Bepanah Ishq – 15
Bepanah Ishq by Sanjana Kirodiwal
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Bepanah Ishq – 15
रात में डिनर के बाद सभी अपने अपने कमरों में चले गए , रात के 11 बज रहे थे भूमि पानी लेने किचन की तरफ गयी उसने देखा वंदना डाइनिंग टेबल पर बैठी घर की तरह देख रही है भूमि उनके पास आयी और उनसे इतनी रात को वहा बैठने की वजह पूछी वंदना ने बताया की वो आकाश का इन्तजार कर रही है , भूमि ने वंदना से कहा – आप जाकर सो जाईये उन्हें खाना मैं सर्व कर दूंगी !!
भूमि की बात सुनकर वंदना मुस्कुरायी और फिर सोने चली गयी भूमि वहा बैठकर आकाश के आने का इन्तजार करने लगी .. 11.30 के आस पास आकाश घर आया और बैग रखकर हाथ मुंह धोने चला गया जैसे ही वह डायनिंग टेबल की तरफ आया उसके पैर रुक गए वहा वंदना की जगह आज भूमि बैठकर उसका इन्तजार कर रही थी ,, आकाश चुपचाप आया और बैठ गया , भूमि ने प्लेट में आकाश के लिए खाना परोसा और प्लेट आकाश के सामने रख दी आकाश नजर नीची करते हुए खाता रहा ,, कुछ देर बाद अचनाक भूमि से पूछा – तुमने खा लिया ?
भूमि – हाँ
आकाश – आज तुम यहाँ , मॉम कहा है ठीक है न वो
भूमि – हाँ वो ठीक है , हमने ही उन्हें सोने के लिए कहा था , और आपसे सॉरी भी कहना था उन सभी बातो के लिए जो हमने उस दिन आपसे कही थी
आकाश – इसकी कोई जरुरत नही है भूमि , तुम अपनी जगह सही हो जिन परेशानियों से तूम गुजर रही हो उसमे तुम्हारा गुस्सा करना जायज है
आकाश के मुंह से ऐसी बातें सुनकर भूमि को बहुत आश्चर्य हो रहा था , हमेशा बेपरवाह बेतुकी बाते करने वाला आकाश आज इतने शांत तरिके से भूमि को ये सब समझा रहा था , भूमि ने कहा – एक बात और कहनी थी आपसे ?
आकाश – हाँ कहो
भूमि – ये आप रोज रोज इतना देर से मत आया कीजिये
आकाश – ठीक है
खाना खाकर आकाश अपने कमरे में आ गया कुछ देर बाद भूमि भी वहा आ गए अगले दिन संडे था आकाश को ऑफिस नहीं जाना था इसलिए उसने भूमि से कहा – कल मार्किट चलेंगे तुम अपनी जरुरत का सामान खरीद लेना जिया से भी कह देना वो साथ चलेंगी
भूमि ने हाँ में सर हिलाया और सोने चली गयी ,, आकाश भी अपना तकिया चददर लेकर सोफे पर लेट गया
अगले दिन आकाश भूमि और जिया शॉपिंग के लिए गए , आकाश ने जय और मोंटी को भी बुला लिया .. खरीदारी करके सब घर आ गए ,, आकाश भूमि का बहुत ध्यान रखता था लेकिन कभी जताता नहीं था , दोनों में बाते बहुत कम होती थी आकाश ने अपनी मोहब्बत को दिल के एक कोने में जैसे कही दबा लिया था ,,
एक महीना देखते देखते निकल गया और फिर एक दिन नेहा ने बताया की उसने अमेरिका में ही अपने किसी फ्रेंड से शादी कर ली है , उसने आकाश को भी माफ़ कर दिया और कहा की जल्दी ही वह जार्ज के साथ इंडिया सबसे मिलने आएगी , वंदना और मानवेन्द्र की ख़ुशी का ठिकाना न था वे दोनों बहुत खुश थे , आकाश भी खुश था नेहा को लेकर उसके मन में जो एक कसक थी वो अब दूर हो गयी थी , उसकी बेस्ट फ्रेंड उसे वापस मिल गयी थी …
आज बहुत दिनों बाद आकाश बहुत खुश था , उसे खुश देखकर जिया ने बाहर घूमने का प्लान बनाया शाम को सभी तैयार होकर रेस्टोरेंट पहुंचे , आकाश , भूमि , जिया , जय और मोंटी भी आ गया था , मोंटी और जय भूमि से बातें करके उसे हंसाने की कोशिश कर रहे थे और आकाश इन्तजार कर रहा था की वो भूमि को एक बार फिर हँसता हुआ देख सके ,
और आख़िरकार मोंटी की बातो से भूमि हंस पड़ी आकाश तो जैसे उसके चेहरे में ही कही खोकर रह गया .. आकाश को अपनी और देखता पाकर भूमि भी आकाश को देखने लगी दोनों एक दूसरे में खोये हुए थे उन्हें देखकर जय ने मोंटी और जिया से इशारा किया और तीनो वहा से उठकर दूसरी तरफ चले गए ..
