Love You Zindagi – 38
आशीर्वाद अपार्टमेंट , दिल्ली
सार्थक की मम्मी मिसेज आहूजा और मिसेज गुप्ता की बातो में आ गयी और घर आकर शीतल को खरी खोटी सूना दी। पहली बार दोनों में कहासुनी हुई थी और शीतल अपने कमरे में चली आयी। कमरे में आकर शीतल बिस्तर पर बैठकर सोच में डूब गयी। आज से पहले सार्थक की मम्मी ने उस से ऐसा बर्ताव तो बिल्कुल नहीं किया था उलटा कभी कभार शीतल की साइड लेकर वे सार्थक को ही डांट दिया करती थी। शीतल का मन भारी होने लगा , उसके और सार्थक के बीच सब ठीक हुआ था ये नयी परेशानी उसकी जिंदगी में आ गयी।
शीतल ने जब माफ़ी नहीं मांगी तो मिसेज शर्मा का गुस्सा और बढ़ गया और वे भी अपने कमरे में चली गयी। मिसेज आहूजा और मिसेज गुप्ता ने जो चिंगारी लगाई थी वो अब भड़ककर आग बन चुकी थी। शाम में सार्थक जल्दी चला आया
सार्थक ने हॉल में आकर अपना बैग रखा ही था की मिसेज शर्मा आते ही उसे सुनाना शुरू कर दिया।
“मम्मी शीतल ऐसी नहीं है , वो किसी को उलटे जवाब देना तो दूर किसी से इतनी बात तक नहीं करती आपको जरूर कोई गलतफहमी हुई है”,सार्थक ने शीतल की साइड लेते हुए कहा
“हाँ तुझे तो अब वही सही लगेगी बेटा , माँ की बातें तो अब गलत ही लगेगी बीवी का पल्लू जो पकड़ रखा है लेकिन मैं ऐसी कोई बात बर्दास्त नहीं करुँगी। उसने सोसायटी की ओरतो से बदतमीजी की और जब मैंने माफ़ी मांगने को कहा तो उसने मुझसे भी,,,,,,,,,,,,,,,,,,बस यही दिन देखने के लिए तो मैंने तेरी शादी उस से की थी,,,,,,,,,,,,,!!”,मिसेज शर्मा ने पहले गुस्से से और फिर थोड़ा भावुक होकर कहा
“मम्मी ऐसा कुछ नहीं है आप खामखा बात को बढ़ा रहे हो , मैं शीतल से बात करता हूँ।”,सार्थक ने मैसज शर्मा को समझाते हुए कहा
“मैं बात को बढ़ा रही हूँ,,,,,,,,,,,तू ना बीवी के प्यार में अंधा हो गया है इसलिए तुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा,,,,,,,,,,,,,,,,इसलिए तुझे अपनी माँ की बात भी झूठ लग रही है”,मिसेज शर्मा ने टेसू बहाते हुए कहा
“मम्मी,,,,,,,,,,,मम्मी सुनिए मेरी बात मैं शीतल को समझाता हूँ , आप यही चाहती है ना वो माफ़ी मांगे तो ठीक है वो आपसे माफ़ी मांग लेगी”,सार्थक ने मिसेज शर्मा को समझाते हुए कहा
“सिर्फ मुझसे ही नहीं सोसायटी की औरतो से भी मांगेगी जिनके साथ उसने बदतमीजी की है , आज तक अपार्टमेंट में किसी की हिम्मत नहीं हुई मुझे रोककर बात सुनाने की पर आज पहली बार ऐसा हुआ वो भी मेरी बहू की वजह से,,,,,,,,,,,,,,,जब तक शीतल उनसे माफ़ी नहीं मांगेगी मैं उसे माफ़ नहीं करने वाली”,सार्थक की मम्मी ने आँसू पोछते हुए कहा और अपने कमरे में चली गयी।
उनकी बातें सुनकर सार्थक परेशान हो गया। उसने अपनी टाई को थोड़ा लूज किया और अपने कमरे की ओर बढ़ गया। सार्थक कमरे में आया देखा शीतल बिस्तर की बेडशीट सही कर रही है। सार्थक को देखकर शीतल उसके पास चली आयी वह कुछ कहती इस से पहले ही सार्थक ने कहा,”शीतल तुम्हारा और मम्मी का झगड़ा हुआ है क्या ?”
