Sanjana Kirodiwal

“मैं तेरी हीर” – 82

Main Teri Heer – 82

Main Teri Heer
Main Teri Heer

ऑफिस रूम से बाहर आकर मुन्ना ने जेब से फोन निकाला और उसे ऑन करके गौरी का नंबर डॉयल किया। उधर गौरी मुन्ना के फोन के इंतजार में खड़ी थी। उसने अपना ब्रश उठाया उस पर पेस्ट लिया और अपने दाँत घिसने लगी। कुछ देर बाद उसका फोन बजा मुन्ना का नंबर देखते ही उसने जल्दी से फोन उठा लिया।
“हेलो आपने कॉलेज के ऑफिस में फोन क्यों किया ?”,मुन्ना ने कॉरिडोर में चलते हुए कहा
“तुम्हारा फोन बंद था अब तुम बताओ मैं क्या करती ?”,गौरी ने ब्रश करते हुए कहा
“आप इस वक्त ब्रश कर रही है ?”,मुन्ना ने हैरानी से पूछा
“हाँ,,,,,,,,,,,,,,ब्रश करना तो अच्छी बात है ना,,,,,,,,,,,,,तुम नहीं करते ?”,गौरी ने पूछा
“हम रोज दो बार ब्रश करते है,,,,,,,,,,,,,,,,रोज दो बार नहाते है”,मुन्ना ने कहा
“तभी तुम इतने सुंदर हो,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने ब्रश मुंह में दबाये ख्यालो में खोये हुए कहा
“ऐसा कुछ नहीं है रोज ब्रश करने से आपके दाँत मजबूत रहते है और रोज नहाने से आपका दिमाग और मन शांत रहता है”,मुन्ना ने कहा
“वैसे मुझे ऐसा क्या करना होगा जिस से मैं तुम्हे और ज्यादा पसंद आने लगू ?”,गौरी ने पूछा
“आप मुझे पसंद है आपको कुछ भी करने की करने जरूरत नहीं है,,,,,,,,,,,,,,बस थोड़ा सा अपना बचपना कम कर लीजिये क्योकि इसकी वजह से आज हमे पापा से झूठ बोलना पड़ा”,मुन्ना ने सहजता से कहा
“क्या मैंने कुछ गलत किया ?”,गौरी ने पूछा
“नहीं बस वो आपके मैसेज के कारण,,,,,,,,,,,,,,,खैर छोड़िये वैसे आपने हमसे फोटो क्यों माँगी ?”,मुन्ना ने पूछा
“अगर इसे सच बताया तो पता नहीं कैसे रिएक्ट करेगा ? कुछ और बोल देती हूँ”,गौरी ने मन ही मन कहा और फिर कहा,”वो मुझे तुम्हारी बहुत याद आ रही थी ना इसलिए मैंने कहा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अब हर वक्त तो मैं तुम्हे विडिओ कॉल नहीं कर सकती ना”
“हम्म्म्म ऐसी कोई बात नहीं है , एग्जाम्स है ना इसलिए हम कुछ ज्यादा ही बिजी रहते है और उसके बाद हमे एक प्रोजेक्ट पर भी काम करना है इसलिए आपसे बात नहीं कर पाते। इसके अलावा एक और बात ये की हमने आज से पहले कभी लड़कियों से इतनी बातें नहीं की है तो थोड़ा अजीब लगता है”,मुन्ना ने धीरे से कहा
“अरे कोई बात नहीं मैं तुम्हे सब सीखा दूंगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आह्ह आउच”,गौरी ने एक्साइटमेंट में कहा और फिसलकर गिर पड़ी
“क्या हुआ आप ठीक है ?”,मुन्ना ने कहा
गौरी उठकर बैठी और कहा,”हाँ मैं ठीक हूँ , पर मुझे लगता है मेरे गिरने की शुरुआत बहुत पहले हो चुकी थी तब जब सबसे पहले मैं तुम्हारे प्यार में गिरी थी”
मुन्ना ने जैसे ही सूना उसका दिल धड़क उठा साथ ही वह गौरी की इस बात पर मुस्कुराने के लिए मजबूर हो गया।
