A Broken Heart – 31
A Broken Heart – 31
जिया रेस्त्रो चली आयी। सोफी ने अपना काम ख़त्म किया और फिर दोनों घर के लिए निकल गयी। रास्तेभर जिया सोफी से कुछ ना कुछ बाते किये जा रही थी लेकिन उसने सोफी को ईशान से हुई मुलाकात के बारे में नहीं बताया। दोनों घर पहुंची और कपडे बदलकर सोने चली गयी लेकिन जिया की आँखों से नींद कोसो दूर थी उसकी आँखों के सामने बार बार ईशान का चेहरा आ रहा था।
ईशान उसे जितना खुद से दूर रहने को कहता वो उतना ही ईशान के पास चली आती। ईशान के ख्यालो में खोयी जिया खिड़की के पास चली आयी और आसमान में चमकते चाँद को देखन लगी। चाँद को देखते हुए वह बस मुस्कुराये जा रही थी। ईशान से हुई मुलाकाते किसी फिल्म की तरह उसकी आँखों के सामने चलने लगी और जिया एकदम से बड़बड़ाई,”काश वो जान पाता कि मैं उसे कितना पसंद करती हूँ,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन वो तो मुझे बेवकूफ समझता है।
हेंडसम लड़को की यही प्रॉब्लम है उन्हें मासूम लड़किया बेवकूफ नजर आती है,,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन तुम इतनी भी मासूम नहीं हो जिया आज शाम कैसे तुमने माया को सबक सिखाया उसकी शक्ल देखने लायक थी हाहाहा बेचारी माया,,,,,,,,,,,खुद को ना जाने क्या समझती है ? बेचारे मेरे हेंडसम लड़के का दिल तोड़ दिया और उस पैसे वाले से सगाई कर ली,,,,,,,,,,चुड़ैल कही की , पर अच्छा ही हुआ अगर वो उसका दिल नहीं तोड़ती तो वो बेचारा हमेशा झूठे वहम में रहता,,,,,,,,,,,,,देखा न उस रात कैसे रो रहा था वो , मुझे तो उस पर तरस आ रहा है।”
जिया की आवाज से सोफी की नींद टूटी उसने करवट ली और खिड़की की तरफ देखा। कमरे की लाइट बंद थी और बाहर चाँद की रौशनी से कमरे में हल्का सा उजाला था। जिया सोफी की तरफ पीठ किये खड़ी थी और हवा की वजह से उसके बाल उड़ रहे थे जिस से वह अजीब लग रही थी।
ये देखकर सोफी चिल्ला उठी और अपने बिस्तर से कूदकर जिया के बिस्तर पर कोने जा चिपकी। सोफी की आवाज सुनकर जिया की तंद्रा टूटी वह खिड़की से हटकर बिस्तर की तरफ आयी और कमरे की लाइट जलाते हुए कहा,”क्या हुआ सोफी तुमने कोई बुरा सपना देखा क्या ?”
“वो वो वो खिड़की के पास कोई था , बहुत ही भयानक”,सोफी ने घबराये हुए स्वर में कहा
“खिड़की के पास तो मैं थी,,,,,,,,,,,,,,,,,और क्या तुम मुझे भयानक बोल रही हो ?”,जिया ने सोफी को घूरते हुए पूछा
“ओह्ह्ह तो क्या वो तुम थी,,,,,,,,,मुझे समझ नहीं आता जिया तुम इतनी अजीब क्यों हो ? इतनी रात में खिड़की के पास तुम क्या कर रही थी ?”,सोफी ने बिस्तर से उठकर जिया को डांट लगाते हुए कहा
“मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैं बस हवा खाने वहा गयी थी।”,जिया ने मासूम सी शक्ल बनाते हुए कहा
“तुम्हे खाने के अलावा भी कुछ दिखता है क्या जिया ?”,सोफी ने अपने बिस्तर पर आकर कहा
