Manmarjiyan – S11
मनमर्जियाँ – S11
शगुन के गर्भवती ना होने का सच सामने आने के बाद मिश्राइन ने उसे माफ कर दिया। मिश्राइन जानती थी की इस झूठ में कही न कही उन सबका हाथ है। गोलू और शगुन की एक समस्या तो खत्म हो चुकी थी। शगुन अपने घर में थी और गुड्डू को बहुत याद कर रही थी , गुड्डू के साथ उसे इस घर में कैसे रहना था शगुन और मिश्राइन मिलकर इसी बात का जुगाड़ लगाने में लगी थी। वही डॉक्टर ने गुड्डू को घर ले जाने की परमिशन दे दी , पिंकी के पिताजी ने जब उसका रिश्ता शुक्ला जी के यहाँ तय कर दिया तो उसने घर से भाग जाने में भलाई समझी और चली आयी अपने गोलू के पास लेकिन गोलू से मिलने से पहले पिंकी का सामना हुआ गुडडु से , गुड्डू ने जैसे ही पिंकी को देखा उसके पास आकर उसके गले लगते हुए कहा,”हमे पता था तुम जरूर आओगी”
पिंकी ने सूना तो परेशान हो गयी उसने गुड्डू से दूर होकर कहा,”गुड्डू वो हम,,,,,,,,,,,,,,!!!”
“शशशशशश कुछ मत कहो हमहू जानते है तुम बहुते मुश्किल से अपने घर से निकल कर आयी हो”,गुड्डू ने पिंकी के होंठो पर अपनी ऊँगली रखते हुए कहा और उसे आगे बोलने ही नहीं दिया। बेचारी पिंकी आगे कुछ बोल ही रही पाई। गोलू ने जब ये देखा तो उसका दिल टूट गया वह ये तो जानता था की गुड्डू की यादास्त जा चुकी है पर वो ये भूल गया था की पिंकी गुड्डू का पास्ट है और उसे पास्ट की बाते याद है। गोलू , गुड्डू पिंकी साथ देख नहीं पाया और गेट से ही वापस चला गया। इस वक्त गोलू के कानो में हिंदी फिल्म का पूराना गाना बहुत ही दर्दभरी आवाज के साथ बज रहा था – दोस्त दोस्त ना रहा , प्यार प्यार ना रहा ,, जिंदगी हमे तेरा ऐतबार ना रहा , ऐतबार ना रहा” उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था उसे रोना भी आ रहा था और अपनी किस्मत पर हंसी भी आ रही थी। हसने रोने के मिले जुले भाव चेहरे पर लिए वह बेंच पर आ बैठा अगले ही पल मिश्रा जी बाथरूम से आये और गोलू की बगल में बैठते हुए कहा,”का गोलू सकल पर 12 काहे बजे है तुम्हायी ?”
मिश्रा जी की बात सुनकर गोलू हसने लगा लेकिन उसके चेहरे के भाव उसकी हंसी से मैच नहीं हुए और मिश्रा जी ने कहा,”अबे बताओगे हुआ का है ? मनहूस के जैसे हंस रहे हो बस ?”
गोलू ने गुस्से से मिश्रा जी को देखकर भड़कते हुए कहा,”आपने और आपके सुपुत्र ने चरस बो दी है हमायी जिंदगी में , 16 पार करते ही कानपूर के हर लौंडे के दिल में एक उम्मीद जगती है एक गर्लफ्रेंड की लेकिन हमायी जिंदगी तो रेगिस्तान थी , जहा प्रेम की बारिश तो दूर पानी की एक बून्द तक नसीब नहीं हुई ,, 24 तक आते आते मर तर के एक लड़की को इम्प्रेस किया और उसको भी आपके लौंडे ने धार लिया”
“का कह रहे हो ? और कौन लड़की ?”, मिश्रा जी ने कहा
दिल टूटने के कारण गोलू ने सारी बात मिश्रा जी के सामने कह डाली तो मिश्रा जी ने अपना सर पीट लिया और कहा,”पुरे कानपूर में तुमहू वही लड़की मिली गोलू , गुड्डू का हाल देखकर भी तुमको अकल नहीं आयी। इश्क़बाजी करेंगे पहिले ठीक से बड़े हो जाओ जिम्मेदार बनो,,,,,,,,,,,,,,,,पर नहीं तुम्हायी अकल पर पत्थर पड़े है। शर्मा जी की लड़की ही मिलती है तुम सबको , उह इतनी ही अच्छी ही होती ना तो इह बख्त गुड्डू के साथ ना होती”
गोलू ने सूना तो उसे भी गुस्सा आया की पिंकी इतनी रात यहाँ कर क्या रही है ? , अगर आयी भी है तो गुड्डू से मिलने क्यों चली गयी ? गोलू को परेशान देखकर मिश्रा जी उठे और कहा,”चाय पि हो ?”
