Manmarjiyan – S51
Manmarjiyan – S51
प्रीति की सगाई का फंक्शन शुरू हो चुका था सभी आ चुके थे। गुड्डू के आने से गुप्ता जी को लगा की गुड्डू को सब याद आ चुका है इसलिए वे उसे पहले की तरफ ही दामाद जी कहकर बुला रहे थे वही गुड्डू को लगा की गोलू की कहानी की वजह से सब उसे दामाद जी बुला रहे है और उसे इस बात से कोई खास फर्क भी नहीं पड़ रहा था लेकिन जब पारस को शगुन के साथ देखा तो थोड़ी जलन की भावना उसके मन में हुई। गुड्डू ने पारस से ज्यादा बात नहीं की और सगाई वाली जगह पर चला आया। वह प्रीति के पास ही खड़ा था जैसे ही नजर पारस पर पड़ी देखा वह शगुन को ही देख रहा है तो गुड्डू ने फुसफुसाते हुए प्रीति से कहा,”वो लड़का कौन है ?”
प्रीति ने पारस को देखा और फिर मुस्कुराकर गुड्डू से कहा,”वो दी के फ्रेंड है पारस भैया”
“हुंह फ्रेंड,,,,,,,,,,,,,,हमे तो न बनाया कभी इतना क्लोज फ्रेंड”,गुड्डू ने शगुन की तरफ देखते हुए मन ही मन कुढ़ते हुए कहा। कुछ देर बाद अंगुठी पहनाने की रस्म शुरू हुई तो गुड्डू को याद आया की उसकी अंगूठी भी उस रात बिस्तर के नीचे चली गयी थी। वह चुपचाप खड़ा सगाई का फंक्शन देख रहा था। पास ही में गोलू खड़ा अपनी और पिंकी की सगाई को इमेजिन करते हुए सोचने लगा,”बस इस बार कानपूर जाकर पिंकी के पापा से शादी की बात कर लेंगे , अब नहीं रहा जाता यार उसके बिना”
वेदी शगुन के पास खड़ी प्रीति और रोहन को देखकर खुश हो रही थी उसे खुश देखकर शगुन ने कहा,”जल्द ही तुम्हारी जिंदगी में भी ये पल आने वाला है”
“हाँ भाभी आपको पता है गुड्डू भैया ने भी परमिशन दे दी है अपनी तरफ से”,वेदी ने सामने देखते हुए कहा
“क्या ? उन्हें पता है दीपक के बारे में ?”,शगुन ने हैरानी से कहा
“हाँ भाभी और सबसे अच्छी बात जे है की भैया हमारी भावनाओ को समझा उन्होंने कहा की वो खुद पिताजी से इस बारे में बात करेंगे”,वेदी ने शगुन की तरफ देखते हुए कहा तो शगुन मुस्कुरा दी और सामने खड़े गुड्डू को देखते हुए मन ही मन कहने लगी,”बस ऐसे ही एक बार मेरी फीलिंग्स को भी समझ लीजिये ना गुड्डू जी , आपके लिए मेरे दिल में कितना प्यार है बस एक बार दिखाने दीजिये”
गुड्डू ने जैसे ही शगुन की तरफ देखा शगुन का दिल धड़क उठा वह दूसरी तरफ देखने लगी लेकिन जब फिर से नजरे गुड्डू पर गयी तो पाया की गुड्डू अभी भी उसे ही देख रहा है , इसके बाद दोनों एक दूसरे की आँखों में देखने लगे उन्हें किसी की परवाह नहीं थी बस एक दूसरे की आँखों में ना जाने क्या खोजना चाह रहे थे।
“इतना काहे घूर रहे हो गुड्डू भैया तुम्हायी है ?”,गोलू ने फुसफुसाते हुए कहा तो गुड्डू की तंद्रा टूटी और उसने शगुन ने नजर हटाते हुए कहा,”हम हम कहा घूर रहे है हम तो बस ऐसे ही”
