Shah Umair Ki Pari – 20
शहर धनबाद में :-
”मम्मी पापा जल्दी सुनो इधर ! ” परी खुश होकर आवाज़ लगाती है !
‘’क्या हो गया बेटा? इस तरह शोर क्यों मचा रही हो ?” हसन जी अपनी व्हील चेयर पर बैठे परी के कमरे में आते हुए कहते है !
”बात ही ऐसी है पापा की आप भी खुश हो जाओगे !” परी ने excitement में कहा !
”अच्छा बताओ जल्दी फिर, देर किस बात की है !” हसन जी ने कहा !
”यह देखो पापा सौ से भी ज्यादा आर्डर मिले है मुझे कपड़ो के। आप ऐसा करो आसिफ को बुला कर ले आओ अभी। हमे जल्दी से आर्डर prepare भी करने है !” परी ने लैपटॉप में अपना वेबसाइट हसन जी को दिखाते हुए कहा !
”माशाअल्लाह बेटा, यह तो बहुत ही ख़ुशी की बात है मैं अभी जाता हूँ ! परी की मम्मी, मैं दुकान से पैकेट वाला दूध भी ले आता हूँ , ख़ुशी का दिन है आज खीर बना देना आप परी को खीर बेहद पसंद है !” हसन जी ने खुश होते हुए कहा !
”बिलकुल बनाउंगी आप जाओ दुकान से पैकेट वाला दूध के साथ कुछ मेवे भी ले लेना ,चीनी और चावल दोनों है किचन में और हाँ ध्यान से जाईयेगा सड़क पर नौजवान लड़के बेफिक्र तेज़ रफ़्तार में गाड़िया चलाते है !” नदिया जी ने टब में कपड़े मशीन से निकालते हुए कहा !
”तुम फिक्र मत करो बेगम कुछ नहीं होगा मुझे !” हसन जी कहते हुए खुशी-खुशी आसिफ को बुलाने चले जाते है !
”रफ़ीक भाई आसिफ कहा है? उसे कहना परी उसे बुला रही है,जरूरी है बात !” हसन जी ने कहा !
”और कहा होगा? अभी तक सो रहा है कम्बख्त रईस की तरह, घर के सारे काम मुझे करने पड़ते है हसन भाई !” रफ़ीक साहब नाराज़ होते हुए कहते है !
”उठ तो गया हूँ पापा, आप बेकार में गुस्सा कर रहे हो !” आसिफ दरवाज़े पर खड़ा अंगड़ाइयाँ लेते हुए कहता है !
”बेटा आसिफ अगर यही हाल रहा तुम्हारा तो परी कभी हाँ नहीं बोलेगी तुमसे शादी के लिए !” हसन जी ने आसिफ को घूरते हुए कहा !
”अंकल आप भी ? कल शादी से आने में लेट हो गया था इसलिए देर तक सोया रहा ! आप फिक्र ना करे मैं ऐसा कुछ भी नहीं करूँगा जिससे मेरी image परी की नज़र में खराब हो।” आसिफ ने कहा !
”ठीक है अब जाओ जल्दी परी ने तुम्हे बुलाया है कुछ ऑर्डर्स मिले है आज उसे !” हसन जी ने कहा !
“सच में अंकल ? यह तो बहुत ही ख़ुशी की बात है ! बस अभी जाता हूँ थोड़ा फ्रेश होकर !” आसिफ कहता है और फिर घर के अंदर चला जाता है !
‘’हसन भाई खुदा करे की इन बच्चो के दिल मिल जाये , बस मरने से पहले अपने बेटे के सर पर सहरा देख लूँ !” रफ़ीक साहब ने कहा !
“अरे भाई आप ऐसी बातें क्यों करते हो ? मैं भी दुनिया के हर बाप की तरह अपनी बेटी की विदाई का सौभाग्य पाना चाहता हूँ ,खुदा पर भरोसा रखे ,उसके किये हुए फैसले हमारे फैसलों से बेहतर होते है !” हसन जी ने समझाते हुए कहा !
‘’सही कह रहे हो आप हसन भाई। अब मैं चलता हूँ काम पर लगता हूँ। इजाजत दे !’’ रफ़ीक साहब ने कहा !
