Sanjana Kirodiwal

शाह उमैर की परी – 4

Table of Contents

Toggle

Shah Umair Ki Pari – 4

broken heartsymptoms of broken heart syndromewhat is broken heart syndromebroken heart syndrome symptomscan you die from broken heart

Shah Umair Ki Pari
Shah Umair Ki Pari-4

शाह उमैर की परी – 4
दूसरी दुनियाँ ‘’ ज़ाफ़रान क़बीला : –
कई दिन गुज़र गए है मैंने बाहर का नज़ारा नहीं देखा शहंशा की दी हुई काम ही इतने ज्यादा है के मैं उनके महल से बाहर नहीं निकल पाया ! आज बाहर घूम आता हु थोड़ा ! ” उमैर शहंशा के रूम की सफाई करते हुए कहता है !


उमैर अपने सारे काम निपटा कर महल से बाहर निकलता है और महल के क़रीब बने तालाब किनारे आकर बैठ जाता है ! थोड़ी देर ख़ामोशी से बैठे इधर उधर के नज़ारे देखता है फिर वो किनारे पे रखे हुए पत्थर उठा कर तालाब में मारता अचानक एक पत्थर उसका एक मछली को जा लगती है और मछली घायल होजाती है उसके जिस्म से खून बहने लगता है !!


”अरे माफ़ करना मैं अभी तुम्हे ठीक करदेता हु , मैंने देखा नहीं मैं तो पानी में पत्थर मार रहा था तुम्हे गलती से लग गया! ” यह कहते हुए उमैर तालाब में छलांग लगाता है और उस मछली को पकड़ कर अपने हाथ उसपे फेरता है उमैर की हथेलियों से एक रौशनी निकलती है और मछली के चोट ठीक होजाते है थोड़ी ही देर में वो मछली पहले की तरह होजाती है उमैर उसे पानी में दुबारा छोड़ देता है तो वो तालाब में खड़े उमैर के चारो तरफ चक्कर लगाती है !


अच्छा तो तुम्हारे जख्म अच्छे होगये तो खुश होरही हो चलो मैं भी थोड़ी देर तुम्हारे साथ खेलता हु वैसे भी काफी बोरियत महसुस होरहा है ! यह कह कर उमैर तालाब के अंदर छलांग लगाता है और एक मछली का रूप ले लेता है और उस मछली के साथ पुरे तालाब के चक्कर लगाता है !


” साफ़ निला और ठंडा पानी एक अलग ही सुकून का एहसास दिला रहा है! अब मैं चलता हूँ काम भी करने है महल के ” यह कह कर उमैर तालाब से बाहर निकलता है! जब वो अपनी असल हालत में पानी से बाहर आकर कपड़े झाड़ता है तो महल के बालकनी से मुस्कुराती हुई उसे मरयम दिखती है !


‘’ अरे बाप रे शहजादी मरयम ने मुझे देख लिया है रूप बदलते अब क्या होगा?! ‘’ उमैर मरयम से नज़रे बचाते हुए बाग़ में आकर सेब के पेड़ पर चढ़ कर बैठ जाता है और सेब तोड़ कर खाने लगता है !
अच्छा तो तुम पेड़ पर बैठे हो लगता है तुम्हे खेलना कूदना बहुत पसंद है ! ” मरयम पेड़ के करीब आकर कहती है!
”शहज़ादी आप यहा ” उमैर पेड़ से नीचे कुद कर खड़े होते हुए कहता है और हाथो को पीठ के पीछे कर के सेब को छुपाने की कोशिश करता है!


