Sanjana Kirodiwal

रांझणा – 5

Ranjhana – 5

Ranjhana

Ranjhana By Sanjana Kirodiwal

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Ranjhana – 5

सारिका ओर शिवम का सफर शुरू हो चुका था l शिवम जहा जान चुका था कि डायरी में लिखी नज्में उसकी मैडम जी की है वही सारिका अभी अनजान थी कि जिस सफर में वो है वह कही न कही उसे उसकी मंजिल तक पहुचाने वाला है l
कानो में ईयर फोन लगाए सारिका ने एक के बाद एक रोमांटिक गाने सुन डाले l वही शिवम बस में सभी को अपनी कहानी सुनाने में लगा हुआ था l बनारस वाला लड़का तो अब तक उसका पक्का दोस्त बन चुका था l

सुबह 6 बजे सारिका की बस आगरा के बस स्टैंड रुकी l सारिका ने अपना पर्स ओर बेग सम्हाला ओर बस से नीचे उतर गई l सारिका का फोन बजने लगा फोन रश्मि का था सारिका ने फोन कान से लगाया और दूसरे हाथ से बैग सम्हाले आगे बढ़ ही रही थी कि सामने से आते लड़के से टकरा गई उसका फोन गिरते गिरते बचा l लेकिन पर्स हाथ से छूटकर नीचे गिर गया और उसमे रखा सामान बाहर गिर गया l


“रश्मि हम तुमसे बाद मे बात करते हैं”,कहते हुए सारिका ने फोन काटा ओर जेब मे रखकर लड़के की ओर गुस्से से देखते हुए कहा ,”ऐ मिस्टर देख के नही चल सकते आप ? मेरा सारा सामान गिरा दिया l उफ्फ एक तो इतनी धूप है यहां ऊपर से आप जैसे लोग देखकर नही चलते बस घुसे चले आते है …… ओह्ह हेलो आपसे बात कर रही हु मैं , क्या जबसे घूरे जा रहे है आप ? सुनाई नही देता बहरे है आप या फिर जानकर अनजान बन रहे हैं !! हम कबसे बोले जा रहे है कुछ जवाब क्यो नही दे रहे ?’,


लड़का बिना कुछ बोले नीचे झुका ओर सारिका के बैग का बिखरा सामान उसमे वापस रखकर बैग उसकी ओर बढ़ाते हुए कहा,”गलती आपकी थी”
“क्या हमारी गलती थी वाह , वाह वाह वाह क्या कमाल की एक्टिंग करते हो ना आप ? एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी”,सारिका ने गुस्से से कहा


“देखिए आप जब फोन कान से लगाये एक हाथ से अपना पर्स दूसरे से बैग सम्हाले फूल स्पीड में चली आ रही थी तब आपका ध्यान सामने न होकर कही और ही था और आप आकर मुझसे टकरा गई समझी आप”,लड़के ने भी सीना तानते हुए कहा l
“आप ना झूठ बोल रहे है”,सारिका ने कहा
“हा आपने तो जैसे सच बोलने का ठेका के रखा है”,लड़के ने कहा


“आप निहायती बेशर्म है”,सारिका ने गुस्से से अपना बैग उठाते हुए कहा
“ओर आप बदतमीज है”,लड़का भी कहा मानने वाला था
“दुआ करेंगे आपसे दोबारा मुलाकात ना हो”,सारिका ने लड़के को घुरते हुए कहा
“हम भी दुआ करेंगे आगे से आप देखकर चले”,लड़के ने अपना बैग सम्हालते हुए कहा
“ऐ मिस्टर !”,सारिका ने लड़के के सामने उंगली दिखाते हुए कहा


शिवम को ये कभी बर्दास्त नही था कि को उसे इस तरह उसे उंगली दिखाए उसने सरिका की उंगली नीचे की ओर कहा,”शिवम नाम है हमारा आप चाहे तो नाम से भी बुला सकती है , शरीफ घरों की लड़कियों को ऐसे बात करना शोभा नही देता”
सारिका को अपनी गलती का अहसास हुआ उसने उंगली नीचे कर ली l ये आज क्या हो गया था उसे क्यों वो इस तरह उस लड़के से बहस करने में लगी हुई थी l लड़का सारिका को वही छोड़कर आगे बढ़ गया l


