Love You Zindagi – 14
आशीर्वद अपार्टमेंट में रहने वाले लोगो की सोच और विचारो से मिसेज शर्मा भी बच ना सकी और उन्होंने शीतल को जल्द से जल्द बच्चा पैदा करने के लिए बोलना शुरू कर दिया। शीतल खुलकर इस बात का विरोध भी नहीं कर पा रही थी जब उसने अपनी सास को समझाने की कोशिश की तो उलटा उन्होंने ही उसे कितनी सारी नसीहतें दे डाली। किचन से निकलकर शीतल अपने कमरे में चली आयी उसने देखा सार्थक ऑफिस जाने के लिए तैयार हो चुका था। शीतल को कमरे में आया देखकर सार्थक ने कहा,”सुनो शीतल आज सुबह मेरी मोंटी से बात हुयी थी वो चाहता है हम सब इस वीकेंड एक ट्रिप पर जाए , तुम बताओ तुम्हारा क्या ख्याल है ? मैंने तो तुमसे पूछे बिना ही उसे हाँ बोल दिया। शादी के बाद हम लोग कही घूमने ही नहीं गए। इस ट्रिप पर तुम अपनी दोस्तों से भी मिल लेना और हम दोनों को भी साथ में टाइम स्पेंड करने का मौका मिल जाएगा”
“जैसा तुम्हे ठीक लगे”,शीतल ने बुझे हुए स्वर में कहा
“क्या हुआ तुम खुश नहीं हो ? देखो अगर तुम्हे नहीं जाना तो मैं केंसल कर देता हूँ”,सार्थक ने शीतल के सामने आकर कहा
“नहीं मैं इतनी सेल्फिश नहीं हो सकती,,,,,,,,,,,,,,,सार्थक सही कह रहा है इस ट्रिप पर साथ रहेंगे तो हो सकता है हमारे रिश्ते को एक मजबूती मिले और फिर रूचि नैना से मिले भी तो कितना वक्त हो गया,,,,,,,,,,,,,,मुझे इस ट्रिप पर जाना चाहिए”,शीतल ने मन ही मन खुद से कहा उसे खामोश देखकर सार्थक ने उसके कंधो को पकड़कर कहा,”क्या हुआ इतना क्यों सोच रही हो ? रूचि मोंटी नैना और अवि भाई सब चल रहे है , तुम्हे अच्छा लगेगा”
“ठीक है मैं चलूंगी”,शीतल ने मुस्कुरा कर कहा तो सार्थक भी मुस्कुरा उठा और कहा,”ठीक है फिर मैं आज ही अवि भाई से बात करता हूँ और ये ट्रिप फिक्स करते है और हाँ रूचि ने कहा है तुम्हे फोन करने को उस से बात कर लेना”,मोंटी कहते हुए कमरे से बाहर चला गया। बाहर आकर उसने नाश्ता किया और फिर ऑफिस के लिए निकल गया। शीतल ने अपना फोन उठाया और रुचिका का नंबर डॉयल किया लेकिन रुचिका शायद बिजी थी इसलिए थोड़ी देर बाद खुद ही फोन करने का कहकर फोन काट दिया। रुचिका के साथ साथ शीतल ने नैना को भी फोन लगा दिया।
दो चार रिंग जाने के बाद ही नैना ने फोन उठाया और कहा,”हेलो कौन बोल रहा है ?”
नैना की नींद से त्रस्त आवाज सुनकर शीतल को हैरानी हुई और उसने कहा,”हाय नैना मैं शीतल बोल रही हूँ , तुम अभी तक सो रही हो ? टाइम देखा है कितना हुआ है ?”