”तुम यहा क्या कर रहे हो? और जरा दिखाओ तुम्हारे हाथों में क्या छुपाया है तुमने? ” शहजादी मरयम उमैर के क़रीब आकर उसके हाथो को आगे करती है और उसके क़रीब आकर उसके हाथ से सेब लेलेती है!
” जैसे ही शहज़ादी उमैर के करीब आती है उसकी सांसें तेज़ होजाती है उमैर अपनी सांसों को सँभालते हुए कहता है ” शहज़ादी मरयम आप महरबानी कर के थोड़ी दुर खड़ी होकर बोले आप अगर चाहे तो मैं आप को सेब तोड़ कर देता हु ! ! ”


” बस तुम्हारा छोड़ा हुआ काफी है सेब, अच्छा यह बताओ के, क्या तुम मेरे साथ भी खेलोगे हर रोज? और मुझे पुरा कबीला घुमना है , इस तरह हमें एक दुसरे को जानने का वक़्त भी मिलेगा! मैं कभी अपने महल से बाहर नहीं गयी हु मुझे इजाजत नहीं है और हाँ याद रहे इस बात की भनक किसी को मत लगने देना के हम दोनों में दोस्ती होगयी है ! ”’ मरयम उमैर से लिए हुए सेब को मज़े से खाते हुए कहती है !


‘’जी मैं कैसे कर सकता हु आप से दोस्ती आप मालकिन है हमारी अगर शहंशा या मेरे अब्बा को पता चला तो मुझे सजा मिलेगी आप माफ़ करदे मुझे !’’ उमैर हाथ जोड़ कर इंकार करते हुए कहता है !


‘’मरयम नाम है हमारा और तुम मुझे आज से मरयम कहोगे कल इसी वक़्त अजाना बाग़ में मैं इंतज़ार करुँगी वरना तुम्हारी खैर नहीं और हाँ जब तक तुम या मैं किसी को बताएंगे ही नहीं तो किसी को कैसे पता चलेगा !’’ कहती हुई मरयम महल के अंदर चली जाती है!


उमैर बस ख़ामोशी से उसे जाते हुए देखता रहा ! मरयम के कपड़े बेहद शानदार जब वो चलती तो उसके पायल से इसतरह आवाज़ निकलती जैसे हज़ारों घुंगरू एक साथ बज रहे हो ! उमैर मरयम के जाते ही वापिस पेड़ पर चढ़ता है और एक मोटी शाख पे अपने सर के नीचे हाथ रख कर आँखे बंद कर के लेट जाता है ! और अपने ख्यालों की दुनियाँ में गुम होजाता है !


शहर धनबाद में :-
परी अपने घर का दरवाज़ा खटखटाती है !
”अरे परी बेटा तुम आगयी कैसी है तुम्हारी दोस्त संगीता ” नादिया जी दरवाज़ा खोलते हुए परी से पूछती है !
”जी मम्मी वो अच्छी है आप बताओ कैसा है अब आप के घुटनो और सर का दर्द ” परी जुते उतारते हुए पुछती है !
कैसे रहेंगे बेटा वैसे ही है बाम भी लगाया मगर कोई फायदा नहीं हुआ ! नादिया जी बुझे दिल से घुटनो पे हाथ रखे चेयर पर बैठती हुई कहती है !


चलो मेरे रूम में मैं आप के सर और पैर दोनों की मालिस कर देती हुँ करदेती हु !” परी अपनी मम्मी को अपने साथ कमरे में लेकर जाती है! मम्मी को अपने बेड पर लेटा कर वो मोबाइल चार्ज में लगाती है फिर मम्मी के रूम में जाकर तेल उठा कर लाती है !


बेटा पहले खाना खाले फिर मालिश करना मैंने और तेरे पापा ने खा लिया है ” नादिया जी बेड पे लेटे हुए कहती है !
अरे मेरी प्यारी माँ खा लुंगी पहले आप लाओ अपनी टांगे ” कहते हुए परी अपनी मम्मी के पैरों की मालिश करने लगती है !


