Love You Zindagi – 37
सिटी हॉस्पिटल , चंडीगढ़
अवि नैना को लेकर लेब्रोटरी चला आया जहा नैना के कुछ टेस्ट होने थे। सबसे पहले नैना का ब्लड सेम्पल हुआ उसके बाद स्टाफ ने नैना को एक कंटेनर देकर उसमे यूरिन सेम्पल लाने को कहा। नैना ने कंटेनर लिया और वाशरूम की तरफ जाने ले तो अवि भी उसके पीछे पीछे चल पड़ा। ये देखकर नैना को खीज होने लगी वाशरूम के सामने रूककर उसने अवि से कहा,”अब यहाँ भी क्या तुम मेरे साथ जाओगे ?”
अवि ने नजरे उठाकर देखा तो झेंप गया और ना में गर्दन हिला दी
“नहीं नहीं आ जाओ ना , आजकर हर जगह घुसने की आदत हो गयी है तुम्हे,,,,,,,,,,,,,,,,एक काम करो मेरी जगह तुम ही यूरिन सेम्पल दे दो”,नैना ने चिढ़ते हुए कहा तो अवि वापस जाने के लिए घूम गया। नैना अंदर गयी और कुछ देर बाद सेम्पल लेकर स्टाफ को दे दिया।
“रिपोर्ट्स में 2 घंटे लग लग जायेंगे सर तब तक आप वेटिंग एरिया में बैठ सकते है”,लड़के ने एक पेपर अवि को थमाकर कहा
“ओके थैंक्यू”,अवि ने कहा और नैना को साथ लेकर वहा से चला गया
“मैं यहाँ 2 मिनिट और नहीं रुकने वाली हूँ पडोसी और अगर तुमने मुझे फ़ोर्स किया तो मैं अब सीधा तुम्हारे डेड को फोन कर दूंगी”,नैना ने अवि को घूरकर देखते हुए कहा तो अवि ने बड़े ही प्यार से नैना को देखा और कहा,”मैं भी यहां नहीं रुकने वाला हम सीधा घर जा रहे है , विवान मेरा फ्रेंड है इसलिए मैंने उसे कहा है रिपोर्ट्स घर भिजवाने को”
“तुम्हे समझना मेरी समझ से बाहर है”,नैना ने साथ चलते हुए कहा
“अब शेर को सवाशेर मिला इसमें मैं क्या कर सकता हूँ ?”,अवि ने भी थोड़ा इतराते हुए कहा तो नैना उसे खा जाने वाली नजरो से देखने लगी और मन ही मन कहा,”तुम बस मुझे ये टॉर्चर देना बंद कर दो वो ही काफी होगा मेरे लिए,,,,,,,,,,,!!”
“कही तुम मन ही मन गाली तो नहीं दे रही ?”,अवि ने नैना के होंठो को बुदबुदाते देखकर कहा
“तुम्हे लगता है ऐसा करने के लिए मुझे मन ही मन बोलने की जरूरत है,,,,,,,,,,,,,,,,मैं सीधा मुंह पर भी बोल सकती हूँ”,नैना ने पहले प्यार से और फिर थोड़ा गुस्से से कहा
“”मिसेज नैना बजाज चौधरी मैं तुम्हारा हस्बेंड हूँ तुम्हे मुझसे तमीज से पेश आना चाहिए”,अवि ने नैना को घूरते हुए कहा