वैसे जीया कभी जय की बात नहीं मानती पर बात आकाश की थी इसलिए वो उसके कहने पर उठकर चली आयी ,, वेटर ने आकर खाना रखा तब भूमि और आकाश की तंद्रा टूटी अब तक दोनों एक दूसरे की आँखों में खुद को ढूंढ रहे थे अब दोनों एक दूसरे से नजरे बचाने लगे .. आकाश ने जय और बाकि सब से आने का इशारा किया तो जय ने दूर से ही दोनों को अकेले रहने का इशारा का दिया …
आकाश ने भूमि से खाना खाने को कहा खाते हुए बिच बिच में आकाश भूमि को नजरे बचाकर देख भी लेता जो प्यार उसने अपने दिल में दबा रखा था एक बार फिर बाहर आने लगा था …जिया लोन में इधर उधर घूम रही थी जय और मोंटी किसी बात पर बहस कर रहे थे कुछ देर बाद जय की कोई पुरानी क्लासमेट वहा आयी और जय को गले लगाते हुए कहा – हाय तुम यहाँ कैसे ?
जय ने उसे खुद से दूर करते हुए कहा – हे , लॉन्ग टाइम टू सी यू , मैं दोस्तों के साथ आया था
“मैं भी अपने फ्रेंड्स के साथ आयी थी इन 4 सालो में बहुत बदल गए हो यू लुकिंग सो हॉट जय – उसने मुस्कुराते हुए कहा
“यू ऑल्सो लुकिंग सो गुड़ – जय ने कहा
“सो लेटस ज्वाइन अस”
जय – फिर कभी तुम कैरी ऑन करो
ओके – लड़की ने जय के गाल को अपने गाल से छुआ और वहा से चली गयी … मोंटी का कुछ अता पता नहीं था पर दूर खड़ी जिया ये सब देख रही थी और अंदर ही अंदर जल भून रही थी जय की नजर जिया पर पड़ी उसकी आँखों में नमी देखकर जय उसके पास गया लेकिन तब तक जिया दूसरी तरफ चली गयी , जय को अब खुद पर ही गुस्सा आ रहा था , आखिर उस लड़की को भी अभी आना था जिया गुस्से में चली जा रही थी जय ने दौड़कर उसका हाथ पकड़कर उसे रोकते हुए कहा – जिया ऐसा कुछ भी नहीं है
जिया ने अपना हाथ छुड़ाते हुए कहां – मुझे इन सब से कोई फर्क नहीं पड़ता
जय – तो फिर वहा से क्यों चली आयी
जिया – मैं कुछ भी करू तूम होते कौन हो मुझसे इस तरह सवाल करने वाले
जय ने जिया के कंधो को पकड़कर झकझोड़ते हुए कहा – क्या मैं तुम्हारा कुछ नहीं लगता
नहीं – जिया ने जय को धकियाते हुए कहा …
जय ने देखा उसकी आँखों में नमी तैर गए थी उसने जिया से सॉरी कहा और वहा से चला गया आँखों में आये आंसुओ को उसने आँखों में ही रोक लिया , चलते चलते जय का पैर फिसला और वो गिर पड़ा जिया ने देखा तो दौड़ती हुयी उसके पास गयी और उसका पैर देखने लगी जिया की आँखों में उसे अपने लिए प्यार और परवाह दोनों दिख रहे थे , जिया बेचैनी से उसका पैर देख रही थी जय ने उसका चेहरा अपने हाथो में लेकर कहा – अब बताओ मैं तुम्हारा क्या लगता हु
आँखों में रुके समंदर का कतरा जिया के आँखों से होता गालो पर आ गया उसने अपनी आँखे मूंद ली .. और वहा से उठकर चली गयी ,, जय उठा और वही खड़ा जाती हुयी जिया को देखता रहा , भूमि जो ये सब देख रही थी आकाश से कहकर जय के पास चली आयी भूमि ने जय के पास आकर कहा – उस से कह क्यों नहीं देते
क्या ? , किसे ? किसकी बात कर रही हो आप – आकाश ने अपनी आँखे पोछ जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा
भूमि – जय भैया आप कुछ नहीं जानते या फिर जानकर अनजान बन रहे है
जय – ऐसी कोई बात नहीं है भाभी , वो तो बस जिया और मेरा झड़गा ऐसे ही चलता रहता है
भूमि – अगर ऐसा है तो फिर आपकी आँखे नम क्यों है ? देखिए मुझे आप सब लोगो के साथ रहते सिर्फ एक महीना हुआ है पर आपकी आँखों में हमने जिया के लिए हमेशा एक अजीब सी बेचैनी देखी है , हम जानते है आप बहुत चाहते हो एक दूसरे को फिर ऐसा क्या है जिस से आप दोनों ने खुद को रोक रखा है , क्यों आप उनसे दूर भागते रहते है ? क्यों वो आपसे नफरत करने का दिखावा करती है ?
