Haan Ye Mohabbat Hai – 17
मीरा अक्षत को अपने हाथो से तैयार करने लगी , उन कपड़ो में वह बहुत ही आकर्षक नजर आ रहा था। मीरा ने उसके बाल बनाये जैसे अक्षत हमेशा बनाता है जेल से सेट करके , अपनी आँख से ऊँगली के किनारे पर काजल निकाला और अक्षत के कान के पीछे लगाते हुए कहा,”आपको किसी की नजर ना लगे”
“नजर कैसे लगेगी हमारी मीरा ने हमे अपने हाथो से जो तैयार किया है ? आज का दिन मेरे लिए बहुत स्पेशल है मीरा , बस एक बार मैं ये काम पापा को हेंड ओवर कर दू उसकी बाद अपनी वकालत पर ध्यान दूंगा”,अक्षत ने मीरा का चेहरा अपने हाथो में लेकर प्यार से कहा
जवाब में मीरा मुस्कुरा दी और कहा,”अब जाईये देर हो रही है आपको”
“हम्म्म अपना ख्याल रखना और हां मैं रघु के हाथ खाना भिजवा दूंगा तुम परेशान मत होना”,अक्षत ने जाते हुए कहा
“ऑल द बेस्ट”,कहकर अक्षत आगे बढ़ गया दरवाजे पर जाकर रुका और पलटकर कहा,”मीरा”
“जी”,मीरा ने कहा
“आई मिस यू”,अक्षत ने मासूम सा चेहरा बनाकर कहा
“मेरे प्यारे सडु आप जायेंगे नहीं तो मिस कैसे करेंगे ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अब जाईये”,मीरा ने अक्षत के पास आकर उसे कमरे से बाहर निकालते हुए कहा।
अक्षत तेजी से मीरा की तरफ झुका और उसकी गाल पर किस करके भागते हुए कहा,”बाय”
मीरा ने मुस्कुराते हुए अपना हाथ अपने गाल पर रख लिया और कमरे में वापस चली आयी। अक्षत निचे आया सभी घरवाले जा चुके थे बस दादू और सोमित जीजू वहा बचे थे। जैसा की तय था हर फंक्शन में सोमित जीजू अक्षत के साथ रहते थे आज भी उसके लिए रुक गए। जीजू को कोट पेंट में देखकर अक्षत ने उनके शर्ट की कॉलर ठीक करते हुए कहा,”यू लुकिंग हेंडसम जीजू , आज भी लड़किया आप पर फ़िदा हो सकती है”
“हम पत्नीव्रता है साले साहब , यहाँ दाल नहीं गलेगी लड़कियों की”,सोमित जीजू ने कहा तो अक्षत ने हामी भरी और दादू की और पलटकर कहा,”तो चले दादू ?”
“आशु बेटा मैं नहीं जा रहा , तुम और सोमित जी चले जाओ मैं घर पर ही रुकूंगा”,दादू ने कहा
“अच्छा ठीक है फिर मैं आपका और मीरा का खाना रघु के साथ भिजवा दूंगा”,अक्षत ने कहा तो दादू ने हामी भर दी और वही हॉल में बैठकर टीवी देखने लगे। अक्षत और सोमित गाड़ी से लोकेशन के लिए निकल गए। सोमित को नार्मल देखकर अक्षत को अच्छा लगा। दोनों पार्टी में पहुंचे जहा बाकि घरवाले पहले से मौजूद थे। विजय जी ने सिर्फ कुछ खास लोगो को इन्वाइट किया था , अक्षत अर्जुन के भी कुछ खास दोस्त ही पार्टी में आये थे जिनमे नवीन भी शामिल था अक्षत को देखते ही वह उसके पास आया और कहा,”क्या भाई शादी के बाद भूल गया दोस्त को ?”
