Love You Zindagi – 6
नैना अवि के लिए कॉफी और अपने लिए चाय लेकर बाहर हॉल में चली आयी। अवि उस वक्त अपनी फोन में कुछ चेक कर रहा था नैना ने उसके सामने कॉफी रखी और कहा,”हम्म्म्म तुम्हारी कॉफी”
“थैंक्स,,,,,,,,,,,,,ये तुमने बनाई है ?”,अवि ने हैरानी से अपना फोन साइड में रख नैना की तरफ देखते हुए पूछा
“नो वे , तुम्हे लगता है मुझे तुम पर इतना प्यार आएगा कि मैं तुम्हारे लिए ये बेहूदा ड्रिंक बनाउंगी ?”,नैना ने अपनी आँखों को छोटा करके अवि को देखते हुए कहा
“ए मिस नैना तुम इस कॉफी को बेहूदा नहीं कह सकती,,,,,,,,,,,,,,,,,बाय दे वे आज तुम मेरे ऑफिस में क्या कर रही थी ?”,अवि ने अपनी कॉफी का एक घूंठ भरते हुए पूछा
“तुम्हे पता है आज क्या हुआ ?”,नैना ने अवि के सवाल का जवाब ना देकर सोफे आलथी पालथी मारकर बैठते हुए कहा
“क्या हुआ ?”,अवि ने पूछा
नैना ने सौंदर्या जी के साथ क्लब हॉउस जाने की बात से लेकर वापस आने तक का सारा किस्सा अवि को एक साँस में सूना दिया और हँसते हुए कहा,”हहहहह मिसेज आहूजा की शक्ल तो देखने लायक थी आज और उसके बाद मॉम का रिएक्शन,,,,,,,,,,,,,,,,आह्हः सुकूंन मिल गया”
“मैं देख रहा हूँ तुम्हारे साथ रहकर मॉम भी तुम जैसी होती जा रही है। क्या जरूरत थी मिसेज आहूजा से ये सब कहने की ?”,अवि ने पूछा
“हाहहहह कही तुम्हे अपनी ना होने वाली सास के लिए बुरा तो नहीं लग रहा ? क्या नाम बताया था उन्होंने,,,,,,,,,,,,,,,हाँ डिम्पी , कही तुम्हे डिम्पी के बारे में तो बुरा नहीं लग रहा ?”,नैना ने अवि को छेड़ते हुए कहा
“शट अप”,अवि ने नैना के सवाल को इग्नोर करके अपनी कॉफी पीते हुए कहा
“तुम मेरे सवालों को इग्नोर कर रहे हो , मतलब चोर की दाढ़ी में तिनका ,,,, कही तुम्हारा डिम्पी से अफेयर तो नहीं था,,,,,,,,,,,,,,,,,इसलिए मिसेज आहूजा मुझे खा जाने वाली नजरो से देख रही थी , कही तुमने डिम्पी के साथ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने इतना ही कहा की अवि उठा और उसके पास आकर उसके दोनों होंठो को पकड़कर उसका मुंह बंद करते हुए कहा,”ये ख्याली पुलाव बनाना बंद करो तुम , मैं किसी डिम्पी को नहीं जानता ना ही मैंने कुछ किया है।”
कहकर अवि ने नैना के होंठो को छोड़ दिया तो नैना ने झेंपते हुए कहा,”हाँ तुमने आज तक मेरे साथ कुछ नहीं किया तो उसके साथ तो,,,,,,,,,,!!”