जय – ये सब पुरानी बातें है भाभी आप छोड़िये
भूमि – हम बिल्कुल फ्री है आप सुनाईये
भूमि ने इतने अपनेपन से कहा की जय खुद को रोक नहीं पाया वो अपना चेहरा घुमाकर खड़े हो गया और फिर कहने लगा
“3 साल पहले मैं अपनी स्टडी के लिए कोचिंग में पढता था , जिया भी उसी कोचिंग में आती थी हम दोनों अच्छे दोस्त थे और ये दोस्ती कब प्यार में बदल गयी पता ही नहीं चला , पर दोनों ने कभी एक दूसरे से कहा नहीं ,, तब मैं ये नहीं जानता था की जिया आकाश की बहन है , आकाश मेरा दोस्त कम भाई ज्यादा है जब पहली बार मैने आकाश को जिया के साथ देखा तो मैं खुद भी शॉकेड था , जिया के लिए मैं आकाश की नजरो में नहीं गिरना चाहता था इसलिए मैंने जिया की नजरो में गिर जाना ठीक समझा
और जब वो मुझे परपोज़ करने आयी तब मैंने जानबूझकर सबके सामने उसका मजाक उड़ाया ताकि वो मुझसे दूर हो जाये और नफरत करने लगे ,, लेकिन मैं ये नहीं जानता था की मेरी वजह से वो अपनी जिंदगी में कभी किसी और को नहीं आने देगी और मेरी गलती की सजा खुद को देगी !! मैं उस से बहुत प्यार करता था और शायद यही वजह है के मैं आज भी खुद को उस से दूर नहीं कर पाया ,, उसकी ख़ामोशी मुझे अंदर तक तोड़ देती है , पर मैं आकाश का भरोसा तोडना नहीं चाहता था”
“और इसलिए तूने जिया का दिल तोड़ दिया” – पीछे से आकाश ने कहा
आकाश की आवाज सुनकर भूमि और जय दोनों चौंक गए उन्हों पलटकर देखा आकाश खड़ा था आकाश आकर जय के सामने खड़ा हो गया और जय के मुंह पर जोर का घूंसा मारा जय ने कुछ नहीं कहा आकाश आगे बढ़ा और उसे गले लगाते हुए कहा – “कमीने तुझसे अच्छा लड़का जिया के लिए मिल ही नहीं सकता , एक बार मुझसे कहा होता साले मैं ख़ुशी ख़ुशी उसका हाथ तेरे हाथ में दे देता , सब अकेले सहता रहा l मैं जानता था की तू कितना चाहता है उसे पर तेरे मुंह से सुनना चाहता था और अगर अब मेरी बहन को रुलाया तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा “
भूमि बहुत खुश थी दोनों को देखकर मोंटी और जिया भी वहा आ गए आकाश कुछ कहने वाला ही था जय ने इशारे से मना करते हुए कहा – मैंने बिगाड़ा है मैं ही सुधारूंगा
आकाश ने मुस्कुराते हुए हामी भर दी सभी ने खाना खाया और वहा से बाहर आकर गाड़ी में बैठ गए आकाश ने म्युजिक सिस्टम ऑन किया “ये जमी रुक जाये आसमा झुक जाये तेरा चेहरा जब नजर आये ओह्ह्ह तेरा चेहरा जब नजर आये”
गाना बजते ही जय की नजर जिया पर चली गयी आकाश और जय आगे की सीटों पर थे और बाकि सब पीछे भूमि खिड़की से बाहर देख रही थी आकाश ने गाना सुनकर मिरर सेट किया जिसमे भूमि का चेहरा नजर आ रहा था !! उस रात अगर सबसे खूबसूरत कुछ था तो वो था “इश्क़” जो चारो तरफ फैला था
