Sanjana Kirodiwal

बदलते अहसास – 4

Badalte Ahasas – 4

Badalte Ahasas
Badalte Ahasas

सुजैन को अपनी कहानी सुनाते हुए ऋषभ एक बार अतीत की यादो में चला गया ! 

ऋषभ अपने फ्लेट में आया और सीधा नहाने चला गया ! नहाकर उसने कपडे पहने और अपने लिए नाश्ता बनाने लगा ! माही भी अपने फ्लेट में आयी जैसे ही वह अंदर आयी उसे गर्माहट का अहसास हुआ ! उसने सोफे पर रखा अपना बड़ा सा कोट पहन लिया और मौसम का जायजा लेने बालकनी में आ गयी ! आज शायद सूरज नहीं निकलने वाला था ! मौसम ही कुछ ऐसा था ठंडी सर्द हवाएं और उस पर कोहरे से ढकी ऊटी की वादियाँ  देखकर माही का दिल किया बस वक्त यही थम जाये ! वह अपने हाथो को आपस में मसलते हुए बाहर का नजारा देख रही थी तभी उसके कानो में एक प्यारी सी आवाज पड़ी,”हाय गुड़ मॉर्निंग !” माही ने अपनी दांयी तरफ देखा पास वाली बालकनी में उसकी हमउम्र एक लड़की खड़ी थी ! 
“हे ! आई ऍम माही एंड यू”,माही ने उसकी और अपना हाथ बढाकर कहा ! 
“मेरा नाम रचना है ! आप यहाँ नयी आयी हो शायद ?”,रचना ने माही से हाथ मिलाते हुए कहा !
“हे जस्ट कॉल मी तुम , ये आप आप बोलना बहुत ओड लगता है ! वी आर सेम ऐज यु नो”,माही ने फ्रेंडली होते हुए कहा 
“ओह थैंक्यू सो ! क्या करती हो तुम ?”,रचना ने मुस्कुराकर कहा 
“मैं फैशन डिजायनिंग का कोर्स करने आयी हु ! और तुम ?”,माही ने रेलिंग से पीठ लगाकर अपनी दोनों कोहनी उस पर टिकाते हुए कहा ! 
“ओह्ह वाओ ! मैंने भी फॉर्म अप्लाई किया है !  विच कॉलेज ?”,रचना ने एक्साइटेड होकर कहा 
“कल्याणी फैशन डिजायनिंग , कॉलेज”,माही ने कहा 
“मैंने भी वही अप्लाई किया है ! फिर तो हम साथ साथ जा सकते है”, रचना ने ख़ुशी से भरकर कहा 
“या इट्स ओके !”,माही ने बिना किसी भाव के कहा ! रचना उसे सोसायटी के बारे में वहा के लोगो के बारे में बताने लगी लेकिन माही को ये सब सुनने में कोई इंरेस्ट नहीं था ! वह बस ख़ामोशी से रचना की बाते सुनते हुए उबासियाँ लेती रही ! कुछ ही देर बाद एक महक उसके नाक के सामने से गुजरी ! 
“इट्स स्मेल नाइस !”,माही ने कहा 
“मम्मी आलू के पराठे बना रही है , तुम खाना चाहोगी ?”, रचना ने औपचारिकता से पूछा ! 
“हम्म्म्म !”,माहि ने अपने निचले होंठ को दांतो तले दबाकर कहा ! रचना ने उसे अपने फ्लेट में आने को कहा ! माही 10 मिनिट का बोलकर नहाने चली गयी ! नहाकर उसने जींस और ऑफ शॉल्डर टॉप पहना ! बालो को उसने खुला ही रहने दिया ! माही की एक खास बात थी उसे मेकअप करना बिल्कुल पसंद नहीं था ! उसने फ्लेट का दरवाजा बंद किया और रचना के फ्लेट में के सामने आकर बेल बजायी ! दरवाजा रचना ने ही खोला था माही को सामने देखते ही उसने खुश होकर कहां,”प्लीज़ कम !!”
माही अंदर आई उसने घर को देखा सब एकदम सलीके से जमा हुआ था ! उसने रचना की और देखकर कहा,”नाइस प्लेस !”
