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Love You Zindagi – 31

Love You Zindagi – 31

Love You Zindagi - 1 Season 3
Love You जिंदगी – 1 Season 3

अवि ख़ामोशी से विपिन जी को देखता रहा। विपिन जी ने अवि की बांहो को थामा और बेचैनी भरे स्वर में कहा,”बेटा जी बताईये मुझे नैना कहा है और आप यहाँ क्या कर रहे है ? क्या उसे कुछ हो गया है ? वो ज़िंदा तो है ना ?”
“पापा,,,,,,,,,!!”,विपिन जी के आखरी शब्द सुनकर अवि ने तड़पकर कहा। उसे समझ नहीं आ रहा था वह उन्हें नैना के बारे में कैसे बताये ? उसने थोड़ी हिम्मत की और धीरे से कहा,”नैना को ब्लड कैंसर है,,,,,,,,!!”


विपिन जी ने जैसे ही सुना कुछ पल के लिए जैसे उनके दिल की धड़कने रुक गयी और चेहरे पर दर्द के भाव उभर आये। आराधना ने जब सुना तो हैरानी और दुःख में उनका हाथ उनके मुंह पर चला गया। उनकी आँखों में आँसू भर आये वह कुछ बोल ही नहीं पायी और फटी आँखों से अवि को देखने लगी। सौंदर्या ने उन्हें सम्हाला और उनके कंधो पर अपना हाथ रख उन्हें साइड हग करते हुए हामी में अपना सर हिला दिया।


विपिन जी अपने सीने में चुभन महसूस कर रहे थे वे रोना चाहते थे लेकिन आँसू जैसे उनकी आँखों में जम से गए और शब्द उनके गले में जैसे अटक गए हो,,,,,,,,,,!! उन्हें खामोश देखकर अवि ने उनके कांपते हाथो को थामकर कहा,”बर्थडे वाली शाम नैना को अटैक आया था , अभी वो खतरे से बाहर है और कल से उसकी कीमोथेरपी शुरू होगी,,,,,,,,,,!!”


“मैं नैना से मिलना चाहता हूँ,,,,,,,,,,,!!”,विपिन जी ने बदहवास हालत में कहा , उन्हें देखकर लग रहा था जैसे वे अभी रो देंगे। चौधरी साहब ने अवि से उन्हें साथ लेकर जाने का इशारा किया और खुद बाकि सबके साथ वही रुक गए , आराधना भी विपिन जी के साथ अवि के पीछे चल पड़ी। उनकी आँखों से लगातार आँसू बहे जा रहे थे और वह उन्हें पोछते हुए आगे बढ़ रही थी। दरवाजे के बाहर विपिन जी रुके और पलटकर आराधना की तरफ अपना रुमाल बढ़ाकर कहा,”अपने आँसू पोछो आराधना , नैना ने तुम्हे रोते देखा तो परेशान हो जाएगी,,,,,,,,,,!!”


आराधना ने अपने आँसू पोछे लेकिन उनका दिल अंदर ही अंदर अभी भी रो रहा था। वही विपिन जी ने आराधना से तो कह दिया लेकिन अंदर जाने से पहले उनका खुद का मन भारी हो रहा था। नैना के सामने वे खुद को कैसे रोक पाएंगे इस बारे में सोच ही रहे थे कि अवि ने कहा,”पापा ! अंदर चले ?’
अवि की आवाज से विपिन जी की तंद्रा टूटी और उन्होंने हामी में अपना सर हिला दिया।


अवि उन दोनों के साथ अंदर आया , नैना बिस्तर पर आँखे मूंदे लेटी थी। नैना के एक हाथ के अंगूठे में मॉनिटर मशीन लगी थी और दूसरे हाथ में ड्रिप , उसके चेहरे पर कोई रंगत नहीं थी और होंठ सुख चुके थे। वह पहले से काफी कमजोर नजर आ रही थी। आराधना ने देखा तो फिर उनकी आँखों से बहने लगे। आज से पहले उन्होंने नैना को इस हाल में कभी नहीं देखा था। अवि ने उन्हें साइड हग करके सीने से लगाया और हिम्मत रखने को कहा।