“झगड़ा नहीं सार्थक पता नहीं आज सुबह से ही माँ मेरे साथ अजीब बर्ताव कर रही है। ना ठीक से बात कर रही है और तो और उन्होंने मुझसे गलत तरह से बात की और मुझ पर चिल्लाई भी,,,,,,,,,,,,,,!!”,शीतल ने कहा
“शीतल हो सकता है तुम से अनजाने में कोई गलती हुई हो जिसकी वजह से मम्मी हर्ट है,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,सार्थक ने कहा
“नहीं सार्थक ऐसा कुछ भी नहीं है , कल रात तो सब ठीक था जब हम वापस आये थे फिर सुबह भी सब ठीक था उसके बाद माँ बाहर गयी और जब वापस आयी तो काफी गुस्से में थी”,शीतल ने कहा
“मम्मी कह रही है कि तुमने अपार्टमेंट की औरतो से बदतमीजी की , उन्हें गलत बोला और इसलिए मम्मी भी तुमसे नाराज है”,सार्थक ने कहा
“ओह्ह्ह तो ये सारी आग मिसेज आहूजा और मिसेज गुप्ता ने लगाई है। उन्हें तो मैं,,,,,,,,,,,,!!!”,कहते हुए शीतल जैसे ही दरवाजे की तरफ जाने लगी सार्थक ने उसका हाथ पकड़ कर उसे रोक लिया और वापस अपने सामने करके कहा,”शीतल मेरी बात सुनो तुम्हे किसी से कुछ कहने की जरूरत नहीं है तुम बस जाकर मम्मी और उन दोनों से माफ़ी मांग लो”
“माफ़ी ? किस बात की माफ़ी सार्थक जब मैंने कुछ किया ही नहीं है। वो मिसेज आहूजा और मिसेज गुप्ता तो है ही ऐसी दिनभर दुसरो के बारे में बाते करती रहती है और लोगो के घर में क्या चल रहा है इसमें दिलचस्पी दिखाती रहती है। अगर मैंने उन्हें कुछ कहा भी है तो बहुत सही कहा है वे लोग डिजर्व करती है। मैं उनसे कोई माफ़ी नहीं मांगने वाली”,शीतल ने थोड़ा गुस्से से कहा
“शीतल खामखा बात को बढ़ाओ मत यार , सिर्फ एक सॉरी बोलना है बाकि उन्हें तो मैं भी जानता हूँ वो लोग कैसी है लेकिन मम्मी के लिए ही सही उनसे माफ़ी मांग लो और आईन्दा से उन से दूर रहना”,सार्थक ने शीतल को समझाते हुए कहा
“नो सार्थक मैं उनसे माफ़ी नहीं मांगने वाली , मैं अपनी जगह सही हूँ”,शीतल ने कठोरता से कहा
सार्थक ने सूना तो मन ही मन परेशान हो गया वह अपनी मम्मी को अच्छे से जानता था अगर शीतल ने उनकी बात नहीं मानी तो वे शीतल को परेशान करेंगी और सार्थक ऐसा नहीं चाहता था। वह शीतल के पास आया और प्यार से उसे समझाते हुए कहा,”देखो शीतल कई बार हम गलत नहीं होते फिर भी हमे झुकना पडता है , इसी का नाम जिंदगी है”
“सार्थक ये तुम नहीं तुम्हारी मम्मी की शिकायत बोल रही है जो उन्होंने तुमसे की है मुझे लेकर”,शीतल ने उतनी ही कठोरता से कहा
“वो मुझसे ऐसा क्यों कहेंगी ? ये मैं कह रहा हूँ क्योकि मैं इस अपार्टमेंट में रहकर ऐसा कोई झंझट नहीं चाहता। मम्मी तुम से बड़ी है एटलीस्ट तुम तो मेरी बात को समझो , जाओ जाकर माफ़ी मांग लो और खत्म करो ये सब”,सार्थक ने थोड़ा गुस्से से कहा
“मैं माफ़ी नहीं मांगूगी सार्थक”,शीतल ने गुस्से से कहा और वहा से चली गयी।
बीकानेर , मोंटी का फ्लेट
“मोंटी इतना मत सोचो बेबी तुम्हे दूसरी जॉब मिल जाएगी तुम बहुत काबिल हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,ये लो कॉफी पीओ”,रुचिका ने कॉफी का मग मोंटी की तरफ बढाकर उसके बगल में बैठते हुए कहा।