“भूलता तो आज बुलाता थोड़ी”,अक्षत ने नवीन को गले लगाते हुए कहा
“अच्छा भाभी कहा है दिखाई नहीं दे रही ?”,नवीन ने अक्षत के अगल बगल देखते हुए कहा
“मीरा नहीं आयी एक्चुअली उसकी तबियत थोड़ी सी खराब है तो वो घर पर ही है”,अक्षत ने कहा
“कोई नहीं अच्छा वो मैं पूछ रहा था शुभ से बात होती है तेरी ?”,नवीन ने अक्षत के भरे हुए जख्मो को कुरेद दिया। अक्षत ने उसकी ओर देखा और कहा,”मैं किसी शुभ को नहीं जनता , तू पार्टी एन्जॉय कर मैं आता हूँ”
“सॉरी यार मैंने बस ऐसे ही पूछ लिया तुझे हर्ट करने की इंटेंशन नहीं थी मेरी”,नवीन ने कहा तो अक्षत ने उसके कंधे पर हाथ रखा और कहा,”इट्स ओके एन्जॉय कर”
कहते हुए अक्षत वहा से चला गया और अपने पापा के पास आया। विजय जी ने अपने दोस्तों से अक्षत को मिलवाया , जिस अक्षत से विजय जी को शिकायते रहती थी आज उसी अक्षत की तारीफ वे अपने सब दोस्तों के सामने कर रहे थे। अक्षत तो बस इसी में खुश था की विजय जी खुश है। विजय जी की नजर सोमित पर पड़ी तो उन्होंने उन्हें अपने पास आने का इशारा कीया। सोमित विजय जी के पास आया तो उन्होंने सोमित के कंधो पर अपना हाथ रखते हुए अपने दोस्तों से कहा,”ये हमारे घर के बड़े दामाद जी है सोमित जी”
सबने सोमित से परिचय किया , विजय जी की नजरो में अपने लिए इतना प्यार और सम्मान देखकर सोमित जीजू का दिल भर आया। अक्षत साइड में चला आया तभी अर्जुन आया और उसके कंधे पर हाथ रखकर विजय जी की और देखकर कहने लगा,”भाई मुझे आज तुझसे जलन हो रही है”
“अच्छा वो क्यों ?”,अक्षत ने कहा
“भाई पापा ने आज तक मुझे अपने दोस्तों से नहीं मिलवाया और तेरी तारीफ हो रही है उनके बीच,,,,,,,,!!”,अर्जुन ने प्यार भरी जलन के साथ कहा
“अपनी अपनी किस्मत है , वैसे आप मुझसे ज्यादा लकी हो”,अक्षत ने कहा
“कैसे ?”,अर्जुन ने हैरानी से उसकी और देखकर कहा
“बचपन से पापा आप पर मेहरबान , पापा के साथ उन्ही के बिजनेस में शिफ्ट हो गए , बिना मेहनत के लव मैरिज कर ली और चीकू जैसा क्यूट बच्चा और क्या चाहिए आपको ?”,अक्षत ने अर्जुन की अच्छी किस्मत के बारे में बताते हुए कहा
“हां ये भी सही है , अच्छा वो तू कह रहा था सिन्हा सर आने वाले है वो तो कही दिख नहीं रहे”,अर्जुन ने कहा
“अच्छा याद दिलाया मैं उन्हें फोन करके आता हूँ”,कहते हुए अक्षत पार्टी से निकलकर गेट की तरफ आया जहा शोर कम था। उसने जैसे ही सिन्हा जी को फोन लगाया उनकी गाड़ी सामने आकर रुकी। सिन्हा जी अपने पी.ए. के साथ गाड़ी से उतरे उन्हें देखकर अक्षत उनकी और आया और उनसे हाथ मिलाते हुए कहा,”वेलकम सर”
“भई अक्षत व्यास तुम्हारी बातें इतनी पसंद आयी की आज तुम्हारी पार्टी में आने से खुद को रोक नहीं पाया”,सिन्हा जी ने मुस्कुराते हुए कहा
“इट्स माय प्लेजर सर , प्लीज कम”,कहते हुए अक्षत उन्हें लेकर अंदर आया। अक्षत ने सिन्हा जी को अपने पापा और फॅमिली से मिलवाया। सबसे मिलने के बाद सिन्हा जी सामने पड़े गेस्ट सोफे पर आ बैठे उनसे कुछ ही पीछे उनका पी.ए. बैठ गया। बाकि सब भी वहा पड़े कुर्सी सोफों पर बैठ गए। घर की सभी महिलाये राधा , तनु , नीता , निधि , काव्या और कुछ अर्जुन के दोस्तों की पत्निया वहा साइड में पड़े सोफों पर आ बैठी। सिन्हा जी विजय जी को अपने साथ ही बैठने को कहा। विजय जी उनके साथ आ बैठे। सोमित अर्जुन भी एक और बैठे थे। चीकू मस्त सबके बीच घूम रहा था नीता उसे जितना पकड़कर अपने पास लाती वह फिर भाग जाता अर्जुन ने देखा तो दूर से ही इशारा किया की वह उसे घूमने दे। अक्षत सामने बने छोटे से फ्लोर पर आया जिसे पीछे की स्क्रीन परदे से ढकी हुई थी। अक्षत ने वहा रखा माइक उठाया और बोलना शुरू किया
