Ranjhana – 59
Ranjhana By Sanjana Kirodiwal
Ranjhana – 59
शिवम के आलिंगन मे सारिका एक पल के लिए अपना सब दर्द भूल गयी l आई बाबा उनके पास आये और शिवम् से कहा,”शिवम् बहू को घर ले चलो बेटा !” शिवम् को अहसास हुआ की वह सबके सामने ही सारिका के गले लगा हुआ है तो वह झिझकते हुए दूर हुआ और कहा,”हां बाबा सरु अब यहाँ नहीं रहेगी , घर जाएगी हमारे साथ , हमारे घर !”
शिवम् ने पंडित जी से सारिका को ले जाने की इजाजत मांगी तो पंडित जी ने हां कह दिया ! सारिका ठीक हो चुकी थी पर शारीरिक रूप से अभी कमजोर थी इसलिए पंडित जी ने शिवम् को सारिका का खास ख्याल रखने को कहा और कुछ दवाईया भी दी जिससे सारिका को जल्दी आराम मिले l आश्रम से विदा लेकर शिवम् सारिका को घर ले आया l आज कितने दिनों बाद शिवम् के चेहरे पर सुकून के भाव थे l
Ranjhana – 59 सारिका शिवम् का हाथ थामे अंदर आयी l सभी आकर बरामदे में लगे सोफों पर बैठ गए l सारिका क्षुब्द आँखों से घर को निहार रही थी l राधिका सबके लिए चाय ले आयी सबने चाय पि l शिवम् सारिका के पास ही बैठा था l चाय पिने के बाद सारिका ने शिवम् से कहा,”हम बनारस कब आये ?”
सारिका के सवाल पर आई बाबा मुरारी एक दूसरे की तरफ देखने लगे l शिवम् ने पलके झपकाकर उन्हें आश्वत किया और सारिका की और पलटकर कहा,”अच्छा फिर आपके हिसाब से हमे कहा होना चाहिए था ?”
“मुंबई , आज हमारी मेहँदी की रस्म थी ना l फिर हम सब यहाँ क्यों है ?”,सारिका ने कहा
शिवम् ने दिल ही दिल में महादेव को शुक्रिया कहा की सारिका कुछ नहीं भूली थी उसे ये सब याद था उसे शिवम् याद था l शिवम् ने सारिका की आँखों में देखकर कहा,”हां आज हमारी मेहँदी की रस्म है ! पर आप चाहती थी हमारी शादी बनारस में हो इसलिए हम सब यहाँ चले आये l “
“माँ-पापा और अनु नजर नहीं आ रही है वो कहा है ?”,सारिका ने पूछा
“वे लोग अभी मुंबई मे है , आप तो जानती ही है शादी का घर है , कितना काम बिखरा होता है उसे भी तो समेटना जरुरी है ना इसलिए वो लोग बाद में आएंगे”,शिवम् ने एक बार और झूठ कहा लेकिन सारिका ने उसे भी सच मान लिया l आई बाबा वहा से उठकर चले गए ताकि शिवम् और सारिका बात कर सके l
मुरारी वही रुक गया l शिवम् ने सारिका की और देखा वह कुछ परेशान नजर आ रही थी शिवम् ने आँखों से इशारा कर पूछा तो सारिका कहने लगी,”सगाई के बाद हल्दी की रस्म मे हम साथ थे , मेहन्दी वाली सुबह भी पर उसके बाद क्या हुआ वो कुछ भी हमे याद नहीं आ रहा”
शिवम् ने सारिका को गले लगा लिया और कहने लगा,”उसके बाद जो कुछ भी हुआ उसे बुरा सपना समझकर भूल जाईये !
उस वक्त में याद रखने जैसा कुछ नहीं है l बस ये समझ लीजिये की आप कोई बुरा सपना देख रही थी और अब नींद से जाग चुकी है” शिवम् की बातो में सारिका को राहत पहुंचाई उसने शिवम् से दूर होकर कहा,”तो फिर आप हमे बनारस के सारे घाट दिखाएंगे ना ? पिछली बार जब हम आये थे तब आपने सिर्फ 5 ही दिखाए थे !”
“हां पक्का , पर उसके पहले आपको ठीक होना है , वक्त पर खाना खाएंगी दवाईया लेंगी तभी हम आपकी बात मानेंगे”,शिवम् ने सारिका का हाथ अपने हाथ में लेकर उसे बच्चो की तरह समझाते हुए कहा l
कुछ देर बाद राधिका आयी और सारिका को अपने साथ ले गयी l मुरारी शिवम् के नजदीक आया और कहा,”भाभी को उह सब भूलने को काहे कहे ? इह से तो उह तुमरी शादी भी भूल जाएगी l” शिवम् ने मुस्कुराते हुए मुरारी की तरफ देखा और कहा,”मुरारी का फर्क पड़ता है उनको शादी याद है या नहीं है l उनको हम याद है , हमारा प्यार याद है इतना काफी है l
वैसे अच्छा ही है की उनको वह हादसा याद नहीं है हम नहीं चाहते किसी भी वजह से दोनों बहनो में प्यार कम हो l रही बात शादी की तो सरु से शादी हम एक बार फिर कर लेंगे !!”