“मैं पेश आयी थी लेकिन तुम यहाँ,,,,,,,,,,,,,,,,मेरे सर पर चढ़कर तांडव करने लगे और मैं और क्या करू ? अच्छी खासी वीकेंड के बाद मैं घर बैठकर आराम कर रही थी लेकिन नहीं तुम्हे तो चूल मचती है मुझे आराम देखकर , तुम्हारे सामने मैं चैन से बैठ जाऊ ये भला कहा बर्दास्त हो सकता है तुम्हे,,,,,,,,,,,,,,सरप्राइज के नाम पर तुम मुझे यहाँ हॉस्पिटल ले आये,,,,,,,,,,,,,,कही तुम मेरी किडनी बेचने के बारे में तो नहीं सोच रहे ? हाह तुमने मेरे इतने टेस्ट करवाए और रिपोर्ट भी नहीं ली,,,,,,,,,,,,,,देखो अगर तुम्हारे दिमाग में ऐसा कुछ चल रहा तो मैं पहले ही,,,,,,,,,,,,!!”,नैना आगे कहती इस से पहले ही अवि ने उसके होंठो को अपनी उंगलियों में पकड़कर बंद करते हुए कहा,”कुछ भी बोलती बोलती हो ना तुम नैना तुम्हे सॉफ्टवेयर कम्पनी में नहीं बल्कि रेडिओ जॉकी होना चाहिए था।”
“मुझे इस वक्त घर होना चाहिए था , कितना सुकून था अपने कमरे में लेकिन तुमने सब बर्बाद कर दिया , आई हेट यू”,कहकर नैना गाड़ी की तरफ चली गयी गयी अवि ने भी ड्राइवर सीट की तरफ का दरवाजा खोलते हुए कहा,”बट आई लव यू मिसेज चौधरी”
नैना ने मुंह बनाया और गाड़ी में आ बैठी अवि भी ड्राइवर सीट पर आ बैठा और अपना सीट बेल्ट बांधने लगा। नैना अपने हाथो को बांधकर बैठी थी गुस्से से सामने देख रही थी। अवि ने सुबह सुबह जो उसके साथ किया उस से नैना बुरी तरह खीजी हुई थी। अवि ने देखा नैना ने सीट बेल्ट भी नहीं पहना है तो वह नैना की तरफ झुका और सीट बेल्ट लेने लगा ऐसा करते हुए अवि नैना के थोड़ा करीब भी आ गया। अवि से आयी बॉडी स्प्रे की खुशबू नैना की नाक से टकराने लगी
नैना के दिल की धड़कने तेज होने लगी और वह बस उन्हें सामान्य करने की कोशिश करने लगी। अवि ने नैना को सीट बेल्ट लगाया और वापस अपनी सीट पर बैठते हुए कहा,”उफ़ तुम्हारे ये मूड स्विंग्स जान ले लेंगे किसी दिन मेरी”
“उस से पहले तुम मेरी जान ले लोगे पडोसी”,नैना ने गुस्से से कहा तो अवि को थोड़ा बुरा लग गया। अवि जानता था वह नैना को लेकर हॉस्पिटल क्यों आया था और वह नहीं चाहता था नैना को कुछ हो। अवि को खामोश देखकर नैना का गुस्सा कुछ शांत हो गया और उसने धीमी आवाज में कहा,”अगर तुम ऐसे मुझे टॉर्चर करोगे तो मैंने एक दिन मर,,,,,,,,,,,,,!!”
“नैना तुम्हे क्या लगता है मैं तुम्हे हॉस्पिटल टॉर्चर करने के लिए लेकर आया हूँ”,अवि ने नैना की बात बीच में काटकर थोड़ा गुस्से से कहा तो नैना ने आगे कुछ नहीं कहा। अवि नैना की तरफ पलटा और कहने लगा,”गोआ में तुम्हारे साथ जो हुआ उस से तुम भी अनजान नहीं हो नैना , तुम्हारे बाल झड़ना , तुम्हारा सर दर्द होना , उस दिन वो तुम्हारी नाक से खून आना और ये तुम्हारे मूड स्विंग्स ये सब इत्तेफाक तो नहीं हो सकता न ? मैं तुम्हे यहाँ टॉर्चर करने के लिए नहीं बल्कि अपनी तसल्ली के लिए लेकर आया हूँ। वैसे भी तुम कभी खुद से मुझे ये सब नहीं बताती है ना ?”