“थैंक्यू ! मीट माय मॉम”,रचना ने सामने खड़ी अपनी मम्मी की और इशारा करके कहा !
“हे आंटी ! लुकिंग सो गुड़ यू आर”,माही ने रचना की मम्मी अल्का को हग करते हुए कहा ! 
“हेलो बेटा आओ बैठो !”,अल्का ने माही को डायनिंग टेबल की और इशारा करते हुए कहा !  
सभी आकर बैठ गए अल्का ने सबके लिए नाश्ता परोसा और खाने को कहा ! माही ने एक निवाला तोड़कर मुंह में रखा पराठे बहुत अच्छे बने थे ! माही ने खाते हुए कहा,”रचना तुम्हारे डेड नाश्ता नहीं करेंगे ?”
“वो अब इस दुनिया में नहीं है , रचना जब 10 साल की थी तभी वो हमे छोड़कर चले गए ! रचना मैं और मेरा बेटा कार्तिक यहाँ रहता है”,अल्का ने कहा 
“ओह्ह आई ऍम सॉरी !”,माही ने कहा 
“इट्स ओके बेटा , तुम खाओ !”,अल्का ने आँखो के किनारे साफ करते हुए कहा ! 
माही गर्दन झुकाकर चुपचाप खाने लगी ! रचना ने ख़ामोशी को तोड़ते हुए कहा,”पराठे अच्छे है ना माही !”
“या इट्स ओके !”,माही ने बेपरवाही से कहा !
“तुम्हे पसंद नहीं आये बेटा ?”,अल्का ने कहा 
“नो इट्स फाइन , आई मीन इट्स गुड़ आंटी”,माही ने खाते हुए कहा 
“तो और लो न बेटा ! रचना ने बताया तुमने भी उसके कॉलेज में एडमिशन लिया है , चलो ये दोनों के लिए अच्छा हुआ दोनों साथ साथ जा सकोगी”,अल्का ने एक पराठा और माही की प्लेट में रखते हुए कहा 
“स्योर आंटी ! आई ऍम सो एक्साइटेड फॉर देट , कल से कॉलेज स्टार्ट है !”,माही ने कहा !
नाश्ता करने के बाद सभी हॉल में आकर बैठ गए और बाते करने लगे ! रचना ने माही को अपना पूरा घर दिखाया और उसके बाद दोनों बालकनी में आकर खड़ी हो गयी ! रचना के घर की बालकनी ऋषभ और माही के फ्लेट के बिल्कुल बिच में थी और दोनों फ्लैटों की बालकनी से अटेचेड थी ! दोनों बाते करते हुए हंस रही थी ! पहली नजर में माही रचना को काफी बोल्ड लगी , उसका बात करने का तरिका , उसकी पर्सनालिटी और उसका ऐटिटूड उसे बहुत पसंद आया ! दोनों एक दूसरे की दोस्त बन चुकी थी ! माही और रचना जहा जहा खड़ी थी वहा रचना ने ऋषभ की बालकनी की और पीठ की हुई थी और माही का चेहरा उस और था ! ऋषभ बालकनी में किसी काम से आया और बिना उन दोनों पर ध्यान दिए वहा से चला गया ! शायद जल्दी में था पर माही की नजरे तो उस और टिक गयी ! उसे खोया हुआ देखकर रचना ने उसके चेहरे के सामने हाथ घुमाकर कहा,”कहा खो गयी ?”
माही ने रचना की बात का कोई जवाब नहीं दिया और ऋषभ की बालकनी की और देखती रही ! उसे उस और देखता पाकर रचना ने कहा,”ये ऋषभ अंकल का फ्लेट है !”
“अंकल ?”,माही बुरी तरह चौंकी ! 
“हां अंकल , पापा की ऐज के है वो शायद 46-47 आई थिंक”,रचना ने कहा 
“सीरियसली ?”,माही को जैसे अभी भी यकीन नहीं हो रहा था 
“या कुछ  महीने ज्यादा या कम , सो व्हाट ?”,इस बार रचना ने सवाल किया 
“बट ही इज लुक यंग , लाइक 28-30 मे बी “,माहि ने कहा 
माही की बात सुनकर रचना हसने लगी और फिर खुद को रोककर कहा,”तुम क्या जो भी उन्हें देखता है यही लगता है !”