“हम्म्म सही है तुम दो बार शादी कर रहे हो इहा साला हमरा एको बार मुहूर्त नहीं निकला”,मुरारी ने शिवम् को कोसते हुए कहा
“अरे परेसान काहे हो रहे हो ? तुमरे लिए है ना अनु ! तुम कहो तो आज ही ससुर जी से मिलकर मुहूर्त निकलवाय देते है”,शिवम् ने मुरारी को छेड़ते हुए कहा
“हमको नाही करनी उह नकचढ़ी से सादी , घूमी , फिरि , दारू पि , झगडे किये हमरे साथ और जब बनारस आने को कहा तो ठेंगा दिखा दिया हमको ! साला हमारी ना किस्मत ए ख़राब है , कोई लड़की लिखी ही नहीं है हमारे नसीब में !”,मुरारी ने कहा “तो का ऐसे ही रहोगे ?”,शिवम् ने पूछा
“ऐसे काहे रहेंगे ! हम बनेंगे ‘सख्त लौंडे’ आज से लड़कियों को देखना , घूरना और बात करना बिल्कुल ए बंद !”,मुरारी ने कहा
“बहुत अच्छा सरु से भी दूर रहना अब”,शिवम् ने हँसते हुए कहा
“उनसे काहे दूर रहेंगे ? भाभी है उह हमरी ! हां भाभी की बहन को तो देखेंगे भी नहीं हम”,मुरारी ने अनु को कोसते हुए कहा
“अच्छा मत देखना , बातो बातो में हम भूल गए माँ पापा को बताना की सारिका ठीक है l हम उन्हें फोन करके आते है”,कहकर शिवम् वहा से चला गया मुरारी मुंह लटकाकर दोनों हाथ गाल से लगाए सोचने लगा,”भैया का मामला तो सेट हो गया , अब मैग्गी को कैसे समझाए की उस से कितना प्यार करते है ?
का अब बजरंगबली की तरह सीना चिर के दिखाए की इतना प्यार करते है l उह को कभी समझ नहीं आएगा और उह के बिना अब कोई और हमे समझ नहीं आएगा ! अब तो महादेव ही सहारा है , चलकर गिर जाते है उनके चरणों में वो ही करेंगे बेडा पार”
मुरारी उठकर घर के लिए निकल गया ! शिवम् ने इंदौर फोन करके सारिका के बारे में अधिराज जी और अम्बिका को बताया तो वे लोग ख़ुशी से फुले नहीं समाये l उन्होंने उसी वक्त बनारस आने की बात कही !
फोन कटने के बाद अधिराज जी ने अम्बिका से कहा,”अम्बिका जल्दी से बैग पैक करो हम आज शाम ही बनारस जायेंगे” अम्बिका ने मुस्कुराते हुए कहा,”एक वक्त था जब आप बनारस का नाम सुनकर गुस्सा हो जाते थे और आज आप वहा जाने के लिए कितने उतावले हो रहे है”
“बात ही कुछ ऐसी है अम्बिका सालो पहले बनारस ने हमसे सरु को माँ को छीन लिया था लेकिन आज उसी बनारस ने हमे हमारी सरु वापस लौटा दी”,अधिराज जी ने ख़ुशी से कहा
“सारिका के ठीक होने मे सबसे बड़ा श्रेय एक ही इंसान को जाता है और वो है हमारे दामाद जी शिवम् , उन्होंने सारिका के लिए जो किया है वो शायद कोई नहीं कर पायेगा ! सारिका से इतना प्यार कोई नहीं कर सकता “,अम्बिका ने कहा
“हां अम्बिका हमे गर्व है अपने बेटे जैसे दामाद पर , वे एक बहुत ही खुद्दार इंसान है इतनी मुसीबतो के बाद भी उन्होंने सरु का साथ नहीं छोड़ा इस से ज्यादा एक पिता को और क्या चाहिए ?
अब आप देर मत कीजिये जल्दी सामान पैक कीजिए ! और हां जो गुची का कुर्ता सरु हमारे लिए लाई थी हम वो ही पहनेंगे !!”,अधिराज जी ने कहा
“हम अभी निकाल देते है”,कहकर अम्बिका जाने लगी तो अधिराज जी ने कहा
“अम्बिका जी !”
