Manmarjiyan – 53
Manmarjiyan – 53
पिंकी ने गुड्डू को लगभग धमकी दे डाली। गुड्डू ने देखा शगुन वहा से जा चुकी है और गोलू दूर खड़ा उसे घूर रहा है। गुड्डू ने प्लेट में रखा गोलगप्पा जैसे ही उठाया सामने से आते मिश्रा जी दिखाई दिए उन्हें देखते ही गुड्डू वहा से गायब हो गया। पिंकी ने देखा गुड्डू वहा नहीं है तो वह पैर पटकते हुए वहा से चली गयी। गोलू ने मन ही मन मिश्रा जी को थैंक्यू बोला और हाथ में पकड़ा चाय का कप डस्टबिन मे डालकर पिंकी की और बढ़ गया , गोलू ने पिंकी का हाथ पकड़ा और उसे साइड में लेकर आया। गोलू को देखकर पिंकी और भड़क गयी तो गोलू ने कहा,”सुनो पिंकिया गुड्डू भैया का पूरा खानदान यहाँ मौजूद है उनके सामने ऐसी वैसी हरकत करने की सोचना भी मत”
“तुम हमे मत सिखाओ हमे का करना है ?”,पिंकी ने गोलू से अपना हाथ छुड़ाकर कहा
“अरे तुमहू तो खुद बड़की मास्टरनी हो हम का सिखाएंगे , हम बस इतना कह रहे है की हमायी शगुन भाभी भी यहाँ है उनके सामने कोई तमाशा करने की सोचना भी मत”,गोलू ने चेतावनी देते हुए कहा
“ओह्ह्ह्ह तो मैडम यहाँ तक पहुँच गयी , हमे तो लगा था गुड्डू ने उसे धक्के मारकर निकालने का बंदोबस्त कर लिया होगा”,पिंकी ने शगुन का मजाक उड़ाते हुए कहा
“बाहर तो तुमहू जाओगी पहले गुड्डू भैया की जिंदगी से और फिर उनके दिल से”,गोलू ने कहा
“देख लेंगे गोलू कौन मिश्रा खानदान में टिकेगा और कौन बाहर जाएगा ?”,पिंकी ने जहर मुस्कान के साथ कहा तो गोलू थोड़ा उसके करीब आया और उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”मिश्रा खानदान के पीछे काहे पड़ी हो पिंकिया ? तुम्हाये अगल बगल में कई गुप्ता खानदान भी है जरा उधर भी देख लिया करो”
पिंकी ने सूना तो उसका खून जल गया उसने अपना पैर गोलू के पैर पर दे मारा और वहा से चली गयी। बेचारा गोलू मन ही मन पिंकी को सौ गालिया देता हुआ वहा से चला गया। गुड्डू पिंकी से बचता फिर रहा था , सब घरवाले वहा मौजूद थे ऐसे में पिंकी कोई बखेड़ा खड़ा न कर दे सोचकर ही गुड्डू का दिमाग खराब हो रहा था। खैर बारात आयी और गोलू गुड्डू को लेकर मनोहर के साथ बारात में शामिल हो गया। दोनों दोस्तों ने मिलकर मनोहर की शादी में खूब डांस किया। शगुन अंदर कमरे में रौशनी और वेदी के साथ थी। बारात अंदर आयी गोलू और गुड्डू अब तक रौशनी की तरफ से थे और अब मनोहर की साइड से हो चुके थे। मनोहर आकर स्टेज पर बैठा , बगल में गोलू और गुड्डू भी बैठ गए सब दुल्हन का इंतजार कर रहे थे। कुछ देर बाद घर