Love You Zindagi – 7
राज को अपार्टमेंट के बाहर देखकर सार्थक का मूड ऑफ हो गया। ऑफिस में उसकी जरुरी मीटिंग थी लेकिन वह नहीं गया। सार्थक राज के बारे में बार बार सोचना नहीं चाहता था लेकिन फिर भी वह उन सब पलों से बच नहीं पा रहा था। सार्थक कुछ देर परेशान सा बाहर घूमता रहा और फिर ऑफिस चला आया। मीटिंग में आने की वजह से उसे बॉस से अच्छी खासी डांट खाने को भी मिल गयी। मुंह लटकाये वह अपनी डेस्क पर आ बैठा और काम करने लगा। उसकी बगल वाली कुर्सी पर बैठे लड़के अरमान ने देखा तो कहा,”तू आज की मीटिंग में क्यों नहीं आया ?”
“मेरी फाइल कम्प्लीट नहीं थी”,सार्थक ने बिना उसकी तरफ देखे कीबोर्ड पर उंगलिया चलाते हुए कहा
“शादी के बाद तू कुछ ज्यादा ही केयरलेस हो गया है यार , वरना पहले तेरा हर प्रोजेक्ट , हर फाइल हम सबसे पहले तैयार होता था।”,अरमान ने अपना काम करते हुए कहा
सार्थक को अरमान की बात अच्छी नहीं लगी इसलिए उसने उसकी तरफ देखा और कहा,”ऐसा है अपने काम से मतलब रखो”
अरमान ने सूना तो एक नजर सार्थक को देखा और फिर चुपचाप अपना काम करने लगा। बेफिजूल ख्यालो से बचने के लिए सार्थक ने खुद को दिनभर बिजी रखा। ना उसने लंच किया ना ही ब्रेक लिया बस एक के बाद एक अपने सारे पेंडिंग काम निपटाता जा रहा था। सार्थक के उखड़े मूड को देखकर अरमान ने उस से खाने का भी नहीं पूछा। शाम तक सार्थक लगभग अपने सारे काम खत्म कर चुका था। ऑफिस खत्म होने के बाद वह घर जाने लगा तो देखा की उसके फोन पर शीतल के 4 मिस्ड कॉल है। सार्थक ने बैग कंधे पर टांगा , टिफिन लिया और शीतल का नंबर डायल करके फोन कान से लगा लिया। सार्थक वहा से निकल गया और कॉरिडोर में चलते हुए शीतल के फोन उठाने का इंतजार करने लगा। कुछ देर बाद शीतल ने फोन उठाया और कहा,”हेलो सार्थक तुम ठीक हो ना ? मैंने फोन किया था तुम्हे लेकिन तुमने फोन उठाया ही नहीं”
“हाँ वो फोन साइलेंट पर था और मैं थोड़ा बिजी था”,सार्थक ने बुझे स्वर में कहा
“क्या हुआ आज काम ज्यादा था क्या ? कुछ बुझे बुझे नजर आ रहे हो”,शीतल ने परवाह जताते हुए कहा
“हम्म्म्म , तुम बताओ फोन क्यों किया था ?”,सार्थक ने पार्किंग से अपनी बाइक निकालते हुए कहा
“हाँ वो माँ की तबियत थोड़ी खराब थी तो उन्हें हॉस्पिटल लेकर जाना था। तुमने फोन नहीं उठाया तो फिर मैं शुभ को साथ लेकर चली गयी”,शीतल ने कहा। माँ के बीमार होने की बात सुनकर ही सार्थक परेशान हो गया और कहा,”माँ ? माँ को क्या हुआ ?”
