Shah Umair ki Pari -16
शहर धनबाद में :-
”मम्मी पापा आप दोनों भी चले मेरे साथ संगीता की शादी मे ।” परी ने कहा !
”हम कहा जाएंगे बेटा इस उमर में, तुम ऐसा करो आसिफ को अपने साथ ले जाओ !”नदिया जी कहती है !
“नहीं मम्मी मेरे दोस्त की शादी है वहा आसिफ का क्या काम? आप दोनों चलें तो ठीक वरना मैं ऑटो लेकर चली जाऊँगी।” परी ने कहा !
”अरे बेटा तुम्हारा गाउन ऑटो से जाने में खराब हो सकता है ! मेरी बात मानो तो आसिफ के साथ चली जाओ उसकी कार में।” हसन जी कहते है
“उस आसिफ़ से ज्यादा तो आप दोनों मेरे पीछे पड़ गए हैं। आसिफ-आसिफ करके। लेकिन फिर भी ठीक है। मूझे पता है आप दोनों मुझे कभी बहस में जीतने नहीं देंगे !” परी ने हाथ जोड़ते हुए कहा !
“चलो फिर मैं आसिफ को बोल कर आता हूँ !” हसन जी कहते हुए चले जाते है !
नदियाँ जी बहूत ही प्यार से परी को निहारती रहती है !
“मम्मी , आप कहा खोयी हो ? प्लीज मेरी सैंडल निकाल कर ला देंगी आप !” परी ने कहा !
“कहि नहीं खोयी हूँ बेटा बस आज तेरा बचपन मेरे सामने आ गया। जब तुम्हे मैं एक से बढ़ कर एक खूबसूरत फ्रॉक बना कर पहनाती थी और आज तुम बिल्कूल अपने बचपन ही की तरह प्यारी सी गुड़िया लग रही हो । जानती हो तुम्हारा नाम परी क्यों है? क्योंकि तुम परियों की तरह ही खूबसूरत हो।” नदिया जी नम आँखों से परी को प्यार करते हुए कहती है !
‘’ओफ्फ ओह मम्मी आप भी ना? बस हर बात पे इमोशनल हो जाती हो। अब जल्दी से जाओ मेरी सैंडल निकालो जाना भी है मूझे !” परी मम्मी के गालों को चूमते हुए कहती है तो नदिया जी उसे प्यार कर के उसके कमरे से चली जाती है !
परी खूद को आईने में ताज्जुब से देखती है उसे खूद यक़ीन नहीं हो रहा होता है के वो इतनी खूबसूरत भी लग सकती है ! क्राबियन ब्लू कलर का गाउन उसपे बेहद जंच रहा होता है !
तभी अचानक आईने में से कोई लड़का उसके सामने गिरता है ! हड़बड़ा कर उठ कर थोड़ी देर परी के सामने खड़ा उसे ऊपर से नीचे तक मोहब्बत से देखता है फिर वापस आईने में चला जाता है !
यह सब कूछ इतनी जल्दी होता है कि परी को कूछ भी समझ नहीं आता और डर से उसके हाथ से लिपस्टिक गिर कर टूट जाती है !
परी आईने को उँगलियों से छू कर चेक करती है मगर वहां तो एक ठोस आईना रहता है ! फिर वो डरते हुए आईने से कान लगाती है ! फिर भी उसे कूछ समझ नहीं आता !
परी हिम्मत जुटा कर बोलती है ! ”तूम उमैर हो ना? जो अभी अभी मेरे सामने आए थे। सच सच बताना। अअअ…… अगर तूम सच में वही उमैर हो जो मेरे सपने में मूझसे मिलने आते हो तो अभी के अभी मेरे सामने आओ मममम….. मैं तुम्हे देखना चाहती हूँ । बस एक बार।”
मगर कोई भी परी के सामने नहीं आता !
“परी .. परी जल्दी करो बेटा आसिफ बाहर तुम्हारा इंतजार कर रहा है ! ” हसन जी आवाज़ लगाते हुए कहते है !
“जी ….. पापा अभी आयी !” परी कहते हुए कमरे से बाहर निकलती है !
