Manmarjiyan – S54
वेदी गुड्डु से झूठ बोलकर चली गयी पर गुड्डु ने जब थोड़ी देर बाद शालू को अपने घर के बाहर देखा तो थोड़ा हैरान हुआ । गुड्डु नीचे आया अपनी बाइक स्टार्ट की और वहां से निकल गया । गुड्डु ने वेदी को फोन मिलाया तो उसका फ़ोन बन्द आ रहा था । गुड्डु को अब वेदी की परवाह होने लगी थी । गुड्डु बाइक लेकर आगे बढ़ गया ।
वेदी दीपक की बताई जगह पर पहुँची । दीपक उसे कैफे के बाहर ही मिल गया । उसे देखते ही वेदी उसके पास आई और कहा,”कहा थे तुम इतने दिन पता है कितने फोन मैसेज किये हमने तुम्हे पर तुमने कोई जवाब नही दिया”
“वेदी अंदर चलो मैं तुम्हे सब बताता हूं”,कहते हुये दीपक ने वेदी का हाथ पकड़ा और उसके साथ कैफे में चला आया । अंदर आकर दोनों एक टेबल पर आ बैठे । वेदी का दिल जोरो से धड़क रहा था कि आखिर ऐसा क्या बताने वाला था दीपक ।
दीपक कुछ देर शांत रहा और फिर उसे कानपुर से जाने से लेकर अपनी शादी तक कि सारी बात बता दी । वेदी ने जैसे ही सुना उसका दिल एकदम से टूट गया । उसकी आँखों से आँसू बहने लगे वह कुछ बोल ही नही पाई । उसने कभी सोचा नही था कि दीपक उसके साथ ऐसा करेगा । सच जानकर वेदी जाने के लिए जैसे ही उठी दीपक एकदम से उसके सामने आ गया और कहा,”वेदी मैं समझ सकता हूं इस वक्त ये सब जानकर तुम पर क्या गुजर रही होगी लेकिन मेरा यकीन करो मैं मजबूर था । पापा जिस कंडीशन में थे उस कंडीशन में उनकी बात मानने के अलावा मेरे पास और कोई रास्ता भी नही था , मैं क्या करता वेदी ?”
“तुम उन्हें सच बता सकते थे और वंदना आंटी,,,,,,,,,,वो तो हमारे बारे में सब जानती थी ना दीपक फिर उन्होंने कुछ क्यो नही कहा ? हम यहां दिन रात तुम्हारे बारे में सोचते रहे तुम्हारा इन्तजार करते रहे और तुमने शादी कर ली एक बार भी हमारे बारे में नही सोचा , हमारे साथ ऐसा क्यों किया दीपक हमारा दिल क्यो तोड़ा तुमने ?”,वेदी ने आँखों मे आँसू भरते हुए कहा ।
दीपक और वेदी आपस मे बात कर ही रहे थे कि गोलू वहां पिंकी के साथ आया । दोनों आकर एक टेबल पर बैठ गए उस वक्त गोलू की पीठ वेदी की तरफ थी इसलिए वह उसे देख नही पाया था और पिंकी इतनी टेंशन में थी की वह फिलहाल कुछ देखना नही चाहती थी । गोलू ने पिंकी को परेशान देखा तो कहा,”का बात है पिंकिया इतना जल्दी में काहे बुलाई हो हमे सब ठीक है ना ?”
“कुछ ठीक नही है गोलू”,पिंकी ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“जे बताओ हुआ का है ?”,गोलू ने पिंकी के हाथ को अपने हाथ मे लेकर कहा
“महीना नही हुआ है हमको”,पिंकी ने कहा तो गोलू असमझ की स्तिथि में पिंकी का चेहरा देखने लगा और कहा,”मतलब ?”
“मतलब जे की महीना नही हुआ है हमको , मतलब पीरियड”,पिंकी ने खीजते हुए कहा
“तो इसमें इतना परेशान काहे हो रही हो ?”,गोलू ने कहा जिसे शायद पीरियड्स के बारे में ज्यादा नही पता था ।
“गोलू समझ आ भी रहा है हम क्या कह रहे है ? एक लड़की के लिए महीना नही आने का मतलब होता है कि वो प्रेग्नेंट है”,पिंकी ने कहा तो गोलू का दिमाग एक दम से बंद हो गया वह कुछ पल के लिए चुप हो गया और फिर एकदम से कहा,”मतलब तुमहू पेट से हो ?”
