Sanjana Kirodiwal

Main Teri Heer – 58

Main Teri Heer – 58

Main Teri Heer
Main Teri Heer – Season 4

उर्वशी ने एकदम से मुन्ना और गौरी की सगाई में आकर तमाशा कर दिया। उर्वशी ने जो कहा उस से गौरी उलझन में पड़ गयी , क्या मुन्ना पहले से उर्वशी को जानता था और जानता था तो फिर उसने गौरी को इस बारे में क्यों नहीं बताया ? गौरी बस नम आँखों से मुन्ना को देखे जा रही थी। उर्वशी की आवाज सुनकर  सभी वहा जमा हो गए ,, इत्तेफाक से वंश और निशि वहा नहीं थे।

मुरारी बाहर आया उसने जब उर्वशी को वहा देखा तो उसके पैरो से जमीन खिसक गयी क्योकि उसने उर्वशी को मुन्ना की सगाई में बिल्कुल न्यौता नहीं दिया था फिर भी उर्वशी का यहाँ आना किसी अनहोनी का डर था
“क्या बात है मुरारी ये शोर कैसा ? ये यहाँ क्या कर रही है कही तुमने तो,,,,,,,,,,,,!!”,शिवम् ने उर्वशी को वहा देखकर मुरारी से कहा


“नहीं नहीं भैया हमने इनको इन्वाइट नहीं किया , हमे नहीं पता जे हिया किसलिये आयी है ?”,मुरारी ने कहा
“हम्म्म्म तुम रुको हम बात करते है”,कहते हुए शिवम् उर्वशी की तरफ बढ़ गया
“अरे भैया,,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा लेकिन तब तक शिवम् वहा से जा चुका था। बेचारा मुरारी मन ही मन सब सही होने की दुआ कर रहा था।

“तुम चुप क्यों हो मान ? ये सब क्या है ? कौन है ये और कैसा प्यार ?”,गौरी ने मुन्ना की बांह पकड़कर दर्दभरे स्वर में कहा
 मुन्ना ने गौरी की तरफ देखा और कहा,”हम इन्हे नहीं जानते गौरी और ना हमारा इनसे कोई रिश्ता है। जैसे बनारस में हजारो लोग आते है वैसे ये भी वहा एक मेहमान थी बस इस से ज्यादा कुछ नहीं ,,,,,,,,,,,,,,,!!!”
“तुम्हारा मुझसे कोई रिश्ता नहीं होगा लेकिन मैंने तो तुम्हे अपना सब कुछ मान लिया है मानवेन्द्र मिश्रा,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं कहती हूँ तोड़ दो ये सगाई और चलो मेरे साथ,,,,,,!!”,उर्वशी ने मुन्ना का हाथ थामकर कहा


शिवम् ने उर्वशी के हाथ से मुन्ना का हाथ छुड़ाया और कहा,”ये क्या बदतमीजी है ? ऐसे बिन बुलाये आप यहाँ चली आयी देखिये यहाँ मुन्ना और गौरी की सगाई चल रही है इसलिये किसी तरह का तमाशा मत कीजिये”
उर्वशी ने जलती नजरो से शिवम् को देखा वह कुछ कहती इस से पहले ही शक्ति वहा आ पहुंचा और कहा,”पापा ! आप रहने दीजिये हम बात करते है , सुनिए आप हमारे साथ आईये”


कहते हुए शक्ति उर्वशी को अपने साथ ले गया। नशे में धुत्त उर्वशी को ये होश तक नहीं था कि वह कहा है और क्या बोल रही है ?”
गौरी ने ये सब तमाशा देखा तो वहा से चली गयी मुन्ना उसके पीछे आया और उसकी कलाई पकड़कर उसे रोकते हुए कहा,”गौरी हमारी बात सुनो !”
“उसने जब कहा “क्या मेरे प्यार की तुम्हारी नजरो में कोई अहमियत नहीं है ?” तब तुम चुप क्यों रहे ? उसे कुछ कहा क्यों नहीं ?”