विपिन जी उदास चेहरा लिए खाली आँखों से नैना को देखते हुए आगे बढे। वे नैना के बगल में आये और अपने हाथ को उसके सर पर धीरे से छूकर कहा,”बेटा जी !”
नैना ने अभी अभी सोने के लिए आँखे बंद की जैसे ही उसने अपने पापा की आवाज सुनी अपनी आँखे खोली। विपिन जी को अपने सामने देखकर नैना को विश्वास नहीं हुआ। उसके चेहरे पर दर्द के भाव उभर आये और आँखों में आँसू भर आये , उसका गला रुंध गया और उसके मुंह से मुश्किल से निकला,”डेड”


विपिन जी ने बहुत मुश्किल से खुद को रोका और कहा,”तुम ठीक हो ना नैना ?”
 नैना ने खुद से उठने की कोशिश की तो अवि उसके पास आया और उसे उठाकर उसके बैठने में मदद की , सहारे के लिए उसने नैना की पीठ पीछे तकिया लगा दिया। नैना ने विपिन जी की तरफ देखा और लगभग रोते हुए कहा,”अब ठीक हूँ डेड”


विपिन जी ने आगे बढ़कर नैना को सीने से लगाया तो नैना फूट फूट कर रो पड़ी। विपिन जी उसका सर सहलाते रहे , अवि नैना को ऐसे रोते हुए नहीं देख पा रहा था। उसका चेहरा उदासी से घिर गया तो विपिन जी ने अवि से कहा,”इसे रो लेने दो बेटा जी , इसका मन थोड़ा हल्का हो जायेगा”
“मैं नहीं देख पाऊंगा,,,,,,!!”,कहते हुए अवि वहा से बाहर चला गया। बाहर आकर अवि ने अपनी पीठ दिवार से लगा ली और अपना चेहरा ऊपर उठाकर आँखे मूंद ली ,

उसकी आँखों में ठहरे आँसू बहते हुए कनपटी से होकर नीचे गिरने लगे। चौधरी साहब , सौंदर्या और सार्थक ने अवि को बाहर देखा तो उसके पास चले आये। सौंदर्या ने अवि को रोते देखा तो उसे सम्हालते हुए कहा,”अवि ! बेटा तुम ठीक हो ना ?”


अवि ने जैसे तैसे करके अब तक खुद को रोक रखा था , वह नैना के सामने रोना तो दूर उसके सामने उदास चेहरा लेकर भी नहीं जाता था लेकिन विपिन जी के पास नैना को बच्चो की तरह रोते देखकर वह खुद को रोक नहीं पाया। उसे खामोश देखकर सौंदर्या ने अवि का चेहरा अपने हाथो में लिया और कहा,”अवि क्या हुआ ? तुम ठीक हो ना ?”
“मैं उसे रोते हुए नहीं देख सकता मॉम , वो जब रोती है तो मुझे बहुत तकलीफ होती है,,,,,,,,,,,,,,,ये सब नैना के साथ क्यों हो रहा है ? मैं उसे वापस घर लेकर जाना चाहता हूँ,,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने रोते हुए कहा


सौंदर्या ने अवि को पहली बार ऐसे रोते हुए देखा था , उन्होंने अवि को गले लगाया और उसकी पीठ सहलाते हुए कहा,”नैना ठीक हो जाएगी बेटा , हम सब है ना उसके साथ,,,,,,,तुम दिल छोटा मत करो , तुम अगर टूट जाओगे तो उसे कौन सम्हालेगा ? शांत हो जाओ बेटा,,,,,,,,,,,,!!”

अवि को रोते देखकर चौधरी साहब ने उसके कंधे पर हाथ रखा और कहा,”मैं इस शहर के सबसे बेस्ट डॉक्टर को नैना के लिए हायर कर दूंगा , उसके इलाज में कोई कमी नहीं होगी अवि और देखना जल्दी ही नैना ठीक होकर घर आएगी,,,,,,,,,,!!”