“पता नही पर हमारा महीना नही हुआ है मतलब हो भी सकते है”,पिंकी ने कहा । पीछे बैठे लड़को में एक लड़का अपना फोन देख रहा था कि उसके फोन में गाना बजने लगा,”#डे लग गए , #डे लग गए”
ये गाना इस वक्त गोलू की कंडीशन से पूरा मैच हो रहा था वह पलटा ओर गुस्से से कहा,”बन्द करो यार दिखाई नही दे रहा लड़की बैठी है साथ मे , बात कर रहे है”
गोलू के कहने से लड़के ने फोन बंद कर दिया उन्हें शांति से बैठने का कहते हुए गोलू वापस पिंकी की तरफ़ मुड़ा और कहा,”अच्छा तो तुम कह रही थी कि तुम प्रेग्नेंट हो ?”
“है नही गोलू पर हो सकते है , चेक नही किया है अभी हमने”,पिंकी ने खीजते हुए कहा
गोलू की आँखों के सामने पार्टी वाली रात के सारे सीन एक साथ घूम गए । उसका दिल कर रहा था जमीन पर बैठ जाये और पैर पटक पटक कर रोये ओर भगवान से पूछे,”इतनी चरस वो भी एक बंदे की जिंदगी में , क्यों भगवान क्यों ?”
गोलू को खोया हुआ देखकर पिंकी ने कहा,”गोलू मुझे तो बहुत डर लग रहा है अगर घर मे किसी को पता चल गया तो पता नही क्या होगा ? अब तुम ही कुछ कर सकते हो”
“हम का करेंगे पिंकिया अब तो सुताई होगी हमाई उह भी नीम वाली सन्टी से”,गोलू बड़बड़ाया
“क्या बोल रहे हो गोलू कुछ समझ नही आ रहा है”,पिंकी ने कहा तो गोलू ने उसका हाथ थामा और कहा,”जे सब हमाई वजह से हुआ अब हमहि कुछो……………..!”
कहते हुए गोलू ने जैसे ही साइड में देखा उसकी नजर वहा खड़ी वेदी पर चली गयी वेदी को वहां किसी अनजान लड़के के साथ देखकर गोलू थोड़ा हैरान था उसने पिंकी से कहा,”हमे न कुछो जरूरी काम है अभी तुम घर जाओ हम मिलते है तुमसे बाद में”
“लेकिन हमारा महीना ?”,पिंकी ने उठते हुए कहा तो गोलू ने उसे दूसरे दरवाजे तक छोड़ते हुये कहा,”अरे तो एक दिन में कौनसा डिलीवरी हो जाएगी तुम्हायी , तुम चलो यार हम मिलते है और हा कल सुबह चलते है हॉस्पिटल”
पिंकी को वहां से भेजकर गोलू वापस आया तो देखा वेदी और वो लड़का वहां नही है गोलू ने इधर उधर नजर दौड़ाई तो पाया कि दोनों बाहर जा रहे है । गोलू ने जेब से फोन निकाला और गुड्डु को लगाया
(अब पाठकों को लगेगा कि गुड्डु के पास फोन कहा से आया , गुड्डु के घर पर लोकल फोन होगा जिस से वेदी को फोन करने के लिए वह लेकर आया था जे वही फोन था और गोलू ने भी घरवाले फोन पर ही फोन किया जो कि आज गुड्डु के पास था)
गोलू का नाम देखकर गुड्डु ने फोन उठाया और कहा,”हाँ गोलू”
“भैया अभी कहा हो ?”,गोलू ने कैफे से बाहर निकलते हुए कहा
“यही चौक के पास है गोलू बताओ का हुआ ?”,गुड्डु ने कहा
“चौक के बगल में जो कैफे है वहा पहुंचो तुरन्त अर्जेंट है”,कहकर गोलू ने फोन काट दिया और सामने वेदी को मनाते दीपक के पास आया और कहा,”हाँ भई का मेटर है ?”
गोलू को वहां देखते ही वेदी के चेहरे पर हवाईयां उड़ने लगी । दीपक गोलू को नही जानता था इसलिए कहा,”आपको क्या दिक्कत है हम आपस मे बात कर रहे है ?”