“सो टेल मी समथिंग !”,माही ने बेसब्री से कहा 
“क्यों ?”,रचना ने आँखे मटकाकर माही को छेड़ते हुए कहा 
रचना की ये हरकत माही को नागवार गुजरी वह गुस्सा होकर जाने लगी तो रचना ने उसका हाथ पकड़ कर उसे रोकते हुए कहा,”ओहके ओहके आई टेल यू”
“बताओ !”, माहि की आँखों में ख़ुशी चमकने लगी ! 
रचना ने बोलना शुरू किया,”ऋषभ अंकल पिछले 4-5 सालो से यही है ! कहा से आये है ? कौन है ? इनके बारे में ज्यादा कोई नहीं जानता !”
“व्हाई ?”,माही ने बिच में सवाल किया ! 
“क्योकि उन्हें किसी से ज्यादा बाते करना पसंद नहीं है ! वो हमेशा अपने फ्लेट में ही रहते है ना किसी से ज्यादा बात करते है ना ही उनका यहाँ कोई दोस्त है ! एवरी मॉर्निंग वो जिमिंग करते है ऊपर टेरेस पर ! कभी कभी मैंने उन्हें पेंटिंग बनाते हुए भी देखा है यहाँ बालकनी में ! मम्मी ने एक दो बार उन्हें खाने पर बुलाया था लेकिन वो बहुत कम बोलते है ! इस से ज्यादा मुझे कुछ नहीं पता !”,रचना ने इतना कहकर अपने हाथ खड़े कर दिए ! 
“इंट्रेस्टिंग !”,माही ने अपने निचले होंठ को दांतो की कैद से आजाद करते हुए कहा ! 
“व्हाट ? ही इज बोरिंग यू नो , मैंने आज तक उनको सोसायटी की किसी भी पार्टी में नहीं देखा है ! सोसायटी की आंटिया उनके साथ फ़्लर्ट करती है बट वो कभी इंट्रेस्ट नहीं लेते ! वो बहुत अजीब है माही !”,रचना ने कहा 
“ओह्ह ! लेकिन हो सकता है आज तक उनको उनके जैसा कोई मिला न हो ! एंड दिस सोसायटी इज सो बोरिंग यहाँ की आंटिया उनके टाइप की नहीं है”,माही ने कहते हुए एक बार फिर अपने निचले होंठ को दांतो के निचे दबा लिया ! 
“ओह्ह रियली ! तो फिर कौन है उनके टाइप का ?”,रचना ने माही को लगभग घूरते हुए कहा ! 
“मैं !”,माही ने कहा 
“यू आर क्रेजी माही !”,कहते हुए रचना हसने लगी ! माही ने उसे इग्नोर किया और निचे खेलते हुए बच्चो को देखने लगी ! तभी उसकी नजर जाते हुए ऋषभ पर गयी ! वो निचे खड़े बिल्डिंग के मालिक से कुछ बात कर रहे थे ! माही दरवाजे की और भागी रचना कुछ समझ नहीं पायी और पीछे से कहा,”माही क्या हुआ ?”
“तुम यही रुकना !”,माही कहते हुए निकल गयी ! 
दौड़ते हुए वह लिफ्ट के सामने आयी और ग्राउंड फ्लोर आने के लिए बटन दबा दिया ! जैसे ही लिफ्ट खुली वह भागते हुए बाहर आयी ! वह हाफ रही थी पर जैसे ही उसकी नजर सामने खड़े ऋषभ पर गयी वह मुस्कुरा उठी ! माही बच्चो के पास गयी और उनके हाथ से फुटबाल लेकर कहा,”लेट प्ले !”
सभी बच्चे माही के साथ खेलने को तैयार हो गए ! लेकिन माही के दिमाग में तो कुछ और ही चल रहा था उसने फुटबाल को ऋषभ की और फेंककर कहा,”हे पास द बॉल प्लीज़ ! “
ऋषभ जैसे ही बॉल उठाने के लिए झुका माही ने उसके पास आते हुए कहा,”इट्स ओके मैं ले लुंगी , तुम्हे इस उम्र में प्रॉब्लम होगी !” ! माही की बात से ऋषभ को गुस्सा आया लेकिन वहा खड़े बच्चे और लोग हसने लगे ! माही ऋषभ को देखते हुए मुस्कुरा रही थी उसने ये सब जान बूझकर कहा था !   
