Shah Umair Ki Pari – 42
Shah Umair Ki Pari-42
शहर धनबाद में :-
अपने उजड़े हुए सपनो का बोझ लिए परी बोझल क़दमों के साथ उदास मायूस चेहरा आँसुओ से डबडबाये हुई सूजी आँखे लिए अपने मम्मी पापा के पास पहुँचती है ! आसिफ ने उसे पहले ही उमैर को जान से मरने की धमकी दी होती है जिससे वो चाह कर भी अपने मम्मी पापा को कुछ बता नहीं सकती है !
‘’अरे बेटा आ गये तुम लोग? बहुत देर कर दी आने में और परी बेटा तुम्हारी आँखे क्यों सूजी हुई है ? उमैर कहा है वो नहीं आया !” नदिया जी ने उनको आते देख कहा तो परी उनके गले लग कर रोने लगती है !
”अरे अरे क्या हो गया बेटा? तुम अचानक से रो क्यों रही हो ?” हसन जी और नदिया जी ने एक साथ कहा !
”वो अंकल असल में बात ऐसी है के उमैर के घर से फ़ोन आया के उसकी बहन की तबीयत बहुत खराब है इसलिए उसे वापस जाना पड़ा। साथ में जाते हुए उसने परी से कहा के वो उससे प्यार नहीं करता है उसकी रिस्ता पहले से ही कहि और लगा हुआ है । वो बस परी के साथ टाइम पास कर रहा था इसलिए यह रो रही है !” आसिफ ने कहा !
” मगर बेटा वो ऐसा कैसे कर सकता है? ऐसा लड़का तो वो मुझे बिलकुल भी नहीं लगा !” हसन जी ने कहा !
”वो कैसा लड़का है मैं अच्छे से जनता हूँ अंकल। छोड़िये यह सब एक खुशखबरी है आप सब के लिए !” आसिफ ने खुश होते हुए कहा !
”कैसी खुशखबरी बेटा ?” हसन जी ने पूछा !
”परी मुझसे शादी करने के लिए राज़ी हो गयी है और हम दोनों ने फैसला किया है के हम इसी हफ्ते में शादी करेंगे !” आसिफ ने कहा तो सब हैरत से एक दूसरे को देखते है और परी तो बस रोते ही जा रही होती है !
”परी बेटा यह आसिफ क्या कह रहा है ?” नदिया जी ने परी को खुद से अलग करते हुए पूछा !
”यह सच कह रहा है मम्मी उमैर ने मुझे धोखा दिया इसलिए मैंने फैसला किया, के मैं आसिफ से शादी करुँगी !” परी आँसू पोछते हुए कहा !
”बेटा अचनाक से कैसे फैसला कर लिया तुमने? हो सकता है उमैर की कोई मज़बूरी हो उसे कॉल लगाओ, मैं बात करती हूँ !” नदिया जी ने कहा !
” रहने दिजीए आंटी। अब कोई फायदा नहीं उसने जाते जाते अपने मोबाइल का सिम हमारे सामने निकाल कर पानी में फेंक दिया है !” आसिफ ने कहा !
”अच्छा चलो ठीक है। इस बारे में हम घर पर बैठ कर बात करेंगे पहले घर चलते है !” हसन जी ने कहा फिर वो परी को अपने साथ लिए गाड़ी की तरफ जाते है !
”कौन सा जादू सुंघा दिया इसे जो यह तेरे हाँ में हाँ मिला रही है !” रफ़ीक साहब ने आसिफ से पूछा !
”बस यूँ समझ लो पापा उड़ती चिड़या के पर काट डाले मैंने , उसकी जान मेरे पास बोतल में क़ैद है ! चलो चलते है पापा आप को शादी की तैयारियां करनी है के नहीं ?” आसिफ ने हँसते हुए कहा !
”यानी के वो लड़का एक जिन है जिसके लिए यह लड़की रो रही है !” रफ़ीक साहब ने कहा !
”हाँ पापा इस परी को भी अपनी दादी की तरह जिन से मोहब्बत हो गई है। मगर मैं क्या करू यह मेरी मोहब्बत है, इसे ऐसे कैसे आसानी से किसी का होने देता ?” आसिफ ने कहा !
”बेटा तू सुधर जा वरना फस जाएगा अपने दादा की तरह !” रफ़ीक साहब ने कहा !
