Sanjana Kirodiwal

A Broken Heart – 30

A Broken Heart – 30

A Broken Heart
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A Broken Heart – 30

ईशान का सपना टूट चुका था और उसी के साथ टूट चुकी थी उस की उम्मीद और उसका हौंसला,,,,,,,,,,,,,,,,,जब कोई इंसान बुरी तरह हारता है तो उसे सबसे पहले अपनी माँ की याद आती है , अपने घर की याद आती है। एयर पोर्ट के वेटिंग एरिया मे बैठे ईशान ने अपना फोन निकाला और अपनी मॉम का नंबर डॉयल किया।

कुछ देर रिंग जाने के बाद ईशान की मम्मी ने फोन उठाया और कहा,”हेलो इशू ! कैसे हो बेटा ? क्या तुम अपनी माँ से इतना नाराज हो कि बात करना तक जरुरी नहीं समझा,,,,,,,,,,,,,तुम्हारे डेड ने जो किया उसकी सजा तुमने अपनी माँ को क्यों दी ?”
“मुझे माफ़ कर दीजिये मॉम”,ईशान ने रोआँसा होकर कहा


“इशू तुम ठीक हो ना बेटा , तुम्हारी आवाज से पता चल रहा है कि तुम बहुत परेशान हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या अपनी मॉम को नहीं बताओगे बेटा ?”,ईशान की मॉम ने प्यार से कहा तो ईशान की आँखों में नमी उतर आयी
ईशान अपनी मॉम को परेशान करना नहीं चाहता था इसलिए अपनी आँखों के किनारे पोछते हुए कहा,”हाँ मॉम ठीक हूँ बस आपकी याद आ रही थी”


“तुम घर आ जाओ बेटा,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हारे डेड को मैं मना लुंगी।”,ईशान की मॉम ने कहा
“नहीं मॉम जब तक सब सही नहीं हो जाता मैं घर नहीं आना चाहता , आप कैसी है ?”,ईशान ने पूछा
“मैं ठीक हूँ बेटा , तुम अपना ख्याल रखना,,,,,,,,,,,,,!!”,ईशान की मॉम ने कहा
“हाँ मॉम और आप भी अपना ख्याल रखना , डेड को मत बताना कि मैंने फोन किया है वरना वो आप पर गुस्सा होंगे। मैं आपको फोन करता रहूंगा।”,ईशान ने कहा


“हम्म्म,,,,,,,,,,,,,तुम्हे जब भी लगे घर आना है तो बस चले आना ज्यादा सोचना मत।”,ईशान की मॉम ने कहा
“हाँ मॉम अभी मैं रखता हूँ।”,ईशान ने कहा और फोन काट दिया।
 अपनी मॉम से बात करके ईशान को अब थोड़ा अच्छा महसूस हो रहा था। उसने फोन जेब में रखा और अपनी फ्लाइट के लिए इंतजार करने लगा।

सुबह सुबह जिया तैयार होकर सोफी के साथ रेस्त्रो के लिए निकल गयी। रेस्त्रो आकर सोफी अपने काम में लग गयी और जिया कोई आर्डर देने रेस्त्रो से बाहर चली गयी। देवांश से सगाई होने के बाद से ही माया में काफी ऐटिटूड आ गया था। वह खुद को अब ऐड कम्पनी में सबसे ऊपर देखने लगी थी। पूरा स्टाफ माया के इस बदले व्यवहार से हैरान था। देवांश और मायाअक्सर साथ मिलकर कम्पनी को उंचाईयों पर पहुँचाने की बातें किया करते थे।

देवांश के एक दोस्त ने एक कॉन्सर्ट रखा था इसलिए ऑफिस खत्म होने के बाद देवांश ने माया से साथ चलने को कहा। माया ने देवांश को बाहर गाड़ी में इंतजार करने को कहा और खुद ऑफिस के वाशरूम में चली आयी। माया ने अपने बाल बनाये , मेकअप किया और होंठो पर गहरी लिपस्टिक पोत ली जिसमे वह काफी हॉट लग रही थी। उसने वन पीस पर पहने ब्लेजर को भी उतार दिया और वही वाशरूम की रेंक पर टांगकर बाहर चली आयी।


