Manmarjiyan – 97
मनमर्जियाँ – 97
पिंकी के दिल में गोलू के लिए भावनाये उमड़ने लगी थी , गोलू के साथ बिताये सारे पल एक एक करके उसकी आँखो के सामने आने लगे। बारिश में भीगते हुए पिंकी घर पहुंची , उसके घर उसकी लखनऊ वाली कजिन आयी हुई थी। उसने पिंकी को भीगे हुए देखा तो कहा,”पिंकी तुम तो पूरा भीग चुकी हो , चलो चलकर कपडे बदलो वरना बीमार पड़ जाओगी”
“पता है सुमन आज भीगने का मन कर रहा है”,पिंकी ने खोये हुए स्वर में कहा
“पगला गयी हो क्या अंदर आओ मामाजी ने देख लिया ना तो गुस्सा होंगे”,कहते हुए सुमन पिंकी का हाथ पकड़कर उसे अपने साथ ले गयी। पिंकी ने कपडे बदले और गीले बालो को पोछते हुए आईने के सामने चली आयी तब तक सुमन उसके लिए चाय बना ले आयी। आईने में खुद को देखते हुए पिंकी को गोलू दिखाई देने लगा। हालाँकि पिंकी सुंदर थी पर हमारा गोलू भी दिखने में किसी हीरो से कम नहीं था , अच्छा कद , गोरा रंग , घुंघराले बाल और चिकना चेहरा , पिंकी ने इस से पहले कभी गोलू को ध्यान से देखा ही नहीं था वैसे भी उसकी हरकतों की वजह से पिंकी का ध्यान उसके चेहरे पर नहीं गया पर आज उसे गोलू की सारी अच्छाईया याद आ रही थी।
“ये लो तुम्हारी चाय , आज तो बहुत बारिश हो रही है लगता है जैसे बाढ़ ही आ जाएगी कानपूर में”,सुमन ने पिंकी के समाने चाय का कप रखते हुए कहा लेकिन पिंकी तो ख्यालो में खोयी हुई थी उसे चुप देखकर सुमन ने उसे कंधे से हिलाते हुए कहा,”कहा खोई हो ?”
पिंकी होश में आयी और मुस्कुराते हुए कहा,”मुझे तुझे कुछ बताना है”
“क्या ?”,कहते हुए सुमन चाय का कप लेकर सामने बिस्तर पर बैठ गयी
“मुझे लगता है मुझे प्यार हो गया है”,पिंकी ने एकदम से कहा
“इसमें कोनसी नयी बात है वो तो तुझे हर हफ्ते होता है किसी ना किसी से”,सुमन ने कहा
“इस बार ऐसा नहीं है सुमन , अब तक मैं सिर्फ अपनी जरूरतों के लिए टाइम सबके साथ टाइम पास कर रही थी लेकिन इस बार ऐसा नहीं है इस बार मुझे वो फीलिंग महसूस भी हो रही है”,पिंकी ने कहा
“ये तू क्या कह रही है पिंकी ?”,सुमन ने उसकी बातें सुनकर थोड़ा सीरियस होते हुए कहा
“हां सुमन मुझे प्यार हो गया है और इस बार ये टाइम पास नहीं है , उसके साथ बिताया हर पल मुझे महसूस हो रहा है। अपनी परवाह करते करते मैं कब उसकी परवाह करने लगी पता ही नहीं चला , मैंने सोचा नहीं था कभी ये पल भी आएगा की कोई मुझे इतना पसंद आने लगेगा”,पिंकी ने खोये हुए स्वर में कहा
“ये तो बहुत ख़ुशी की बात है पिंकी पर वो है कौन जिसने तुम्हे अपना दीवाना बना लिया”,सुमन ने चहकते हुए कहा
“गोलू”,पिंकी ने मुस्कुराते हुए कहा
“फुर्रररर,,,,,,,,,,,,,,,सुमन के मुंह में भरा चाय का घूंठ फनवारा बनकर बाहर आ गिरा और उसने चौंकते हुए कहा,”कौन वो टेंट वाला ?”
