Haan Ye Mohabbat Hai – 16
सोमित मीरा के साथ चाइल्ड होम के लिए निकल गया और कही न कही अखिलेश को ये बात पसंद नहीं आयी। अक्षत ने अमायरा प्रोजेक्ट के लिए नया ऑफिस तैयार करवा लिया था बस उसे फाइनल टच देना बाकि था इसलिए तैयार होकर वह भी ऑफीस लोकेशन पर पहुंचा। अक्षत ने जैसा चाहा था ऑफिस बिल्कुल वैसा ही था। खुली जगह में 7 केबिन और एक बड़े हॉल के साथ , ऑफिस के बांयी और सीढ़ियों की तरफ ऑफिस का मेन रूम था। खूबसूरत पोधो वाले गमले , हल्का नीले और सफेद रंग की दीवारे , डेकोरेशन सब बहुत खूबसूरत था। सब देखते हुए अक्षत मेन रूम में आया जिसकी दिवार पर एक बड़ा सा “A” लोगो बना हुआ था और उसे एक चौथाई गोल्डन रंग की 5 इंच की प्लेट से गोल कवर किया हुआ था। लोगो के नीचे खूबसूरत अक्षरों में “अमायरा” लिखा हुआ था। उसी दिवार के बिल्कुल सामने बड़ा सा टेबल था और उसके साथ एक बहुत ही आरामदायक कुर्सी रखी थी। ऑफिस की खिड़की पर परदे लगे हुए थे और लगाकर एक सोफा रखा हुआ था। अक्षत को वह ऑफिस रूम पसंद आया और वह दिवार पर लगे लोगो के पास चला आया , अक्षत ने अपने जेब से रुमाल निकाला और उसे साफ करते हुए अपने साथ खड़े आदमी से कहा,”मेहरा जी सब काम बहुत पर्फेक्टली हुआ है , इस हफ्ते अमायरा के लॉन्च को लेकर एक छोटी सी पार्टी रखते है उसके बाद काम शुरू कर देंगे”
“हां अक्षत बाबू जैसा आपको ठीक लगे”,मेहरा जी ने कहा
“मेहरा जी एक काम कीजिये इस ऑफिस में जिस जिस स्टाफ की जरूरत है उसकी एक लिस्ट बनाइये और कल पेपर में एक ऐड दिलवा दीजिये , मैनेजर की पोस्ट छोड़ दीजियेगा”,अक्षत ने कहा तो मेहरा जी ने पूछा,”मैनेजर की जरूरत तो इस कम्पनी को सबसे पहले होगी ना अक्षत बाबू”
“मेहरा जी इस कम्पनी को चलाने के मेरे पास एक बहुत ही काबिल मैनेजर है आप बस बाकी स्टाफ अरेजमेंट करवा दीजिये”,अक्षत ने कुछ कुछ सोचते हुए कहा।
“ठीक है जैसा आप कहे , आप कुछ लेंगे चाय कॉफी ?”,मेहरा जी ने पूछा
“अरे नहीं मेहरा जी मुझे अभी निकलना है”,कहते हुए अक्षत वहा से चला गया।
संडे का दिन था और कोर्ट वगैरह भी बंद थे। अक्षत ने दिल्ली कोर्ट के जज की मदद से हमेशा के लिए अपना ट्रांसफर इंदौर सिविल कोर्ट में करवा लिया। इंदौर कोर्ट में सारा काम होने में एक हफ्ते का टाइम लगना और तब तक अक्षत फ्री था। ऑफिस से निकलकर अक्षत घर की और जाने लगा रास्ते ने उसने बाइक एक शॉप पर रोकी और चीकू काव्या के लिए चॉकलेट्स लेकर वापस चला आया। अक्षत ने बाइक स्टार्ट की और घर आ गया।
मीरा सोमित के साथ चाइल्ड होम पहुंची , सोमित को चाइल्ड होम देखने का कहकर मीरा ऑफिस में चली गयी जहा दो लोग पहले से ही बैठे उसका इंतजार कर रहे थे। सोमित चाइल्ड होम में घूमकर देखने लगा , कुछ छोटे छोटे बच्चे वहा खेल रहे थे , कुछ बैठकर पढाई कर रहे थे , कुछ झूला झूल रहे थे। उन्हें देखते हुए एक प्यारी सी मुस्कान सोमित के होंठो पर तैर गयी। सबसे खूबसूरत बात ये थी की वहा हर बच्चे के चेहरे पर मुस्कान थी और सब खुश थे। सोमित चला जा रहा था की दो बच्चे भागते हुए आया और एक सोमित के पीछे छुप गया दूसरे बच्चे ने देखा तो कहा,”देखो मोनू बाहर आ जाओ वरना हम मीरा दीदी से शिकायत कर देंगे”
सोमित ने सूना तो मुस्कुरा उठा और कहा,”बच्चो ये बताओ भाग क्यों रहे हो आप दोनों ?”
