजाने हमने क्या क्या कह दिया तुम्हे ?” हसन जी ने कहा !
”its ok पापा होता है , माँ बाप भी कभी कभी गलती कर देते है !” परी ने कहा ! तभी अचानक एक सफ़ेद फरो वाला बिल्ला आकर उछल कर उसकी गोद में बैठ जाता है परी चिल्लाते हुए उस बिल्ले को जल्दी अपनी गोद से हटा कर खड़ी हो जाती है ! मगर बिल्ला है के उसके आगे पीछे घूमता रहता है कभी उसके पैरों में अपने जिस्म को रगड़ता तो कभी उसके सामने बैठ कर मियाओ मियाओ की आवाज़ लगाता !
“चल हट हूर !” हसन जी बिल्ले को भगाने के लिए आवाज़ लगाते है ! मगर वो बिल्ला टस से मस नहीं होता ! अचानक परी का फ़ोन बजने लगता है तो वो फ़ोन लेने अपने कमरे में जाती है वो बिल्ला भी उसके पीछे पीछे चल देता है !
“तुम मुझे पहचान नहीं रही हो अपने पापा से पिटवाने का इरादा है क्या ? देखो कैसे हट हूर कर रहे है !” उमैर अपनी असल सकल में आते हुए कहता है !
”या अल्लाह उमैर तुम अब मुझे क्या पता के तुम बिल्ला भी बन सकते हो !’ परी ने चौंकते हुए कहा ”अब तुम्हारे अम्मी पापा के सामने मैं अपने असल हालत में तो सामने आने से रहा इसलिए बिल्ला बन कर उनके सामने तुम्हारी गोद में बैठ गया !” उमैर ने हँसते हुए कहा !
”हम्म बहुत ही शरारती हो तुम !” परी ने उमैर के गाल खींचते हुए कहा !
“वो तो मैं हूँ मेरी बहने भी कहती है और अब्बा तो परेशान रहते थे मेरी शरारतों से !” कहते हुए उमैर रुक जाता है एक उदासी उसके चेहरे पर फ़ैल जाती है !
”उदास क्यों होते हो मैं हूँ ना तुम्हारे पास और तुम देखना यह सजा जल्द खतम होगी और तुम अपने परिवार से मिल पाओगे !” परी ने कहा !
”परी बेटा आजा नास्ता करलो आसिफ भी तुम्हारा इंतज़ार कर रहा !” नदिया जी ने पुकारते हुए कहा !
”हाँ आयी मम्मी , उमैर चलो तुम भी नास्ता कर लो !” परी ने कहा !
”ठीक है तो उठाओ मुझे अपनी गोद में !” कहते हुए उमैर फिर सी बिल्ला बन जाता है ! परी उसे गोद में उठाये प्यार करती हुई डाइनिंग टेबल के पास आकर चेयर पर बैठ जाती है !
” लो अभी तो तुम इस बिल्ली से डर रही थी और अब इसे अपने गोद में उठाये हो !” आसिफ ने कहा !
”मैं तो मज़ाक कर रही थी देखो कितना क्यूट है ना यह , मम्मी आप ”जरा इसे कटोरी में दूध देना !” परी ने बिल्ले को डाइनिंग टेबल पर बैठाते हुए कहा !
”जितना इस बिल्ले के साथ एन्जॉय करना है कर लो परी क्या पता कब कहा गायब हो जाये ?” आसिफ कहता फिर उठ कर चला जाता है !
”उसने ऐसा क्यों कहा के तुम गायब हो जाओगे !” परी बिल्ले से कहती है तो वो उसे जवाब में मियाओ मियो कहता है !
Shah Umair Ki Pari-36
दूसरी दुनिया ”ज़ाफ़रान क़बीला ” :-
अमायरा सो कर उठती है तो शहजादे इरफ़ान को अपने सामने सोफे पर बैठा पाती है !
”अब कैसी है तुम्हारी तबीयत उम्मीद है बहतर महसूस कर रही होगी !” शहजादे इरफ़ान ने अमायरा को उठते देख कहा !
” जी अब बहतर है !” अमायरा अपने सर पल पल्लू रखते हुए कहती है !