‘’चलो चलो जल्दी जाओ बेटा और हाँ जल्दी आने की कोशिश करना !” हसन जी कहते है !
‘’अभी तो मैं गयी भी नहीं हूँ पापा और आप जल्दी आने की जिद्द करने लगे !” परी सैंडल पहनते हुए कहती है !
‘’चले परी ?” दरवाज़े पर ब्लैक कोट पैंट और वाइट शर्ट पहने खड़ा आसिफ कहता है !
‘’हा हा आसिफ तूम तो ऐसे तैयार हो कर जा रहे हो मानो बारात में दूल्हे तुम ही हो। तुम्हारी खूद की शादी तो नही न? सच सच बताओ?! ” परी हँसते हुए कहती है।
”मेरी भी शादी हो जाएगी एक ना एक दिन मिस परी और उसमे मैं यह फिरंगी कपड़े नहीं शेरवानी पहनूंगा ! वैसे तुम ने खुद को देखा है? दूल्हा कही तुम्हारी दोस्त संगीता की जगह तुम्हे ना उठा ले जाए ? लेकिन तुम डरो नहीं मैं हूँ न। मैं बचा लूंगा इस दुनिया की बेकार नजरो से तुम्हें।फ़िलहाल अगर तुम रेडी हो और तुम्हारी बातें खत्म हो गई हो तो हम चले?” आसिफ ने कहा!
“Very funny, हाँ बस एक मिंनट आसिफ। मैं तो अपना मोबाइल कमरे में ही भूल गयी !” कहते हुए परी जैसे ही मोबाइल उठाती है उसे आईने में धुआँ दिखता है वो आईने में देखने लगती है तभी उसके कानो में किसी की शरगोशी गूंजती है “परी लो मैं आ गया, तुम्हारे सामने देखो!” तभी उसे धीरे धीरे धुआँ छांटता दिखाई देता है उसके सामने वही निली आँखों वाला उमैर मुस्कुराता हुआ खड़ा होता है !
परी हैरत से उसे देख रही होती है !
“ऐसे क्या देख रही हो ? हाँ मैं ही हूँ शाह उमैर तुम्हारा मुहाफ़िज़, दोस्त ! तूम इन कपड़ो में बेहद खूबसूरत लग रही हो बिलकूल एक परी की तरह , जैसा तुम्हारी अम्मी ने कहा!” परी से उमैर कहता है!
परी हैरत से उमैर को बस एक टक देख रही होती है ! तभी नदिया जी कमरे में आकर कहती है !
‘’अरे बेटा अब जाओ भी क्या कर रही हो कमरे में!’’
“जी…. जी वो मम्मी कूछ नहीं बस !” परी कहती हुई आईने में दोबारा देखती है तो अब वहाँ सिवाएं उसके अक्स के कुछ भी नहीं होता है !
उसकी मम्मी कूछ समझ ना जाये इसलिए परी ख़ामोशी से जाकर आसिफ के साथ कार में बैठ जाती है !
”परी के पापा ये दोनों साथ में कितने प्यारे लगते है ना?… जी तो चाहता है के इनकी एक साथ नज़र उतारू !” नदिया जी ने कहा !
”जी बिल्कूल जैसे हम दोनों एक साथ जवानी के दिनों में लगा करते थे !” हसन जी नदिया जी को प्यार से देखते हुए कहते है !
“बुड्ढे हो गए हो आप, मगर आप की अंदाजे इश्क़ में कोई कमी नहीं आयी !”नदिया जी शरमाते हुए कहती है !
“बेगम इंसान उम्र से बूढ़ा होता है जज़्बातों से नहीं और आप को देख कर मेरे जज्बात आज भी जवान है।” हसन जी ने कहा !
“अपने जज़्बात काबू में ही रखें मियां। बेटी की उम्र हो चली है शादी की। अब चलिए खाना खा लीजिए बाकी इश्क की बातें बाद में होंगी !” नदिया जी ने कहा।
“जी बिलकुल जो हुक्म आप का बेगम !” हसन जी ने कहा !