ऋषभ ने अपने आस पास देखा सब उसे ही देख रहे थे ! जैसे ही माही बॉल उठाने के लिए झुकी ऋषभ ने अपने पांव से उछालकर अपने हाथो में ले ली और बड़ी कातिलाना नजरो से माही को घूरते हुए देखा ! माही को ऋषभ का ये अंदाज बहुत पसंद आया उसने मुस्कुराते हुए ऋषभ की और देखकर कहा,”नॉट बेड ! एक एक मैच हो जाये”
“व्हाई नॉट !”,कहकर ऋषभ ने अपना बैग और जैकेट उतारा और साइड में रख दिया ! ऊपर खड़ी रचना ये सब देख रही थी और समझने की कोशिश कर रही  थी की आखिर माही क्या करना चाह रही है ! सोसायटी के कुछ लोग भी ग्राउंड के सामने जमा हो गए , बच्चे माही के साथ मिलकर चीयर अप कर रहे थे ! ऋषभ ने सामने बच्चो के बिच उछलते कूदते माही को एक नजर देखा और ग्राउंड की और बढ़ गया ! टीम में आमने सामने एक तरफ माही और सोसायटी के 9 बच्चे थे और दूसरी तरफ सिर्फ ऋषभ ! गेम शुरू हुआ ऋषभ ने एक बार जो बॉल को अपने कब्जे में लिया तो फिर कोई उसे छीन नहीं पाया ! एक के बाद एक करके वह बॉल को बास्केट में डालता गया ! उसकी स्पीड और उसका खेलने का तरिका इतना अच्छा था की हर किसी ने अपने दांतो टेल ऊँगली दबा ली ! माही खुद ऋषभ को देखकर हैरान थी ! खेलते हुए उसकी नजर जब ऋषभ पर पड़ी तो वह उसे देखते ही रह गयी ! ऋषभ ने सफ़ेद रंग की शर्ट पहनी हुयी थी और उसकी बाजुओं को मोड़कर ऊपर चढ़ाया हुआ था ! उसकी आँखों में एक चमक और चेहरे पर एक कसाव था ! उसके गर्दन के निचे की हड्डियों में एक कर्व बनाया हुआ था ! माही उसे देखने में इतना खो गयी की ऋषभ ने उसके पास से गुजरते हुए बॉल को बास्केट में डाल दिया ! होश तब आया जब बच्चो में से एक लड़के ने आकर कहा,”क्या दीदी ? ध्यान कहा है आपका ? देखो आपकी वजह से हार गए हम लोग !”
माही की तंद्रा टूटी उसने देखा सभी ऋषभ के लिए तालिया बजा रहे है ! ऋषभ माही के पास आया और बॉल उसके हाथो में थमाकर कहा,”यू नीड ट्रेनिंग आई थिंक !”
माही बस ऋषभ की उन गहरी आँखों में देखती रही ! ऋषभ वहा से चला गया सोसायटी के लोग भी ऋषभ का ये रूप देखकर हैरान थे ! आंटियो की तो नजरे नहीं हट रही थी उनसे फिर धीरे धीरे करके सब चले गए ! बच्चे वापस अपने अपने खेल में लग गए ! ऋषभ ने सामने रखा अपना जैकेट उठाया और जैसे ही पहनने लगा माही उसके सामने आ धमकी और चहकते हुए कहा,”आई कांट  बिलीव दिस , तुम बहुत अच्छा खेलते हो !”
“थैंक्स !”,ऋषभ ने बिना किसी भाव के जैकेट पहनते हुए कहा ! 