” कल जो कुछ भी हुआ उसे लेकर तुम्हारे मन में सवाल होंगे तो मैं चाहता हूँ सब के जवाब तुम्हे बिन पूछे ही देदूं !” शहजादे इरफ़ान ने कहा !
”उमैर भाई को आप ने सजा क्यों दी ? जब हम सब रिहा हो सकते है तो फिर वो क्यों नहीं ?” अमायरा ने कहा !
”अमायरा सुनो अगर मैं उमैर को इंसानी दुनिया में भेजने की सजा नहीं देता तो फिर अब्बा उसे कोई और सजा सुना देते अपने परिवार से अलग होना भी एक बड़ी सजा मानी जाती है मगर उमैर के हक़ में एक चीज़ अच्छी है और वो यह के वो वहाँ परी के साथ वक़्त गुज़ार सकता है ! मैंने उसे समझा दिया है के वो वहाँ परी के एलावा किसी और पर भरोसा ना करे और जितना हो सके इंसानो के नज़र में आने से बचे !” शहजादे इरफ़ान ने कहा !
”वो कब तक रहेंगे वहाँ ? उमैर भाई के बिना सब सुना है उनके शरारते , उनका प्यार ,उसका भोला पन बहुत याद आरहा है !” कहते हुए अमायरा के आँखों से आँसूं बहने लगते है !
” नहीं रोना नहीं है मैं अब्बा को मना लूंगा उमैर को माफ़ करने के लिए ! एक बात और कहनी है अमायरा मुझे तुमसे !” शहजादे इरफ़ान ने अमायरा के आँसूं पोछते हुए कहा !
”जी बोलिये !” अमायरा ने कहा !
”मुझे मालूम है के तुम मुझसे मोहब्बत नहीं करती हो तुमने बस अपने खानदान की सलामती के लिए मुझसे निकाह के लिए हाँ किया था तो मैं तुमसे यह कहना चाहता हूँ के जब तक तुम्हारे दिल में मेरे लिए मोहब्बत पैदा ना होजाये तब तक हम दोस्त रहेंगे , हमारे बीच शौहर और बीवी जैसा कोई रिस्ता नहीं होगा तब तक जब तक तुम मुझे दिल से नहीं अपना शौहर ना मान लो !” शहजादे इरफ़ान ने कहा !
”मैं उस खानदान की बेटी हूँ शहजादे जहाँ शादी के बाद शौहर को सब कुछ माना जाता है ! आप बेफिक्र रहे मैं अपने बीवी होने का फ़र्ज़ ईमानदारी और मोहब्बत से निभाऊंगी !” अमायरा ने कहा !
”मुझे पता है अमायरा के जिस दिन तुम्हे मुझसे मोहब्बत होगी उस दिन तुम मुझे उतना चाहोगी जितना सायेद मैं भी तुम से प्यार ना कर सकू !” शहजादे इरफ़ान ने कहा !
”उहू उहू इरफ़ान भाई अमायरा आपी आप दोनों की मोहब्बत भरी बातें ख़तम होगयी हो तो हम अंदर आजाये !” शहजादी मरयम और नफिशा ने कमरे के दरवाज़े पर खड़े एक साथ हँसते हुए कहा !” तो शहजादे इरफ़ान शर्मा जाते है और अमायरा के पास से हट कर खड़े होजाते है !
”शहजादी मरयम आप दरवाज़े पर क्यों खड़ी है अंदर आइये !” अमायरा ने कहा !
”शहजादी नहीं सिर्फ मरयम मैं तुम्हारी दोस्त होने के साथ साथ अब नन्द भी तो यह इज्जत देना अब बंद मैं तुम्हे आज से भाभी कह कर पुकारूंगी!” शहजादी मरयम ने कहा !
”हाँ और मैं आप को जीजा जी कह कर बुलाऊंगी !” नफिशा ने शहजादे इरफ़ान से कहा !
”बिलकुल एकलौती साली हो मेरी तुम ! अच्छा चलो तुम सब बातें करो मैं आता हूँ !” शहजादे इरफ़ान कहते हुए कमरे से बाहर चले जाते है !