माया ऑफिस से बाहर आकर देवांश के बगल में आकर बैठी तो देवांश ने कहा,”तुम काफी अच्छी लग रही हो”
कहते हुए देवांश ने जैसे ही अपने होंठो को माया के होंठो की तरफ बढ़ाया माया ने उसके होंठो पर ऊँगली रख उसे पीछे करते हुए कहा,”वेट , मैंने अभी अभी मेकअप किया है तुम इसे खराब नहीं कर सकते।”
“ओके , अभी चले हमे देर हो रही है।”,देवांश ने गाड़ी आगे बढ़ाते हुए कहा


हँसते मुस्कुराते बातें करते देवांश और माया दोनी कॉन्सर्ट में पहुंचे। देवांश अपने दोस्तो के साथ बिजी हो गया और माया भी वहा कुछ लड़कियों से घुल मिल गयी और बातें करने लगी। सब काफी अच्छा चल रहा था कि एकदम से माया की नजर कॉन्सर्ट हॉल से बाहर जाती लड़की पर पड़ी।
“एक्सक्यूज मी,,,,,,,,!!”,माया ने साथ खड़ी लड़कियों से कहा और वहा से निकल गयी।


माया कॉन्सर्ट हॉल से बाहर आयी उसने जिया को बाहर खड़े देखा तो उसकी तरफ चली आयी। जिस दिन जिया ने मीटिंग रूम में माया की इंसल्ट की थी बस तब से ही माया जिया कि दुश्मन बन बैठी थी। वह जिया के पास आयी और कहा,”तुम यहाँ क्या कर रही हो ? जितना मुझे पता है ये एक बहुत ही अमीर आदमी का ऑफिस है और यहाँ तुम जैसे लोगो को एंट्री किसने दी मुझे तो सोचकर ही हैरानी होती है ?”


जिया ने माया को वहा देखा और नजरअंदाज करना ही बेहतर समझा। दरअसल जिया यहाँ किसी का आर्डर लेकर आयी थी और यहाँ खड़े होकर उसी का इंतजार कर रही थी। माया ने देखा जिया ने उसकी बात पर कोई रिस्पॉन्स नहीं किया है तो उसने अपने दोनों हाथो को बांधा और कहा,”वो सामने खड़ी ब्लेक गाड़ी देख रही हो वो देवांश ने मुझे गिफ्ट की है हमारी सगाई का गिफ्ट,,,,,,,,,,,,,,,क्या तुम कभी इतनी महंगी गाड़ी में बैठी हो , बैठना तो दूर तुमने कभी इतनी बड़ी और महंगी गाड़ी को सपने में भी नहीं देखा होगा।”


माया की इस बात पर जिया को गुस्सा तो आया लेकिन वह फिर भी चुप रही क्योकि वह माया के मुंह लगना नहीं चाहती थी उसने अपनी कलाई पर बंधी घडी में टाइम देखा। माया की नजर जब जिया की घडी पर पड़ी तो उसने जिया पर हँसते हुए कहा,”ये कितनी सस्ती लग रही है तुमने शायद इसे सड़क किनारे या फिर सेल से सस्ते में खरीदा होगा। मेरी तो घडी की कीमत भी तुम्हारी सेलेरी से ज्यादा है।”


जिया माया की तरफ पलटी और कहा,”हाँ ये घडी बहुत सस्ती है दरअसल मैंने इसे संडे मार्किट से खरीदा है वो भी सिर्फ 110 रूपये में और तुम्हारी घडी काफी महंगी है और खूबसूरत भी इसे शायद तुमने किसी ब्रांडेड शोरूम से खरीदा है जिसकी कीमत मेरी सैलेरी से तो ज्यादा ही होगी पर क्या तुम जानती हो इन दोनों घडियो का एक ही काम है और वह है टाइम बताना,,,,,,,,,,,,,,,,,इम्पोर्टेन्ट ये नहीं है कि सामान की कीमत क्या है इम्पोर्टेन्ट ये है कि वो हमारे कितना काम आता है।”


“ओह्हो बड़ी जबान चल रही है तुम्हारी,,,,,,,,,,,मेरे सामने तुम्हारी कोई औकात नहीं है ये जानती हो ना तुम”,माया ने जिया को लगभग घूरते हुए कहा
“हाँ अच्छा याद दिलाया तुम्हारे सामने मेरी कोई औकात नहीं है वो क्या है ना मैं अभी इतना भी गिरी नहीं हूँ कि पैसो के लिए अपने ही बॉस को अपना फियोंसी बना लू।”,जिया ने बहुत ही सहजता से अपने हाथो को बांधकर कहा