“लेडीज एंड जेंटलमेंट आज की शाम आप सभी का मैं तहे-दिल से स्वागत करता हूँ। आज हम सब यहाँ “अमायरा” की लांचिंग के लिए इस फंक्शन में शामिल हुए है। हमारे बीच मौजूद है मिस्टर चंद्र शेखर जी सिन्हा जिन्होंने हमारी कम्पनी के कॉन्ट्रेक्ट किया है (अक्षत रुका तो सबने तालिया बजायी) अक्षत ने एक गहरी साँस ली और कहने लगा,”बचपन से ही मेरी और मेरे पापा के बीच कुछ खास अंडरस्टेंडिंग नहीं रही वजह था हमारा नजरिया , एक ही चीज को हम दोनों अलग अलग तरीके से सोचते थे और उलझ पड़ते थे इस वजह से वो मुझसे और मैं उनसे ज्यादा बात नहीं करता था। मेरे पापा ने मेरी हर ख्वाहिश पूरी की , लेकिन मैं लड़का हु और हम लड़के सीधे सीधे अपने पापा से ये कभी नहीं कह पाते की हम उनसे कितना प्यार करते है (विजय जी ने सूना तो मुस्कुरा उठे) “अमायरा” मेरे पापा का सपना था लेकिन हमारे सपने पुरे करने में इन्होने अपने उस सपने को भुला दिया , एक बेटा होने के नाते मैं उन्हें कुछ देर सकता था तो वो था उनके सपनो को लौटना , मैंने अमायरा को चुना , उनका ये सपना पूरा करना मेरी जिद मेरा जूनून बन चूका था और आज हम सब इसकी लॉन्चिंग पार्टी में है (कहते हुए अक्षत अपने पापा की और देखता है और आगे कहता है ) थैंक्यू पापा , मुझे इस काबिल बनाने के लिए और मुझे इतना प्यार देने के लिए , मैं आपसे रिक्वेस्ट करूंगा की आप यहाँ आये”
तालिया एक बार फिर बज उठी विजय जी मुस्कुराते हुए उठे और अक्षत के पास आये। अक्षत ने उनसे मिलाते हुए कहा,”कोंग्रटुलेशन मिस्टर व्यास”
विजय जी ने झूठ मुठ का अक्षत को मारने के लिए हाथ हवा में हाथ उठाया और फिर उसे अपनी और खींचकर गले लगा लिया। अक्षत साइड में हो गया उसने विजय जी से पीछे लगे परदे की डोरी खींचने को कहा। विजय जी ने डोरी खींची तो पीछे लिखा “अमायरा” का लोगो चमचमा रहा था। सबने एक बार फिर तालिया बजायी अक्षत ने माइक विजय जी को दिया तो उन्होंने माइक लिया और कहने लगे
“आज की शाम आप सबका स्वागत है , सालो पहले देखा सपना आज पूरा हुआ और इसका श्रेय जाता है मेरे दोनों बेटे अर्जुन और अक्षत को , इन दोनों ने मेरे सपने को अपना सपना समझकर पूरा किया इस से बड़ी ख़ुशी की बात और भला क्या हो सकती है , आज मैं बहुत खुश हूँ और इस ख़ुशी के मौके पर मैं एक अनाउंसमेंट करना चाहता हूँ। (ये सुनकर सभी एक दूसरे की और देखने लगे राधा को भी हैरानी हुई की विजय जी क्या कहने वाले है) मैं अपने बड़े दामाद सोमित जी को अपनी कंपनी में मैनेजर बनाने की इच्छा जाहिर करता हूँ , सोमित जी यहाँ आईये”
सोमित ने सूना तो उन्हें हैरानी हुई उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था की ऐसा कुछ होगा , विजय जी की बगल में खड़ा अक्षत मुस्कुरा रहा था जैसे वह इस सब के पीछे की वजह जानता हो
