Sanjana Kirodiwal

हाँ ये मोहब्बत है – 8

Haan Ye Mohabbat Hai – 8

Haan Ye Mohabbat Hai - Season 3
Haan Ye Mohabbat Hai – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

विवान सिंह राजपूत को अमर जी के घर में देखकर सौंदर्या एकदम से हंस पड़ी और फिर विवान के सीने से लगते हुए कहा,”ओह्ह्ह भाई साहब आपने तो मुझे डरा ही दिया। आपने अपने और वरुण के आने की खबर नहीं दी , पहले कहा होता तो मैं घर में ही रुक जाती।”
“वैसे तुम अब तक थी कहा ?”,विवान ने कहा
सौंदर्या विवान से दूर हटी और कहा,”मैं व्यास हॉउस गयी थी , मीरा के ससुराल वालो से मिलने।”


“जानकर हैरानी हुई कि तुम मीरा के ससुराल वालो से मिलकर आ रही हो , वैसे क्या हालात है वहा के क्या जमाई सा मीरा को लेने वापस आएंगे ?”,विवान ने हॉल में पड़े सोफे पर बैठते हुए कहा
“मुझे नहीं लगता अक्षत वापस आएगा , वो एक गुस्से वाला लड़का है और उसे छोटी सी बात पर भड़काना मेरे बांये हाथ का खेल है। मैंने जो चिंगारी लगाई है वो एक दिन आग जरूर बनेगी भाईसाहब,,,,,,,!!”,सौंदर्या ने भी विवान के सामने पड़े सोफे पर बैठते हुए कहा


नौकर चाय की ट्रे रखकर चला गया। सौंदर्या ने विवान को चाय का कप दिया और दुसरा कप खुद लेकर पीने लगी
“चिंगारी तो तुम लगा चुकी हो सौंदर्या पर याद रहे कही इस आग में तुम्हारा हाथ ना जल जाये।”,विवान ने सौंदर्या की तरफ देखकर कहा
“मैं भी कोई कच्ची खिलाडी नहीं हूँ भाईसाहब , इस खेल को अंजाम तक कैसे लाना है मैं ये बखूबी जानती हूँ।”,सौंदर्या ने कहा
विवान को उसकी आँखों में बगावत साफ़ नजर आ रही थी उन्होंने चाय का घूंठ भरते हुए कहा,”राज कमल जी कही नजर नहीं आ रहे वो भी तो तुम्हारे साथ ही यहाँ आये थे ?”


“उन्हें मैंने वापस अजमेर भेज दिया , उनकी हमदर्दी मीरा के लिये कुछ ज्यादा ही बढ़ गयी थी इसलिए मैंने उन्हें भेज दिया।”,सौंदर्या ने कहा
“सही किया वैसे भी मीरा के आस पास उसके चाहने वाले लोग जितने कम होंगे हमे उतना ही फायदा है , मैं ज़रा फ्रेश हो जाता हूँ उसके बाद हमे भाईसाहब के ऑफिस भी जाना है।”,विवान ने चाय का खाली कप रखकर उठते हुए कहा और गेस्ट रूम की तरफ चले गए।
सौंदर्या वही सोफे पर बैठी मीरा के बारे में सोचने लगी।

वह अपने दिमाग में मीरा के लिये कौनसा नया जाल बिछाने जा रही थी ये तो बस वही जानती थी लेकिन उनकी बातों से ये साफ जाहिर हो गया था कि वो मीरा से सिर्फ नफरत करती है।

मीरा वरुण के साथ अपने चाइल्ड होम पहुंची। वरुण मीरा के चाचा का लड़का है और अपने परिवार के साथ मुंबई में रहता है। वह तो विवान के साथ इंदौर आना भी नहीं चाहता था लेकिन विवान ही उसे जबरदस्ती यहाँ ले आया। मीरा से भी उसने ज्यादा कुछ बात नहीं की वह जल्द से जल्द बस वापस मुंबई जाना चाहता था। मीरा और वरुण गाडी से नीचे उतरे। वरुण गाडी से पीठ लगाकर वही खड़ा हो गया तो मीरा ने कहा,”वरुण ! क्या आप अंदर नहीं आएंगे ?”