जिया की बात सुनकर माया गुस्से से आग बबूला हो गयी और कहा,”हाउ डेयर यू ? तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे बारे में ऐसे बात करने की ?”
“वैसे ही जैसे तुमने मेरी घडी को सस्ता बताया। तुम्हे ये हक़ किसने दिया कि तुम दुसरो के बारे में गलत बातें करो,,,,,,,,,,,,,,बेहतर होगा तुम अपने पैसो का शो ऑफ कही और जाकर करो मेरे पास तुम्हारी बकवास सुनने का टाइम नहीं है।”,जिया ने बेपरवाही से कहा


“तुम होती कौन हो मुझसे इस तरह बात करने वाली ?”,माया ने बौखलाते हुए कहा। वह जिया को इरिटेट करना चाहती थी और यहाँ खुद ही उसकी बातो से इरिटेट होकर चिल्ला पड़ी। जिया ने सूना तो मुस्कुरा कर माया की तरफ देखा और कहा,”क्या तुम चाहती हो मैं जोर से चिल्लाकर यहाँ सबको बता दू कि उस दिन ऐड कम्पनी की सीढ़ियों पर तुम किसी लड़के को किस कर रही थी और वो लड़का देवांश तो बिल्कुल नहीं था,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या तुम चाहती हो ?”


जिया की बात सुनकर माया एकदम से चुप हो गयी उसने देखा उसी वक्त अपने दोस्तों के साथ देवांश बाहर आया है तो माया ने धीमी आवाज में कहा,”देख लुंगी तुम्हे।”
“ओह्ह्ह्ह क्या मैं इतनी सुन्दर हूँ जो तुम मुझे बार बार देखना चाहती हो,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह मुझे शर्म आ रही है। वैसे मुझे देखने के लिए आस पास काफी लोग है तुम जाकर अपने फियोंसी को देखो।”,जिया ने कहा और वहा से चली गयी।


माया ने गुस्से में अपने पैर पटके और जिया को देखते रही। देवांशम माया के पास आया और उसके कंधे पर हाथ रखकर कहा,”हे बेबी तुम बाहर क्या कर रही हो ? क्या तुमने खाना खाया ?”
“नहीं और मुझे नहीं खाना”,माया ने गुस्से से झुंझला कर कहा


“व्हाट हेपन माया ? आर यू ओके ? कॉन्सर्ट में आने से पहले तो तुम्हारा काफी अच्छा था अब एकदम से तुम्हे क्या हो गया ?”,देवांश ने माया को गुस्से में देखकर पूछा तो माया और चिढ गयी


“ओह्ह्ह प्लीज देवांश,,,,,,,,,,,,जस्ट शट अप एंड जाओ यहाँ से,,,,!”,माया ने देवांश के दोस्तों के सामने ही उसे घुड़कते हुए कहा जिस से देवांश को अपने दोस्तों के सामने शर्मिंदगी होने लगी और वह गुस्से में माया को वहा छोड़कर चले गया।


जिया की वजह से माया का मूड खराब हो चुका था या यू कहा जाये कि माया ने जिया से बहस करके खुद ही अपना मूड खराब कर लिया। अँधेरा होने लगा था और देवांश भी अपनी गाड़ी लेकर वहा से जा चुका था। माया वहा से बाहर चली आयी उसने देखा देवांश की गाड़ी वहा नहीं है तो उसने देवांश को फोन किया लेकिन देवांश ने माया का फोन काट दिया जिस से माया और झुंझला उठी। उसने फोन अपने बैग में रखा और घर जाने के लिए ऑटो का इंतजार करने लगी।

इत्तेफाक से जिया अभी भी उसी बिल्डिंग में थी अपनी साइकिल लिए जिया जैसे माया के सामने से निकली उसे माया दिखाई दी और उसने अपनी साइकिल माया के सामने रोककर कहा,”क्या हुआ तुम्हारी महंगी गाड़ी तुम्हे लेने नहीं आयी,,,,,,,,,,,,,,,,शायद जिसने गिफ्ट की उसने वापस ले ली तो अब क्या तुम ऑटो से जाओगी ? आह्ह्ह्हह नहीं ऑटो से कैसे जा सकती हो वो तो तुम्हारे स्टेंडर्ड का भी नहीं होगा।”