”’ पापा अभी मैं कोई भी प्रवचन सुनने के मूड में नहीं हूँ चलो चल कर गाड़ी में बैठो !” आसिफ ने कहा फिर वो दोनों आकर गाड़ी में बैठ जाते है !
परी अपनी मम्मी के कांधे पर सर रख कर बस रोये जा रही होती है ! उसके आँसू रुकने का नाम ही नहीं ले रहे होते है बार बार उसे ख्याल आता है के काश वो यहां घूमने ही ना आती , काश वो आसिफ पर भरोसा ना करती और उसे उमैर के बारे में ना बताती तो आज उसका उमैर आज़ाद होता। ना जाने आसिफ उसके साथ क्या करेगा ? उसे कुछ हो गया तो मैं जी नहीं पाऊँगी !
”बेटा परी कितना रोयेगी? चुप हो जा बेटा मुझे तो समझ नहीं आ रहा उमैर हमसे बिना मिले कैसे चला गया ? इतनी क्या जल्दी थी उसे ?” नदिया जी ने कहा !
”मगर हसन जी समझ चुके होते है कि कुछ तो गलत हुआ है। वरना परी को उन्होंने इस तरह कभी रोते हुए नहीं देखा था !
आसिफ अपने कमरे में जाकर बोतल सामने रखता जिसमे उमैर क़ैद रहता है उसका गुलाम जिन भी वही पर हाज़िर रहता है, आसिफ उमैर के कपड़े की बनी बत्ती को जलाता है और कहता है ! ”बस तुम्हारी ज़िन्दगी के चालीस दिनों में बस अब 38 दिन और बचे है जिन जादे जैसे जैसे मैं हर रोज एक बत्ती जलाऊँगा तुम कमज़ोर होते जाओगे और मैं ताक़तवर !”
”आखिर मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है आसिफ ? मैंने और परी ने तो तुम्हे अपना दोस्त समझा था तुमने हमें धोखा दिया , तुम अपने अमल का इस्तेमाल किसी की ज़िन्दगी बर्बाद करने कर रहे हो, देखना कभी कामयाब नही होगे !” उमैर भारी आवाज़ में कहता है !
”तेरी गलती बस इतनी है के तूने मेरी मोहब्बत को मुझसे छीनने की कोशिश की। जब कि तू जानता था के मैं परी को कितना चाहता हूँ और तू मुझे सिखाएगा के क्या सही और गलत है ? तूने तो खुद क़ुदरत के खिलाफ जाकर एक इंसान से रिस्ता बनाया। वैसे तुझे एक बात और बताऊँ? सुनकर तेरा खून खौल उठेगा मगर तू मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता है !” आसिफ ने हँसते हुए कहा !
”तुम क्या करने वाले हो मेरी परी के साथ ?” उमैर ने कहा !
”तुम्हारी परी के होंठ बहुत रसीले है, अभी तक स्वाद आ रहा मेरे होठों में !” आसिफ ने उमैर को चिढ़ाते हुए कहा !
”बदज़ात तेरी इतनी हिम्मत तूने परी को छुआ जान से मार दूंगा तुझे , जान से मार दूंगा तुझे निकाल मुझे बाहर !” उमैर गुस्से में बोतल की दिवार पर मुक्के से बार बार मारते हुए कहता है !
”हाहा। अब कुछ नहीं हो सकता जिन जादे जितने हाथ पैर मारना है मारो। वैसे तुम्हे पता है उसने तो मुझसे शादी के लिए हाँ भी कह दिया। वैसे डांट वोर्री तुम्हे अपनी शादी की बिरयानी जरूर खिलाऊंगा !” आसिफ ने हँसते हुए कहा !
उमैर घुटनों में सर रख के रोता रहता है ! वो बूरी तरह से फस चूका होता है इस दुनिया में उसे बचाने वाला कोई नहीं और उसके दुनिया के लोग उसके हाल से बेखबर होते है !
रात को हसन जी और नदिया जी परी के कमरे में आते परी बेड पर बैठी सर घुटनों में दिए रो रही होती है !
”बेटा परी कुछ तो तुम हम से छुपा रही हो। तुम्हे मेरी कसम है बताओ !” हसन जी ने परी को अपनी कसम देते हुए कहा ! मगर वो खामोश रहती है !