मोंटी ने कप लिया और पीने लगा। रुचिका और मोंटी इस वक्त फ्लेट की बालकनी में बैठे थे जिसे रुचिका ने काफी अच्छा सजाया हुआ था और ये जगह पुरे फ्लेट में मोंटी की पसंदीदा जगह थी।
मोंटी को खामोश देखकर रुचिका ने अपना हाथ उसके हाथ पर रखा और कहा,”मोंटी मैं हूँ ना तुम्हारे साथ सिर्फ आज का दिन बुरा है लेकिन तुम देखना हमारा कल बहुत खूबसूरत होगा”
मोंटी ने सूना तो रुचिका की तरफ देखने लगा। आज मोंटी बहुत उदास था और उदासी उसकी आँखों से साफ झलक रही थी पर इस वक्त मोंटी के लिए सबसे खूबसूरत बात ये थी रुचिका उसके साथ थी। मोंटी ने अपना हाथ रुचिका के कंधो पर रखकर उसे अपने करीब किया और अपने होंठो से उसके सर को छूकर कहा,”अगर तुम मेरे साथ हो तो मैं सब ठीक कर दूंगा रूचि,,,,,,,,,,,,,,सब ठीक कर दूंगा”
“मुझे तुम पर पूरा यकीन है मेरे कपकेक”,रुचिका ने खुश होकर कहा
“कपकेक ? ये कैसा नाम है ?”,मोंटी ने थोड़ा हैरानी से पूछा
“जब गोआ में तुम मुझे मनाने के लिए मेरे खातिर ढेर सारे कपकेक्स लेकर आये थे तब नैना शीतल से बात करते वक्त ये नाम मेरे मुंह से निकला और फिर मैंने तय कर लिया मैं तुम्हे इसी नाम से बुलाऊंगी,,,,,,,,,,,ये क्यूट है ना ?”,रुचिका ने पूछा
“हाँ बहुत तुम्हारी तरह,,,,,!”,मोंटी ने अपनी कॉफी पीते हुए कहा
“अगर नैना वहा नहीं होती तो हमारे बीच की मिसअंडरस्टेंडिंग कभी दूर नहीं होती”,रुचिका ने मोंटी के कंधे पर सर टिकाये हुए कहा
“हम सब ने उसे बहुत परेशान किया लेकिन वो फिर भी हम सब भी ख़ुशी के लिए सब करती रही,,,,,,,,,,,,,,,,,शी इज अ ब्यूटीफुल सोल रूचि,,,,,,,,,,,,सच में वो बहुत प्यारी है”,मोंटी ने रुचिका का कंधा सहलाते हुए कहा
“हाँ ठीक कहा तुमने इसलिए तो हम सब उस से इतना प्यार करते है,,,,,,,,,,!!”,रुचिका ने कहा
दोनों वही बैठकर कॉफी पीते रहे और फिर रुचिका ने उठते हुए कहा,”चलो अब फटाफट तैयार हो जाओ हम लंच के लिए बाहर जा रहे है”
“लंच ? रूचि आज सुबह ही मेरी जॉब गयी है,,,,,,,,,,,,!”,मोंटी ने कहा
“आई नो इसलिए तो मैं तुम्हे ट्रीट दे रही हूँ एक टॉक्सिस जॉब से बाहर आने के लिए”,रुचिका ने मुस्कुरा कर कहा
“तुम सच में पागल हो”,मोंटी ने रुचिका की तरफ देखकर कहा
“हाँ शायद,,,,,,,,,,,,,इसलिए तो मैंने तुमसे शादी की,,,,,,,अब चलो देर हो रही है”,रुचिका ने शरारत से कहा और मोंटी की तरफ अपना हाथ बढ़ा दिया। मोंटी मुस्कुराया और रुचिका का हाथ थामकर उठ खड़ा हुआ। दोनों को लंच करने बाहर जाना था इसलिए तैयार होने चले गए।
चंडीगढ़
अवि ख़ामोशी से अपनी गाड़ी चला रहा था और उसके बगल में बैठी नैना सो रही थी। अवि ने गाड़ी का एसी थोड़ा तेज कर दिया जिस से नैना की नींद में कोई खलल ना पड़े। नैना सोई हुई किसी मासूम बच्चे सी लग रही थी। आज अवि ने उसे बहुत परेशान किया था और यही सोचकर अवि को अब नैना पर प्यार आ रहा था। वह थोड़ा सा नैना की तरफ झुका और धीरे से अपने होंठो से उसके सर को छू लिया। नैना नींद में हल्का सा कुनमुनाई और अवि की तरफ करवट लेकर सो गयी। अपने हाथो को उसने अपने गाल के नीचे लगा लिया और गाल दबने की वजह से उसके नाजुक गुलाबी होंठ थोड़े बाहर निकल आये और वह बहुत प्यारी लग रही थी। नैना से अपना ध्यान हटाने के लिए अवि ने गाड़ी का म्यूजिक सिस्टम ऑन किया और बहुत धीमी आवाज में कोई इंग्लिश गाना चला दिया। अवि गाना सुनते हुए मुस्कुराये जा रहा था क्योकि गाने की लाइन्स और उसकी लाइफ एक जैसी ही थी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,खूबसूरत।