“जी “
“आप भी आज वही साड़ी पहनियेगा जो सरु लेकर आयी थी ! उसे अच्छा लगेगा”,अधिराज जी ने प्यार से कहा
“जी ठीक है”,अधिराज जी का बदला हुआ रूप देखकर अम्बिका आज हैरान थी वह तेजी से अपने कमरे की और बढ़ गयी l
अनु अपने कमरे में परेशान सी यहाँ वहा घूम रही थी l अमित उसे जिस उलझन में फंसाकर गया था उसे समझ नहीं आ रहा था कैसे पता करे ? अनु कमरे में चक्कर काटने लगी तभी उसकी नजर टेबल पर रखे फोन पर गयी l अनु को याद आया एक बार मुरारी ने उस से कहा था,”वो जो फोन खो गया था उह मिला तुमको ? हमने कुछ भेजा था तुमने जवाब ही नहीं दिया हमको !”
अनु का दिमाग चलने लगा था,”फोन ? इसका मतलब मुरारी ने फोन पर कुछ भेजा था , इसलिए वो जब भी मिलता फोन का जिक्र करता था l मुझे वो फोन ढूंढना होगा……………..शिट ! वो तो इस वक्त मुंबई वाले घर में होगा !!”
अनु झुंझलाकर बेड पर आ बैठी l उसे मुंबई जाना था पर कैसे ? कुछ देर बाद उसके खुराफाती दिमाग में आइडिया आया और वह सीधा अधिराज जी के पास जा पहुंची और कहा,”पापा हमे आज ही मुंबई जाना होगा !”
“मुंबई ? वो भी आज ही ऐसा क्या हो गया ?”,अधिराज जी ने हैरानी से कहा
“एक्चुअली वो पापा हमे अभी अभी पता चला है की कल मेरी एग्जाम है और हॉल टिकट मुंबई वाले घर में है l उसके बिना एग्जाम कैसे दे पाएंगे ?”,अनु सफ़ेद झूठ बोल गयी l
“अनु पर हम और अम्बिका बनारस जा रहे है सारिका से मिलने , और तुम भी साथ जाने वाली थी l फिर ये मुंबई , एग्जाम !”,अधिराज ने कहा
“पापा आप लोग जाईये , मैं बनारस नहीं जाउंगी l मैं नहीं चाहती वहां मेरी वजह से कोई प्रॉब्लम हो l प्लीज़ पापा मुझे मुंबई जाने दीजिये”,अनु ने कहा
“हां लेकिन अकेले !”,अधिराज जी ने चिंतित भाव से कहा
“अकेले कहा वो है न अमित , अमित जाएगा मेरे साथ”,अनु ने दरवाजे से अंदर आते हुए अमित की और इशारा करके कहा l
अमित अंदर आया तो अधिराज जी ने कहा,”अरे बेटा आप तो शाम को आने वाले थे , इतनी जल्दी वापस आ गए !” अमित ने एक नजर अनु की और देखा और कहा,”हां अंकल वो क्लाइंट नहीं आया ना इसलिए मीटिंग कल सुबह की रख दी” l अनु मन ही मन मीटिंग केंसल होने से खुश थी l अधिराज जी ने अमित से कहा,”बेटा अनु को मुंबई जाना है तुम साथ चले जाओगे ! मैं अर्जेन्ट में फ्लाइट की टिकट बुक करवा देता हु”
अमित ने अनु की और देखा तो उसने प्लीज़ वाला मुंह बनाकर इशारा किया अमित ने कहा,”ठीक है अंकल , चला जाऊंगा !”
‘थैंक्यू बेटा हम अभी टिकट बुक करवा देते है”,कहकर अधिराज जी चले गए l अमित अनु के पास आया और उसकी बांह पकड़कर फुसफुसाते हुए कहा,”ये हॉल टिकट का क्या नाटक है ?” l अनु मुस्करायी और फुसफुसाते हुए अमित से कहा,”मुंबई चलो सब बताती हु !”
उसी शाम अधिराज जी और अम्बिका बनारस के लिए निकल गए और अनु अमित के साथ मुंबई l 2 घंटे बाद ही अनु अमित के साथ मुंबई एयरपोर्ट पर थी l फ्लाइट देरी से थी इसलिए वक्त लग गया दोनों मुंबई वाले घर में आये l अनु ने गेट खोला और अमित को लेकर अंदर आयी रात के 9 बज रहे थे l अमित और अनु ने फ्रेश होने के बाद बाहर खाने का प्लान बनाया l
दोनों खाना खाने बाहर निकल गए खाना खाकर जब दोनों लौट रहे थे तो अनु की नजर उस बेंच पर पड़ी जहा वह मुरारी के साथ बैठकर दारू पिया करती थी l अनु ने अमित से गाड़ी रोकने को कहा l दोनों गाड़ी से उतरकर बेंच पर आ बैठे l अनु वहा बैठकर मुरारी के साथ बिताये वक्त को याद करने लगी l अमित ने जब अनु के चेहरे पर गंभीरता देखी तो कहा,”यार अनु मैंने न कभी जिंदगी में भी नहीं सोचा था तुझे किसी से इतना प्यार हो जाएगा !