“आई ऍम शॉक्ड इस एज में भी इतनी एनर्जी , आई मीन हाऊ ?”,माही ने कहा 
ऋषभ ने माही को देखा और कहने लगा,”उम्र का इन सब चीजों से कोई खास लेना देना नहीं होता है ! इंसान में अगर दॄढ़  इच्छाशक्ति हो तो वो कुछ भी कर सकता है ! एज आरएस जस्ट अ नंबर”
माही तो बस उसकी आँखों में देखती रह गयी ऋषभ की बाते और उसकी आवाज उसे इतनी अट्रेक्टिव लगती थी की वह बस चुप हो जाया करती थी ! माही को खामोश देखकर ऋषभ ने अपना बेग उठाया और कंधे पर रखते हुए कहा,”थैंक्यू ! “
“व्हाई ?”,माही ने कहा 
“इतने सालो बाद आज किसी ने अहसास दिलाया की मैं खेल भी सकता हु ! सो थैंक्यू”,ऋषभ ने सहज भाव से कहा 
“टेक इट इजी !”,माही ने कहा !
ऋषभ वहा से चला गया माही बस उसे जाते हुए देखती रही ! ऋषभ के जाने के बाद उसने पलटकर देखा रचना बालकनी में खड़ी उसे ही देख रही थी माही ने अपने हाथ की चार उंगलिया होंठो पर रखी और एक फ्लयिंग किस रचना की तरफ उछाल दिया ! “पागल !!”,कहते हुए रचना अंदर चली गयी ! माही भी वापस लिफ्ट की और बढ़ गयी लेकिन लिफ्ट बिजी होने के कारण वह सीढ़ियों की और चली आयी और ऋषभ के बारे में सोचने लगी ! मुस्कराहट उसके होंठो से दूर ही नहीं हो रही थी वह अपने फ्लेट में आयी दरवाजा बंद किया और आकर बिस्तर पर गिर पड़ी उसके कानो में ऋषभ की वो ही पिघला देने वाली आवाज गुंजी,” उम्र का इन सब चीजों से कोई खास लेना देना नहीं होता है ,, थैंक्यू !! ,, इतने सालो बाद आज किसी ने अहसास दिलाया की मैं खेल भी सकता हु ! सो थैंक्यू”
माही मुस्कुरा उठी और उठकर बैठ गयी उसने धीरे से कहा,”या यू आर राईट एज इज जस्ट अ नंबर !”
फोन की रिंग से वह अपने खयालो से बाहर आयी उसने देखा दिल्ली से किसी दोस्त का फोन है वह बात करते हुए बालकनी में चली आई ! ! ऋषभ अपने ऑफिस आया ! उसने टेबल पर बैग रखा और कुर्सी पर आकर बैठ गया ! रूटीन काम निपटाने के बाद उसने सामने पड़ी फाइल उठाई और नये आर्टिकल के बारे में देखने लगा  ! फाइल के पन्नो को देखते हुए ऋषभ की आँखों के सामने माही का वो अल्हड़पन आने लगा ! उसकी आँखे , उसका बात करने का तरीका , उसकी बेपरवाही ! सब याद करते हुए एकाएक माही की आवाज भी उसके कानो को छूकर गुजरी,” हे पास द बॉल प्लीज़ ! ,,, आई कांट  बिलीव दिस , तुम बहुत अच्छा खेलते हो ! ,,टेक इट इजी !”
सोचते हुए एक प्यारी सी मुस्कान उसके होंठो पर तैर गयी ! वहा से गुजरते हुए रीमा ने कहा,”क्या हुआ सर ?”
ऋषभ को होश आया वह इस वक्त अपने ऑफिस में है उसने फाइल बंद कर दी और टेबल पर रखते हुए कहा,”नहीं कुछ नहीं !”
रीमा चली गयी ऋषभ उठा और पीछे बालकनी में आकर खड़ा हो गया ! उसने लड़के से एक कप चाय लाने को कहा ! लकड़ा कुछ देर बाद चाय ले आया और ऋषभ को थमाकर चला गया ! चाय पीते हुए ऋषभ सामने दूर दूर तक फैले चाय के बागानों को देखता रहा ! वादियों को देखकर वह माही को भूल चुका था और चाय पीते हुए ऊटी की खूबसूरती को निहारने लगा ! चाय ख़त्म कर ऋषभ एक बार फिर अपने काम में लग गया ! 