कुछ देर बाद अवि नैना को लेकर घर पहुंचा। गार्ड ने दरवाजा खोल दिया तो अवि गाड़ी लेकर अंदर आ गया। पार्किंग की तरफ जाते हुए अवि की नजर घर में खड़ी दूसरी गाड़ी पर पड़ी तो उसकी आँखों में चमक और होंठो पर मुस्कराहट तैर गयी। अवि ने गाड़ी साइड में लगाई और धीरे से नैना का कन्धा थपथपाते हुए कहा,”नैना , नैना उठो हम लोग घर आ चुके है”
“अमममममम , आह्ह्ह्ह गुड मॉर्निंग”,नैना ने अंगड़ाई लेकर उठते हुए कहा
अवि ने सूना तो मुस्कुरा उठा और कहा,”गुड मॉर्निंग नहीं गुड नून , चलो अब नीचे उतरो”
“हाह,,,,,,,,,,,,,मैं सो गयी थी क्या ?”,नैना ने उलझन भरे स्वर में कहा
“जी हां अब आप खुद से नीचे उतरेंगी या मैं कष्ट करू ?”,अवि ने बड़े ही प्यार से कहा तो नैना एक पल के लिए उसके चेहरे को देखने लगी और फिर उसे एकदम से याद आया की अवि सरप्राइज के नाम पर उसे हॉस्पिटल लेकर गया था , याद आते ही नैना एकदम से पीछे हटी और कहा,”जी नहीं बहुत बहुत शुक्रिया आप पहले ही मेरे लिए बहुत कष्ट उठा चुके है”
अवि ने सूना तो खुद भी पीछे हट गया इस बार उसने कुछ कहा नहीं बस नैना से नीचे उतरने का इशारा किया। नैना ने दरवाजा खोला और गाड़ी से नीचे उतर गयी।
अवि भी गाड़ी से उतरकर नैना के पास आया और कहा,”चले ?”
नैना ने अपनी आँखों को छोटा करके अवि को देखा और कहा,”तो ये था तुम्हारा दुसरा सरप्राइज ? ये घर जहा मैं पिछले 4 महीनो से रह रही हूँ जिसका कोना कोना जानती हूँ ये ? शादी के बाद तुम और ज्यादा बोरिंग हो गए हो पडोसी,,,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे बहुत भूख लगी है मैं अंदर जा रही हूँ”
“नैना जरा वहा देखो”,अवि ने नैना को घर के लॉन की तरफ इशारा करके कहा
“आहह मैं बच्ची नहीं हूँ पडोसी मुझे बहलाना बंद करो”,कहते हुए नैना ने जैसे ही जाने की कोशिश की तो अवि ने नैना को कंधो से पकड़कर लॉन की तरफ घुमाते हुए कहा,”देखो तो सही क्या पता इसके बाद मैं तुम्हे दुनिया का सबसे अच्छा इंसान नजर आउ”
नैना ने जैसे ही सामने देखा उसका दिल धड़क उठा , गला भर आया और आँखों में तुरंत आँसू और ख़ुशी के मिले जुले भाव नजर आने लगे। नैना से कुछ ही दूर लॉन में नैना के पापा विपिन जी खड़े थे , साथ में सौंदर्या जी और आराधना भी थी और तीनो हंस मुस्कुरा रहे थे लेकिन नैना को तो बस वहा अपने डेड दिखाई दिए। उसने बहुत मुश्किल से अपनी आँखों में आये आँसुओ को रोका। नैना को खामोश देखकर अवि ने धीरे से कहा,”कैसा लगा सरप्राइज ?”
नैना ने नम आँखों से अवि को देखा तो अवि नैना के दिल का हाल समझ गया और पलके झपकाकर नैना को विपिन जी के पास जाने का इशारा किया।
नैना दौड़कर विपिन जी की तरफ गयी और कुछ दूर उनके सामने जा खड़ी हुई। विपिन जी ने नैना को देखा तो मुस्कुराये और कहा,”देखो कितनी लम्बी उम्र है तुम्हारी अभी अभी हम लोग तुम्हारी ही बात कर रहे थे। कैसी हो नैना ? ससुराल आकर अपने डेड को भूल ही गयी है ना ?”