गोलू ने नजरे उठाकर मिश्रा जी को देखा और कहा,”थोड़ा जहर हो तो उह भी ले आओ गटक लेंगे चाय के साथ ही”
“सांप जैसे लोगो को मुंह लगाओगे तो जे ही हाल होना है गोलू”,मिश्रा जी ने कहा और वहा से चले गए। गोलू का दिल कर रहा था पैर पटक पटक के रोये आखिर हमेशा उसी के साथ ये सब क्यों होता था ? कुछ देर बाद पिंकी कमरे से बाहर आयी गोलू को बेंच पर बैठा देख उसकी जान में जान आयी और उसने गोलू के पास आकर कहा,”गोलू”
गोलू ने जैसे ही पिंकी को देखा गुस्से से उसकी भँवे तन गयी। वह उठा और वहा से चला गया।
“गोलू,,,,,,,,,,गोलू,,,,,,,,,,,,गोलू हमारी बात सुनो”,कहते हुए पिंकी भी उसके पीछे चल पड़ी। गोलू इस वक्त इतना गुस्से में था की चलते हुए हॉस्पिटल से बाहर चला आया। सड़क पर इक्का दुक्का वाहन चल रहे थे , आस पास चाय की गुमठियां खुली हुई थी जहां बस एक दो लोग बैठकर चाय पी रहे थे। गोलू बस चलता ही जा रहा था। पिंकी उसे आवाज देते हुए उसके पीछे चल रही थी लेकिन गोलू तो जैसे कुछ सुनना ही नहीं चाहता था। पिंकी ने थोड़ी तेज आवाज में कहा,”गोलू
हमारी बात तो सुनो”
गोलू एकदम से पिंकी की और पलटा और गुस्से से कहा,”काहे सुने हम तुम्हायी बात ? जे तुम ठीक ना की हो पिंकिया हमाये साथ ,, गोलगप्पे खाये हमाये साथ और इश्क़ लड़ा रही हो गुड्डू भैया से,,,,,,,,,,,,,तुमहू इतनी बदल जाओगी हमहू सोचे नहीं थे पिंकिया”
“गोलू एक बार हमारी बात तो सुनो हम समझाते है”,पिंकी ने अपनी सफाई में कहना चाहा लेकिन गोलू कहा सुनने वाला था उसने कहा,”का समझोगी तुम हमको हम गुड्डू भैया की तरह सीधे नहीं है जो तुम्हायी बातो में आ जायेंगे , दिखा दिया तुमने अपना असली रंग , जैसे ही पता चला गुड्डू भैया सब भूल चुके है तो उनकी जिंदगी में वापस चली आयी और हमारा चूतिया काट दी,,,,,,,,,,,,,,सही है पिंकी शर्मा हम ही भोंदू थे जो तुम्हायी बातो में आकर तुमसे प्यार कर बैठे , पर तुमने तो हमायी लंका लगा दी”
“गोलू ऐसा नहीं है”,पिंकी ने गोलू को एक बार फिर समझाने की कोशिश की लेकिन गोलू कहा सुनना चाहता था
“तो कैसा है पिंकिया ? नहीं तुम्ही समझाओ हमे , सच तो जे है की तुमहू ना किसी के प्यार के लायक हो ही नहीं”,गोलू ने गुस्से में एकदम से पिंकी की और आकर कहा , आखरी शब्द सुनकर पिंकी को गुस्सा आ गया और उसने गोलू की पीछे धकियाते हुए कहा,”चुप कर चु#ये , एक शब्द और बोला ना तो तेरा मुंह तोड़ देंगे हम”
पिंकी को गुस्से में देखकर गोलू थोड़ा शांत हुआ और जैसे ही कुछ बोलना चाहा पिंकी ने रोक दिया और गुस्से से कहने लगी,”एक शब्द नहीं बोलना , बीना हमारी बात सुने कुछ भी बोले जा रहे हो ,, हम पागल है जो इतनी रात में तुमसे मिलने आये है। पापा ने शादी तय कर दी है हमारी तुम्हे फोन किया लेकिन पापा ने वो भी छीन लिया हमसे। पता चला तुम यहाँ हो तो हमेशा हमेशा के लिए अपना घर छोड़कर यहाँ चले आये , हमे नहीं पता था उस कमरे में गुड्डू है उसने हमे देखा और हमारे गले आ लगा , उसने हमे कुछ बताने का मौका ही नहीं दिया। तुमने पता नहीं ऐसा क्या देखा जिस से इतना बरस रहे हो”
गोलू ने सूना तो उसे अपनी गलती का अहसास हुआ और उसने पिंकी के पास आकर धीरे से बेचैनी के साथ कहा,”तुम घर छोड़कर आयी हो ?”