सारिका भी वहां से निकलकर भुनभुनाते हुए बस स्टैंड से बाहर आई l सामने से आती ऑटो को रुकवाया ओर जब सामान रखने लगी तो दूसरी तरफ से शिवम भी आकर उसी ऑटो में बैठ गया l उसे देखते ही सारिका का मूड फिर बिगड़ गया और उसने शिवम पर बिगडते हुए कहा ,”ये टेक्सी पहले मैंने रुकवाई है”


“हा तो हमने कब कहा हमने रुकवाई है l इतनी जगह पड़ी है चाहो तो आप भी बैठ जाओ”,शिवम ने बेफिक्री से कहा
“आप निचे उतरिये पहले ओर ज्यादा स्मार्ट बनने की जरूरत नही है”,सारिका ने कहा


“मैं पहले से ही हु , देखिए मुझे अपनी मंजिल पर जल्दी पहुचना है बिना किसी देरी के , इसलिए आप चाहे तो साथ चल सकती है वरना दूसरा ऑटो ले लीजिए”,शिवम ने सहजता से कहा
“हुंह अगर जल्दी में नही होती न तो बताती तुम्हे”,मन ही मन खुद से कहकर सारिका भी उस ऑटो में आ बैठी ओर शिवम का गुस्सा ड्राइवर पर उतारते हुए कहा,”चलो भी”


सारिका को गुस्से में देखकर शिवम मुस्कुरा उठा और बाहर देखने लगा l ऑटो सड़क पर दौड़े जा रहा था और उसी के साथ दौड़े जा रहे थे दोनो के मन ,, शिवम को अपनी मैडम जी से मिलने की जल्दी थी और सारिका को यहां का काम जल्द से जल्द खत्म करके बनारस जाना था l अपने रांझणा को ढूंढने l दोनो एक दूसरे के आमने सामने होकर भी एक दूसरे को पहचान नही पाए l l
शिवम की नजर सामने सारिका पर पड़ी l सामने बैठी सारिका दूसरी ओर देख रही थी l

उदास आंखे , लंबे काले बाल , सुर्ख गुलाबी होंठ , गोल चेहरा , बालो की लट हवा से उड़ती हुई कभी उसके गालो को चूमती तो कभी सारिका अपनी नाजुक उंगलियों से उन्हें साइड कर लेती l एक पल के लिए शिवम उस चेहरे में खोकर रह गया l जब होश आया तो बाहर देखते हुए सोचने लगा,”नही शिवम मैडम जी के अलावा और कोई नही l वैसे भी ये इंतजार कुछ पल का है उसके बाद तो तू उनसे मिलने ही वाला है l

उस वक्त उनका रिएक्शन क्या होगा ? उन्होंने तो सोचा भी नही होगा 14 साल बाद हम फिर मिलेंगे !! बस वो पल जल्दी से आ जाये और फिर उन्हें जी भर के देख सकूंगा”

सारिका ने सामने देखा तो शिवम को खोये हुए पाया l पहली बार वो किसी को इतना गौर से देख रही थी l गोरा रंग , भूरी आंखे , सलीके से बनी दाढ़ी जिसमे वह बिल्कुल पंजाबी लड़के की तरह दिख रहा था हाथ लाल रंग का मन्नत का कोई धागा बंधा था l सामने के बाल इतने बडे की आंखो तक आ रहे रहे l सारिका एक पल के लिए उन आँखों मे जैसे डूबकर रह गयी l ऐसा लगता जैसे ये आंखे वो पहले भी देख चुकी हैं l

कितनी उदासी कितना खालीपन था उन आंखो में l सारिका को वो आंखे अपनी सी लगी वह एकटक उन्हें निहारने लगी l जब शिवम की नजर पड़ी तो वह झेंप गयी और दूसरी तरफ देखने लगी l

कुछ देर बाद ऑटो एक होटल के सामने आकर रुका l सारिका ने देखा तो उसे वह बहुत मामूली सा लगा l सारिका ने किसी को फोन लगाया और कहा,”आपने मेरे रहने के लिये ये जगह बुक की है”
“i am sorry मेम , फेस्टिवल्स की वजह से शहर के सभी होटल्स बुक है ये आखरी होटल था इसलिये अर्जेंट में बुक करना पड़ा प्लीज़ आप आज आज एडजस्ट कर लीजिए “,दूसरी ओर से आवाज आई
“ओके फाइन”,सारिका ने बेमन से कहा