मुन्ना को खामोश देखकर गौरी ने कहा,”ओह्ह्ह्ह लगता है तुम भी मेरे प्यार में गिर गए हो,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“हम आपकी तरह पागल नहीं है”,मुन्ना ने सधी हुई आवाज में कहा
“हा,,,,,,,,,,,,,,,क्या मैं तुम्हे पागल लगती हूँ ?”,गौरी ने कहा
“हां थोड़ी सी लगती है,,,,,,,,,,,जब आप ऐसी बातें करती है”,मुन्ना ने आगे बढ़ते हुए कहा
“तो मुझे तुमसे कैसी बातें करनी चाहिए ?”,गौरी ने बाथरूम के फर्श पर लेटते हुए कहा उसे ये भी नहीं पता चला की पानी का टब कब का भर चुका है। वह तो मुन्ना से बात करने में खोयी थी
“वो पता लगना आपका काम है”,मुन्ना ने कहा
“ओह्ह्ह्ह तुम मेरी समझ से बाहर हो,,,,,,,,,,,लेकिन फिर भी मैं तुम्हे बहुत पसंद करती हूँ क्योकि,,,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी कहते कहते रुक गयी
“क्योकि,,,,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने पूछा
“क्योकि आई लव द वे यू टॉक , तुम्हे पता है तुम्हारी आवाज कितनी खूबसूरत है,,,,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने थोड़ा रोमांटिक होते हुए कहा
“नहीं हमे नहीं पता”,मुन्ना ने कहा
“तुम्हारी आवाज दुनिया की सबसे खूबसूरत आवाज है,,,,,,,,,,,,,,,,मेरे लिए,,,,,,,,,,,,,,जब मैंने तुम्हे पहली बार सूना,,,,,,,,,,,,यू रिमेम्बर काशी के फोन पर हमारी बात हुई थी , उस वक्त मैंने पहली बार तुम्हारी आवाज सुनी ,,,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह कितना अच्छा बोलते हो तुम , उसके बाद मैं पहली बार तुमसे बनारस में मिली”,गौरी ने फिर
“हम उस से पहले भी मिल चुके है”,मुन्ना ने कहा
“हाँ,,,,,,,,,,,,,,,,,कब ? और ये मुझे याद क्यों नहीं है ?”,गौरी ने कहा
“वो सब हम कभी फुर्सत में बताएँगे , अभी हमे फोन रखना होगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!”,मुन्ना ने कहा
“ओके ओके ओके एक आखरी सवाल,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने उठकर बैठते हुए कहा
“हम्म्म पूछिए”,मुन्ना ने कहा
“अगर मैं कहु तुम थोड़े अकड़ू हो तुम क्या करोगे ?”,गौरी ने एकदम से कहा
“हम क्या करेंगे ? अभी आप दूर है ना गौरी शर्मा इसलिए हम कुछ कह नहीं सकते सामने होती तो बताते”,मुन्ना ने थोड़ा सख्त होकर कहा
“ह्म्म्मम्,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मम्मा ?”,गौरी ने जैसे ही दरवाजे की तरफ देखा अपनी माँ को घूरते हुए पाया
“मम्मा,,,,,,,,,,,,,,आप सच में पागल हो गयी हो हम रखते है”,कहते हुए मुन्ना ने जैसे ही फोन काटना चाहा गौरी की माँ आवाज मुन्ना के कान में पड़ी और उसने बिना कुछ बोले फोन कान से लगा लिया।
“गन्दी लड़की तुम अभी तक नहाई नहीं,,,,,,,,,,,,,,और ये बाथरूम के फर्श पर बैठकर तुम क्या कर रही हो ?”,गौरी की मम्मी ने कहा
“अरे मम्मा मैं बस नहाने जा ही रही थी,,,,,,,,,,,,!!!”,गौरी ने उनकी नजर से फोन बचाते हुए कहा
मुन्ना ने सूना तो मुस्कुराया और फोन काटकर हँसते हुए कहा,”तुम्हारी पसंद बहुत यूनिक है मुन्ना,,,,,,,,मजा आएगा”