“तुम चाहती हो मैं तुम्हारे साथ कुछ करू ?”,अवि ने नैना को घूरकर देखते हुए कहा तो नैना ने अपने निचले होंठ को दांतो तले दबा लिया और ना में गर्दन हिला दी। अवि ने नैना की इस हरकत पर एक गहरी साँस छोड़ी और एक हल्का मुक्का उसके सर पर मारकर वहा से चला गया। नैना कुछ देर तो शांत रही फिर जैसे ही उसे याद आया कि अवि वहा से चला गया है तो वह उसके पीछे जाने को हुई।
हॉल में रखे फोन की रिंग से नैना को रुकना पड़ा वह वापस आयी और फ़ोन उठाया तो दूसरी तरफ से आवाज आयी,”हेलो भाभी आप अपना फोन क्यों नहीं उठा रही ? मैं कब से आपका फोन ट्राय कर रही थी”
“हाय निवेदिता , शायद मेरा फोन साइलेंट पर है। तुम बताओ ना”,नैना ने कहा
“एक्चुली मैं शॉपिंग पर आयी थी तो सोचा आपके और मॉम के लिए भी कुछ ले लू लेकिन आपने फोन नहीं उठाया तो फिर मैंने अपनी पसंद से ही सब ले लिया”,निबेदिता ने कहा
“आई नो तुम्हारी पसंद बहुत अच्छी है , तुम घर कब आ रही हो ?”,नैना ने पूछा
“इस महीने तो नहीं आ पाऊँगी मेरी एक्स्ट्रा क्लासेज है लेकिन हां एग्जाम्स खत्म होते ही मैं घर आ जाउंगी”,निबेदिता ने चहकते हुए कहा
नैना निबेदिता से बात कर ही रही थी कि तभी नैना के कानो में एक जानी पहचानी आवाज पड़ी,”हे निबेदिता कम लेटस गो हमे देर हो जाएगी”
“शशशशश जस्ट गिव मी टू मिनिट्स”,निबेदिता ने दबी आवाज में कहा जिसे नैना साफ सुन रही थी लेकिन कहा कुछ नहीं बस उस आवाज को याद करने की कोशिश कर रही थी।
“ओहके मैं बाहर वेट कर रहा हूँ जल्दी आना”,एक बार फिर वही आवाज नैना के कानों में पड़ी। वह उस आवाज पर फोकस कर पाती इस से पहले ही निबेदिता ने कहा,”हेलो भाभी मैं आपसे बाद में बात करती हूँ अभी मुझे जाना होगा , एंड हाँ मैंने आपको ड्रेसेज के फोटो सेंड किये है आप देख लेना प्लीज,,,,,,,,,,,,,बाय बाय बाय”
“निबी निबी,,,,,,,,,,,अह्ह्ह ये लड़की भी न,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन वो आवाज , वो आवाज कुछ जानी पहचानी लग रही है,,,,,,,,,!!”,बड़बड़ाते हुए नैना ने सोफे पर पड़ा अपना फोन उठाया और निबेदिता के भेजे फोटो देखते हुए अपने कमरे की ओर जाने लगी
नैना का ध्यान फोन में था और वह अपने कमरे में चली आयी उसी वक्त अवि भी नहाकर बाथरूम से आया ही था और वह सिर्फ टॉवल में था। अवि छोटे तौलिये से अपने बाल पोछते हुए ड्रेसिंग की तरफ जा रहा था जो की बिस्तर के बगल में थी और उसी तरफ से नैना अपना फोन चलाते हुए आ रही थी। नैना और अवि दोनों ने ही ध्यान नहीं दिया और दोनों एक दूसरे से टकरा गए। नैना जैसे ही गिरने लगी अवि की मजबूत बाँह ने उसे सम्हाल लिया लेकिन अगले ही पल वह नैना को लेकर बिस्तर पर आ गिरा। नैना का फोन हाथ से छूटकर बिस्तर पर जा गिरा और वह अवि की बाँहो में थी। नैना एकटक अवि को देखे जा रही थी अवि का दिल जोरो से धड़क रहा था। उसके चेहरे पर आयी पसीने की बुँदे नैना साफ देख पा रही थी।
“पडोसी ये क्या कर रहे हो तुम ? हटो यहां से,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने कहा तो अवि की तंद्रा टूटी वह जैसे ही उठने को हुआ फिसलकर फिर गिर पड़ा। नैना झुंझला उठी और उसे साइड में धकियाते हुए कहा,”आर यू ओके ?”
