Ranjhana – 49
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Ranjhana By Sanjana Kirodiwal
Ranjhana – 49
सारिका ने शिवम् से निचे चलने को कहा और छह का दरवाजा हौले से बंद कर दिया जिससे कोई और ऊपर ना जा सके ! सारिका शिवम् के साथ निचे चली आई l अमित , मेहुल और रश्मि सारिका को शिवम् के साथ देखकर मंद मंद मुस्कुरा रहे थे शिवम उनमे शामिल हो गया और सारिका अपने कमरे की और बढ़ गयी l अंदर आकर उसने जल्दी बेड पर तकिये रखे और उसे कम्बल ओढ़ा दी जिससे कोई पूछे तो वह अनु के लिए झूठ कह सके l
सारिका कमरे का दरवाजा हल्का सा बंद करके निचे आ गयी और सबके बिच आकर बैठ गयी शिवम् ने उसकी तरफ देखा तो सारिका ने आँखों ही आँखों में सब ठीक होने का इशारा कर दिया l सभी बाते करने लगे l
“सारिका बेटा अनु कहां है ? कबसे दिखाई नहीं दे रही है”,अधिराज जी ने सारिका से पूछा
“जी वो अनु हमारे कमरे में सो रही है , सर में थोड़ा दर्द था इसलिए जल्दी सो गयी”,सारिका ने पहली बार झूठ कहा था
“सर दर्द हो रहां है , पर उसने हमे बताया क्यों नही ? हम अभी उस से मिलकर आते है”,अधिराज जी जैसे ही जाने लगे सारिका उनक सामने आ धमकी और उन्हें रोकते हुए कहा,”पापा वो हमने उसे दवा दे दी है , अभी नींद में है आप सुबह मिल लीजियेगा , अभी उसे डिस्टर्ब होगा”
“हम्म्म ये आपने अच्छा किया उसे दवा दे दी ! आप लोग बाते करो कुछ चाहिए हो तो भिजवाऊ”,अधिराज जी ने सारिका के गाल को छूकर कहा l सारिका ने मुस्कुराकर कहा,”कुछ चाहिए होगा तो हम माँ से कह देंगे , और आप ज्यादा मत पीजिये”
“आज तो हमे कोई नहीं रोकेगा सरु , ख़ुशी का दिन जो है हमारे लिए”,अधिराज जी ने कहा
“आपसे कुछ मांगे !”,सारिका ने मासूमियत से कहा
“मांगने से पहले ही दिया बताओ क्या चाहिए ?”,अधिराज जी ने प्यार से कहा
“हमारी माँ हमे हमेशा सरु कहकर ही बुलाती थी , क्या आप भी आज के बाद हमे इस नाम से बुलाएँगे ! हमे अच्छा लगेगा”,सारिका ने कहा l
अधिराज जी ने सारिका को सीने से लगाकर कहा,”हमारी वजह से बहुत दिल दुखा है न आपका , पर आज के बाद आप जैसा चाहेगी वैसा ही होगा ! आप चाहती है हम आपको सरु कहकर बुलाये लेकिन आज से हम आपको हमारी राजकुमारी कहकर बुलाएँगे , ऐसी राजकुमारी जिसने हमेशा अपने पापा का सर गर्व से ऊँचा किया है”
अधिराज जी भावुक हो गए और सारिका की आँखो में भी नमी उतर आई तो रश्मि ने कहा,”क्या अंकल अभी सारिका की शादी भी नहीं हुई है और आप दोनों विदाई की रस्म निभाने लगे”
रश्मि की बात सुनकर सब हंस पड़े अधिराज जी ने आँखों की नमी पोछी और बाहर निकल गए l सारिका और शिवम् वही सबके साथ बैठकर बाते करने लगे रात का 1 बज रहा था शिवम् को मुरारी का ख्याल आया उसने जेब से फोन निकालकर देखा तो उस पर मुरारी के कितने सारे मेसेज और मिस्ड कॉल थे l
साइलेंट होने के कारण शिवम् को कुछ पता नहीं चला l घर से भी कई फोन आये हुए थे l इंदौर आने से पहले मुरारी ने आई को सब बता जो दिया था शिवम् ने राधिका को मेसेज कर दिया की सुबह बात करेगा l इतनी रात को फोन करके वह सबको परेशान करना नहीं चाहता था l मुरारी के मेसेज खोलकर देखे तो वो कुछ यु थे
-: भैया तुमरे चक्कर में दोपहर से कछु नहीं खाये है l ऊपर से ऐसी जगह फंसे है की चाहे तो भी नहीं खा सकते l हो सके तो कछु भिजवाय दयो !