“हाँ गोलू , पापा हमारी बात नहीं सुन रहे थे हमे नहीं करनी उस शुक्ला से सादी , पापा जबरदस्ती हमारा रिश्ता वहा कर रहे है”,पिंकी की आँखों में नमी तैर गयी
“पर तुम घर से काहे भागी हो ?”,गोलू ने कहा
“तुम्हारे लिए”,पिंकी ने झुंझलाकर कहा
“हमाये लिए , पर हमाये लिए काहे ?”,गोलू ने बेचैनी से कहा
“क्योकि हम तुमसे प्यार करते है गोलू और तुम्ही ने कहा था ना की शादी उसी से करो जिस से प्यार हो,,,,,,,,,,,,,(कहते हुए पिंकी गोलू के थोड़ा करीब आती है और आगे कहने लगती है) हां गोलू प्यार हो गया है तुमसे और हम ये बात बहुत पहले से बताना चाहते थे लेकिन गुड्डू के साथ जो हुआ उस से तुम बहुत परेशान थे इसलिए हम तुम्हे और परेशान करना नहीं चाहते थे। गुड्डू के साथ जो हमने किया वो भले टाइम पास था लेकिन तुमसे हम सच में प्यार करते है गोलू , आई लव यू तुमने हमे बदल दिया है अब हम वो पिंकी नहीं रहे है”
गोलू ने सूना तो उसे अपने कानो पर भरोसा ही नहीं हुआ उसे कुछ महीनो पहले गुड्डू कही अपनी बात याद आ गयी “पिंकिया हमायी औकात से बाहर है , हमहू तो कोई ऐसी पटायेंगे जो हमाये कमला पसंद खिलाने ही हमे आई लव यू बोल दे”
गोलू के कानो में उसकी ये बात गूंज रही थी और सामने पिंकी खड़ी थी , जिस पिंकी को गोलू ने अपनी औकात से बाहर बताया था वही पिंकी आज गोलू से अपने प्यार का इजहार कर रही थी। गोलू ने पिंकी की और देखा और कहा,”हम कैसे मान ले तुम सच कह रही हो ?”
गोलू की बात सुनकर पिंकी को गुस्सा आया , वह गुस्से में गोलू के पास आयी और उसकी कॉलर पकड़ कर उसे अपनी और किया और अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिए।
एक पल के लिए गोलू की धड़कने भी रुक गयी। पिंकी के नरम होंठो की छुअन वह महसूस कर रहा था , उसने अपनी आँखे मूँद ली। पिंकी ने गोलू को किस किया और दूर हटते हुए कहा,”तुम पहले और आखरी लड़के हो गोलू जिसे हमने किस किया है”
गोलू ने सूना तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा , उसने अपना निचला होंठ दाँतो तले दबाया और हसने लगा। वह खुद को यकीन दिलाने की कोशिश करने लगा की पिंकी उस से प्यार करती है। 24 साल में गोलू की जिंदगी में ये सबसे खूबसूरत पल था। उसने पिंकी की और देखा उसका हाथ अपने हाथ में लिया और उसे अपनी और खींचकर गले लगाते हुए कहा,”हम भी तुमसे बहुते प्रेम करते है पिंकिया और आज से नहीं बहुत पहले से बस कभी कह नहीं पाए”
पिंकी गोलू से दूर हुई और उसका हाथ थामे कहने लगी,”हमने कभी सोचा भी नहीं था गोलू की हमे तुमसे प्यार हो जाएगा लेकिन तुमसे मिलने के बाद ही हमने जाना की प्यार क्या है ? किसी की परवाह करना क्या है ? किसी की ख़ुशी के बारे में सोचना क्या है ?”
“यार पिंकी हमे माफ़ कर दो , उह गुस्से में हमहू ना तुम्हे इतना सब कह गए,,,,,,,,,,,,सॉरी यार”,गोलू ने पिंकी से माफ़ी मांगते हुए कहा
“चलो माफ़ किया”,पिंकी ने कहा तो गोलू मुस्कुरा दिया और फिर कहा,”चलो वहा चलकर बैठते है”
गोलू पिंकी को साथ लिए चाय की गुमठी पर चला आया। उसने पिंकी को बैठने को कहा और दुकानवाले से कहा,”भैया दो कप चाय”
“हां बाबू अभी देते है”,दुकानदार ने पतीले में करछी घुमाते हुए कहा
गोलू पिंकी की बगल में आ बैठा , उसका दिल अभी भी तेज धड़क रहा था ,क्या कहे क्या ना कहे कुछ समझ नहीं आ रहा था। गोलू को चुप देखकर पिंकी ने अपना हाथ गोलू के हाथ पर रख दिया। गोलू ने देखा तो अपना हाथ पलटकर पिंकी के हाथ को थाम लिया और कहा,”तुमहू सच मे अपना घर छोड़ आयी हो ?”