“ऐसा नहीं है , मैं बस,,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने हिचकिचाते हुए कहा क्योकि अवि के सामने झूठ बोलने में उसे अक्सर दिक्कत आती थी
“तुम बस क्या नैना ? नैना हमारी शादी हो चुकी है , तुम मेरी वाइफ हो अगर तुम किसी प्रॉब्लम में हो तो तुम्हे मुझे बताना चाहिए था। तुम हमेशा सबके सामने हसने मुस्कुराने का नाटक करती हो जबकि तुम्हे नहीं पता तुम अंदर ही अंदर बीमार पड़ने लगी हो। तुम्हे खुद की जरा भी परवाह नहीं है नैना और उनकी भी नहीं जो तुम्हे चाहते है।
“ये बस नार्मल था पडोसी मैं ये सब के बारे में बताकर तुम्हे परेशान करना नहीं चाहती थी और फिर मुझे लगा अगर मुझे कोई सीरियस डिजीज हुआ तो तुम मुझे छोड़,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ऐसा सिर्फ मुझे लगता है।”,एकदम से कहते कहते नैना की आवाज धीमी पड़ गयी
अवि ने सूना तो उसे बहुत दुःख हुआ नैना पिछले कई दिनों से इस प्रॉब्लम में थी और अवि ने ध्यान नहीं दिया उसने नैना के हाथ को अपने हाथ में लिया और कहने लगा,”मैं ये नहीं पूछूंगा की तुम्हे मुझ पर भरोसा है या नहीं बस मैं ये कहना चाहता हूँ नैना कि मुझे तुम्हारे दर्द से तकलीफ होती है , मैं जब भी तुम्हे परेशान देखता हूँ , उदास देखता हूँ मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगता। तुम सिर्फ मेरी वाइफ ही नहीं मेरी अच्छी दोस्त , मेरा पहला प्यार और मेरी लाइफ का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट हो मैं तुम्हे छोड़कर जाने की कभी सोच भी नहीं सकता यार,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं जिंदगी भर तुम्हारे साथ रहूंगा , कैसी भी सिचुएशन हो मैं हमेशा तुम्हारे साथ खड़ा रहूंगा आखरी साँस तक,,,,,,,,,,,,,,,जब तुम 65 की हो जाओगी ना तब भी तुम मुझे उतनी ही खूबसूरत लगोगी जितना आज लगती हो। तुम्हे छोड़ने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता है और खबरदार अगर आज के बाद तुमने ऐसा कुछ सोचा भी तो मैं कभी तुम से बात नहीं करूंगा”
अवि की बाते सुनकर नैना का मन हल्का हो गया खुद से जुडी जिन बातों को लेकर नैना परेशान थी अवि ने नैना की उस परेशानी को दो मिनिट में खत्म कर दिया। नैना ने अपना दुसरा हाथ अपने और अवि के हाथ पर रखा और कहा,”आई ऍम सॉरी , मैं बस थोड़ा डर गयी थी”
“तुम्हे कुछ नहीं हुआ है तुम बिल्कुल ठीक हो,,,,,,,,,,,,,,,,,घर चलते है तुम्हारे लिए एक सरप्राइज है”,अवि ने नैना का हाथ छोड़कर गाड़ी स्टार्ट करते हुए कहा
“एक और सरप्राइज ? पडोसी कह दो ये एक बकवास मजाक के सिवा कुछ भी नहीं है,,,,,,,,,,!!”,नैना ने कहा जिसे सरप्राइज के मामले में अवि पर भरोसा नहीं था।
“रिलेक्स ये अच्छा वाला है,,,,,,,,,,,,,,,,अब अपने दिमाग को थोड़ा रेस्ट दो और सिस्टम पर कोई बढ़िया गाना चलाओ”,कहते हुए अवि ने गाड़ी आगे बढ़ा दी।
“इस से बेहतर है मैं थोड़ी देर सो लू”,कहते हुए नैना ने सीट को थोड़ा पीछे किया और अपने आँखे मूंद ली
अवि ने सोयी हुई नैना को देखा और मन ही मन कहा,”सॉरी आज मैंने तुम्हे बहुत परेशान किया”
आशीर्वाद अपार्टमेंट , दिल्ली
मिसेज शर्मा मिसेज आहूजा और मिसेज गुप्ता की बातें सुनकर शीतल से काफी नाराज थी। जब शीतल उनकी आवाज सुनकर बाहर नहीं आयी तो मिसेज शर्मा अपने कमरे में आयी और सार्थक को फोन लगा दिया। कुछ देर बाद सार्थक ने फोन उठाया और कहा,”हेलो मम्मी क्या हुआ आपने इस टाइम फोन किया , सब ठीक है न ?”