-: अरे सुन रहे ह की नहीं , मतलब हम यहाँ भूख से बिलबिलाय रहे है और तुमको वहा आशिक़ी सूझ रही है !
-: हां हां सही है तुम काहे ध्यान दोगे अब , भाभी मिल गयी तुमको अब हमरा का काम
-: अरे कछु तो भेजो यार , एक तो शरीर में ऐसे ही जान नहीं है ऊपर से इह मोटी हमरी गोद में घोड़े बेच के सोय रही है !
-: लगता है तुम नहीं सुनने वाले
-: हमरी किस्मत ही ख़राब है , अरे इस से तो अच्छा बनारस था वहा आई भले गालिया दे पर खाना तो दे ही देती थी आखिर में , अरे सुन रहे हो या अभी से बीवी का पल्लू पकड़ के बैठ गए
-: औरत के मिलते ही आदमी की बुद्धि भ्र्ष्ट होय ही जाती है ! करो एन्जॉय !
-: अब नहीं कहेंगे तुमको , साला हमरी भी कोनो सेल्फ रिस्पेक्ट है
-: …………………………….
-:……………………………….भैया
-: कसम से बहुते जबर भूख लगी है ! अरे एक आध फल ही दे दयो
-: अरे इधर ही भूख से मर मरा गए ना तो साला तुमरे बच्चो को तुमरी प्रेम कहानी कौन सुनाएगा ?
-: लगता है नहीं सुनोगे , चलो जब मन करे तब आ जाना ,, हर हर महादेव !!
बेचारा मुरारी कितने मेसेज किये लेकिन शिवम् ने अब जाकर देखे वह उठा और किचन से एक प्लेट में खाना लेकर आया l जैसे ही सीढ़ियों की तरफ जाने लगा अमित ने टोक दिया,”अरे शिवम् इतनी रात को खाना लेकर कहा जा रहे हो ?”
“वो का है न हमको भूख लगी तो , आप सबके सामने खाने में शर्म आ रही थी इसलिए ऊपर छत पर जा रहे है”,शिवम् ने कहा l छत का नाम सुनकर सारिका समझ गयी की ये खाना मुरारी के लिए है l
अमित को शिवम् की बात पर हंसी आ गई तो उसने कहा,”तो ऊपर जाने की क्या जरूरत है यहाँ बैठो ना आराम से हम सब लोग तो वैसे भी अब सोने जा रहे है l क्यों मेहुल ? बाकि तुम और सारिका तो ठहरे लव बर्ड्स तुम दोनों को कहा नींद आएगी ?”
अमित की बात सुनकर शिवम् झेंप गया और आकर सोफे पर बैठ गया l अमित और मेहुल गेस्ट रूम की तरफ बढ़ गए l रश्मि सारिका के कमरे की तरफ जाने लगी तो सारिका ने कहा,”रश्मि रुक हम भी आते है”
“अरे तुम क्यों आ रही हो ? तुम यही रुको ना शिवम् के पास”,रश्मि ने कहा
“अगर हम नहीं आये तो बहुत बड़ी गड़बड़ हो जाएँगी”,सारिका ने मन ही मन रश्मि के पास आते हुए कहा और फिर बोली,”वो हमे कुछ जरुरी काम याद आ गया है तू चल हम बताते है” l सारिका रश्मि को साथ लेकर चली गयी और जाते जाते शिवम् की और ऊपर जाने का इशारा कर गयी l शिवम् खाने की प्लेट लेकर चला गया l रश्मि थकी हुई थी इसलिए उसने ध्यान नहीं दिया और जाकर लेट गयी l
शिवम् खाना लेकर मुरारी के सामने आया , शिवम् को वहा देखकर मुरारी को बहुत ख़ुशी हुई शिवम् मुस्कुराते हुए उसे ही देख रहा था l अनु का सर मुरारी की गोद में था , उसने दोनों हाथो से मुरारी के हाथ को थामा हुआ था और मुरारी का दूसरा हाथ उसके सर पर था l शिवम को मुस्कुराते देखकर मुरारी झेंप गया और कहा,”अरे भइया खड़े काहे हो बैठो ना”
शिवम् मुरारी के बिल्कुल सामने बैठ गया और कहा,”हम तो सुने थे जब लोग प्यार में होते है तो उनको भूख प्यास नहीं लगती” l
मुरारी ने शिवम् की और देखा और बेसब्री से कहा,”अरे उह सब फ़िल्मी बातें है , प्यार हम बाद में कर लेंगे पहले खाना दो भूख के मारे प्राण निकले जा रहे हमरे”
“वो तो ठीक है पर खाओगे कैसे ? तुमरे तो दोनों हाथ बिजी है l रुको हम ही खिला देते है”,कहकर शिवम ने एक निवाला तोड़ा और मुरारी की और बढ़ा दिया l मुरारी गप करके खा गया l शिवम् एक के बाद एक निवाले मुरारी को खिलाता गया और फिर कहा,”सबसे पहले तो इह बताओ इह यहाँ कर क्या रही है ?”