जिंदगी को कभी सीरियस ना लेने वाली लड़की आज इतनी सीरियस हो गई है l देखकर ही ताजुब हो रहा है”
अनु मुस्कुरायी और कहा,”प्यार ऐसा ही होता है अमित ! जब दो लोग साथ हो तो अहसास नहीं होता है पर जब दोनों मे से कोई एक दूर हो जाता है ना तब उस प्यार का अहसास होता है , यकीन मानो ये अहसास बहुत खूबसूरत होता है अमित”
“कहा से सीखी है इतनी खतरनाक बातें ?”,अमित ने हैरानी से कहा
“हमारे जीजू से ! ही इज द बेस्ट लवर इन दिस वर्ल्ड !”,अनु ने चहकते हुए कहा
“हां ये बात तो है ! ही इज बेस्ट पर हमने भी तो कुर्बानी दी है ना”,अमित ने कहा
“या ! अब घर चले “,अनु ने उबासी लेकर कहा
“हाँ चलो !”,अमित उठा और गाड़ी की और बढ़ गया l “,अमित !”,अनु ने आवाज दी तो अमित ने पलटकर कहा,”हां अनु !
अनु अमित के पास आयी और उसे गले लगाकर कहा,”थैंक्यू फॉर आल ऑफ़ दिस !”
“मक्खन लगा रही हो !”,अमित ने कहा
“नहीं अपने बेस्ट फ्रेंड को थैंक्यू बोल रही हु !”,अनु ने दूर होकर कहा
“तुम्हे समझना बहुत मुश्किल है , तुम्हे तो तुम्हारा मुरारी ही समझ सकता है l अच्छी जोड़ी है दोनों की नई”,कहकर अमित ने अनु के लिए गाड़ी का दरवाजा खोला
अनु के बैठने के बाद खुद ड्राइवर सीट पर आ बैठा और गाड़ी आगे बढ़ा दी l घर आकर अमित हॉल में सोफे पर लेट गया और अनु कमरे में l थकान की वजह से दोनों को जल्दी नींद आ गयी l सुबह सुबह खटपट से अमित की आँख खुली उसने आँखे मसलते हुए देखा अनु कुछ ढूंढ रही है l अमित उठकर सोफे पर बैठ गया और कहा,”अनु क्या ढूंढ रही हो सुबह सुबह ?”
अनु ने अमित की बात का कोई जवाब नहीं दिया और वह बस अपने काम में लगी रही कभी सोफे के निचे देखती , कभी टेबल के निचे हद तो तब हो गई जब वह गुलदस्ते से फूलो को निकाल निकाल कर उसमे कुछ ढूंढ रही थी l पेशानी और बेचैनी के भाव उसके चेहरे पर साफ थे l अनु झुंझलाकर अंदर चली गयी l अमित ने मन ही मन ही कहा,”इस लड़की को समझना भी बहुत मुश्किल है”
Hमरे में आकर अनु एक बार फिर अपना फोन ढूंढने लगी जबकि कुछ देर पहले वह उस कमरे का कोना कोना तलाश कर चुकी थी सिवाय कबर्ड के l अनु को अचानक याद आया की उसने कबर्ड में नहीं देखा वह उसकी तरफ लपकी और खोलका सारे कपडे बाहर निकाल दीये l कबर्ड के कोने में पड़ा उसका फोन जब उसने देखा तो उसकी जान में जान आयी l फ़ोन उसके लिए इम्पोर्टेन्ट नहीं था बल्कि उस फोन में आया मुरारी का मेसेज था l अनु ने जल्दी से फोन उठाया और देखा तो वह बंद हो चूका था l
उसने झल्लाकर फोन अपने ही सर पर दे मारा और फिर इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड की और भागी ! अनु ने फोन चार्जिंग पॉइंट पर लगाया और वही बैठकर इंतजार करने लगी l जैसे ही फोन को होश आया अनु ने उसे ऑन किया l फोन ऑन करते ही उसपर मेसेज की जैसे बाढ़ आ गयी l अनु ने मुरारी के मेसेज खोले 100 से भी ज्यादा मेसेज थे जिन्हे अनु ने पढ़े ही नहीं थे !
