A Broken Heart – 36
सोफी के साथ फुटपाथ बैठी जिया मजे से गार्लिक ब्रेड खा रही थी। सोफी जिया की वजह से कुछ देर चिढ़ी हुई रही और फिर उसके साथ मिलकर नूडल्स खाने लगी। डेस्टिनी को तो बैठे बिठाये इतना लजीज खाना और जिया का साथ मिल गया वह इसी में खुश था। खाना खाने के बाद जिया के अपने हाथो को हवा में फैलाकर कहा,”अह्ह्ह्हह मजा आ गया इतना लजीज गार्लिक ब्रेड मैंने आज से पहले कभी नहीं खाया ,तुम्हारा शुक्रिया सोफी”
“हाँ ये सच में लजीज है अब उठो घर चलते है।”,सोफी ने कचरा उठाकर डस्टबिन की तरफ जाते हुए कहा
“ओह्ह्ह्ह नहीं मेरा मन कर रहा है मैं यही रुक जाऊ यहाँ सब कितना अच्छा लग रहा है।”,जिया ने डेस्टिनी पर गिरते हुए कहा
“अगर तुम्हारा यही ड्रामा चला तो लिली आंटी एक दिन सच में तुम्हे घर से निकाल देगी और हो सकता है उसके बाद तुम्हे हमेशा के लिए यहाँ रहने की जरूरत पड़ जाए।”,सोफी ने जिया से अफ़सोस भरे स्वर में कहा
“तब तो और भी अच्छा होगा मैं जाकर उस हेंडसम लड़के के साथ रहूंगी , अब तो हमारी दोस्ती भी हो चुकी है वो मुझे ना नहीं कहेगा।”,जिया ने आँखों में चमक भरते हुए कहा
“तुम उस लड़के के प्यार में पागल हो गयी हो इसलिए कुछ भी सोचते रहती हो , अब उठो और चलो यहाँ से,,,,,,,,,,,,,,,!!”,सोफी ने जिया के सामने आकर कहा। जिया ने डेस्टिनी को देखा और उसका सर सहलाते हुए कहा,”माफ़ करना प्यारे डेस्टिनी मुझे अब जाना होगा लेकिन मैं वादा करती हूँ हम फिर मिलेंगे। अपना ख्याल रखना।”
जिया की बात सुनकर पिल्ला अपनी पूंछ हिलाने लगा। जिया उठी और सोफी के साथ वहा से चली गयी।
दोनों घर आयी , कपडे बदले और अपने अपने बिस्तर पर सोने चली गयी लेकिन जिया की आँखों से नींद कोसो दूर थी। वह बस ईशान के सपने के बारे में सोच रही थी। माया ने ईशान के साथ जो किया उसके बारे में सोचकर ही जिया का मन उदास हो रहा था। वह बेचैनी से करवटे बदलने लगी लेकिन नींद नहीं आयी। जिया उठी और आकर खिड़की के पास खड़े हो गयी। ठंडी हवाएं चल रही थी और आसमान में चाँद चमक रहा था। जिया उस चमकते चाँद को देखकर मन ही मन कहने लगी,”वो माया इतनी बुरी लड़की क्यों है ?