“अरे बहुते बड़ी कहानी है , मालूम है यहाँ अकेले में बैठ के बियर पिय रही”,मुरारी ने खाते हुए कहा
“क्या बात है मुरारी ? पियक्कड़ निकली तुम्हारी दुल्हनिया तो”,शिवम् ने छेड़ते हुए कहा
“अब तुम न ज्यादा मजाक ना उड़ाओ , माना के एक बुरी आदत है पर बाकि सब तो अच्छी है ना”,मुरारी ने कहा
“अच्छा और वो अच्छी आदते कोनसी है बताना जरा……………!”,शिवम् ने अगला निवाला खिलाते हुए कहा l
“अच्छी आदते………………!!”,मुरारी सोचने लगा
“हां हां अच्छी आदते बताओ क्या है ? हम भी तो जाने”,शिवम् ने मुस्कुराते हुए कहा”
काफी देर सोचने के बाद मुरारी ने धीरे से कहा,”एक भी नहीं है , मतबल कहे तो लड़कियों वाला कोई गुण नहीं है इसमें , इह दारू पीती है , गुस्सा करती है , गाली देती है , कभी कभी पिट भी देती है , सूट साड़ी में कभी नहीं देखे है इनको और शैतानिया तो पूछो मत !! अभी सोते हुए जितनी शांत दिख रही है ना उतनी शांत है नहीं……………..मुसीबत कभी इनके पास नहीं आती है बल्कि इह खुद मुसीबत के पास जाती है ! साफ लफ्जो में कहे तो अपने आप में ही बवाल है ये”
“बस कर मुरारी बहुत ज्यादा तारीफ कर दी तुमने , पर हमे यकीन है तुमरा प्यार बदल देगा इनको”,शिवम् ने निवाला खिलाते हुए कहा
“हां 20-25 सालो में हो सकता है इह बदल जाये”,मुरारी ने कहा तो शिवम् दबी सी हंसी हंसने लगा और कहा,”वैसे तुमको जैसी लड़की चाहिए थी इह वैसी ही है , एकदम बवाल नई”
मुरारी मुस्कुरा उठा और कहा,”हम्म्म इह बात तो है , पहले पहले बहुत गुस्सा चढ़ता था इनको देखकर और साला अब जब तक एक्को बार देख ना ले चैन ही नहीं पड़ता l
पहले जब इह कछु बोलती थी तो मन करता मुंह बंद कर दे इह का पर अब जब बोलती है तो बस सुनते जाए ऐसा मन करता है l अगर इह न भी बदले न तबै भी हम इह को इतना ही चाहेंगे !!”