”आज किस पे कयामत गिराने का इरादा है? ”आसिफ कार को स्टार्ट करते हुए कहता है !
“तुम्हारे कहने का क्या मतलब है ?” परी ने कहा!
“कूछ नही बस यह कपड़े तुम पर बहुत जंच रहे है !तुम्हारी नज़र उतारने को दिल चाह रहा !” आसिफ कार चलाते हुए कहता है!
दूसरी दुनियाँ ” ज़ाफ़रान कबीला : –
उमैर खुद को संभालता हुए परी को देखते हुए खड़ा हो जाता है ! क्राबियन ब्लू गाउन में वो बला की खूबसूरत लग रही होती है उसपे उसके होठों पे डार्क रेड लिपस्टिक। उमैर के जज़्बातों को उबालने के लिए काफी होते है ! वो जल्दी से वापस आईने से अपनी दुनियाँ में चला आता है !
”या अल्लाह आप ठिक तो है?!’’
‘’उमैर भाई आप इंसानी दुनियाँ में चले गए थे !” अमाइरा चौंकते हुए कहती है !
”हाँ नफीशा ने धक्का दिया तो उस तरफ गिर गया था !” उमैर ने कहा
आईने के सामने खड़ी परी उमैर का नाम लेती नज़र आती है !
”भाई अगर हिम्मत है तो परी के सामने खुद को हाज़िर करे। देखना वो डर कर भाग जाएगी और आप के सर से सारा प्यारा का भूत उतर जायेगा ! देखो देखो आप को ही आवाज़ दे रही है !” नफिशा ने कहा !
‘’अच्छा फिर ठीक है तुम भी देख लो !” कहते हुए उमैर खुद को परी के सामने ज़ाहिर कर देता है !
”इससे पहले के उमैर उससे कुछ और कह पाता परी की मम्मी कमरे में आ जाती है तो उमैर खुद को उनकी नज़रों से गायब कर देता है !
”नफिशा तेरे वजह से भाई इंसानी दुनियाँ मे चले गए परी ने भी उनको देख लिया है !” अमाइरा नफिशा के सर पर मारते हुए कहती है !
”आपी आप उमैर भाई को कभी कूछ नहीं कहती ! एक दिन तो उनको परी के सामने जाना ही पड़ता क्यों के मोहब्बत एक तरफा कभी मोकम्मल नहीं होती ” नफिशा ने कहा!
”वो बड़े भाई है हम दोनों के मैं उनसे कैसे जुबान लड़ा सकती हूँ वैसे भी दादा ने पहले ही बोल दिया था के उमैर भाई की हमसफ़र आईने में मिलेगी !” अमाइरा ने कहा !
” ठीक है उमैर भाई आप बस मेरा वो शाही ड्रेस आप वापस लेकर आओ !” नफिशा लगभग रोते हुए कहती है !
‘’चुप हो जा तूझे तो बस ड्रेस की पड़ी है ।” अमाइरा ने डाटते हुए कहा !
” अच्छा मेरी माँ कल हनीफ को कह दूँगा बनाने उसी से शहजादी मरयम ने बनवाया है !” उमैर परेशान होते हुए कहता है !
”ठीक है उमैर भाई यह बताओ परी यानी भाभी सामने से कैसी लगती है !” नफिशा ने कहा !
”वो तो सामने से और भी ज्यादा प्यारी लगती है! एक दम पास से महसूस किया मैंने उसे ! उमैर लगभग ख़ुशी से उछलते हुए कहता है !
‘’अमाइरा मैं परी की दुनियाँ में जाना चाहता हूँ!’’ उमैर ने कहा !
”नहीं उमैर भाई आप नहीं जा सकते अब्बा ने कसम दिया है आप को !” अमाइरा ने कहा !
” कोई भी कसम मुझे परी से मिलने से नहीं रोक सकती है !” उमैर ने कहा !
“अब्बा को पता चल गया तो उमैर भाई !”अमाइरा कहती है !