सारिका ने देखा उसके साथ वाला लड़का वहां से जा चुका है l सारिका ने ऑटो वाले को पैसे दिए ओर अपना सामान सम्हाले होटल के अंदर आ गयी l होटल इतना भी बुरा नही था जितना सारिका उसे समझ रही थी l रिशेप्शन पर आकर सारिका ने अपने रूम की चाबी ली और लिफ्ट की ओर बढ़ गयी l कमरा नम्बर 407 4th फ्लोर पर था

सारिका लिफ्ट के सामने आई लिफ्ट बन्द होने ही वाली थी कि सारिका ने हाथ बीच में करके उसे रोक दिया और सामान उठाये अंदर आ गई l अंदर 5 6 लोग थे सारिका सबसे बेखबर थी l उसने जैसे ही अपनी दांयी तरफ देखा चोंककर कहा,”तुम ?
ये पहली बार था जब सारिका ने किसी को तुम बुलाया हो l
दांयी तरफ कोई और नही बल्कि शिवम ही खड़ा था l
“तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?”,सारिका ने चिढ़ते हुए कहा


“झूला झूलने आया हु”,लड़के ने बिना सारिका की ओर देखे सामने देखते हुए कहा
“वेरी फनी , तुम मेरा पीछा कर रहे हो ना”,सारिका ने उसकी बाँह पकड़कर अपनी ओर करते हुए कहा
“छूने के लिए थैंक्स”,लड़के ने शर्माते हुये कहा तो सारिका ने उसकी बाँह छोड़ दी
“मेरा पीछा क्यो कर रहे हो ?”,सारिका ने फिर अपना सवाल दोहराया l


“तुम पागल वागल हो क्या ? मैं क्यों तुम्हारा पीछा करूँगा l ओर हेलो तुम दुनिया की आखरी लड़की भी होती न तब भी मैं तुम्हारा पीछा तो दूर देखता भी नही”,शिवम ने कहा
“तुम समझते क्या हो खुद को ?”,सारिका ने गुस्से से कहा
“तुम क्या समझती हो खुद को , द क़वीन ऑफ द वर्ल्ड”,शिवम ने भी तनते हुए कहा
“तुम्हारे तो मुंह लगाना ही बेकार है”,सारिका ने कहा और सामने देखने लगी


“तो हमने कोनसा इनविटेशन दीया है लगने का”,लड़के ने भी सामने देखते हुए कहा l
“ओह्ह गॉड क्या टार्चर है ये लड़का भी ?”,सारिका ने बड़बड़ाते हुते कहा
“अजीब लड़की है खुद से ही बाते किये जा रही है”,शिवम ने भी बड़बड़ाते हुए कहा
सारिका गुस्से से शिवम को घूरने लगी तो शिवम ने कहा,”खा जाओगी क्या ?

ये बात सुनते ही सारिका के दिमाग मे 14 साल पूरानी बात घूमने लगी जो उस घाट वाले लड़के ने कही थी सारिका एकटक शिवम को देखती रही ओर सोचने लगी कि क्या ये वही है जिसकी मुझे तलाश है l शिवम ने उसके चेहरे के सामने हाथ हिलाते हुए कहा,”ओह्ह हेलो , घूरना बंद करो !!


शिवम की आवाज से उसकी तन्द्रा टूटी ओर वह फिर सोचने लगी ,”नही नही ये वो लड़का हो ही नही सकता कितना बदतमीज ओर अकड़ू है ये एक नम्बर का ,, वो कैसा भी हो पर इसके जैसा बिल्कुल भी ना हो”

लिफ्ट 4th फ्लोर पर आकर रुकी सारिका ने एक नजर शिवम पर डाली और लिफ्ट से बाहर निकलकर अपने कमरे की ओर बढ़ गयी l रूम में आकर सारिका ने बैग रखा उसे खोलकर कपडे निकाले और बाथरूम की और बढ़ गयी l नहाने के बाद सारिका को अच्छा लग रहा था l गीले बालो को तोलिये से पोछती हुई वह बाहर आयी और बालो को सूखाने लगी l तभी उसका फोन बजा सारिका ने फोन उठाया तो शाम की मीटिंग के लिए उसे टाइमिंग और वेन्यू बताया l सारिका ने ओके कहकर फोन काट दिया l