‘’इंशाअल्लाह सब होगा रफीक भाई अच्छा तो अब मैं भी चलता हूँ , बच्ची को पहली बार आर्डर मिले तो घर पर खाने में कुछ मीठा बनवा दूँ !
‘’चलिए बहुत ही अच्छी बात है !’’ हसन जी ने कहा !
“परी तुमने मुझे बुलाया है ? ” आसिफ ने अनजान बन कर पूछा !
“हाँ आसिफ आओ इधर देखो एक साथ सौ से ज्यादा आर्डर है तुम जल्दी से सारे आर्डर वाले कपड़े शॉप से उठा कर पार्सल बनाने की तैयारी करो ! तब तक मैं आर्डर लिस्ट त्यार करती हूँ with address !” परी लैपटॉप चेक करते हुए करती है !
‘’अरे वाह यह तो बहुत अच्छी खबर है परी ,मैं अभी जाता हूँ फ़ोन पर तुम मुझे लाइनअप कर देना ! !”आसिफ खुश होते हुए कहता है
“यह लो सारी लिस्ट है मैंने तुम्हारे व्हाट्सप्प पर सेंड कर दिया है तुम एक बार चेक कर लेना !” परी ने कहा !
”ठीक है मैं मार्केट निकलता हूँ !” आसिफ ने कहा फिर फ़ोन चेक करता हुआ ऑर्डर की लिस्ट लेकर बाइक से मार्केट निकल जाता है ! परी और आसिफ दोनों ही अपने अपने काम में लग जाते है !
हसन जी डेरी शॉप से दूध के पैकेट लेकर जैसे ही रोड cross कर रहे होते है एक तेज़ रफ़्तार कार हॉर्न मारती हुई आती है इससे पहले के कार वाला लड़का ब्रेक मारता उसकी कार हसन जी कि व्हील चेयर को जोर से धक्का मारती है। व्हील चेयर उसी वक़्त टूट जाती है ,पैकेट के दूध फट कर सड़क पर फैल जाते है और वो लड़का कार उनके ऊपर चढ़ाता हुआ वहा से भाग जाता है ! हसन जी खून से लथपथ सड़क पर अधमरे हालत में पड़े होते है ! उनके खून से दूध का रंग भी लाल हो जाता है! ऐसा मालूम हो रहा जैसे खून की नदी हो!
“परी बेटा जरा देख तेरे पापा को गए काफी देर हो गई है अभी तक लौटे नही है।” नदिया जी ने चिंता करते हुए कहा !
“आ जायेंगे मम्मी रफ़ीक़ चाचा से बात करते होंगे आप परेशान मत हो !”परी ने कहा!
“पता नही परी मगर मेरा मन बहुत घबरा रहा तुम जाकर एक नज़र देख आओ बेटा !” नदिया जी परेशान होते हुए कहती है!
“अच्छा जाती हूँ मम्मी! “परी ने कहा फिर घर से बाहर निकलती है ! वो रफ़ीक़ चाचा के घर तरफ बढ़ ही रही होती है कि एक छोटा सा लड़का दौड़ते हुए आता है और परी से कहता है!” परी आपी आप के पापा को कार ने धक्का मार दिया !”
“क्या? कहा?” परी उसके साथ सड़क की तरफ दौड़ जाती है जहाँ लोग भीड़ लगाए खून से लथपथ अधमरे से हसन जी के वीडियो बना रहे होते है !
“पापा…पापा…..हटो यहाँ से सब , कैसे लोग हो तुम सब? इंसानियत मर गयी है क्या तुम सब कि? यहाँ मेरे पापा खून में सने हुए पड़े है और तुम सब उनकी मदद करने के बजाय विडियो बना रहे हो! कोई ऑटो बुलाओ please……कोई ऑटो बुलाओ please ….” परी हसन जी का सर अपने गोद मे लिए रोते हुए कहती है!
“हटो सब सामने से …..बहन जल्दी करो चाचा को हॉस्पिटल ले कर चलते है !” एक ऑटो वाला ऑटो उनके पास रोकते हुए कहता है ! परी उस ऑटो वाले कि मदद से जल्दी से अपने पापा को लेकर हॉस्पिटल की ओर बढ़ती है ! पहले वो अपने मोहल्ले वासेपुर के करीब नामधारी हॉस्पिटल लेकर जाती है मगर वो लोग एक्सीडेंट केस लेने से मना कर देते है !