“कुछ ठीक नहीं है सार्थक , पूरे अपार्टमेंट में तुम्हारी बीवी को लेकर कितनी बाते हो रही है तुम्हे इसका अंदाजा भी है”,मिसेज शर्मा ने थोड़ा गुस्सा होकर कहा
“मैं कुछ समझा नहीं मम्मी , शीतल ने आपसे कुछ कहा क्या ?”,सार्थक ने असमझ की स्तिथि में पूछा
“हाँ तुम क्यों समझोगे बेटा तुम उसके प्यार में अंधे जो हो चुके हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन अपार्टमेंट के लोग गूंगे नहीं है वो तो इस बारे में बात करेंगे ना , मुझे तो ये समझ नहीं आ रहा कि आखिर शीतल ने बाहर ऐसी बाते कही ही क्यों ?”,मिसेज शर्मा ने अफ़सोस के साथ कहा
“मैं अभी एक मीटिंग में हूँ मैं शाम में घर आकर बात करता हूँ प्लीज”,सार्थक ने उलझनभरे स्वर में कहा और फिर खुद ही फोन काट दिया। फोन अपने होंठो से लगाए सार्थक सोच में पड़ गया। शादी के बाद ऐसा पहली बार ही हुआ था जब मिसेज शर्मा ने उस से शीतल के बारे में ऐसा कुछ कहा था।
सार्थक ने फोन रखा और अपने काम में लग गया। दुसरी तरफ सार्थक से शीतल की शिकायत करने के बाद मिसेज शर्मा थोड़ा शांत हुई और हॉल में आकर टीवी देखने लगी। मिसेज शर्मा ने घडी में देखा दोपहर के 3 बज रहे थे। शीतल अपने कमरे में सोई थी उसके बारे में सोचकर मिसेज शर्मा के जहन में एकदम से मिसेज आहूजा की बात आयी “बहुओ को ना कंट्रोल में रखना बहुत जरुरी होता है वरना वो हमारे सर चढ़कर नाचने लगती है”
मिसेज शर्मा ने टीवी की आवाज बढ़ा दी जिस से शीतल खुद ही उठकर बाहर आ जाये और वही हुआ टीवी की आवाज या यू कह लीजिये शोर सुनकर शीतल बाहर चली आयी और कहा,”माँ आपने टीवी की आवाज को इतना तेज क्यों रखा है ?”