अवि होश में आया उसने खुद को सम्हाला और कबर्ड से अपनी टीशर्ट लेने लगा। नैना को अवि का बिहेव अजीब लगा तो वह उसके पास आयी और उसका कंधा थपथपया। अवि ने पलटकर भँवे उचकाई तो नैना ने कहा,”तुम जानबूझकर मुझसे टकराये ना ?”
“हहहह मैं ऐसा क्यों करूंगा ?”,अवि ने कहा
“क्योकि तुम्हारे दिमाग में कब क्या चलता है ये कोई नहीं जानता , तुम कही मेरा फायदा उठाने की तो नहीं सोच रहे ?”,नैना ने अपने शर्ट के उपरी बटन को बंद करते हुए कहा तो अवि ने हाथ में पकड़ी टीशर्ट साइड में फेंकी और नैना को घूरते हुए उस की तरफ बढ़ने लगा। अवि की इस हरकत ने नैना का दिल धड़का दिया उसने हिचकिचाते हुए कहा,”देखो पडोसी मैं समझ सकती हूँ कभी कभी इंसान अपने इमोशन पर कंट्रोल नहीं कर पाता,,,,,,,,,,,,,,,,,,और तुम ये मुझे घूरना बंद करो,,,,,,,,,,,,,,,,क्या है ऐसे मत देखो तुम ?”
अवि नैना की तरफ बढ़ता जा रहा था उस पर नैना की बातों का कोई असर नहीं हुआ
पीछे जाते हुए नैना की पीठ दिवार से जा लगी वह जैसे ही साइड से निकलने को हुई अवि ने अपना हाथ दिवार से लगाकर उसका रास्ता रोक लिया और एकटक उसकी आँखों में देखता रहा। नैना की धड़कने अब तेज तेज एक लय में धड़क रही थी। ना वह वहा से निकल सकती थी ना ही कुछ बोल सकती थी उसने कोशिश की तो उसके मुंह से बहुत मुश्किल से एक छोटा सा शब्द निकला,”पड़ोसी,,,,,!”
अवि नैना के करीब आया और अपने होंठो से उसके होंठो को छू लिया। एक सिहरन नैना को अपने अंदर महसूस हुयी वह जड़ हो गयी और अपनी आँखे मूँद ली। नैना के नाजुक होंठ कुछ पल के लिए अवि के सुर्ख होंठो की गिरफ्त में रहे और फिर अवि उस से दूर हट गया और कहा,”तुम मेरी वाइफ हो मैं तुम्हारा फायदा क्यों उठाऊंगा ?”
“फिर अभी जो तुमने किया वो क्या था ?”,नैना ने हैरानी से पूछा
“इसे प्यार कहते है नैना , तुम चाहो तो मैं तुम्हे भी सीखा सकता हूँ,,,,,,,,,,,,,,हम्म्म”,अवि ने बहुत ही प्यार से नैना को देखते हुए कहा तो नैना ने उसे पीछे धकियाया और कहा,”तुम शायद जानते नहीं मुझे बॉक्सिंग भी आती है”
“जानता हूँ लेकिन जरा याद करो जब हम सब दिल्ली में थे तुमने कभी मुझ पर हाथ उठाया ?”,अवि ने बिस्तर पर रखी टीशर्ट उठाकर पहनते हुए पूछा
नैना ने थोड़ा सोचा और कहा,”नहीं,,,,,,,,,,!”
“तुम सबसे बदतमीजी से बात करती थी कभी मुझसे की , आज तक एक सिंगल गाली भी दी है तुमने मुझे ?”,अवि ने पहनी हुई टीशर्ट को सही करते हुए फिर पूछा
“नहीं,,,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने असमझ की स्तिथि में कहा वो समझ नहीं पा रही थी आखिर अवि उस से कहना क्या चाहता है ?