सार्थक ने अवि को ऐसे रोते देखा तो वह भी उदास हो गया। उसने महसूस किया अवि नैना से कितना प्यार करता है , सार्थक अवि को वहा से अपने साथ लेकर चला गया। चौधरी साहब और सौंदर्या बाहर रखे सोफे पर आ बैठे। तभी सौंदर्या का फोन बजा उसने देखा फोन शीतल का है तो उसने फोन उठाया और कहा,”हेलो ! हाँ शीतल क्या हुआ बताओ ?”
“आंटी ! वो वो निबी कही मिल नहीं रही है,,,,,,,!!”,शीतल ने घबराये हुए स्वर में कहा
“मिल नहीं रही है मतलब ?”,सौंदर्या ने पूछा


“मैंने उसे सब जगह देख लिया आंटी लेकिन निबी घर में कही नहीं है , उसका फोन भी यही है,,,,,,,,,,,,मुझे समझ नहीं आ रहा है मैं क्या करू ?”,शीतल ने घबराते हुए कहा
सौंदर्या ने जब सुना निबी घर में नहीं है तो किसी अनहोनी के ख्याल से उनका दिल धड़कने लगा। उन्हें हैरान परेशान देखकर पास बैठे चौधरी साहब ने सौंदर्या के हाथ से फोन लिया और शीतल से बात की। शीतल ने उन्हें सारी बात बता दी तो चौधरी साहब ने घर आने की बात कहकर फोन काट दिया।

सौंदर्या बुत बनी बैठी थी। चौधरी साहब उठे और कहा,”सौंदर्या चलो ! हमे घर जाना होगा , निबी घर में नहीं है खुद को अनुराग की मौत का जिम्मेदार मानकर कही उसने कोई गलत कदम उठा लिया तो,,,,,,,,,,,हमे जल्द से जल्द घर जाना होगा”


“ये सब क्या हो रहा है ? हमारे बच्चे ये कैसी परेशानियों में फंस गए है ?”,सौंदर्या ने आँखों में आँसू भरकर कहा
“इस वक्त ये सब सोचने का वक्त नहीं है सौंदर्या , चलो उठो,,,,,,,,!!”,चौधरी साहब ने सौंदर्या को उठाते हुए कहा और अपने साथ लेकर चले गए। चौधरी साहब अवि को बिना कुछ बताये सौंदर्या के साथ हॉस्पिटल से निकल गए।

विपिन जी के सीने से लगी नैना कुछ देर बाद चुप हो गयी और सिसकने लगी। वह कसकर विपिन जी को थामे हुयी थी। नैना सबके सामने मजबूत बनने का दिखावा कर सकती थी लेकिन अपने पापा और अवि के सामने नहीं। अवि को वह फिर भी इधर उधर की बातो में फंसकर अपनी उदासी का अहसास होने नहीं देती थी लेकिन विपिन जी के सामने नैना आईने की तरह साफ थी।  जब नैना की सिसकिया भी बंद हो गयी और वह थोड़ा शांत हुई तब विपिन जी ने धीरे से कहा,”नैना,,,,,,,!!”


नैना विपिन जी से दूर हटी और खुद को सामान्य दिखाते हुए कहा,”मैं ठीक हूँ डेड,,,,,,,,!!”
“तो फिर मुझे देखकर तुम रोई क्यों ?”,विपिन जी ने प्यार से नैना के गाल को छूकर पूछा
“आपको एकदम से यहाँ देखकर मैं बहुत ज्यादा खुश हो गयी डेड,,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने भर्राये गले से कहा
विपिन जी हल्का सा मुस्कुराये और नैना के ललाट को अपने होंठो से छूकर कहा,”लेकिन मैं तुम्हारी आँखों में ये आँसू नहीं देख सकता,,,,,,,,,,!!”


विपिन जी नैना से दूर हटे तो नैना ने कहा,”डेड ! मैं बिल्कुल ठीक ये तो बस वीकनेस की वजह से उस रात मुझे चक्कर आ गया और पडोसी ने मुझे यहाँ एडमिट कर दिया,,,,,,,,,,,,,मुझे लेकर वो थोड़ा ओवर प्रोटेक्टिव है ना इसलिए,,,,,,,,,,विहान ने कहा है कल मैं घर जा सकती हूँ,,,,,,,,,,!!”