की लड़किया दुल्हन के जोड़े में सजी धजी रौशनी को लेकर स्टेज तक आयी। मनोहर उठा अपना हाथ बढाकर रौशनी को स्टेज पर लेकर आया और उसके बाद दोनों ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई। गोलू और गुड्डू तो दोनों के लिए खूब तालियां बजा रहे थे , नीचे खड़ी शगुन की नजर जब गुड्डू से मिली तो गुड्डू को अपनी शादी की शाम याद आ गयी और उसका दिल धड़क उठा। उसके हाथ रुक गए और वह शगुन से नजरे चुराता हुआ गोलू के पीछे छुप गया। मिश्राइन आयी और शगुन को अपने साथ ले गयी। मिश्राइन ने शगुन को अपनी सहेलियों और मोहल्ले की ओरतो से मिलवाया। सब शगुन की तारीफ करते नहीं थक रही थी और गुड्डू की किस्मत की तारीफ कर रही थी जिसे शगुन जैसी लड़की मिली। कुछ देर बाद आशीर्वाद समारोह शुरू हो गया। सभी एक एक करके दूल्हा दुल्हन को आशीर्वाद देने लगे। मिश्रा जी के परिवार की बारी आयी तो मिश्रा जी ने सबको साथ ही बुला लिया। मिश्रा जी , मिश्राइन और वेदी रौशनी की साइड एक और खड़े हो गए , गुड्डू शगुन के साथ मनोहर की और खड़े हो गया तभी गोलू भी स्टेज पर चला आया। गोलू के घर से शादी में कोई नहीं आया था वह अकेले ही आया था इसलिए उसने मिश्रा जी के परिवार के साथ ही फोटो खिचवाना जरुरी समझा। गुड्डू शगुन से दूर खड़ा था ये देखकर गोलू ने गुड्डू को हल्का सा धक्का दिया और गुड्डू शगुन के करीब। कैमरे वाले की टाइमिंग इतनी अच्छी थी की उसने उसी पिक्चर को क्लिक किया। सामने खड़ी पिंकी ने जब देखा तो उसका खून खौल गया
गुड्डू और शगुन का करीब जाना भला उसे कैसे बर्दास्त होता ? गुड्डू ने खुद को सम्हाला और नीचे चला आया। स्टेज ख़त्म हुआ और सभी अंदर हॉल में चले आये। वर वधु फेरो के लिए मंडप में आ बैठे। मिश्रा जी ने गुड्डू और बाकि सब से जाकर खाना खाने को कहा। गुड्डू , वेदी , शगुन और गोलू बाहर आ गए। गोलू ने शगुन और वेदी से बैठने को कहा और गुड्डू को साथ लेकर उनके लिए खाना लेने चला गया। गुड्डू यहाँ वहा देखते हुए चल रहा था की गोलू ने पूछ लिया,”का हुआ भैया किसे ढूंढ़ रहे हो तबसे ?”
“अबे गोलू ढूंढ नहीं रहे बचने की कोशिश कर रहे है पिंकिया से”,गुड्डू ने कहा
“पहली बात तो इह बताओ उसको इन्वाइट कौन किया ? और तुम में अक्ल है नहीं चल पड़े उसके पीछे पीछे मिश्रा जी ने देखा ना तो सुताई कर देंगे ,, बीवी के सामने मार खाते अच्छे लगोगे”,गोलू ने कहा तो गुड्डू ने एक मुक्का उसकी पीठ पर जड़ते हुए कहा,”तुमहू तो रहने दो गोलू स्टेज पर धक्का काहे मारा ?”