सारिका ने अपने लिए कॉफी आर्डर की और फिर लैपटॉप खोलकर मेल्स देखने लगी l वेटर कमरे में कॉफी रखकर चला गया l सारिका ने कॉफी ली और खिड़की के पास खड़ी होकर पीने लगी l सारिका सोच में डूबी हुई थी तभी किसी ने रूम का दरवाजा खटखटाया सारिका कॉफी का कप हाथ में थामे सारिका आई और दरवाजा खोला
“तुम ?”,सारिका ने चौंककर कहा
“आप ?”,दरवाजे के उस पार खड़े शिवम् ने कहा


“तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?”,सारिका ने उसे घूरते हुए कहा
“रूम नंबर 206 , आप तो हमारी पड़ोसन निकली”,शिवम् ने मुस्कुराते हुए कहा
“तुम्हे यही रूम मिला था , पता नहीं क्यों न चाहते हुए भी तुम बार बार मेरे सामने आ जाते हो”,बड़बड़ाते हुए सारिका ने जैसे ही दरवाजा बंद करना चाहा शिवम् बिच में बोल पड़ा
“अरे पड़ोसन जी सुनिए ना , दरअसल वो मेरा फोन गलती से उधर आपकी बालकनी की और गिर गया है आप कहे तो मैं…………..प्लीज़”,शिवम् ने मासूमियत से कहा l


सारिका को उसकी बात पर यकीन तो नहीं हुआ फिर भी उसने उसे जाकर फोन लेने को कह दिया और खुद वही दरवाजे के पास खड़ी उसके आने का इंतजार करने लगी l अगले ही पल शिवम् अपना फोन लेकर वापस आ गया और सारिका से कहा,”आप इतनी बुरी भी नहीं है जितना हमने सोचा था , by the way थैंक्स”
सारिका दरवाजे से जैसे ही हटने को हुई उसका पैर फिसला और कप में भरी कॉफी जाकर शिवम् के सफेद शर्ट पर जा गिरी l


“ये क्या किया आपने अभी अभी हमने आपकी तारीफ की और आपने…………….ये हमारी पसंदीदा शर्ट थी और आपने”,शिवम् ने गुस्से से कहा
“तुम्हारी गलती है तुम्हे देख के चलना चाहिए”,सारिका ने अपनी गलती छुपाते हुए कहा
“जी नहीं इस बार गलती आपकी है”,शिवम् ने कहा
“तो ?”,सारिका ने भी तनते हुए कहा


“तो अब सुधारेंगी भी आप ही”,शिवम् ने कहा
“मतलब ?”
“मतलब ये की इसे धोकर , सुखाकर , प्रेस करके आप हम देंगी”
“हम ऐसा बिल्कुल नहीं करेंगे”
“तो ठीक है जब तक आप ये नहीं करेंगी तब तक हम भी नहीं जायेंगे”,शिवम् ने बेड पर बैठते हुए कहा
सारिका गुस्से में उसके पास आई और कहा,”देखो हम शोर मचा देंगे और मैनेजर को बुलाएँगे”


“बुलाइये , जब लोग आएंगे हमे यहाँ आपके कमरे में देखेंगे तो बदनामी किसकी होगी ? एक लड़की के कमरे में लड़के को देखकर सब आपको ही गलत समझेंगे”,शिवम् ने सहजता से कहा
“ये हमने सोचा ही नहीं था , आखिर हम भी कहा फस गए”,सारिका मन ही मन सोचने लगी
“क्या सोच रही है ? शर्ट धोना पसंद करेंगी या……………………..!!!”,शिवम् ने सारिका को डराते हुए कहा
”धो देंगे हम , लाईये शर्ट निकालिये !!”,सारिका ने धीरे से कहा