“हम्म्म्म”,पिंकी ने शरमाते हुए कहा
“वो जिसके घुंघराले बाल है अजीब सा दिखता है,,,,,,,,,अरे जो दिनभर लड़कियों वाली स्कूटी लेकर घूमता है वो ?”,सुमन को अभी भी जैसे विश्वास नहीं हो रहा था
“अरे बाबा हां वही गोलू जो गुड्डू का दोस्त है”,पिंकी ने झुंझलाकर कहा
“पिंकी तू कही गुड्डू से बदला लेने के लिए तो ये सब नहीं कर रही है ना ?”,सुमन ने शक की निगाहो से पिंकी को देखते हुए कहा
पिंकी मुस्कुराते हुए उठी और खिड़की खोलते हुए कहा,”नहीं सुमन मुझे गुड्डू से अब कोई बदला नहीं लेना , मैं गलत जो मैंने गुड्डू के साथ इतना बुरा बर्ताव किया लेकिन गोलू ने ही मुझे इस बात का अहसास दिलाया की मैं उस रिश्ते में सही नहीं थी। उसे मैंने कितना परेशान किया भी वो हमेशा मेरी मदद करता है मुझे परेशानियों से निकाल लेता है , उस से अच्छा लड़का मुझे नहीं मिलेगा यार”
कहते हुए पिंकी सुमन की और पलटी तो सुमन ने कहा,”दिमाग तो ठीक है तेरा ? कहा वो गोलू और कहा तू पिंकी , तेरे लिए कानपूर में लड़को की लाइन लग जाएगी तु कहा उसके चक्कर में पड़ रही है”
“प्यार में ये सब नहीं देखते सुमन”,पिंकी ने कहा
“ये तू कह रही है पिंकी ? तू जो लड़को को उनकी शक्ल और जेब का पैसा देखकर इम्प्रेस होती है तुझे आज इन सब से कोई फर्क नहीं पड़ रहा कमाल है”,सुमन ने कहा तो पिंकी उसके पास आकर बैठी और कहने लगी,”हां मैं बहुत गलत थी जो मैंने प्यार को शक्ल और पैसा देखकर जज किया जबकि प्यार तो प्यार होता है ना सुमन वो कब कहा किस से हो जाये कोई नहीं जानता ,, अब तक जितने भी लड़के मेरी जिंदगी में आये उन्होंने कुछ कहा तो मुझे फर्क नहीं पड़ता था पर आज जब गोलू ने कहा की उसके पिताजी उसके लिए लड़की देख रहे है तो मुझे अच्छा नहीं लगा , ऐसे लगा जैसे वो मुझसे दूर जा रहा हो ,, और जब जाते जाते उसने कहा की अपना ख्याल रखना ,,, उस वक्त उसकी आँखों में मेरे लिए प्यार और परवाह दोनों थे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,उसी पल मैंने तय कर लिया की अगर मैं किसी से शादी करुँगी तो वो सिर्फ गोलू वरना किसी से भी नहीं”
पिंकी की बातो में सुमन को एक फीलिंग महसूस हुई , उसने मुस्कुराते हुए कहा,”तेरे मुंह से ये सब सुनकर अच्छा लग रहा है , तू बदल गयी है पिंकी”