मुन्ना ने फोन जेब में रखा और कॉलेज से बाहर निकल गया। मुन्ना अपनी जीप में आकर बैठा और स्टार्ट करके वहा से निकल गया। घर आकर वह एक बार फिर अपने नोटस बनाने लगा। पढाई करते करते मुन्ना को गौरी की बातें याद आ गयी और वह मुस्कुरा उठा। एग्जाम्स की वजह से मुन्ना का वंश से मिलना जुलना बंद हो गया दूसरी तरफ वंश भी कोशिश कर रहा था की वह कैसे भी करके अपनी पढाई करे लेकिन गौरी का ख्याल उसकी सारी मेहनत पर पानी फेर देता था। आखिर अपनी फीलिंग्स से हारकर वंश ने तय किया की वह एग्जाम्स के बाद इंदौर जाकर गौरी से मिलेगा और उसे बताएगा की वह उसके लिए क्या महसूस करता है।

काशी शक्ति को लेकर इंदौर के एक बड़े मॉल में लेकर आयी। शक्ति ने देखा तो कहा,”हम यहाँ क्यों आये है ?”
“तुमने कहा था कुछ घंटो के लिए तुम हमारी सारी बातें मानोगे,,,,,,,,,,,,,,अब चलो”,कहते हुए काशी ने शक्ति का हाथ पकड़ा और उसे खींचते हुए अपने साथ लेकर चली गयी। काशी के हाथ में शक्ति का हाथ कितना खूबसूरत लग रहा था। काशी का कद शक्ति से कम था और दोनों साथ में काफी क्यूट भी लग रहे थे। काशी शक्ति को लेकर 3rd फ्लोर पर बने जेंट्स पार्लर लेकर आयी।
“काशी हम यहाँ क्यों आये है ?”,शक्ति ने फिर पूछा
“अंदर तो चलो बताते है”,कहते हुए काशी शक्ति को अंदर ले आयी और अंदर आकर वहा के स्टाफ से कहा,”इनके बालो एक अच्छा सा लुक दे दीजिये , और सबसे पहले इनकी ये दाढ़ी हटाइये”
शक्ति ने सूना तो काशी को साइड में लेकर आया और धीमी आवाज में कहा,”काशी तुम ये क्या कर रही हो ? हम ऐसे ठीक है”
“सुबह गौरी ने तुम्हे हमारा टीचर बताया , पता है इस लुक में तुम हमसे कितने बड़े लग रहे हो,,,,,,,,,,ये सब हटाओ हमारे लिए,,,,,,,,,,और अगर तुमने ऐसा नहीं किया तो हम वापस जा रहे है”,काशी ने पलटते हुए कहा
शक्ति ने उसका हाथ पकड़कर रोक लिया और कहा,”ठीक है मानेंगे तुम्हारी बात”
“सो स्वीट , चलो वहा चलकर बैठो”,काशी शक्ति की बाँह पकड़कर उसे कुर्सी की तरफ ले आयी और बैठने का इशारा किया। शक्ति आ बैठा लड़का आया और उसका हुलिया सुधारने लगा। काशी वेटिंग एरिया में पड़े सोफे पर आकर बैठ गयी और मैगजीन के पन्ने पलटने लगी। एक डेढ़ घंटे बाद शक्ति काशी के सामने आकर खड़ा हो गया। उसने अपना मुंह छुपा रखा था क्योकि अपने नए लुक में उसे काफी शर्म आ रही थी। काशी ने देखा तो हाथ में पकड़ी मैगजीन नीचे रखी और उठकर शक्ति के पास चली आयी। उसने शक्ति का हाथ नीचे किया और उसे देखने लगी। शक्ति के लम्बे बालों को काट-छांटकर उन्हें एक अच्छा लुक दे दिया। दाढ़ी भी हटाकर क्लीन शेव कर दिया , दाढ़ी हटने के बाद शक्ति के गाल पर कुछ नीचे की तरफ तिल था जो अब नजर आ रहा था। उसके होंठ अब सुर्ख गुलाबी नजर आ रहे थे। काशी प्यार से शक्ति को देखते रही वो काफी हेंडसम लग रहा था। काशी के ऐसे देखने से शक्ति को अजीब लगने लगा तो उसने मुंह घुमाते हुए कहा,”हमे ऐसे मत देखो”