“इतना परेशान क्यों रहे हो तुम ? वो ठीक है बस नार्मल वायरल था,,,,,,,,,,,,,तुम आराम से घर आ जाओ फिर बात करते है”,शीतल ने कहा
“ठीक है मैं आता हूँ”,कहकर सार्थक ने फोन काट दिया और बाइक लेकर घर के लिए निकल गया
उसी शाम
“मानव कल सुबह 8 बजे तुम एयरपोर्ट जाकर मिस माला को रिसीव करोगे और याद रखना वो हमारे नेक्स्ट प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी इन्वेस्टर है। उन्हें किसी तरह की तकलीफ ना हो। उनके रुकने का अरेजमेंट मैंने नटराज होटल में कर दिया तुम बस उसे सही सलामत वहा तक पहुंचा देना। कल शाम बोर्ड मेम्बर्स के साथ एक मीटिंग है जिसमे वो भी आएँगी।”,मोंटी के बॉस ने कहा
“सर मेरा जाना जरुरी है क्या ? मेरा मतलब इस ऑफिस में और भी बहुत स्टाफ है आप उन्हें बोल,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,मोंटी का बिल्कुल नहीं था कि वह जाकर माला को रिसीव करे।
बॉस ने मोंटी को घुरा और कहा,”तुम्हे शायद अपनी नौकरी प्यारी नहीं है , मैं तुम्हारा बॉस हूँ और ये मेरा आर्डर है तुम सुबह माला को लेने जाओगे और अगर नहीं गए तो,,,,,,,,,,!!”
“मैं चला जाऊंगा”,मोंटी ने झुंझालकर कहा क्योकि इस वक्त उसके पास दूसरी कोई नौकरी नहीं थी इसलिए मजबूरन उसे अपने बॉस की बात माननी पड़ी। मोंटी की बात सुनकर बॉस मुस्कुराये और मोंटी का कंधा थपथपाकर चले गए। मोंटी उनका गला दबाने पीछे लपका भी लेकिन ऐसा कर नहीं पाया।
ऑफिस खत्म होने के बाद मोंटी वहा से निकला और लिफ्ट में आकर खड़ा हो गया जहा गौतम पहले से मौजूद था। मोंटी का उतरा हुआ चेहरा देखकर गौतम ने कहा,”क्या हुआ तुम्हारे और भाभी के बीच फिर कुछ हुआ ?”
“रूचि को तो मैं कैसे भी सम्हाल हूँ लेकिन इस मनहूस का क्या करू ?”,मोंटी ने झल्लाकर कहा
“तुम बॉस की बात कर रहे हो शायद,,,,,,,,,,,,,,,,अब क्या किया उन्होंने ?”,गौतम ने पूछा
“क्या किया ? उनके नए प्रोजेक्ट की कोई इन्वेस्टर है जिसे लेने कल सुबह एयरपोर्ट जाना है , उन्हें क्या मैं ड्राइवर लगता हूँ ?”,मोंटी ने चिढ़ते हुए कहा
“अरे रिलेक्स ! ये थोड़ा ऑक्वर्ड तो है लेकिन अच्छा भी है। क्या पता वो नयी इन्वेस्टर दिखने में अच्छी हो और तुम से इम्प्रेस हो जाये तो तुम जल्दी इस ऑफिस से पीछा छुड़ा लोगे”,गौतम ने मोंटी के साथ लिफ्ट से बाहर आते हुए कहा
“नो थैंक्यू ! मेरी शादी हो चुकी है और मेरे लिए मेरी वाइफ काफी है। मुझे बुरा इस बात का लग रहा कि ये एक नौकरी बचाने के लिए मुझे क्या क्या नहीं करना पड़ रहा।”,मोंटी ने हताश होकर कहा
“अरे ठीक है ना मानव होता है कभी और क्या पता इस ड्राइविंग के बाद तुम्हारी लाइफ में कोई टर्निंग पॉइंट आ जाये। मैं चलता हूँ”,कहकर गौतम वहा से चला गया।
मोंटी घर आया। रुचिका उस से पहले ही आ चुकी थी और आज का डिनर भी उसने खुद ही बनाया था वो भी अपनी सास की हेल्प लेकर। रुचिका ने कढ़ी चावल बनाया था जो कि मोंटी को बहुत पसंद थे। मोंटी फ्रेश होने चला गया तब तक रुचिका ने टेबल पर खाना लगा दिया। मोंटी आकर डायनिंग के पास बैठ गया रुचिका ने आज एक ही प्लेट में खाना परोसा तो मोंटी ने कहा,”आज खाना एक ही प्लेट में क्यों ?”