“आज लग रहा है हमारे सामने मुरारी नहीं बल्कि कोई और बात कर रहा l वो मुरारी जो जरा सी बात पर हर किसी को कंटाप लगा देता था उह आज इस तरह की बाते कर रहा है”,शिवम् ने हैरानी से कहा
“अब सकल से गुंडे दीखते है तो का हुआ ? दिल तो हमारे पास भी है ना”,मुरारी ने कहा
“कोई गुंडे नहीं दिखते हो तुम , कभी आईने में देखना खुद को इस बार जो लौंडे का रंग निखर के आया है ना हम कह रहे है सब बल्ब ट्यूब लाइट फ़ैल है तुमरे आगे”,शिवम् ने कहा
“का भैया अब टाँग न खींचो तुम हमरी !”,मुरारी ने शरमाते हुए कहा
“अरे सच कह रहे है यकीन ना हो तो अपनी कहानी पढ़ने वालो से पूछ लो हमसे ज्यादा तुमको चाहने लगे है सारे , और लड़किया तो बस मर मिटी है तुम पर”,शिवम् ने कहा
“का सच्ची कह रहे हो ? पर हमको अब किसी में इंट्रेस्ट नहीं है हमरी अनु है हमरे पास वो का कहते है मेग्गी !”,कहकर मुरारी मुस्कुरा दिया ! शिवम् ने बाकि बचा खाना मुरारी को खिलाया पानी पिलाया और प्लेट उठाकर जाने लगा l जाते जाते रुका और पलटकर कहा,”अच्छा तो मुरारी , कछु गड़बड़ नहीं करना साली साहिबा है हमारी”
“हमरी सकल देखकर लगता है इस हालत में कछु ऐसा वैसा करेंगे हम !”,मुरारी ने कहा जिसकी शर्ट का एक हिस्सा अब अनु के हाथ में था l इतनी चहल पहल के बाद भी वह घोड़े बेचकर सो रही थी l शिवम् ने देखा और शरारत से कहा,”सीन देखकर तो लग रहा है की तुमरी ही इज्जत खतरे में है”
“इज्जत का अब तो दिल , जान , जिगर , कलेजा , फेफड़ा , किडनी सब ही खतरे में ही है , यह बवाल से जो प्यार कर बैठे है”,कहकर मुरारी ने साइड में पड़ी चददर अनु के ऊपर डाली और अपना सर बेंच से लगाकर आँखे मूंद ली l
शिवम् निचे चला आया और प्लेट रखकर गेस्ट रूम में चला गया पर नींद आँखों से कोसो दूर थी l ख़ुशी इतनी ज्यादा थी की नींद किसे आती ? मेहुल और अमित सो चुके थे शिवम् ने घडी देखी रात के ढाई बज रहे थे l सारिका से बात करना चाहता था लेकिन इस वक्त उस फोन करना सही रहेगा या नहीं यही सोच रहा था की शिवम् का फोन बजने लगा l
शिवम् ने फोन देखा तो हैरानी हुई फोन सारिका का ही था शिवम् ने फोन उठाया तो दूसरी तरफ से आवाज आई,”जल्दी से मेन गेट के बाहर आइये !”
शिवम् कुछ कहता इस से पहले ही फोन कट गया l सारिका ने इस वक्त उसे घर से बाहर क्यों बुलाया है सोचकर शिवम् परेशान हो गया l वह धीरे से छुपकर बाहर आया दरवाजे पर आया तो सारिका ने उसका हाथ पकड़कर साइड में खींचते हुए कहा,”किसी ने देखा तो नहीं !”
“नहीं पर आप इस वक्त यहां ?”,शिवम अब भी असमझ की स्तिथि में था !
“बताते है आईये !”,कहकर सारिका शिवम् का हाथ पकड़कर पास वाली गली में लेकर गयी जहा एक बाइक खड़ी थी l उसने चाबी शिवम् की और बढाकर कहा,”ड्राइव पर चले !” सारिका ने इतने प्यार से पूछा की शिवम् उसे ना नहीं कह पाया उसने बाइक स्टार्ट की और सारिका को बैठने का इशारा किया l सारिका शिवम के पीछे आ बैठी l शिवम् ने बाइक रास्ते पर बढ़ा दी l रात का तीसरा पहर , सुनसान सड़के और दो धड़कते दिलो के साथ खामोश लोग l
सारिका और शिवम् दोनों ही चुप थे क्या कहे क्या ना कहे ? कुछ समझ नहीं आ रहा था l हवा के ठंडे थपेड़ो को सारिका आँखे बंद किये हुए महसूस कर रही थी उसका एक हाथ शिवम् के कंधे पर तो दुसरा हाथ उसकी कमर से लिपटा हुआ था l शिवम् उस अहसास को अंदर तक महसूस कर रहा था पर खामोश था l सारिका के साथ ये उसका पहला सफर था जब उसके मन में कोई उलझन नहीं थी l शिवम् मुस्कुराते हुए बाइक चलाता रहा l एक नहर किनारे जाकर उसने बाइक रोक दी l सारिका बाइक से उतरी और शिवम् के साथ आकर नहर किनारे बैठ गयी l
नहर का पानी चाँद की रौशनी से सराबोर था , शांत इतना की शिवम् और सारिका की झलक पानी में साफ साफ दिखाई दे रही थी l मन में उथल पुथल मची हुई थी सारिका ने देखा और उसने सामने देखते हुए अपना हाथ शिवम् के हाथ पर रख दिया और कहा,”पूछ लीजिये जो पूछना है !”