विपिन जी नैना को एकटक देखते हुए ख़ामोशी से उसकी बात सुनते रहे , नैना को लगा शायद उसके मम्मी पापा को उसकी बीमारी के बारे में पता नहीं है इसलिए उन्हें परेशान ना करने के लिए उसने झूठ बोल दिया और नैना का झूठ सुनकर विपिन जी का दिल तकलीफ से भर गया। ऐसे मुश्किल वक्त में भी नैना उन्हें परेशान ना करने के लिए झूठ बोल रही थी।


विपिन जी को खामोश देखकर नैना ने उनसे नजरे चुराकर धीरे से कहा,”मैं सच कह रही हूँ डेड मैं अब बिल्कुल ठीक हूँ”
विपिन जी कुछ कहते इस से पहले आराधना आगे आयी और नैना से कहा,”तुम अकेले ये सब झेल रही हो , तुमने हमे बताना भी सही नहीं समझा बेटा,,,,,,,मैं और तुम्हारे डेड यहाँ तुम्हे सरप्राइज देने आये थे और तुमने तो हमे ही सरप्राइज दे दिया,,,,,,,,,,!!”


कहते हुए आराधना की आँखों में आँसू भर आये। नैना ने देखा तो अपना हाथ फैलाकर उन्हें अपने पास आने का इशारा किया। आराधना रोते हुए नैना के गले आ लगी और कहा,”तुम्हे हम लोगो से ये सब नहीं छुपाना चाहिए था बेटा”


“मैं बस आपको और डेड को परेशान करना नहीं चाहती थी मॉम,,,,,,,,,पर मैं अब सच में में ठीक हूँ”,नैना ने कहा
आराधना नैना से दूर हटी और वही बगल में पड़ी कुर्सी पर आ बैठी। विपिन जी आराधना के बगल में खड़े कभी नैना को देखते तो कभी अचानक कही खो जाते। आराधना की बात सुनते हुए नैना बीच बीच में विपिन जी को देख रही थी और मन ही मन दुआ कर रही थी अवि ने विपिन जी को उसकी बीमारी के बारे में न बताया हो,,,,,,,,,,,,,,,!!”

जयपुर , रुचिका का घर
पिछले दस मिनिट से रुचिका और मोंटी ख़ामोशी से एक दूसरे के सामने खड़े कभी एक दूसरे को तो कभी इधर उधर देख रहे थे। दोनों में से पहले बात कौन करे दोनों ही नहीं समझ पा रहे थे। कुछ देर बाद मोंटी ने ही बात की शुरुआत करते हुए कहा,”ये कलर तुम पर अच्छा लग रहा है,,,,,,,,,,,!!”
“अच्छा तो लगेगा ही , तुम्हारा फेवरेट जो है,,,,,,,,,,,!!”,रुचिका ने धीरे से कहा


मोंटी ने सुना तो उसे एक अजीब सी ख़ुशी महसूस हुई , भले ही रुचिका के साथ कुछ वक्त से उसका रिश्ता अच्छा नहीं था लेकिन रुचिका को आज भी उसकी पसंद नापसंद के बारे में पता था। मोंटी एक बार फिर खामोश हो गया तो रुचिका ने उसकी तरफ देखा और कहा,”और कुछ ?”
“अह्ह्ह्हह ! वो मैं ये तुम्हारे लिए लेकर आया था,,,,,,,,,,!!”,मोंटी ने अपने साथ लायी इमली का डिब्बा रुचिका की तरफ बढाकर कहा


रुचिका ने देखा मोंटी को अब भी याद है कि उसे चित्रकूट स्टेशन पर बिकने वाली ये मीठी इमलिया पसंद है तो उसके चेहरे पर ख़ुशी के साथ साथ आँखों में नमी भी उभर आयी और उसने कहा,”तुम्हे याद था ?”
“तुम से जुडी चीजे मैं कैसे भूल सकता हूँ रूचि ?”,मोंटी ने रुचिका की तरफ देखते हुए कहा