“अंकल इसने ना मेरी ड्राईंग खराब कर दी ये बहुत शैतान है”,सामने खड़े बच्चे ने कहा तो सोमित ने अपने पीछे खड़े बच्चे को पकड़कर आगे करते हुए पूछा,”आपने इनकी ड्रॉईंग खराब की ?”
“नहीं अंकल मैंने जान बूझकर नहीं किया”,पहले लड़के ने कहा
“अगर आपने जान बूझकर नहीं किया तो फिर सॉरी बोलो इसे”,सोमित ने कहा तो लड़के ने उसे सॉरी कहा और सामने वाले लड़के ने तुरंत माफ़ भी कर दिया और दोनों हँसते मुस्कराते साथ साथ चल पड़े। सोमित वहा से निकलकर बाहर लॉन की ओर चला आया। कुछ देर बाद मीरा भी उनके पास चली आयी और कहा,”माफ़ करना जीजू वो थोड़ा सा टाइम लग गया , आप बोर तो नहीं हो रहे ना ?”
“तुम बहुत अच्छा काम कर रही हो मीरा , इन बच्चो के चेहरों पर जो ख़ुशी है वो तुम्हारी वजह से है ,, आई ऍम प्रॉउड ऑफ़ यू”,सोमित ने कहा तो मीरा मुस्कुरा उठी और कहने लगी,”अक्षत जी और घरवालों ने हमे सब कुछ दिया है कोई कमी नहीं रखी। हमारे पापा की तरफ से भी बहुत सारी जायदाद और पैसा मिला लेकिन ये हमारे किस काम का , इसलिए इन्हे बच्चो के लिए खर्च करना सही समझा , हम नहीं चाहते इनका बचपन भी हमारी तरह गुजरे”
“हम्म तुम बहुत अच्छी हो मीरा”, सोमित ने आँखों पर लगा अपना चश्मा निकाला और जैसे ही उसे अपनी शर्ट से साफ करने लगे मीरा ने कहा,”जीजू हमे दीजिये”
मीरा ने सोमित के हाथ से चश्मा लिया और अपने दुप्पटे के सॉफ्ट कॉर्नर से साफ करके वापस सोमित की और बढ़ा दिया। सोमित ने चश्मा लेकर लगा लिया। कुछ देर मीरा और सोमित खामोश बैठे बच्चो को देखते रहे और फिर मीरा ने कहा,”जीजू घर चले ?”
“हम्म्म हां चलो”,कहते हुए सोमित उठा और मीरा के साथ चल पड़ा। चलते चलते एक 5 साल की छोटी सी बच्ची मीरा के सामने आकर खड़ी हो गयी , मीरा ने देखा तो बच्ची ने उसे निचे झुकने का इशारा किया , मीरा घुटनो के बल उसके सामने आ बैठी तो बच्ची ने उसके गाल पर किस किया और कहा,”मीरा दीदी आप रोज यहाँ क्यों नहीं आते हो ?”
मीरा ने उसके गाल पर वापस किस किया और कहा,”अब से हम रोज आएंगे”
“प्रॉमिस !”,बच्ची ने अपना हाथ आगे बढाकर कहा तो मीरा ने अपना हाथ उसके नाजुक से हाथ पर रखते हुए कहा,”प्रॉमिस”
बच्ची खिलखिलाने लगी और फिर वापस जाकर अपने दोस्तों के साथ खेलने लगी। मीरा ने ड्राइवर को आवाज दी तो अखिलेश आया और कहा,”मैडम मैं छोड़ आता हूँ आपको”
“नहीं अखिलेश जी आप परेशान मत होईये हम ड्राइवर के साथ चले जायेंगे”,मीरा ने कहा तो अखिलेश ने हामी भर दी और वहा से चला गया। ड्राइवर ने गाड़ी निकाली मीरा और जीजू आकर गाडी में पिछली सीट पर बैठ गए। ड्राइवर ने गाड़ी आगे बढ़ा दी
मीरा पीछे छूटते रास्तो को देखे जा रही थी। सोमित ने कहा,”मीरा एक बात बताओ इतने बच्चो में सिर्फ उस बच्ची ने तुम्हे आकर किस क्यों किया ? कुछ खास बात है उसमे ?”