ईशान तो उस से इतना प्यार करता है कि उसकी यादो से जुड़ा सामान भी अपने पास रखा है और वो माया , वो माया एक मौका नहीं छोड़ती उसे परेशान करने का , उसे दुःख पहुँचाने का,,,,,,,,,,,,,ईशान कितना मजबूत है इतना सब होने के बाद भी उसने माया से एक शब्द नहीं कहा , वो सच में बहुत अच्छा है पर उसका सपना , उसके सपने का क्या वो तो टूट चुका है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या वो फिर से अपना सपना पूरा करने के बारे में सोचेगा ,
उसे सोचना चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,,,एक लड़की की वजह से उसे अपने सपनो को तो बिल्कुल नहीं छोड़ना चाहिए। मैं उसकी मदद करुँगी , मैं हमेशा उसके साथ हूँ उसके हर बुरे वक्त में,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हां मैं हूँ।”
सोचते सोचते जिया के होंठो पर मुस्कान तैर गयी।
अगली सुबह सोफी और जिया रेस्त्रो चली आयी। जिया ने अपने ऑर्डर्स लिए और स्कूटर लेकर चली गयी। ईशान रातभर मिस्टर दयाल के बार में काम करता था इसलिए सुबह देर तक सोया रहता। माया को लेकर ईशान काफी अपसेट था। वह अब भी माया की परवाह करता था और माया हर बार उसे नया जख्म देकर चली जाती। ईशान इस बार खूब मेहनत कर रहा था साथ ही वह अपने फिल्ड से जुडी नयी जॉब के लिए भी कोशिश कर रहा था। ईशान की किस्मत उसे कहा लेकर जाने वाली थी ये तो खुद ईशान भी नहीं जानता था।
धीरे धीरे एक हफ्ता गुजर गया ईशान अपने दूसरे कामो में इतना बिजी हुआ कि वह जिया से भी नहीं मिल पाया ना ही जिया उसके घर आयी। जिया अब पहले से ज्यादा बिजी हो चुकी थी और अपने काम को लेकर भी वह काफी सीरियस नजर आती थी। सोफी जहा उसे देखकर हैरान थी वही इन दिनों मिस्टर दयाल जिया के काम से काफी खुश थे।
एक शाम मिस्टर दयाल ने जिया को अपने केबिन में बुलाया और कहा,”बहुत अच्छे जिया इन दिनों तुम अपना काम बहुत बेहतर तरिके से कर रही हूँ , तुम्हारी फ़ूड डिलीवरी और हमारे फ़ूड क्वालिटी को लेकर काफी अच्छे रिव्यू मिल रहे है ,, तुमने तो सच में कमाल कर दिया।”
जिया ने सूना तो मुस्कुरा दी।
जिया को मुस्कुराते देखकर मिस्टर दयाल ने कहा,”वैसे मैं जानना चाहूंगा आखिर तुम में ये बदलाव कैसे आया ?”
जिया फिर मुस्कुराई और कहा,”एक्चुअली मिस्टर दयाल मुझे आपसे कुछ कहना है।”
“हाँ कहो , आज मैं तुम्हारी हर बात सुनने को तैयार हूँ।”,मिस्टर दयाल ने खुश होकर कहा
“दरअसल मुझे कुछ एडवांस चाहिए,,,,,,,,,,,!”,जिया ने झिझकते हुए कहा
“हाँ तुम ले सकती हो बताओ कितना 5 हजार 10 हजार कितना चाहिए मैं अभी तुम्हे केश दे देता हूँ।”,मिस्टर दयाल ने कहा
“मुझे 80 हजार चाहिए”,जिया ने धीमे से कहा
मिस्टर दयाल ने सूना तो अपनी कुर्सी से गिरते गिरते बचे। उनका हाथ ऑटोमेटिक अपने सीने पर चला गया और उन्होंने हैरानी से कहा,”हहहह क्या कहा तुमने 80 हजार , जिया तुम जाओ जाकर अपना मुंह धोकर आओ ताकि तुम होश में आओ और तुम्हे पता चले तुमने क्या कहा है ?”
“ओह्ह्ह मिस्टर दयाल मैं मजाक नहीं कर रही हूँ मुझे सच में पैसो की जरूरत है।”,जिया ने कहा
“और मैं भी मजाक नहीं कर रहा हूँ जिया 80 हजार का मतलब जानती हो न तुम तुम्हारी 4 महीने की सैलरी मिलकर इतनी रकम बनती है।”,मिस्टर दयाल ने कहा
“मिस्टर दयाल आप मुझे एडवांस देंगे या नहीं ?”,जिया ने इस बार थोड़ा कठोरता से कहा