“हाँ दिखता है न रेस्त्रो , ऑर्डर्स , तुम , लिली आंटी , मेरा प्यारा पिल्ला डेस्टिनी और वो हेंडसम लड़का,,,,,,,,,,,,,,,!”,जिया ने ख़ुशी से चहकते हुए कहा
“हेंडसम लड़का,,,,,,,,,,,,,,,,क्या तुम सच में उसे लेकर सीरियस हो ?”,सोफी ने पूछा
“हाँ क्या तुम्हे नहीं लगता मैं सीरियस हूँ , मैं बहुत ज्यादा सीरियस हूँ।”,जिया ने सोफी के सामने बैठते हुए कहा
“तो फिर उस शाम तुमने मुझे रोका क्यों जब मैं उसे सच बताने वाली थी ?”,सोफी ने हैरानी से पूछा
“उसका अभी अभी ब्रेकअप हुआ है , मैंने उसे अभी ये बता दिया कि मैं उसे पसंद करती हूँ तो उसे लगेगा मैं उस पर लाइन मार रही हूँ। वैसे भी मुझे नहीं लगता मुझे इस बारे में उसे बताना चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,पहले मुझे उसका अच्छा दोस्त बनना होगा।”,जिया ने कहा
“तो बात कुछ आगे बढ़ी ?”,सोफी ने जिया की बातो में दिलचस्पी दिखाते हुए पूछा
“नहीं लेकिन मुझे लगता है एक दिन वो मेरी दोस्ती को एक्सेप्ट कर लेगा , अब सो जाओ मुझे बहुत नींद आ रही है।”,जिया ने उबासी लेते हुए कहा और अपने बिस्तर पर लेट गयी
“ओह्ह्ह कितनी अजीब हो ना तुम , गुड नाईट”,सोफी ने कहा और सोने चली गयी
जिया के जाने के बाद ईशान कुछ देर बेंच पर बैठा रहा। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था वह कहा जाये और क्या करे ? भूख का अहसास हुआ तो ईशान ने अपना बैग उठाया और वहा से आगे बढ़ गया। चलते चलते ईशान विंग रेस्त्रो के सामने आ पहुंचा। ईशान अंदर आया और अपने लिए सूप और नूडल्स आर्डर करके शीशे के बाहर देखने लगा।
सामने सड़क पर आती जाती गाड़ियों और आस पास फैली रौशनी से बाहर का नजारा काफी खूबसूरत लग रहा था। एक रेस्त्रो के बाहर पड़ी बेंच पर बैठा था। दोनों दुनिया से बेखबर एक दूसरे में खोये हुए थे। ईशान की नजर उन दोनों पर पड़ी तो उन्हें देखते हुए ईशान को माया की याद आ गयी और उसके चेहरे पर गुस्से के भाव उभर आये।
माया ने जो हरकत की उसी के कारण ईशान का दिमाग खराब हुआ और वह ऑडिशन क्लियर नहीं कर पाया। वेटर खाना रखकर चला गया। ईशान बेमन से खाने लगा। खाना खाकर ईशान कुछ देर वही बैठा रहा उसके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह किसी होटल में कमरा ले सके या अपने रहने का इंतजाम कर सके।
रेस्त्रो में वह बेवजह ज्यादा देर नहीं बैठ सकता था इसलिए वह उठा खाने का बिल चुका दिया। ये आखरी नोट था जो ईशान के पर्स में बचा था। रेस्त्रो के मालिक ने बचे हुए कुछ रूपये ईशान को लौटाए और वापस अपने काम में लग गया। ईशान ने पैसे लिए और जेब में रखने लगा तो उसकी नजर सामने रखे बिस्किट के जार पर चली गयी जहा से फ्री में दो बिस्किट लिए जा सकते थे।
ईशान ने जार से दो बिस्किट निकाले और उन्हें लेकर बाहर निकल गया। ईशान फुटपाथ के पास गमले के पास चला आया। पिल्ला गमले के पास पड़ा ऊंघ रहा था जब उसने ईशान को देखा तो उठकर बैठ गया। ईशान उसके बगल में आ बैठा और उसका सर सहलाते हुए कहा,”हे डेस्टिनी कैसे हो ?”