“हाँ वो रात में देर से सोई ना इसलिए,,,,,,,,,,,,तुम बताओ क्या हुआ ?”,नैना ने अंगड़ाई लेते हुए कहा
“सार्थक बता रहा था इस वीकेंड हम सब किसी ट्रिप पर जा रहे है , अवि ने तो अपनी मंजूरी भी दे दी है और रूचि मोंटी भी तैयार है तुम बताओ तुम्हारा क्या प्लान है ?”,शीतल ने कहा
“हाह ट्रिप ? कैसी ट्रिप ? पडोसी ने मंजूरी दे दी मतलब ये उसी का प्लान होगा,,,,,,,,,,,,खाली दिमाग शैतान का घर”,नैना ने उठकर बैठते हुए कहा
“शादी के बाद भी तुम में कोई बदलाव नहीं है,,,,,,,,,,,अवि बहुत अच्छा लड़का है तुम उसके लिए ये सब बोलना बंद करो। अगर ये उसका आइडिआ है भी तो उसने बिल्कुल सही किया है कम से कम इस ट्रिप के बहाने ही सही हम सब एक दूसरे से मिल पाएंगे वैसे भी शादी के बाद हम सब पहली मिल रहे है और कितनी ही सारी बाते है जो हमे एक दूसरे से करनी है। तुम और रुचिका तो यहाँ से चली गयी लेकिन ये आशीर्वाद अपार्टमेंट तुम दोनों के बिना बिल्कुल अच्छा नहीं लगता है। मैं तुम दोनों को बहुत मिस करती हूँ”,कहते कहते शीतल थोड़ा उदास हो गयी
“मिस तो मैं भी बहुत करती हूँ तुम सबको , मॉम-डेड को लेकिन सबसे ज्यादा मिस करती हूँ अपनी दिल्ली वाली लाइफ को,,,,,,,,,,कितनी मस्त लाइफ थी मेरी दिल्ली में लेकिन शादी के बाद चंडीगढ़ आकर झंड हो गयी। दिल्ली में सब कितना सही था जहा मर्जी जाओ , जैसे मर्जी रहो , जो मन हो बोलो , साला नो टेंशन,,,,,,,,नो फीयर,,,,,,,,,,,,आई लव यू डियर”
कहते कहते नैना ने एकदम से आखरी शब्द बदल दिए। शीतल ने सूना तो उसे भी काफी हैरानी हुयी कि ये नैना को एकदम से क्या हो गया इसलिए उसने कहा,”हे नैना तुम ठीक हो ना ऐसी बहकी बहकी बातें क्यों कर रही हो ?”
नैना ने शीतल को कोई जवाब नहीं दिया बल्कि उसने अपने सामने खड़े अवि को देखा और मन ही मन खुद से कहा,”आई हॉप इसने कुछ ना सूना हो , यार नैना कुछ बोलते वक्त आस पास देख लिया कर वैसे भी आजकल तेरे L कुछ ज्यादा ही लगते है , अब कही पडोसी फिर से लंबा चौड़ा लेक्चर ना शुरू कर दे”
“तुम्हारी चाय,,,,,,,,,,,,,,,मैं ऑफिस जा रहा हूँ तुम्हे कुछ चाहिए हो तो फोन करना,,,,,,,,,,,शाम में मिलते है”,कहकर कहते हुए अवि ने चाय का कप टेबल पर रखा और जाने लगा तो नैना ने कहा,”तुमने तकलीफ क्यों की मैं खुद भी अपने लिए चाय बना सकती हूँ”
“नैना मैं तुम्हारे डेड जैसा तो नहीं बन सकता लेकिन हाँ उनकी तरह तुम्हारा ख्याल रख सकता हूँ। मैं चलता हूँ”,अवि ने मुस्कुरा कर कहा और वहा से चला गया। नैना उठी और फोन कान से लगाए उसके पीछे आयी उसने दरवाजे से झांककर देखा और एक गहरी साँस लेकर कहा,”हाहह लगता है चला गया,,,,,,,,,,,,,,,हाँ शीतल अब कहो क्या कह रही थी तुम ?”