“हे राम , सरे आम एक लड़के को शर्ट निकालने को बोल रही है”,शिवम् ने सारिका को छेड़ते हुए कहा
“देखिये अब आप बदतमीजी कर रहे है”,सारिका ने आगे बढ़कर शिवम् को ऊँगली दिखाते हुए कहा
शिवम् उठा और सारिका की आँखों में देखते हुए कहा,”थोड़ा सा बद्तमीज हु पर इतना भी नहीं की एक लड़की से अपनी शर्ट धुलवाऊ”


सारिका ने जब उसकी आँखों में देखा तो खो सी गयी l ये आँखे उसने पहले भी देखी थी l सारिका को खोया हुआ देखकर शिवम् ने उसके चेहरे के सामने अपना हाथ हिलाकर उसे चेताया l

सारिका की तंद्रा टूटी तो वह उसके सामने से हट गयी और कहने लगी,”हम पहले ऐसे कभी नहीं थे , सबसे अच्छे से पेश आते है पता नहीं क्यों आपके सामने ये सब i am sorry !!”


शिवम् ने सारिका का बदला रूप देखा तो हैरान हो गया l उसने कुछ नहीं कहा और चुपचाप कमरे से बाहर निकलकर अपने कमरे में आया l उसने शर्ट चेंज किया फिर रिसेप्शन पर फोन करके कमरे में एक कप कॉफी और एक कप चाय भिजवाने को कहा l कुछ देर बाद वेटर ऑर्डर ले आया l

शिवम् ने उसे रुकने को कहा उसने चाय वाला कप अपनी टेबल पर रखा और फिर एक पर्ची के साथ रूम नंबर 407 में दे आने को कहा l
वेटर ने 207 की बेल बजाई सारिका ने दरवाजा खोला सामने वेटर को देखकर कहा,”जी कहिये”
“मेम योर ऑर्डर”,कहते हुए वेटर ने कॉफी कप के साथ साथ वह पर्ची सारिका को दी और चला गया l सारिका दरवाजा बंद कर अंदर आई , उसने कप टेबल पर रखा और पर्ची को खोलकर पढ़ने लगी

“बेवजह आपको परेशान किया माफ़ी चाहता हु , हमारी वजह से आपकी कॉफी ख़राब हो गयी इसलिए दूसरी भिजवाई है पिलीजियेगा l
आपका नया पडोसी
रूम न. 406 “

सारिका ने पढ़ा तो उसके होंठो पर मुस्कराहट तैर गयी l उसने पर्ची को मोड़कर साइड में रखा और कॉफी पिने लगी l इस कॉफी में पहले वाली कॉफी से ज्यादा मिठास थी l कॉफी पीकर सारिका कुछ देर के लिए लेट गयी , सफर की थकान की वजह से सारिका को नींद आ गयी l उधर कार्तिक भी नहाने के बाद बाहर घूमने निकल गया उसे नीदं का कहा आने वाली थी उसे तो अपनी मेडम जी से मिलने का इंतजार था l दिनभर वह आगरा की अच्छी अच्छी जगह पर घूमता रहा l उसने घड़ी में समय देखा शाम के 4 बज रहे थे l

वह होटल की और भागा जल्दी जल्दी तैयार हुआ और स्टूडियो के लिए निकल पड़ा जहा उसकी मैडम जी आने वाली थी l स्टूडियो पहुंचकर उसने भीड़ देखी तो उसकी आँखे चुंधियाने लगी बड़े से हॉल में लोग उस गुमनाम हस्ती के इंतजार में खड़े थे l शिवम् भी भीड़ में शामिल हो गया l शिवम् बहुत खुश था इतने सालो बाद वह अपनी अनदेखी मोहब्बत को देखने वाला था l भीड़ के धक्के खाता हुआ वह आगे जाने की कोशिश करने लगा लेकिन कामयाब नहीं हो पाया l उसने देखा अकेला वही नहीं बल्कि उसकी तरह कितने ही उसके दीवाने थे l

स्टूडियो से पीछे बने केबिन में सारिका सोफे पर बैठी मैगजीन के पन्ने पलट रही थी l अंजना जिसे सारिका का इंटरव्यू लेना था केबिन में आयी और बड़ी गर्मजोशी से सारिका से हाथ मिलाया l सारिका को अपना परिचय देने के बाद अंजना सामने खाली पड़े सोफे पर बैठ गयी और कहा,”सबसे पहले तो मैं आपको बताना चाहूंगी की मैं आपकी बहुत बड़ी फैन हु , मैंने आपकी हर नज्म , हर कविता पढ़ी है और मैं सिर्फ इतना कह सकती हु की “वॉव !! क्या लिखती है आप”