“दी ! आई ऍम सॉरी बट मुझे ऐसी जगह में कोई इंट्रेस्ट नहीं है सो प्लीज आप होकर आईये। मैं यही खड़े होकर आपका वेट करूंगा।”,वरुण ने बुरा सा मुंह बनाते हुए कहा
मीरा ने उसे अंदर आने के लिये ज्यादा फ़ोर्स नहीं किया और अकेले ही मेन गेट की ओर बढ़ गयी। गार्ड ने जब मीरा को देखा तो ख़ुशी से उसका चेहरा खिल उठा और उसने अपनी जगह पर खड़े होकर कहा,”नमस्ते मैडम ! आप इतने दिनों बाद यहाँ आयी देखकर अच्छा लगा , आप ठीक है ना मैडम ?”


“जी हम ठीक है !”,मीरा ने कहा जबकि उसके चेहरे से ख़ुशी और हंसी दोनों गायब थी
“आप अंदर चलिए मैडम,,,,,,,,,!!”,गार्ड ने दरवाजा खोलते हुए कहा और खुद भी मीरा के साथ साथ अंदर चला आया।
चाइल्ड होम में मौजूद स्टाफ को जब पता चला मीरा आयी है तो सब अपना अपना काम छोड़कर बाहर चले आये। बच्चे भी मीरा को देखकर ख़ुशी से उनकी तरफ दौड़े चले आये। मीरा बच्चो के लिये अपने घुटनो पर बैठ गयी सभी बच्चे उसके गले आ लगे।

मीरा ने अपनी आँखे मूंद ली और आंसुओ की कुछ बुँदे उसके गालों पर लुढ़क आयी। ये देखकर बाकि स्टाफ की आँखे भी नम हो गयी। उन बच्चो में मीरा कही ना कही अपनी अमायरा को देख रही थी। सभी बच्चे मीरा से दूर हटे और उस से शिकायत करने लगे कि वह उनसे मिलने इतने दिन बाद क्यों आयी ? मीरा बस नम आँखों से सबको देखते रही। मीरा ने देखा चाइल्ड होम की सबसे छोटी बच्ची जिसका नाम “सावित्री” था वह दूर खड़ी मीरा को देख रही थी। मीरा ने उसे अपने पास आने का इशारा किया तो वह मीरा के सामने चली आयी।

सावित्री ने मीरा के गाल पर आँसू देखे तो अपने नन्हे नन्हे हाथो से पोछकर कहा,”मत रो मीरा , अमू वापस आ जाएगी।”
सावित्री की बात सुनकर मीरा की रुलाई एकदम से फूट पड़ी। वह अपना चेहरा अपने हाथो में छुपाकर रोने लगी ये देखकर सभी बच्चे उदास हो गए और कुछ बच्चो की आँखों में तो आँसू भी आ गए।

पास खड़ी स्टाफ की औरतो ने मीरा को सम्हाला और उसे सांत्वना देने लगी तभी कही से अखिलेश आया और सबको दूर करते हुए कहा,”हटो ! सब हटो यहाँ से , मीरा मैडम उठिये और मेरे साथ आईये। आप सब लोग अपने अपने काम पर जाईये और बच्चो आप भी जाओ यहाँ से,,,,,,,,,,,,,,मीरा मैडम आप चलिए।”
अखिलेश को देखते ही बच्चे वहा से चले गए। स्टाफ भी बिना कुछ बोले वहा से चला गया लेकिन मीरा ज्यो की त्यों घुटनो के बल बैठी रोते रही।