“आपको कैसे पता हम आपसे कुछ पूछना चाहते है ?”,शिवम् ने हैरानी से कहा
“जब आप उलझन में होते है तो आपकी पलके बहुत झपकती है”,सारिका ने सहजता से कहा
“सारिका वो………!!”
“सरु , आप हमे सरु कहकर बुला सकते है”,सारिका ने कहा
“सरु ! हम जानना चाहते है क्या ये हकीकत है ! आपका और हमारा मिलना”,शिवम् ने सारिका की आँखों में देखते हुए कहा
“क्या आपको अब भी यकिन नहीं है की हम साथ है ? या फिर से आप एक आप एक और बनवास चाहते है”,सारिका ने बेचैनी से कहा l शिवम् ने सारिका के मुंह पर हाथ रखा और कहा,”श्श्श्श फिर से ये लफ्ज अपने मुंह से मत कहियेगा l आप जानती है यहाँ तक आते आते ना जाने कितनी बार टूटा है ये दिल l”
सारिका ने शिवम् के हाथ को अपने दोनों नाजुक हाथो में लिया और कहने लगी,”ये सब हकीकत है शिवम् , हम वादा करते है आज के बाद आपका दिल कभी नहीं टूटेगा l हम हमेशा आपके साथ रहेंगे यु ही , अब हमारी जिंदगी में कोई बनवास नहीं होगा l भले हम दूर थे पर दिल से हमेशा एक दूसरे के पास रहे है और यही हमारी मोहब्बत की सबसे खूबसूरत बात है l बीते सालो का दर्द भूलकर हमारे आने वाली नयी जिंदगी के बारे में सोचिये ! सब अच्छा होगा”
शिवम् ने सारिका के हाथ पर अपने होंठ रख दिए और कहा,”आप साथ रहेंगी तो और कुछ नहीं चाहिए !”
सारिका ने कहा,”अच्छा ये बताईये आपकी आई बाबा से बात हुई ? मुंबई कब आ रहे है वो लोग ? उन्हें हमारी सगाई के बारे में बताया ?”
“आपको लगता है मुरारी के पेट में ये बात टिकेगी , अब तक तो उसने पूरे बनारस को बता दिया होगा l रात बहुत हो गयी थी इसलिए उनसे बात नहीं हो पाई l कल सुबह बात करेंगे”,शिवम् ने कहा
“उनसे जल्दी आने का कह दीजिये ताकि शादी जल्द से जल्द हो जाये”,सारिका ने बेचैनी से कहा l
“इतनी जल्दी शादी ? अभी कल ही सगाई हुई है सरु और बाकि लवर्स की तरह हम भी आपके साथ वक्त बिताना चाहते है , घूमना चाहते है , एक ही नारियल पानी साथ में पीना चाहते है , साथ में बैठकर थियेटर में फिल्म देखनी है l बहुत कुछ करना है अभी तो”,शिवम् ने कहा
सारिका ने दोनों हाथो से शिवम् की बांह थाम ली और अपना सर उसके कंधे पर टीकाकर उदासी से कहा,”शिवम् हम भी ये सब करना चाहते है पर आपको इतनी बार खो चुके है की डर लगता है ! एक बार शादी हो जाये उसके बाद जैसा आप रखेंगे हम तैयार है !” कहते हुए सारिका की आँखे नम हो गयी l शिवम् ने सारिका के बालो को सहलाते हुए कहा,”ठीक है जैसा आप चाहेंगी वैसा ही होगा l” सारिका शिवम् के कंधे पर सर रखे झील के पानी को निहारती रही हवा से उड़कर उसके बाल गालो पर आते और शिवम् उतनी ही सहजता से सारिका के बालो को सहेज देता l
वो पल इतना खूबसूरत था की दोनों ही सब भूलकर एक दूसरे के साथ को महसूस करते हुए बैठे थे l सारिका बीते वक्त की बाते शिवम् को बताती गयी और शिवम् उसके हाथ को थामे सुनता रहा l जब सब बाते ख़त्म हो गयी तो सिर्फ उनकी सांसो की सुगबुगाहट सुनाई दे रही थी l कुछ देर बाद सारिका ने कहा,”आप जानते है हम आपको खड़ूस क्यों बुलाते है ?”