सारिका – थैंक्यू अंजना जी !! आपसे मिलकर बहुत अच्छा लगा l
अंजना – थैंक्स टू यू मेम वक्त निकालकर आप यहाँ आई ये हमारे लिए बहुत खुशी की बात है l हजारो में नहीं बल्कि लाखो में आपके फेन्स स्टूडियो के हॉल में आपका इंतजार कर रहे है l
सारिका – अंजना जी सॉरी फॉर दिस लेकिन हम उन लोगो के सामने नहीं जा सकते l


अंजना – व्हाट हैपेंन मेम , आप ऐसा क्यों कह रही है ? देखिये इस भीड़ को ये सब सिर्फ आपकी एक झलक के लिए यहाँ सुबह से खड़े है l कोई समस्या है तो आप मुझसे कह सकती है पर प्लीज़ इस तरह से इनका दिल मत तोड़िये l
सारिका – आई ऍम सॉरी अंजना जी , हम मजबूर है l हमने इन सबसे , आपसे , और हमारी लिखी नज्मो को पढ़ने वाले सब लोगो से एक झूठ कहा है l
अंजना – कैसा झूठ मेम ? (हैरानी से)


सारिका – ये जो नज्मे आप लोग अब तक पढ़ते आये है ये हमने नहीं लिखी
अंजना – क्या ? क्या आप सच कह रही है ? (अंजना जैसे ऊंचाई से गिरी हो)
सारिका – जी हां अंजना जी वो सब नज्मे हमारी नहीं है , हमे लिखने का शौक कभी नहीं था ना अब है पर किसी के वो नज्मे पोस्ट करते थे ताकि जिसे हम ढूंढ रहे है वो हमे मिल जाये l


अंजना – आप मुझे बहुत रहस्य्मयी लग रही है सारिका जी l आप जानती है ये बात सुनकर आपके सभी चाहने वालो का दिल टूट जाएगा l
सारिका – जानते है अंजना जी इसलिए तो आज यहाँ सच बोलने आये है लेकिन ये सच परदे में रहकर कहेंगे क्योकि हमे जिसकी तलाश है वो जब तक हमे मिल ना जाये हम सबके सामने नहीं आ सकते
अंजना – लेकिन मेम इस तरह किसी और की नज्मे पोस्ट करना गलत है


सारिका – नहीं अंजना जी किसी की लिखी हुई नज्मो को अपने नाम से बताना गलत है , पर हमने जो नज्मे आप लोगो के सामने रखी वो हमे किसी की तरफ से मिला तोहफा है जिन्हे आज से पहले उनके और हमारे अलावा किसी ने नहीं पढ़ा था
अंजना – फिर तो वो आपकी अमानत हुई l
सारिका – जी अपना समझकर ही उन्हें आप सबके सामने रखा l


अंजना – बहुत अच्छा मेम , तो फिर इंटरव्यू के लिए तैयार हो जाईये (ख़ुशी से भरकर)
सारिका – सच जानने के बाद भी आप हमारा इंटरवयू लेना चाहती है
अंजना – सच बोलने की हिम्मत आपकी तरह सब में नहीं होती है मेम , नाम और फेम पाने के लोग किस हद तक झूठ बोल जाते है , लोगो को धोखे में रखते है लेकिन आपने बिना परवाह किये एक झटके में अपना सच सबके सामने रख दिया l मुझे आपका ये अंदाज बहुत पसंद आया l


सारिका – थैंक्यू ! हमने कभी नहीं सोचा था की लोग इन नज्मो को इतना पसंद करेंगे l आज हमे अहसास हुआ की वो तोहफा देकर उन्होंने कुछ गलत नहीं किया l
अंजना – सारिका जी बहुत इंट्रेस्टिंग रहेगा आपके बारे में जानना सो शुरू करते है और उस से पहले मैं हॉल में अनाउंसमेंट करवा देती हु l
सारिका – जी जरूर !!