एक एक करके अनु उन मेसेज को पढ़ने लगी अधिकतर में जोक्स थे अनु को गुस्सा आने लगा था वह जो पढ़ना चाहती थी वह तो उसे मिला ही नहीं l देखते देखते अनु आखरी मेसेज पर पहुंची l उसका दिल हमेशा से तेज धड़क रहा था और घबराहट हो रही थी कही आखरी मेसेज में भी जॉक हुआ तो उसका तो मजाक बन जाएगा l अनु ने डरते डरते आखरी मेसेज ओपन किया जिसमे लिखा था
“बहुत दिनों से तुमसे एक बात कहना चाहते है ! तुमरे साथ रहते रहते कब तुमसे प्यार हो गया पता ही नहीं चला और अब तो लगता है जैसे तुमरे बिन अधूरे है ! हम नहीं जानते तुमरे दिल में क्या है ? पर इतना मालूम है की तुम भी वो सब ही महसूस करती हो जो शायद हम करते है l तुमसे कहना चाहते है की हम तुमसे बहुत प्यार करते है l इतना की जिंदगी भर तुमरे नखरे झेलने को तैयार है……………
तुमरे सामने कहने से घबरा रहे थे इसलिए मेसेज में बोल रहे है l अगर तुमरी हां है तो हम तुमरे पापा से बात कर लेंगे ! ………………………………….तुमरे जवाब का इंतजार करेंगे मैग्गी !!”
मेसेज पढ़ते हुए कब अनु की आँखे भर आयी उसे पता ही नहीं चला जब आँखो से टपककर आंसू फोन की स्क्रीन पर गिरे तब अहसास हुआ की वो रो रही है l उसका गला रुंध गया उसने फोन की स्क्रीन को चुम लिया और धीरे से कहा,”आई लव यू मुरारी !!”
अनु ने देखा ये मेसेज मुरारी ने उस दिन किया था जिस रात अनु मुरारी से गुस्सा होकर चली गयी थी और उसके अगले ही दिन अपना फोन रखकर भूल गयी थी !!” अनु को खुद पर गुस्सा आया आखिर वह इतनी लापरवाह कैसे हो सकती है ? लेकिन अगले ही पल ख़ुशी से झुम उठी मुरारी उस से प्यार करता है ये जानकर वह रूम में उछलते हुए चिल्लाने लगी,”ही लव्ज मी ! ही लव्ज मी ! ही लव्ज मी ! ही लव्ज मी ! ही लव्ज मी ! येह !! आई ऍम सो हैप्पी “
अनु मोबाइल हाथ में लिए बाहर आयी अमित ने देखा तो हैरानी से कहा,”क्या मिल गया ऐसा ?”
“अमित , अमित , अमित ! मुरारी लव्ज मी आल्सो देखो”,कहते हुए अनु ने मेसेज अमित को दिखाया l अमित ने मेसेज पढ़ा और अनु को घूरते हुए कहा,”अच्छा तो ये है तुम्हारा हॉल टिकट जिसके लिए तुम यहाँ आयी हो !”
अनु मुस्कुराई और चहकते हुए कहा,”हॉल टिकट नहीं मेरी जान ये है लव टिकट ! आई लव हिम एंड ही इज आल्सो लव मी!”
“और क्या गारंटी है इसकी की वो तुम्हे अब भी प्यार करता है l अब तक तुम्हारे मुरारी को अगर किसी और से प्यार हो गया तो”,अमित ने अनु को परेशान करने के लिए कहा जबकि वह जानता था मुरारी ऐसा कुछ नहीं करेगा
“ऐसे कैसे कर लेगा किसी और से प्यार , उसकी तो मैं ! मेरे होते हुए वह किसी और से प्यार नहीं कर सकता”,अनु ने गुस्से से कहा
“ओहो जलन की भावना , प्यार क्या बात है अनु तुम तो पूरी उसके रंग में रंग चुकी हो ! ये सब छोडो ये बताओ अब क्या करना है ?”,अमित ने फोन उसकी और बढ़ाते हुए कहा
“बनारस जायेंगे !”,अनु ने कहा
“ओह्ह मैडम दिमाग ठीक है तुम्हारा या घर छोड़ कर आयी हो ! 2 बजे मेरी मीटिंग है , मैं कही नहीं जाने वाला तुम्हारे साथ”,अमित ने कहा”हां सही है तुम क्यों जाओगे ? लगती ही क्या हु मैं तुम्हारी ? आज मेरा कोई बड़ा भाई होता तो शायद ये दिन न देखना पड़ता l दो प्यार करने वालो को मिलाना तो पुण्य का काम होता है l काश ऊपर वाला मेरी सदाए सुनता l भगवान क्या तुम तक मेरी आवाज पहुंच रही है भगवान……………….!!