अखिलेश से मीरा का रोना देखा नहीं गया वह मीरा के सामने घुटनो पर आ बैठा और कहा,”मैडम , मीरा मैडम आखिर ये सब क्या है ? कब तक आप ऐसे ही कमजोर पड़ती रहेंगी। मैंने हमेशा आपको एक मजबूत औरत के रूप में देखा है और आज आप ही ऐसे रोकर खुद को कमजोर दिखा रही है। मैं मानता हूँ आपने जो खोया है उसकी भरपाई नहीं की जा सकती लेकिन ये चाइल्ड होम आपको नहीं खोना चाहता मैडम,,,,,,,,,,,!!”
अखिलेश की बातें सुनकर मीरा ने नम आँखों से अपने सामने बैठे अखिलेश को देखा तो अखिलेश आगे कहने लगा,”हाँ मैडम , जब से हम सब ने अमायरा को खोया है किसी भी बच्चे के चेहरे पर मुस्कान नहीं है।

हमेशा खिलखलाने वाला ये चाइल्ड होम अब वीरान सा लगता है। बच्चे अब ज्यादा बाते नहीं करते , स्टाफ भी खामोश रहकर अपना काम करता है। हर किसी के चेहरे पर अमायरा के चले जाने का दुःख साफ साफ दिखाई देता है। आपने सिर्फ अमायरा को खोया है लेकिन इस चाइल्ड होम ने तो जैसे आपको भी खो दिया हो। आप सिर्फ अमायरा की माँ नहीं थी मैडम आप इन सब बच्चो की भी माँ है इन्हे खुद से दूर मत कीजिये।”
अखिलेश की बात सुनकर मीरा ने अपने आंसूओं को पोछा और कहा,”हम वो हादसा नहीं भूल पा रहे है अखिलेश जी , उस एक हादसे ने हम से हमारा सब कुछ छीन लिया , हम अमायरा को कभी नहीं भूल पाएंगे।”


“हम में से कोई उसे भूल नहीं सकता वो बहुत प्यारी थी , पर क्या उसके लिये आप फिर से इन बच्चो को नहीं अपना सकती , इस चाइल्ड होम को नहीं अपना सकती ,, हम सबको आपकी जरूरत है मैडम,,,,,,,,,,,,,!!”,अखिलेश ने भावुक होकर कहा
मीरा कुछ देर खामोश रही और फिर अपनी जगह पर उठते हुए कहा,”हमे माफ़ कर दीजिये कुछ देर के लिये हम स्वार्थी हो गए थे।”


“नहीं मैडम कैसी बाते कर रही है आप , मुझे आपकी किसी भी बात का कभी बुरा नहीं लगता ,, मैं आपकी बहुत इज्जत करता हूँ और बहुत मानता हूँ आपको ,, आईये अंदर चलिए स्टाफ के सब लोग आपसे मिलना चाहते है। आईये,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए अखिलेश मीरा को लेकर उसके केबिन की तरफ बढ़ गया।

मीरा अपने केबिन में आयी अखिलेश ने वहा काम करने वाले लड़के को चाय भिजवाने को कहा।
“मैडम आप हाथ मुंह धो लीजिये,,,,,,!”,अखिलेश ने मीरा की तरफ पलटकर कहा
“हम्म्म !”,कहकर मीरा केबिन में बने वाशरूम की तरफ चली गयी। मीरा ने मुंह धोया और बाहर चली आयी। अखिलेश ने हाथ में पकड़ा छोटा तौलिया मीरा की तरफ बढ़ा दिया। मीरा ने तौलिया लिया और अपना मुँह पोछने लगी।

अखिलेश एकटक मीरा के चेहरे की तरफ देखता रहा और मन ही मन खुद से कहा,”जिस अक्षत व्यास ने इन प्यारी सी आँखों में आँसू दिए है एक दिन मैं उसे खून के आँसू रुलाऊंगा मैडम , आपको दर्द देकर उसने अच्छा नहीं किया।”
“सर चाय”,लड़के ने केबिन में आकर कहा तो अखिलेश की तंद्रा टूटी और उसने कहा,”हाँ ! वहा रख दो और स्टाफ को भेजना।”


“ठीक है सर”,कहकर लड़के ने ट्रे टेबल पर रखी और चला गया।
मीरा ने तौलिया अपनी कुर्सी के हत्थे पर रखा और सोफे पर आ बैठी। अखिलेश ने मीरा के लिये कप में चाय निकाली और उसकी तरफ बढ़ाकर कहा,”लीजिये मैडम।”
“अखिलेश जी ! क्या आप हमारा एक काम करेंगे ?”,मीरा ने कप लेकर रखते हुए कहा
“जी मैडम कहिये ना,,,,,,,,,,!!”,अखिलेश ने कहा