“तुम बहुत अच्छे लग रहे हो”,काशी ने उसका चेहरा वापस अपनी तरफ घुमाकर कहा तो शक्ति हल्का सा मुस्कुरा दिया। काशी ने बिल पे करना चाहा तो शक्ति ने रोक दिया और खुद पे किया। काशी शक्ति को लेकर बाहर चली आयी , चलते चलते शक्ति ने खुद को शीशे में देखा , दो साल पहले भी वो ऐसा ही दिखता था। काशी शक्ति को लेकर एक कपड़ो के शॉप में आयी तो शक्ति ने कहा,”काशी ये तुम ये सब मत करो प्लीज”
“क्या हम तुम्हारे लिए कपडे पसंद नहीं कर सकते ?”,काशी ने पूछा
“ऐसा नहीं है,,,,,,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने कहा
“तो फिर जो मैं हम पसंद करे वो फटाफट ट्राय करके हमे दिखाओ”,काशी ने शक्ति को रॉ की तरफ ले जाते हुए कहा। वह एक एक करके हुक से कपडे निकाल रही थी। शक्ति शॉप में चारो ओर नजरे दौड़ाकर ना जाने क्या ढूंढ रहा था। उसे देखकर लग रहा था जैसे वह नहीं चाहता कोई उसे देखे और पहचाने। काशी कुछ कपड़े लेकर शक्ति के पास आयी और उसे कपडे देकर कहा,”ये पकड़ो और वो रहा चेंजिग रूम”
शक्ति काशी को हाँ बोलकर फंस चुका था , अब उसे काशी की कही हर बात माननी पड़ रही थी। उसने कपडे लिए और चेंजिंग रूम में चला आया। शक्ति पहली ड्रेस पहनकर बाहर आया ,, जींस , उस पर सफ़ेद टीशर्ट और साथ में ब्लैक ब्लेजर। शक्ति उस ड्रेस में बहुत अच्छा लग रहा था बिल्कुल कॉलेज जाने वाले लड़के की तरह। काशी ने देखा तो मुस्कुराते हुए हाथ से ओके का साईंन बना दिया। शक्ति दुसरा ड्रेस पहनकर आया ये उस पर कुछ खास अच्छा नहीं लगा तो काशी ने मुंह बनाते हुए ना में गर्दन हिला दी। उसके बाद दो ड्रेस और रिजेक्ट हुयी। अगली बार शक्ति फिर चेंज करके आया। फॉर्मल ऐंकल कट पेंट , फॉर्मल शर्ट जो की उसने अच्छे से केरी किया था। अब तक शक्ति को भी कपडे चेंज करने में मजा आने लगा था इसलिए वह अपने दोनों हाथो को पेंट की जेब में डालकर थोड़ा स्टाइल में खड़ा हुआ। काशी को ये ड्रेस बहुत ज्यादा पसंद आया इसलिए उसने खुश होकर दोनों हाथो से ओके का साइन बना दिया। शक्ति मुस्कुरा कर वापस चला गया। उसके बाद वह आखरी ड्रेस पहनकर आया जींस और उस पर ब्लैक वाइट डबल शेड वाली फ्री साइज टीशर्ट , जिसकी बाजू कोहनी तक थी लेकिन शक्ति उन कपड़ो में काफी क्यूट लग रहा था। काशी ने उसकी एक तस्वीर ली और कहा,”इसे मत उतरना ये अच्छा लग रहा है”
शक्ति ने वो सब कपडे जो काशी ने पसंद किये थे उन्हें पैक करने को कहा और काशी के पास चला आया। काशी के साथ चलते हुए उसे याद आया की ऐसे उसका बाहर जाना सही नहीं इसलिए चलते चलते उसने रॉ में लगे बड़े केप वाले जैकेट को भी ले लिया।
“ये किसलिए ?”,काशी ने पूछा
“वो बाहर बहुत ठंड है ना इसलिए,,,,,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने पहनते हुए कहा। शक्ति ने बिल पे किया और काशी सभी बैग्स लेकर उसके साथ चल पड़ी।