कुछ दूर जाकर आकाश ने गाड़ी रोक दी और सबसे आइस क्रीम खाने के लिए पूछा सबने हां कहा तो आकाश ने गाड़ी साइड में लगायी और जय के साथ आइस क्रीम लेने चला गया ,, जिया और मोंटी भूमि को किस्से सुनाकर हँसा रहे थे और फिर तीनो बाहर आकर गाड़ी के पास खड़े होकर बातें करने लगे l आकाश ने सबके लिए आइस क्रीम ली और धीरे धीरे आने लगा आकाश की नजर सामने खड़ी भूमि पर थी हवा के कारण भूमि के बाल उड़कर बार बार उसके चेहरे पर आ रहे थे और भूमि इत्मीनान से उन्हें कानो के पीछे ले आयी ..आकाश को देखकर जय ने कहा – तूने भूमि को बताया की तू उस से प्यार करता है
आकाश को जय से इस सवाल की उम्मीद नहीं थी वह जय का मुंह ताकने लगा और फिर कहा – नहीं
जय – तो उसे बता क्यों नहीं देता
आकाश – मैं नहीं बता सकता यार अगर अगर उसे ये पता चला तो वो समझेगी उसे पाने के लिए मैंने उस से शादी की है मैं उसकी नफरत के साथ जी सकता हु पर उसकी नजरो में गिरकर नहीं , क्या हुआ जो वो मुझसे प्यार नहीं करती कम से कम वो मेरे साथ तो है ,, और मेरे लिए इतना काफी है हर् मोहब्बत में इजहार हो ये जरुरी तो नहीं
जय – कभी कभी तुझे समझना बहुत मुश्किल हो जाता है
आकाश – मुझे छोड़ तू अपना और जिया का प्यार बचा ले इस से पहले नफरत और गुस्से की ये खाई और गहरी हो अपने प्यार से इसे भर दे ,
जय मुस्कुरा दिया और फिर दोनों चलकर गाड़ी के पास आये ,आकाश ने सभी को आइसक्रीम दी सभी वही खड़े होकर खाने लगे , सर्द रात उसपर हलकी ठंडी हवाएं , मौसम बहुत अच्छा था तभी जय उन सबसे थोड़ी दूर जाकर खड़ा हो गया और फिर कहने लगा
” चारो तरफ खामोशियाँ ,
ना कहीं जमीं , ना कही आसमा
सरसराती हुयी ये हवाएं सारी
कह रही है के बस एक तुम हो यहाँ
सिर्फ मैं हु और मेरी सांसे है
मेरी धड़कनो में है ऐसी गहराईयां
तुम हो मैं हु और बस तन्हाईया
तुमसे मिलकर आज इस कदर
अपने होने पर मुझको यकीं आ गया
i love you जिया you are everything for me !! yes you are”
सब जय की तरफ देखने लगे जिया भूल गयी की उसके साथ और भी लोग है उसे सिर्फ जय नजर आ रहा था , वो दौड़कर जय के पास गयी उसकी आँखों में नमी तैर गयी जो बात वो अब तक जय के मुंह से सुनने को तरस गयी थी वो आज जय ने सबके सामने उसे कह दी , उसने भीगी पलकों को उठाकर जय को देखा और फिर उसके गले लगकर कहा – मैं जानती थी तुम मुझसे प्यार करते हो ,
जय ने कुछ नहीं कहा बस उसे सीने से लगाए रखा .. मोंटी आकाश और भूमि डूब खड़े मुस्कुरा रहे थे ….