सारिका की बात सुनकर शिवम् ने ना में गर्दन हिला दी तो सारिका ने सामने देखकर मुस्कुराते हुए कहा,”क्योकि आप बिल्कुल रोमांटिक नहीं है , आप इतनी सीरियस शक्ल बनाकर रखते है की कोई लड़की आपके पास आने से पहले ही डर जाएँगी”
“पर आप तो नहीं डरती , बल्कि इतनी रात को भी हमारे साथ अकेले चली आयी l”,शिवम् ने सारिका की तरफ देखकर कहा
“हां क्योकि हमें पता था आप कुछ नहीं करेंगे”,कहकर सारिका हसने लगी l
शिवम् ने मन ही मन खुद से कहा,”साला ये तो बेइज्जती हो गयी l” शिवम् ने सारिका को पकड़कर अपनी और खींचकर अपनी आँखों के सामने कर लिया बिल्कुल अपने पास l शिवम् की सांसे सारिका महसूस कर रही थी पर अचानक ये सब देखकर उसे पसीने आने लगे l शिवम् लगातार उसकी आँखों में देखकर सारिका की बेचैनी बढ़ा रहा था l सारिका का दिल तेजी से धड़क रहा था l सारिका की हालत देखकर शिवम् की हंसी निकल गयी उसने सारिका को छोड़ दिया और हसने लगा शिवम् को हँसता देखकर सारिका झेंप गयी l
शिवम् ने सारिका के माथे पर आयी पसीने की बुँदे अपनी ऊँगली से पोछकर कहा,”हमारी एक नजर से आपका ये हाल है ! और कहती है हम रोमांटिक नहीं है”
सारिका शिवम् की इस शरारत पर गुस्सा होकर दूसरी तरफ देखने लगी l शिवम् ने देखा तो अपने कान पकड़कर सॉरी कहने लगा लेकिन सारिका नहीं मानी , आज ही तो उसे मौका मिला था शिवम् से नाराज होने का अब तो वह बस देखना चाहती थी की उसका खड़ूस उसे कैसे मनाता है ? शिवम् ने कोशिश की पर सारिका को नहीं मना पाया और आखिर में कहा,”अच्छा आप ही बता दीजिये कैसे मानेगी ?”
“आपको हमे गाना सुनाना होगा”,सारिका ने शिवम् की तरफ देखकर कहा l
“गाना ? हमारी आवाज बहुत ख़राब है ! कुछ और बताईये”,शिवम् ने कहा
“नहीं आपको गाना ही पडेगा वरना हम नहीं मानेंगे”,सारिका ने कहकर मुंह दूसरी तरफ घुमा लिया और मन ही मन शिवम् की हालत पर खुश हो रही थी l
“ठीक है”,शिवम् ने कहा और गाने लगा
“जिंदगी लूटा दू इक बार मुस्कुरा दे
कुछ नहीं मेरा सबकुछ , तेरी एक हंसी के आगे
आँखों की ये नमी , तेरे गम ये सभी
आजा दे दे मुझे मेरी जान
आ करीब आ , आ करीब आ”
सारिका ने सूना तो ख़ुशी से पलटकर शिवम् के गले लग गयी और कहा,”आप बहुत अच्छा गाते है ! क्या आप हमेशा हमे कुछ सुनाएंगे !”
“हमेशा , मतलब आप हमेशा हमसे रुठेंगी !”,शिवम् ने कहा
“नहीं पर आपकी आवाज अपने कानो में हमेशा महसूस करना चाहते है , आप गाएंगे ना हमारे लिए”,सारिका ने बड़े प्यार से कहा l शिवम् ने सारिका का चेहरा अपने हाथो में थाम लिया और कहा,”हम्म्म्म !”