मीरा मुस्कुराई और कहा,”जीजू उसका नाम हमारी माँ के नाम पर है “सावित्री” इसलिए उसे हमसे और हमे उस से प्यार है”
“हम्म्म वैसे उस दिन तुम्हारे पापा से मिला था मैं काफी रौबदार इंसान है और बहुत सॉफ्ट हार्टेड भी”,जीजू ने कहा
“एक ही शहर में रहते हुए भी हम उनसे मिल नहीं पा रहे है , कोशिश करेंगे इस हफ्ते जाकर उनसे मिले”,मीरा ने कहा
“आशु भी यही है तुम दोनों ही चले जाओ , वैसे भी वो बता रहा थी कोई कोर्ट सेशन शुरू होते होते अभी एक हफ्ता लग जाएगा”,सोमित ने कहा तो मीरा ने हाँ में गर्दन हिला दी।
कुछ देर बाद दोनों घर पहुंचे ड्राइवर बाहर से ही वापस चला गया। मीरा और सोमित अंदर आये अक्षत भी घर आ चुका था और खाना खाकर ऊपर चला गया। मीरा और सोमित को देखते ही राधा ने कहा,”आ गए आप दोनों चलो चलकर पहले खा खाओ”
“जीजू आप चलिए हम आते है”,कहकर मीरा सीढ़ियों की और बढ़ गयी। ऊपर आयी तो देखा अक्षत , निधि , और काव्या बैठकर कैरम खेल रहे थे। मीरा अक्षत के पास आयी और प्यार से उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”खाना खाया आपने ?”
“हाँ मैंने खा लिया तुम खा लो”,अक्षत ने मीरा की ओर देखकर कहा और वापस गेम में लग गया। कमरे में आकर मीरा ने फोन चार्जिंग पर लगाया और फिर हाथ मुंह धोकर नीचे चली आयी। तनु ने खाना नहीं खाया था इसलिए राधा ने उसे भी आकर खाना खाने को कहा। मीरा और सोमित पहले से डायनिंग पर मौजूद थे सोमित को हँसता मुस्कुराता देखकर तनु को थोड़ा अच्छा लगा। वह भी आकर सोमित और मीरा के साथ बैठकर खाना खाने लगी। तनु और सोमित को हँसते मुस्कुराते देखकर राधा को अच्छा लगा उसने मीरा की और देखा तो मीरा ने पलके झपकाकर उन्हें आश्वस्त कर दिया। खाना खाने के बाद सोमित अपने कमरे में चला गया और तनु राधा के साथ उनके कमरे में चली आयी। मीरा भी सब काम खत्म करके ऊपर चली आयी तो अक्षत ने कहा,”मीरा आओ ना कैरम खेलते है”
“नहीं अक्षत जी आप लोग खेलिए हमे थोड़ा काम है”,मीरा ने कहा
“तबियत तो ठीक है ना तुम्हारी ?”,अक्षत ने पूछा
“हां हम ठीक है”,मीरा ने कहा तो अक्षत कुछ देर उसे देखता रहा और फिर उसे जाने का इशारा किया मीरा अपने कमरे में चली गयी।
ख़ुशी ख़ुशी एक हफ्ता निकल गया। विजय जी से बात करके अक्षत ने अमायरा की एक छोटी सी लॉन्च पार्टी पास ही एक होटल में ही रखी। उसने चंद्रशेखर सिन्हा को भी फोन करके इन्वाइट किया अक्षत की किस्मत इन दिनों काफी अच्छी थी किसी मीटिंग के सिलसिले में सिन्हा जी इंदौर आने वाले थे उन्होंने अक्षत के इन्विटेशन को भी हाँ कह दिया। शाम की पार्टी के लिए विजय जी ने बस कुछ खास लोगो को इन्वाइट किया।
उसी शाम दिल्ली में –
“डेड आप कही जा रहे है ?”,निहारिका ने अपने पापा के रूम में आते हुए कहा
“हां बेटा कल सुबह इंदौर में एक मीटिंग है और आज शाम एक लॉन्चिंग पार्टी है”,चंद्रशेखर ने तैयार होते हुए कहा। निहारिका उनके सामने आयी और उनकी टाई सही करते हुए कहने लगी,”डेड जब देखो तब बस काम काम काम मेरे लिए तो आपके पास टाइम ही नहीं है , कितना वक्त हो गया हमने साथ बैठकर खाना तक नहीं खाया है”