“हां सुमन अब मैं वो पिंकी नहीं रही , सच में प्यार होता क्या है ये मुझे अब समझ आया”,पिंकी ने कहा
“इस बात पर तो गोलगप्पे पार्टी बनती है”,सुमन ने कहा तो पिंकी ने ख़ुशी ख़ुशी हामी भर दी और फिर पिंकी सुमन को वो सब बातें बताने लगी जो उसके और गोलू के साथ घटी थी। सुमन का तो हंस हंस कर बुरा हाल था और पिंकी वो बस मुस्कुराते हुए सब बताते जा रही थी
अगली सुबह गुड्डू उठा तैयार होकर उसने बैग में अपने दो जोड़ी कपडे रखे और जरुरी सामान रखा। उसने गोलू को भी फोन कर दिया और नुक्कड़ पर तैयार मिलने को कहा। गुड्डू अपना बैग लेकर नीचे आया तो मिश्रा जी के पास आया और उनके पैर छूते हुए कहा,”लखनऊ जा रहे है पिताजी वापसी में शगुन को लेकर लौटेंगे”
“हम्म्म आयुष्मान भव: , कैसे जाओगे ?”,मिश्रा जी ने पूछा
“बाइक से चले जायेंगे”,गुड्डू ने कहा
“एक ठो काम करो गाड़ी ले जाओ , और हां जे पैसे रखो काम आएंगे”,मिश्रा जी ने नरमी से कहा तो गुड्डू मुस्कुरा उठा हमेशा हर चीज के लिए ना बोलने वाले मिश्रा जी आज खुद से गुड्डू को गाड़ी ले जाने को बोल रहे थे। गुड्डू ने पैसे नहीं लिए और कहा,”पिताजी हमाये पास है हमे अभी जरूरत नहीं है इन सबकी”
“देखो बेटा तुम्हाये पास जो है उनसे सिर्फ तुमहु उह खरीदोगे जो तुम्हारी जरूरत होगी , इन पैसो से वो खरीदना जो तुम्हे पसंद हो का है की खुद के कमाए पैसो से ना बेटा जरूरते पूरी की जाती है शौक नहीं,,,,,,,,,,,,,,,रख ल्यो”,मिश्रा जी ने इतने प्यार से कहा तो गुड्डू ने रख लिए और गाड़ी की चाबी ले आया। गाड़ी शोरूम पर खड़ी थी इसलिए गुड्डू को पैदल ही निकलना पड़ा। गुड्डू को जिम्मेदार इंसान के रूप में देखकर मिश्रा जी को बहुत ख़ुशी हुई।
गुड्डू नुक्कड़ पर पहुंचा तो उसे देखकर गोलू ने कहा,”भैया मानते है की तुमको भाभी से मिलने की बहुते जल्दी है पर इसका मतलब जे थोड़े है की तुमहू पैदल ही निकल लिए,,,,,,,,,,,,,,,,,,,बाइक कहा है ?”
“गोलू पिताजी ने कहा है गाड़ी लेकर जाओ ?”,गुड्डू ने खुश होकर कहा
“का सच्ची हम नहीं मानते ?”,गोलू को जैसे विश्वास ही नहीं हुआ
गुड्डू ने जेब से चाबी निकालकर गोलू के सामने की तो गोलू ने कहा,”जे सही है गुड्डू भैया लेकिन बड़के मिश्रा जी आज इतना मेहरबान काहे होय रहय तुम पर ?”