सारिका ने एक बार फिर अपना सर शिवम् के सीने से लगा लिया l सुबह के 5 बजे तक दोनों वही बैठे रहे और फिर शिवम् ने घडी देखते हुए कहा,”सरु अब हमे चलना चाहिए !” सारिका उठी और दोनों घर आ गए l
घर आकर सारिका और शिवम् ने सबके साथ मिलकर अपने अपने बैग पैक किये और मुंबई के लिए रवाना हो गए l अमित अपनी फॅमिली के साथ दिल्ली के लिए निकल गया
अधिराज जी , अम्बिका , मीना और अनु एक गाड़ी में रवाना हुए ! सारिका , शिवम् , मेहुल रश्मि और मुरारी एक गाड़ी में l बेचारा मुरारी अनु के साथ आना चाहता था पर उसकी फूटी किस्मत l
खैर रात को ठीक से न सो पाने की वजह से मुरारी सबसे पीछे वाली सीट पर लेट गया l बाकि सब बातें करते हुए सफर का मजा ले रहे थे l दूसरी गाड़ी में अनु उदास सा चेहरा लिए बैठी थी l देर रात तक सारे मुंबई वाले घर में पहुंचे l खाना सबने बाहर खा लिया था , मेहुल और रश्मि अपने अपने घर चले गए , सफर की थकान की वजह से सभी सोने चले गए l सुबह सुबह जब मुरारी का फोन बजा तो उसने फोन उठाया और कहा ,”हैलो , इतनी सुबह सुबह कौन है ?”
“हम बोल रहे है तुमरी अम्मा ! हमे बनारस से यहाँ बुलाय के खुद आराम से सोय रहे हो , कितनी गर्मी है हिया जल्दी से आके मरो यहाँ”,दूसरी तरफ से आई ने गुस्से से कहा l आई की आवाज सुनकर मुरारी की नींद एक झटके में खुल गयी l उसने आँखे मसलते हुए कहा,”उधर ही रुको हम आते है”
मुरारी ने देखा शिवम् सो रहा है उसने उसे उठाना जरुरी नहीं समझा l बाहर आया तो देखा काका पोधो में पानी दे रहे है l
मुरारी ने उनसे गाड़ी की चाबी मांगी और गाड़ी बाहर निकाली तभी अनु आई और कहा,”इतनी सुबह सुबह कहा जा रहे हो ?” l “स्टेशन किसी काम से , तुमको कछु काम है ?”,मुरारी ने कहा
“हां बहुत जरुरी सामान लेना है , रास्ते में ही मिलेगा l “,अनु ने गाड़ी का दरवाजा खोलकर अंदर बैठते हुये कहा l मुरारी ने अनु की तरफ देखकर कहा,”कपडे तो पहन लो” l अनु ने खुद को देखा और कहा,”तो क्या ये कपडे नही है , चलो कोनसा तुम्हारी शादी में जाना है”
“तुमरे बिना शादी भी कहा होगी हमरी”,मुरारी ने बड़बड़ाते हुए कहा l
“क्या ?”,अनु ने चौंककर कहा l मुरारी ने गाड़ी आगे बढ़ाते हुए कहा,”कुछ नहीं !” मुरारी सामने देखते हुए गाड़ी चला रहा था पर बेचारा क्या करता है तो लड़का ही नजर बार बार अनु पर चली जाती l उसने देखा अनु ने कपड़ो के नाम पर छोटा सा शॉर्ट्स और उस पर एक ढीली सी टीशर्ट पहनी हुई थी जो बेचारी बार बार कंधे के एक तरफ से खिसक कर नीचे आ जाती l अनु बेपरवाह सी बैठी खिड़की से बाहर देख रही थी l
मुरारी का दिल बैठा जा रहा था ऐसे कपड़ो में अनु को देखकर आई बाबा क्या सोचेंगे ? मुरारी ने मन ही मन अनु को अंदर ना ले जाने का सोचा l गाड़ी स्टेशन के बाहर रोककर मुरारी ने अनु को वही बैठने को कहा और खुद अंदर चला आया l आई बाबा सामने ही खड़े थे मुरारी ने आकर बाबा के पैर छुए और जैसे ही आई की तरफ बढ़ा आई ने कहा,”अरे इह पैर वैर बाद में छूना पहले इह बताओ हमरा बेटा और बहु कहा है ?”