“जीजू जाईये ना”,अर्जुन ने खुश होकर कहा
सोमित उठा और विजय जी की और जाने लगा उनके पैर काँप रहे थे और दिल धड़क रहा था। विजय जी ने इतना बड़ा फैसला उन्हें बिना बताये ही कर लिया। सोमित उनके पास आया तो विजय जी ने सोमित के कंधो पर हाथ रखते हुए कहा,”ये है सोमित जी हमारी कम्पनी के मैनेजर , कल से यही इस कम्पनी को देखेंगे , रिश्ते में ये मेरे दामाद जी है लेकिन फर्ज हमेशा इन्होने एक बेटे का निभाया। हमारे सुख-दुःख , अच्छे-बुरे वक्त में हमेशा ये हमारे साथ रहे। मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूँ की ऐसे बच्चे मेरी जिंदगी में आये”
सोमित ने सूना तो उनकी आँखे नम हो गयी उन्होंने अपनी आँखे पोछी , सामने बैठी तनु ने देखा तो उसकी आँखे भी नम हो गयी लेकिन नीता ने उसके कंधे पर हाथ रखकर उसे सम्हाल लिया। विजय जी ने अर्जुन को भी बुला लिया और फिर कहा,”मेरीसच्ची दौलत ये लोग है , आज मैं बहुत खुश हूँ ,,, थैंक्यू सो मच”
रघु ने गार्डन में रखा बड़ा सा रॉकेट छुड़ाया जो की आसमान मे बहुत ही खूबसूरत नज़ारे के साथ फटा। उसके बाद सभी पार्टी इंजॉय करने लगे। विजय जी सिन्हा जी को बाकि घरवालों और दोस्तों से मिलवाने लगे। अर्जुन रघु के पास आया और उसके साथ रॉकेट वगैरह जलाने में उसकी मदद करने लगा। अक्षत ने रघु को अपने पास बुलाकर उसे दादू और मीरा के लिए घर खाना ले जाने को कहा। रघु चला गया , अक्षत तो खुद जाना चाहता था लेकिन मजबूर था खैर अर्जुन के साथ मिलकर वह भी रॉकेट जलाने लगा। अच्छा कानो को सुहाने वाला म्यूजिक चल रहा था , विजय जी और उनके दोस्तों ने अपनी अलग ही मण्डली जमा रखी थी। सिन्हा जी अक्षत के घरवालों से मिलकर काफी प्रभावित हुए उन्होंने एक जूस का गिलास लिया और वहा घूमते हुए सब नजारे देखने लगे। उन्होंने दिल्ली में कई पार्टीज अटेंड की थी पर ऐसा अच्छा माहौल कही नहीं देखा था। सिन्हा जी अभी टहल रहे ही थे की उनका फोन बजा उन्होंने फोन निकाला विडिओ कॉल पर निहारिका थी और कह रही थी,”हे डेड , मैं अपनी दोस्तों के साथ आज रात में पेरिस जा रही हूँ”
सिन्हा जी ने निहारिका की बात पर कोई ध्यान नहीं दिया और उसे आसमान दिखाते हुए कहा,”ये देखो कितना ब्यूटीफुल है , रुको तुम्हे यहाँ की पार्टी दिखाता हूँ” कहते हुए उन्होंने कैमरा चारो और घुमाना शुरू किया जिसे देखने में निहारिका को कोई इंट्रेस्ट नहीं था उसने कहा,”डेड प्लीज स्टॉप दिस,,,,,,,,,,,,,,,,!!” कहते हुए उसकी नजर अपने फोन की स्क्रीन पर पड़ी जिसमे कुछ ही दूर खड़ा उसे अक्षत दिखाई दिया और उसने चौंककर कहा,”हे डेड वेट”
सिन्हा जी ने केमेरा उसी एंगल में रखा निहारिका ने देखा वो अक्षत ही था , वही लड़का जो होटल के बाहर उस से टकराया था। वह ख़ुशी से उछल पड़ी। कुछ देर तक वह अपलक अक्षत को देखते रही और फिर फोन कट कर दिया। अक्षत का चेहरा उसकी आँखों के सामने घूम गया , व्हाइट टीशर्ट और ब्लैक ब्लेजर में वो काफी स्मार्ट लग रहा था। निहारिका ने अपना फोन बिस्तर पर फेंका और खुद भी पीठ के बल बिस्तर पर आ गिरी और कहा,”आई लाइक हिम”
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संजना किरोड़ीवाल