“दरअसल हमारे साथ हमारा छोटा भाई भी आया है , वो बाहर गाड़ी के पास है तो क्या आप एक कप चाय उनके लिए भिजवा देंगे प्लीज ?”,मीरा ने कहा
“मैं खुद चला जाता हूँ मैडम,,,,,,,,,!!”,अखिलेश ने कहा और एक कप में चाय लेकर केबिन से बाहर चला गया।
चाइल्ड होम के स्टाफ के कुछ लोग आकर मीरा से मिले जैसा कि अखिलेश ने पहले ही सबको बता दिया था किसी ने भी मीरा के सामने अमायरा की बात नहीं की और यहाँ वहा की बाते करते रहे। उन सबके साथ बैठकर मीरा को थोड़ा अच्छा लग रहा था।

अखिलेश चाय का कप लेकर गाड़ी के पास आया जहा वरुण अपने कानों पर हैडफोन लगाए खड़ा था। अखिलेश को सामने देखकर वरुण ने अपने हैडफोन कानो से हटाकर गले में डाल लिए।
“मैडम ने आपके लिये ये चाय भिजवाई है।”,अखिलेश ने वरुण को देखकर कहा हालाँकि उसे वरुण कुछ खास पसंद नहीं आया था लेकिन वो मीरा का भाई था इसलिए ने ज्यादा कुछ नहीं कहा वरना अखिलेश नहीं चाहता था अब कोई भी लड़का मीरा के करीब आये।

वरुण ने एक नजर अखिलेश को देखा और कहा,”नो थैंक्यू ! मैं चाय नहीं पीता , दी से कहना उनका काम हो गया हो तो बाहर आ जाये वैसे भी मैं काफी देर से यहाँ खड़े खड़े बोर हो गया हूँ।”
“तो आप भी अंदर आ जाईये,,,,,,,,,!!”,अखिलेश ने कहा
“अह्ह्ह्ह नहीं मैं ऐसी चैरिटी वाली जगहो पर नहीं जाता , दी भी ना थोड़ी बेवकूफ है चैरिटी होम खोलने से अच्छा था वो कोई शॉपिंग मॉल  रेस्त्रो ओपन करती।”,वरुण ने इतराते हुए कहा


“क्या कहा तुमने ?”,वरुण के मुँह से मीरा के लिये बेवकूफ शब्द सुनकर अखिलेश को गुस्सा आ गया
“व्हाट ?”,वरुण को समझ नहीं आया
“अभी तुमने मीरा मैडम के लिये क्या वर्ड यूज किया ?”,अखिलेश ने गुस्से से कहा
“मैंने कहा वो थोड़ी बेवकूफ है,,,,,,,,,,!!”,वरुण ने कहा जैसे उसे कोई फर्क ना पड़ा हो
अखिलेश ने सूना तो उसने वरुण की कॉलर पकड़ ली और गुस्से से कहा,”तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई उन्हें बेवकूफ कहने की ? तुम जानते ही क्या हो उनके बारे में  ?”


अखिलेश ने कॉलर पकड़ी तो वरुण को भी गुस्सा आ गया और वह भी अखिलेश से उलझ पड़ा। गार्ड ने उन दोनों को देखा तो भागकर अंदर गया और मीरा को बताया। मीरा बाहर आयी देखा वरुण और अखिलेश दोनों एक दूसरे से उलझे हुए है। मीरा ने उन्हें आकर अलग किया और कहा,”बंद कीजिये ये सब और ये हो क्या रहा है ?”
“इसने आपके लिये गलत बात कही मैडम और ये मुझ से बर्दास्त नहीं हुआ,,,,,,,,,,,,!!”,अखिलेश ने कहा