“आज खाना बनाते वक्त तुम्हारी मम्मी ने बताया कि एक ही थाली में खाना खाने से हस्बेंड वाइफ में प्यार बढ़ता है तो मैंने सोचा क्यों ना थोड़ा प्यार बढ़ा लिया जाये। चलो मुंह खोलो मैं तुम्हे अपने हाथ से खिलाती हूँ”,रुचिका ने एक निवाला अपनी उंगलियों में उठाते हुए कहा
अपने लिए रुचिका का प्यार देखकर मोंटी मुस्कुरा उठा और उसके हाथ से निवाला खाकर कहा,”हम्म्म ये अच्छा बना है”
“सच में ? रुको मैं देखती हूँ,,,,,,,,,!!”,रुचिका ने कहा और जैसे ही खाने लगी मोंटी ने कहा,”रुको मैं खिलाता हूँ”
मोंटी ने भी एक निवाला उठाया रुचिका को खिलाया और उसके बाद दोनों बातें करते हुए खाने लगे
खाना खाकर मोंटी अपने रूम में चला आया और रुचिका किचन एरिया में। सब काम खत्म करके जब रुचिका कमरे में आयी तो देखा मोंटी अपनी शर्ट प्रेस कर रहा है। रुचिका ड्रेसिंग के सामने चली आयी और कहा,”तुम इस वक्त क्यों कपडे प्रेस कर रहे हो ?”
“कल सुबह मुझे जल्दी जाना है”,मोंटी ने प्रेस करते हुए कहा
“ओके लेकिन मुझसे कहा होता तो मैं कर देती,,,,,,,,,,!!”,रुचिका ने आकर बिस्तर पर बैठते हुए कहा
“अरे बस हो गया। तुम भी तो मेरे साथ ही ऑफिस जाती हो एंड फिर घर का काम भी इसलिए तुम्हे परेशान नही किया”,मोंटी ने प्रेस की हुयी शर्ट को रेंक पर टांगते हुए कहा।
“हम्म्म वैसे जा कहा रहे हो ?”,रुचिका ने हाथो पर लोशन लगाते हुए पूछा
“मेरे बॉस की एक क्लाइंट है उसे लेने जाना है एयरपोर्ट”,मोंटी ने कहा
“हॉट है क्या ?”,रुचिका ने शरारत से पूछा तो मोंटी प्रेस साइड में रख उसे घूरने लगा
“मजाक कर रही हूँ बाबा”,रुचिका ने कहा तो मोंटी उसके बगल में आ बैठा और कहा,”वो हॉट हो या ना हो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता , मेरा काम है उसे एयरपोर्ट से होटल तक ड्राप करना बस,,,,,,,,,,,,,,,वैसे भी कोई लड़की मेरी पांडा जितना क्यूट नहीं हो सकती”
कहते हुए मोंटी ने रुचिका को अपनी अपनी बांहो में भरते हुए उसके गाल पर किस कर लिया
“ए मोंटी ! इस नाम से मुझे सिर्फ नैना बुलाती है,,,,,,,,,,,,,,,,,,वैसे ये लड़की इतना कहा बिजी है ना फोन , ना मैसेज , शादी के बाद तो जैसे गायब ही हो गयी है वो,,,,,,,,,,!”,रुचिका ने नैना को याद करते हुए कहा
“हाँ मैंने भी फ़ोन किया था उसे लेकिन बात नहीं हो पायी वो किसी क्लब हॉउस में होने की बात कर रही थी उस वक्त”,मोंटी ने बिस्तर के तकिये सही करते हुए कहा
“मोंटी तुम्हे नहीं लगता हम सबको एक बार मिलना चाहिए ? लाइक तुम , मैं , नैना , अवि , शीतल और सार्थक,,,,,,,,,,,,,,,,,क्यों ना हम सब साथ में एक ट्रिप पर चले। शादी के बाद वैसे भी हम लोग उन से मिल नहीं पाए,,,,,,,,,,,,,,तुम क्या कहते हो ?”,रुचिका ने पूछा