ईशान की बात सुनकर पिल्ला अपनी पूंछ हिलाने लगा। ईशान ने जेब से बिस्किट निकाला और उसे डेस्टिनी के सामने रखते हुए कहा,”मैं तुम्हारे लिए ये लाया हूँ , तुम कुछ अच्छा डिजर्व करते हो लेकिन अभी के लिए मेरे पास यही था,,,,,,,,,,,,,उम्मीद है तुम्हे पसंद आएगा।”
पिल्ले ने ईशान का दिया बिस्किट तुरंत खा लिया। ईशान ने दुसरा बिस्किट भी उसे खिला दिया और वही बैठकर ख़ामोशी से सामने सड़क पर गुजरती गाड़ियों को देखने लगा। पिल्ला भी उसकी बगल में बैठ गया और अपनी आँखे टिमटिमाने लगा।
“मैं अगर कुछ कहू तो क्या तुम यकीन करोगे डेस्टिनी ?”,ईशान ने अपनी ख़ामोशी तोड़ते हुए कहा
पिल्ला बेचारा क्या कहता ईशान की बात सुनकर वह उसकी तरफ देखने लगा तो ईशान ने आगे कहा,”जिस लड़की से मैंने प्यार किया , जिसे अपनी दुनिया समझा , जिसके लिए खुद को भुला दिया जानते हो उस लड़की ने क्या किया ? उस लड़की ने मेरा दिल तोड़ दिया और वो मुझे छोड़कर चली गयी। उसने उस वक्त मुझे छोड़ा जब मुझे उसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी,,,,,,,,,,,,,,आज मेरे पास कुछ नहीं बचा है डेस्टिनी ,
मैंने अपना घर , अपने पेरेंट्स , अपना प्यार , अपनी जॉब और अपना सपना सब खो दिया। मैं सच में बहुत अनलकी हूँ डेस्टिनी हूँ , मैंने कभी किसी को कोई ख़ुशी नहीं दी बस सब मेरी वजह से परेशान ही हुए,,,,,,,,,,,,,!!”
ईशान की बात सुनकर पिल्ला उसके सामने चला आया ये देखकर ईशान ने उसका सर सहलाया और कहा,”तुम सोच रहे होंगे इतनी रात में मैं यहाँ क्या कर रहा हूँ ?
दरअसल मेरे लैंडलॉर्ड ने मुझे घर से बाहर निकाल दिया और मेरे पास इतने पैसे भी नहीं बचे कि मैं दूसरा घर ले सकू वैसे तुम इजाजत दो तो आज रात मैं यहाँ तुम्हारे साथ रुक सकता हूँ।”
पिल्ले ने सूना तो फिर अपनी पूछ हिला दी जैसे ईशान से कह रहा हो कि हाँ तुम यहाँ रुक सकते हो।
ईशान कुछ देर खामोश रहा और फिर एकदम से कहा,”क्या तुम कभी उस अजीब लड़की से मिले हो जिसके पास एक साइकिल है ? अगर तुम मिले भी होंगे तो तुम्हे कैसे पता होगा उसके बारे में ? मैं बताता हूँ वो ना थोड़ी अजीब लड़की है मतलब वो हमेशा मुझसे टकराती रहती है। हाँ वो थोड़ी क्यूट भी है पर उसकी हरकते कभी कभी मुझे बहुत इरिटेट करती है।
मेरे हिसाब से वो दुनिया की पहली ऐसी लड़की जो खुद से कुछ भी बाते करती है। वो एक बड़े रेस्त्रो में काम करती है जहा बहुत ही लजीज खाना मिलता है लेकिन फिर भी वो सड़क किनारे मिलने वाले चीज बन सेंडविच को पसंद करती है। मैंने कभी उसे उदास या परेशान नहीं देखा बल्कि वो जब भी मिलती है हंसते मुस्कुराते रहती है। उसकी मुस्कुराहट बहुत प्यारी है,,,,,,,,,,,,,,,सच में ! आह्ह्ह्ह क्या मैं उसकी तारीफ कर रहा हूँ ?