“ये सब क्या था नैना ? तुम अवि से भाग क्यों रही हो ?”,शीतल ने गंभीर होकर पूछा
“डोंट वरी तुम जैसा सोच रही हो वैसा कुछ नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,शादी से पहले पडोसी जितना स्वीट और क्यूट बनता था शादी के बाद वो बिल्कुल उलटा हो गया है यानि की खड़ूस और अजीब,,,,,,,,,,,,अगर उसने मेरे मुंह से एक भी गलत शब्द कहते सुना तो फिर पुरे एक घंटा उसका लेक्चर चलता है
वो भी मेरे सामने बैठकर इतना शांति से ऐसे लगता है जैसे मैं किसी स्कूल में बैठकर टीचर का लेक्चर सुन रही हूँ और ब्रो ये सबसे बड़ा टॉर्चर है इसलिए अब बोलने से पहले 10 बार सोचना पड़ता है स्पेशली पडोसी के सामने,,,,,,,,,,!!”,नैना ने अपनी आपबीती शीतल को कह सुनाई तो शीतल हसने लगी और कहा,”ये अच्छा हुआ मैं और रूचि तो तुझे नहीं सुधार पाए कम से कम अवि ही सुधार दे तो बढ़िया है वैसे भी पहली बार शेर को सवाशेर मिला है,,,,,,,,,,,!”
“ऐसा भी नहीं है शीतल वो तो मैं बस शादी के बाद उसकी थोड़ी रिस्पेक्ट करती हूँ इसलिए ये सब,,,,,,,,,,,,,खैर ये सब छोडो ये बताओ तुम कैसी हो ? सब कैसा चल रहा है ? सोसायटी की आंटिया तुम्हे ज्यादा तंग तो नहीं करती ? करे तो मुझे बताना मैं आकर उनकी क्लास लगा दूंगी”,नैना ने आलथी पालथी मारकर बैठते हुए कहा और अपनी चाय का कप उठा लिया
“मैं बिल्कुल ठीक हूँ और सार्थक के साथ बहुत खुश हूँ,,,,,,,,,,,,,,,तुम ये सब छोडो और ये बताओ ट्रिप पर चल रही हो या नहीं ?”,शीतल ने मुद्दे पर आते हुए कहा
“यार शीतल ये ट्रिप पर लौंडो को ले जाना जरुरी है क्या ? आई मीन तू मैं और रूचि भी तो अलग से जा सकते है ना लाईक गर्ल्स ट्रिप,,,,,,,,,,,,,,,,,,उस में ज्यादा मजा आएगा।”,नैना ने चाय पीते हुए कहा
“तुम सच में अजीब हो नैना ! शादी के बाद घूमने अकेले जायेंगे तो लोग क्या कहेंगे ?”,शीतल ने कहा
“ओह्ह ओह्ह मैं तो भूल ही गयी थी आप दी ग्रेट शीतल मिश्रा तो आशीर्वाद अपार्टमेंट में रहती है और दिल्ली में भैया सब बदल सकता है लेकिन उस अपार्टमेंट के लोगो की सोच नहीं,,,,,,,,,,,,,खबरदार जो तुमने अपार्टमेंट की आंटियो जैसे बात की तो मैंने मुंह तोड़ देना है तुम्हारा,,,,,,,,,,,,,,,,अगर पडोसी ने ये ट्रिप प्लान की है तो जायज सी बात है वो तो साथ जाएगा ही,,,,,,,,,,,,,,,,,और मुझे भी अपने बाकि दोस्तों से मिलना है तो मैं तो डेफिनेटली आ रही हूँ”,नैना ने अपनी चाय खत्म करते हुए कहा
“तो फिर डन इस वीकेंड हम सब मिल रहे है मैं बहुत खुश हूँ”,शीतल ने खुश होकर कहा
“तुम सब खुश तो नैना बजाज खुश,,,,!”,नैना ने कहा
“अच्छा नैना सुनो ! मुझे तुमसे कुछ इम्पोर्टेन्ट बात करनी थी,,,,,,,,,,,,!”,शीतल ने एक बार फिर गंभीरता से कहा
“हाँ बोल ना,,,,,,,!”,नैना ने कहा
“फोन पर नहीं जब हम मिलेंगे तब,,,,,,,,,,अभी मैं फोन रखती हूँ अपना ख्याल रखना”,शीतल ने कहा
“ओके तुम भी अपना ख्याल रखना , जल्दी मिलते है”,नैना ने कहा और फिर फोन काट दिया। नैना ने फोन बिस्तर पर रखा और शीतल की कही आखरी बात के बारे में सोचने लगी और बड़बड़ाई,”आखिर ऐसी क्या बात हो सकती है जो शीतल फोन पर नहीं बता सकती,,,,,,,,,,,,,आह्ह लगता है फिर से उसके साथ कुछ गड़बड़ हुई है वैसे गड़बड़ शीतल की लाइफ नहीं बल्कि वो आशीर्वाद अपार्टमेंट है,,,,,,,,,,,,,,वहा कोई कांड ना हो ऐसा भला कैसे हो सकता है ? खैर अब तो शीतल से मिलना ही पडेगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,पडोसी भी ना कभी कभी सच में सरप्राइज कर देता है पर कुछ भी कहो बन्दा है बड़ा क्यूट,,,,,,,,,,मेरे लिए चाय बनाई वो भी अपने हाथो से,,,,,,,,यहाँ तो तुम्हे पिघल जाना चाहिए था नैना,,,,,,,,,,!!”