“बस करो नौटंकी ! तुम अगर बॉलीवुड में जाओ न तो सारे अवार्ड तुम्हारे है ! अब ये बताओ कब जाना है ?”,अमित ने अनु का मुंह बंद करते हुए कहा l अनु ने अपने मुंह से अमित का हाथ हटाया और कहा,”बस फ्रेश होकर निकलना है l
“ठीक है मै नहा लेता हु”,कहकर अमित वहा से चला गया अनु घर में ही यहाँ से वहा घूमने लगी l
एक बार फिर वह अपने कमरे में आयी कपड़ो के ढेर में उसकी नजर उस नारंगी रंग पर पड़ी अनु ने उसे उठाया तो एक चमक उसकी आँखों में और होंठो पर मुस्कुराहट आ गयी l वह मुरारी का तौलिया था जिसे हर वक्त वह अपने गले में डाले रखता था l अनु ने उसे अपने गले में डाल लिया और ख़ुशी से झूमने लगी l झूमते हुए बिस्तर पर आ गिरी और कहा,”हम आ रहे है मुरारी !”
नहाने के बाद अमित नाश्ता लेने बाहर चला गया तब तक अनु भी नहाकर बाहर आ गयी l
ब्लेक शॉर्ट्स और ब्लेक टीशर्ट जिसमे से उसका गोरा पेट झलक रहा था पहने हुए थी गले में वह मुरारी वाला गमछा डाल रखा था l अनु पार्किंग एरिया में आयी तो वहा मुरारी की रॉयल इनफील्ड खड़ी थी l अनु दौड़कर उसके पास आयी और उसे छूकर मुरारी की मौजूदगी का अहसास करने लगी l अक्सर यही होता है जब हम प्यार में होते है तो सामने वाली की हर चीज से हमे प्यार होने लगता है l
अनु दौड़कर अंदर गयी गनीमत थी उसे बाइक की चाबी सामने दिवार पर लटकी मिल गयी l अनु उसे ले आयी और पार्किंग एरिया से बाहर निकालकर उसे साफ किया और फिर उस पर बैठकर शीशे में खुद को देखते हुए कहा,”कुछ तो कमी है , पर क्या ? हां याद आया”,कहकर अनु फिर से अंदर गयी और चश्मा ले आयी उसे अपनी आँखों पर लगाया और आकर बाइक पर बैठकर एक बार फिर खुद को देखा
“मुहहहा अब लग रही है तू बिल्कुल मुरारी जैसी !”,अनु ने खुद से कहा
सामने से अमित को आते देखकर अनु बाइक से उतरी और उसके पास आयी तो अमित ने एक बॉक्स अनु की और बढाकर कहा,”जल्दी से खाओ , अपना सामान लो निकलना है ! तब तक मैं टिकट बुक करवा देता हु “
“बनारस हम बस से जायेंगे और हां तीन टिकट बुक करवाना”,अनु ने बॉक्स को वही खोल लिया जिसमे ग्रिल सेंडविच थे l
“तीन ? अब ये तीसरा कौन जा रहा है हमारे साथ ?”,अमित ने हैरानी से अनु से कहा जो सेंडविच उठाकर उसे खाने वाली थी l अनु ने पहले एक टुकड़ा खाया और फिर कहा,”कटरीना !”
“कौन कटरीना ?”,अमित अभी भी बदहवास सा अनु को देख रहा था
“कटरीना , अरे मेरी सौतन !”,अनु ने खाते हुए कहा
“व्हाट ? सौतन ! ये क्या बोल रही हो तुम ?”,अमित ने उसके सामने आकर कहा l अनु ने हाथ में पकड़ा हुआ सेंडविच ख़तम किया और बाइक की तरफ इशारा करके कहा,”वो बाइक , उसी का नाम कटरीना है , मुरारी अपनी बाइक से ज्यादा मुझसे प्यार करता है तो हुई ना मेरी सौतन !”
“धन्य हो देवी ! वो तो पागल है ही तुम उस से भी बड़ी पागल , अब पता नहीं क्या होने वाला है”,अमित ने सर पीटते हुए कहा l
अनु मुस्कुराने लगी तो अमित ने कहा,”अनु तुम मुरारी से प्यार करती हो ये बात तो तुम उसे फोन पर भी तो बता सकती थी न”
“हां पर फोन पर वो फीलिंग नहीं आती जो आँखे में आँखे डालकर कहने में आती है l अब जल्दी चलो वरना देर हो जाएगी”,अनु ने अमित को अंदर ले जाते हुए कहा l
सारी तैयारियों के साथ अनु अमित के साथ बनारस के लिए निकल पड़ी !!