” बेटा आखिर अचानक तुमने आसिफ से शादी के लिए हाँ क्यों कह दिया? क्या कोई ऐसी बात है जो तुम हमसे छुपा रही हो ?” नदिया जी प्यार से परी के सर पर हाथ फेरते हुए कहा !
”मम्मी पापा आज मैं आप लोग को सब सच बताउंगी। मगर आप लोग प्लीज आसिफ को कुछ मत कहना वरना वो मेरे उमैर को जान से मार देगा !” परी ने कहा
”मैं कुछ समझा नहीं बेटा साफ़ साफ़ कहो, भला आसिफ उमैर को क्यों मरेगा ?” हसन जी ने कहा !
”पापा असल में उमैर इंसान नहीं है। बल्की वो एक जिन है और मैं उससे बहुत प्यार करती हूँ। यह बात आसिफ को पसंद नहीं आयी और उसने धोखे से उमैर को बोतल में क़ैद कर के रख लिया है। मुझे धमकी दी के अगर मैंने उससे शादी नहीं की तो वो उमैर को मार देगा !” परी दर्द भरे आवाज़ में ने कहा !
”क्या कहा तुमने उमैर एक जिन है और तुम उससे प्यार करती हो ? बेटा तुम्हारा दिमाग तो सही है जिन से मोहब्बत करना सही नहीं है !” हसन जी ने कहा
”मैंने कहा था ना आप को के इसके कमरे से अक्सर भीनी खुश्बू और बात करने की आवाज़ आती है !” नदिया जी ने कहा !
”मम्मी पापा मोहब्बत तो कभी भी किसी से भी हो सकती है ! दिल पर कब किसी का जोर चला है ? एक इंसान के रूप में शैतान से मोहब्बत करने से अच्छा है के मैं एक जिन जो के फरिश्तों की तरह मासूम है उससे मोहब्बत करू !” परी ने कहा !
”मगर बेटा जिनो से रिस्ता रखना अच्छा नहीं होता है, समझो तुम। तुम्हारी दादी का वाक़्या पता है ना तुम्हे? आधी पागल हो गयी थी वो !” हसन जी ने कहा !
”मम्मी पापा मेरी मंगनी उमैर से उसके दुनिया में हो चुकी है और मैं उसे ही अपना सब कुछ मान चुकी हूँ ! ”परी ने कहा !
”तो क्या तुम उनकी दुनिया में भी जा चुकी हो ?” नदिया जी ने सवाल किया !
”हाँ मम्मी दो बार गयी हूँ मैं, उमैर की दुनिया में। बहुत ही खूबसूरत है उसकी दुनिया और वहां के लोग भी !”परी ने कहा !
”मगर बेटा ?” हसन जी कहते हुए रुक जाते है !
‘’पापा आप को पता है अगर उमैर नहीं होता तो आज हम भूखे मर रहे होते और आप अपने पैरों पर कभी चल नहीं पाते उसने आप की जान बचायी है और हाँ उमैर उन्ही का पोता है, जिससे दादी मोहब्बत करती थी। और मैं उमैर से इस आईने के जरिये मिली !” परी ने आईने की तरफ इशारा करते हुए कहा ! परी एक एक कर के सारी बातें अपने मम्मी पापा को बताती है !
‘’उस आसिफ की इतनी हिम्मत मेरी बेटी को छुआ उसने? जान से मार दुंगा उसे !” हसन जी ने गुस्से में कहा तभी दरवाज़े पर दस्तक होती है तो हसन जी जा कर दरवाज़ा खोलते है सामने आसिफ मुस्कुराता हुआ खड़ा होता है !
”अंकल मुझे मेरा नाम सुनायी दिया तो सोचा के क्यों ना चल के ही बात कर लूँ !” आसिफ ने मुस्कुराते हुए कहा !
”बदतमीज़ भरोसा किया था हमने तुझ पर और तूने क्या किया? तेरी हिम्मत कैसे हुई परी के साथ गलत करने की !” हसन जी ने आसिफ को तमाचा मारते हुए कहा !