“नैना मैडम चौधरी साहब ने आपको नीचे बुलाया है”,भोला ने आकर कहा तो नैना की तंद्रा टूटी और कुछ देर बाद वह कपडे बदलकर नीचे चली गयी।
बीकानेर , राजस्थान
किचन एरिया में काम कर रही रुचिका कभी जोर से बर्तन पटकती तो कभी बड़बड़ाती। मोंटी आँखे मसलते हुए कमरे से बाहर आया दरवाजे की तरफ जाते हुए कहा,”रूचि एक कप कॉफी बना दो प्लीज”
मोंटी कहकर आगे बढ़ गया लेकिन रुचिका बड़बड़ाने लगी,”हाँ नौकरानी हूँ ना मैं इस घर में जो दिनभर कॉफी बना दो , खाना बना दो , ये कर दो , वो कर दो,,,,,,,शादी के बाद मेरी तो जैसे कोई लाइफ ही नहीं बची है। दिनभर ऑफिस में काम करो फिर यहाँ उस पर सौ टेंशन अलग से लेकिन मोंटी को क्या उसे तो बस अपने काम से मतलब है,,,,,,,,,,,,,अपनी कॉफी से मतलब है। कल रात कैसे खुश हो रहा था ? गुनगुना रहा था कभी मेरे साथ तो नहीं गुनगुनाया ऐसे,,,,,,,,,,,वो मधु सही कह रही थी जरूर मोंटी उस चुड़ैल के चक्कर में फंस गया है वरना आधी रात को कौनसी मीटिंग होती है ? मेरी ही गलती है मैंने ही मोंटी को कुछ ज्यादा ही छूट दे रखी है,,,,,,,,,,,,,,,अरे रिलेशनशिप में सब चलता है लेकिन शादी के बाद पति पर नजर बनाकर रखना भी बहुत जरुरी है”
“क्या हुआ अकेले में किस से बातें कर रही हो तुम ? कॉफी दो ना”,मोंटी ने उबासी लेते हुए कहा
एक तो रुचिका कल रात से मोंटी पर गुस्सा थी और अभी मोंटी ने कॉफी मांगकर उसे और गुस्सा दिला दिया। उसने हाथ में पकड़ा सफाई का कपड़ा मोंटी की छाती पर फेंककर कहा,”खुद बना लो”
रुचिका वहा से चली गयी। मोंटी हैरानी से उसे देखता रहा और फिर किचन एरिया में आकर अपने और रुचिका दोनों के लिए कॉफी बनाने लगा। कॉफी लेकर मोंटी कमरे में आया तो देखा रुचिका बेडशीट सही कर रही है। मोंटी ने कप टेबल पर रखा और कहा,”रूचि क्या हुआ तुम्हारा मूड क्यों ऑफ है ? किसी से झगड़ा हुआ है क्या ?”