“क्योकि हमारी नजर में उसके प्यार की कोई अहमियत नहीं है , हम उनसे प्यार नहीं करते है गौरी ,, वो हमारी माँ की उम्र की है हम उनके बारे में कभी ऐसा सोच भी नहीं सकते,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने गंभीरता से कहा
“तो फिर उसने ऐसा क्यों कहा कि हम दोनों कभी खुश नहीं रहेंगे और ये शादी नहीं होगी ?”,ये कहते हुए गौरी लगभग रो पड़ी


मुन्ना गौरी के करीब आया और उसके चेहरे को अपने हाथो में लेकर कहने लगा,”गौरी हमे पसंद करने वाले या हम से प्यार करने वाले हजारो लोग है इस दुनिया में और ये इम्पोर्टेन्ट नहीं है , इम्पोर्टेन्ट ये है कि हम किसे पसंद करते है , हम किस से प्यार करते है।”


 मुन्ना की बात सुनकर गौरी उसकी आँखों में देखने लगी तो मुन्ना ने आगे कहा,”और हम सिर्फ तुम्हे पसंद करते है गौरी , सिर्फ तुम से प्यार करते है,,,,,,,,,,और यही सच है। तुम्हारे अलावा आज तक हमने किसी लड़की को देखना तक दूर किसी का ख्याल भी हमारे जहन में नहीं आया है। हमारा विश्वास करो करो , हम सिर्फ तुम से प्यार करते है।”


” आई आम सॉरी,,,,,,,,,,,!!”,कहकर गौरी ने अपना सर मुन्ना के सीने से लगा लिया। गौरी उस से कितना प्यार करती है देखकर मुन्ना को एक सुकून का अहसास हुआ वह गौरी का सर सहलाने लगा।

वंश की बातों से हर्ट होकर निशि गार्डन एरिया से दूसरी तरफ चली आयी और वहा पड़ी बेंच पर बैठ गयी। रात का वक्त था और ठंडी हवाये चल रही थी। हलकी ठण्ड का अहसास निशि को हो रहा था लेकिन उसे वहा बैठना अच्छा लग रहा था। स्लीवलेस ब्लाउज होने की वजह से उसे हाथो पर ठंड लग रही थी। निशि अपने हाथो को सहलाते हुए कहा आसमान में चमकते हुए चाँद को देख रही थी।  


“कॉफी,,,,,,,,,,,!”, वंश की आवाज निशि के कानों में पड़ी उसने देखा उसके बगल में वंश खड़ा है जिसके हाथ में दो कप थे। कुछ देर पहले ही वंश ने निशि को परेशान किया था और अब वो उसके लिये कॉफी लेकर आया था।
निशि ने वंश के हाथ से कप लिया और बुझे स्वर में कहा,”मैं तुम्हे समझ नहीं पा रही हूँ,,,,,,,!!”
“धीरे धीरे समझ जाओगी,,,,,,,,,!!”,वंश ने निशि के बगल में बैठते हुए कहा
निशि ने वंश की तरफ देखा तो वंश ने अपने कप को धीरे से निशि के कप से छुआ और कहा,”चियर्स,,,,,,,,,पीकर देखो मैंने खुद बनायीं है,,,,,,,,,!!”


“हाँ क्या सच में ?”,निशि ने हैरानी से कहा
“अह्ह्ह्ह दरअसल बनायीं कॉफीवाले ने थी मैं बस कप में लेकर आया हूँ , पीओ ना ठंडी हो जायेगी,,,,,,,,,,!!”,वंश ने अपने कप से एक घूंठ भरते हुए कहा
निशि ने सुना तो हल्का सा मुस्कुराई और सामने देखते हुए कॉफी पीने लगी , कॉफी अच्छी बनी थी। निशि ने वंश की तरफ देखा और कहा,”थैंक्यू !”


“थैंक्यू किसलिये हम दोनों तो दोस्त है न,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा
निशि को इस बार पहले से भी ज्यादा हैरानी हुई क्योकि उसके और वंश के बीच दोस्तों वाला कोई रिश्ता नहीं था। निशि को हैरान परेशान देखकर वंश ने कहा,”ओह्ह्ह तुम सोच रही होगी कि हम दोस्त कैसे हो सकते है ? हम दोनों तो एक दूसरे को इतना कोसते रहते है,,,,,,,,,,,,,,पर वो दोस्ती ही क्या जिसमे लड़ाई झगडे ना हो ,, इसी से तो प्यार बढ़ता है क्यों ?”


कहते हुए वंश ने अपना कंधा निशि के कंधे से टकरा दिया।
“तुम्हे समझना सच में मुश्किल है , एक पल में तुम इतने बुरे बन जाते हो कि दिल करता है कभी तुम से बात ना करू और अगले ही पल इतने स्वीट बन जाते हो कि किसी को भी तुम से प्यार हो जाये,,,,,,,,,!!”,निशि अपने दिल की बात होंठो पर ले आयी।
वंश निशि की तरफ पलटा और कहा,”किसी को भी ?”