“वैसे आइडिआ बुरा नहीं है लेकिन क्या वो लोग जाना चाहेंगे ? आई मीन सब अपनी अपनी जॉब और मैरिड लाइफ में बिजी होंगे,,,,,,,,,,,,,नैना फिर भी मान जाएगी लेकिन अवि,,,,,,,,,,,,,,,!!”,मोंटी ने बिस्तर पर बैठते हुए कहा
“उन सबको मैं मना लुंगी मैं कल ऑफिस के फ्री टाइम में नैना और शीतल को फोन करती हूँ। वो दोनों मान जाये उसके बाद अवि और सार्थक तो मान ही जायेंगे”,रुचिका ने खुश होकर कहा
“उस लड़की से तो मुझे भी मिलना है शादी होते ही वो अपने बेस्ट फ्रेंड को भूल गयी वो”,मोंटी ने नैना को मिस करते हुए कहा
“मोंटी वो हम सब से अलग है मैंने और शीतल ने तो अपनी शादी को उसी वक्त एक्सेप्ट कर लिया लेकिन नैना के लिए करना थोड़ा मुश्किल होगा। शादी के बाद सब एकदम से चेंज हुआ है उसके लिए शायद उसे सम्हलने में थोड़ा टाइम लगे पर देखना बहुत जल्दी वो अपने पुराने अवतार में आ जाएगी”,रुचिका ने मोंटी के बगल में लेटते हुए कहा
“मुझे तो बेचारे अवि पर तरस आ रहा है उसकी जिंदगी में बवाल जरूर मचा होगा शादी के बाद”,मोंटी ने हँसते हुए कहा
देर रात दोनों सोने चले गए।
रात के खाने के बाद नैना कुछ देर नैना ने अपने मम्मी पापा से बात की और फिर ऊपर अपने कमरे में चली आयी। कमरे का दरवाजा बंद था। नैना दरवाजा खोलकर अंदर आयी तो कमरे का नजारा देखकर थोड़ी हैरान हो गयी। कमरे की लाइट डिम थी , पूरा कमरा एक भीनी भीनी खुशबु से महक रहा था। एक तरफ कुछ केंडलस जल रहे थे और फर्श पर कुछ फूलो की पंखुडिया बिखरी थी। एक बहुत ही प्यारा सा बैकग्राउंड म्यूजिक धीमी आवाज में बज रहा था और माहौल को और भी खूबसूरत बना रहा था। नैना जिसका इन सब से दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं था उसने अवि को आवाज दी,”पडोसी , पडोसी ये सब क्या है ?”
अवि नैना के सामने आया और उसे प्यार भरी नजरो से देखने लगा। नैना ने अपनी भँवे उचकाई तो अवि ने उसके चेहरे पर झूलते बालों को साइड किया और कहने लगा,”नैना मैं तुम्हे बहुत पसंद करता हूँ ,
इतना की मैं तुम्हे कभी बता नहीं पाऊंगा। जब मैंने तुम्हे पहली बार देखा था तब सोचा नहीं था कि एक दिन तुम मेरी वाइफ बनकर ऐसे मेरे सामने खड़ी होगी। आज तुम मेरे ऑफिस में मेरे लिए कॉफी लेकर आयी मुझे बहुत अच्छा लगा,,,,,,,,,,,,,,,मैं तुम्हे थैंक्यू बोलना चाहता था लेकिन तुम जा चुकी थी। तुम मुझसे कितना भी झगड़ा करो , गुस्सा करो , मुझे परेशान करो लेकिन मुझे हमेशा तुम पर प्यार आता है। मैं चाहता हूँ तुम हमेशा मेरे आस पास रहो .आज तुम्हारे लिए कुछ स्पेशल करने का दिल किया। आई हॉप तुम्हे ये अच्छा लगा होगा ?”
अवि की बातें नैना के सर के ऊपर से गयी वो क्या बोले क्या नहीं उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। नैना मुस्कुरायी और अपने हाथ की चार उंगलियों से अवि के सर को छूकर देखा। टेम्प्रेचर नार्मल पाकर नैना ने कहा,”पडोसी तुम्हारी तबियत तो ठीक है ना ?”