“अबे गोलू बाप है हमारे प्यार तो करते ही है हमसे”,गुड्डू ने कहा
“हां इह बात तो है गुड्डू भैया प्यार तो बहुत करते है मिश्रा जी तुमसे , अच्छा अब चलो लखनऊ भी पहुंचना है”,गोलू ने कहा तो दोनों पैदल चलकर सड़क किनारे आये और रिक्शा रुकवाई और दोनों उसमे सवार होकर चल पड़े शोरूम की तरफ। शोरूम पहुंचकर गुड्डू ने गाड़ी निकाली और अपना गोलू का सामान पिछली सीट पर रखा और आकर ड्राइवर सीट पर आ बैठा , बगल में गोलू आ बैठा और दोनों महादेव का नाम लेकर चल पड़े। शादी के अरेंजमेंट में जो सामान लगना था गोलू ने लखनऊ से ही बुक करवा दिया ताकि ज्यादा परेशानी ना हो। ढाई से तीन घंटे का रास्ता था। दोनों चल पड़े लखनऊ की और ,, गुड्डू तो बस चाहता था जल्दी से लखनऊ वाली शादी खत्म हो ओर वह बनारस जाकर शगुन से मिल सके।, उसे अपने दिल की बात बता सके।
गुड्डू को खोया देखकर गोलू ने कहा,”गुड्डू भैया भाभी से बात हुई तुम्हायी ? कैसी है वो हमे तो यार वो भूल ही गयी है बनारस जाकर”
“गोलू वो शहर ही ऐसा है वहा जाकर ना कोई भी भूल सकता है”,गुड्डू ने कहा
“अच्छा ऐसा का है उस शहर में ?”,गोलू ने कहा
“सुकून है गोलू , तुम चलना हमारे साथ”,गुड्डू ने कहा
“हां हां चलेंगे पर तुमहू हमायी बात का जवाब नहीं दिए , बताओ ना भाभी से बात हुई तुम्हायी ? उनसे अपने दिल की बात कही के नहीं कही ?”,गोलू ने पूछा
“हाँ बात हुयी थी मगर उनसे कहा नहीं अभी हमने”,गुड्डू ने कहा
“काहे ?”,गोलू ने कहा
“लखनऊ वाली शादी के बाद बनारस जाकर उनसे फेस तो फेस कहेंगे , उसमे ना एक अलग ही अहसास होता है गोलू”,गुड्डू ने कहा
“अरे वाह भैया तुमहू तो बिल्कुल शायरों जैसी बाते कर रहे हो , पर जे भी सही है जो बात सामने आकर कहने में उह फोन पर कहने में मजा नहीं आता ,,,,,,,,,,,,तुमहू फेस टू फेस ही बोलना भाभी को , देखना ख़ुशी से पगला जाएगी वो”,गोलू ने कहा
“हां गोलू , पता है कल प्रीति हमसे कह रही थी की शगुन का आज से पहले कभी किसी लड़के से रिश्ता नहीं रहा , हम उनके पहले प्यार है और उसने जे भी बताया की शगुन हमेशा से चाहती थी की उसे उसका प्यार बनारस में ही मिले , इसलिए अब हम उनसे अपने मन की बात बनारस में ही कहेंगे”,गुड्डू ने कहा
“हमे तो अभी से सब दिख रहा है गुड्डू भैया कितना खूबसूरत नजारा होगा जब दो प्यार करने वाले अस्सी घाट पर मिलेंगे , और लोग ना गलत कहते है की प्यार सिर्फ शादी से पहले होता है शादी के बाद भी प्यार होता है इह तुमने साबित कर दिया गुड्डू भैया अब बस जल्दी से जल्दी भाभी से मिलो और कह डालो अपने सारे जज्बात”,गोलू ने कहा
“कहेंगे ना गोलू , सब कहेंगे बहुत सारी बातें है जो हमे उनसे करनी है”,गुड्डू ने कहा
“बस तुम दोनों का प्यार ऐसे ही बना रहे”,गोलू ने गुड्डू की बलाये लेकर कहा तो गुड्डू मुस्कुरा दिया और कुछ देर चुप रहने के बाद,”अच्छा उह तुम्हाये पिताजी लड़की देखे रहय तुम्हाये लिए का अच्छी नहीं लगी तुम्हे ?”
“उसकी बात ना करो गुड्डू भैया , हमाये पिताजी को चरस बोने नहीं देंगे हम अपनी जिंदगी में”,गोलू ने मुंह बनाते हुए कहा
“अच्छा तुम बताओ कैसी लड़की चाहिए तुम्हे ?”,गुड्डू ने पूछा
“फ़िलहाल कोई नहीं चाहिए तुम और भाभी एक हो जाओ इतना काफी है हमाये लिए”,गोलू ने कहा
“अच्छा ठीक है , छोडो इह सब बाते कुछो अच्छा म्यूजिक चलाओ यार”,गुड्डू ने कहा तो गोलू ने अपना फोन गाड़ी के म्यूजिक सिस्टम से जोड़ा और गाना चला दिया जिसे सुन कर गुड्डू को शगुन और गोलू को पिंकी नजर आने लगा
“तुझे देख देख सोना , तुझे देखकर है जगना
मैंने ये जिंदगानी , संग तेरे बितानी , तुझमे बसी है मेरी जान
हाये जिया धड़क धड़क , जिया धड़क धड़क , धड़क धड़क जाये !!”