अवि ने चेंजिंग बोर्ड के पीछे जाकर बाकी कपडे पहने और नैना के पास आकर कहा,”जानती हो ऐसा क्यों है ?”
नैना ने इस बार भी ना में गर्दन हिला दी तो अवि ने उसके चेहरे को अपने हाथो में थामकर कहा,”क्योकि तुम मुझसे प्यार करती हो , मुझ पर भरोसा करती हो , मुझे अपना करीबी समझती हो इसलिए तुमने आज तक ऐसा कुछ नहीं किया और ये सब होने के बाद तो मैं खुद को बहुत लकी समझता हूँ की मैं तुम्हारे साथ रहता हूँ”
नैना ने सूना तो उसे एक अजीब सी ख़ुशी का अहसास हुआ , वह मुस्कुराना चाहती थी लेकिन नहीं उसने अपने चेहरे के भाव नहीं बदले और एकटक अवि के चेहरे की तरफ देखते रही। अवि ने कुछ देर नैना को देखा और फिर अपने होंठो से उसके सर को छूकर कहा,”हमेशा ऐसी ही रहना , शैतान , प्यारी और बातूनी,,,,,,,,,,,,,,,मैं तुम्हारे सारे मूड स्विंग्स हेंडल कर लूंगा बस कभी खामोश मत होना”
“मुझे ऐसे मत देखो”,नैना ने एकदम से अपनी नजरे अवि के चेहरे से हटाते हुए कहा
“क्यों ?”,अवि ने पूछा
“तुम्हारी आँखे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हारी आँखे फिर मुझे खामोश कर रही है,,,,,,,,,,,,,,तुम जाओ यहाँ से”,नैना ने अवि से नजरे चुराते हुए कहा
“ठीक है चला जाता हूँ”,कहकर अवि जैसे ही जाने लगा नैना ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोकते हुए कहा,”मत जाओ”
“अभी तो तुमने कहा जाओ अब बोल रही हो मत जाओ.,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने वापस पलटकर प्यार से कहा
“मैं थोड़ा कन्फ्यूज हूँ,,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने अपना सर खुजाते हुए कहा
“मुझे लेकर ?”,अवि ने पूछा
“अह्ह्ह नहीं वो निबेदिता के भेजे ड्रेसेज को लेकर,,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने बिस्तर पर गिरे अपने फोन को उठाकर उलझनभरे स्वर में कहा
“निबेदिता ? उसने तुम्हारे लिए कुछ भेजा है , दिखाओ क्या है ?”,अवि ने कहा और नैना के बगल में चला आया। नैना ने अपना फोन ऑन किया और निबेदिता के भेजे फोटोज अवि को दिखाने लगी। नैना एक एक करके अवि को फोटोज दिखा रही थी जिनमे अवि को कोई इंट्रेस्ट नहीं था वह फोटो देखने के बहाने नैना के थोड़ा ज्यादा करीब खड़े हो गया और अपनी ठुड्डी भी नैना के कंधे पर टिका दी। उसके दोनों हाथो ने नैना की कमर को कवर किया हुआ था। अवि तो चाहता था बस नैना कुछ देर उसके साथ ऐसे ही रहे और ये पल कभी खत्म ही ना हो।
“देखा तुमने ?”,नैना ने आखरी फोटो दिखाते हुए कहा
“हम्म्म सब बढ़िया है , तुम पर बहुत अच्छी लगेगी”,अवि ने अपनी ठुड्डी नैना के कंधे पर टिकाये हुए कहा
“पडोसी ये नहीं मैं इसकी बात कर रही , ये देखो निबेदिता ने कहा वो अपने दोस्तों के साथ है लेकिन इस फोटो में उसके साथ बस ये लड़का है जिसके शक्ल नहीं दिख रही पर इसकी पर्सनालिटी देखकर लग रहा है मैं इस से मिल चुकी हूँ”,नैना ने कहा