” वाक़ई में बेटियाँ बहुत प्यारी और मासुम होती है माँ बाप का दुःख जरा सा भी नहीं देख पाती है घर से लेकर बाहर दोनों संभालती है ! ” हाय मेरी प्यारी बच्ची कहते हुए नादिया जी परी के दोनों गालो को चुमती है ! ”
” बस बस मेरी माँ अब अपना सर दो मसाज करदेती हु ! परी अपने दोनों हाथों से नादिया जी के गाल खिंचते हुए कहती है ! ”


मैं भी हु भाई तुम दोनों माँ बेटी सिर्फ एक दुसरे को ही प्यार करोगे या कुछ हिस्सा इस गरीब के भी हिस्से में आएगा ! ” हसन जी मुस्कुरा कर कहते हुए परी के कमरे में आते है !


” पापा आप तो मेरी जान हो चलो आज आप के सर का भी मसाज करदेती हु आप को मम्मी के पास पहले बैठा दु ! ” परी बेड से उतर कर अपने पापा को व्हील चेयर से उठा कर बेड पर बैठा देती है और प्यार से उनके दोनों गाल खींचती हुई कहती है मेरे प्यारे पापा फिर उनसे लिपट जाती है !
‘’ तुम दोनों बाप बेटी का प्यार करना खतम होगया हो तो मालिश करदो मेरे सर की बहुत तेज़ दर्द हो रहा है ” नादिया जी कहती है


” जा बेटा लगा दे अपनी मम्मी को तेल हमारा प्यार देख कर जल रही है ” हसन जी कहते है तो परी अपने मम्मी के सर में तेल डाल कर मसाज करने लगती है!
‘’मम्मी-पापा ये आईना आप को थोड़ा अजीब नहीं लगता मुझे तो लगता है इसमें दादी की आत्मा घुस गए है क्यों के सुबह में मैंने इसमें किसी लड़की को खड़े देखा था और मैं थोड़ी देर के लिए डर गयी थी ! ‘’ परी अपनी मम्मी के सर का मसाज करते हुए कहती है!


‘अरे बेटा तेरा वहम होगा तुम खुद को देख कर डर गयी आत्मा और भूत ऐसा कुछ नहीं होता यह तो बहुत ही खुबसूरत और शाही आइना है मेरी माँ की , उनको किसी ने तोहफे में दिया था और जरा अपना मोबाइल देना थोड़ी देर न्यूज़ देखलु ” हसन जी ने आईने की तरफ एक नज़र देखते हुए कहा !
” सच में तुझे दादी दिखी थी क्या ? हाँ आयी होंगी मुझे फिर से सताने ” नदियाँ जी हसन जी को चिढ़ाने के अंदाज़ में कहती है !


” मम्मी …… आप भी ना बहुत मज़ाक करते हो अब चलो हटो पापा को मोबाइल देदु फिर उनके भी सर तेल डाल दूँ ” परी कहते हुए उठती है पहले मोबाइल चार्ज से निकाल कर न्यूज़ लगा कर अपने पापा को देती है फिर तेल लेकर उनके सर का मसाज करने लगती है !


” ‘ हाँ बेटा तेरी माँ जब देखो मेरी माँ के पीछे पड़ी रहती है ! ना वो ज़िंदा थी तब सताती थी इसे और ना ही मरने के बाद सताएगी वो बेचारी तो अपने आखिरी सफर पे चली गयी बहुत प्यारी और सिधि थी मेरी माँ कभी किसी के साथ बुरा नहीं किया था उन्होंने ! ” परी के पापा आहे भरते हुए कहते है ! और परी के मोबाइल में न्यूज़ देखने लगते है !


” परी अपने पापा के सर में मसाज करते हुए मोबाइल में न्यूज़ भी देखरही होती है तभी उसकी नज़र फिर से आईने पे पड़ती है वो देखती है एक खुबसूरत नीले आँखों वाली लड़की उसकी तरफ मुस्कुरा कर देख रही है ”
”पापा – मम्मी देखो वो लड़की फिर दिखी मुझे ” परी आईने की तरफ इशारा करते हुए कहती है !