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“दी इस रास्कल ने मेरी कॉलर पकड़ी ,  ये होता कौन है ऐसा करने वाला,,,,,,,,,,,,इसे देखकर तो यही लग रहा है इस चैरिटी होम में इसकी ओकात बस एक नौकर जितनी है उस पर ये हिम्मत कि ये मेरी कॉलर पकडे , मेरी , वरुण राजपूत सिंह की कॉलर पकडे इसे तो मैं,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए वरुण गुस्से में जैसे ही अखिलेश की तरफ बढ़ा मीरा ने बीच में हाथ कर उसे रोकते हुए कहा,”इनफ इज इनफ वरुण , माफ़ी मांगों इनसे,,,,,,,,,!!”
“व्हाट ? व्हाट आर यू सेयिंग , ये आप बोल रही हो ?”,वरुण ने चौंकते हुए कहा


“वरुण हमने कहा इन से माफ़ी मांगों।”,मीरा ने थोड़ा गुस्से से कहा
“आई ऍम सॉरी,,,,,,,,!!”,वरुण ने कहा और वहा से गाड़ी की तरफ चला गया। उसने गाड़ी का दरवाजा खोला और अंदर जा बैठा। मीरा अखिलेश के पास आयी और कहा,”माफ़ करना अखिलेश जी वरुण यहाँ पहली बार आया है उसकी तरफ से हम माफी,,,,,,,,,,,,,!!”
“अरे नहीं मैडम आप क्यों माफ़ी मांग रही है , इट्स ओके,,,,,,,,,,,,!!”,अखिलेश ने कहा तो मीरा ने हामी में सर हिलाया और कहा,”क्योकि हमे आप पर भरोसा है आप खुद से ऐसा कुछ नहीं करेंगे।”


अखिलेश ने कुछ नहीं कहा बस मीरा के चेहरे की तरफ देखता रहा।
“हमे चलना चाहिए काफी देर हो चुकी है घर पर सब इंतजार कर रहे होंगे। बच्चो का ख्याल रखियेगा और किसी भी तरह की जरूरत हो तो हमे फोन कीजियेगा।”,मीरा ने अखिलेश को खामोश देखकर कहा
“जी मैडम ! “,अखिलेश ने कहा तो मीरा गाड़ी के पास चली आयी और दरवाजा खोलकर अंदर जा बैठी। वरुण ने गाडी स्टार्ट की और वहा से निकल गया।

अखिलेश जाती हुई गाड़ी को देखता रहा और बड़बड़ाया,”आप मुझ पर भरोसा करती है ना मीरा देखना एक दिन इसी भरोसे से मैं आपके दिल में भी जगह बना लूंगा।”

“आपको उनके साथ ऐसे पेश नहीं आना चाहिए था वरुण,,,,,,,,,,,वो उस चाइल्ड होम के मैनेजर है।”,गाड़ी में बैठी मीरा ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा
“दी आप ऐसे लोगो के साथ काम करती है , आपने देखा नहीं वो किस तरह हायपर हो रहा था,,,,,,,,,,,,!!”,वरुण ने नाराज होते हुए कहा
“वरुण हर इंसान का सोचने का तरिका एक जैसा नहीं होता,,,,,,,,,,,,,,,खैर छोड़िये घर पर इस बारे में किसी को ना बताये,,,,,,,,,,!!”,मीरा ने कहा


वरुण ने सूना तो उसे अपनी गलती का अहसास हुआ और उसने धीरे से कहा,”आई ऍम सॉरी दी !”
“इटस ओके वरुण,,,,,,,,,,,!”,मीरा ने कहा और फिर दोनों के बीच कोई बात नहीं हुई
वरुण ख़ामोशी से गाडी चलाता रहा। गाड़ी में फैली ख़ामोशी को तोड़ने के लिये उसने म्यूजिक सिस्टम ऑन कर दिया जिस पर गाना बजने लगा
“जुदा होके भी , तू मुझमे कही बाकी है
पलकों में बनके आँसू , तू चली आती है
जुदा होके भी,,,,,,,,,,,!!”