“नैना मॉम के साथ ये सास बहू वाले सीरियल थोड़े कम देखा करो। निबी मेरी बहन है और अगर वो किसी लड़के के साथ है भी तो वो उसका दोस्त हो सकता है ये उसकी पर्सनल लाइफ है।”,अवि ने नैना से दूर होकर कहा
“हम्म्म , अच्छा मैं नीचे जा रही हूँ”,कहकर नैना जाने लगी तो अवि ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोका और कहा,”तुम्हे मेरी बात का बुरा तो नहीं नहीं लगा ना , देखो नैना जैसे मैं तुम पर भरोसा करता हूँ वैसे ही मैं निबेदिता पर भी बहुत भरोसा करता हूँ वो ऐसा कुछ नहीं करेगी जिस से उसकी फॅमिली हर्ट हो”
“पडोसी रिलेक्स तुम ज्यादा सोच रहे हो , वो बहुत प्यारी है बस वो जल्दी से वापस आ जाये”,नैना ने मुस्कुरा कर कहा तो अवि ने उसे जाने का इशारा किया और फिर खुद भी सोफे पर बैठकर टीवी देखने लगा।
सार्थक ऑफिस जाने के लिए तैयार हुआ और बैग लेकर कमरे से बाहर आया। मिस्टर शर्मा और मिसेज शर्मा हॉल में ही बैठे नाश्ता कर रहे थे। शीतल ने सार्थक को जाते देखा तो उसका लंच बॉक्स लेकर दरवाजे आयी और उसे रोकते हुए कहा,”सार्थक तुम्हारा टिफिन”
सार्थक रुका और टिफिन लेकर धीरे से कहा,”तुम कुछ भूल रही हो शायद”
“नहीं मैंने इस बैग में सब अच्छे से रखा है , टिफिन , प्लेट , पानी की बोतल,,,,,,,,,,,,,,,हाँ सब रखा है”,शीतल ने याद करते हुए कहा
“अहम्म अहम्म,,,,,,,,,!”,सार्थक ने ऊँगली से अपने गाल पर इशारा करके कहा
शीतल ने जल्दी से उसकी ऊँगली को गाल से हटाया और दबी आवाज में कहा,”क्या कर रहे हो माँ पापा हॉल में ही है , तुम जाओ तुम्हे देर हो जाएगी”
“उन्हहु,,,,,,,,,,,,,पहले मुझे जो चाहिए वो उसके बाद मैं जाऊंगा”,सार्थक ने बच्चो की तरह जिद करते हुए कहा
“तुम जिद क्यों कर रहे हो ? माँ पापा यही है थोड़ी तो शर्म करो,,,,,,,,!”,शीतल ने धीमे स्वर में कहा
“वो मम्मी शायद तुम्हे कुछ कह रही है,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,सार्थक ने कहा तो शीतल ने दूसरी तरफ देखा इतने में सार्थक ने आगे बढ़कर उसके गाल पर किस किया और बाय बोलकर चला गया। सार्थक की इस हरकत पर शीतल मुस्कुरा उठी उसका हाथ सहसा ही अपने गाल पर चला गया।
सार्थक अपना बैग और लंच बॉक्स लिए नीचे आया। पार्किंग से अपनी बाइक निकाली और फिर वहा से निकल गया। रोजाना की तरह जाते हुए उसने पलटकर अपने फ्लेट की बालकनी की तरफ देखा तो पाया शीतल वही खड़ी है और हाथ हिलाकर उसे बाय बोल रही है। सार्थक मुस्कुरा कर वहा से चला गया। सार्थक हँसते मुस्कुराते अपने ऑफिस पहुंचा। अपने डेस्क पर आकर उसने जैसे ही बैग खोला देखा आज की मीटिंग की फाइल लाना तो वह भूल ही गया है।