“अरे हम कहा कुछो किये उह तो वक्त की डिमांड थी , धक्का तुमको मारे लेकिन झुरझुरी हमे होने लगी”,गोलू ने दाँत दिखाते हुए कहा
“जियादा दाँत ना फाड़ो , खाना लो पिलेट में”,गुड्डू ने मुंह बनाकर कहा
“ठीक है हम अपने और वेदी के लिए लेते है तुम भाभी के लिए लेवो”,गोलू ने प्लेट में खाना लेते हुए कहा
“हमे का पता उनको का पसंद है ?”,गुड्डू ने कहा तो गोलू उसकी और पलटा और कहा,”तो पता करो ना भैया , जान पहचान बढ़ाओ उनसे बीवी है यार तुम्हायी”
“पिट जाओगे गोलू”,गुड्डू ने सीरियस फेस बनाकर कहा
“अच्छा ठीक है , तुम्हे जो पसंद हो वो ले लो भाभी को पसंद आ जाएगा”,गोलू ने कहा और आगे बढ़ गया
गुड्डू ने प्लेट में खाना लिया और गोलू के साथ चल पड़ा। शगुन और वेदी कुछ ही दूर खड़े होकर बात कर रही थी की तभी पिंकी वहा आयी और शगुन से कहा,”ओह्ह तो वो तुम हो जिसकी शादी मेरे गुड्डू से हुई है”
“पिंकी ये हमारी भाभी है ज़रा तमीज से बात करो”,शगुन के कहने से पहले ही वेदी ने कहा
पिंकी वेदी की और पलटी और कहा,”हमे कुछ सिखने की जरूरत नहीं है वेदी , और ना हम तुमसे बात कर रहे है इसलिए अपना मुंह बंद रखो”
शगुन चुपचाप पिंकी के हाव भाव देख रही थी , उसे खामोश देखकर पिंकी उसकी और पलटी और कहा,”तुम्हे लगता है गुड्डू से शादी करके तुमने बहुत बड़ा तीर मार लिया है , गुड्डू से तुम्हारी शादी जरूर हुई है लेकिन आज भी वो हमारे इशारो पर नाचता है ,,,,,,,,,,,,, हमारे आगे पीछे घूमता है।”
शगुन हल्का सा मुस्कुरायी और कहा,”पहली बात तो ये की गुड्डू इंसान है कोई सामान नहीं हो आपके कहने से आपके और मेरे कहने से मेरे हो जायेंगे। रही बात आपके आगे पीछे घूमने की और आपके इशारो पर नाचने की तो मुझे उस से कोई फर्क नहीं पड़ता जिस दिन उनकी आँखों पर पड़ा पर्दा हटेगा वो खुद लौट आएंगे। एक बात और उनसे शादी करके मैंने भले कोई तीर नहीं मारा लेकिन मैं उनके घर में उनके साथ हूँ , और आपने उनसे प्यार किया लेकिन फिर भी है तो घर के बाहर ही तो अब दिमाग लगा लीजिये की नुकसान किसका हुआ मेरा या फिर आपका ?”
शगुन की बातो ने तो जैसे पिंकी के सीने में लगी आग को और बढ़ा दिया , उसका चेहरा गुस्से से लाल हो चुका था और वेदी को ये देखकर बहुत मजा आ रहा था। पिंकी को लगा शगुन चुप रहने वाली भोली भाली लड़की है लेकिन किस इंसान को कैसा जवाब देना है ये हमारी शगुन बहुत अच्छे से जानती थी। पिंकी को गुस्से से उबलते देखकर शगुन उसके थोड़ा करीब आयी और कहा,”गुड्डू जी आपका प्यार है और हम उनकी पत्नी ,, दोनों में से किसी एक को तो क़ुरबानी देनी होगी,,,,,,,,,,,,,,,आप अपनी कोशिश कर लीजिये मैं अपनी कर लेती हूँ”
“हुंह्ह”,कहकर पिंकी पैर पटकते हुए वहा से चली गयी। वेदी ने शगुन को साइड हग करते हुए कहा,”वाओ भाभी आपने तो कमाल कर दिया , आज तो पिंकिया सिसक सिसक कर रोने वाली है”