“लाओ हमे दे दो”,शक्ति ने काशी के हाथ में बैग देखकर कहा
“अरे इट्स ओके,,,,,,,,,,,,,,,,हमे बहुत भूख लगी है चलो ना कुछ खाते है”,काशी ने शक्ति का हाथ छोड़ रेस्त्रो की तरफ जाते हुए कहा
शक्ति ने अपने दोनों हाथो से पीछे लटकी केप से सर ढकते हुए काशी के पीछे चला आया। रेस्त्रो में आकर शक्ति ने देखा रेस्त्रो लोगो से खचाखच भरा था। शक्ति सर झुकाकर चलने लगा। चलते चलते उसके सामने दो लड़के आये शक्ति ने जैसे ही गर्दन उठाकर उन्हें देखा दोनों लड़के तुरंत पीछे हटे और शक्ति को सेल्यूट किया। शक्ति ने आगे बढ़कर जल्दी से उनके हाथ नीचे किये और धीमी आवाज में कहा,”2 मिनिट में यहाँ से निकलो”
“लेकिन सर हम फॅमिली के साथ आये है वो वहा सब खाना खा रहे है”,एक ने कुछ ही दूर टेबल के आस पास बैठे लोगो की तरफ इशारा करके कहा
“ठीक है फिर हमे ना पहचानने का नाटक करो”,कहकर शक्ति आगे बढ़ गया
“सर इंदौर में क्या कर रहे है ? चीफ को अगर पता चला तो प्रॉब्लम हो जाएगी”,दोनों लड़को में से एक ने कहा
“सर पुरे 2 साल बाद आये है जरूर कोई बड़ी वजह होगी , चलो चलते है वरना सर ने हमे यहाँ देखा तो गुस्सा करेंगे”,दूसरे लड़के ने कहा और दोनों वहा से चले गए
शक्ति काशी के साथ एक कॉर्नर वाली टेबल पर आ बैठा , वह चाहता था कम से कम लोगो की नजर उस पर पड़े।
“वो लड़के तुम्हे सेल्यूट क्यों कर रहे थे ?”,काशी ने पूछा
“उन्हें लगा हम पुलिसवाले है शायद इसलिए,,,,,,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने काशी से नजरे चुराते हुए कहा
“वैसे तुम लगते भी हो लेकिन हमे पुलिसवाले पसंद नहीं है,,,,,,,,,,,,,,!!”,काशी ने कहा
“वो क्यों ?,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने काशी की बातो में इंट्रेस्ट लेते हुए कहा
“पुलिसवाले बहुत स्ट्रिक्ट होते है , जब देखो तब गुस्सा करते है , शक करते है,,,,,,,,,,,,,और वो रोमांटिक तो बिल्कुल नहीं होते”,काशी ने कहा
शक्ति ने सूना तो थोड़ा सा काशी की तरफ झुका और एकदम से काशी के होंठो को अपने होंठो से छू लिया। काशी की तो धड़कने ही रुक गयी। अचानक से शक्ति ने ये क्यों किया वह समझ ही नहीं पायी। शक्ति पीछे हटा और अपनी कुर्सी पर बैठते हुए कहा,”सारे पुलिसवाले स्ट्रिक्ट नहीं होते है”
काशी ने कुछ नहीं कहा बस शक्ति को देखने लगी , वो पागल लड़की शक्ति की कही बात का मतलब भी नहीं समझ पायी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!

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गौरी और मुन्ना की कहानी कया मोड़ लेगी ? क्या वंश जा पायेगा इंदौर या उस से पहले बदल जाएगी उसकी जिंदगी ? क्या शक्ति पुलिसवाला है ? जानने के लिए सुनते रहिये “मैं तेरी हीर”

क्रमश – Main Teri Heer – 83

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