अगले दिन से माही और रचना ने कॉलेज जाना शुरू कर दिया ! देखते देखते एक हफ्ता गुजर गया ! माही अपने प्रोजेक्ट्स को लेकर इतना बिजी हो गयी की उसे ऋषभ का कोई ख्याल नहीं था ! उस दिन के बाद से ऋषभ भी अपने काम में बिजी हो गया ! एक शाम माही अपने रूम में अपने प्रोजेक्ट्स बना रही थी ! तभी उसके कानो में म्यूजिक की आवाज पड़ी , माही ने इग्नोर किया और वापस अपने काम में लग गयी लेकिन आवाज पहले से तेज हो गयी माही ने सूना आवाज रचना के फ्लेट से आ रही थी ! म्यूजिक माही की कमजोरी थी और जब उस से नहीं रहा गया तो वह उठी और फ्लेट से बाहर आ गयी इस वक्त उसने लॉन्ग स्कर्ट और उसपर टॉप पहन रखा था ! बालो को उसने समेटकर उसमे क्लिप ठूसा हुआ था और आँखों पर बड़े बड़े ग्लासेस वाला चश्मा लगाया हुआ था ! कुल मिलाकर वह काफी क्यूट लग रही थी ! माही ने देखा रचना के फ्लेट का दरवाजा खुला हुआ है उसने जैसे ही झुक कर देखना चाहा अंदर से रचना की नजर जब माही पर पड़ी तो वह बाहर आयी और माही का हाथ पकड़कर उसे  हुए कहा,’माही कम !”
“व्हाट्स गोइंग ऑन !”,माही ने हैरानी से अंदर आते हुए कहा ! 
“कार्तिक का बर्थडे है तो उसके दोस्तों ने उसके लिए सरप्राइज पार्टी रखी है ! सॉरी सब सडन्ली हुआ तुम्हे इन्वाइट भी नहीं कर पायी”,रचना ने अफ़सोस जताते हुए कहा !
“टेक इट ईजी , अब आ गयी ना चलो !”,माही ने मुस्कुराते हुए कहा ! 
रचना उसे अंदर ले आई ! अल्का ने देखा तो कहा,”आओ माही ! ”  माही जैसे ही सबके बिच आयी कार्तिक और उसके दोस्तों की नजरे उस पर टिक गयी ! सभी लड़के उसे ललचाई नजरो से देख रहे थे और लड़किया वो माही की खूबसूरती देखकर अंदर ही अंदर जल रही थी ! कार्तिक अपने दोस्तों को छोड़कर आगे आया और माही की और हाथ बढाकर कहा,”हे आई ऍम कार्तिक , बर्थडे बॉय !”
“हाय ! “,माही ने हाथ मिलाया और कहा,”आई ऍम महिमा माहेश्वरी रचना अस फ्रेंड ! बाय द वे हैप्पी बर्थडे !”
“ओह्ह थैंक्यू सो मच , बी कम्फर्टेबल !”,कार्तिक ने चापलूसी करते हुए कहा ! 
“माही कम मैं तुम्हे अपने कुछ दोस्तों से मिलवाती हु !”,कहते हुए रचना माही का हाथ पकड़कर माही को वहा से ले गयी ! रचना अपने भाई और उसके दोस्तों को बहुत अच्छी तरह जानती थी और ये भी जानती थी की माही बहुत फ्रेंक है कही ये लोग उसकी बातो का गलत मतलब ना निकाल ले ! रचना ने उसे अपने दोस्तों से मिलवाया ! केट कटने के बाद सभी डांस कर रहे थे माही को पार्टी बहुत बोरिंग लग रही थी ! उसने कोल्ड ड्रिंक का एक ग्लास उठायाऔर बालकनी में आकर खड़ी हो गयी म्यूजिक की आवाज उसके कानो में अभी भी पड़ रही थी ! माही ने कोल्ड ड्रिंक पीते हुए खुद से कहा,”दिस पार्टी सच अ बोरिंग थिंक , यहाँ अकेले में कितना सुकून है”
कोल्ड ड्रिंक ख़त्म कर माही पलटी और वही  रेलिंग से पीठ लगाकर खड़ी हो गयी ! सामने नाचते हुए लोगो को देख रही थी ! रचना ने उसे आने का इशारा किया लेकिन माही ने ना में सर हिला दिया ! कुछ देर बाद उसकी नजर दरवाजे पर पड़ी जहा से हाथ में कोई तोहफा पकडे ऋषभ अंदर आ रहा था ! उसे देखते ही माही के होंठो पर एक मुस्कान तेर गयी ! माही वहा से चलकर वापस अंदर आयी ऋषभ ने तोहफा कार्तिक को दिया और उसे बर्थडे विश किया ! माही को एक नजर देखा और फिर अल्का की और चला गया ! अल्का मुस्कुराते हुए ऋषभ से बाते कर रही थी ! पार्टी जारी थी अल्का ने ऋषभ को खाना खाकर जाने को  कहा ! ऋषभ को इस पार्टी में बोरियत महसूस होने लगी ! दरअसल उसे शोर शराबा बहुत कम पसंद था ! ऋषभ कुछ देर वहा रुका फिर बालकनी में चले आया ! बोरियत दूर करने के लिए उसने सिगरेट निकाली और जलाकर मुंह में रख ली ! अभी उसने एक ही कश खींचा था की एक जानी पहचानी सर्द आवाज उसके कानो में पड़ी,”सिगरेट इज इंजूरियस फॉर हेल्थ !”