“मैं तुम्हे इसके आधे दे सकता हूँ यानि 40 हजार और वो भी हर महीने मैं थोड़े थोड़े करके तुम्हारी सैलरी से काटने वाला हूँ , अगर तुम्हे मंजूर है तो मैं ये अभी दे सकता हूँ ,पर उस से पहले मैं ये जानना चाहूंगा कि तुम्हे एकदम से इतने पैसो की जरूरत क्यों पड़ी ?”,मिस्टर दयाल ने थोड़ा सीरियस होकर कहा
जिया मिस्टर दयाल को क्या बताती उसे ये पैसे क्यों चाहिए थे ? वह उन्हें सच तो बिल्कुल नहीं बता सकती थी इसलिए कहा,”मिस्टर दयाल मेरा यकींन कीजिये ये पैसे मैं किसी जरुरी काम में ही खर्च करने वाली हूँ। मैं वादा करती हूँ मैं जल्दी ही आपके ये पैसे चूका दूंगी।”
“हम्म्म ठीक है मैं तुम्हे ज्यादा नहीं पूछूंगा बस कोई गड़बड़ मत करना,,,,,,,,,,,,,,,,कही ऐसा न हो तुम किसी मुसीबत में फंस जाओ।”,मिस्टर दयाल ने अपने टेबल के ड्रॉवर से पैसे निकालते हुए कहा
broken heart emoji
“आपका शुक्रिया मिस्टर दयाल आप बहुत अच्छे इंसान है , मैं जल्दी ही आपका कर्ज चुका दूंगी।”,जिया ने खुश होकर कहा
मिस्टर दयाल ने जिया को पैसे दिए और कहा,”जिया तुम सच में किसी मुसीबत में तो नहीं हो ना देखो अगर तुम हो तो मुझे बता सकती हो।”
“नहीं मिस्टर दयाल ऐसा कुछ नहीं है , मेरा यकीन कीजिये ये पैसे मैं किसी अच्छे काम में लगाने वाली हूँ और मैं जल्द ही आपको सब बता दूंगी। अब मैं चलती हूँ मुझे और भी डिलीवरी करने जाना है।”,जिया ने दरवाजे की तरफ बढ़ते हुए कहा
“हाँ ध्यान से , अपना ख्याल रखना।”,मिस्टर दयाल ने कहा और वापस अपने काम में लग गए
जिया ने पैसो को अपनी पेंट के पॉकेट में रख लिया और काउंटर से ऑर्डर्स लेकर चली गयी।
दो दिन बाद जिया के नाम से एक बड़ा सा पार्सल मिस्टर दयाल के रेस्त्रो में आया। सोफी ने देखा तो कहा,”जिया इसमें क्या है ? ये काफी भारी लग रहा है क्या ये तुमने आर्डर किया है।”
जिया ने पार्सल देखा तो ख़ुशी से आँखे चमक उठी और उसने बॉक्स सोफी के हाथ से लेते हुए कहा,”अह्ह्ह्ह ये ईशान का है , शायद उसने कुछ सामान आर्डर किया हो।”
“लेकिन उसने तुम्हारा नाम क्यों दिया और एड्रेस भी मिस्टर दयाल के रेस्त्रो का है ?”,सोफी ने हैरानी से पूछा
“ओह्ह्ह सोफी तुम आजकल कुछ ज्यादा ही सोचने लगी हो। ईशान का अपना कोई एड्रेस नहीं है वह लिली आंटी के पुराने घर में रहता है वो भी बिना किराये के क्योकि मैंने लिली आंटी से कहा है वो बहुत गरीब है और अगर उसने वहा का एड्रेस दिया तो लिली आंटी को सच पता चल जाएगा और वो उसे निकाल देंगी इसलिए उसने यहाँ का एड्रेस दिया।”,जिया ने फिर कोई नयी कहानी बनाकर सोफी को सूना दी जबकि ये सामान जिया ने ही आर्डर किया था।
died of a broken heart
“ठीक है लेकिन उसके पार्सल पर तुम्हारा नाम क्यों है ?”,सोफी ने अपने हाथो को बांधकर जिया की तरफ देखते हुए पूछा
अब जिया खामोश हो गयी वह कहे तो क्या कहे , जिया कुछ देर चुप रही और फिर एकदम से कहा,”तुम भी ना सोफी,,,,,,,,,,,,,,,इस रेस्त्रो में हम दो ही तो है जिन्हे ईशान जानता है इसलिए उसने मेरा नाम दे दिया।”
“अच्छा उसने तुम्हारा ही नाम क्यों दिया मेरा क्यों नहीं जबकि मैं भी इसी रेस्त्रो में काम करती हूँ और ईशान को जानती भी हूँ ?”,सोफी तो आज हाथ धोकर जिया के पीछे ही पड़ गयी थी।
बेचारी जिया उसमे इतनी कैपिसिटी भी नहीं थी कि वह कंटीन्यू झूठ बोल पाए लेकिन वह अपना सच भी सामने आने देना नहीं चाहती थी इसलिए कहा,”तुम ईशान के कितना करीब हो ?”