अंजना सारिका को वही छोड़कर बाहर हॉल में आई और माइक लेकर कहने लगी,”लेडीज एंड जेंटलमेन दिल थामकर बैठ जाईये क्योकि अब तक जिन नज्मो को आपने सिर्फ पढ़ा है आज उन्हें उन्ही की आवाज में हम सब सुनने जा रहे है l जी हां हमारी “बेनाम लेखिका” जी जिन्होंने आप सबके साथ साथ मेरी भी नींदे उड़ा दी थी वो हमारे बिच आ चुकी है”


सारा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा l शिवम् की आँखे तो बस अपनी मैडम जी को देखने को बेताब थी तोहफे को सम्हाले शिवम् वही खड़ा उस पल का इंतजार कर रहा था l अंजना ने सबको शांत करवाया और कहने,”जैसा की हमारी लेखिका जी शुरू से गुमनाम रही है वैसे ही वे आज भी गुमनाम रहकर अपने बारे में बहुत कुछ बताना चाहती है”
इतना सुनते ही सबके चेहरे उतर गए l


अंजना आगे कहने लगी,”आप सबके लटके चेहरे देखकर मैं खुद उनसे रिक्वेस्ट करुँगी की वे एक बार आप सबके सामने जरूर आये l तो तैयार हो जाईये उस पल के लिए l आप उन्हें भले देख ना पाए पर उनकी खूबसूरत आवाज में उन्हें सुन सकते है महसूस कर सकते है l “
अंजना वहा से चली सारा हॉल एक बार तालियों से गूंज उठा l सभी अपनी अपनी सीटों पर बैठ गए l शिवम् भी तोहफे को गोद में रखे दिल थामकर बैठ गया और मन ही मन सोचने लगा,”उनसे मिलकर बस एक बार उन्हें ये तोहफा दे दू !!

वो स्टेज वाली मेडम से रिक़्वेस्ट करूंगा वो मेरी बात जरूर समझेगी l अगर मैडम जी ने मुझे पहचान लिया तो मैं उन्हें सारी बातें बता दूंगा जो अब तक उन्हें लेकर महसूस की है l पर उनके बारे में तो मैं कुछ भी नहीं जानता इतने सालो में उनकी जिंदगी में कोई और आ गया……………………नही नहीं ऐसा नहीं हो सकता l वो ऐसा नहीं करेगी …………. लेकिन क्यों नहीं करेगी अब तक तो वे सारी बातें भूल चुकी होंगी l ये सब मत सोच शिव !! ना सोचने से क्या होगा सच बदल तो नहीं जाएगा l “

शिवम् अपने ही ख्यालो में उलझ कर रह गया l

अंजना एक बार फिर केबिन में आई l सारिका और अंजना दोनों आमने सामने थी l सारिका दिल और दिमाग दोनों से इस सफर के लिए तैयार थी l अंजना ने माइक सेट किये , केबिन में अंजना और सारिका के अलावा और कोई नहीं था अंजना खुद को बहुत लकी मान रही थी जो उसे इस “बेनाम लेखिका” को इतने करीब से देख पा रही थी l उसने माइक टेस्टिंग की और इंटरव्यू शुरू किया

अंजना – नमस्ते लेखिका जी
सारिका – नमस्ते ! सबसे पहले तो हम आपका और अपने सभी चाहनेवालो का शुक्रिया अदा करना चाहेंगे , जिन्होंने हमे इतना प्यार और सम्मान दिया l आज की ये खूबसूरत शाम हमारे चाहने वालो के नाम

शिवम् जो की सर झुकाकर बैठा था जैसे ही सारिका की आवाज उसके कानो में पड़ी एक पल को उसका दिल जैसे धड़कना बंद हो गया l इतनी खूबसूरत आवाज थी वो , एक ठहराव एक परिपक्व अहसास था उस आवाज में जिसमे शिवम् खोने लगा था l शिवम् के साथ साथ बाकि सब भी अपना दिल थामकर बैठ गए l

अंजना – लेखिका सबसे पहले तो हम सब आपका नाम जानना चाहेंगे साथ ही जानना चाहेंगे आपके अपना नाम छुपाने की वजह ?

सारिका – अंजना जी मुझे “बेनाम” ही रहने दीजिये l

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संजना किरोड़ीवाल

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