“कैसे लोग है दुनिया मे इंसान की जान की कोई किमत ही नही रही यहां ! पापा मैं आप को कुछ नही होने दूंगी! भैया आप कोई दूसरे हॉस्पिटल चलो !”परी ने अपने पापा को गले लगा के रोते हुए कहा !
“बहन आप घबराओ मत। वैसे तो दो हॉस्पिटल है एक भूली बाय पास रोड में असरफी हॉस्पिटल दूसरा कम्बाईएण्ड बिल्डिंग सिटी सेंटर के पास एसियन दवारकदास जलान हॉस्पिटल है !
“हम अभी असरफी हॉस्पिटल चलते है वो यहां से नज़दीक भी है और वहा एक्सीडेंट केस एडमिट ले लेगा !” ऑटो वाला परी को समझाते हुए कहता है !
“चलो भैया जल्दी चलो please !” परी ने रोते हुए कहा!
“हाँ बस थोड़ी देर में हम हॉस्पिटल पहुँच जायेंगे !” ऑटो वाला कहता है! तक़रीबन पंद्रह मिंनट में वो लोग अशरफी हॉस्पिटल पहुंचते है !
“लो आ गया हॉस्पिटल आप यही रुको मैं हॉस्पिटल स्टाफ को बुला कर लाता हूँ ! “ऑटो वाला कहता है और हॉस्पिटल के सामने ऑटो पार्क कर के जल्दी से अंदर से कुछ हॉस्पिटल स्टाफ को बुला कर लाता है जो स्ट्रेचर लेकर आते है और हसन जी को जल्दी से उसमें लेटा कर इमरजेंसी रूम में लेकर जाते है !
”मैडम आप के पापा को बहुत ज्यादा चोट आयी है खून भी काफी बह गया है , और क्योंकि यह एक एक्सीडेंट केस है तो हमने पुलिस को इन्फॉर्म कर दिया है। आप कुछ पेपर्स पर सिग्नेचर कर दे और साथ में अमाउंट भी जमा करा दे हमने आप के पापा का इलाज स्टार्ट कर दिया है !” हॉस्पिटल का स्टाफ परी से कहता है !
”सर आप पापा का इलाज शुरू करिए मैं पैसों का इंतजाम करती हूँ !” परी ने कहा
“ठीक है मैडम आप इस पेपर पर सिग्नेचर कर दे और एक घंटे के अंदर काउंटर पे फीस जमा कर दे !” हॉस्पिटल स्टाफ ने कहा तो परी पेपर्स पे सिग्नेचर कर के वापस उसी ऑटो पर बैठ कर ऑटो वाले को घर चलने को कहती है !
”बहन तुम परेशान मत हो तुम्हारे पापा को कुछ नहीं होगा !” ऑटो वाला परी को समझाते हुए कहता है !
”हम्म , अल्लाह करे मेरे पापा को कुछ ना हो !” परी ने जवाब दिया !
इधर नदिया जी बेचैन अपने दुपट्टे की छोर को अपने उँगलियों पे लपेटती हुई घर में इधर से उधर टहल रही होती है ! जैसे ही उनकी नज़र दरवाज़े की तरफ पड़ती है उन्हें परी आती दिखती है जिसके कुर्ते में खून लगा हुआ होता है !
”परी बेटा क्या हुआ तुझे यह खून कहा से लगे तेरे कपड़ों पर और तेरे पापा कहा है ? बता बेटा। … बता ” नदिया जी परी के आते ही एक साथ कई सवाल कर बैठती है !
”मम्मी वो पापा !” परी ने कहा !
“क्या हुआ तेरे पापा को बेटा खुदा के लिए बता मुझे !” नदिया जी परी के बताने से पहले ही फूट फूट कर रोने लगती है ! परी अपनी मम्मी को चुप कराती है और कहती है !
“मम्मी पापा का एक्सीडेंट हो गया है , मैं उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट कर के आयी हूँ ! आप PLEASE चुप हो जाओ और रेडी हो जाओ हमे हॉस्पिटल निकलना है अभी !”