परी की आवाज़ सुनकर उसकी मम्मी हड़बड़ा कर उठ बैठती है और आईने की तरफ गौर से देखती है उसके पापा भी मोबाइल साइड कर के देखते है ” अरे बेटा मज़ाक करना अच्छी बात नहीं है हमे तो कुछ भी नज़र नहीं आरहा आईने में तो हमलोग ही दिख रहे है ! ” हसन जी बोलते है !


” हाँ पापा मैं सच कह रही मैंने अभी अभी फिर से एक लड़की को देखा था आप लोग यक़ीन करे मेरा और वो मुझे देख कर मुस्कुरा भी रही थी मगर पता नहीं अब नज़र नहीं आरही ! ” परी परेशान होकर कहती है !
” सच में तेरी दादी तुझे फिर दिखी कुछ कह भी रही थी किया ? कहि वो चुड़ैल तो नहीं बनगयी अब तो मैं गयी बेटा अल्लाह ही बचाये मुझे अब !” नादिया जी शरारती अंदाज़ में कहती है !


” बेगम तुम फिर मेरी माँ के पीछे पड़ रही हो कम से कम उनको तो लेकर मज़ाक मत किया करो ” हसन जी नाराज़ होते हुए कहते है !
परी बेचारी चुप बैठी उन्दोनो की नोक झोंक देखती रहती है उसे समझ आगया के उसके मम्मी पापा को यह सब मज़ाक लग रहा है ! मगर वो अच्छे से जानती थी उसने जो देखा था वो उसका वहम नहीं था !

broken heart died of a broken heart broken heart emojibroken heartbroken heartbroken heartbroken heart

Shah Umair Ki Pari – 4Shah Umair Ki Pari – 4Shah Umair Ki Pari – 4Shah Umair Ki Pari – 4Shah Umair Ki Pari – 4Shah Umair Ki Pari – 4Shah Umair Ki Pari – 4Shah Umair Ki Pari – 4Shah Umair Ki Pari – 4Shah Umair Ki Pari – 4Shah Umair Ki Pari – 4Shah Umair Ki Pari – 4Shah Umair Ki Pari – 4Shah Umair Ki Pari – 4Shah Umair Ki Pari – 4Shah Umair Ki Pari – 4Shah Umair Ki Pari – 4Shah Umair Ki Pari – 4Shah Umair Ki Pari – 4Shah Umair Ki Pari – 4Shah Umair Ki Pari – 4Shah Umair Ki Pari – 4Shah Umair Ki Pari – 4Shah Umair Ki Pari – 4

क्रमशः shah-umair-ki-pari-5

Previous Part – shah-umair-ki-pari-3

Follow Me On – instagram

Written By- Shama Khan

a https://sanjanakirodiwal.com/shah-umair-ki-pari-3/ https://sanjanakirodiwal.com/shah-umair-ki-pari-3/ https://sanjanakirodiwal.com/shah-umair-ki-pari-3/ https://sanjanakirodiwal.com/shah-umair-ki-pari-3/ https://sanjanakirodiwal.com/shah-umair-ki-pari-3/ https://sanjanakirodiwal.com/shah-umair-ki-pari-3/ https://sanjanakirodiwal.com/shah-umair-ki-pari-3/ https://sanjanakirodiwal.com/shah-umair-ki-pari-3/ https://sanjanakirodiwal.com/shah-umair-ki-pari-3/ https://sanjanakirodiwal.com/shah-umair-ki-pari-3/ https://sanjanakirodiwal.com/shah-umair-ki-pari-3/ https://sanjanakirodiwal.com/shah-umair-ki-pari-3/

Shah Umair Ki Pari

”अहमियत नहीं रखती कोई खुशियाँ इनके बगैर ,
माँ बाप से ही आबाद अपने दोनों जहाँ हैं !”

SHAMA KHAN

Exit mobile version