सार्थक थोड़ा परेशान हो गया तभी साथ वाले लड़के ने आकर कहा,”सार्थक बॉस ने एक घंटे बाद सबको मीटिंग रूम में बुलाया है , तुम रेड्डी रहना”
“हम्म्म ओके”,सार्थक ने कहा जबकि फाइल ना होने की वजह से वह मन ही मन परेशान था। लड़के के जाते ही सार्थक उठा और ऑफिस से बाहर चला आया। उसने बाइक निकाली और एक बार फिर घर जाने के लिए निकल गया। रास्तेभर सार्थक मीटिंग के बारे में सोचता रहा। कुछ वक्त बाद वह आशीर्वाद अपार्टमेंट के बाहर पहुंचा। अंदर जाते हुए सार्थक की नजर अपार्टमेंट के बाहर सड़क के उस पार बने जनरल स्टोर पर चली गयी जिसके बाहर राज खड़ा था। राज को वहा देखते ही सार्थक का खून खौल उठा वह उसकी तरफ जाता इस से पहले ही उसने देखा राज सामने अपार्टमेंट की तरफ देखते हुए मुस्कुरा रहा है। ना चाहते हुए सार्थक की नजर राज की मुस्कुराहट वाली दिशा में चली गयी और उसका दिल तेजी से धड़का। उसके फ्लेट की बालकनी में खड़ी शीतल भी मुस्कुरा रही थी। सार्थक का दिल टूटने के लिए ये नजारा काफी था। उसने कुछ देर शीतल को देखा और फिर बाइक लेकर वापस चला गया। सार्थक जिस फाइल को लेने वापस अपार्टमेंट आया था उसे बिना लिए ही वापस जा रहा था।
सार्थक के जहन में एक बार फिर राज की कही बात कौंध गयी। उसने एकदम से ब्रेक लगाए और बाइक को साइड में लगाकर कुछ देर वही खड़ा रहा। राज को अपार्टमेंट के बाहर देखकर सार्थक का मन परेशान हो गया और वह मन ही मन खुद से कहने लगा,”वो अपार्टमेंट के बाहर क्या कर रहा था ? क्या वो शीतल से मिलने आया था ? क्या शीतल की अब भी उस से बात होती होगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,नहीं नहीं मैं ये सब क्यों सोच रहा हूँ , ऐसा कुछ नहीं है वो मेरे और शीतल के बीच गलतफहमी पैदा करने के लिए जानबूझकर यहाँ आया होगा। मैं उस घटिया इंसान को बहुत अच्छे से जानता हूँ , लेकिन शीतल,,,,,,,,,वो उस वक्त बालकनी में क्या कर रही थी ? मुझे शीतल को उस राज से दूर रखना होगा। शीतल मुझ पर बहुत भरोसा करती है मुझे उसके बारे में ये सब नहीं सोचना चाहिए,,,,,,,,,,,,,!!”
ये सोचते हुए सार्थक की नजर बाइक के साइड मिरर पर चली गयी। जब उसने अपने परेशानी भरे चेहरे को देखा तो एक अजीब सी उदासी महसूस की। सार्थक शीतल से बहुत प्यार करता था और वो नहीं चाहता था राज फिर से उन दोनों की जिंदगी में वापस आये। इसी उधेड़बुन में सार्थक मीटिंग के बारे में भी भूल गया। उसका फोन बजा तो उसकी तंद्रा टूटी। सार्थक ने जेब से फोन निकालकर देखा फोन स्टाफ के लड़के का था सार्थक ने फोन वापस जेब में रख लिया। अपार्टमेंट जाने का उसका मन नहीं था और ना ही ऑफिस जाने का,,,,,,,,,,,,,,,,,,महज एक राज को देखने भर से उसका मूड खराब हो चुका था। उसने बाइक स्टार्ट की और वहा से चला गया।
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संजना किरोड़ीवाल