मीरा ने जैसे ही सूना उसकी आँखों के सामने एकदम से अक्षत का चेहरा आ गया। कितने दिनों से उसने अक्षत को देखा तक नहीं था। उसकी आँखो में आँसू भर आये। एक पल भी अक्षत के बिना ना रहने वाली मीरा आज अक्षत से इतना दूर हो चुकी थी कि उसे देखना तो दूर उसकी आवाज तक नहीं सुन पा रही थी। अक्षत का ख्याल आते ही मीरा बैचैन होने लगी। वह वरुण की तरफ पलटी और कहा,”वरुण !”
“हाँ दी !”,वरुण ने गाने की आवाज धीमी करते हुए कहा


“क्या तुम यहाँ से लेफ्ट लोगे प्लीज ?”,मीरा ने बेचैनी भरे स्वर में कहा
“लेकिन हमे तो राइट जाना है ना ?”,वरुण ने कहा
“हमे कुछ जरुरी काम है , वहा से फिर डायरेक्ट घर निकल जायेंगे,,,,,,,,,,,,,!!”,मीरा ने कहा
मीरा की आँखों में बेचैनी देखकर वरुण ने गाडी लेफ्ट साइड मोड़ दी और आगे बढ़ा दी। ये रास्ता व्यास हॉउस की तरफ जाता था और वरुण को इसकी कोई जानकारी नहीं थी।

रात से सुबह और सुबह से शाम हो गयी लेकिन अक्षत अपने कमरे में ही था। शाम में अक्षत गहरी नींद में सो रहा था कि अचानक से उसकी आँख खुली और वह उठकर बैठ गया। नजर सामने दिवार पर लगी अपनी मीरा और अमायरा की तस्वीर पर पड़ी जो उसे जीजू ने गिफ्ट की थी। अमायरा को को देखते ही अक्षत की आँखों में आँसू भर आये। अमायरा और मीरा के जाने के बाद से ही अक्षत ना ठीक से सो पाता था ना ही ठीक से खा रहा था। वह पहले से काफी कमजोर हो गया था। कमरे में घुटन होने लगी तो अक्षत उठा और हाथ मुंह धोकर कमरे से बाहर चला आया।


रोने की वजह से उसकी आँखे सूज गयी थी। बेचैनी बढ़ने लगी , तो वह हॉल में यहाँ वहा घूमने लगा। उसने अपनी जेबे टटोली लेकिन कुछ नहीं मिला वह कमरे में आया हर ड्रॉवर को खोला सामान यहाँ वहा फेंका लेकिन जो अक्षत को चाहिए था वह उसे नहीं मिला। अक्षत कमरे से बाहर चला आया। वह सीढ़ियों से नीचे आया और बाहर चला गया।
राधा , विजय जी , सोमित जीजू , अर्जुन और तनु इस वक्त हॉल में ही थे लेकिन अक्षत ने किसी पर ध्यान नहीं दिया। राधा ने देखा तो अक्षत के पीछे जाने को हुई लेकिन सोमित जीजू ने उन्हें रोक लिया और कहा,”मौसीजी आप बैठिये मैं उसे देखकर आता हूँ।”


अक्षत बाहर लॉन में आकर झूले पर बैठ गया। उसके हाथ की उंगलिया काँप रही थी और वह बेचैनी से बार बार अपने होंठ चबा रहा था। इस वक्त अक्षत की हालत बहुत बुरी थी उसे देखकर ही लग रहा था जैसे उसके दिमाग में विचारो का तूफान चल रहा हो।
“लो पी लो !”,एकदम से सोमित जीजू की आवाज अक्षत के कानो में पड़ी अक्षत ने देखा सोमित जीजू खड़े है और उनके हाथ में एक जली हुई सिगरेट है। अक्षत ने कुछ नहीं कहा तो सोमित जीजू ने कहा,”इस वक्त तुम्हे इस की जरूरत है , लो पीओ !”


अक्षत ने सिगरेट ली और अपने होंठो से लगा ली। सिगरेट से ज्यादा आग इस वक्त उसके सीने में थी जिसे बुझाना मुश्किल था ,,,,,,,,,,,,,,,!!

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