“तो फिर तुम ये कैसे भूल गए मोंटी कि मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती ? तुम मुझे क्यों यहाँ छोड़कर चले गए ? झगडे किस के बीच नहीं होते , पति पत्नी का रिश्ता तो बना ही इस नोक झोंक के लिए है तो क्या तुम मुझे मनाने के बजाय ऐसे छोड़कर चले जाओगे ? क्या तुम्हे मुझसे ज़रा सा भी प्यार नहीं है ?”,कहते कहते रुचिका रो पड़ी


रुचिका को रोते देखकर मोंटी को अच्छा नहीं लगा और उसने कहा,”किसने कहा प्यार नहीं नहीं ? प्यार नहीं होता तो मैं यहाँ तक आता क्या रुचिका ? मैं मानता हूँ मैं गधा हूँ मुझे चीजे देर से समझ आती है लेकिन मैं तुम्हे ऐसे अकेले छोड़ दूंगा ये इस जिंदगी में तो मुमकिन नहीं है ,, झगडे भी होंगे , बहस भी होंगी , चीखना चिल्लाना भी होगा , गलतफहमियां भी होगी लेकिन तुम्हे छोड़ने का ख्याल कभी मेरे दिमाग में नहीं आया ना आएगा और ना मैं कभी तुम्हे छोडूंगा”
मोंटी का इतना कहना था कि रुचिका रोते हुए उसके गले आ लगी

“आई ऍम सॉरी मोंटी , आई ऍम रियली सॉरी , तुम से दूर रहकर मुझे अहसास हुआ कि मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती। तुम जहा चाहो , जैसे चाहो मुझे रखो मैं रह लुंगी बस मुझे तुम्हारे साथ रहना है,,,,,,,,,,,,,,इतनी खूबसूरत लव स्टोरी को मैं ऐसे बर्बाद होते नहीं देख सकती,,,,,,,,,,,,,आई लव यू , आई लव यू सो मच,,,,,!!”,मोंटी के गले लगे रुचिका ने रोते हुए कहा
मोंटी से माफ़ी मांगने के बाद रुचिका को काफी हल्का महसूस हो रहा था। उसने महसूस किया कि वह मोंटी के बिना अधूरी थी।


रुचिका को अपनी गलती का अहसास हो गया है ये देखकर मोंटी ने कहा,”मुझे भी माफ़ कर दो रूचि मैंने तुम्हारा दिल दुखाया , तुम्हे हर्ट किया। वो सब हमारी लाइफ का एक बुरा फेज था उसे भूल जाओ,,,,,,,,,,आइंदा से मैं कभी तुम्हे छोड़कर नहीं जाऊंगा,,,,,,,,,,,आई लव यू”


रुचिका मुस्कुरा उठी और मोंटी के गले लगी रही तभी कुकू वहा आयी और दोनों को एक दूसरे के करीब देखकर नौटंकी करते हुए कहा,”हे मेरे कृष्णा ! आजकल के लड़का लड़की को बड़े बुजुर्गो की बिल्कुल शर्म नहीं है,,,,,,,,,,!!”
कुकू की आवाज सुनकर दोनों एक दूसरे से दूर हटे और इधर उधर देखने लगे।

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संजना किरोड़ीवाल

अवि ख़ामोशी से विपिन जी को देखता रहा। विपिन जी ने अवि की बांहो को थामा और बेचैनी भरे स्वर में कहा,”बेटा जी बताईये मुझे नैना कहा है और आप यहाँ क्या कर रहे है ? क्या उसे कुछ हो गया है ? वो ज़िंदा तो है ना ?”
“पापा,,,,,,,,,!!”,विपिन जी के आखरी शब्द सुनकर अवि ने तड़पकर कहा। उसे समझ नहीं आ रहा था वह उन्हें नैना के बारे में कैसे बताये ? उसने थोड़ी हिम्मत की और धीरे से कहा,”नैना को ब्लड कैंसर है,,,,,,,,!!”

Love You जिंदगी – 1 Season 3
A Woman by Sanjana Kirodiwal

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