“अब ये भी मुझे तुम से पूछना होगा कि मैं टीवी चलाऊ या नही ?”,मिसेज शर्मा ने बिना शीतल की तरफ देखे टीवी पर नजरे गड़ाए हुए कहा।
“मैंने ऐसा तो नहीं कहा माँ , बस मैं ये कह रही कि टीवी की आवाज,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,शीतल इतना ही कह पायी कि मिसेज शर्मा ने उसकी बात बीच में काटते हुए कहा,”हाँ हाँ ठीक है मुझे मत सिखाओ , टाइम देखा है तुमने ये कोई सोने का टाइम है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अच्छे घर की बहुओ को दिनभर काम से फुर्सत नहीं मिलती और तुम्हारे पास इतना टाइम है कि दिनभर सोते रहो,,,,,,,,,,,,,मेरी चाय का वक्त हो गया है तुम बना दोगी या वो भी मैं खुद ही बनाऊ ?”,मिसेज शर्मा ने कुछ ज्यादा ही कठोरता से कहा
“मैं अभी बना देती हूँ”,कहते हुए शीतल किचन की तरफ चली गयी।
किचन में आकर शीतल ने चाय चढ़ा दी और सोच में पड़ गयी। आज अपनी सास का बर्ताव उसे थोड़ा अजीब लगा। आज से पहले सार्थक की मम्मी ने शीतल से इस लहजे में तो बिल्कुल बात नहीं की थी। शीतल इसी सोच में डूबी हुई थी उसे ध्यान नहीं रहा और चाय उफनकर नीचे गिरने लगी।
“ध्यान कहा है तुम्हारा देखो पूरी चाय गिरा दी ? अगर नहीं बनाने का मन था तो कह देती मैं खुद बना लेती,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,मिसेज शर्मा ने किचन में आकर गैस बंद करते हुए कहा तो शीतल की तंद्रा टूटी और उसने कहा,”सॉरी,,,,,,,,,,,,,मैं दूसरी बना देती हूँ”
“नहीं कोई जरूरत नहीं है , घर का राशन ऐसे बर्बाद करने के लिए नहीं है। तुम जाओ मैं खुद कर लुंगी”,मिसेज शर्मा ने उखड़े स्वर में कहा
“माँ मैंने ऐसा क्या किया है जो आज आप मुझसे ऐसे बात कर रही है ? क्या मुझ से कोई गलती हुई है या मैंने कुछ गलत किया है ?”,शीतल के सब्र का बांध आख़िरकार टूट ही गया और वह बोल पड़ी
“ओह्ह तुम तो ऐसे सीधी बन रही हो जैसे तुम्हे कुछ पता ही नहीं , जरा मुझे ये बताओ शीतल इस घर में ऐसी क्या कमी रखी हम सब ने जो अब तुमने इस घर की बातो को बाहर सोसायटी में कहना शुरू कर दिया। तुम एक इज्जदार घर की बहू हो फिर तुम्हे ये इजाजत किस ने दी कि मिसेज आहूजा और मिसेज गुप्ता से बदतमीजी से बात करो”,मिसेज शर्मा ने अपने मन की भड़ास निकालते हुए कहा
“माँ आपको पता भी है आप क्या कह रही है , और आपको तो शायद ये भी नहीं पता कि उन्होंने मुझसे और सार्थक से क्या कहा था ?”,शीतल ने कहा
“उन्होंने जो भी कहा हो तुम्हे कहा कुछ बोलने की जरूरत पड़ी , क्या तुम चुप नहीं रह सकती थी ? उनका तो काम है लोगो के बारे में बात करने का लेकिन तुम तो अपने कायदे में रह सकती थी ना,,,,,,,,,,,,,,,मत भूलो शीतल आने वाले कई सालों तक हमे इसी अपार्टमेंट में रहना है इन्ही लोगो के बीच इसलिए हमारी बनी बनाई इज्जत को उछालना बंद करो तुम”,मिसेज शर्मा ने एक बार फिर कठोरता से कहा
शीतल ने सूना तो उसका दिल टूट गया सार्थक की मम्मी उसे गलत समझ रही थी वो भी मिसेज आहूजा और मिसेज गुप्ता के कहने पर। उसकी आँखों में नमी तैर गयी लेकिन अपने आंसुओ को शीतल ने अपनी आँखों में ही रोक लिया और कहा,”मुझे नहीं लगता माँ मैंने कुछ गलत किया है , अगर अपने पति की बेइज्जती पर सामने वाले को मेरा कुछ कहना गलत है तो फिर मैं गलत सही,,,,,,,,,,,,,,,मिसेज आहूजा और मिसेज गुप्ता जैसी महिलाये आपके लिए मेटर करती होंगी मेरे लिए नहीं”
कहकर शीतल अपने कमरे की ओर जाने लगी तो मिसेज शर्मा ने कहा,”तुम जाकर उनसे माफ़ी मांगोगी शीतल”
शीतल रुकी और बिना पलटे कहा,”मैं उन लोगो से माफ़ी नहीं माँगूगी माँ”
कहकर शीतल अपने कमरे में चली गयी और दरवाजा तेजी से बंद कर लिया
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संजना किरोड़ीवाल