दोनों इस वक्त एक जैसे अहसासों से जुड़े हुए थे। दो घण्टे बाद गुड्डू ने एक ढाबे के सामने गाड़ी रोकी और कहा,”गोलू फ्रेश व्रेश हो लो थोड़ा हम चाय बोलकर आते है”
गुड्डू के जाने के बाद गोलू गाड़ी से नीचे उतरा। मौसम बदला हुआ था शायद कुछ देर पहले यहाँ बारिश हुई थी , बारिश में मिटटी की सोंधी खुशबू गोलू के नाक से होकर गुजरी। धुप का एक कतरा नहीं बहुत ही रोमांटिक मौसम था गोलू ने अपना फोन निकाला और दो तीन सेल्फी लेने के बाद बाथरूम चला गया। फारिग होकर गोलू ने हाथ मुंह धोया और चाय लेकर गुड्डू के गाड़ी की और चला आया
गोलू ने चाय पीते हुए कहा,”अच्छा भैया एक ठो बात बताओ , जब भाभी से मिलोगे तो का कहोगे उनसे ?”
“तुम्हे काहे जानना है ?”,गुड्डू ने कहा
“अरे भैया बताओ ना हमे भी जानना है , रुको हम रिकॉर्ड कर लेते है”,गोलू ने अपने फोन का केमेरा चालू करते हुए कहा
“अबे रिकॉर्ड काहे कर रहे हो ?”,गुड्डू ने कहा
“अरे जब तुम्हाये और भाभी के बच्चे होंगे तो उनको दिखाएंगे उनके पिताजी कितने बड़े रंगबाज थे , भैया भैया भैया कुछो कहो ना भाभी के लिए स्पेशल”,गोलू ने रिक्वेस्ट की तो गुड्डू ने चाय का कप गाड़ी के बोनट पर रखा और कहने लगा
“हम है गुड्डू मिश्रा , मस्त मौला अपने में खुश रहने वाले कानपूर के रंगबाज लौंडे जिन्हे अपने बालों से और अपनी फटफटिया से बहुते प्यार है ,, पर जबसे तुमहू हमायी जिंदगी में आयी हो सब बदलने लगा है , हम बदल गए है , हमारे जीने का तरिका बदल गया है , अब हम वो गुड्डू रहे ही नहीं जो कभी थे , खुद से भी ज्यादा तुम्हायी परवाह करने लगे है , तुम्हाये बारे में सोचने लगे है , तुम्हे पसंद करने लगे है और,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,और तुमसे प्यार करने लगे है,,,,,,,,,,,,,,,हां हमे तुमसे प्यार हो गया है,,,,,,,,,,आई लव यू शगुन,,,,,,,,,,,,,,आई लव यू,,,,,,,,,,,,(गुड्डू भावनाओ में इतना डूब जाता है की अपनी बांहे हवा में फैलाते हुए जोर से बोल पड़ता है ),,,,,,,,,,,,,,,,आई लव यू शगुन,,,,,,,,,,,,,,,,,,आई लव यू””””””
गुड्डू गोलू की और देखकर मुस्कुरा उठता है उसकी आँखों में उस वक्त शगुन के लिए बेइंतहा प्यार उमड़ आता है ! गोलू उस विडिओ क्लिप को सम्हाल कर अपने फोन में सेव कर लेता है !
क्रमश – मनमर्जियाँ – 97
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संजना किरोड़ीवाल