“नहीं मैं बीमार हूँ , बहुत ज्यादा बीमार हूँ , मुझे इलाज की जरूरत है और वो इलाज तुम हो”,अवि ने आँखों में रुमानियत भरते हुए कहा
“ये कैसी बहकी बहकी बातें कर रहे हो तुम ? मैं लाइट्स ऑन करती हूँ”,कहकर नैना जैसे ही बोर्ड की तरफ जाने लगी अवि ने उसकी कलाई पकड़कर उसे अपनी ओर खींचा। नैना अपनी बड़ी बड़ी आँखों से अवि को देखने लगी। अवि का एक हाथ नैना की कमर से जा लगा और दूसरे में नैना का हाथ था जिसे अवि ने बहुत ही प्यार से पकड़ा हुआ था। वह नैना को अपने करीब लाकर कमरे में बजती म्युजिक की धुन के साथ डांस करने लगा। नैना को ये सब थोड़ा अजीब लग रहा था लेकिन वो जा भी नहीं सकती थी। अवि उसका हाथ थामे डांस करता रहा दोनों साथ में काफी खूबसूरत लग रहे थे। अवि इस वक्त जितना खुश था नैना की सांसे उतनी ही चढ़ी जा रही थी। डांस करते हुए अवि ने जैसे ही नैना को घुमाया नैना कुछ ज्यादा ही घूम गयी और उसका सर चकराने लगा इस वजह से उसका हाथ थोड़ा तेज अवि के गाल पर जा लगा।
ये सब इतना अचानक हुआ के नैना भी कुछ समझ नहीं पायी लेकिन अवि का मूड एकदम से खराब हो गया उसने बिस्तर पर रखा तकिया और चद्दर उठायी लेकर नैना के सामने आया और चिढ़ते हुए कहा,”मैं यही डिजर्व करता हूँ , थैंक्यू”
“अह्ह्ह्हह पडोसी ऐसा,,,,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने कहना चाहा लेकिन अवि जाते जाते वापस पलटा और चिढ़ते हुए कहा,”डोंट कॉल मी पडोसी,,,,,,,,,,तुम क्या जिंदगीभर मुझे इसी नाम से बुलाने वाली हो ? आज तक कभी प्यार से अवि कहकर बुलाया है तुमने ? तुम्हारे मूड स्विंग्स , तुम्हारी फीलिंग्स व्हाट अबाउट माय फीलिंग,,,,,,,,,,,,,,,,,,आह्हः मैं तुमसे बहस क्यों कर रहा हूँ ? मै कितना भी एफर्ट कर लू तुम कभी नहीं पिघलेगी नैना,,,,,,,,,,,,,,,,गुड नाईट”
“इस फीलिंग ने ही तो मेरी अच्छी खासी जिंदगी में चरस बोई है। ना मैं तुम्हारी आँखों में देखती ना ये भसड़ मेरी जिंदगी में होती,,,,,,,,,,,,,,प्यार है तुमसे पडोसी लेकिन मुझे वो तुम्हारी तरह दिखाना या जताना नहीं आता,,,,,,,,,,,,,,ये जो तुमने अभी किया वो सच में काफी खूबसूरत था थैंक्यू सो मच बस थोड़ी गड़बड़ हो गयी एंड तुमने,,,,,,,,,,,,,,,,अभी तुमसे कुछ कहा तो तुम मेरी बात नहीं सुनोगे आई नो,,,,,,,,,,,,,,प्यार में एक दूसरे को समझना जितना आसान होता है शादी के बाद उसी प्यार को समझने के लिए बहुत वक्त लगता है,,,,,,,,,,,,,!!”,नैना मन ही मन खुद से कहने लगी और फिर पेट के बल बिस्तर पर जा गिरी। नैना को थोड़ी देर बाद ही नींद आ गयी लेकिन सोफे पर लेटे अवि की आँखों से नींद गायब थी। उसने सोचा था वह आज की रात वह नैना के साथ अच्छा वक्त बिताएगा लेकिन सब गड़बड़ हो गया। अवि नैना से थोड़ा नाराज भी था क्योकि शादी के बाद सारे एफर्ट्स अवि की तरफ से होते थे नैना उसके लिए कभी ऐसा कुछ नहीं करती थी जिस से उसे स्पेशल फील हो और यही बात आज अवि को परेशान कर रही थी। देर रात नींद नहीं आने के बाद अवि से जब नहीं रहा गया तो वह उठा और नैना के बगल में आकर लेट गया और उसके चेहरे को देखने लगा जिस पर एक बेचैनी नजर आ रही थी। अवि को अहसास हुआ की उसने नैना पर खामखा गुस्सा किया उसने नैना का सर उठाया और अपनी बाँह पर रख लिया जैसे वह हमेशा करता था। नींद में अवि की मौजूदगी पाकर नैना भी उसके करीब आकर उसके सीने में अपना चेहरा छुपाकर सो गयी। उसकी गर्म सांसे अवि अपनी गर्दन पर महसूस कर सकता था। उसने देखा इस बार नैना के चेहरे पर एक सुकून था और वह बेफिक्र सो रही थी। अवि ने भी अपना सर नैना की तरफ झुकाया और आँखे मूंद ली।
सार्थक सुबह उठा रातभर वह ठीक से सो नहीं पाया इसलिए उसके सर में तेज दर्द हो रहा था। शीतल कमरे में आयी तो देखा सार्थक अपना सर पकडे बैठा है। शीतल उसके पास आयी और कहा,”सार्थक क्या हुआ ?”