”सलाम अब्बा हुज़ूर कैसे हो आप ? मैंने आप को महल में हर जगह तलाश किया और आप यहाँ बैठे हो !” शहजादे इरफ़ान शहंशाह के पास जाकर कहते है जो बागीचे में खामोश बैठे हुए रहते है !
” बस मेरे बच्चे ऐसे ही अंदर अच्छा महसूस नहीं हो रहा था तो यहाँ आकर बैठ गया !” शहंशाह ने कहा !
”अब्बा क्या आप मुझसे नाराज़ है !” शहजादे इरफ़ान ने पूछा !
”नहीं मेरे बच्चे मैं तो खुश हूँ के तुमने जज़्बात में आ कर अच्छे फैसले लिए अगर तुम अमायरा से मेरी बिना इजाजत के शादी नहीं करते तो हमे क़बीले फ़रीज़ के शहंशाह के इरादों का पता नहीं चलता !” शहंशाह ने कहा !
” कैसे इरादे अब्बा मैं कुछ समझा नहीं !” शहजादे इरफ़ान ने पूछा !
” बेटे वो हमारे क़बीले पर भी अपनी हुकूमत बनाना चाहते थे इसलिए वो तुम्हारा और मरयम का रिस्ता चाह रहे थे अब कहता है के जंग करेगा हमारे साथ बस मैं किसी तरह का खून खराबा नहीं चाहता हूँ जंग से कुछ भी हासिल नहीं होता सिवाए अपनों के खोने के !” शहंशाह ने परेशान होते हुए कहा !
” अब्बा आप परेशान ना हो वो कुछ नहीं करेंगे इतना आसान नहीं है जंग करना आप बेफिक्र रहे मैं हूँ ना सब देख लूंगा !” शहजादे इरफ़ान ने कहा !
”सलाम दादा हुज़ूर कैसे हो आप ? यहाँ आप को किसी चीज़ की कमी तो नहीं हुई ना ?” शाह कौनैन को आते देख शहजादे इरफ़ान ने कहा !
”वालेकुम असालाम मेरे बच्चे खुश रहो , मैं बिलकुल ठीक हूँ , बस सालों बाद सूरज की रौशनी नसीब हो रही है तो सोचा जरा बाग़ में घूम लूँ इधर घूम ही रहा था के आप दोनों पर नज़र पड़ गयी तो सोचा कुछ बात करलूं !” शाह कौनैन ने कहा !
”यह तो अच्छा किया आप ने !”इरफ़ान ने कहा !
”और बताओ कौनैन इतने सालों में कोई कमी तो नहीं रही ना तुम्हारी सजा में !” शहंशाह ने मज़े लेते हुए कहा !
”बिल्कुल भी नहीं किस्मत में जितना सजा काटना था काट लिया मैंने ! वैसे मैंने अभी आप दोनों की बातें सुनी उसपे कुछ कहना चाहता हूँ !” शाह कौनैन ने कहा !
”जी बोलिए दादा हुज़ूर !” शहजादे इरफ़ान ने कहा !
”नफरत को मोहब्बत में बदलने की कोशिश करो कामयाब हो जाओगे मैंने क़बीले फ़रीज़ के शहजादे अल्तमश की आँखों में बेटी मरयम की पसन्दीदगी देखि है अगर उससे शांति से बैठ कर बात की जाए तो वो सायेद मान जाये !” शाह कौनैन कहते है !
” ठीक है हम इस पर बाद में गौर करेंगे पहले चल कर नास्ता कर लेते है मुझे तो बहुत तेज़ भूख लगी है !” शहशांह कहते हुए उठ कर चल देते है उनके पीछे शहजादे इरफ़ान शाह कौनैन से बातें करते हुए चले आते है !
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Written By- Shama Khan
“है मोहब्बतें, है चाहतें दरमियान दोनों के ,
मासूम सी उनकी मोहब्बत परवान चढ़ रही है !
खुदा को भी है मंज़ूर मिलना इनका
दो दुनिया के लोगों में इश्क़ हो रही है !“
Shah Umair Ki Pari