बनारस -:
उसी सुबह अधिराज जी और अम्बिका बनारस पहुंचे l सारिका ने जब उन्हें देखा तो ख़ुशी से फूली नहीं समायी और आकर दोनों के गले लग गयी l सारिका को पहले की तरह सही देखकर अधिराज जी और अम्बिका बहुत खुश थे l शिवम् ने आकर उनके पांव छुए तो अधिराज जी ने उन्हें गले लगा लिया l आई अम्बिका जी , सारिका और राधिका को अपने साथ अंदर बैठक में ले गयी और बाबा अधिराज जी के साथ बाहर बैठक में बैठकर बतियाने लगे l
मुरारी बार बार दरवाजे की और देख रहा था तो शिवम् उसके पास आया और उसके कंधे पर कोहनी टीकाकार कहा,”क्या देख रहे हो मुरारी ? कोई और भी आने वाला था क्या ?”
“हम हम तो कछु नहीं देख रहे”,मुरारी हड़बड़ा गया तो शिवम् को हंसी आ गयी !
“तो फिर यहाँ खड़े खड़े काहे पेरो को दर्द दे रहे हो जरा चाय नाश्ते का इंतजाम करो हमरे सास ससुर आये है”,शिवम् ने मुरारी को छेड़ते हुए कहा
“हां हां जाते है !,कहकर मुरारी वहा से चला गया l अधिराज जी और अम्बिका के साथ अनु भी आएगी ऐसा मुरारी को लगा था लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ l बुझे मन से वह दुकान से समोसे और मिठाईया ले आया l सबने साथ बैठकर नाश्ता किया l बाबा अधिराज जी को अपनी दुकान और फिर बनारस की सैर पर ले गए l बनारस घूमते हुए अधिराज जी को अहसास हुआ की सारिका को बनारस क्यों पसंद था l जो सुकून जो आनंद यहाँ था वह दुनिया के किसी भी कोने में नहीं था l अधिराज जी बहुत खुश थे l
शाम को शिवम् सबको साथ लेकर अस्सी घाट की पूजा में शामिल हुआ l सबने जोड़ो में मिलकर पूजा की बस दो ही लोग थे जो कोने में मुंह लटकाये खड़े थे l पहली राधिका और दूसरा अपना मुरारी ! मुरारी ने राधिका को कोहनी मारते हुए कहा,”राधिका , का किस्मत है ना हम दोनों की ! साला इतने अकेले है की पूजा भी नाही कर सकते”
“तुम्हारा तो पता नहीं हम तो चले !”,कहकर राधिका जाने लगी तो मुरारी ने रोककर कहा,”अब तुम कहा जाय रही हो ?”
“अरे रोहन आया है उसी से मिलने बाहर खड़ा हमरा इंतजार कर रहा है”,राधिका ने फुसफुसाकर कहा
“आई को बताये !”,मुरारी ने अनु को घूरकर देखते हुए कहा
“हम भी बताये आई को कल रात पीछे वाले बरामदे मे जो महफ़िल जमाय के बैठे थे”,राधिका ने भी घूरकर ही कहा
“अरे तो इतना पर्सनल काहे हो रही हो ? जाना है ना तो जाओ , हमरा का है हम खड़े है”,मुरारी ने कहा उसे पता था अगर आई को पता चला उसने घर में दारू पि है तो उसकी खाट खड़ी हो जानी है l
राधिका चली गयी मुरारी अकेला खड़ा महादेव को कोसता रहा l पूजा के बाद बाबा ने पंडित जी से बात करके अगली सुबह घाट पर शिवम् और सारिका के लिए पूजा करवाने के लिए पूछा तो पंडित जी न हां भर दी l अगली सुबह आने का बोलकर सभी घर आ गए l रात का खाना सबने बाहर खुले आँगन मे साथ बैठकर खाया l अधिराज जी अम्बिका को बनारस आकर बहुत अच्छा लगा शहर के शोर शराबे से दूर कितना शांत माहौल था यहां l देर रात तक महफिल चली और फिर सभी सोने चले गए l सारिका जब कमरे में आयी तो उसने देखा शिवम् जमींन पर गद्दा बिछा रहा था l
“ये किसलिए ?”,सारिका ने पूछा
“वो आप ऊपर सो जाईये हम यहाँ जमीन पर सो जाते है l”,शिवम् ने कहा
“शिवम् हम जानते है आपकी और हमारी शादी नहीं हुई है पर हमे आप पर पूरा भरोसा है , आप ऊपर सो जाईये”,सारिका ने कहा
“भरोसा तो है सरु पर हम ठहरे मर्द ! कब तक खुद को आपसे दूर रखेंगे l इसलिए आप बिस्तर प्र सो जाईये और हम यहाँ सो जाते है”,शिवम् ने कहा