रुचिका ने सूना तो आधी बिछी बेडशीट को छोड़ा और कुर्सी पर रखे कपडे उठाकर कबर्ड में रखने लगी। मोंटी को रुचिका का ये बर्ताव थोड़ा अजीब लगा तो उसने कहा,”रूचि क्या हुआ है यार ? कल रात भी तुम चुप चुप थी , मुझसे कोई गलती हुई क्या ?”
रुचिका ने सूना तो जोर से कबर्ड का दरवाजा बंद किया और मोंटी के सामने आकर कहा,”कौन थी वो लड़की ?”
“लड़की ? कौन लड़की ?”,मोंटी ने हैरानी से पूछा
“वही जो कल रात तुम्हारे साथ थी”,रुचिका ने घूरकर देखते हुए पूछा
“तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है क्या ? कल शाम में ऑफिस की मीटिंग में था और बताया तो था तुम्हे की आने में देर हो जाएगी”,मोंटी ने कहा
“अच्छा तो होटल की लॉबी में मैंने जो देखा वो क्या था फिर ? और ऐसा कौनसा ऑफिस ही जिसकी मीटिंग रात में होती है , वो भी ऑफिस के बाहर इतने बड़े होटल में,,,,,,,,,,,,,,,,,जवाब दो,,,,,,,,,,,,,,,देखा जवाब नहीं है ना तुम्हारे पास मुझे पहले ही पता था। शादी के बाद तुम लड़को का दिल भर जाता है और फिर तुम सब भूल जाते हो। लव मैरिज के चक्कर में मैंने अपनी ही लंका लगा ली अब मैं घरवालों को क्या मुंह दिखाउंगी,,,,,,हे भगवान मेरे पति का बाहर चक्कर चल रहा है जब लोगो को ये पता चलेगा तो वो कैसी कैसी बाते करेंगे,,,,,,,,,,,,,,,,मैं तो शर्म से मर जाउंगी,,,,,,,,,,,,,,,मेरे साथ ऐसा क्यों ?,,,,,,,,,,,,!!”,रुचिका फ्लो फ्लो में कुछ भी बोले जा रही थी और मोंटी मुंह फाडे सुन रहा था क्योकि उसे अब तक समझ नहीं आया कि आखिर रुचिका किस बारे में बात कर रही है ? रुचिका को कुछ भी बोलते पाकर मोंटी उठा और उसका मुंह बंद करते हुए कहा,”अब बस भी करो क्या कुछ भी बोले जा रही हो तुम ?”
“देखा कैसे सच सुनकर तुमने मेरा मुंह बंद कर दिया , तुम मुझे चुप करवाना चाहते हो ताकि तुम्हारा कांड छुप जाए”,रुचिका ने उसका हाथ अपने मुंह से हटाकर कहा
“कांड ? अरे कैसा कांड यार रूचि मैंने कुछ भी नहीं किया है। कहा से करूंगा 10 घंटे ऑफिस में होता हूँ उसके बाद तुम्हारे साथ घर,,,,,,,,,,,,,,,,कांड करने के इंसान के पास टाइम भी तो होना चाहिए ना,,,,,,,,,,,,,,और ये अजीबो गरीब बातें तुम्हारे दिमाग में आती कहा से है ये बताओ तुम मुझे ? कौन लड़की ? कैसी लड़की ? अरे ! मैं किसी लड़की को नहीं जानता इन्फेक्ट तुम्हारे और नैना के अलावा मेरी जिंदगी में कोई लड़की नहीं है,,,,,,,,,,,,,!!”,मोंटी ने रुचिका के कंधो को थामकर उसकी आँखों में देखते हुए कहा।
रुचिका ने सूना तो उसका गुस्सा थोड़ा शांत हुआ और उसने धीमी आवाज में कहा,”लेकिन मैंने कल शाम मैंने तुम्हे एक लड़की के साथ देखा था और कल रात घर आने के बाद तुम बहुत खुश भी थे इन्फेक्ट तुम गुनगुना रहे थे”