“हाँ , पापा हमारे प्यार को कभी मंजूरी नहीं देंगे गोलू , वो हमारे प्यार को कभी नहीं समझेंगे”,पिंकी ने कहा
“पर जे घर से भागना जरुरी है का ? हम उन्हें मना भी तो सकते है”,गोलू ने कहा
गोलू की बात सुनकर पिंकी की आँखों में बेचैनी तैरने लगी और उसने कहा,”तुम मुझसे प्यार तो करते हो ना गोलू ?”
गोलू ने दूसरे हाथ से भी पिंकी के हाथ को थाम लिया और कहा,”इसमें कोई शक की बात नहीं है पिंकिया , हम तुमसे प्यार करते है तुम्हाये लिए कुछ भी कर सकते है , टेंसन ना लो करते है हम कुछो जुगाड़”
“बाबू आपकी चाय”,दुकानदार ने चाय का कप काउंटर पर रखते हुए कहा। गोलू उठा और चाय लेकर पिंकी के पास चला आया। एक कप उसने पिंकी को दिया और दूसरा खुद लेकर पीने लगा। गोलू ने एक घूंठ मारे और देखा की पिंकी अभी भी को हाथ में लिए बैठी है तो पूछ लिया,”का हुआ पी काहे नहीं रही हो ?”
“गर्म है”,पिंकी ने कहा।
गोलू ने उसके हाथ से चाय ली और उसे फूँक मारकर ठंडी करने लगा। पिंकी उसके चेहरे को देखते रही इस वक्त गोलू उसे दुनिया का सबसे सच्चा और अच्छा लड़का नजर आ रहा था। गोलू ने चाय का कप वापस पिंकी की और बढ़ा दिया
दोनों खामोशी से चाय पिने लगे गोलू ने अपने फोन में टाइम देखा रात के 11:30 बज रहे थे। इस वक्त वह पिंकी को लेकर कहा जाये सोच रहा था उसे सोच में डूबा देखकर पिंकी ने कहा,”क्या हुआ गोलू परेशान हो तुम ?”
“यार पिंकी तुम्हायी हमायी समस्या तो हल हो गयी लेकिन गुड्डू भैया का करेंगे उनको पता चला तो उह तो चप्पल लेके पुरे कानपूर में दौड़ाएंगे हमे”,गोलू ने कहा
“वो क्यों ?”,पिंकी ने हैरानी से पूछा
“अमा यार उनकी आइटम (पिंकी ने गोलू को घुरा तो उसने आगे कहा) हमारा मतलब तुम हमसे प्यार करने लगी हो जे बात उनको पता चली तो पंगा तो होगा ना ,, का है की उह तो अभी पास्ट में जी रहे है और उनके हिसाब से तुमहू हो उनकी गर्लफ्रेंड,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,समझ में नहीं आ रहा जे सच उनको कैसे बताए ?”,गोलू ने परेशानी जाहिर करते हुए कहा
“गोलू अभी गुड्डू को कुछ मत बताओ , अभी वो सच जानने की हालत में बिल्कुल नहीं है , उसके जख्म ताजा है और हो सकता है ये सच वो बर्दास्त न कर पाए , अपना प्यार खोने से ज्यादा दर्द उसे अपने दोस्त के मुंह से ये सब जानकर होगा , बेहतर होगा की हम दोनों ही किसी को कुछ ना बताये”,पिंकी ने कहा
गोलू को पिंकी की बात सही लगी। उसकी एक और समस्या पिंकी ने हल कर दी। गोलू मुस्कुरा उठा और फिर कहा,”अच्छा पिंकिया तुमहू हो हाई फाई और हम ठहरे छोटे मोटे वेडिंग प्लानर , हमाये साथ एडजस्ट कैसे करोगी ?”
“तुम जहा रखोगे जैसे रखोगे रह लुंगी कोई शिकायत नहीं”,पिंकी ने प्यार से गोलू की और देखते हुए कहा
“सूना था प्यार में लोग पागल हो जाते है”,गोलू ने पिंकी की आँखों में झांकते हुए कहा
“समझो हो गए है”,पिंकी ने भी उसकी आँखों में खुद को तलाश करते हुए कहा। दोनों एक दूसरे की आँखों में देखते रहे और फिर पिंकी ने अपने होंठो से एक बार फिर गोलू के होंठो को छू लिया और पीछे हट गए। गोलू के मन के तार झनझना उठे और उसने शरमाँ कर गर्दन घुमाते हुए कहा,”जे सही है”
क्रमश – मनमर्जियाँ – S12
Read More – manmarjiyan-s10
Follow Me On – facebook
Follow Me On – instagram
संजना किरोड़ीवाल