“हाँ किसी को भी,,,,,,,!!”,निशि ने वंश की आँखों में देखते हुए कहा
“किसी को भी ?”,वंश ने निशि के थोड़ा करीब आकर उसकी आँखों में झांकते हुए कहा
“हम्म्म्म,,,,,,,,,,!!”,वंश के करीब आने से निशि की धड़कने बढ़ गयी वह इस से ज्यादा कुछ बोल ही नहीं पायी। वंश के कपड़ो से आती मेंस परफ्यूम की खुशबु निशि के चारो तरफ महक रही थी। वंश का यू करीब आ जाना निशि को एक अलग ही ख़ुशी और घबराहट दोनों का मिश्रित अहसास दिलाता था।

वंश एकदम से पीछे हटा और कहा,”लेकिन मैं नहीं चाहता किसी को भी मुझसे प्यार हो जाये,,,,,,,,,,!!”
“तुम से एक बात पुछु ?”,निशि ने हिम्मत करके कहा।
“हाँ पूछो,,,,,,!!”,वंश ने सामने देखते हुए कहा और कॉफी पीना जारी रखा
“क्या तुम्हे कभी किसी से प्यार हुआ है ?”,निशि ने झिझकते हुए पूछा क्योकि कई बार वह उस अहसास को महसूस कर चुकी थी जो वंश के करीब आकर उसे होता था लेकिन आज वह वंश की भावनाये भी जानना चाहती थी।


वंश कुछ देर खामोश रहा , उसे खामोश देखकर निशि ने कहा,”अह्ह्ह्ह लगता है मैंने तुम से गलत सवाल पूछ लिया,,,,,,,,,,,,,,,सॉरी , अगर तुम नहीं बताना चाहते तो इट्स ओके,,,,,,,,,,!!”
“निशि,,,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने सामने देखते हुए एकदम से कहा , इस वक्त उसकी आवाज बाकि दिनों के बजाय थोड़ी गंभीर और सर्द थी।

निशि ख़ामोशी से वंश को देखने लगी तो वंश ने आगे कहा,”मैं नहीं जानता प्यार क्या होता है ? मुझे नहीं पता ये कैसी फीलिंग होती है ? कॉलेज में काफी लड़किया मेरी दोस्त रही है , घूमना फिरना पार्टी करना सब किया है उनके साथ पर तुम्हारे साथ होता हूँ तो एक सुकून महसूस होता है।

तुम से झगड़ता भी हूँ तो अच्छा लगता है। आज से पहले किसी लड़की के साथ इतना कम्फर्टेबल नहीं रहा हूँ। तुम पहली लड़की हो जिसे मैंने किस किया , हमेशा अपनी अकड़ में रहा हूँ लेकिन तुम्हारे सामने मेरा ईगो मेरी अकड़ सब गायब हो जाती है और मैं तुम्हारे लिये वो सब कर देता हूँ जो मैंने आज तक नहीं किया,,,,,,,,,,,,,आज से पहले सिर्फ पापा को माँ की साड़ी सही करते देखा था , आज जब मैंने तुम्हारी साड़ी की तो आई फील की तुम स्पेशल हो,,,,,,,,,,,,,तुम पर गुस्सा करने के बाद भी मैं सबसे तुम्हारी ही बाते करता रहता हूँ ,

पता नहीं क्यों पर तुम्हे तंग करना मैं अपना हक़ समझने लगा हूँ , मैं अपनी बात कहने के मामले में बहुत बेकार हूँ शायद इसलिए ठीक से कह नहीं पाता , मैं आज भी तुमसे कहना चाहता था कि तुम इस साड़ी में बहुत सुंदर लग रही हो ,, बिल्कुल किसी राजकुमारी जैसी,,,,,,,,,,,,,,वैसे मेरी माँ मुझे कभी कभी राजकुमार कह देती है”
वंश के आखरी शब्द सुनकर निशि हंस पड़ी। वंश ने देखा तो निशि की तरफ पलटा और कहा,”देखा मैंने कहा था ना मैं अपनी बात कहने के मामले में बहुत बेकार हूँ,,,,,,,,,,,,,,तुम भी मुझ पर हंस रही हो”


“आई ऍम सो सॉरी लेकिन मेरी तारीफ करते करते तुम एकदम से खुद की तारीफ करने लगे इसलिये मुझे हंसी आ गयी,,,,,,,,,सॉरी”,निशि ने अपनी हंसी रोकते हुए कहा
“मतलब मैंने अब तक जो कहा वो कुछ समझ नहीं आया तुम्हे ?”,वंश ने पूछा
“आया ना , आज मुझे पता चला कि तुम बिल्कुल नारियल जैसे हो बाहर से सख्त और अंदर से बिल्कुल नरम,,,,,,,,,,,,मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं , अब तक तुमने मुझे जितना भी परेशान लिये मैंने तुम्हे माफ़ किया”,निशि ने खुश होकर कहा


वंश निशि की तरफ बढ़ा तो निशि का दिल फिर धड़क उठा उसे लगा वंश उसे गले लगाना चाहता है , उसने अपनी आँखे मूंद ली वंश ने उसे गले नहीं लगाया बल्कि निशि के पीछे रखे डस्टबिन में खाली कप ड़ालकर जैसे ही जाने लगा निशि की बंद आँखों और उसके सुर्ख लाल होंठो पर वंश की नजर चली गयी।  
वंश निशि के करीब आया और अपने होंठो को उसके कान के पास लाकर धीरे से कहा,”बट आई लाइक यू , छिपकली,,,,,,,,,,,!!”