विपिन जी ने जैसे ही कहा नैना खुद को नहीं रोक पायी उसकी आँखों में ठहरे आँसू बह गए और वह सुबकते हुए पलट गयी।
“अरे ये क्या ? बेटा जी ऐसे नहीं करते,,,,,,,,,!”,विपिन जी ने नैना के पास आकर उसे पीछे से हग करते हुए कहा। नैना ने अपनी आँखे बंद कर ली और दाँत भींच लिए,,,,,,,,,,,,,कहने को नैना बहुत स्ट्रांग थी लेकिन उसकी जिंदगी में सिर्फ चंद लोग ऐसे थे जिनके सामने नैना अपनी भावनाओ को नहीं रोक पाती थी। आराधना ने देखा तो उसकी भी आँखे नम हो गयी दोनों नैना से पुरे 3 महीने बाद मिल रहे थे और शादी के बाद नैना सिर्फ उनसे एक बार मिलने गयी थी वो भी 2 दिन के लिए,,,,,,,,,,,,,,!!”
सौंदर्या जी ने आराधना को भावुक होते देखा तो उनके कंधे पर हाथ रखकर अपनी पलके झपकाई। नैना ने खुद को नार्मल किया और पलटकर विपिन जी के हाथो को अपने हाथो में थामकर सुबकते हुए कहा,”इन दिनों मैंने आपको बहुत मिस किया डेड , मेरा दिल कर रहा था मैं आपके पास चली आऊ , आप मुझे एक टाइट हग करो और सब,,,,,,,,,,,,,,,,,सब ठीक हो जाये वैसे ही जैसे जादू की कहानियो में होता था।”
“तुमने दिल से याद किया और तुम्हारे डेड आ गए,,,,,,,,,,,,,यहाँ आओ”,विपिन ने जी ने अपने हाथो को फैलाकर कहा तो नैना उनके सीने से आ लगी और अपनी आँखे बंद कर ली , इस वक्त नैना को वैसा ही महसूस हो रहा था जैसे किसी मरते हुए इंसान को जीने की उम्मीद मिलना।
वह काफी देर तक विपिन जी के गले लगी रही। दूर खड़े अवि ने देखा तो उनकी ओर चला आया उसने आकर आराधना के पैर छूकर कहा,”कैसी है आप ?”
“मैं ठीक हूँ बेटा , तुम कैसे हो ?”,आराधना ने प्यार से अवि के गाल को छूकर कहा
“मैं बिल्कुल ठीक हूँ,,,,,,,,,,,,मुझे अच्छा लगा आप और पापा मेरे कहने से यहाँ आये,,,,,,,,,,,,,,नैना आप लोगो को बहुत मिस कर रही थी”,अवि ने कहा
“तो ये सब तुम्हारा प्लान था ?”,सौंदर्या ने शरारत से कहा
अवि ने मुस्कुरा कर पलकें झपका दी तो सौंदर्या जी ने आराधना से कहा,”देख रही है आप हमारे बच्चे कितने बड़े हो गए है”
“इन्हे किसी की नजर ना लगे”,आराधना ने मुस्कुरा कर कहा
“ये लड़का अपनी नैना के लिए तो कुछ भी करेगा,,,,,,,,,,,,,बदल गया है उसके प्यार में”,सौंदर्या जी ने कहा तो अवि शरमा गया और कहा,”मैं पापा से मिलकर आता हूँ”
आराधना और सौंदर्या दोनों मुस्कुरा उठी। अवि विपिन जी और नैना के पास आया। नैना को अवि के वहा होने का अहसास हुआ तो उसे याद आया कि अवि जिस सरप्राइज की बात कर रहा था वो विपिन जी ही थे। वह विपिन जी से दूर हटी और सबके सामने अवि को गले लगाते हुए कहा,”थैंक्यू,,,,,,,,,,,,,,थैंक्यू सो मच , तुम इस दुनिया के सबसे अच्छे इंसान हो पडोसी”
विपिन जी , सौंदर्या और आराधना ने देखा तो तीनो ने मुस्कुराते हुए अपनी नजरे घुमा ली तो वही अवि शरम और ख़ुशी से झेंप गया।
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संजना किरोड़ीवाल