नहीं मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,वैसे उसने मेरी बहुत मदद की है इसलिए उसे अजीब के साथ साथ अच्छा भी कहा जा सकता है। उसने कहा है मैं कल सुबह उस से सिटी सेंटर मॉल के सामने मिळू , तुम बताओ क्या मुझे जाना चाहिए ? उसका कोई भरोसा नहीं है वो फिर किसी मुसीबत में फंस जाये,,,,,,,,,,,,,,,
अगर तुम उस लड़की से मिलो तो उस से दूर रहना और अपने बिस्किट तो उस से बचाकर रखना उसने एक बार मेरे घर से भी पुरे बिस्किट साफ कर दिए थे,,,,,,,,,,,,,,,,,वो बिस्किट्स कितने टेस्टी थे , मैंने उन्हें मार्ट से खरीदा था।”
ईशान जिया के बारे में कुछ भी बोले जा रहा था।
वह डेस्टिनी से उसकी शिकायत कर रहा था और फिर एकदम से उसकी तारीफ करने लगा। ईशान जिया को लेकर बहुत कन्फ्यूजन में वह फैसला ही नहीं कर पा रहा था कि जिया अच्छी लड़की थी या अजीब या फिर अच्छी खासी अजीब,,,,,,,,,,,,,,,,,!
डेस्टिनी ईशान की बातें सुनता रहा और फिर एकदम से उस पर भोंका , शायद डेस्टिनी को ये अंदाजा हो चुका था कि ईशान उसकी दोस्त जिया के बारे में बात कर रहा है। डेस्टिनी ईशान से पहले जिया का वफादार था इसलिए वह उसके बारे में गलत कैसे सुन सकता था ?
डेस्टिनी को भोंकते देखकर ईशान ने कहा,”हे ! डेस्टिनी तुम्हे क्या हुआ है ? मैंने तुम्हे बिस्किट खिलाया और तुम मुझ पर ही भोंक रहे हो। लगता है उस लड़की ने तुम्हे भी अपनी बातों में फंसा लिया। देखो डेस्टिनी तुम्हे ऐसे किसी पर भरोसा नहीं करना चाहिए,,,,,,,,,,,,,!!”
ईशान की बात सुनकर डेस्टिनी फिर भोंका तो ईशान ने कहा,”अच्छा बाबा ठीक है मैं नहीं करता उसके बारे में बात,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हाह इस शहर के पिल्ले भी जिया को जानते है,,,,,,,,,,,,,,,वैसे उसकी और डेस्टिनी की हरकतें काफी मिलती है,,,,,,,,,,,,,हीहीहीही काश वो यहाँ होती तो अपने इस दोस्त से मिल पाती जो कि उसी की तरह अजीब है,,,,,,,,,,,,,,,,,अजीब पिल्ला और अजीब जिया क्या कॉम्बिनेशन है,,,,,,,,,,,,,,,हाहाहाहा !!”
ईशान खुद से बात करते हुए हंस पड़ा वह भूल गया कि कुछ देर पहले जिया के बारे में बोलने वाला ईशान अब उसी की तरह खुद से बातें कर रहा था वो भी अजीबोगरीब बातें,,,,,,,,,,,,,,,,जिया से मिलते मिलते ईशान भी कुछ कुछ उसके जैसा होने लगा था।
ईशान को हँसते देखकर डेस्टिनी उसके इर्द गिर्द उछलने कूदने लगा। डेस्टिनी को खुश देखकर ईशान भी उसके साथ मस्ती करने लगा। इस वक्त उसके चेहरे पर ना परेशानी के भाव थे ना ही कोई दर्द बस वो बेवजह खुश था,,,,,,,,,,,,,,,,!!
अगली सुबह जिया ने सोफी से रेस्त्रो जाने को कहा और खुद देर से आने का कहकर घर से निकल गयी। जिया अपनी साइकिल लेकर सिटी सेंटर मॉल के सामने पहुंची। सुबह का वक्त था इसलिए मॉल और आस पास की दुकाने बंद थी बस सड़क पर इक्का दुक्का लोग टहल रहे थे। सुबह सुबह ठण्ड थी जिया ने लंबा जैकेट और गले में ऊनी मफलर डाला हुआ था।
ईशान वही खड़ा था और ठंड की वजह से अपने हाथो को आपस में रगड़ रहा था। ठण्ड से बचने के लिए उसने जैकेट पहन रखा था। ठण्ड की वजह से उसके गाल गुलाबी हो गए थे। जिया उसके पास आयी और कहा,”बिना नहाये भी तुम काफी हेंडसम लगते हो।”
ईशान ने सूना तो कहा,”क्या तुमने ये कहने के लिए मुझे इतनी सुबह यहाँ बुलाया था ?”