सभी घर आ गए ,, मोंटी और जय अपने घर चले गए जिया भी सोने अपने कमरे में चली गयी जय के मन से वो बोझ आज उतर चूका था , चेहरे की उदासी और आँखों का खालीपन अब जा चूका था आकाश रूम में आकर कपडे बदलने बाथरूम में चला गया कपडे बदलकर आकाश सोफे पर आ बैठा उसने टीवी ऑन किया और देखने लगा ,, कुछ देर बाद भूमि रूम में आयी आकाश मूवी देखने में बिजी था ,,
खिड़की खुली थी जिससे ठंडी हवाएं कमरे के अंदर आ रही थी भूमि खिड़की की तरफ बढ़ी टीवी में फना मूवी का बहुत ही रोमांटिक सा गाना चल रहा था इन सब से बेखबर भूमि खिड़की बंद करने लगी लेकिन जाम की वजह से नहीं हो पायी भूमि कोशिश करे जा रही थी आकाश ने देखा और उठकर खिड़की के पास आया और भूमि से कहा – मैं कर देता हु
आकाश ने खिड़की बंद करने की कोशिश की पर जाम की वजह से वो अटक गयी थी खिड़की से आती हवा से भूमि के बाल उड़कर उसके चेहरे पर आ रहे थे , आकाश की नजर भूमि पर पड़ी तो बस नजरे हट ही नहीं पायी , भूमि जैसे ही जाने लगी उसका पैर फिसला लेकिन गिरने से पहले ही आकाश ने उसे अपने हाथो में थाम लिया
दोनों एक दूसरे की आँखों में देखे जा रहे थे , खिड़की से आती हवा में भूमि के लम्बे बाल उड़कर आकाश के गालो को सहला रहे थे टीवी पर चल रहा गाना वक्त के हिसाब से था “फिर ना हवाएं होंगी इतनी बेशर्म , फिर ना डगमग डगमग होंगे ये कदम
दोनों इस वक्त आमिर काजोल से कम नहीं लग रहे थे ,, भूमि ने खुद को सम्हाला और आकाश से दूर हो गयी आकाश ने टीवी बंद किया और आँखे बंद कर सोने की कोशिश करने लगा लेकिन बार वो पल उसकी आँखों के सामने आ जाता वो जानता था की भूमि उस से प्यार नहीं करती , फिर भी ना जाने क्यों आकाश को उम्मीद थी की एक दिन भूमि उसकी फीलिंग्स समझेगी !!
अभी आकाश आँखे बंद करके ये सब सोच ही रहा था की तभी उसने महसूस किया किसी ने उसे कंबल ओढ़ाई है आकाश ने हलके से अपनी आँखे खोली तो देखा कोई और नहीं भूमि ही थी ,, आकाश मन ही मन बहुत खुश हुआ और फिर खुद को कम्बल में लपेट कर सो गया …
अगली सुबह आकाश देर तक सोता रहा कितने दिनों बाद उसे अच्छी नींद आयी थी
आकाश अब खुश रहने लगा था भूमि उसकी पसंद ना पसंद सब जानने लगी थी सुबह आकाश के जागने से लेकर रात सोने तक वह आकाश का सारा काम करती रहती , उसकी चेहरे पर एक शिकन तक नहीं होती वही आकाश खुद से भी ज्यादा भूमि की परवाह किया करता था पर जताता नहीं था ,, दिनों दिन भूमि के लिए उसका प्यार और लगाव बढ़ता जा रहा था लेकिन भूमि उसने जैसे अब भी खुद को किसी दायरे में बांध रखा था …
एक शाम भूमि आकाश के साथ मार्किट से कुछ सामान खरीदकर लौट रही थी ,, बारिश होने लगी गाड़ी कुछ दूर पार्क की हुयी थी बरामदे में खड़े दोनों बारिश से बचने की नाकाम कोशिश कर रहे थे , अरमानो का एक झोंका दोनों के तन और मन को भिगो गया पर दोनों ही खुद को रोक कर खड़े थे , बारिश कुछ कम हुयी तो दोनों दिवार किनारे फुटपाथ पर चलते हुए गाडी की तरफ बढे ,
जगह की कमी के कारण दोनों एक दूसरे के बहुत करीब और बराबर चल रहे थे की दोनों का हाथ एक दूसरे से छू गया , आकाश ने भूमि की तरफ देखा उसके चेहरे पर चमकती पानी की बूंदो को देखकर आकाश खुद को रोक नहीं पाया और भूमि की तरफ बढ़ा भूमि पीछे खिसकी और उसकी पीठ दिवार से जा लगी , आकाश ने अपनी आँखे बंद की और अपने होठो को भूमि के होंठो से छू लिया …
लेकिन अगले ही पल भूमि ने आकाश को धकियाते हुए कहा – नहीं कर सकते हम ये सब , क्यों आप बार बार हमारे करीब आना चाहते है , क्यों आप ये जताना चाहते है की आप हमारे लिए ये सब कर रहे है , क्यों आप ये दिखा रहे है की आप हमारे साथ बहुत खुश है .. आप पहले ही हमारे लिए इतना कुछ कर चुके है अब और अहसान मत कीजिये ,, हम जानते है आपने हमारे लिए बहुत कुछ किया है लेकिन आपके अहसानो के बदले में हम आपको कभी प्यार नहीं दे पाएंगे ,,
भूमि की बात सुनकर आकाश खामोश हो गया उसे भूमि की आँखों में बेबसी और आवाज में दर्द साफ नजर आ रहा था , उसे भूमि के करीब नहीं जाना चाहिए था वो भूमि से कुछ कह पाता उस से पहले ही भूमि वहा से ऑटो पकड़कर घर चली गयी !! आकाश वही खड़ा रहा एक बार फिर उसने अनजाने में भूमि का दिल दुखाया था …
घर आकर भूमि रोने लगी ये कैसी मज़बूरी थी उसकी वो अपना कल भुला नहीं पा रही थी और अपना आज अपना नहीं पा रही थी , उसे लगता था सिर्फ उसके सम्मान के खातिर आकाश ने उस से शादी की और अब उस रिश्ते को निभा रहा है वो नहीं जानती थी की आकाश उस से बहुत प्यार करता है उसे सिर्फ अपनी बेबसी और आकाश के अहसानो के सिवा कुछ नजर नहीं आ रहा था !!