“चलो चलते है सगाई कब की हो चुकी , वहा हॉल में डांस प्रोग्राम है”,गोलू ने कहा तो गुड्डू उसके साथ चला आया। हॉल में सोफे-गद्दे हुए लगवाए हुए थे सभी मेहमान वहा आकर बैठ गए। प्रीति और रोहन एक दूसरे का हाथ थामे साथ साथ बैठे थे। गुड्डू और गोलू भी वही बैठे थे। अब चूँकि वेदी की दोस्त की सगाई थी तो पहला डांस बनता था उसकी दोस्तों का और उनमे शामिल हो गयी हमारी वेदी भी। प्रीति की 2 सहेलिया और उनके बीच वेदी सब साथ डांस करने लगी। म्यूजिक सिस्टम पर गाना बजने लगा
“बोले चूड़ियाँ बोले कंगना
हाय मैं हो गयी तेरी साजना
बोले चूड़ियाँ बोले कंगना
हाय मैं हो गयी तेरी साजना
तेरे बिन जियो नय्यो लग दा मैं ते मरग़ैय्या
ले जा ले जा सोणिये ले जा ले जा
दिल ले जा ले जा हो”
तीनो ने बहुत ही खूबसूरती से डांस किया था। गुड्डू तो वेदी को देखकर खुश हो रहा था। पहली बार उसे इतने अच्छे से डांस करते जो देखा था। मिश्रा जी और मिश्राइन भी दूसरी तरफ गुप्ता जी और बाकि बड़े लोगो के साथ बैठे थे। गोलू का भी नाचने का मन कर रहा था लेकिन मिश्रा जी की वजह से बेचारा अपनी भावनाओ को दबाये खड़ा था।
इन सब में शामिल कोई और भी था जो की बहुत ही प्यार से वेदी को डांस करते हुए देख रहा था और वो था अपना अमन , वेदी के लिए उसकी भावनाये अब साफ साफ दिखने लगी थी। गोलू कभी अमन तो कभी डांस करती वेदी को देख रहा था जब ये कन्फर्म हो गया की अमन वेदी को ही देख रहा है तो गोलू उसके पास आया और कहा,”बेटा गर्मी बहुत है थोड़ा ठंडा वंडा पिलाओ यार मेहमानो को”
“हां भैया लेकर आते है”,कहकर अमन वहा से चला गया गोलू जैसे ही पलटा देखा मिश्रा जी उसे ही देख रहे है तो गोलू खिंसियाते हुए मिश्रा जी की तरफ चला आया तो उन्होंने कहा,”सब ठीक है ?”
“हां”,गोलू ने कहा
“हम्म्म गुड्डू के साथ सब ठीक है यहाँ कोई परेशानी तो नहीं हुई ?”,मिश्रा जी ने फिर पूछा
“हां हम सम्हाल लिए सब”,गोलू ने चौडाते हुए कहा
“जियादा हवा में ना जाओ गोलू जब जब तुमको लगता है सब ठीक है बेटा तब तब गड़बड़ होती है , खैर जाओ गुड्डू के पास जाओ उम्मीद है इस बार कोई गड़बड़ नहीं होगी”,मिश्रा जी ने अपनी दाढ़ी सहलाते हुए कहा। गोलू वहा से वापस गुड्डू की तरफ चला आया। शगुन डांस देख ही रही थी की वेदी ने देखा तो वह उसके पास आयी और उसे भी अपने साथ ले गयी और सबके बीच लेजाकर खड़ा कर दिया। गाना भी उस वक्त शगुन के हिसाब से ही चल रहा था
“अपनी माँग सुहागन हो , आहा आ
संग हमेशा साजन हो , आहा आ”
कहते हुए शगुन पलटी तो नज़रे प्रीति पर चली गयी। शगुन की आँखो की नमी ने प्रीति को बैचैन कर दिया। उन दो लाइन्स में शगुन का दर्द साफ झलक रहा था। गाना आगे बजने लगा
“आके मेरी दुनिया में वापस ना जाना
सेहरा बांध के माही तू मेरे घर आना”
जैसे ही शगुन ने सामने देखा गुड्डू नरारद था लेकिन अगले ही पल प्रीति की हूटिंग ने शगुन का ध्यान अपनी तरफ खींचा और उसने पलटकर देखा गुड्डू प्रीति की सहलियो के साथ खड़ा डांस कर रहा है
“ओह्ह सोहनी किती सोहनी आज तू लगदी वे”, गाते हुए गुड्डू शगुन की तरफ आया और अपने कंधे को शगुन के कंधे से टकराते हुए आगे गाया,”बस मेरे साथ ये जोड़ी तेरी सजदी वे”