मोंटी ने सूना तो धीरे धीरे उसे सब समझ आया और उसने अपना सर पीटते हुए कहा,”तुम सच में पागल हो रूचि,,,,,,,,,,,,,,,,,,मेरे साथ वही लड़की थी जिसे आज सुबह मैं एयरपोर्ट लेने गया था वो मेरे बॉस की मेहमान है और मीटिंग उन्ही के साथ थी इसलिए बॉस के कहने पर मुझे वो अरेजमेंट करना पड़ा। मैं उसे लेने बाहर आया था तो उन्होंने मुझसे हेल्प मांगी और मैंने कर दी इसके पीछे कोई गलत इंटेंशन नहीं थी। तुम वहा थी तो तुमने मुझे बताया क्यों नहीं ? हम दोनों साथ में डिनर करते वैसे भी वो मीटिंग काफी बोरिंग थी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“तो फिर कल रात तुम इतना खुश क्यों थे ?”,रुचिका ने मासूमियत से पूछा
“अरे मैं खुश था क्योकि बहुत दिनों बाद मेरी नैना और बाकि सब से बात हुई थी। मैंने तुम्हे बताया था ना इस वीकेंड हम सब एक ट्रिप पर जाने वाले है तो बस उसी को लेकर मैं थोड़ा एक्साइटेड था। मीटिंग अच्छी रही इसलिए बॉस ने भी छुट्टी दे दी। मैं खुश था क्योकि शादी के बाद हम लोग पहली बार बाहर जाने वाले थे वो भी एक ट्रिप पर अपने दोस्तों के साथ,,,,,,,,,,,,,,,अब तुम बताओ क्या ये ख़ुशी वाली बात नहीं है ?”,मोंटी ने रुचिका को समझाते हुए कहा
“हाँ पर तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया ? मैं भी गधी हूँ सच में क्या क्या सोच रही थी ? सॉरी बेबी मुझे तुम पर शक नहीं करना चाहिए था,,,,,,,,,,,,,,,वैसे हम लोग ट्रिप पर कहा जा रहे है ?”,रुचिका ने अपना गुस्सा और नाराजगी खत्म करते हुए पूछा
“अवि और सार्थक ने तो गोआ का प्लान बनाया है फिर मैंने भी ओके बोल दिया,,,,,,,,,,,,,तुम आज शाम पैकिंग कर लेना कल सुबह ही हम लोग दिल्ली के लिए निकल जायेंगे , नैना और अवि भी हमे वही मिलेंगे और फिर वहा से सब साथ गोआ जायेंगे,,,,,,,,,,,,!”,मोंटी ने कबर्ड की तरफ जाते हुए कहा
रुचिका ने सूना तो ख़ुशी से मोंटी के पीछे झूलते हुए कहा,”ओह्ह्ह मोंटी तुम कितने अच्छे हो,,,,,,,,,,,,,,आई ऍम सॉरी मैंने तुम्हे गलत समझा , मुझे माफ़ कर दो प्लीज वो मधु ने उलटी सीधी बाते करके मुझे कन्फ्यूज कर दिया था लेकिन आई प्रॉमिस मैं आज के बाद ऐसा कुछ नहीं करुँगी,,,,,,,,,,,,प्लीज”
मोंटी रुचिका की तरफ पलटा और उसके चेहरे को अपने हाथो में लेकर बड़े ही प्यार से कहा,”रूचि मैं तुम्हे बहुत पसंद करता हूँ और तुम्हारी जगह कोई नहीं ले सकता,,,,,,,,,,,,इसलिए तुम ये सब मत सोचा करो मुझे ज्यादा अच्छा लगेगा अगर अकेले परेशान होने के बजाय तुम ये सब मुझसे खुलकर डिस्कस करो इस से हमे एक दूसरे को समझने में और आसानी होगी। अब इस बात को यही खत्म करो और ये बातो तुम्हे ऑफिस से छुट्टी मिल जाएगी न ?”