माया ने सूना तो उसे थोड़ी देर पहले अपने कहे शब्द याद आ गए और उसे महसूस हुआ कि उसे दुसरो से मिली चीज पर इतना घमंड नहीं करना चाहिए था। माया को खामोश देखकर जिया ने कहा,”वैसे तुम चाहो तो मैं तुम्हे लिफ्ट दे सकती हूँ।”
“नो थैंक्यू ! तुम यहाँ से जा सकती हो।”,माया ने एक बार फिर घमंड भरे स्वर में कहा


“तुम्हारी मर्जी”,कहकर जिया अपनी साइकिल लिए आगे बढ़ गयी।
जिया मस्त अपनी साइकिल से रेस्त्रो की ओर जा रही थी तभी उसकी साइकिल का ब्रेक लूज हुआ और उसने अपनी साइकिल सामने बेंच पर सर झुकाकर बैठे लड़के में ले जाकर ठोक दी। जिया गिरते गिरते बची लेकिन जैसे ही उसने सामने देखा हैरान रह गयी। बेंच पर बैठा वो लड़का कोई और नहीं बल्कि ईशान ही था जो अपने बैग के साथ वहा बैठा था।

ईशान ने जिया को वहा देखा तो कहा,”क्या तुम हमेशा ऐसे ही गिरती पड़ती रहती हो ?”
“हे तुम यहाँ क्या कर रहे हो ? क्या तुम्हारे लैंडलॉर्ड ने तुम्हे फिर से घर से निकाल दिया है ?”,जिया ने अपनी साइकिल उठाते हुए कहा और ईशान के पास चली आयी
“अगर ये मजाक था तो मैं बता दू ये बिल्कुल भी फनी नहीं था।”,ईशान ने सीरियस होकर कहा


“अह्ह्ह्ह नहीं मैंने बस ऐसे ही पूछ लिया,,,,,,,,,,वैसे मैं सच में पूछना चाहती हूँ तुम यहाँ क्या कर रहे हो ? वो भी ऐसे अकेले,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने ईशान के बगल में बैठते हुए कहा
“मेरे पास रहने के लिए कोई जगह नहीं है और मेरे सारे पैसे भी खत्म हो चुके है।”,ईशान ने उदास होकर कहा आजकल वह जिया के सामने अपने मन की बात बोलने लगा था


“तो फिर तुम्हे अपने घर चले जाना चाहिए”,जिया ने कहा
“मैं अपने घर नहीं जा सकता,,,,,,,!”,ईशान ने सामने देखते हुए उदासी भरे स्वर में कहा
“ओह्ह्ह मैं समझ गयी तुम कुछ बनकर ही वापस घर जाना चाहते हो , एक फाइटर की तरह और ये काफी अच्छा है,,,,,,,,,,,तुम ये कर लोगे।”,कहते हुए जिया ने एक्साइटेड होकर एक मुक्का ईशान की बाँह पर मारा तो ईशान ने उसकी तरफ देखा

जिया झेंप गयी और अपने दाँत दिखाते हुए कहा,”माफ़ करना वो मैं कुछ ज्यादा ही एक्साइटेड हो गयी पर मुझे यकीन है तुम ये कर लोगे।”
जिया की बात सुनकर ईशान उसे एकटक देखने लगा इस पुरे शहर में एक जिया ही थी जो उस पर भरोसा करती थी। ईशान को अपनी ओर देखते पाकर जिया ने अपनी आँखे मिचकाई और हाँ में गर्दन हिलायी तो ईशान मुस्कुराया और सामने देखने लगा।

ईशान को मुस्कुराते देखकर जिया का मन ख़ुशी से भर गया। ईशान कुछ देर खामोश रहा और फिर कहा,”सबसे पहले मुझे अपने लिए घर ढूंढना होगा और उसके बाद एक नया जॉब,,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन मैं,,,,,,,,,,!!”
“लेकिन तुम अपने सपने को पूरा करना चाहते हो यही ना ?”,जिया ने एकदम से ईशान की बात बीच में काटते हुए कहा


ईशान ने सूना तो उसने हैरानी से जिया को देखा क्योकि उसने कभी जिया के सामने अपने सपने का जिक्र नहीं किया था।
“तुम्हे मेरे सपने के बारे में कैसे पता ?”,ईशान ने पूछा