ऋषभ ने देखा उसके दांयी तरफ माही खड़ी है और सामने देख रही है ! ऋषभ की नजरे एक पल के लिए उसके मासूम चेहरे पर जम सी गयी ! उसने कुछ सोचा और फिर से सिगरेट पिने लगा माही ने देखा तो उसने बड़े प्यार से कहा,”इट्स बेड फॉर हेल्थ क्या तुम इसे छोड़ नहीं सकते ?” ये कहते हुए माही की आँखों में विनती के भाव थे ऋषभ को पहली बार किसी की आँखों में अपने लिए चिंता के भाव दिखाई दिए उसने सिगरेट बुझाकर पास पड़े डस्टबिन में डाल दी ! माही मुस्कुरा दी और कहा,”तुमने फेंकी क्यों ?”
“तुमने कहा इसलिए !”,ऋषभ ने सामने देखते हुए कहा ! 
“थेंक्स ! लेकिन मेरे कहने से फेंक दी , व्हाई ?”,माही ने कहा 
“क्योकि आज तक किसी ने इतने प्यार से मना किया !”,ऋषभ ने माही की और देखते हुए कहा ! 
“तुम पागल हो ! मैं अपने शौक किसी के लिए नहीं छोड़ती”,माही ने चहकते हुए कहा ! 
“पर तुम हर किसी को रोकती भी तो नहीं हो !”,ऋषभ ने कहा माही ख़ामोशी से ऋषभ की और देखने लगी ! एक बार फिर ऋषभ की आवाज उसके कानो को छूकर गुजरी थी ! कुछ देर खामोश रहने के बाद माही ने कहा,”तुम्हे बुरा नहीं लगा तुम्हे मैंने सिगरेट पिने से रोका ?”
“नहीं इसमें बुरा लगने वाली क्या बात है ? इट्स ओके ! जरुरी तो नहीं है हम जो करते है वो सब सही हो कई बार हम गलत को भी सही मानकर उसे जीवनभर ढोते रहते है , उस वक्त अगर कोई हमे आकर ये बताए की ये गलत है तो हमे रुककर उस बारे में विचार कर लेना चाहिए !”,ऋषभ ने कहा 
“येह ! सो कैसा चल रहा है सब ?”,माही ने बात बदलते हुए कहा 
“सब ठीक है ! तुम पार्टी एन्जॉय नहीं कर रही”,ऋषभ ने कहा 
“नाह इट्स जस्ट बोरिंग , आई डोंट लाइक दिस !”,माही ने एक बार फिर अपनी पीठ रेलिंग से लगाकर अपनी कोहनिया उस पर रखते हुए कहा ! 
“तो क्या पसंद है तुम्हे ?”,ऋषभ ने कहा 
“ये शहर ! आई लव दिस प्लेस , तुम्हे यहाँ क्या पसंद है ?”, ने कहा 
“सब कुछ ! ये शहर , ये वादियाँ , ये बागान , पहाड़ , झरने , जंगल , ये सर्द हवाएं सब मेरी अपनी है”,ऋषभ ने कहा 
“मतलब ?”,माही ने हैरानी से पूछा ! 