“मतलब ?”,सोफी ने हैरानी से पूछा
“अरे मतलब ईशान तुम्हे सिर्फ जानता है और मैं उसकी दोस्त हूँ तो हम में से उसके ज्यादा करीब कौन हुआ ? और फिर हो सकता है उसने तुम्हारा नाम इसलिए ना लिखा हो क्योकि उसे डर हो कही तुम उसका पार्सल न रख लो।”,जिया ने कहा
broken heart syndrome symptoms
“हह क्या मैं तुम्हे ऐसी लड़की लगती हूँ ?”,सोफी ने गुस्से से पूछा
“मैं बस मजाक कर रही थी। मैं चलती हूँ मुझे आने में देर हो जाएगी।”,जिया ने बॉक्स उठाया और रेस्त्रो से चली गयी।
उसी दोपहर ईशान एक इंटरव्यू के सिलसिले में ऐड कम्पनी की तरफ आया। ईशान ने माया को ऐड कम्पनी के बाहर देखा तो उसके पास चला आया और कहा,”हाय माया”
“ओह्ह्ह तुम फिर आ गए मुझे समझ नहीं आता ईशान कि आखिर तुम मेरा पीछा छोड़ क्यों नहीं देते ? सी मेरी इंगेजमेंट हो चुकी है और बहुत जल्द मेरी शादी भी होने वाली है।”,माया ने अपनी ऊँगली में पहनी अंगूठी ईशान के सामने करते हुए कहा।
“माया मैं इसलिए नहीं आया हूँ , मुझे तुम्हे कुछ बताना है,,,,,,,,,,,,,,,,,,देवांश , देवांश अच्छा लड़का नहीं है माया , वो तुम्हे धोखा दे रहा है माया कुछ दिन पहले ही मैंने उसे बार में एक लड़की के साथ देखा था। वो दोनों काफी क्लोज थे , तुम्हे अब बार फिर अपने और देवांश के रिश्ते के बारे में सोचने की जरूरत है माया।”,ईशान ने कहा
“तुम मुझे मत सिखाओ मुझे क्या करना है और क्या नहीं ? खुद तो अपनी जिंदगी में कुछ कर नहीं पाए और जब देवांश की बराबरी नहीं कर पाए तो मेरे सामने उसे बदनाम करना शुरू कर दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,अच्छा नाटक है फिर से मेरे करीब आने का।”,माया ने ईशान का मजाक उड़ाते हुए कहा
symptoms of broken heart syndrome
“ऐसा कुछ नहीं है माया तुम मेरी बात का यकीन करो।”,ईशान ने कहा लेकिन माया ने उसकी एक नहीं सुनी और कहा,”यू नो व्हाट ईशान तुम देवांश से जलते हो , देवांश परफेक्ट है और मैं उसके बारे में कुछ नहीं सुनना चाहती सो प्लीज गेट आउट,,,,,,,,,!!”
ईशान को माया से ये उम्मीद बिल्कुल नहीं थी उसे खुद पर ही तरस आने लगा कि उसे पागलों की तरह चाहने वाली माया आज उसकी बात पर भरोसा नहीं कर रही थी।
हताश होकर ईशान वहा से चला गया।
क्रमश – A Broken Heart – 37
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संजना किरोड़ीवाल
A A Broken Heart – 36 A Broken Heart – 36 A Broken Heart – 36 A Broken Heart – 36 हाँ ये मोहब्बत है – 33 “सोलमेट्स” aren’t just lovers – 11 “सोलमेट्स” aren’t just lovers – 10 “सोलमेट्स” aren’t just lovers – 11
सोफी के साथ फुटपाथ बैठी जिया मजे से गार्लिक ब्रेड खा रही थी। सोफी जिया की वजह से कुछ देर चिढ़ी हुई रही और फिर उसके साथ मिलकर नूडल्स खाने लगी। डेस्टिनी को तो बैठे बिठाये इतना लजीज खाना और जिया का साथ मिल गया वह इसी में खुश था। खाना खाने के बाद जिया के अपने हाथो को हवा में फैलाकर कहा,”अह्ह्ह्हह मजा आ गया इतना लजीज गार्लिक ब्रेड मैंने आज से पहले कभी नहीं खाया ,तुम्हारा शुक्रिया सोफी”