“अह्ह्ह नहीं ! मेरे पास तुम्हारे लिए कुछ है , मेरे साथ चलो।”,जिया ने कहा
“कहा ?”,ईशान ने पूछा
“तुम्हे मुझ पर भरोसा है न ?”,जिया ने ईशान की तरफ देखकर कहा
“नहीं,,,,,,,,,,!!”,ईशान ने एकदम से कहा बेचारी जिया का तो पोपट हो गया
“कोई बात नहीं धीरे धीरे हो जाएगा,,,,,,,,,,,,,,अब चलो हमे देर हो रही है।”,जिया ने ईशान का हाथ पकड़कर उसे अपने साथ ले जाते हुए कहा।
ईशान जिया को रोक नहीं पाया और कहा,”लेकिन हम जा कहा रहे है ?”
“सब बताती हूँ पहले चलो,,,,,,,!”,कहते हुए जिया अपनी साइकिल के पास आयी और सीट पर बैठकर ईशान को बैठने का इशारा किया। ईशान जिया के पीछे आ बैठा और वह उसे लेकर आगे बढ़ गयी।
कुछ देर बाद जिया ईशान को लेकर एक बंद पड़े घर के सामने पहुंची। ईशान नीचे उतरा और जिया से कहा,”अब बताओगी हम यहाँ क्यों आये है ?”
जिया ने साइकिल को स्टेण्ड पर लगाया और अपने दोनों हाथो को घर की तरफ करके कहा,”ताडान,,,,,,,,,,तुमने कहा था ना तुम्हारे लैंडलॉर्ड ने तुम्हे घर से बाहर निकाल दिया तो मैंने तुम्हारे लिए ये घर ढूंढा है।
तुम यहाँ आराम से रह सकते और मजे की बात ये है कि इसके लिए तुम्हे कोई किराया भी नहीं देना होगा ,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे शायद ये घर बहुत पसंद आया इसलिए तुम चुप हो ना ?”
ईशान ने घर को देखा वो घर कम और भूत बांग्ला ज्यादा लग रहा था , उस पर उस घर के आस पास कोई दुसरा घर भी नहीं था। ईशान ने खा जाने वाली नजरो से जिया को देखा तो जिया ने अपने दाँत दिखाते हुए कहा,”अह्ह्ह्ह बाहर से ये थोड़ा पुराना है लेकिन अंदर से ये काफी अच्छा है,,,,,,,,,,,,,,,सच में !”
जिया की बात सुनकर ईशान आगे बढ़ा तो जिया भी उसके साथ चली आयी। ईशान ने जैसे ही दरवाजे को खोला धूल और गर्द के साथ कुछ पक्षी उड़कर बाहर आये घबराकर जिया ईशान के पीछे आ छुपी और ईशान मन ही मन खुद को कोसने लगा कि वह जिया पर भरोसा करके यहाँ क्यों आया ?
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क्रमश – A Broken Heart – 32
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संजना किरोड़ीवाल
ईशान ने घर को देखा वो घर कम और भूत बांग्ला ज्यादा लग रहा था , उस पर उस घर के आस पास कोई दुसरा घर भी नहीं था। ईशान ने खा जाने वाली नजरो से जिया को देखा तो जिया ने अपने दाँत दिखाते हुए कहा,”अह्ह्ह्ह बाहर से ये थोड़ा पुराना है लेकिन अंदर से ये काफी अच्छा है,,,,,,,,,,,,,,,सच में !”
हाँ क्या तुम्हे नहीं लगता मैं सीरियस हूँ , मैं बहुत ज्यादा सीरियस हूँ।”,जिया ने सोफी के सामने बैठते हुए कहा
“तो फिर उस शाम तुमने मुझे रोका क्यों जब मैं उसे सच बताने वाली थी ?”,सोफी ने हैरानी से पूछा
“उसका अभी अभी ब्रेकअप हुआ है , मैंने उसे अभी ये बता दिया कि मैं उसे पसंद करती हूँ तो उसे लगेगा मैं उस पर लाइन मार रही हूँ। वैसे भी मुझे नहीं लगता मुझे इस बारे में उसे बताना चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,पहले मुझे उसका अच्छा दोस्त बनना होगा।”,जिया ने कहा