“ओह्ह्ह क्या तुम सच में मुझे बेवकूफ समझते हो ? हर इंसान का एक सपना जरूर होता है जिसे वो अपनी जिंदगी में पूरा करना चाहता है तो तुम्हारा भी तो ऐसा कोई सपना होगा न ?”,जिया ने मासूमियत से कहा
“हम्म्म्म ठीक कहा,,,,,,,,,,,,,,,फिर तो तुम्हारा भी कोई सपना होगा ?”,ईशान ने पूछा


“अहम्म्म्म्म सपना तो है पर मुझे नहीं लगता वो कभी पूरा होगा।”,जिया ने सामने देखकर कुछ सोचते हुए कहा
ईशान उसके चेहरे की तरफ देखने लगा इस वक्त जिया एक छोटी मासूम बच्ची लग रही थी जिसके चेहरे पर ख़ुशी भरी चमक थी। ईशान उसे एकटक देखता रहा वह चाहकर भी जिया के चेहरे से अपनी नजरे नहीं हटा पाया।

अगले ही पल जिया एकदम से उठी और ईशान से कहा,”अभी मुझे जाना होगा मिस्टर दयाल और सोफी मेरा इंतजार कर रहे होंगे,,,,,,,,,,,,,कल सुबह मुझसे सिटी सेंटर मॉल के सामने मिलना हम घर देखने चलेंगे,,,,,,,,,,,,,,,मेरी नजर में तुम्हारे लिए एक बहुत अच्छा घर है। फिर मिलेंगे अपना ख्याल रखना,,,,,,,,,,,,!!”
जिया हाथ हिलाकर अपनी साइकिल लिए वहा से चली गयी और ईशान ने एक बार फिर अपना सर झुका लिया

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संजना किरोड़ीवाल 

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अगले ही पल जिया एकदम से उठी और ईशान से कहा,”अभी मुझे जाना होगा मिस्टर दयाल और सोफी मेरा इंतजार कर रहे होंगे,,,,,,,,,,,,,कल सुबह मुझसे सिटी सेंटर मॉल के सामने मिलना हम घर देखने चलेंगे,,,,,,,,,,,,,,,मेरी नजर में तुम्हारे लिए एक बहुत अच्छा घर है। फिर मिलेंगे अपना ख्याल रखना,,,,,,,,,,,,!!”
जिया हाथ हिलाकर अपनी साइकिल लिए वहा से चली गयी और ईशान ने एक बार फिर अपना सर झुका लिया

अगले ही पल जिया एकदम से उठी और ईशान से कहा,”अभी मुझे जाना होगा मिस्टर दयाल और सोफी मेरा इंतजार कर रहे होंगे,,,,,,,,,,,,,कल सुबह मुझसे सिटी सेंटर मॉल के सामने मिलना हम घर देखने चलेंगे,,,,,,,,,,,,,,,मेरी नजर में तुम्हारे लिए एक बहुत अच्छा घर है। फिर मिलेंगे अपना ख्याल रखना,,,,,,,,,,,,!!”
जिया हाथ हिलाकर अपनी साइकिल लिए वहा से चली गयी और ईशान ने एक बार फिर अपना सर झुका लिया

अगले ही पल जिया एकदम से उठी और ईशान से कहा,”अभी मुझे जाना होगा मिस्टर दयाल और सोफी मेरा इंतजार कर रहे होंगे,,,,,,,,,,,,,कल सुबह मुझसे सिटी सेंटर मॉल के सामने मिलना हम घर देखने चलेंगे,,,,,,,,,,,,,,,मेरी नजर में तुम्हारे लिए एक बहुत अच्छा घर है। फिर मिलेंगे अपना ख्याल रखना,,,,,,,,,,,,!!”
जिया हाथ हिलाकर अपनी साइकिल लिए वहा से चली गयी और ईशान ने एक बार फिर अपना सर झुका लिया

अगले ही पल जिया एकदम से उठी और ईशान से कहा,”अभी मुझे जाना होगा मिस्टर दयाल और सोफी मेरा इंतजार कर रहे होंगे,,,,,,,,,,,,,कल सुबह मुझसे सिटी सेंटर मॉल के सामने मिलना हम घर देखने चलेंगे,,,,,,,,,,,,,,,मेरी नजर में तुम्हारे लिए एक बहुत अच्छा घर है। फिर मिलेंगे अपना ख्याल रखना,,,,,,,,,,,,!!”
जिया हाथ हिलाकर अपनी साइकिल लिए वहा से चली गयी और ईशान ने एक बार फिर अपना सर झुका लिया

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