“वो दोनों घर पर है , इसलिए हम लेने चले आये l कैसा रहा सफर ?”,मुरारी ने पूछा
“बहुत अच्छा था भैया , हम तो पहली बार बनारस के बाहर आये है l अब तो पूरा मुंबई घूमकर जायेंगे ,, है ना आई”,राधिका ने ख़ुशी से चहकते हुए कहा l मुरारी वही खड़ा आई बाबा से बात करते हुए खड़ा रहा बाहर अनु जब इंतजार करते करते थक गयी तो उठकर अंदर चली आई l उसने दूर से मुरारी को आवाज लगाकर कहा,”मुरारी ! और कितना टाइम लगेगा”
अनु कि आवाज सुनकर मुरारी ने पीछे देखा , उसके साथ साथ आई , बाबा और राधिका की नजर भी उस पर पड़ी l आई ने अनु को देखा , उसका अल्हड़पन , उसके कपडे देखकर मुरारी से कहा,”इह कौन है ?”
“मैग्गी !!”,मुरारी के मुंह से निकला l
“खाने वाली मैग्गी ?”,आई ने सवाल किया पर मुरारी ने अनसुना कर दिया वो तो मन ही मन ईश्वर से प्रार्थना कर रहा था की अनु इस तरफ न आये पर अनु वो तो आंधी थी उसे कौन रोक सकता था ? टीशर्ट की वजह से उसका शॉर्ट्स भी छुप गया था l अनु को अपनी और आते देखकर राधिका ने धीरे से आई के कान में कहा,”शायद मुरारी भैया की दोस्त है , कितनी क्यूट है आई ?”
“इह तुमको कूट लग रही है , किसी भी तरह से इह लड़की लगती है तुमको ?”,आई ने घुड़कते हुए कहा राधिका चुपचाप खड़ी हो गयी l
अनु मुरारी के बगल में आकर खड़ी हो गयी बाबा तो बस अनु को ही देखे जा रहे थे l आई की नजर जब अनु की टीशर्ट पर गयी तो उन्हें निचे सिर्फ अनु के पांव नजर आये उन्होंने मुरारी को अपनी तरफ खींचकर फुसफुसाते हुए कहा,”इसका पेंट कहा है ? पहनना भूल गयी का ?”,
मुरारी पीछे हटा और अनु का टीशर्ट हल्का सा ऊपर किया निचे पहना शॉर्ट्स आई ने देखा तो सीधा अनु से कहा,”इतना छोटा पेंट , दरजी ने कपडा रख लिया का ?
“हम सामान गाड़ी में रखकर आते है !”,मुरारी ने आई के हाथ से बैग लेकर कहा ताकि वहा से जल्दी से निकल सके और कोई तमाशा नहीं हो l आई ने बाबा को देखा जो अभी भी अनु को देख रहे थे तो घुड़क कर कहा,”अरे का कबसे घूरे जा रहे हो ? तुमरी बेटी की उम्र की है !”
आई की बात सुनकर बाबा झेंप गए और सामान उठाकर मुरारी के पीछे हो लिए l आई अनु और राधिका वही खड़ी थी तो आई ने अनु से कहा,”इतना छोटा कपड़ा काहे पहनी हो ? सब तुमरी टांगो को देख रहे है !”
“आंटी ये फैशन है !”,अनु ने बेपरवाही से कहा
“पहली बार देखा है ऐसा फैसन , हमरे बनारस में तो कोई नहीं पहिनता इह सब !”,आई ने कहा
आई अनु से ज्यादा कुछ कह पाती इस से पहले ही मुरारी आया और राधिका के हाथ से बैग लेकर कहा,”आई चले ! अनु राधिका चलो ! अनु आगे निकल गयी मुरारी भी जाने लगा तो आई ने रोकते हुए कहा”ऐ मुरारी इह लड़की न हमको कछु ठीक ना लग रही है , तू ना दूर ही रहना इस से !! और इह के प्यार व्यार में बिल्कुल ऐ नहीं पड़ना l का समझे ?”
कहकर आई आगे बढ़ गयी मुरारी मुंह फाडे उन्हें जाते हुए देखता रहा तभी राधिका मुरारी के पास आयी और कहा,”फ्रेंड या लव ?
“पहले दोस्त थी अब प्यार भी हो गया है”,मुरारी ने बेचारगी से कहा
“हम्म्म्म फिर तो तुम गए काम से !”,कहकर राधिका भी आगे बढ़ गयी कुछ कदम चलकर रुकी और मुड़कर कहा
“पर भाभी है बहुते गजब !! “
मुरारी मुस्कुराया और राधिका के साथ स्टेशन से बाहर चला आया !!
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संजना किरोड़ीवाल
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