“मेरे सर में बहुत दर्द हो रहा है , लगता है जैसे नसें फट जाएगी”,सार्थक ने कहा
“रुको मैं अभी तुम्हारे सर में बाम लगा देती हूँ तुम्हे आराम मिलेगा”,शीतल ने कहा।
वह ड्रेसिंग पर रखा बाम ले आयी और सार्थक के ललाट पर लगा दिया। वह उसके बगल में ही बैठकर उसका सर दबाने लगी। सार्थक को थोड़ा आराम मिला तो वह वापस सो गया। शीतल ने कमरे का एसी थोड़ा तेज कर दिया और दरवाजा बंद कर बाहर चली आयी। सार्थक की मम्मी को वायरल था इसलिए आज सारा काम शीतल अकेले ही कर रही थी। उसने पुरे घर की सफाई की और फिर नाश्ता बनाया। शर्मा जी नाश्ता कर अपने ऑफिस चले गए और मिसेज शर्मा दवा लेकर अपने कमरे में आराम करने लगी। 11 बजे के बाद सार्थक उठा उसका दर्द अब काफी कम था। वह कमरे से बाहर आया देखा शीतल कही नजर नहीं आ रही तो उसने शीतल को आवाज दी। शीतल बालकनी में कपडे सूखा रही थी सार्थक की आवाज सुनते ही वह हाथ में पकड़ी शर्ट छोड़कर अंदर आयी और कहा,”तुम उठ गए , वो मैं बालकनी में थी , मैं तुम्हारे लिए चाय बना देती हूँ”
“हम्म्म,,,,,,,,,,,,,!!”,सार्थक ने कहा तो शीतल मुस्कुरा कर किचन में चली गयी। सार्थक वापस कमरे में जाने लगा कि एकदम से शीतल की कही बात उसके कानो में गुंजी “वो मैं बालकनी में थी”
ना चाहते हुए भी सार्थक के कदम बालकनी की तरफ बढ़ गए। सार्थक बालकनी में आया और सामने देखा तो उसका दिल धड़क उठा। अपार्टमेंट के बाहर बने जनरल स्टोर की सीढियो पर “राज” खड़ा था हालाँकि राज का ध्यान उस तरफ नहीं था वह अपने फोन पर किसी से बात करने में लगा हुआ था। सार्थक कुछ देर उसे देखता रहा और फिर बालकनी का पर्दा गिरा दिया। उसके मन में एक साथ कई बातें आने जाने लगी। कभी राज तो कभी शीतल का चेहरा आँखों के सामने आने लगा। पहले दिन उसने राज को अपार्टमेंट के बाहर देखा था और शीतल उस वक्त भी बालकनी में थी और आज फिर राज उसी जगह खड़ा था और उस पर शीतल का यहाँ खड़े होना,,,,,,,,,,,,,,,,,सार्थक के मन में शक के पैदा कर रहा था और ये शक उनके रिश्ते को कहा लेकर जाने वाला था ये तो ईश्वर ही जानता था।
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संजना किरोड़ीवाल