“आई ऍम सो सॉरी माय डार्लिंग , ये सब मैं तुम्हारे लिए ही तो कर रहा हूँ ,,,,,,,,,,,, इस वीकेंड हम पक्का किसी ट्रिप पर चलेंगे”,सिन्हा जी ने प्यार से निहारिका से कहा
“रहने दो डेड आप फिर भूल जायेंगे”,निहारिका ने मुंह बनाकर कहा
“हे नेहु तुम एक काम क्यों नहीं करती मेरे साथ इंदौर चलो , वहा बहुत अच्छी जगह है घूमने के लिए”,सिन्हा जी ने कहा
“ओह्ह कम ऑन डेड मैं निहारिका सिन्हा ऐसे छोटे शहर घूमूंगी नो वे , मुझे अपने दोस्तों के साथ घूमने पेरिस जाना है”,निहारिका ने वहा पड़े सोफे पर बैठते हुए कहा
“ओके एज यू विश , मैं निकलता हूँ मेरी फ्लाइट है अपना ख्याल रखना”,कहते हुए सिन्हा जी ने निहारिका के सर को चूमा और वहा से चले गए। निहारिका भी अपने कमरे में चली आयी और फोन पर अपने दोस्तों के साथ पेरिस जाने का प्लान बनाने लगी
लॉन्चिंग की पार्टी में सभी घरवाले शामिल होने वाले थे। अक्षत सोमित के लिए एक कोट पेंट लेकर आया और उन्हें देकर कहा,”आज शाम में आप ये पहनेंगे”
“लेकिन,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,जीजू ने कहना चाहा तो अक्षत ने बात बीच में काटते हुए कहा,”लेकिन वेकिन कुछ नहीं बस पहनना है” कहकर अक्षत वहा से चला गया। मीरा की तबियत कुछ खराब थी इसलिए उसने आने से मना कर दिया , अक्षत ने देखा तो मीरा से कहा,”मीरु पार्टी केंसल कर देते है”
“नहीं अक्षत जी सिर्फ हमारे लिए पार्टी केंसल करना अच्छा नहीं लगेगा , आप जाईये और पार्टी अटेंड कीजिये”,मीरा ने प्यार से अक्षत का हाथ अपने हाथो में
“आर यू स्योर ?”,अक्षत ने पूछा
“हम्म्म”,मीरा ने कहा तो अक्षत उसके पास से उठा कबर्ड से कपडे निकाले। ब्लैक पेण्ट वाइट टीशर्ट और ब्लैक ब्लेजर ,, उन्हें पहनकर अक्षत मीरा के सामने आया और कहा,”ये ठीक है”
“हम्म्म , रुकिए हम आपको तैयार कर देते है”,कहते हुए मीरा उठी और अक्षत के पास आयी
“मीरा तुम आराम करो तबियत ठीक नही है तुम्हारी”,अक्षत ने कहा
“इतनी भी खराब नहीं है चलिए इधर आईये”,कहकर मीरा अक्षत को आईने के सामने ले आयी और अपने हाथो से उसे तैयार करने लगी। अक्षत बस प्यार से उसे देखे जा रहा था।
Haan Ye Mohabbat Hai – 16 Haan Ye Mohabbat Hai – 16 Haan Ye Mohabbat Hai – 16 Haan Ye Mohabbat Hai – 16 Haan Ye Mohabbat Hai – 16 Haan Ye Mohabbat Hai – 16 Haan Ye Mohabbat Hai – 16 Haan Ye Mohabbat Hai – 16 Haan Ye Mohabbat Hai – 16 Haan Ye Mohabbat Hai – 16 Haan Ye Mohabbat Hai – 16 Haan Ye Mohabbat Hai – 16 Haan Ye Mohabbat Hai – 16 Haan Ye Mohabbat Hai – 16 Haan Ye Mohabbat Hai – 16 Haan Ye Mohabbat Hai – 16 Haan Ye Mohabbat Hai – 16 Haan Ye Mohabbat Hai – 16 Haan Ye Mohabbat Hai – 16 Haan Ye Mohabbat Hai – 16 Haan Ye Mohabbat Hai – 16 Haan Ye Mohabbat Hai – 16 Haan Ye Mohabbat Hai – 16 Haan Ye Mohabbat Hai – 16 Haan Ye Mohabbat Hai – 16 Haan Ye Mohabbat Hai – 16 Haan Ye Mohabbat Hai – 16 Haan Ye Mohabbat Hai – 16
क्रमश: – हाँ ये मोहब्बत है – 17
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संजना किरोड़ीवाल