”उनको तब पता चलेगा जब तुम दोनों बताओगी , तुम दोनों तो मेरी प्यारी बहने हो तुम दोनों तो नहीं बताओगी ना अब्बा को ?” उमैर ने कहा
”बिलकुल नहीं भाई, मगर आप ने जो हमारे साथ किया है शायद मेरे ज़ुबान फिसल जाये और मैं अब्बा को सारी बातें बता दूँ !” नफिशा ने कहा !
”देख रही है अमाइरा यह मुझे धमकी दे रही है !” उमैर ने कहा !
“नफिशा तू किसी को कुछ नहीं बताएगी। मगर उमैर भाई आप सोच लो, आप को इंसानी दुनियाँ में जाना चाहिए या नहीं !?” अमाइरा ने कहा !
“हाँ सोच लिया है बस ये नफिशा अपना मुँह ना खोले !” उमैर नफीशा को घूरते हुए देख कर कहता है !
“अच्छा ठीक है मैं किसी से कुछ नहीं कहूँगी ,मगर !” नफिशा ने कहा !
“मगर क्या ?” उमैर और अमाइरा एक साथ कहते है!
“मगर ये के मेरी एक शर्त आप दोनों को माननी पड़ेगी!” नफिशा ने कहा!
“कैसी शर्त नाफिश !”अमाइरा ने पूछा!
“पहले ये बोलो मंजूर है या नही और आप दोनों मुझ पे गुस्सा बिल्कुल भी नही करोगे !”नाफिशा ने थोड़ा डरते हुए कहा !
“अच्छा ठीक है हम गुस्सा नही करेंगे बताओ क्या बात है ?”उमैर ने कहा !
‘’वो बात ये है के आप के दोस्त हनीफ और मैं एक दूसरे को बहुत पसंद करते है अगर आप दोनों अब्बा से कह के हमारी बात आगे बढ़ा दो तो मैं आप के मामलों में कुछ भी नहीं कहूँगी !” नफिशा नज़रे चुराते हुए कहती है !
‘’अच्छा तो यह चककर है तभी मैं सोचु के तुम उस दिन हनीफ भाई को देख कर इतना मुस्कुरा क्यों रही थी ?” अमाइरा नफीशा के कान खींचते हुए कहती है !
”आपी इसमें गलत क्या है ? जब उमैर भाई एक जिन होकर इंसान से मोहब्बत कर सकते है फिर मैं तो एक जिन से ही मोहब्बत करती हूँ !” नफिशा ने कहा !
”ठिक है मूझे कोई ऐतराज नहीं , मेरे हिसाब से सब को अपना हमसफ़र चुनने की पूरी आज़ादी होनी चाहिए ! मगर पहले अमाइरा के लिए कोई देखंगे फिर तुम्हारी बात अब्बा से करेंगे बोलो मज़ूर है ?” उमैर ने कहा !
”जी भाई मंज़ूर है और हाँ मुझे मेरे गाउन भी चाहिए!’’ नफिशा ने कहा!
‘’बड़ी लालची हो तुम नफिशा !”अमाइरा ने कहा !
‘’मंज़ूर है या नहीं यह बोलो !” नफिशा ने कहा !
”ठीक है वो भी मिल जाएगा अब मैं जाऊँ ? उमैर ने कहा !
“हाँ भाई…. मगर …ध्यान से आप पहली बार जा रहे हो इंसानी दुनियाँ में मुझे डर लग रहा आज तक आप कही नही गए हमें छोड़ कर , खुदा के वास्ते जल्दी वापस आजायेगा भाई !”अमाइरा घबराते हुए कहती है !
”मैं हमेशा के लिए थोड़ी जा रहा हूँ वापस सही सलामत आजाऊंगा फिक्र मत करो !” उमैर ने कहा , फिर दोनों बहनो को गले लगा कर आईने से दूसरी तरफ चला जाता है ! तीनों भाई बहनों में बेइन्तेहाँ मोहब्बत रहती है !
क्रमशः shah-umair-ki-pari-17
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Wrriten by – शमा खान
”नए है रंग नए है ढंग नए नए से है यह मोहब्बत के जज़्बात ,
SHAMA KHAN
एक पल की भी दूरी सही जाये ना अब , चल मिल कर बुनते है एक नए ख्वाब !”