गुड्डू को देखकर गोलू भी खुद को रोक नहीं पाया और आकर डांस करते हुए शगुन की बगल में आकर गाने लगा,”रूप ऐसा सुहाना तेरा”
“चाँद भी है दीवाना तेरा”,दूसरी तरफ गुड्डू ने आकर कहा
ये सब देखकर प्रीति अपना लहंगा सम्हाले उनके बीच आयी और दोनों को शगुन से साइड कर डांस करते हुए कहा,”जा रे जा ओह झूठे तेरी गल्ला हम ना माने , क्यों तारीफे करता है तू हम तो सबकुछ जाने”
सब इतना सुंदर लग रहा था की किसी की नजर नहीं हट रही थी उन सबसे। ये सब देखकर मिश्राइन भी थोड़ा इमोशनल हो गयी क्योकि शगुन के दिल के हालातो को वो अच्छे से समझती थी। वह उठी और शगुन के पास आकर उसका चेहरा अपने हाथो में लेते हुए कहा,”ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह ओह्ह ओह्ह हो हो मेरे दिल की दुआ कहे ,
(गुड्डू की तरफ इशारा करके) तेरी जोड़ी सलामत रहे ,
ओह्ह सजन जी हाँ सजन जी
यू ही बीते सारा जीवन साथ में (कहते हुए शगुन का सर चुम लेती है)
शगुन का दिल भर आता है इतनी अच्छी सास इतना अच्छा परिवार पाकर भला किस लड़की को ख़ुशी नहीं होगी बस इसके बाद क्या था ? रोहन , उसके घरवाले , वेदी , प्रीति , गोलू , गुड्डू , अमन , विनोद , शगुन सब एक साथ डांस करने लगे। पारस कुछ दूर खड़ा मन ही मन शगुन के लिए खुश हो रहा था। सोनिया ने सबको साथ डांस करते देखा वह भी पारस का हाथ कर उसे अपने साथ ले आयी और दोनों सबके साथ डांस करने लगे। सबा अपने में मस्त थे बस गुड्डू की नजरे शगुन और शगुन की नजरे गुड्डू पर थी। गाना खत्म हुआ डांस भी खत्म हो गया उसके बाद सभी खाना खाने चले आये। वेदी , प्रीति , उसकी सहेलिया , रोहन और उसके दोस्त सब बैठकर खा रहे थे। अमन वही खड़ा लड़को से सबको खाना परोसने को कह रहा था। शगुन बाकि मेहमानो में लगी थी। गोलू दूसरे काम देख रहा था और गुड्डू मिश्रा जी से बचने की कोशिश वह नहीं चाहता था मिश्रा जी के सामने जाये और वे उसे यहा आने एक बारे में पूछे। गुड्डू जा ही रहा था की सामने से आते मिश्रा जी से टकरा गया तो मिश्रा जी ने कहा,”सामने भी देख ल्यो जरा”
“सॉरी पिताजी हम वो,,,,,,,,,,,,,,हम हिया आना नहीं चाहते थे वो तो गोलू का काम था इसलिए,,,,,,,,,,,,,,,हमे तो जे भी नहीं पता था की शगुन भी यहाँ है,,,,,,,,,,हम आज ही निकल जायेंगे वापस कानपूर के लिए”,गुड्डू एक साँस में सब कह गया
“हमहू कुछो पूछे तुमसे ?”,मिश्रा जी ने गुड्डू को घूरते हुए कहा तो गुड्डू ने ना में गर्दन हिला दी।
“तो फिर जे सब हमे काहे बता रहे हो ? तुम्हायी अम्मा को कुछो काम होगा तुमसे जाकर मिल ल्यो”,कहकर मिश्रा जी चले गए। गुड्डू ने चैन की साँस ली और चला गया। शगुन ने देखा सब खाना खा रहे है लेकिन गुड्डू नहीं है तो उसने गोलू से कहा,”गोलू जी गुड्डू जी कहा है ? सब खाना खा रहे है पापा भी उनके बारे में पूछ रहे थे”
“रुको भाभी हमहु देखते है”,कहते हुए गोलू वहा से चला गया थोड़ी देर में वापस आया तो गुड्डू उसके साथ ही था। शगुन ने दोनों से खाना खाने को कहा तो गुड्डू ने कहा,”तुम नहीं खा रही हो ?”