“मेरा मन सुबह से ही घबरा रहा था ? मुझे पता था कुछ गलत होने वाला है !”नदिया जी रोते हुए कहती है !
“मम्मी मैंने कहा ना कुछ नहीं होगा पापा को। आप शांत रहे , मैं चेंज कर के आती हूँ आप जल्दी से जरुरी चीज़ें पैक करो हॉस्पिटल के लिए !” परी ने आंसू पोछते हुए कहा फिर अपने कमरे में चली जाती है !
जिस घर में कुछ देर पहले पहली बार आर्डर मिलने का जश्न हो रहा था वहां पर अब क़ब्रिस्तान सी खामोशी छायी होती है ! पल भर में परी के चेहरे की ख़ुशी गायब हो जाती है ! चेहरे पर मुस्कराहट की जगह बस दुःख और बेबसी के आंसू होते है !
दूसरी दुनियाँ ” ज़ाफ़रान कबीला :-
”अमाइरा ऐसी कौन सी बात है जो तुम इस तरह रो रही हो !” उमैर ने कहा !
‘”आपी चुप हो जाए खुदा के वास्ते !” नाफिशा सिसकती हुई कहती है !” मगर अमाइरा बेतहाशा रोती रहती है !
“रोने दे नफिशा इसे दिल भर के जब इसका मन रोने से हल्का हो जायेगा फिर खुद ये बता देगी !” उमैर ने कहा!
“मगर उमैर भाई आज से पहले आपी इस तरह कभी नहीं रोई है !” नफिशा ने कहा !
उमैर अमाइरा के पास बैठ कर प्यार से उसके सर पर हाथ रख कर पूछता है !
” अमाइरा बता दो क्या बात है हमारा दिल बेचैन हो रहा !”
“उमैर भाई यह बात तब की है जब आप को अब्बा ने दूसरे क़बीले में दिनी तालीम सिखने भेजा था ! उस वक़्त मैं बाहर क़बीले में बागों में घूमा करती थी एक रोज मैं झरने किनारे बैठी थी तो मेरी मुलाक़ात आप के दोस्त हनीफ के बड़े भाई अहमद से हुई थी बहुत ही शांत शख्सियत वाला जिन जादा था वो उमैर भाई !” अमाइरा ने कहा फिर खामोश हो गयी !
”क्या हनीफ के बड़े भाई भी थे ? उन्होंने मुझे कभी बताया नही !” नफिशा ने कहा !
“हाँ नफिशा तुम हनीफ से पूछना वो अपने भाई के बारे में जरूर बताएंगे !”अमाइरा ने कहा !
“हम्म ठीक है फिर क्या हुआ था आपी ?” नफिशा ने कहा !
”फिर हम दोनों ही एक दूसरे को दिल हार बैठे थे ! एक दूसरे से मिलना रोज का मामूल बन गया था ! शब वा रोज एक साथ गुज़ारने के वादे होने लगे थे ! एक रोज अब्बा का मिज़ाज़ अच्छा था तो मैंने मौका देख कर अहमद के बारे में अब्बा को भी बताया वो ख़ुशी ख़ुशी हमारी शादी के लिए राजी हो गए थे क्योंकि उनके नज़र में अहमद ने बहुत ही अच्छी जगह बना रखी थी, शहशांह फरहान के अहमद खास गुलाम थे ! मगर इससे पहले के हमारी शादी की बात आगे बढ़ती ! शहंशाह ने अहमद को इंसानी दुनिया में किसी काम से भेज दिया !”
“मैंने अब्बा से कहा तो उन्होंने कहा के अहमद वहा से वापस आ जाये फिर वो अहमद के अब्बा से बात करके हमारी शादी कर देंगे तब तक तुम इसे राज ही रखो किसी से ज्यादा जिक्र करने की जरूरत नहीं है ! खास कर आप को और नफीशा को बताने के लिए मना किया था अब्बा ने, वजह मुझे नहीं मालूम !” अमाइरा ने कहा !
उमैर और नफिशा ध्यान से अमाइरा की बातें सुन रहे होते है !
”आगे क्या हुआ ? अमाइरा बताओ !” उमैर ने कहा!