“हाँ ये सच में लजीज है अब उठो घर चलते है।”,सोफी ने कचरा उठाकर डस्टबिन की तरफ जाते हुए कहा
सोफी के साथ फुटपाथ बैठी जिया मजे से गार्लिक ब्रेड खा रही थी। सोफी जिया की वजह से कुछ देर चिढ़ी हुई रही और फिर उसके साथ मिलकर नूडल्स खाने लगी। डेस्टिनी को तो बैठे बिठाये इतना लजीज खाना और जिया का साथ मिल गया वह इसी में खुश था। खाना खाने के बाद जिया के अपने हाथो को हवा में फैलाकर कहा,”अह्ह्ह्हह मजा आ गया इतना लजीज गार्लिक ब्रेड मैंने आज से पहले कभी नहीं खाया ,तुम्हारा शुक्रिया सोफी”
“हाँ ये सच में लजीज है अब उठो घर चलते है।”,सोफी ने कचरा उठाकर डस्टबिन की तरफ जाते हुए कहा
सोफी के साथ फुटपाथ बैठी जिया मजे से गार्लिक ब्रेड खा रही थी। सोफी जिया की वजह से कुछ देर चिढ़ी हुई रही और फिर उसके साथ मिलकर नूडल्स खाने लगी। डेस्टिनी को तो बैठे बिठाये इतना लजीज खाना और जिया का साथ मिल गया वह इसी में खुश था। खाना खाने के बाद जिया के अपने हाथो को हवा में फैलाकर कहा,”अह्ह्ह्हह मजा आ गया इतना लजीज गार्लिक ब्रेड मैंने आज से पहले कभी नहीं खाया ,तुम्हारा शुक्रिया सोफी”
“हाँ ये सच में लजीज है अब उठो घर चलते है।”,सोफी ने कचरा उठाकर डस्टबिन की तरफ जाते हुए कहा
सोफी के साथ फुटपाथ बैठी जिया मजे से गार्लिक ब्रेड खा रही थी। सोफी जिया की वजह से कुछ देर चिढ़ी हुई रही और फिर उसके साथ मिलकर नूडल्स खाने लगी। डेस्टिनी को तो बैठे बिठाये इतना लजीज खाना और जिया का साथ मिल गया वह इसी में खुश था। खाना खाने के बाद जिया के अपने हाथो को हवा में फैलाकर कहा,”अह्ह्ह्हह मजा आ गया इतना लजीज गार्लिक ब्रेड मैंने आज से पहले कभी नहीं खाया ,तुम्हारा शुक्रिया सोफी”
“हाँ ये सच में लजीज है अब उठो घर चलते है।”,सोफी ने कचरा उठाकर डस्टबिन की तरफ जाते हुए कहा
सोफी के साथ फुटपाथ बैठी जिया मजे से गार्लिक ब्रेड खा रही थी। सोफी जिया की वजह से कुछ देर चिढ़ी हुई रही और फिर उसके साथ मिलकर नूडल्स खाने लगी। डेस्टिनी को तो बैठे बिठाये इतना लजीज खाना और जिया का साथ मिल गया वह इसी में खुश था। खाना खाने के बाद जिया के अपने हाथो को हवा में फैलाकर कहा,”अह्ह्ह्हह मजा आ गया इतना लजीज गार्लिक ब्रेड मैंने आज से पहले कभी नहीं खाया ,तुम्हारा शुक्रिया सोफी”
“हाँ ये सच में लजीज है अब उठो घर चलते है।”,सोफी ने कचरा उठाकर डस्टबिन की तरफ जाते हुए कहा
सोफी के साथ फुटपाथ बैठी जिया मजे से गार्लिक ब्रेड खा रही थी। सोफी जिया की वजह से कुछ देर चिढ़ी हुई रही और फिर उसके साथ मिलकर नूडल्स खाने लगी। डेस्टिनी को तो बैठे बिठाये इतना लजीज खाना और जिया का साथ मिल गया वह इसी में खुश था। खाना खाने के बाद जिया के अपने हाथो को हवा में फैलाकर कहा,”अह्ह्ह्हह मजा आ गया इतना लजीज गार्लिक ब्रेड मैंने आज से पहले कभी नहीं खाया ,तुम्हारा शुक्रिया सोफी”
“हाँ ये सच में लजीज है अब उठो घर चलते है।”,सोफी ने कचरा उठाकर डस्टबिन की तरफ जाते हुए कहा