वंश के मुंह से आई लाईक यू सुनकर तो निशि के दिल में तरंगे बजने लगी और पेट में तितलियाँ उड़ने लगी। उसने धीरे से अपनी आँखे खोली तो वंश ने फिर धीरे से कहा,”तुम इतनी खूबसूरत लग रही हो कि i just wanna kiss you right now,,,,,,,,,,,,,लेकिन मैं ऐसा नहीं करूंगा क्योकि मैने सुना है छिपकलियों में बहुत जहर होता है।”
कहकर वंश वहा से भाग गया ,

बेचारी निशि वंश के मुंह से इतनी प्यारी प्यारी बाते सुनकर फील ले ही रही थी कि वंश ने जहर वाली बात बोलकर निशि को फिर छेड़ दिया लेकिन इस बार निशि को गुस्सा नहीं आया बल्कि वह ख़ुशी से खिलखिला उठी ये जानकर कि वंश उसे पसंद करता है।  

उर्वशी के एकदम से सगाई में आ जाने से सब परेशान हो गए।  घरवालों को तो शिवम् ने सम्हाल लिया लेकिन अनु ने जब उर्वशी को वहा देखा तो उसे लगा मुरारी  ने ही उसे सगाई में बुलाया है। मुरारी अनु की तरफ आया और कहा,”मैग्गी हम उह,,,,,,,,,,,,!!”
अनु ने मुरारी की बात ही नहीं सुनी और वहा से चली गयी। अनु का गुस्सा होना भी जायज था क्योकि इसी उर्वशी की वजह से बनारस में पहले भी कितना तमाशा हो चुका था। बेचारा मुरारी उदास हो गया।

फूफाजी ने देखा तो मुरारी के पास चले आये। अब तक वे मुरारी को परेशान कर रहे थे उसे छेड़ रहे थे लेकिन अब उन्हें भी मुरारी पर तरस आ रहा था। उन्होंने मुरारी के कंधे पर हाथ रखा और कहा,”उदास काहे होते हो मुरारी ? अनु बिटिया को कोनो ग़लतफ़हमी हो गयी होगी सुबह तक तो उह भूल भी जायेगी,,,,,,,,,,,,,आज मुन्ना की सगाई है तुमहू दिल छोटा ना करो,,,,,,,,,,,!!”


मुरारी ने सुना तो हैरान रह गया , उसे अहसास हुआ कि उसके रिश्तेदार इतने भी बुरे नहीं है ,, अगर वे उसकी टांग खींच सकते है तो उसका हाथ पकड़कर उसे गड्डे में गिरने से भी बचा सकते है।
“हमहू देखे शिवमवा के होने वाले दामाद का भौकाल है हिया इंदौर मा”,फूफाजी ने मुरारी के साथ चलते हुए कहा
“अरे हमरे पिताजी के दामाद का भी भौकाल है बनारस मा फूफा”,मुरारी ने कहा तो फूफाजी हंस पड़े और दोनों वहा से चले गए

शक्ति उर्वशी को लेकर बाहर आया और उसे समझा बुझाकर घर भेजा। शक्ति अंदर आया तो सामने से आती काशी ने उसका फोन उसकी तरफ बढाकर कहा,”शक्ति ये तुम्हारा फोन , किसी मोहसिन का इस पर फोन आ रहा है शायद कुछ अर्जेन्ट हो तुम देख लो”
शक्ति ने फोन लिया और मोहसिन को फोन लगाया। अंजलि के बुलाने पर काशी वहा से चली गयी ,  मोहसिन ने फोन नहीं उठाया

शक्ति ने देखा व्हाट्सप्प पर मोहसिन का एक मैसेज आया हुआ है , शक्ति ने उसे खोला और जैसे ही तस्वीर को देखा उसके चेहरे के भाव बदल गए।
मोहसिन ने उसे जिस महिला की फोटो भेजी थी वो कोई और नहीं बल्कि उर्वशी ही थी,,,,,,,,,,,,,,,,,शक्ति ने फोन जेब में रखा और भागकर बाहर आया लेकिन उर्वशी तब तक वहा से जा चुकी थी

क्या शक्ति उर्वशी तक पहुँच पायेगा ?

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