”इंसानी दुनिया में एक पहुँचा हुआ आलिम जो जिनो को अपने अमल से अपना गुलाम बनाया करता था और उनसे अपने हर तरह जायज़ और नाजायज़ काम लिया करता था ! हमारे क़ाबिले के चार जिनो को उसने कब्जे में कर रखा था उन्ही को बचाने के लिए शहशांह ने अहमद को इंसानी दुनिया में जाने का हुक्म दिया था !”
”यह सब तो हमे कभी पता ही नहीं चला था आज तक, आपी आप ने इतना कुछ अपने अंदर छुपा रखा था , अच्छा फिर !” नफिशा ने कहा!
”उस आलिम के ताक़त के सामने अहमद की ताक़त बेकार हो गयी और उसने अहमद को अपने कब्ज़े में कर लिया था ! कई साल उसने अहमद को अपना गुलाम बना कर रखा ! आखिर में शहशांह को थक हार कर अपने बेटे शहजादे इरफ़ान को अहमद को छुड़ाने के लिए इंसानी दुनिया में भेजना पड़ा जहां उस आलिम और शहजादे इरफ़ान के बीच काफी खूनी खेल चला इन सब के बीच उस जालिम आलिम ने मेरे अहमद के साथ साथ बाकि चारो जिन को अपने इल्म से क़त्ल कर दिया ! शहजादे इरफ़ान इन सब से इतना जलाल में आ गये थे के उन्होंने आलिम के साथ उसके पुरे खानदान को भी खतम कर दिया ! उस आलिम के खानदान वाले क्योंकि बेगुनाह थे इसलिए शहजादे इरफ़ान को शहंशाह ने सजा के तौर पर सालों के लिए इंसानी दुनिया में बंदी बना दिया था ! अहमद के जाने के बाद मेरे हर शौक़ वा अरमान भी मर गए तब से मैंने बाहर जाना छोड़ दिया खुद को इस घर में क़ैद कर लिया !” अमाइरा ने एक सांस में रोते हुए सब कुछ बता दिया ! अमाइरा की तकलीफ देख उमैर और नफिशा भी रोने लगते है !
”उमैर भाई यही वजह है के अब्बा ने आप को इंसानी दुनियां में ना जाने की क़सम दी है ! मगर मैं चाहती हूँ के आप को आप का प्यार जरूर मिले इसलिए मैंने आप को परी से मिलने से नहीं रोका , मगर आज ना जाने क्यों अहमद बहुत याद आ रहे मुझे !” अमाइरा कहती हुई एक बार फिर से रो पड़ती है !
“मत रो मेरी बहन जाने वाले को कौन रोक सकता है,तुम देखना तुम्हे तो कोई शहजादा मिलेगा !”
“खुद को दूसरा मौका देकर देखो ज़िन्दगी इतनी बुरी भी नही जितना हम इसे समझते है !”उमैर ने रोती हुई अमाइरा को समझाते हुए कहा !
“एक बार इश्क़ कर के दिल टूट जाये उमैर भाई तो दुबारा उस अहसास को जीने की हिम्मत नही होती !” अमाइरा ने कहा !
“अमाइरा आपी सही तो कह रहे है उमैर भाई आप को ज़िन्दगी को दूसरा मौका देकर देखना चाहिए !” नफिशा ने कहा !
“चलो मैं अब महल चलता हूँ तुम दोनों अपना ख्याल रखना ! पता नही अब्बा क्या करेंगे मेरे साथ? आज बहुत देर हो गई है मुझे !” उमैर ने कहा !
(परी के हालातों से बेखबर उमैर महल की ओर चल देता है , अमाइरा और नफिशा दोनों अपने कामो में लग जाती है !)
क्रमशः shah-umair-ki-pari-21
Previous Part – shah-umair-ki-pari-19
Follow Me On – facebook
Follow Me On – instagram
Written By- शमा खान
”एक तरफ ख़ुशी तो एक तरफ गम है ,
Shama Khan
ज़िन्दगी है यह ,कभी मोसिबतें ज्यादा तो कभी कम है ,
गम में भी जो मुस्कुरादे ,ऐसे लोग दूनिया में कम है !”