“मिल जाएगी वैसे भी ऐसे मौके जिंदगी में बार बार नहीं आते,,,,,,,,,,,,,,,,मैं तैयार हूँ और मैं नैना शीतल से बात करके आती हूँ”,रुचिका ने चहकते हुए कहा और वहा से चली गयी। मोंटी भी कबर्ड से कपडे लेकर नहाने चला गया। दोनों एक बार फिर बिजी हो गए और उनकी कॉफी ठंडी हो गयी।
अगले दिन मोंटी और रुचिका अपने अपने सूटकेस के साथ दिल्ली के लिए निकल गए। बीकानेर से दिल्ली पहुँचने में 8-10 घंटे लगने थे इसलिए मोंटी ने सुबह 10 बजे की ट्रैन के टिकट्स बुक किये ताकि दोनों शाम तक दिल्ली पहुँच जाये। वही चंडीगढ़ से दिल्ली पास में ही था इसलिए अवि ने दोपहर में निकलने का सोचा। उसने नैना को भी गोआ चलने के लिए मना लिया। ससुराल में रहते रहते नैना को थोड़ी बोरियत होने लगी थी ये ट्रिप उसके लिए सही थी साथ ही उसे शीतल और रुचिका से भी मिलना था इसलिए उसने मना नहीं किया और हामी भर दी। सौंदर्या जी और चौधरी साहब को भी अवि और नैना के बाहर जाने से कोई दिक्कत नहीं थी उन्होंने ख़ुशी ख़ुशी उन्हें बाहर जाने की परमिशन दे दी। नैना और अवि भी अपना अपना सामान पैक करके घर से निकल गए। चूँकि अवि और नैना फ्लाइट से आये थे इसलिए एयरपोर्ट पर ही रुक गए और बाकि चारो को भी वही आने को कह दिया। शीतल और सार्थक अपना अपना बैग लिए आशीर्वाद अपार्टमेंट से बाहर निकल गए। रुचिका और मोंटी भी स्टेशन से सीधा एयरपोर्ट चले आये। शीतल ने जब रुचिका को देखा तो उसके चेहरे की ख़ुशी दुगुनी हो गयी उसने आगे बढ़कर रुचिका को गले लगाया और कहा,”तुम कितनी प्यारी लग रही हो रूचि , मैंने तुम्हे बहुत मिस किया”
“मैंने भी तुम्हे मिस किया और शादी के बाद तो तुम और भी खूबसूरत हो गयी हो। सार्थक जीजू कहा है हमारे ?”,रुचिका ने चहकते हुए कहा
“हाय रूचि , हाय मोंटी”,सार्थक ने मोंटी और रुचिका की तरफ आकर कहा
चारो एक दूसरे से मिले और अंदर चले आये जहा उन्हें नैना और अवि मिलने वाले थे। चलते चलते रुचिका और शीतल में बहस हो रही थी नैना को लेकर की नैना शादी के बाद बदली है या नहीं और मोंटी-सार्थक अपने अपने काम को लेकर बाते कर रहे थे। सार्थक से बात करते हुए मोंटी का ध्यान रुचिका शीतल की बहस पर चला गया और फिर उसने एकदम से सामने देखा तो आँखे हैरानी से कभी छोटी और बड़ी हुई और उसने कहा,”गाईज वो रही नैना,,,,,,,,,,,,,,,,,,ये लड़की कभी नहीं सुधर सकती”
मोंटी की बात सुनकर शीतल , रुचिका और सार्थक ने सामने देखा तो उनके चेहरे पर मुस्कराहट तैर गयी कुछ ही दूर नैना खड़ी थी उसके एक हाथ में बन बर्गर था और दूसरे में चाय का कप,,,,,,,,,,,,,उसके बालों से बने जुड़े में क्लेचर खोंसा हुआ था जिसमे से एक दो लट झूल रही थी। आँखों पर नजर का बड़े शीशे वाला चश्मा , लूज टीशर्ट और , स्क्रेच्ड जींस जिस में एक पैर की जींस ऊपर चढ़ी हुई थी लेकिन उसे कोई परवाह नहीं वह बस मजे से अपना बर्गर खा रही थी और बाकि सब उसे देखकर मुस्कुरा रहे थे।
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संजना किरोड़ीवाल