” बुड्ढे तेरी इतनी हिम्मत के तू मुझ पर हाथ उठायेगा? तेरी बेटी एक जिन के साथ रातें काली कर रही थी, तब तो तुझे बुरा नहीं लगा और मैंने एक बार छुआ तो तेरी अंतर आत्मा जाग उठी? अच्छा लगता था तुझे व्हील चेयर पर देख कर। बल्की मैंने तो तुझे दुनिया से उठाने का इंतजाम भी किया था, मगर किस्मत से तू बच गया और फिर उस जिन ने तुझे ठीक कर दिया !” आसिफ ने हसन जी का कॉलर पकड़ते हुए कहा !
” आसिफ छोड़ो पापा को !” परी ने आसिफ का हाथ अपने पापा के कुरते की कॉलर से छुड़ाते हुए कहा ! आसिफ का यह रूप सब को हैरान कर रहा होता है !
” लो छोड़ दिया तुम्हारी तो हर बात माननी पड़ेगी, आखिर बीवी बनने वाली हो मेरी !” आसिफ ने कहा !
”तुम पापा को क्यों मारना चाहते थे ? उन्होंने क्या बिगाड़ा था तुम्हारा !” परी ने पूछा !
”क्यों के एक यही थे जो उस वक़्त मेरे और तुम्हारे बीच की दिवार बन रहे थे ! हाँ अंकल उस दिन आप ने क्या कहा था कि आसिफ ऐसा हाल रहा तो मेरी बेटी तुम्हे कभी पसंद नहीं करेगी , काली ज़ुबान बुड्ढे की है इसलिए अपने दोस्त से कह कर उड़ा दिया था ! फिर मुझे लगा चलो हॉस्पिटल में थोड़ी मदद कर दूँगा तो शायद मैं तुम्हे पसंद आ जाऊं मगर नहीं ! साला दिन रात पड़ा रहा तुम्हारे साथ हॉस्पिटल में। मैं रहा और तुम्हे मोहब्बत उस जिन से हो गई वाह !!” आसिफ ने हँसते हुए कहा !
” तुम किसी को खुद से जबरदस्ती प्यार नहीं करवा सकते? उस लायक बनना होगा तुम्हे ! बहुत ही गिरे हुए और घटिया किस्म के इंसान हो तुम। घिन आती है तुमसे !” परी ने कहा !
”लगता है तुम भूल गयी हो के तुम्हारी जान मेरे पास क़ैद है ! कोई बकवास नहीं ! कान खोल कर सुन लो तुम तीनो कल ही हमारी शादी होगी तैयारिया कर लो और अगर जरा सी भी चालाकी की
परी तुमने, तुम्हारे उमैर की लाश तुम्हारे कदमों में लाकर रख दूँगा !” आसिफ कहता है फिर वापस अपने घर चला जाता है !
”या अल्लाह ये कैसी मुसीबत सर पर आन पड़ी है हमारी? अब हम क्या करेंगे ? मैं तो आसिफ को बहुत अच्छा समझती थी मगर यह तो ” नदिया जी ने रोते हुए कहा !
”यह लड़का बहुत जुनूनी है जब यह परी के लिए मेरा एक्सीडेंट करवा सकता है तो यह कुछ भी कर सकता है !” हसन जी कहा !
”पापा उमैर को बचा लो पापा। आसिफ के पास एक भयानक शक्ल वाला गुलाम जिन है जिसके पास उमैर क़ैद है !” परी ने कहा !
”बेटा आसिफ अलीम है हम उससे मुक़ाबला नहीं कर सकते अब बस सब अल्लाह के हवाले सब्र रखो कोई ना कोई रास्ता जरूर निकलेगा !” हसन जी ने कहा !
”पापा कल वो मुझसे शादी करने वाला है और मैं उमैर के अलावा किसी और से शादी नहीं करुँगी !” परी कहते हुए फिर रोने लगती है !
”सही कहा था तुमने बेटा के शैतानी फितरत वाला इंसान ज्यादा खतरनाक होता है। एक फरिस्ते जैसे जिन के आगे ! उमैर ने एक फरिश्ते की तरह मेरी जान बचाई हमारे घर के हालात बहतर किये और आज वो खुद इन सब का शिकार बन बैठा है। मुझे नहीं लगता के वो तुमसे शादी कर के भी उसे आज़ाद करेगा !” हसन जी ने परेशान होते हुए कहा !
क्रमशः shah-umair-ki-pari-43
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Written By- Shama Khan
“रंज वा गम को मुझसे कुछ यूँ वफ़ा है ,
मैं कही भी रहूँ मेरा पता ढूंढ ही लेते है यह !“