“टेक इट  ईजी”,ऋषभ ने मुस्कुराते हुए कहा और वहा से चला गया ! माही ने जब ये तीन शब्द ऋषभ के मुंह से सुने तो उसे बहुत ख़ुशी हुई उसने मुस्कुराते हुए अपने निचले होंठ को दांतो तले दबा लिया और ऋषभ को देखती रही ! 
पार्टी ख़त्म हो चुकी थी सभी जा चुके थे कार्तिक भी अपने दोस्तों के साथ बाहर घूमने निकल गया ! घर में अल्का , ऋषभ , माही और रचना बचे थे ! अल्का ने सबके लिए खाना लगाया और सबको बुला लिया ! खाना खाते हुए माही का ध्यान खाने में कम और ऋषभ में ज्यादा था ! खाते हुए रचना ने कहा,”माही इस वीकेंड मैं और मम्मा आउट ऑफ टाउन जा रहे है , मेरी ग्रेंड मदर से मिलने !”
“तो इस वीकेंड मैं क्या करुँगी ?”,माही ने कहा 
“तुम शहर घूमो , बहुत खूबसूरत है तुमने अभी कॉलेज के अलावा कुछ नहीं देखा है ! तुम्हे पसंद आएगा”,अल्का ने कहा ! 
“लेकिन मैं तो यहाँ कुछ जानती भी नहीं , अकेले कैसे ?”,माही ने अपनी परेशानी जताते हुए कहा 
“ऋषभ अंकल तुम्हे ये शहर दिखा देंगे ! यू नो व्हाट इन्हे ऊटी शहर के बारे में सब पता है !”,रचना ने कहा 
“सॉरी मैं नहीं जा पाऊंगा !”,ऋषभ ने धीमे शब्दों में कहा जिसकी वजह थी माही की और बढ़ती उसकी नजदीकियां और बदलती भावनाये ! 
“प्लीज़ आई वांट टू सी ,  प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ , फॉर गॉड सेक प्लीज़ “,माही ने मिन्नते करते हुए कहा 
ऋषभ को खामोश देखकर अल्का ने कहा,”ऋषभ जी दिखा दीजिये ना , आपने तो ये शहर हजार बार देखा है ! बच्ची का दिल मत तोड़िये !”
“ठीक है”,ऋषभ ने कहा तो माही ख़ुशी के मारे उनके गले आ लगी और कहा,”ओह्ह थैंक्यू सो मच , थैंक्यू थैंक्यू थैंक्यू ! यू आर सो नाइस”
ऋषभ की भावनाये जिन्हे वह माही के लिए बदलने से रोकना चाहता था माही ने एक पल में उन भावनाओ के आगे लगी बंदिशों को तोड़ दिया ! ऋषभ अवाक् सा बस उसे देखता रहा और वह मुस्कुराते हुए खाने लगी ! “

वर्तमान -: कहानी का  कुछ हिस्सा सुनाकर ऋषभ शांत हो गया और फिर सुजैन से कहा,”उस रात अगर मैंने माही को शहर दिखाने का फैसला ना किया होता तो शायद ये जो हो रहा है वो सब नहीं होता ! मैं अक्सर सोचता था की आखिर क्यों एक कम उम्र की लड़की एक बड़ी उम्र के आदमी की तरफ आकर्षित होती है ? वजह सिर्फ उनका साथ ही नहीं होता है बल्कि उनकी समझ और उनका रवैया भी होता है ! हर इंसान की जीवन में एक उम्र आती है जब उसे प्यार का अहसास होता है लेकिन मैंने इस अहसास को अपने मन के समंदर में इतना गहरा फेंक दिया था की कोई चाहकर भी इसे खोज नहीं पाता ! पर जबसे माही आयी वो अहसास बदलने लगे थे ! मैं चाहकर भी उसे ना नहीं कर पाया क्योकि मैं खुद उसके साथ कुछ वक्त बिताना चाहता था ! जानना चाहता था की आखिर क्यों ये अहसास बदलने लगे है ? वो सफर मेरी जिंदगी का कभी ना भूलने वाला लम्हा बन जाएगा मैंने सोचा नहीं था !

Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4 Badalte Ahasas – 4

 क्रमश – बदलते अहसास – 5

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संजना किरोड़ीवाल

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