“मैंने कुछ नहीं किया बस उन्हें आईना दिखाया है , गुड्डू जी के लिए जो शब्द उन्होंने कहे मुझे अच्छा नहीं लगा इसलिए जवाब दिया बुरा लगा हो तो सॉरी”,शगुन ने मासूमियत से कहा
“अरे नहीं भाभी आप क्यों सॉरी बोल रही है ? वो तो गुड्डू भैया ही गधे,,,,,,,,,,,,,,,,,हमारा मतलब पागल है जो आपको समझ नहीं पा रहे है”,वेदी ने कहा तो शगुन सामने से आते गुड्डू को देखकर सोचने लगी,”पर मुझे यकीन है की एक दिन आप मुझे जरूर समझेंगे”
“कहा खोये हो भाभी ?”,गोलू ने एकदम से शगुन के सामने आकर कहा
शगुन अपने ख्यालो से बाहर आयी और कहा,”कही नहीं बस ऐसे ही”
“गोलू भैया कितनी देर लगा दी खाना लाने में”,वेदी ने गोलू के हाथ से प्लेट लेकर टेबल पर रखते हुए कहा। गुड्डू ने भी अपने हाथ में पकड़ी प्लेट को टेबल पर रखा और बैठ गया। गोलू शगुन और वेदी भी आ बैठे। शगुन बिल्कुल गुड्डू के सामने बैठी थी अब तो गुड्डू की नजर बार बार शगुन पर चली जाती और जैसे ही दोनों की नजरे मिलती गुड्डू इधर उधर देखने लगता।
गोलू और वेदी बतियाते हुए खा रहे थे वही गुड्डू और शगुन खामोश थे। गुड्डू के दिमाग में तो बार बार यही बात चल रही थी की शगुन उसके बारे में क्या सोच रही होगी जब उसने पिंकी को उसके साथ देखा होगा ? कुछ देर बाद वेदी ने इशारो इशारो में गोलू को वहा से चलने को कहा
“भैया हम और वेदी चाट खाकर आते है”,गोलू ने उठते हुए कहा
“हां गोलू भैया”,कहते हुए वेदी भी उठी और गोलू के साथ चल पड़ी। शगुन और गुड्डू अब अकेले थे गुड्डू चुपचाप खाता रहा तो शगुन ने धीरे से कहा,”मैं आज पिंकी से मिली”
गुड्डू ने जैसे ही सूना खांसने लगा शगुन ने पास रखा पानी का ग्लास गुड्डू की और बढ़ा दिया गुड्डू ने पानी पीकर गिलास रखा तो शगुन ने आगे कहा,”अच्छी लड़की है”
शगुन के मुंह से पिंकी के बारे में अच्छा सुनकर गुड्डू को हैरानी हुई वह उसकी और देखने लगा और फिर अपना ध्यान खाने में लगा लिया। शगुन से इस मेटर में ज्यादा पूछने की हिम्मत गुड्डू में नहीं थी ना ही वह पूछना चाहता था। उधर वेदी ने चाट खाते हुए गोलू को जब शगुन और पिंकी के बारे में बताया तो गोलू का हंसहंस कर बुरा हाल हो गया और उसने अपनी हंसी रोकते हुए कहा,”लगता है पिंकिया के उलटे दिन शुरू हो चुके है , जो कर ना सकी गुड्डू भैया की बेताबी उह करेगी अब हमायी शगुन भाभी”
“हां भैया हमे लगता है भाभी सुधार देगी गुड्डू भैया को”,वेदी ने कहा
“अरे यार हमहू मिस कर दिए उह मोमेंट हमे तो बस पिंकिया की शक्ल देखनी थी उस वक्त”,गोलू ने कहा
दोनों हँसते बाते करते हुए चाट खाने लगे और उसके बाद शगुन गुड्डू के लिए भी एक एक प्लेट लेकर उनकी और चल पड़े लेकिन वहा नजारा कुछ और ही था। शगुन गुड्डू के साथ साथ वहा पिंकिया भी थी। गोलू का तो गुस्सा सांतवे आसमान पर था उसने गुस्से से कहा,”इह पिंकिया तो चिपक ही गयी है गुड्डू भैया से , बस यहाँ कोई तमाशा ना खड़ा कर दे”