“गुड्डू जी पारस और उसके घरवाले आये है तो मुझे उनसे मिलना है आप लोग शुरू कीजिये मैं अभी आती हूँ”,कहकर शगुन चली गई गुड्डू और गोलू आकर खाने के लिए बैठे लेकिन अगले ही पल गुड्डू की भँवे तन गयी क्योकि उसी टेबल पर आकर पारस और सोनिया बैठ गए साथ में शगुन भी थी। गुड्डू ने गोलू की तरफ देखा और धीरे से कहा,”जे लौंडा हिया का कर रहा है ?”
“हमे का पता भाभी,,,,,,,,,,,,,,,हमरा मतलब शगुन जी लेकर आयी है वही बताएंगी”,गोलू ने भी धीमे स्वर में कहा
“गुड्डू जी गोलू जी ये पारस है मेरे फ्रेंड और ये है सोनिया इनकी मंगेतर”,शगुन ने कहा गुड्डू ने जैसे ही सूना उसे लगा जैसे उसके सीने पर रखा पत्थर किसी ने एकदम से उठा दिया हो पहली बार उसने पारस और सोनिया को देखा और मुस्कुरा दिया।
“3 महीने बाद इन दोनों की शादी है और पारस आप दोनों को पर्सनली इन्वाइट करने आया है”,शगुन ने कहा तो गुड्डू के कलेजे को थोड़ी और ठंडक मिली और उसने पारस से हाथ मिलाते हुए कहा,”अरे बहुत बहुत मुबारक हो आप दोनों को”
“शगुन आपके हसबेंड बहुत प्यारे है”,सोनिया ने शगुन की तरफ देखकर कहा तो गुड्डू और शगुन एक दूसरे को देखने लगे और फिर पारस ने कहा,”आप दोनों को आना है और हाँ वो एक हफ्ते पहले”
“हां हां जरूर आएंगे”,गुड्डू ने कहा उसे अब पारस से जैसे कोई शिकायत नहीं थी। सबने साथ मिलकर खाना खाया।
शाम हो चुकी थी और मेहमानो के जाने का समय भी हो चुका था। रोहन प्रीति से मिला उसे तोहफा दिया। रोहन के घरवाले और रिश्तेदार रोहन के साथ वहा से चले गए महादेव की कृपा से सब अच्छे से हो गया। मिश्रा जी और मिश्राइन ने जाना चाहा तो शगुन ने उन्हें रुकने को कहा , गुप्ता जी ने भी मिश्रा जी से वही रुकने की बात की तो दोनों रुक गए।
चाची सगाई में नहीं आयी थी इस बात का सबको दुःख था लेकिन अमन और विनोद ने अपना पूरा सहयोग दिया। सब थक चुके थे इसलिए आराम करने लगे। गोलू और अमन हलवाईयो और लड़को से कहकर बाकी काम निपटवा रहे थे। गुड्डू अपनी अम्मा के साथ था वेदी और प्रीति भी वही थी। मिश्रा जी और गुप्ता जी कमरे में बैठकर बातो में लगे थे।
शाम में गुप्ता जी ने मिश्रा जी और मिश्राइन से संध्या आरती देखने चलने को कहा। विनोद भी उनके साथ निकल गया। गुड्डू , गोलू , शगुन , वेदी और प्रीति सब सो रहे थे। गुड्डू और नीचे वाले कमरे में सोये हुए थे। कुछ देर बाद गुड्डू के कानो में आवाज पड़ी वह उठा और कमरे से बाहर आया तो देखा घर के बाहर कुछ भीड़ जमा है। गुड्डू बाहर आया तो देखा चाची के घर के बाहर कुछ लोग हल्ला कर रहे है। गुड्डु वहा आया और एक आदमी जो की ज्यादा ही शोर कर रहा था गुड्डू ने उसके पर हाथ रखा तो आदमी गुस्से से गुड्डू की तरफ पलटा और उसे सुनाने लगा। गुड्डू ने उस से बात करनी चाही तो उसने गुड्डू को धक्का दे दिया। ये गुड्डू को कहा बर्दास्त होना था , उसने आदमी को मारने के लिए जैसे ही हाथ उठाया हाथ हवा में ही रह गया ,, गुड्डू की नजरे सामने छत की बालकनी में खड़ी शगुन पर चली गयी !
क्रमश – Manmarjiyan – S52
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संजना किरोड़ीवाल