उठकर बाथरूम में गयी और कपडे चेंज किये ,, भीगने के कारण उसे थान लग रही थी वह बिस्तर पर आकर लेट गयी और कुछ देर बाद उसे नींद आ गयी ,, आकाश घर आया और सीधा अपने रूम में आया तो देखा भूमि सो चुकी है वो उसके पास गया और निचे गिरी कम्बल उठाकर उसे ओढ़ाने लगा की उसका हाथ भूमि के हाथ से छू गया भूमि का बदन गर्म भट्टी की तरह जल रहा था , आकाश ने अपने हाथ से उसका सर और गाल छूकर देखे भूमि को तेज बुखार था ,,
आकाश ने डॉ को फ़ोन किया और तुरंत आने को कहा , जब तक डॉक्टर नहीं आया आकाश बेचैनी से कमरे में घूमता रहा कुछ देर में डॉक्टर आये और भूमि का चेकअप किया और उसे एक इंजेक्शन देकर कुछ दवाईया लिखकर आकाश को दे दी और कहा की सूबह तक बुखार उतर जाएगा … डॉक्टर को बाहर तक छोड़कर आकाश भूमि के लिए दवाई लेने मेडिकल स्टोर चला गया ,,
दवाईया लेकर आकाश वापस आया दवाईयों को टेबल पर रख वह भूमि के नजदीक आकर बैठ गया और उसका उसका सर छूकर देखा बुखार अब भी था ,, आकाश सारी रात भूमि का हाथ पकडे वही बैठा रहा , सुबह कब हुयी आकाश को याद नहीं तभी उसका फोन बजा आकाश वहा से उठकर टेबल की तरफ गया और फोन उठाया दूसरी तरफ से किसी ने कुछ कहा और आकाश ने सिर्फ इतना ही कहा – चिंता मत कीजिये मैं जल्द से जल्द पहुँचता हु …
फोन रखकर आकाश ने भूमि की तरफ देखा वो सो रही थी आकाश ने उसे छूकर देखा बुखार अब बहुत कम था आकाश ने बैग में अपना कुछ जरुरी सामान रखा और जिया को फोन करके अपने रूम में आने को कहा .. जिया के आते ही आकाश ने उसे भूमि का ख्याल रखने को कहा और टाइम पर दवा देने को कहा जिया के पूछने पर आकाश ने बताया की वो किसी जरुरी काम से बाहर जा रहा है जल्दी ही आ जाएगा … कहकर आकाश बिना किसी को कुछ बताये घर से निकल गया ,,
Bepanah Ishq by Sanjana Kirodiwal
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उम्मीद है आपको ये सीरीज पसंद आ रही है। आप सब पाठको का साथ और प्यार हमेशा मिला जिसके लिए मैं आपकी शुक्रगुजार हूँ। इस कहानी को या वेबसाइट पर मेरी किसी भी कहानी को पढ़ने वाले पाठको से मेरा एक निवेदन है। जब भी आप कहानी पढ़ते है तो आपके फोन की स्क्रीन पर कुछ ADS दिखाई देते है जिन्हे आप इग्नोर कर देते है या कैंसल कर देते है कृपया ऐसा ना करके एक बार उस AD को जरूर क्लिक करे इस से आपका कोई नुकसान नहीं होगा ये बस मेरी वेबसाइट को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
उम्मीद है आप सब पाठक मेरा साथ देंग,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हर हर महादेव !!
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