“साले बहन है जे हमाई”,कहते हुए गोलू ने दीपक की कॉलर पकड़ ली इतने में गुड्डु भी चला आया । दीपक को वेदी के साथ देखकर
गुड्डु को गुस्सा आ गया वह उसकी तरफ आया ओर गोलू को साइड कर दीपक की कॉलर पकड़ते हुए कहा,”साले कहा था ना हमने तुमसे की हमाई बहन से दूर रहना”
“गुड्डु यार मेरी बात सुनो मैं यहां सिर्फ वेदी से…………!”,दीपक बस इतना ही कह पाया कि गुड्डु ने एक घुसा दीपक को मारा और कहा,”साले नाम मत लेना अपनी जुबान से वेदी का , तुमको का लगा था तुम इसको बहला फुसला कर मना लोगे ओर जे फिर से तुम्हायी बातों में आजायेगी , तुम पहले ही इसका भरोसा तोड़ चुके हो अब फिर से नही तोड़ने देंगे बेटा”
गोलू को माजरा कुछ कुछ समझ आ रहा था । वह वेदी के पास आया तो वेदी ने गोलू से कहा,”गोलू भैया , गुड्डु भैया को रोकिए ना वो दीपक को ना मारे”
“अरे मारने दो साले को जरूर कुछो कांड किया होगा इसने तभी ना मार रहे है”,गोलू ने दाँत खुजाते हुये कहा
वेदी ने देखा गोलू मदद नही कर रहा है तो वह खुद गुडडू के पास आई और कहा,”गुड्डु भैया रुक जाईये , इसे ऐसे मत मारिये”
“नही वेदी तुमहू नही जानती जे कितना बड़ा हरामी है इसने जो किया उसके लिए हम तो का तुम भी कभी माफ नही करोगी”,गुड्डु ने वेदी की तरफ पलटकर कहा । दीपक उठा और गुड्डु के पास आकर कहा,”गुड्डु भैया एक बार हमारी बात तो सुन लीजिए”
“साले तुम्हे तो हम…………!”,कहते हुए गुड्डु जैसे ही दीपके की और जाने लगा वेदी ने गुड्डु की बांह पकड़के उसे रोक लिया और कहा,”हम सच जानते है भैया”
वेदी की बात सुनकर गुड्डु ने जैसे ही वेदी की तरफ देखा उसकी आंखों में भरे आंसुओ ने गुड्डु को पिघला दिया । वेदी ने गुड्डु को सारी बाते बता दी और कहा,”हम जानते है दीपक की शादी हो चुकी है और ये यहां सिर्फ हमसे माफी मांगने आया है , इसने कहा कि ये मेरे लायक नही है मैं किसी अच्छे लड़के से शादी करके अपनी जिंदगी बिताऊँ ओर इसे बुरा सपना समझकर भूल जाऊं”
वेदी की बात सुनकर गुड्डु ने दीपक की तरफ देखा तो दीपक उसके पास आया और हाथ जोडते हुए कहा,”मैने जो वेदी के साथ किया उसकी सजा मुझे मिल चुकी है , आप गलत नही हो गुड्डु भैया आपकी जगह कोई भी भाई होता तो शायद यही करता । मैं वेदी की जिंदगी से हमेशा हमेशा के लिए चला जाऊंगा , बस जाने से पहले आपसे और वेदी से माफी मांगता हूं उम्मीद है आप दोनों मुझे माफ़ कर देंगे”
गुड्डु सुना तो उसे बहुत बुरा लगा । दीपक को वह अब तक गलत समझ रहा था लेकिन दीपक ने जो किया उसमे उसकी कोई गलती नही थी अक्सर लड़के अपने माँ बाप की इज्जत के लिए झुक जाते है और दीपक ने भी वही किया । दीपक चला गया , इतना सब होने और दीपक का सच जानने के बाद वेदी का मन भारी जो गया और वह रो पड़ी । गुड्डु ने देखा तो वेदी को अपने सीने से लगाया और उसका सर सहलाते हुए कहने लगा,”हम तुम्हे ये बहुत पहले ही बताने वाले थे लेकिन तुम्हे खुश देखकर बताने का दिल नही किया । दीपक तुम्हारे लायक नही था दीपक से भी अच्छा लड़का हम तुम्हारे लिए ढूंढेंगे ।”
“आई एम सॉरी भैया”,वेदी ने कहा तो गुड्डु ने उसे कसकर गले लगा लिया और कहा,”नही रे पगली तू काहे सॉरी बोल रही है , हमाई बहन बहुते अच्छी है हमे तुम पर पूरा भरोसा है चल आजा घर चलते है”
गोलू को घर जाने का बोलकर गुड्डु वेदी के साथ अपनी बाइक से घर के लिए निकल गया । उसकी आँखों में नमी तैर गयी और मन मे एक चुभन का अहसास होने लगा । वेदी के दर्द को वह अच्छे से महसूस कर सकता था क्योंकि कभी तो दिल उसका भी टूटा था ।
क्रमशः manmarjiyan-s55
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संजना किरोड़ीवाल