“अच्छा तो ये बात है”,कहकर सारिका उठी और उसने भी अपना गद्दा बिस्तर के दूसरी और लगा लिया और कहा,”अगर आप जमीं पर सोयेंगे तो हम भी जमीन पर सो जायेंगे l इस से आपकी मर्यादा भी बनी रहेंगी और हमारा पत्नी धर्म भी”
शिवम् मुस्कुरा उठा l सारिका लेट गयी शिवम् भी अपनी जगह लेट गया और पलंग के निचे से दोनों एक दूसरे को देखते हुए कब सोये पता ही नहीं चला l
अगली सुबह सभी अस्सी घाट पहुंचे l सारिका ने पिले रंग की गुलाबी बॉर्डर वाली बनारसी साड़ी पहनी हुयी थी और शिवम् ने पिले रंग का कुरता और सफेद चूड़ीदार l शिवम् की नजरे तो बस सारिका से हटने का नाम ही नही ले रही थी l शिवम् भी कम स्मार्ट नहीं लग रहा था l राधिका घर पर ही रुक गयी l
सभी पूजा के लिए जैसे ही मंदिर के अंदर आये मुरारी को बाहर का रास्ता दिखा दिया ! क्युकी यहा भी पूजा जोड़े ही करने वाले थे l मुरारी घाट से बाहर आ गया और जीप के बोनट पर आकर बैठ गया l उसे आज बहुत खाली खाली लग रहा था l उसने सर झुकाया और खुद से ही कहने लगा,”साला हमरी किस्मत को तो जैसे जंग लग गया है
जिंदगी में कछु बचा ही नहीं है , आई बाबा अपने में खुस , चाचा को विधायकी से फुर्सत नहीं और चाची को चाचा से ! अनु से प्यार किया तो उह भी चली गयी छोड़कर , ले देकर एक भैया बचे थे उह भी भाभी के पीछे हो लिए !!………………..तू तो अकेला रह गया रे मुरारी , साला कटरीना भी तो नहीं है अपने पास वरना इतना अकेला महूसस नहीं ना होता “
मुरारी अभी बड़बड़ा ही रहा था की तभी उसके कानो में उसकी बाइक के आने की आवाज पड़ी l ये तो उसकी कटरीना की आवाज थी इसे भला मुरारी कैसे भूल सकता था ?
उसने गर्दन उठाकर जैसे ही सामने देखा आँखे खुली की खुली रह गयी l दिल लगा जैसे बाहर आ गिरेगा l उसकी बाइक चलाते हुए सामने से अनु आ रही थी l शॉर्ट्स और टीशर्ट में उसका बदन धुप में चांदी सा चमक रहा था l खुले बाल , आँखों पर काला चश्मा जैसे मुरारी पहनता था , गले में नारंगी गमछा , होंठो पर लाल रंग की लिपस्टिक ! मुरारी ने देखा तो बस देखता ही रह गया अनु का ये रूप उसने शायद पहली बार देखा था l
बाइक मुरारी की और ही आ रही थी l बाइक मुरारी के बिल्कुल सामने आकर रुकी l अनु बाइक से उतरी और मुरारी के सामने आकर खड़ी हो गयी उसने चश्मा उतारा और सामने टॉप पर टांग लिया l अनु उस वक्त कतई जहर लग रही थी l अनु मुरारी को देख रही थी और वहा मौजूद बनारस के सारे लौंडे अनु को !!
अनु को मुरारी के पास खड़े देखकर एक लड़का स्टाइल मारते हुए मुरारी के पास आया और अनु को देखकर कहा,”का बहुते सही माल मिला है तुमको ?
मुरारी कुछ बोलता उस से पहले ही अनु ने एक कंटाप रख के दिया लड़के के गाल पर मारकर कहा,”हरामखोर भाभी हु तेरी , और भाभी ना माँ समान होती है माल समान नहीं l चलो निकलो”
अब तक जो लोग अनु को देख रहे थे उस लड़के को थप्पड़ पड़ने के बाद एकदम से इधर उधर देखने लगे ! मुरारी ने गर्दन हल्की सी झुकाई और दाढ़ी खुजाते हुए लड़के की तरफ देखते हुए कहा,”का बेटा निकल्यो अब वरना पिटे जाओगे !
लड़के के जाते ही मुरारी ने अनु की तरफ देखा वो कातिलाना नजरो से मुरारी को ही देख रही थी मुरारी ने अपने धड़कते दिल पर हाथ रखा और मन ही मन कहा,”पता नहीं अब का बवाल करने वाली है इह बनारस में !”
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Sanjana Kirodiwal
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