गोलू और वेदी भी उनके पास चले आये तो पिंकी ने गोलू को देखकर कहा,”देखो ना गोलू गुड्डू से हमने कहा की अपने हाथो से चाट खिला दो तो ये आना कानी कर रहा है , अब आखिर इतना तो हक़ बनता है ना हमारा”
गोलू के दिमाग में तुरंत खुराफाती मची और उसने कहा,”अरे इतना का पूरा हक़ बनता है तुम्हारा गुड्डू के हाथ से खाने का , भाभी से पहले तुम्ही तो हो इनकी सब कुछ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,नई भैया,,,,,,,,,,,,,,,,,(गोलू ने गुड्डू की और देखा तो गुड्डू ने उसे घुरा),,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हाये लिए ना पिंकिया हमहू स्पेशल चाट लेकर आते है”
कहकर गोलू चला गया कुछ देर बाद वापस आया तो उसके हाथ में एक प्लेट चाट थी , गोलू ने प्लेट गुड्डू की और बढाकर कहा,”ल्यो भैया अब खिलाओ पिंकिया को अपने हाथो से”
“गोलू,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने दाँत पिसते हुए कहा तो गोलू ने कहा,”अरे दाँत काहे पिस रहे है भैया खिलाईये ना,,,,,,,,,,,,,,,,,,भाभी की टेंशन नई लीजिये खिलाईये”
“खिलाओ ना गुड्डू या अपनी शगुन की परमिशन चाहिए तुम्हे ?”,पिंकी ने मुंह बनाकर कहा
“हमे किसी की परमिशन की जरूरत नहीं है”,कहते हुए गुड्डू ने चम्मच उठायी और एक निवाला पिंकी को खिलाया। जैसे ही पिंकी ने खाया उसकी हालत ख़राब लेकिन किसी को पता नहीं चले इसलिए मुस्कुराने लगी उस चाट में इतनी मिर्च थी की पिंकी का मुंह गला जलने लगा। जैसे ही गुड्डू ने दुसरा निवाला खिलाना चाहा पिंकी ने रोक दिया। ये देखकर गोलू आगे आया और कहा,”अरे इह का बात हुई भैया इतने प्यार से खिला रहे है और तुमहू हो के नखरे कर रही चलो खाओ” कहते हुए गोलू ने भी एक दो चम्चच खिला दिया। अब तो पिंकी की आँखों से आंसू और नाक से पानी बहने लगा। शगुन ने देखा तो समझ गयी गोलू ने जरुर कोई शरारत की है उसने पानी का गिलास पिंकी की और बढ़ा दिया। पिंकी ने पानी पिया।
मनोहर ने गुड्डू को बुला लिया तो गुड्डू वहा से चला गया। पिंकी ने पानी पीया लेकिन अभी भी उसका मुंह जल रहा था तो गोलू ने प्लेट में रखा गुलाबजामुन उठाया और पिंकी को खिलाते हुए कहा,”कैसी लगी गुड्डू भैया के हाथो की चाट ?”
“तुम्हे हम छोड़ेंगे नहीं गोलू”,पिंकी ने आँखे तरेरते हुए कहा
“हाये हमहू तो चाहते है की तुम हमे कभी ना छोडो”,गोलू ने आहे भरते हुए कहा तो पिंकी वहा से चली गयी शगुन गोलू के पास आयी और कहा,”आपको ऐसा नहीं करना चाहिए था गोलू भैया”
“अरे भाभी तुमहू चिन्तियाओ नाही सब ठीक है”,गोलू ने मुस्कुराकर कहा और फिर मन ही मन कहा,”हमाये होते चिंता करने की कोनो जरूरत नहीं है भाभी , आपको और गुड्डू भैया को एक करने के लिए हम कुछ भी करेंगे”
क्रमश – manmarjiyan-54
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संजना किरोड़ीवाल